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नई दिल्ली । मयंक अग्रवाल की टेस्ट मैचों में आक्रामक बल्लेबाजी से उनके लिए वनडे और टी-20 की टीम में चयन के दरवाजे खुल सकते हैं और यह सलामी बल्लेबाज वेस्टइंडीज के खिलाफ अगले महीने होने वाली सीरीज के लिए टीम में जगह बना सकता है। क्रिकेट पंडितों का मानना है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज में अगर उप-कप्तान रोहित शर्मा को अगले साल के शुरू में होने वाले न्यूजीलैंड दौरे से पहले आराम दिया जाता है तो फिर अग्रवाल अच्छे विकल्प हो सकते हैं। रोहित पिछले कुछ समय से लगातार खेल रहे हैं और उन्हें वेस्टइंडीज में खेले गए दो टेस्ट मैचों में मौका नहीं मिला था, लेकिन वह टीम में शामिल थे। भारतीय उप-कप्तान न्यूजीलैंड दौरे के लिए तीनों फॉर्मेट में टीम के अहम हिस्सा होंगे। इस दौरे में भारत को पांच टी20 अंतरराष्ट्रीय, तीन वनडे और दो टेस्ट मैच खेलने हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे और टी-20 सीरीज के लिए अग्रवाल एक विकल्प हो सकते हैं, जिन्होंने लिस्ट ए में अब तक 50 से अधिक औसत और 100 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं तथा 13 शतक ठोके हैं। शिखर धवन की लंबे समय से चली आ रही खराब फॉर्म तथा केएल राहुल के अलावा एक अन्य विकल्प तैयार रखने की जरूरत से भी अग्रवाल के पक्ष में मामला बन सकता है।

भारत ने इंदौर में पहला टेस्ट मैच पारी और 130 रनों से जीतकर सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है और सबकी नजरें दूसरे टेस्ट मैच पर लगी हुई है जिसमें भारत पहली बार दिन-रात टेस्ट मैच खेलने जा रहा है. भारत ने भी अब तक डे-नाइट टेस्ट नहीं खेला है. यह भारत का पहला डे-नाइट टेस्ट मैच होगा. साथ ही यह भारत में खेला जाने वाला पहला डे-नाइट टेस्ट होगा.
भारतीय टीम जमकर गुलाबी गेंद से प्रैक्टिस कर रही है. गुलाबी गेंद से खेलने वाले बल्लेबाजों के मुताबिक शाम के समय स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण होती है. चेतेश्वर पुजारा सहित दलीप ट्रॉफी में गुलाबी गेंद से खेलने वाले कई खिलाड़ियों ने कहा है कि शाम के समय गुलाबी गेंद को देखना मुश्किल होता है, क्योंकि आकाश के लाल रंग के कारण गेंद नारंगी रंग की तरह दिखने लगती है.
इन खिलाड़ियों को गुलाबी गेंद से खेलने का अनुभव
टीम इंडिया के अधिकतर क्रिकेटर अपने करियर में पहली बार गुलाबी गेंद से खेलेंगे, हालांकि चेतेश्वर पुजारा, ऋद्धिमान साहा, मोहम्मद शमी, मयंक अग्रवाल, हनुमा विहारी और कुलदीप यादव जैसे खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में गुलाबी गेंद से खेलने का अनुभव है. गुलाबी गेंद से खेलने को लेकर पुजारा ने कहा था कि दिन के समय रोशनी की दिक्कत नहीं होगी, लेकिन सूर्यास्त के समय और दूधिया रोशनी में यह मसला हो सकता है. सूर्यास्त के समय का सत्र बेहद अहम होगा.
पुजारा ने कहा था, ‘मेरा बल्लेबाज के तौर पर निजी अनुभव तो अच्छा रहा था, लेकिन मैंने जब वहां पर अन्य खिलाड़ियों से बात की तो उनका कहना था कि लेग स्पिनर को खेलना विशेषकर उनकी गुगली को समझना मुश्किल था.’ दोनों टीमें 19 नवंबर को कोलकाता रवाना होंगी. उल्लेखनीय है कि यह भारतीय टीम का पहला डे-नाइट टेस्ट होगा. अधिकतर भारतीय खिलाड़ी को पिंक बॉल, जो डे-नाइट टेस्ट में उपयोग होती है, से खेलने का अनुभव नहीं है.
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने बीसीसीआई अध्यक्ष पद संभालने के बाद डे-नाइट टेस्ट खेलने को लेकर कप्तान विराट कोहली को मना लिया था. इसके बाद गेंद बीसीबी के पाले में गई थी. बीसीबी ने भी बीसीसीआई के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था.
गांगुली ने हमेशा से पिंक बॉल क्रिकेट की वकालत की है. वह 2016-17 में जब तकनीकी समिति के सदस्य थे, तब उन्होंने घरेलू क्रिकेट में भी पिंक बॉल के उपयोग की सिफारिश की थी. गांगुली ने उसी समय दिन-रात के मैच की वकालत की थी. गांगुली का मत है कि दिन-रात के टेस्ट मैच से टेस्ट क्रिकेट को अधिक से अधिक दर्शक मिल सकेंगे.
डे-नाइट टेस्ट के लिए तैयार है ईडन गार्डन्स
कोलकाता के ईडन गार्डन्स स्टेडियम के क्यूरेटर सुजन मुखर्जी का मानना है कि यह मैदान भारत और बांग्लादेश के बीच पहले डे-नाइट टेस्ट मैच के लिए पूरी तरह से तैयार है. मुखर्जी को विश्वास है कि इस मैदान में दोनों टीमों के बीच एक अच्छा मैच होगा और दर्शकों को एक अच्छी क्रिकेट देखने को मिलेगी.
मुखर्जी ने कहा, 'पिछले सप्ताह हुई बारिश ने कुछ हद तक इसे खराब किया था. लेकिन शुक्र है कि हमारे पास अभी भी पर्याप्त समय था और अब चीजें (मौसम) सामान्य हैं. पिच अच्छी स्थिति में है. यह तैयार है और पिछले कुछ वर्षों से ऐसा ही है. ईडन गार्डन्स क्रिकेट को एक अच्छा पिच मुहैया कराएगा और मैं इसके लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूंगा.'
किसने कितने खेले डे-नाइट टेस्ट मैच
इंटरनेशनल क्रिकेट में अब तक कुल 11 डे-नाइट टेस्ट मैच खेले जा चुके हैं. सबसे ज्यादा डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम है. ऑस्ट्रेलिया ने कुल 5 डे-नाइट टेस्ट मैच खेले हैं, वहीं पाकिस्तान, वेस्टइंडीज, श्रीलंका और इंग्लैंड ने तीन-तीन डे-नाइट टेस्ट मैच खेले हैं. इसके अलावा न्यूजीलैंड-साउथ अफ्रीका ने 2-2 और जिम्बाब्वे ने 1 डे-नाइट टेस्ट मैच खेला है.
डे-नाइट टेस्ट मैच रिकॉर्ड
कुल खेले गए डे-नाइट टेस्ट मैच: 11
- पहला डे-नाइट टेस्ट मैच: ऑस्ट्रेलिया बनाम न्यूजीलैंड - एडिलेड 27-29 नवंबर 2015 (न्यूजीलैंड की तीन विकेट से हार)
- ऑस्ट्रेलिया (5 डे-नाइट टेस्ट मैच), पाकिस्तान/वेस्टइंडीज/श्रीलंका/इंग्लैंड (3-3 डे-नाइट टेस्ट मैच), न्यूजीलैंड/साउथ अफ्रीका (2-2 डे-नाइट टेस्ट मैच), जिम्बाब्वे (1 डे-नाइट टेस्ट मैच)
- ऑस्ट्रेलिया में खेले गए डे-नाइट टेस्ट मैच (5), यूएई में खेले गए डे-नाइट टेस्ट मैच (2), वेस्टइंडीज/न्यूजीलैंड/साउथ अफ्रीका/इंग्लैंड में खेले गए डे-नाइट टेस्ट मैच (1)
- भारत, बांग्लादेश, आयरलैंड और अफगानिस्तान ने अभी तक नहीं खेला डे-नाइट टेस्ट मैच

इंदौर: होल्कर स्टेडियम में भारत और बांग्लादेश (India vs Bangladesh) के बीच हुए पहले टेस्ट में टीम इंडिया ने बड़ी जीत दर्ज की. इस मैच में टीम इंडिया ने बांग्लादेश को एक पारी और 130 रन से हराया और वह भी इसमें केवल तीन दिन के खेल का समय लिया. मैच के बाद टीम इंडिया के प्रदर्शन की तारीफ हो रही है. इसमें टीम इंडिया के बैटिंग कोच विक्रम राठौर (Vikram Rathour) भी शामिल रहे. राठौर ने कहा कि इस मैच में बांग्लादेश ने एक बड़ी गलती कर दी. 

यह उम्मीद नहीं थी
राठौर ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि मैच तीन खत्म हो जाएगी. उन्होंने साथ ही कहा कि टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करना बांग्लादेश के काम नहीं आया. भारत ने यहां होल्कर स्टेडियम में खेले गए पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन शनिवार को ही बांग्लादेश को एक पारी और 130 रनों से हरा दिया.

क्या कहा राठौर ने
राठौर ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हमारी गेंदबाजी अच्छी रही. मुझे लगता है कि पहले बल्लेबाजी करना उनके (बांग्लादेश) के पक्ष में नहीं रहा. इसलिए यह तीन दिन में खत्म हो गया. वास्तव में हमें इसकी उम्मीद नहीं थी."

मयंक की तारीफ 
इस मैच में मयंक अग्रवाल ने 243 रन की शानदार पारी खेली. मयंक की तारीफ करते हुए भारतीय बल्लेबाजी कोच ने कहा, "मयंक काफी घरेलू क्रिकेट खेलने के बाद टीम से जुड़े हैं और वह कड़ी मेहनत कर रहे हैं, जककि दिखाता है कि बल्लेबाजी के कितने भूखे हैं. वह टीम में अपनी जगह बनाए रखना चाहते हैं. अगर वह ऐसे ही बल्लेबाजी करते रहे तो भारतीय टीम के लिए यह बहुत ही अच्छा होगा."

तीन दिन के भीतर ऐसे आया नतीजा
पहले बल्लेबाजी करने उतरी बांग्लादेश की टीम 150 रनों पर ढेर हो गई. इसके बाद भारत ने पहली पारी में छह विकेट पर 493 रन बनाकर पारी घोषित कर दी. इसके जवाब में बांग्लादेश की टीम दूसरी पारी में 213 रन पर ऑलआउट हो गई. यह भारत की बांग्लादेश के खिलाफ रनों के अंतर के लिहाज से तीसरी सबसे बड़ी जीत है.

आईपीएल क्रिकेट टीमों ने अपने कई धुरंधर खिलाडियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इनमें देशी-विदेशी दोनों ही खिलाडी शामिल है। सनराइजर्स हैदराबाद की टीम के बाद अब राजस्‍थान रॉयल्‍स ने आईपीएल 2020 की नीलामी से पहले अपनी स्‍क्‍वॉड में काफी बदलाव किए हैं। इस टीम ने 11 प्‍लेयर्स को टीम से बाहर कर दिया है। इनमें जयदेव उनादकट का नाम भी शामिल है जिन्‍हें रॉयल्‍स ने 8.4 करोड़ रुपये की मोटी रकम में खरीदा था। इनके अलावा टीम ने एश्‍टन टर्नर, ओशेन थॉमस, ईश सोढ़ी और लियाम लिविंगस्‍टोन जैसे विदेशी प्‍लेयर्स को भी बाहर कर दिया है। भारतीय खिलाड़ियों में शुभम रंजने, आर्यमन बिड़ला, राहुल त्रिपाठी, स्‍टुअर्ट बिन्‍नी और सुदेशन मिधुन को रॉयल्‍स ने रिलीज किया है। इनमें से ज्‍यादातर को तो एक मैच भी खेलने का मौका नहीं मिला था। इन खिलाड़ियों को बाहर किए जाने के बाद राजस्‍थान के पास अब 28.90 करोड़ रुपये का पर्स आईपीएल 2020 की नीलामी के समय होगा। राजस्‍थान रॉयल्‍स ने अजिंक्‍य रहाणे, के गौतम, धवल कुलकर्णी जैसे क्रिकेटर्स का सौदा पहले ही दूसरी टीमों से कर लिया था।राजस्‍थान रॉयल्‍स का प्रदर्शन 2 साल के बैन से वापस आने के बाद से अच्‍छा नहीं रहा है। ऐसे में टीम ने काफी बदलाव किए हैं। पिछली नीलामी में राजस्‍थान ने उनादकट और राहुल त्रिपाठी पर मोटी रकम लगाई थी लेकिन ये दोनों अपने रुतबे के अनुसार खेलने में नाकाम रहे थे। माना जा रहा है कि टीम का जोर आने वाले सीजन में स्‍टीव स्मिथ, जोस बटलर, बेन स्‍टोक्‍स और जोफ्रा आर्चर पर रहेगा। इनके हिसाब से ही बाकी भारतीय खिलाड़ियों को चुना जाएगा। टीम ने युवा क्रिकेटर आर्यमन बिड़ला को भी बाहर कर दिया है। आर्यमन मशहूर उद्योगपति कुमारमंगलम बिड़ला के बेटे हैं और उन्‍हें पिछली नीलामी में राजस्‍थान रॉयल्‍स ने 10 लाख रुपये की बेस प्राइस में खरीदा था। हालांकि उन्‍हें खेलने का मौका नहीं मिला था। वहीं राइजिंग सुपरजाएंट की ओर से खेलकर सुर्खियों में आने वाले महाराष्‍ट्र के बल्‍लेबाज राहुल त्रिपाठी भी टीम मैनेजमेंट को प्रभावित कर पाने में नाकाम रहे थे। त्रिपाठी को राजस्‍थान ने 3.4 करोड़ रुपये में लिया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार, राजस्‍थान रॉयल्‍स ने  एश्‍टन टर्नर (ऑस्‍ट्रेलिया), ओशेन थॉमस (वेस्‍टइंडीज), शुभम रंजने (भारत), प्रशांत चोपड़ा (भारत), ईश सोढ़ी (न्‍यूजीलैंड), आर्यमन बिड़ला (भारत), जयदेव उनादकट (भारत), राहुल त्रिपाठी (भारत), स्‍टुअर्ट बिन्‍नी (भारत), लियाम लिविंगस्‍टोन (इंग्‍लैंड) और सुदेशन मिधुन (भारत) को टीम से बाहर कर दिया है। 

नई दिल्ली । विभिन्न कारणों से सनराइजर्स हैदराबाद की टीम ने पांच खिलाड़ियों की विदाई कर दी है। इनमें बांग्लादेश के स्टार ऑलराउंडर शाकिब अल हसन भी शामिल हैं। शाकिब पर हाल ही में आईपीएल समेत अन्य मैच में हुई फिक्सिंग की पेशकश की जानकारी छिपाने का आरोप है। इस वजह से उन पर बैन लगा हुआ है। शाकिब के अलावा भारतीय बल्लेबाज यूसुफ पठान, न्यूजीलैंड के ओपनर मार्टिन गप्टिल, दीपक हुडडा और रिकी भुई को सनराइजर्स ने बाहर का रास्‍ता दिखाया है। इन खिलाड़ियों के जाने से सनराइजर्स हैदराबाद के पास अब 17 करोड़ रुपये का पर्स होगा। टीम के पास 7 खिलाड़ियों की जगह बची हुई है। इनमें से 2 स्‍लॉट विदेशी कोटे के हैं। यूसुफ पठान काफी समय से हैदराबाद टीम के साथ थे लेकिन उनका प्रदर्शन अपेक्षा के अनुसार नहीं रहा था। साथ ही उनकी उम्र भी टीम से बाहर किए जाने की एक वजह बनी। सनराइजर्स ने 1,9 करोड़ रुपये में पठान को खरीदा था। इससे पहले वे कोलकाता नाइटराइडर्स के साथ थे। इतना ही नहीं मार्टिन गप्टिल की सनराइजर्स की प्‍लेइंग इलेवन में जगह नहीं बन रही थी। साथ ही गप्टिल का भारत में रिकॉर्ड कमजोर रहा है। हैदराबाद के पास डेविड वॉर्नर, केन विलियमसन और जॉनी बेयरस्‍टो के रूप में तीन टॉप ऑर्डर के बल्‍लेबाज हैं। बड़ौदा के ऑलराउंडर दीपक हुड्डा को सनराइजर्स हैदराबाद ने आईपीएल 2018 की नीलामी में 4,2 करोड़ रुपये में खरीदा था। लेकिन वे पिछले 2 सीजन में एक बार भी बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे। उन्‍होंने राजस्‍थान रॉयल्‍स के लिए खेलते हुए खुद को साबित किया था लेकिन आगे उनका प्रदर्शन फीका पड़ गया। रिकी भुई पर टीम मैनेजमेंट ने कभी खुलकर भरोसा नहीं जताया। ऐसे में उनका बाहर जाना तय लग रहा था। यहां बताना लाजिमी होगा कि इंडियन प्रीमियर लीग का अगला सीजन साल 2020 में आयोजित होगा, जबकि इसके लिए खिलाड़ियों की नीलामी दिसंबर में होगी। 

सफलता के रथ पर सवार भारतीय कप्तान विराट कोहली ने पारी के अंतर से सर्वाधिक मैच जीतने का महेंद्र सिंह धोनी का भारतीय रिकार्ड तोड़ दिया और साथ ही उन्होंने आस्ट्रेलिया के एलेन बार्डर के रिकार्ड की बराबरी भी कर ली।
विराट की अगुवाई में विश्व की नंबर एक टीम भारत ने यहां पहले क्रिकेट टेस्ट में बंगलादेश को तीसरे ही दिन शनिवार को पारी और 130 रन के बड़े अंतर से रौंद दिया। विराट की अपनी कप्तानी में 52 मैचों में यह 32वीं जीत है। विराट की कप्तानी में भारत ने 10वीं बार पारी से जीत हासिल की और इस जीत के साथ ही वह महेंद्र सिंह धोनी से आगे निकल गये हैं जिन्होंने अपनी कप्तानी में नौ टेस्ट पारी से जीते थे।
मोहम्मद आहरूद्दीन ने आठ टेस्ट और सौरभ गांगुली ने सात टेस्ट पारी के अंतर से जीते थे। विराट ने इसके साथ ही लगातार तीन टेस्ट पारी से जीतने के अजहरूद्दीन के रिकार्ड की भी बराबरी कर ली। अजहर की कप्तानी में भारत ने 1992-93 और 1993-94 में लगातार तीन टेस्ट पारी के अंतर से जीते थे।
विराट की कप्तानी में भारत की यह लगातार छठी जीत है और उन्होंने लगातार छह टेस्ट जीतने के धोनी के रिकार्ड की बराबरी भी की है। विराट ने वेस्टइंडीज में दो टेस्ट, दक्षिण अफ्रीका से तीन घरेलू टेस्ट और बंगलादेश से एक टेस्ट जीत लिया है। धोनी ने 2013 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट और वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट जीते थे।
भारत ने लगातार तीन टेस्ट पारी और 100 से अधिक रनों के अंतर से जीतने के आस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के रिकार्ड की भी बराबरी कर ली है। आस्ट्रेलिया ने 1930-31 में विंड़ीज के खिलाफ और पाकिस्तान ने 2001-02 में बंगलादेश के खिलाफ लगातार तीन टेस्ट पारी और 100 से अधिक रनों के अंतर से जीते थे।
अपनी कप्तानी में 32वीं जीत से विराट ने आस्ट्रेलिया के दिग्गज कप्तान एलेन बार्डर की बराबरी भी कर ली है। बार्डर ने 1984-94 के बीच 93 टेस्टों में आस्ट्रेलिया की कप्तानी की थी और 32 टेस्ट जीते थे। कप्तानी में सर्वाधिक टेस्ट जीतने के मामले में विराट से आगे वेस्टइंडीज के क्लाइव लाएड (36 टेस्ट), स्टीव वॉ (41), रिकी पोंटिंग (48) और ग्रीम स्मिथ (53) हैं।

इंदौर। सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल के तीसरे टेस्ट शतक के दम भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच के दूसरे दिन चाय के विश्राम तक तीन विकेट पर 303 रन बनाकर अपना पलड़ा भारी कर दिया। अग्रवाल के नाबाद 156 रन और उप कप्तान अजिंक्य रहाणे के नाबाद 82 रन की मदद से भारत ने अब 153 रन की मजबूत बढ़त हासिल कर ली है। बांग्लादेश की टीम पहली पारी में 150 रन पर सिमट गयी थी। टेस्ट क्रिकेट में पहले ही दोहरा शतक लगा चुके अग्रवाल जब 150 रन पर पहुंचे तो कप्तान विराट कोहली ने खुश होकर उन्हें दो उंगलियां दिखायी जिसका मतलब था कि क्रीज पर डटे रहो और फिर से दोहरा शतक जड़ो। चेतेश्वर पुजारा (54) और कोहली के अप्रत्याशित रूप से शून्य पर आउट होने के बाद अग्रवाल और रहाणे ने अब तक चौथे विकेट के लिये 184 रन जोड़े हैं। बांग्लादेश की तरफ से तीनों विकेट अबु जायेद (73 रन देकर तीन विकेट) ने लिये हैं।

 सचिन तेंदुलकर का कहना है कि टेस्ट क्रिकेट में दर्शकों को बल्लेबाजों और गेंदबाजों के बीच जिस मुकाबले का इंतजार रहता था, वह अब देखने को नहीं मिलता है। सचिन ने गुरुवार को न्यूज एजेंसी से कहा कि टेस्ट के इस आकर्षण के खत्म होने की वजह है कि अब अच्छे गेंदबाज बेहद कम बचे हैं।
30 साल पहले क्रिकेट में डेब्यू करने वाले सचिन ने इस दौरान इस खेल में आए बदलावों पर बात की। सचिन ने 15 नवंबर 1989 को पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था।
"टेस्ट का स्तर नीचे गिरा, यह अच्छी खबर नहीं'
सचिन ने सुनील गावस्कर-एंडी रॉबर्ट्स, डेनिस लिली-इमरान खान, अपने और वसीम अकरम व ग्लेन मैकग्रा के बीच होने वाली प्रतिद्वंद्विता के संदर्भ में यह बयान दिया। सचिन ने कहा- मैदान पर दिखाई देने वाला यह मुकाबला अब खत्म हो गया है। तेज गेंदबाजी की क्वालिटी निश्चित रूप से और ज्यादा बेहतर हो सकती है। टेस्ट का स्तर काफी नीचे चला गया है, जो कि अच्छी खबर नहीं है। इसे ऊपर ले जाने की जरूरत है और इसके लिए जमीनी स्तर पर काम करना होगा।
"गेंदबाजों और बल्लेबाजों के बीच संतुलन पिचों पर निर्भर'
सचिन ने कहा- जहां तक स्तर की बात है, वह पिचों पर भी निर्भर करता है। हम किस तरह की पिच खेलने के लिए दे रहे हैं। अगर हम ऐसी माकूल पिच दे रहे हैं, जहां तेज गेंदबाजों के साथ-साथ स्पिनर्स को भी मदद मिल रही है, तो गेंदबाजों और बल्लेबाजों के बीच संतुलन वापस लौट आएगा। इस साल ऐशेज में कुछ बेहतरीन टेस्ट पिच देखने को मिलीं। हेडिंग्ले, लॉर्ड्स और ओवल में हुए टेस्ट मैच रोमांचक थे।
"आईपीएल से प्रतिभाएं उभर रहीं"
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि अगर किसी ने आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन किया है, तो वह टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए फिट है। लेकिन, आईपीएल के प्रदर्शन के आधार पर टेस्ट और वनडे में चुनाव किए जाने पर सवाल जरूर उठाया जाना चाहिए। जब तक खिलाड़ी में असाधारण प्रतिभा न हो, मैं उसका समर्थन नहीं करूंगा। जसप्रीत बुमराह इसका एक उदाहरण हैं।'

"1998 में वॉर्न के खिलाफ होमवर्क किया था"
1998 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान शेन वार्न के साथ अपनी प्रतिद्वंद्विता को याद करते हुए सचिन ने कहा- उस सीरीज को तेंदुलकर बनाम वार्न लड़ाई के रूप में प्रचारित किया गया था। मुझे किसी तरह पहले ही पता चल गया था कि वार्न उस श्रृंखला में विकेट के पीछे से गेंदबाजी करेंगे। जिसके बाद मैंने अपना होमवर्क मुंबई टीम के मेरे साथियों साईराज बहुतुले (लेग स्पिनर) और नीलेश कुलकर्णी (लेफ्ट आर्म स्पिनर) के साथ नेट्स पर शुरू कर दिया था।'
 
"1992 में पर्थ में शतक के बाद लगा तैयार हूं"
अपने पसंदीदा शतक के बारे में सचिन ने 1992 में पर्थ में लगाए शतक का जिक्र िकया। उन्होंने कहा- मुझे तुलना करना कभी पसंद नहीं रहा, लेकिन अगर आप मुझसे पूछें उछाल भरे ट्रैक पर जो शतक मैंने लगाया था, उसने मुझे अहसास दिलाया कि मैं किसी भी जमीन पर और किसी भी आक्रमण का सामना करने को तैयार हूं। ये बिल्कुल ऐसा था जैसे मैंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने आने की घोषणा की हो।

"चेन्नई (1999) में पाकिस्तान के खिलाफ पीठ दर्द से जूझते हुए लगाया शतक हो या सिडनी (2004) में कवर ड्राइव नहीं मार पाने के बाद भी लगाया दोहरा शतक हो। 2011 में केपटाउन में डेल स्टेन के कुछ स्पेल्स रहे हों.. हर एक की अपनी खूबसूरती और चुनौतियां रही हैं।"

भारतीय गेंदबाजों ने बांग्लादेश को 150 पर समेटा 
इंदौर । भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ पहले क्रिकेट टेस्ट मैच के पहले दिन शानदार गेंदबाजी के बाद ठोस बल्लेबाजी करते हुए दिन का खेल समाप्त होने तक अपनी पहली पारी में एक विकेट पर 86 रन बना लिए थे। दिन का खेल समाप्त होने के समय मयंक अग्रवाल 37 और चैत्तेश्वर पुजारा 43 रनों पर खेल रहे थे। भारत का एकमात्र विकेट रोहित शर्मा का गिरा, रोहित बड़ी पारी नहीं खेल पाये ओर 6 रन बनाकर ही आउट हो गये। इससे पहले बांग्लादेश की टीम टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 150 रनों पर ही सिमट गयी। बांग्लादेश की ओर से मुश्फिकुर रहीम ने 43 रनों के साथ सबसे बड़ी पारी खेली। वहीं भारत की ओर से मोहम्मद शमी ने 27 रन देकर सबसे ज्यादा 3 विकेट लिए जबकि इशांत शर्मा, उमेश यादव और आर. अश्विन ने 2-2 विकेट लिए। पहले टेस्ट में जहां भारत की तरफ से कप्तान विराट कोहली की वापसी हुई हैं, वहीं बांग्लादेश की तरफ से मोमिनुल हक ने बतौर कप्तान टेस्ट में पदार्पण किया। विराट को टी20 सीरीज में आराम दिया गया था। 
पहले दिन टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज करने उतरी बांग्लादेश टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही और 12 रनों पर ही उसके दो विकेट गिर गये। इसके बाद तीसरा विकेट 31 रनों के कुल स्कोर पर गिरा। मुशफिकुर 43 और कप्तान मोमिनुल हक के 37 रनों की पारी को छोड़ दें तो अन्य कोई भी बल्लेबाज रन नहीं बना पाया। भारतीय टीम की ओर से मोहम्मद शमी ने सबसे अधिक 3 विकेट जबकि इशांत शर्मा, उमेश और अश्विन ने दो-दो विकेट लिए। 
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज करने उतरी बांग्लादेश की शुरुआत खराब रही। उसे इमरुल कायेस 6 के रूप में पहला झटका उमेश ने दिया। उनका कैच 12 रनों के टीम स्कोर पर रहाणे ने लपका। शादमान इस्लाम 6 को इशांत शर्मा ने ऋद्धिमान साहा के हाथों कैच कर मेहमान टीम को एक और झटका दिया। 
कप्तान मोमिनुल 38वें ओवर की पहली गेंद पर आउट हुए। आर. अश्विन ने ने मोमिनुल को क्लीन बोल्ड किया। यह अश्विन का भारतीय मैदान पर 250वां टेस्ट विकेट रहा। वह ऐसा करने वाले अनिल कुंबले और हरभजन सिंह के बाद तीसरे भारतीय गेंदबाज बने। यह विकेट 99 के टीम स्कोर पर गिरा था, जबकि मुशफिकुर को शमी ने बोल्ड किया। इसके बाद बाकी के बल्लेबाज 150 रन तक पहुंचते-पहुंचते पविलियन लौट गए।लिटन दास 21 रन बनाकर इशांत की गेंद पर कोहली के हाथों कैच आउट हुए। मेहदी हसन खाता नहीं खोल सके, जबकि तैजुल इस्लाम 1 रन बनाकर रन आउट हुए। इबादत हुसैन 2 के रूप में बांग्लादेश का आखिरी विकेट गिरा।

मेलबर्न। ऑस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर एडम गिलक्रिस्ट ने हरभजन सिंह को ‘कठिनतम प्रतिद्वंद्वी’ करार देते हुए कहा कि भारत का यह आफ स्पिनर और श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन उनके अंतरराष्ट्रीय कैरियर में दो सबसे कठिन गेंदबाज रहे। अपने शानदार कैरियर की उपलब्धियों और यादगार पलों को याद करते हुए गिलक्रिस्ट ने 2001 के भारत दौरे का जिक्र किया जिसमें हरभजन ने गेंदबाजी के जौहर दिखाये थे। उन्होंने क्रिकेट डाट काम डाट एयू में ‘ द अनप्लेबल पाडकास्ट’ में कहा कि हरभजन मेरे पूरे कैरियर में सबसे कठिन प्रतिद्वंद्वी रहे। मुरली और हरभजन दो ऐसे गेंदबाज रहे जिनका सामना करने में सबसे ज्यादा दिक्कत हुई।
भारत ने 2001 की श्रृंखला में ऑस्ट्रेलिया के 15 मैचों के विजय अभियान पर रोक लगाई थी। ऑस्ट्रेलिया ने पहला टेस्ट दस विकेट से जीता लेकिन उसके बाद हरभजन की गेंदबाजी के दम पर भारत ने दोनों टेस्ट जीते। गिलक्रिस्ट ने कहा कि हम पांच विकेट 99 रन गंवा चुके थे। मैं बल्लेबाजी के लिये गया और 80 गेंद में शतक जमाया। हम तीन दिन के भीतर ही जीत गए। हरभजन ने तीन मैचों में 32 विकेट लिये जिसमें दूसरे टेस्ट में कोलकाता के ईडन गार्डन पर भारत की पहली टेस्ट हैट्रिक शामिल है। गिलक्रिस्ट ने कहा कि मुझे लगा कि बहुत आसान है लेकिन मैं गलत था। अगले टेस्ट में ही हमारा सामना हकीकत से हुआ। हरभजन ने हमारे पैरों तले से जमीन खिसका दी।

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