ईश्वर दुबे
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Bhilai
दुबई । पूर्व भारतीय महिला क्रिकेटर जीएस लक्ष्मी रविवार को संयुक्त अरब अमीरात में विश्व कप लीग दो में अंपायरिंग के लिए उतरने के साथ ही एक अहम रिकार्ड अपने नाम कर लेंगी। इसी के साथ ही लक्ष्मी पुरूष एकदिवसीय मुकाबलों में रैफरिंग करने वाली पहली महिला मैच रैफरी बन जाएंगी। लक्ष्मी संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका के बीच शारजाह क्रिकेट स्टेडियम में होने वाले लीग दो की तीसरी सीरीज के शुरुआती मैच में रैफरिंग करेंगी। इस टूर्नामेंट का लक्ष्य मैच अधिकारियों के लिए विकास के मौके प्रदान करना है। यह लक्ष्मी की इस साल की दूसरी बड़ी उपलब्धि है, इससे पहले वह मई में मैच रैफरियों के आईसीसी अंतरराष्ट्रीय पैनल में नियुक्त होने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं। 51 वर्षीय लक्ष्मी ने 2008-09 में घरेलू महिला क्रिकेट मैच में पहली बार मैच रैफरी की भूमिका निभाई थी। वह अब तक तीन महिला एकदिवसीय मैचों, 16 पुरूष टी20 अंतरराष्ट्रीय और सात महिला टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में रेफरी रही हैं। वहीं आईसीसी के सीनियर मैनेजर अंपायर एवं रैफरी एड्रियन ग्रिफिथ ने लक्ष्मी को उनकी इस अहम उपलब्धि के लिए बधाई दी है।
हैदराबाद. भारतीय टीम का वेस्टइंडीज के खिलाफ शुक्रवार से यहां शुरू होने वाली तीन मैचों की टी-20 सीरीज के दौरान ऑस्ट्रेलिया में अगले साल होनेवाले टी-20 विश्व कप के लिए खिलाड़ियों को आजमाना जारी रहेगा. भारत पिछले दो वर्षों से वेस्टइंडीज से कोई मैच नहीं हारा है. लगातार छह मैच में जीत दर्ज की है.
अंतिम बार टी-20 में भारत जुलाई, 2017 में हारा था. इस सीरीज में केएल राहुल और रिषभ पंत जैसे खिलाड़ी टीम में अपना स्थान पक्का करने का लक्ष्य बनाये होंगे. टी-20 विश्व कप की तैयारियों में जुटी भारतीय टीम में कई खिलाड़ियों का स्थान अभी पक्का नहीं है और वे वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने प्रदर्शन से टीम प्रबंधन और चयनकर्ताओं को प्रभावित करने का प्रयास करेंगे. इनमें से एक नाम राहुल का है.
चोटिल सलामी बल्लेबाज शिखर धवन की अनुपस्थिति में यह सीरीज उन्हें रोहित शर्मा के जोड़ीदार के तौर पर अपना स्थान सुनिश्चित कराने का बहुत अच्छा मौका प्रदान करेगी. उनका टी-20 में अच्छा रिकॉर्ड है. राहुल ने 31 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 42.74 के औसत से 974 रन जुटाये हैं, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 110 रन रहा है. आइपीएल में भी उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है. राहुल के अलावा पंत भी अपने मजबूत प्रदर्शन से आलोचकों को जवाब देना चाहेंगे.
बल्ले से और विकेटकीपिंग में अपनी अनिरंतर फार्म के कारण वह पिछले कुछ समय से आलोचनाओं में घिरे रहे हैं. उन्हें महेंद्र सिंह धौनी के उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जा रहा था, लेकिन इस साल के शुरू में आइसीसी वनडे विश्व कप के समाप्त होने के बाद उनकी फॉर्म में गिरावट आयी. गेंदबाजी की बात की जाये तो कुलदीप यादव, मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार टी-20 टीम में वापसी कर रहे हैं. पहले मैच में ‘फ्रंट फुट नोबॉल' पर फैसला मैदानी अंपायर नहीं, तीसरा अंपायर करेगा.
हैदराबाद । वेस्टंडीज के खिलाफ टीम में शामिल युवा ऑलराउंडर शिवम दुबे ने कहा कि उनका लक्ष्य भारतीय टीम की ओर से बेहतर प्रदर्शन करना है। शिवम को हार्दिक पंड्या की जगह टीम में शामिल किया गया है। पंड्या सर्जरी कारण अभी टीम से बाहर हैं। वह इस समय रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया से गुजर रहे हैं जिसके कारण ही शिवम को अवसर मिला है। ऑलराउंडर शिवम ने अभी तक तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं जो सभी बांग्लादेश के खिलाफ थे जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 30 रन देकर तीन विकेट था। यह पूछने पर कि क्या वह हार्दिक को टीम से बाहर करने की कोशिश में हैं तो शिवम ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह हार्दिक को हटाने का मौका है लेकिन मुझे लगता है कि मुझे मौका मिला है और मैं अपने देश के लिए अच्छा करने का प्रयास करूंगा। मुझे अपने देश के लिए काम करना है और मैं इसे बेहतर तरीके से करने की कोशिश करूंगा।’
शिवम मुख्यत: गेंदबाजी ऑलराउंडर है, हालांकि वह बड़े शॉट खेल लेते हैं इसी कारण उन्हें टीम में जगह मिल पायी है। अब वह शुक्रवार से वेस्ट इंडीज के खिलाफ शुरु हो रहे तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय में खुद को साबित करने का प्रयास करेंगे। अभी तक खेले तीन मैचों में उन्होंने इतना शानदार प्रदर्शन नहीं दिखाया, वह बांग्लादेश के खिलाफ बस एक बार तीन विकेट ही ले पाए थे। लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें विराट कोहली और टीम प्रबंधन का सहयोग प्राप्त है। उन्होंने कहा, ‘हर कोई मेरा उत्साह बढ़ा रहा है। कप्तान और टीम प्रबंधन से काफी सहयोग मिल रहा है। इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ता है। इसलिए ड्रेसिंग रूम में मैं खुश और रिलैक्स महसूस करता हूं।’
हैदराबाद । वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के कोच फिल सिमन्स ने कहा है कि भारत के खिलाफ शुक्रवार से शुरू होने वाली टी20 सीरीज में भारतीय कप्तान विराट कोहली को आउट करना उनके गेंदबाजों के लिए सबसे कठिन होगा पर उन्हें विराट से भयभीत होने की जरुरत नहीं है। सिमन्स ने कहा कि इससे विराट को आउट करने का काम और भी मुश्किल हो जायेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम सुनिश्चित कर सकते हैं कि गेंदबाज उससे ज्यादा भयभीत नहीं हों लेकिन आपको नहीं पता कि क्या हो सकता है लेकिन विराट को आउट करना मुश्किल जरुर है। ’’ सिमन्स ने स्वीकार किया कि भारत को दुनिया में कहीं भी हराना आसान नहीं है और 56 साल के इस पूर्व आलराउंडर ने कोहली एंड कंपनी को आउट करने के लिये अपने खिलाड़ियों को बीते अनुभव का इस्तेमाल करने को कहा है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल हमने भारत में कुछ टी20 और एकदिवसीय खेले थे और हम उनसे इतने ज्यादा अलग नहीं थे। एक मैच ऐसा भी रहा था जो शायद टाई रहा था। इसलिये हम उनकी तुलना में इतने ज्यादा अलग नहीं थे।’’ उन्होंने ‘कहा, ‘‘हमें देखना होगा कि हमने तब क्या किया था और अब हम उसमें क्या चीज अतिरिक्त कर सकते हैं क्योंकि उन्होंने भी अपने खेल में सुधार किया है। हमें सुनिश्चित करना होगा कि हम पिछली बार से बेहतर करें तभी सफल हो सकते हैं।
नागपुर । इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की पूर्व चैंपियन राजस्थान रॉयल्स ने लीग के 13वें संस्करण से पहले नागपुर में अपनी पहली प्री-सीजन कैम्प की शुरुआत की है। इस कैम्प में भाग लेने के लिए क्रिकेटर नागपुर के तालेगांव स्थित नई प्रशिक्षण यूनिट में एकत्रित हुए हैं। भारतीय क्रिकेटर आगामी सत्र के लिए राजस्थान रॉयल्स की टीम का हिस्सा हैं, उन्हें बल्लेबाजी कोच कोच अमोल मजूमदार, स्पिन गेंदबाजी कोच सेराज बहुतुले और यूके एकेडमी डायरेक्टर सिड लहिरी द्वारा 3 दिनों तक प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह कैम्प पिछले 7 महीनों के दौरान हमारे खिलाड़ियों में हुए विकास के स्तर की समीक्षा का अवसर प्रदान करेगा। इस दौरान खिलाड़ियों की तकनीकी और शारीरिक प्रगति की समीक्षा होगी और उसी के अनुसार आईपीएल के लिए योजना बनाई जाएगी। इसके अलावा यह कैम्प रॉयल्स परिवार के नए खिलाड़ियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा, जिन्हें अपने कौशल में सुधार लाने का अवसर मिलेगा। 3 दिनों के दौरान यह खिलाड़ी ओपन नेट सत्र में हिस्सा लेंगे, इसके बाद मैच के लिए अभ्यास करेंगे। कोच खिलाड़ियों के साथ समय बिताएंगे। उनके विकास के लिए योजनाएं बनाएंगे और इस तरह उन्हें आगामी सीजन के लिए तैयार किया जाएगा। रॉयल्स के फिजियोथेरेपिस्ट जॉन ग्लोस्टर इस कैम्प में खिलाड़ियों में एनर्जी और फिटनेस के सही स्तर को तय करेंगे।
मुंबई । जमैका के फर्राटा धावक योहान ब्लैक ने की नजरें टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण जीतने पर हैं। ब्लैक का यह आखिरी ओलंपिक होगा। उन्होंने कहा, ‘यह मेरा आखिरी ओलंपिक है और निश्चित तौर पर मैं स्वर्ण जीतना चाहता हूं।' ओलंपिक में दो स्वर्ण और दो रजत पदक जीत चुके ब्लैक ने कहा, ‘मुझे अतीत में कई पदक मिले हैं परन्तु यह मेरे लिये सबसे बेहतर होगा।' ब्लैक ने कहा, ‘मैं हमेशा पदक का प्रबल दावेदार रहता हूं। हर किसी की नजरें मुझ पर होती है। कुछ अच्छे खिलाड़ी भी हैं और मुझे चुनौती का इंतजार रहेगा।' उन्होंने कहा, ‘ओलंपिक दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन है और सभी को 100 मीटर दौड़ का इंतजार रहता है।' ब्लैक यहां यहां ‘रोड सेफ्टी विश्व सीरिज' टी20 श्रृंखला के प्रचार के लिए आए थे जो अगले साल फरवरी में होगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह भारत में प्रतिभा तलाश कार्यक्रम शुरू करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं वेस्टइंडीज के क्रिकेटरों से कहता हूं कि भारत को देखो। विराट कोहली और उसके जैसे क्रिकेटर। फर्राटा में वे हमारा अनुसरण करते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं। मैं ओलंपिक के बाद यहां प्रतिभा तलाश कार्यक्रम से जुड़ने की सोच रहा हूं। बोल्ट के साथ 1 दशक से ज्यादा समय तक दौड़ने वाले ब्लैक ने 2011 में दाएगू विश्व चैम्पियनशिप में 100 मीटर में स्वर्ण पदक जीता था। वहां बोल्ट भी थे लेकिन वह फाइनल में डिसक्वालीफाई हो गए थे। इसके अलावा ब्लैक ने 2012 और 2018 में जमैका राष्ट्रीय चैम्पियनशिप (ओलम्पिक क्वालीफायर) में बोल्ट को 200 मीटर में 2 बार हरा चुके हैं। ब्लैक आज की तारीख में 100 तथा 200 मीटर में दूसरे तीव्रतम धावक हैं। ब्लैक ने कहा, मैं इस सीजन से सकारात्मकता लेकर जा रहा हूं। मैं अच्छी लय में हूं और अभ्यास में अच्छा महसूस कर रहा हूं। यह मेरा अंतिम ओलम्पिक होगा और मैं इसमें अपना सबकुछ झोंक देना चाहता हूं।
अगरतला. क्रिकेट के मैदान पर कई खिलाड़ियों की जान जा चुकी है और कुछ ऐसा ही मंगलवार को त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में भी हो गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक त्रिपुरा की अंडर-23 टीम के खिलाड़ी मिथुन देबबर्मा को मैच के दौरान ही अटैक आया और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई.स्पोर्ट्स स्टार की खबर के मुताबिक मंगलवार को अगरतला के महाराजा बिर बिक्रम क्रिकेट स्टेडियम में एक प्रैक्टिस मैच चल रहा था जिसमें मिथुन देबबर्मा भी खेल रहे थे.
मिथुन फील्डिंग कर रहे थे लेकिन अचानक वो मैदान पर गिर पड़े. मिथुन को बेहोश होते देख उनके साथियों ने उन्हें तुरंत उठाया और नजदीकी इंदिरा गांधी मेमोरियल अस्पताल में ले गए, जहां उन्हें डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. डॉक्टर्स ने मिथुन देबबर्मा की मौत की वजह हार्ट अटैक बताई, जिसे जानकर सभी हैरान रह गए.
डॉक्टरों ने जानकारी दी कि मिथुन को गंभीर हार्टअटैक आया और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई थी. मिथुन को इतनी कम उम्र में दिल का दौरा कैसे पड़ा ये जानने के लिए उनका शरीर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है. मिथुन देबबर्मा की मौत की खबर सुनकर त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यश्र डॉ. मानिक शाह भी अस्पताल पहुंचे. कई और बड़े क्रिकेटर भी इस हादसे से स्तब्ध हैं.
अर्जेंटीना । बार्सिलोना के सुपर स्टार लियोनल मेसी ने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पुर्तगाल और जुवेंटस के क्रिस्टियानो रोनाल्डो और नीदरलैंड के वर्जिल वान दिज्जक को पछाड़कर रिकॉर्ड छठी बार बैलोन डि ओर का खिताब जीत लिया। वहीं, महिला वर्ग में इंग्लैंड की मेगन रैपिनो ने यह पुरस्कार जीता। पिछली बार शीर्ष तीन में भी जगह नहीं बना पाने वाले मेसी ने चार साल बाद यह पुरस्कार जीता। पिछले 11 साल में मेसी (2009, 2010, 2011, 2012, 2015) और रोनाल्डो (2008, 2013, 2014, 2016, 2017) ने पांच-पांच बार यह पुरस्कार अपने नाम किया। पिछली बार क्रोएशिया और रियल मैड्रिड के लुका मोदरिच ने इन दोनों का वर्चस्व तोड़कर यह पुरस्कार जीता था। मेसी इस साल फीफा के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर का पुरस्कार भी जीत चुके हैं। वहीं लिवरपूल के वर्जिल यूईएफए के वर्ष के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर से नवाजे जा चुके हैं।
भुवनेश्वर । ओडिशा के भुवनेश्वर और राउरकेला शहर में 2023 एफआईएच हॉकी पुरुष विश्व कप का आयोजन होगा। भुवनेश्वर ने 2018 में भी विश्व कप की मेजबानी की थी। हॉकी इंडिया ने हाल ही में यहां एक कार्यक्रम में घोषणा की कि 2023 विश्व कप के आयोजन के लिए भुवनेश्वर और राउरकेला आयोजन स्थल होंगे। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अंतररष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के अध्यक्ष डॉ नरेंद्र ध्रुव बत्रा की मौजूदगी में यह घोषणा की। भुवनेश्वर में राष्ट्रीय शिविर में ट्रेनिंग कर रही भारतीय हॉकी टीम इस अवसर पर मौजूद थी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि सुंदरगढ़ जिले के 17 ब्लॉक को सिंथेटिक पिचों से युक्त किया जाएगा और उन्होंने इन 17 पिचों के लिए आधारशिला भी रखी। हॉकी इंडिया ने भी इस अवसर पर हॉकी ग्रास रुट प्रोग्राम भी लांच किया। पिछले साल भी हॉकी विश्वकप उड़ीसा में ही हुआ था।
मुंबई । युवा बल्लेबाज प्रियम गर्ग दक्षिण अफ्रीका में अगले माह होने वाले आईसीसी अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप में भारतीय टीम के कप्तान होंगे। अखिल भारतीय जूनियर चयन समिति ने यहां बैठक करके 17 जनवरी से नौ फरवरी तक होने वाले इस टूर्नामेंट के लिए 15 सदस्यीय टीम का चयन किया है।
गर्ग के नाम पर प्रथम श्रेणी क्रिकेट में दोहरा शतक और लिस्ट ए में एक शतक दर्ज है। गर्ग भारत सी टीम का भी हिस्सा थे जो पिछले महीने देवधर ट्रॉफी में उप विजेता रही है। उन्होंने फाइनल में भारत बी के खिलाफ 74 रन की पारी खेली। अंडर-19 विश्व कप का 13वां टूर्नामेंट 16 टीमों के बीच खेले जाएगा जिन्हें चार समूहों में बांटा गया है। भारत को ग्रुप ए में पहली बार क्वालीफाई करने वाले जापान, न्यूजीलैंड और श्रीलंका के साथ रखा गया है। प्रत्येक ग्रुप से शीर्ष दो टीमें सुपर लीग चरण के लिए क्वालीफाई करेंगी।
विश्व कप के लिए भारतीय अंडर-19 टीम इस प्रकार है: प्रियम गर्ग (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, तिलक वर्मा, दिव्यांश सक्सेना, ध्रुव चंद जुरेल (उप-कप्तान और विकेटकीपर), शाश्वत रावत, दिव्यांश जोशी, शुभांग हेगड़े, रवि बिश्नोई, आकाश सिंह, कार्तिक त्यागी, अथर्व अंकोलेकर, कुमार कुशाग्र (विकेटकीपर), सुशांत मिश्रा और विद्याधर पाटिल।
दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए भारतीय अंडर-19 टीम इस प्रकार है: प्रियम गर्ग (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, तिलक वर्मा, दिव्यांश सक्सेना, ध्रुव चंद जुरेल (उप-कप्तान और विकेटकीपर), शाश्वत रावत, दिव्यांश जोशी, शुभांग हेगड़े, रवि बिश्नोई, आकाश सिंह, कार्तिक त्यागी, अथर्व अंकोलेकर, कुमार कुशाग्र (विकेटकीपर), सुशांत मिश्रा, सीटीएल रक्षण और विद्याधर पाटिल।
मुंबई । बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने दावा किया है कि एक सट्टेबाज ने मौजूदा सैयद मुश्ताक अली टी20 क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान एक खिलाड़ी से संपर्क किया था। गांगुली के अनुसार इस मामले की रिपोर्ट बोर्ड की भ्रष्टाचार रोधी इकाई (एसीयू) को की गयी थी। गांगुली ने कहा, ‘सैयद मुश्ताक में एक खिलाड़ी से सपंर्क किया गया था, मुझे इसके बारे में बताया गया पर मैं उसका नाम नहीं जानता। लेकिन पेशकश की गई थी और खिलाड़ी ने इसकी रिपोर्ट की।' गांगुली ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या यह है कि खिलाड़ी सट्टेबाज से की गई पेशकश के बाद क्या करते हैं। उन्होंने कहा, ‘पेशकश किया जाना समस्या नहीं है, यह गलत नहीं है। गलत यह है कि जब पेशकश होती है तो उसके बाद क्या होता है।'
गांगुली ने आगे कहा, ‘बोर्ड के लिए किसी पेशकश पर टूर्नामेंट को रोकना बहुत कठिन है क्योंकि किसी ने पेशकश की है' पर साथ ही माना कि ‘कुछ राज्यों में यह अगले स्तर तक पहुंच चुकी है। यहां तक कि हमने टीएनपीएल और केपीएल में भी इसका सामना किया था। हमने संबंधित राज्यों से भी बात की है। फिक्सिंग मामले को लेकर केपीएल अभी रूकी हुई है।
भारत में घरेलू टी20 ट्रॉफी का नाम सैयद मुश्ताक अली के नाम पर है। मुश्ताक अली ने यूं तो 11 टेस्ट मैच खेले लेकिन इतने से सफर में उन्होंने दो बड़े यादगार लम्हे अपने नाम दर्ज कर लिए। 37 की उम्र में उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला और यह भारत की इंग्लैंड पर पहली टेस्ट जीत थी। 1951-52 में भारत ने चेन्नै के मैदान पर यह जीत हासिल की थी। इससे पहले, सैयद मुश्ताक अली विदेशी धरती पर शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने थे। उन्होंने ओल्ड ट्रैफर्ड के मैदान पर 1936 में शतक लगाया था। अली ने 19 साल की उम्र में डेब्यू किया। उनके डेब्यू से लेकर आखिरी टेस्ट तक भारत ने 22 टेस्ट मैच खेले और इसमें से उन्होंने आधे मैच ही खेले। 1933-34 में इंग्लैंड के खिलाफ कोलकाता में उन्होंने अपने करियर का पहला मैच खेला। वह बिना प्रबंधन को बताए गायब हो गए और इसका असर उनके करियर पर पड़ा। एक बार जब वह टीम का हिस्सा नहीं थे तो उनके फैंस ने कोलकाता में विरोध प्रदर्शन भी किया। लोग नारे लगाने लगे, 'मुश्ताक नहीं तो टेस्ट नहीं।'
इंदौर में पैदा हुए इस बल्लेबाज के अगर आप रन देखेंगे तो शायद वह उनकी प्रतिभा के साथ न्याय न करें। मैटिंग पर अपना शुरुआती क्रिकेट खेलने के चलते वह स्क्वेअर ऑफ द विकेट काफी अच्छा खेलते थे हालांकि इसके लिए उनकी मूवमेंट भी काफी अधिक हो जाती थी। भारत ने विजय मर्चेंट और मुश्ताक से पहले पांच सलामी जोड़ियां अपनाईं थीं। ओल्ड ट्रैफर्ड में 1936 में यह जोड़ी मैदान पर उतरी। पहली पारी में मुश्ताक 13 रन बनाकर रन आउट हो गए। भारत ने पहली पारी में 203 रन बनाए। इसके जवाब में इंग्लैंड ने 8 विकेट पर 571 रन बनाकर 368 रनों की बढ़त हासिल की थी। भारत ने मर्चेंट और मुश्ताक की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की मदद से दिन का खेल समाप्त होने तक बिना विकेट खोए 190 रन बनाए। मुश्ताक 112 रन बनाकर आउट हुए और 203 रनों की इस साझेदारी का अंत हुआ। मुश्ताक ने 106 रन नबाए। वह विदेशी धरती पर सेंचुरी जड़ने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने। मर्चेंट ने 114 रन बनाए और वह दूसरे भारतीय बल्लेबाज थे।
इस मैच में एक और रेकॉर्ड बना था। और वह था टेस्ट मैच में एक ही दिन में सबसे ज्यादा रन बनाने का रेकॉर्ड। इंग्लैंड़ की ओर से पहले दिन का खेल समाप्त होने तक दो विकेट पर 173 रन बने थे। दूसरे दिन इंग्लैंड ने अपना स्कोर 8 विकेट पर 571 रनों तक पहुंचाया यानी इस दिन 398 रन बनाए। भारत इंग्लैंड से 368 रन पीछे था। लेकिन अगले दो घंटों में मुश्ताक और मर्चेंट ने इंग्लिश बोलिंग की धज्जियां उड़ा दीं। दोनों ने बिना किसी नुकसान के 190 रन जोड़ डाले। यानी एक दिन में कुल 588 रन बने। यह एक ऐसा रेकॉर्ड है जो आज तक कायम है। एक टेस्ट दिन में सबसे ज्यादा रनों का रेकॉर्ड।
कन्कशन सब्सिट्यूशन सिर में लगी चोट के मामलों में मिलते हैं। बांग्लादेश टीम के दो खिलाड़ियों के हेलमेट पर गेंद लगने के कारण उसे यह कन्कशन सब्सिट्यूशन मिले हैं। किसी टीम को कन्कशन सब्सिट्यूशन तब मिलते हैं। जब विशेषज्ञ डॉक्टर कुछ बुनियादी बातों को ख्याल में रखकर खिलाड़ी की जांच करता है। वह खिलाड़ी का संतुलन जांचता है, और उससे पूछता है कि क्या उसे चक्कर आ रहे हैं? या उल्टी आ रही है? इसके साथ ही वह खिलाड़ी की याददाश्त की भी जांच करता है, इसके लिए कुछ सवाल पूछे जाते हैं- जैसे कि शहर का नाम और कुछ अन्य सवाल। साथ ही खिलाड़ी को कुछ पढ़ने के लिए भी दिया जाता है। देखा जाता है कि क्या वह इन सब प्रक्रियाओं के दौरान सामान्य था। इसके बाद ही आगे का फैसला किया जाता है। कुल मिलाकर खिलाड़ी के सिर पर चोट लगने के बाद उसकी चेतना का सही तौर पर परीक्षण किया जाता है।
खेल संस्थाएं सिर की चोट को लेकर पहले इतनी गंभीर नहीं थीं। कन्कशन के लक्षण कई बार फौरन नजर नहीं आते, जबकि हाथ या पैर की चोट के साथ ऐसा नहीं है। जब किसी अन्य चोट में दर्द अगर बहुत ज्यादा हो तो खिलाड़ी को इस बात का अंदाजा लग जाता है कि वह अब और नहीं खेल सकता लेकिन सिर की चोट की बात कई बार अलग होती है। ऐसे में संभव है कि सिर पर चोट लगने के बाद भी खिलाड़ी टीम के लिए मैदान पर डटे रहना चाहे। इससे कई बार सिर की चोट अधिक गंभीर होने की आशंका बढ़ जाती है। इस वक्त कोई जानकार आदमी जांच कर खिलाड़ी को समझा सकता है कि उसके लिए मैदान से बाहर जाना ही सही है। दरअसल, आईसीसी चाहती है कि सिर की चोट को गंभीरता से लिया जाए।
क्या है अन्य खेल में नियम
रग्बी में यह नियम है कि जब भी खिलाड़ी को सिर पर चोट लगे तो उसे हर हाल में मैदान के बाहर ले जाया ही जाएगा। ऐसा इसलिए कि कई बार कन्कशन के लक्षण फौरन नजर नहीं आते। अगर पूरी जांच के बाद कन्कशन के कोई लक्षण नजर नहीं आते तभी उसे मैदान पर लौटने की परमिशन दी जाती है।
क्रिकेट में बोर्ड पर काफी कुछ निर्भर
अब क्रिकेट इसमें एक कदम पीछे है। यहां बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने की जिम्मेदारी टीमों को सौंपी गई है। कुछ ही टीमें डॉक्टर्स के साथ टूर करती हैं। हालांकि आईसीसी ने मेजबान बोर्ड को डॉक्टर उपलब्ध रखने को कहा है।
कन्कशन सब्सिट्यूट ही क्यों, बाकी चोट में क्यों नहीं
खेल संस्थाएं सिर की चोट को लेकर पहले इतनी गंभीर नहीं थीं। कन्कशन के लक्षण कई बार फौरन नजर नहीं आते, जबकि हाथ या पैर की चोट के साथ ऐसा नहीं है। उदाहरण के लिए जब किसी अन्य चोट में दर्द अगर बहुत ज्यादा हो तो खिलाड़ी को इस बात का अंदाजा लग जाता है कि वह अब और नहीं खेल सकता लेकिन सिर की चोट की बात कई बार अलग होती है। ऐसे में संभव है कि सिर पर चोट लगने के बाद भी खिलाड़ी टीम के लिए मैदान पर डटे रहना चाहे। यह 'बहादुरी' भी सिर की चोट को अधिक गंभीर बना देती है। इस वक्त कोई जानकार आदमी जांच कर खिलाड़ी को समझा सकता है कि उसके लिए मैदान से बाहर जाना ही सही है। दरअसल, आईसीसी चाहती है कि सिर की चोट को आवश्यक गंभीरता से लिया जाए।
लाबुशेन थे पहले कन्कशन सब्सिट्यूट
मार्नस लाबुशेन पहले कन्कशन सब्सिट्यूट खिलाड़ी थे। एशेज सीरीज के दूसरे टेस्ट के दौरान जब स्टीव स्मिथ के हेलमेट पर जोफ्रा आर्चर की गेंद लगी तो उसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम ने लाबुशेन को कन्कशन सब्सिट्यूट बनाया।
बेंगलुरु । 18 जनवरी से शुरू होने वाली एफआईएच प्रो लीग में लीग में भारत के अलावा आठ अन्य शीर्ष टीमें भाग लेगी। भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने कहा कि प्रो लीग में आस्ट्रेलिया और अर्जेंटीना जैसी शीर्ष टीमों के खिलाफ प्रदर्शन से टोक्यो ओलंपिक 2020 की तैयारियों का आंकलन करना होगा। मनप्रीत ने कहा, ‘टीम का लक्ष्य अपने पूल (ओलंपिक) में शीर्ष दो टीमों में रहने का है। अगले साल प्रो लीग में हमें आस्ट्रेलिया और अर्जेंटीना जैसी शीर्ष टीमों के खिलाफ खेलना है। इन दोनों टीम के खिलाफ हमारा प्रदर्शन यह तय करेगा कि ओलंपिक में जाने से पहले टीम की स्थिति कैसी है। इसके बाद हमें उसके मुताबिक तैयारी करनी होगी।' भारतीय पुरुष टीम को मौजूदा चैंपियन अर्जेंटीना और दुनिया की नंबर एक टीम ऑस्ट्रेलिया के साथ पूल ए में रखा गया है। इनके अलावा भारत के पूल में स्पेन, न्यूजीलैंड और मेजबान जापान भी शामिल हैं। मनप्रीत ने कहा, ‘ओलंपिक में कोई ग्रुप आसान नहीं होता है। रैंकिंग के मामले में हम अपने पूल में आस्ट्रेलिया और अर्जेंटीना के बाद तीसरी सर्वश्रेष्ठ टीम हैं जिससे हमारा पूल थोड़ा आसान लग रहा है। पूल बी में बेल्जियम, नीदरलैंड, जर्मनी, ग्रेट ब्रिटेन, कनाडा और दक्षिण अफ्रीका की टीमें हैं।' भारतीय कप्तान ने आगे कहा, ‘ओलंपिक में रैंकिंग का कोई ज्यादा असर नहीं होता। किसी भी टीम को हल्के में नहीं लिया जा सकता है हमें अपने पूल के सभी मैचों में अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाना होगा जिससे यह पता चलेगा कि क्वार्टर फाइनल में कौन सी टीमें भिड़ेगी। हमें अब भी याद है कि रियो (2016) में कनाडा (2-2) के खिलाफ क्या हुआ था।' भारतीय महिला टीम को पूल बी में रखा गया है जहां विश्व चैम्पियन नीदरलैंड, जर्मनी, ग्रेट ब्रिटेन, आयरलैंड और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।