ईश्वर दुबे
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Bhilai
नई दिल्ली । टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली को आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा से खतरा है। राष्ट्रीय सुरक्षा जांच एजेंसी (एनआईए) ने कहा है कि विराट सहित कई हस्तियों पर आतंकी खतरे का साया है। इस बारे में एनआईए ने एक सूची सुरक्षा एजेंसियों को सौंपी है जिसमें देश की 12 बड़ी हस्तियों के नाम हैं, जिनकी जान को खतरा है। विराट का नाम इस सूची में होने से सभी हैरान हैं पहली बार किसी खिलाड़ी पर आतंकी हमले का खतरा दिख रहा है। एनआईए ने जो सूची सुरक्षा एंजेसियों को सौंपी है उसको देखते हुए बीसीसीआई भी विराट की सुरक्षा की समीक्षा करने जा रही है। दिल्ली में 3 नंवबर को भारत-बांग्लादेश के बीच टी-20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच होने वाला है। एनआईए की रिपोर्ट के बाद दिल्ली पुलिस भी इसके लिए अलर्ट हो गई है और विराट की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि विराट का नाम सूची में क्यों शामिल किया गया है। सूची में सबसे ऊपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम है। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हैं। साथ ही जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी आतंकियों के निशाने पर हैं।खास बात है कि सूची में जिनके भी नाम हैं वे ज्यादातर भाजपा या राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े लोग हैं।
दुबई: आईसीसी ने बांग्लादेश के टी-20 कप्तान शाकिब अल हसन पर दो साल का प्रतिबंध लगा दिया है. इनमें एक साल निलंबन का है. आईसीसी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि भ्रष्टाचार-रोधी संहिता के उल्लंघन के तीन आरोपों को स्वीकार करने के बाद शाकिब को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से दो साल के लिए बैन कर दिया गया है. शाकिब ने 2019 विश्वकप में सबसे ज्यादा रन बनाए थे.
एक यह मामला जनवरी 2018 में बांग्लादेश, जिम्बॉम्बे, और श्रीलंका के बीच हुई ट्राई सीरीज का है. एक बुकी ने मैच फिक्सिंग के लिए शाकिब से संपर्क साधा था, लेकिन शाकिब ने इसकी जानकारी आईसीसी को नहीं दी थी. दूसरा मामला आईपीएल 2018 से जुड़ा है जिसमें सनराइज हैदराबाद और किंग्स इलेवन पंजाब के मैच के दौरान शाकिब से एक बुकी ने संपर्क किया था.
आईसीसी बुकी की जानकारी छुपाने को लेकर शाकिब से नाराज था और उसने बीसीबी से कहा था कि वह शाकिब को अभ्यास से दूर रखे. आईसीसी ने इसके बाद जाकर शाकिब पर यह प्रतिबंध लगाया है. शाकिब को अब अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार करना होगा और इसके अलावा उन्हें आईसीसी की प्रतिबंध को भी मानना होगा. वह अब 29 अक्टूबर 2020 के बाद से फिर से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में खेल सकते हैं. दुनिया के नंबर एक हरफनमौला खिलाड़ी शाकिाब ने अपने ऊपर लगे प्रतिबंध को स्वीकार कर लिया है. आईसीसी ने शाकिब के हवाले से लिखा, "मुझे स्पष्ट रूप से बहुत दुख: है कि जिस खेल से मैं बहुत प्यार करता हूं, उस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. लेकिन मैं आईसीसी को इसके बारे में नहीं बताने के लिए मैं पूरी तरह से इस प्रतिबंध को स्वीकार करता हूं."
उन्होंने कहा, "आईसीसी की एसीयू भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह से खिलाड़ियों पर निर्भर है और मैंने इस संस्थान के प्रति अपना कर्तव्य नहीं निभाया." शाकिब ने आगे कहा, "दुनिया भर के अधिकांश खिलाड़ियों और प्रशंसकों की तरह मैं भी चाहता हूं कि क्रिकेट भ्रष्टाचार मुक्त खेल हो. मैं आईसीसी की एसीयू टीम के साथ काम करने के और इस बात के लिए उत्सुक हूं कि युवा खिलाड़ियों को यह सुनिश्चित कि वे यह गलती न करे."
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और तेज गेंदबाज रहे वसीम अकरम अब अभिनय की दुनिया में उतरने जा रहे हैं। अकरम ने एक कॉमेडी फिल्म साइन की है, जिसमें उनकी पत्नी शनाएरा भी उनके साथ नजर आएंगी। एक रिपोर्ट के अनुसार अकरम ने पाकिस्तान के हास्य कलाकार फैसल कुरैशी के निर्देशन में बनने वाली कॉमेडी फिल्म 'मनी बैक गारंटी' साइन की है। कुरैशी की भी बतौर निर्देशक यह पहली फिल्म है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इस फिल्म में मुख्य भूमिका अभिनेता फवाद खान निभा रहे हैं। फवाद 'खूबसूरत', 'कपूर एंड सन्स' जैसी बॉलिवुड फिल्मों में काम कर चुके हैं। फिल्म में वसीम अकरम के साथ उनकी पत्नी शनाएरा अकरम की छोटी भूमिकाएं होंगी। फैसल कुरैशी ने फिल्म की कहानी भी लिखी है और वही इसे प्रोड्यूस कर रहे हैं।
नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया ने दुनिया के कई महान और क्लासिक बल्लेबाज दिए हैं. इनमें सर डॉन ब्रैडमैन (Don Bradman) से लेकर स्टीव स्मिथ (Steve Smith) की लंबी चौड़ी लिस्ट है. इस लिस्ट में बाएं हाथ के बल्लेबाज मैथ्यू हेडन (Matthew Hayden) का नाम एक अलग ही मुकाम रहा है. हेडन को कभी भी क्लासिक बल्लेबाज नहीं माना गया. इस बेखौफ बल्लेबाज के नाम आज भी वह रिकॉर्ड जो सर डॉन ब्रैडमैन सहित किसी ऑस्ट्रेलियाई से बहुत आगे है. हेडन मंगलवार को 49 साल के हो रहे हैं.
लंबे समय तक की ऑस्ट्रेलिया की सलामी बल्लबाजी
ऑस्ट्रेलिया का यह खब्बू सलामी बल्लेबाज एक समय दुनिया भर के तेज गेंदबाजों के लिए कहर बन कर टूट पड़ता था. चौदह साल के क्रिकेट करियर के दौरान हेडन ने ऑस्ट्रेलिया के लिए सफलतापूर्वक सलामी बल्लेबाजी की. टेस्ट और वनडे क्रिकेट में माइकल स्लेटर, मार्क टेलर, जस्टिन लेंगर, एडम गिलक्रिस्ट, मार्क वॉ, फिल जैक्स के साथ ऑस्ट्रेलियाई पारी की शुरुआत की. इनमें लंबे समय तक उनके जोड़ीदार लेंगर रहे. हेडन-लेंगर की जोड़ी ने कई टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया को बेहतरीन शुरुआत देकर अपनी टीम की जीत की नींव रखीं.
शुरुआत का समय रहा संघर्षपूर्ण
हेडन ने अपने करियर का पहला टेस्ट मार्च 1994 में खेला, इसके बाद उन्हें तीन साल तक टीम से बाहर रहना पड़ा. उन्होंने कड़ी मेहनत की और तीन साल बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ 31 मार्च 2000 को हेमिल्टन टेस्ट से टीम में वापसी की. इसके बाद वे अपने प्रदर्शन के आधार पर कभी टीम से बाहर नहीं रहे. कुछ मौकों पर वे चोटिल होकर बैंच पर बैठे, लेकिन जल्द ही वापस भी आए. हेडन की मौजूदगी से सालों-साल ऑस्ट्रेलियाई टीम मैनेजेमेंट को सलामी बल्लेबाजी को लेकर अलग से कोई योजना नहीं बनानी पड़ी.
वह खास रिकॉर्ड जो आज भी है हेडन के नाम
हेडन की सबसे ज्यादा खास पारी 2003 में पर्थ टेस्ट में हेडन ने जिम्बॉब्वे के खिलाफ 380 रनों की है. यह उस समय टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में सबसे बड़ी पारी थी. यह रिकॉर्ड ज्यादा दिन तक हेडन के नाम नहीं रह सका. ब्रायन लारा ने एक बार फिर इसे अपने नाम कर लिया, लेकिन हेडन की इस पारी की खासियत यह थी कि उन्होंने ये 380 रन 90 की स्ट्राइक रेट से बनाए थे. लारा भले ही हेडन से आगे निकल गए हों, लेकिन अब तक कोई भी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी हेडन के इस रिकॉर्ड के आसपास भी नहीं आ सका है. डॉन ब्रैडमैन और मार्क टेलर के नाम ही 334 रन की पारी है.
शानदार रिकॉर्ड है हेडन का
हेडन ने 103 टेस्ट मैचों में 30 शतक और 29 अर्धशतक के साथ 50.73 की औसत से 8625 रन बनाए हैं वे ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले पांचवे टेस्ट बल्लेबाज हैं. वहीं 161 वनडे मे हेडन ने 78.96 के स्ट्राइक रेट और 43.80 के औसत से, दस शतक और 36 अर्द्धशतकों की मदद से कुल 6133 रन बनाए हैं और वे यहां ऑस्ट्रेलिया के छठे नंबर के बल्लेबाज हैं. अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के अंतिम दिनों में हेडन भले ही बेहतरीन फॉर्म में न रहे हो, लेकिन उसके बाद ही हेडन ने आईपीएल में अपनी धाक जमाई और 2009 के आईपीएल में उन्होंने ऑरेंज कैप भी हासिल की
मुंबई । भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के नये अध्यक्ष सौरभ गांगुली और सचिव जय शाह ने चयन समिति की बैठक के बाद कप्तान कप्तान विराट कोहली और रोहित शर्मा से मुलाकात की है। इस दौरान गांगुल ने इन दोनो से ही भारतीय क्रिकेट टीम की आगे की योजनाओं पर चर्चा की। माना जा रहा है कि इस दौरान पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के भी भविष्य पर बात की गयी। वहीं कोच रवि शास्त्री बैठक में शामिल नहीं थे। गांगुली अगले महीने बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट मैच के दौरान शास्त्री से बात करेंगे। बीसीसीआई सूत्रों ने कहा, ‘अध्यक्ष और सचिव कप्तान और उपकप्तान से मिलना चाहते थे। इस दौरान टीम की योजनाओं को लेकर कुछ चर्चा हुई। अध्यक्ष ने कुछ सुझाव दिए।’ शाह ने बोर्ड अध्यक्ष की मौजूदगी में बैठक बुलायी थी। बीसीसीआई ने इस बैठक की तस्वीर अपने ट्विटर हैंडल पर साझा की है। इस पर लिखा गया है, ‘सीनियर चयनसमिति की दोपहर बाद बैठक में सभी के चेहरों पर खिली मुस्कान। बैठक में बांग्लादेश के खिलाफ टी20 और टेस्ट टीम घोषित की गई।’
मुंबई । प्रतिष्ठित घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट देवधर ट्रॉफी के लिए टीमों की घोषणा कर दी गयी है। इसमें इंडिया ए के कप्तान हनुमा विहारी चुने गए हैं, जबकि इंडिया बी की कप्तानी विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल को मिली है। इंडिया सी की कमान युवा बल्लेबाज शुभमन गिल को मिली है। यह टूर्नामेंट रांची में 31 अक्टूबर से 4 नवंबर के बीच खेला जाएगा। भारत ए टीम में अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन, विकेटकीपर इशान किशन और जयदेव उनादकट जैसे खिलाड़ी शामिल हैं।
वहीं, इंडिया बी की टीम में ऑलराउंडर केदार जाधव और विजय शंकर को शामिल किया गया है। इस टीम की कप्तानी पार्थिव करेंगे। इंडिया सी में भारतीय क्रिकेट टीम के टेस्ट ओपनर मयंक अग्रवाल और सीनियर विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक को शामिल किया गया है। मयंक ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया था।
तीनों टीमें इस प्रकार हैं।
इंडिया ए : हनुमा विहारी (कप्तान), देवदत्त पड्डिकल, एआर ईश्वरन, विष्णु विनोद, अमनदीप खरे, अभिषेक रमन, इशान किशन, शाहबाज अहमद, रवि बिश्नोई, रविचंद्रन अश्विन, जयदेव उनादकट, संदीप वॉरियर, सिद्धार्थ कौल, भार्गव।
इंडिया बी : पार्थिव पटेल (कप्तान), प्रियांक पांचाल, यशस्वी जायसवाल, बाबा अपराजित, केदार जाधव, रितुराज गायकवाड़, शाहबाज नदीम, अनुकूल रॉय, के. गौतम, विजय शंकर, मोहम्मद सिराज, रुश कलारिया, पृथ्वीराज, नीतीश राणा।
इंडिया सी : शुभमन गिल (कप्तान), मयंक अग्रवाल, अनमोलप्रीत सिंह, सूर्यकुमार यादव, प्रियम गर्ग, दिनेश कार्तिक, अक्षर पटेल, मयंक मार्कंडेय, जलज सक्सेना, अवेश खान, धवल कुलकर्णी, इशान पोरेल, डीजी पठानिया, विराट सिंह।
लंदन । इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वान ने कहा है कि पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज मार्क बाउचर को दक्षिण अफ्रीकी टीम का मुख्य कोच बनाया जाना चाहिये। पिछले कुछ समय से दक्षिण अफ्रीकी टीम का प्रदर्शन लगातार नीचे जाता गया है। विश्व कप में भी उसका प्रदर्शन खराब रहा था। भारत के खिलाफ भी दक्षिण अपफ्रीकी टीम को टेस्ट सीरीज में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। टीम बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनो में ही विफल रही है। भारत के सामने उसके बल्लेबाज और गेंदबाज टिक नहीं पाये। वान ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड को पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ ओर आलराउंडर जाक कैलिस से भी सलाह लेनी चाहिये। वान ने ट्वीट किया, ‘‘दक्षिण अफ्रीकी टेस्ट टीम खेल के लिये वास्तव में यह चिंता का विषय है। खेल को एक बेहतर टीम चाहिए। यह समय है जबकि मार्क बाउचर टीम की जिम्मेदारी संभाले। इसके अलावा ग्रीम स्मिथ और जाक कैलिस का भी किसी तरह से उपयोग किया जाना चाहिए।’’ विश्व कप के बाद से ही अनुभवी खिलाड़ियों के खेल को अलविदा कह देने से भी टीम लड़खड़ा गयी है। अनभवी खिलाड़ियों की कमी युवा खिलाड़ी पूरी नहीं कर पाये हैं।
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने सोमवार को विराट कोहली को भारतीय क्रिकेट का सबसे अहम व्यक्ति करार दिया और कप्तान को सभी संभव समर्थन देने का वादा किया ताकि चीजें आसान हों, मुश्किल नहीं। बीसीसीआई अध्यक्ष पदभार संभालने के बाद गांगुली ने कहा कि वह गुरूवार को भारतीय कप्तान से बात करेंगे और आगे के बारे में चर्चा करेंगे। गांगुली ने कहा, ''मैं कल उससे बात करूंगा।
वह भारतीय टीम का कप्तान है और भारतीय क्रिकेट में सबसे अहम व्यक्ति है। मैं इसे इसी तरीके से देखता हूं। इसलिये हम उनसे बात करेंगे और जैसा कि मैंने कहा कि हम हर संभव तरीके से उनका समर्थन करेंगे, वह इस टीम को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम बनाना चाहते हैं। पिछले तीन से चार वर्षों में जिस तरीके से टीम खेल रही है, उस लिहाज से यह टीम काफी शानदार रही है। गांगुली ने कहा कि वह टीम प्रबंधन के साथ भी बातचीत करेंगे जिसमें मुख्य कोच रवि शास्त्री शामिल हैं। बीसीसीआई अध्यक्ष ने स्पष्ट कहा, ''यह पूर्ण चर्चा होगी और हर चीज के बारे में परस्पर चर्चा होगी लेकिन आश्वस्त रहिये, हम यहां चीजें आसान करने के लिये हैं, मुश्किल करने के लिये नहीं। हर चीज प्रदर्शन के आधार पर होगी।
उन्होंने कहा, ''प्रदर्शन सबसे अहम चीज है और हम भारतीय क्रिकेट के भविष्य पर फैसला करेंगे। विराट इस पूरे संदर्भ में सबसे अहम व्यक्ति है। हम उनका समर्थन करेंगे, हम उनकी बात सुनेंगे। मैं खुद भी कप्तान रह चुका हूं इसलिये मैं समझता हूं। आपसी सम्मान होगा, राय होंगी और चर्चायें भी होंगी तथा हम वही करेंगे जो खेल के लिये सर्वश्रेष्ठ होगा।
गांगुली ने फिर से आईसीसी प्रतियोगिताओं में भारत के प्रदर्शन की बात करते हुए कहा, ''हां, आप कह सकते हो कि उन्होंने विश्व कप (इंग्लैंड में) नहीं जीता लेकिन आप हर बार विश्व कप नहीं जीतते। हम उसका समर्थन करेंगे, वह जो भी चाहता है और हम सुनिश्चित करेंगे कि भारतीय क्रिकेट सुचारू रूप से आगे बढ़े। विश्व कप के बाद रोहित शर्मा के वनडे कप्तान बनाये जाने की अटकलबाजियां शुरू हो गयी थीं। गांगुली से जब अलग प्रारूपों में अलग कप्तान रखने की जरूरत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ''मुझे नहीं लगता कि यह सवाल उठता है। भारत इस समय जीत रहा है। भारतीय टीम संभवत: दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम है।दक्षिण अफ्रीका को मंगलवार को रांची में 3-0 से 'व्हाइटवाश करने के बाद कोहली ने दर्शकों की अच्छी संख्या सुनिश्चित करने के लिये टेस्ट स्थलों को पांच तक सीमित करने की बात कही थी। इस बारे में पूछने पर गांगुली ने कहा, ''टेस्ट स्थलों के लिहाज से, हमारे पास काफी राज्य हैं, काफी स्थल हैं इसलिये हमें उनके (कोहली के) साथ बैठना होगा और देखना होगा कि वह क्या चाहता है।
जहां तक टेस्ट मैचों के दौरान कम दर्शक आने का संबंध है तो गांगुली ने कहा कि इसके लिये प्रारूप में कुछ चीजें तालशने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ''ये ही दर्शक आईपीएल में आते हैं जिसमें स्टेडियम खचाखच भरे होते हैं। इसलिये यह स्टेडियम से कहीं ज्यादा की बात है। टेस्ट क्रिकेट में कुछ बदलाव की जरूरत है कि इसे कैसे लोकप्रिय बनाया जा सकता है। ईडन गार्डन्स 22 नवंबर को बांग्लादेश की मेजबानी करेगा और हम नहीं जानते कि उस टेस्ट मैच में क्या होगा।
गांगुली ने कहा, ''लेकिन अगर आप आईपीएल मैच देखो तो लोग इतने जुनूनी रहते हैं। यही स्टेडियम होता है, यही सुविधायें होती हैं। लोग काफी संख्या में इसे देखने आते हैं। इसका मतलब समस्या कहीं और है और साथ ही ढांचा भी होना चाहिए।
विराट कोहली की कप्तानी में 13 अक्तूबर को पुणे टेस्ट में टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका को एक पारी और 137 रनों से हराकर एक नया इतिहास रच दिया है। इसी जीत के साथ भारत ने एक ऐसा रिकॉर्ड भी बनाया है, जिसे आज तक टेस्ट क्रिकेट में कोई भी टीम हासिल नहीं कर पाई है। भारत घरेलू मैदानों पर 11 टेस्ट सीरीज जीतने का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम करने में सफल हुआ है जबकि इससे पहले यह रिकॉर्ड आस्ट्रेलिया के नाम दर्ज था, जो घरेलू मैदानों पर 10 मैचों में जीत हासिल कर चुका है। टेस्ट मैचों की इस श्रृंखला ने टीम इंडिया को एक ऐसा सलामी बल्लेबाज भी दिया है, जो इससे पहले एकदिवसीय मैचों तथा टी-20 में बतौर ओपनर धूम मचा चुका है। जी हां, हम बात कर रहे हैं बतौर ओपनर टेस्ट कैरियर की शुरूआत करने वाले टीम इंडिया के उपकप्तान रोहित शर्मा की, जिनका लगातार सात पारियों में बेहतरीन रन बनाने का सिलसिला 10 अक्तूबर के टेस्ट मैच की आठवीं पारी में भले ही टूट गया था लेकिन जिस प्रकार उन्होंने भारतीय सरजमीं पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शानदार बल्लेबाजी करते हुए पहले ही टेस्ट में बैक टू बैक शतक लगाकर एक नई उम्मीद जगाई और टेस्ट की लगातार सात पारियों में प्रत्येक पारी में 50 या उससे ज्यादा रन बनाए, उसके चलते क्रिकेट प्रेमियों की उम्मीदें उनसे बहुत बढ़ गई हैं। उन्होंने साबित कर दिया है कि वे सिर्फ टी-20 या वनडे ही नहीं बल्कि टेस्ट क्रिकेट में भी सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाने की काबिलियत रखते हैं। इन सात पारियों में उन्होंने तीन शतक भी जड़े थे। इन पारियों में उनका स्कोर 82, 51, 102, 65, 50, 176 तथा 127 रहा। हालांकि दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में रोहित इस सिलसिले को बरकरार नहीं रख पाए। इस आठवीं पारी में वे सिर्फ 14 रन बनाकर पैवेलियन लौट गए लेकिन लगातार सात पारियों में तीन शतक और चार अर्द्धशतक जड़कर टेस्ट मैचों में भी सलामी बल्लेबाज के रूप में अपना दमखम दिखाते हुए रोहित ने बखूबी साबित कर दिया है कि वे इस दौर के बेहतरीन क्रिकेटरों में से एक हैं और उन्हें यूं ही ‘टीम इंडिया का हिटमैन’ नहीं कहा जाता है।
रोहित का भारत में टेस्ट क्रिकेट में औसत देखें तो यह भी कमाल का है। अब तक 11 टेस्ट मैचों की कुल 17 पारियों में वे 90.50 की औसत से 1086 रन बना चुके हैं। भारत में टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने पांच शतक लगाए हैं और उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 177 रनों का है, जो उन्होंने 2013 में अपने डेब्यू टेस्ट मैच के दौरान वेस्टइंडीज के खिलाफ जड़ा था। रोहित ने टेस्ट क्रिकेट में अभी तक जितने भी शतक लगाए हैं, सभी भारत में ही लगाए हैं। विदेशी धरती पर वे अभी तक एक भी टेस्ट शतक नहीं लगा सके हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विशाखापत्तनम में खेले गए पहले टेस्ट मैच की 244 गेंदों की पहली पारी में रोहित ने 23 चौकों और 6 छक्कों की मदद से 176 और दूसरी पारी में 10 चौकों और 7 छक्कों की मदद से 127 रन बनाए थे। इन दोनों पारियों में कुल 13 छक्के जड़ते हुए 303 रन बटोरकर उन्होंने कुछ पुराने रिकॉर्डों को भी ध्वस्त कर दिया। एक सलामी बल्लेबाज के रूप में रोहित ने आस्ट्रेलिया के केप्लर वेसल्स के 1982-83 में ब्रिसबेन में इंग्लैंड के खिलाफ दो पारियों में 208 रनों के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए अपने पहले ही टेस्ट मैच में तीन सौ से भी ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है। बतौर ओपनर रोहित अपने पहले ही टेस्ट की दोनों पारियों में शतक जड़ने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज भी बन गए हैं। पहली पारी में उन्होंने सात और दूसरी में छह छक्के जड़े और इस प्रकार एक टेस्ट में सर्वाधिक छक्के जड़ने का 23 वर्ष पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ डाला, जो पाकिस्तान के वसीम अकरम के नाम था। वसीम ने यह रिकॉर्ड 1996 में जिम्बाब्वे के खिलाफ एक टेस्ट मैच में 12 छक्के जड़कर बनाया था।
भारत में यह रिकॉर्ड पूर्व सलामी बल्लेबाज नवजोत सिंह सिद्धू के नाम दर्ज था, जो उन्होंने 1994 में श्रीलंका के खिलाफ एक पारी में आठ छक्के लगाते हुए बनाया था। सिद्धू को उस मैच में दूसरी पारी खेलने की जरूरत ही नहीं पड़ी। उन्होंने तब 124 रनों की पारी खेली थी, जिसके लिए उन्होंने 223 गेंदों पर 9 चौके और 8 छक्के लगाए थे और भारत ने वह मैच पारी और 119 रन से जीता था। रोहित ने सिद्धू का 25 साल पुराना यह रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। रोहित एक टेस्ट मैच की दोनों पारियों में स्टंप आउट रहने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज भी बन गए हैं। रोहित टेस्ट मैचों की दोनों पारियों में शतक बनाने वाले छठे भारतीय बल्लेबाज भी बने हैं। उनसे पहले यह कारनामा सुनील गावस्कर, राहुल द्रविड़, विजय हजारे, विराट कोहली तथा अजिंक्य रहाणे के नाम दर्ज था। सुनील गावस्कर ने तीन बार और राहुल द्रविड़ ने दो बार यह करिश्मा किया है।
भारतीय क्रिकेट टीम प्रबंधन ने कई प्रयोगों के पश्चात् एकदिवसीय मैचों तथा टी-20 के ओपनर बल्लेबाज रोहित शर्मा पर टेस्ट मैचों में भी ओपनिंग के लिए भरोसा जताया था और टेस्ट क्रिकेट के लिए सुखद संकेत यही है कि रोहित इस प्रयोग में खरे साबित हुए हैं। टेस्ट मैचों में भारत एक मजबूत सलामी जोड़ी की कमी से जूझ रहा था और लगने लगा है कि यह कमी रोहित तथा मयंक अग्रवाल की सलामी जोड़ी ने पूरी कर दी है। विशाखापत्तनम में दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों के छक्के छुड़ाते हुए टेस्ट की पहली पारी में रोहित और मयंक की सलामी जोड़ी ने 317 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी की थी। बतौर सलामी बल्लेबाज एक नए सलामी अवतार में सामने आए रोहित शर्मा अब वनडे, टी-20 तथा टेस्ट, क्रिकेट के इन तीनों ही प्रारूपों में धमाल मचा रहे हैं और इन सभी प्रारूपों के एक-एक मैचों में सर्वाधिक छक्के जड़ने वाले वे इकलौते बल्लेबाज बन गए हैं।
टेस्ट मैचों में रोहित के बेहतरीन प्रदर्शन से प्रभावित होकर ‘रावलपिंडी एक्सप्रेस’ के नाम से विख्यात पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर भी रोहित की जमकर तारीफ किए बिना नहीं रह सकेे। शोएब का कहना है कि उन्हें बांग्लादेश में 2013 में ही रोहित की असली क्षमता का अहसास हो गया था और तभी उन्होंने रोहित को कहा था कि वह अपने नाम के आगे ‘जी’ लगाकर अपना नाम ‘ग्रेट रोहित शर्मा’ कर लें क्योंकि भारत में उनसे बड़ा कोई दूूसरा बल्लेबाज नहीं है। शोएब कहते हैं कि रोहित जिस प्रकार क्रीज पर उतरते ही अपने स्वाभाविक खेल पर आ जाते हैं और गेंदबाजों की धुलाई शुरू कर देते हैं, उससे साफ है कि उन्हें यह समझ आ गया है कि उन्हें टेस्ट मैचों को भी वनडे की तरह खेलना है।
30 अप्रैल 1987 को महाराष्ट्र के नागपुर में जन्मे रोहित गुरूनाथ शर्मा ने कभी स्पिन गेंदबाजी से अपने क्रिकेट कैरियर की शुरूआत की थी और वे कब मध्यम क्रम बल्लेबाजी से टीम इंडिया के एक सफल और भरोसेमंद ओपनर और अब टेस्ट मैचों के सलामी बल्लेबाज बन गए, पता ही नहीं चला। वह एकदिवसीय क्रिकेट के इतिहास में सर्वाधिक दोहरे शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज हैं और क्रिकेट के इतिहास में पहले ऐसे बल्लेबाज भी हैं, जो वनडे क्रिकेट में तीन दोहरे शतक और अंतर्राष्ट्रीय 20-20 में चार शतक लगा चुके हैं। एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में एक मैच में सर्वाधिक 33 चौके लगाने वाले भी वह पहले खिलाड़ी हैं। इसके अलावा 2013 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ एक वनडे अंतर्राष्ट्रीय मैच में अपनी 209 रनों की पारी के दौरान सर्वाधिक 16 छक्के लगाने का रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम है। टी-20 अतंर्राष्ट्रीय मैच में भी वे सर्वाधिक छक्के लगाने वाले भारतीय खिलाड़ी हैं। 2017 में श्रीलंका के खिलाफ टी-20 में 118 रनों की शानदार शतकीय पारी के दौरान उन्होंने 10 छक्के जड़े थे। वनडे क्रिकेट में तीन दोहरे शतक लगा चुके रोहित आईपीएल के सफलतम खिलाड़ी भी माने जाते हैं।
अगर इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने की बात करें तो सर्वाधिक रन बनाने वाले पहले दो बल्लेबाज भारत के ही हैं, जो दुनिया के दूसरे बल्लेबाजों के मुकाबले लगातार बेहतर प्रदर्शन करते हुए न केवल रन बटोर रहे हैं बल्कि नए-नए रिकॉर्ड भी बना रहे हैं। सर्वाधिक रन बनाने के मामले में टीम इंडिया केे कप्तान विराट कोहली पहले स्थान पर हैं लेकिन रोहित भी उनसे ज्यादा पीछे नहीं हैं और वे जिस तरह की धमाकेदार पारियां खेल रहे हैं, ऐसे में अगर वे इस साल के अंत तक विराट से दो कदम आगे भी निकल जाएं तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। फिलहाल जहां विराट रन बनाने के मामले में रोहित से थोड़ा आगे हैं, वहीं रोहित शतक लगाने के मामले में विराट से आगे चल रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में रोहित इस वर्ष अब तक आठ शतक लगा चुके हैं। रोहित ने इसी साल विश्व कप के दौरान पांच शतक लगाए थे जबकि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट मैच की दोनों पारियों में हाल ही में लगातार दो शतक लगाए हैं। बहरहाल, टेस्ट मैचों में रोहित का सलामी अवतार देखते हुए क्रिकेट प्रेमियों को आस जगी है कि आने वाले दिनों में रोहित के बल्ले से रनों के अंबार के साथ नए-नए रिकॉर्ड भी निकलेंगे और भारत एकदिवसीय मैचों तथा टी-20 के बाद टेस्ट क्रिकेट में भी इतिहास रचेगा।
महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर, पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज रहे ब्रायन लारा एक बार फिर मैदान पर खेलते हुए नजर आयेंगे। यह तीनों ही खिलाड़ी अगले साल फरवरी में होने वाले रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज (सड़क सुरक्षा विश्व श्रृंखला) में भाग ले सकते हैं। इस सीरीज का लक्ष्य सड़क सुरक्षा का प्रचार-प्रसार करना है। इस सीरीज में इनके अलावा श्रीलंका के पूर्व बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान, दक्षिण अफ्रीका के जोंटी रोड्स, मुथैया मुरलीधरन, जैक कैलिस, ब्रेट ली के भी भाग लेने की संभावनाएं हैं। सड़क सुरक्षा विश्व सीरीज के पहले सत्र में टेस्ट खेलने वाले देश के पूर्व क्रिकेटर भी इसमें हिस्सा ले सकते हैं।
यह एक वार्षिक टी20 श्रृंखला होगी, जिसमें खिलाड़ी सड़क सुरक्षा का संदेश देंगे। महाराष्ट्र सरकार के सड़क परिवहन विभाग के साथ काम करने वाली संस्था, ‘शांत भारत सुरक्षित भारत’ लीग के शुरुआती संस्करण का फरवरी 2020 में आयोजन करेगी। 2013 में क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद सचिन तीसरी बार क्रिकेट खेलने के लिए मैदान पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। इससे पहले वह 2014 एमसीसी की ओर से विश्व एकादश के खिलाफ मैदान पर उतरे थे। वहीं 2015 में अमेरिका में उन्होंने तीन टी20 मैचों की प्रदर्शनी सीरीज खेली थी। इस विश्व सीरीज में करीब 110 पूर्व खिलाड़ियों के मैदान पर उतरने की संभावना है। अब प्रशंसक इस मैच का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे पूर्व क्रिकेटरों को एक बार फिर खेलते देख सकें।
बासेल। रोजर फेडरर सोमवार को जब बासेल में 10वें खिताब के लिए चुनौती पेश करेंगे तो अपने करियर का 1500वां मैच खेलकर नई उपलब्धि हासिल कर लेंगे। दुनिया के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी 38 साल के फेडरर करियर का 103वां खिताब जीतने के अभियान की शुरुआत जर्मनी के चलीफायर पीटर गोजोविक के खिलाफ करेंगे। बीस बार के ग्रैंडस्लैम विजेता फेडरर ने जर्मनी के खिलाड़ी को इससे पहले दो बार हराया है। पहली बार बाल ब्वाय के रूप में स्विट्जरलैंड के इस इंडोर टूर्नामेंट में उतरे फेडरर ने कहा, ''मुझे तैयारियों में तेजी लानी पड़ी क्योंकि मुझे सोमवार से शुरुआत करनी थी।ÓÓ उन्होंने कहा, ''मैं पहले ही शुक्रवार और शनिवार को बासेल में अभ्यास कर चुका हूं। उम्मीद करता हूं कि मैं अच्छी शुरुआत करूंगा और इंडोर सत्र मेरे लिए शानदार रहेगा।ÓÓ फेडरर पिछली 12 बार से इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंच रहे हैं।
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मैनचेस्टर । लिवरपूल का लगातार 17 मैचों से चला आ रहा जीत का सिलसिला आखिरकार ओल्ड ट्रैफर्ड में ड्रॉ के साथ रुका जब मैनचेस्टर यूनाइटेड ने इंग्लिश प्रीमियर लीग में उसके खिलाफ 1-1 से ड्रॉ खेला। यह मैनचेस्टर टीम की लिवरपूल के खिलाफ अपने घरेलू मैदान पर लगातार 7वीं जीत रही।
ओल गुनार की टीम (मैनचेस्टर यूनाइटेड) जब रविवार को इस मुकाबले में जीत से केवल 5 मिनट दूर थी, तब एडम ललाना ने लिवरपूल के लिए बराबरी का गोल दागा। इससे पहले मार्कस रैशफोर्ड ने 36वें मिनट में गोल से मैनचेस्टर टीम को बढ़त दिलाई।
लिवरपूल टीम फिलहाल पॉइंट्स टेबल में टॉप पर है और दूसरे नंबर पर मौजूद मैनचेस्टर सिटी (19 अंक) से उसकी बढ़त 6 अंकों की हो गई है। मैनचेस्टर यूनाइटेड का 9 मैचों में चौथा मुकाबला ड्रॉ रहा और टीम 10 अंकों के साथ 13वें नंबर पर है।
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रांची। ओपनर रोहित शर्मा (212 रन, 255 गेंद, 28 चौके और 6 छक्के) ने रांची में अपने टेस्ट करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाया। उन्होंने रांची में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन 249 गेंदों में दोहरा शतक पूरा किया। इस दौरान हिटमैन ने 28 चौके और 5 छक्के लगाए। यह पहला मौका है, जब रोहित ने टेस्ट में दोहरा शतक जड़ा है, जबकि तीसरी बार वह 150 से अधकि रन बनाने में कामयाब हुए हैं। इससे पहले उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 177 रन था, जो उन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट में वेस्ट इंडीज के खिलाफ कोलकाता में नवंबर, 2013 में बनाया था।
इससे पहले महज 39 रनों के टीम स्कोर पर 3 विकेट गिरने के बाद रोहित ने अजिंक्य रहाणे के साथ बेजोड़ बैटिंग शुरू की और 86वीं गेंद पर चौके के साथ हाफ सेंचुरी पूरी की, जबकि सेंचुरी के लिए उन्होंने 130 गेंदों का सामना किया था। उनका शतक पहले दिन ही बन गया था। तीसरे टेस्ट के पहले दिन का खेल खराब रोशनी की वजह से तय समय से पहले खत्म हुआ तो ओपनर रोहित (नाबाद 117 रन) और उपकप्तान अजिंक्य रहाणे (नाबाद 83 रन) क्रीज पर थे। इन्हीं दोनों बल्लेबाजों ने दूसरे दिन की शुरुआत की।
जहां रहाणे (115) ने 100वां रन 69वें ओवर की पहली गेंद पर एनरिक को सिंगल लेकर पूरा किया, जबकि रोहित ने 199वीं गेंद पर सिंगल लेकर 150 रन पूरे किए। रोहित को टेस्ट करियर का पहला दोहरा शतक बनाने के लिए 249 गेंदें लगीं। यह करिश्माई रन उन्होंने 88वें ओवर की पहली गेंद पर लुगी एंगिडी को सिक्स लगाकर लिया। रेकॉर्ड के तौर पर देखा जाए तो रोहित पहले भारतीय टेस्ट ओपनर हैं, जिन्होंने किसी टेस्ट सीरीज में दो बार 150 या उससे अधिक रन का स्कोर किया है। ऐसा करने वाले वह साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले बल्लेबाज हैं।
इसी ओवर में उन्होंने लुंगी को एक और सिक्स लगाया, लेकिन अगले ही ओवर में राबाडा को उसी अंदाज में सिक्स लगाने के चक्कर में सीमारेखा के पास लुंगी एंगिडी के हाथों लपक लिए गए। उन्होंने 255 गेंदों में 28 चौके और 6 छक्के की मदद से 212 रन बनाए। उनके और जडेजा के बीच 5वें विकेट के लिए 64 रनों की साझेदारी हुई।
उल्लेखनीय है कि रोहित शर्मा साउथ अफ्रीका के खिलाफ इस सीरीज में पहली बार भारत के लिए टेस्ट में ओपनिंग करने उतरे थे। उन्होंने पहले टेस्ट (जो विशाखापत्तनम में खेला गया था) की पहली पारी में 176 रन की पारी खेली, जबकि दूसरी पारी में 127 रन बनाए। रांची में लगाया गया शतक रोहित के टेस्ट करियर की छठी सेंचुरी है। उन्होंने शतक के लिए 130 गेंदों का सामना किया, जबकि 13 चौके और 4 छक्के लगाए। रोहित ने 100वां रन सिक्स से पूरा किया, जो डेन पीट की गेंद (44.4 ओवर) पर लगाया गया था।
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जोहोर बाहरू । भारत की जूनियर पुरुष हॉकी टीम को शनिवार को यहां 9वें सुल्तान ऑफ जोहोर कप के फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ 1-2 से हार का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम ने शुरुआत से ही आक्रामक रुख अपनाया और तेज खेल दिखाते हुए ग्रेट ब्रिटेन को बैकफुट पर रखा। भारतीय टीम की फिनिशिंग हालांकि काफी खराब रही जिससे टीम को गोल करने के लिए जूझना पड़ा।
भारत के लिए पहला मौका मनिंदर सिंह ने बनाया जिन्होंने अकेले दम पर विरोधी टीम के तीन खिलाडिय़ों को छकाया लेकिन उनका शॉट क्रॉसबार के ऊपर से निकल गया। ग्रेट ब्रिटेन के गोलकीपर जेम्स मजारेलो ने इसके बाद सुदीप के प्रयास को भी नाकाम किया और फिर भारत को तीन पेनल्टी कॉर्नर पर गोल करने से रोका।
दूसरे च्ॉर्टर में ब्रिटेन के गोलकीपर ओलिवर पेन को उतारा जिन्होंने दिलप्रीत सिंह के शानदार शाट को विफल करने के बाद गुरसाहिबजीत के प्रयास को भी नाकाम किया। हाफ टाइम तक दोनों टीमें गोल रहित बराबरी पर थीं।
तीसरे च्ॉर्टर में भी यही स्थिति दोहराई गई। भारत को पांचवां पेनल्टी कॉर्नर मिला और इस बार मजारेलो ने प्रदीप लाकड़ा की ड्रैग फ्लिक को रोका। कुछ मिनटों बाद मनिंदर की बदौलत भारत को गोल करने का सुनहरा मौका मिला लेकिन शिलानंद लाकड़ा के का शॉट सीधा मजारेलो के पास पहुंचा जिन्होंने इसे आसानी से रोक दिया।
चौथे च्ॉर्टर में भारत ने और तेजी दिखाई। टीम को 49वें मिनट में सातवां पेनल्टी कॉर्नर मिला। भारत ने इस बार वैरिएशन अपनाया और मनदीप की ड्रैग फ्लिक को गुरसाहिबजीत ने गोल का रास्ता दिखाया। इसके एक मिनट के भीतर ब्रिटेन को पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला। संजय ने शुरुआत प्रयास को नाकाम किया लेकिन रिबाउंड पर स्टुअर्ट रशमोर ने गोल करके टीम को बराबरी दिला दी। रशमोर ने इसके बाद रिबाउंड पर एक और गोल दागकर ग्रेट ब्रिटेन को खिताब दिला दिया।
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