ईश्वर दुबे
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Bhilai
रायपुर :
राज्यपाल श्री रमेन डेका ने युवाओं का आव्हान किया है कि डिजिटल तकनीक का उपयोग नवाचार और रचनात्मकता के लिए करें लेकिन उस पर निर्भरता से बचें। उन्होंने पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर में सोमवार को डिजिटल मानसिक स्वास्थ्य विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि कोविड-19 के बाद डिजिटल माध्यम ने शिक्षा, कार्य और रिश्तों को आसान बनाया पर इससे तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याएं भी बढ़ी हैं। योग ध्यान और संतुलित जीवन अपनाकार ही मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत रखा जा सकता है।
कार्यशाला में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, महाविद्यालयों के प्राचार्य, शिक्षक शोधार्थी, सामाजिक संगठनांे से जुड़े बुद्धिजीवी और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे। प्रतिभागियों ने डिजिटल युग में मानसिक स्वास्थ्य को बनाये रखने के उपायो पर विचार विमर्श किया। राज्यपाल श्री डेका ने कार्यशाला में कहा कि 21 सदी में हमारी जीवनशैली में बड़ा बदलाव आया लेकिन प्रकृति का स्वरूप आज भी वैसा ही है। सूर्य पूर्व में उगता है और पश्चिम में अस्त होता है। धरती अब भी हरियाली का चादर ओढ़ कर हमे जीवन देती है, परंतु बदलाव हमारी सभ्यता व दिनचर्या में हुआ है। सतत् विकास की कमी और बदलते परिवेश ने मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित किया है।
राज्यपाल ने कहा कि एकल परिवारों की बढ़ती प्रवृत्ति और परिवारजनों के बीच संवाद की कमी ने भी मानसिक स्वास्थ्य को कमजोर किया है। आज अधिकांश लोग मोबाईल और इंटरनेट में व्यस्त रहते है और आपसी संवाद व भावनात्मक जुड़ाव कम होता जा रहा है।
श्री डेका ने विद्यार्थियों से कहा कि मानसिक दबाव न हो इसके लिए वे अपनी क्षमता के अनुरूप अपने कैरियर का चुनाव करें और अनावश्यक प्रतिस्पर्धा से बचें। ओवरथिंकिंग और संदेह से दूर रह कर जीवन का आनंद लें। मनोवैज्ञानिक परामर्श लेने में संकोच न करें और अंतरात्मा की आवाज सुनकर अपने लिए सही रास्ते का चुनाव करें। उन्होंने कहा कि प्रार्थना, योग, ध्यान, प्राणायाम और सात्विक जीवन शैली भारतीय परंपरा में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के मूल आधार रहे हैैं, यदि इन्हें दिनचर्या में शामिल किया जाए तो जीवन की कई चुनौतियों का समाधान स्वतः मिल सकता है।
कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में ख्याति प्राप्त मनोवैज्ञानिक और मानसिक शक्ति फाउंडेशन मुंबई के संस्थापक डॉ. अमरेश श्रीवास्तव ने अपने विचार रखें। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य का विषय नहीं है बल्कि समाज की चेतना और मानसिक शक्ति का भी प्रतीक है। उन्होंने विद्यार्थियों में बढ़ते मानसिक तनाव को गंभीर समस्या मानते हुए इस दिशा में अनुसंधान और गहन अध्ययन को आवश्यक बताया।
कार्यशाला में स्वागत भाषण विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर श्री सच्चिदानंद शुक्ला ने दिया। उन्होंने कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राज्यपाल श्री रमेन डेका की पहल पर यह कार्यशाला आयोजित की गई है तथा डिजिटल युग में स्वास्थ्य पर गहन चर्चा समय की आवश्यकता है। आभार प्रदर्शन प्रोफेसर श्री अंबर व्यास ने किया। इस अवसर पर एमसीए के छात्र श्री शिवकुमार महोबिया और शोध छात्र श्री अरूण कुमार पटेल को उत्कृष्ट इनोवेशन के लिए राज्यपाल ने सम्मानित किया।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद और महान समाजसेविका स्वर्गीय मिनीमाता जी की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका जीवन निस्वार्थ सेवा, अटूट साहस और सामाजिक परिवर्तन का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने कहा कि मिनीमाता जी ने वंचित वर्गों, महिलाओं, दलितों और गरीबों के अधिकारों की रक्षा को अपने जीवन का उद्देश्य बनाया और समाज में सम्मान, समानता एवं न्याय की नींव मजबूत की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने स्मरण किया कि संसद में अपने कार्यकाल के दौरान मिनीमाता जी ने बाल विवाह, दहेज प्रथा और छुआछूत जैसी सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध सशक्त और निर्भीक स्वर उठाया। उन्होंने मजदूरों के अधिकारों की रक्षा, महिला शिक्षा के प्रसार और सामाजिक समानता की स्थापना के लिए जो योगदान दिया, वह इतिहास के स्वर्णिम अध्यायों में दर्ज है। उनकी सादगी, संवेदनशीलता और सेवाभाव ने उन्हें जनमानस में अमिट स्थान दिलाया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मिनीमाता जी की विचारधारा केवल अतीत की धरोहर नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के वर्तमान और भविष्य के लिए प्रकाशस्तंभ की तरह है। उन्होंने आह्वान किया कि हम सभी उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर, भाईचारे, समानता और न्याय पर आधारित एक सशक्त, समावेशी और प्रगतिशील छत्तीसगढ़ के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएँ।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला अंतर्गत सारंगढ़ के शासकीय लोचन प्रसाद पांडे महाविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में 96 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण और 90 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का भूमिपूजन कर जिले को 186 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात दी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने जिले में विभिन्न जनसुविधाओं के विस्तार के लिए 13.40 करोड़ रुपये के विभिन्न कार्यों की घोषणा मंच से की।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने अपने उद्बोधन में कहा कि सांसद के रूप में उन्होंने लंबे समय तक सारंगढ़ की सेवा की है और अब प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में छत्तीसगढ़ को विकास पथ आर अग्रसर करने के दायित्व को विगत डेढ़ वर्षों से पूर्ण लगन और समर्पण के साथ निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटियों को पूरा करने की दिशा में सरकार द्वारा ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान 3,100 रुपये की दर से खरीदा जा रहा है। 18 लाख प्रधानमंत्री आवास निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई है और तीव्र गति से हितग्राहियों के मकानों का निर्माण हो रहा है, जिसकी गति इतनी तेज है कि गांवों में राजमिस्त्री और सेंटरिंग प्लेट की भी कमी महसूस होने लगी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि महतारी वंदन योजना से प्रदेश की 70 लाख महिलाओं को आर्थिक संबल मिला है। हर माह मिलने वाली राशि से महिलाएं अपना खुद का व्यवसाय भी प्रारंभ कर रही हैं। सारंगढ़ जिले के दानसरा की माताओं और बहनों ने महतारी वंदन की राशि से अपने गांव में राम मंदिर निर्माण की पहल की है, जिसे आज पूरा प्रदेश जानता है। तेंदूपत्ता खरीदी के दाम बढ़ाए गए हैं। 5.62 लाख कृषि भूमिहीन मजदूरों को 10-10 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। श्री रामलला दर्शन योजना से अब तक 22 हजार श्रद्धालु अयोध्याधाम में प्रभु श्रीराम के दर्शन कर चुके हैं।
राजस्व और जिले के प्रभारी मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कहा कि हमारी सरकार पिछले डेढ़ वर्षों में प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सभी जगह विकास कार्यों को गति देने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में करोड़ों की विकास कार्यों की सौगात मिलने से यहां जनसुविधाओं में वृद्धि होगी।
सांसद श्री राधेश्याम राठिया ने कहा कि सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में विकास कार्यों और अधोसंरचना विस्तार के कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं के साथ पीएम आवास जैसे कार्यों को प्राथमिकता से पूरा किया जा रहा है।
जगदलपुर विधायक श्री किरण देव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जनकल्याणकारी कार्यों को जमीन पर उतारने के साथ प्रदेश में विकास कार्यों को नई ऊंचाई देने का कार्य मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में निरंतर जारी है।सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले को 186 करोड़ की सौगात मिली है, जो जिले में अधोसंरचना विकास को मजबूती प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर भारत माता चौक से गढ़ चौक होते हुए कोसीर चौक तक गौरव पथ निर्माण हेतु 5 करोड़ रुपये, नगर पालिका सारंगढ़ में गार्डन निर्माण हेतु 1 करोड़ रुपये, सारंगढ़ में पी.जी. कॉलेज हेतु भवन निर्माण के लिए 3 करोड़ रुपये, इंडोर स्टेडियम सारंगढ़ के जीर्णोद्धार हेतु 2.5 करोड़ रुपये, बालक छात्रावास सारंगढ़ के मरम्मत हेतु 1 करोड़ रुपये, नवीन जिला अस्पताल में मरीजों की सुविधा हेतु कक्ष निर्माण के लिए 40 लाख रुपये, बस स्टैंड सारंगढ़ में सुविधा विस्तार हेतु 50 लाख रुपये के विकास कार्यों की घोषणा की।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल अध्यक्ष श्री अनुराग सिंहदेव सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
*उचित मूल्य दुकानों के बचत स्टॉक का भौतिक सत्यापन — अनियमितताओं पर सख्त कार्रवाई*
रायपुर 11 अगस्त 2025/ खाद्य विभाग के आदेश के परिपालन में 31 मार्च 2024 की स्थिति में प्रदेश के समस्त जिलों में संचालित 13,779 उचित मूल्य दुकानों के बचत स्टॉक का भौतिक सत्यापन कराया गया। इस सत्यापन के उपरांत 894 दुकानों में कुल 7,891.73 टन चावल की कमी पाई गई। जिन दुकानों में बचत स्टॉक में कमी पाई गई, उनके विरुद्ध विभाग द्वारा कार्रवाई की गई है जिसके अंतर्गत 101 दुकानों के आबंटन को निलंबित किया गया, 72 दुकानों का आबंटन निरस्त किया गया, 19 दुकानों के संचालकों के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई तथा 194 दुकानों के विरुद्ध वसूली हेतु आर.आर.सी. जारी किया गया है।
खाद्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के लिए आगे भी इस प्रकार के निरीक्षण और सत्यापन की कार्यवाही नियमित रूप से जारी रहेगी।
*प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से छत्तीसगढ़ के 1.41 लाख किसानों को ₹152.84 करोड़ का भुगतान — मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का जताया आभार*
रायपुर, 11 अगस्त 2025/ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत आज छत्तीसगढ़ के 1 लाख 41 हजार से अधिक किसानों के बैंक खातों में ₹152 करोड़ 84 लाख की राशि का सीधा अंतरण किया गया। यह राशि फसल हानि की भरपाई के साथ किसानों को आर्थिक सुरक्षा भी प्रदान करेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके दूरदर्शी नेतृत्व में यह योजना किसानों के लिए सुरक्षा कवच बन गई है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज देशभर में 30 लाख से अधिक किसानों को कुल ₹3,200 करोड़ से ज्यादा की बीमा दावा राशि का लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि अन्नदाताओं की रक्षा और उनकी समृद्धि हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मार्गदर्शन और संकल्प से किसानों की समृद्धि और आर्थिक सुरक्षा का द्वार खुला है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार, केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को पूरी पारदर्शिता और तत्परता के साथ प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि राज्य के किसान आर्थिक रूप से और अधिक सशक्त होने के साथ ही आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो सकें।
*मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर में करेंगे ध्वजारोहण*
रायपुर, 11 अगस्त 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय समारोह में राजधानी रायपुर के पुलिस मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और परेड की सलामी लेंगे। बस्तर जिला मुख्यालय में केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू, बिलासपुर में उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव तथा दुर्ग में उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा मुख्य समारोह में ध्वजारोहण करेंगे।
सामान्य प्रशासन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राजनांदगांव में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, सरगुजा में आदिम जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम, गरियाबंद में खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, बालोद में वन मंत्री श्री केदार कश्यप, कोरबा में उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन, जशपुर में स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, रायगढ़ में वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, सूरजपुर में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, जांजगीर-चांपा में राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, बलौदाबाजार में सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, बेमेतरा में सांसद श्री विजय बघेल, कवर्धा में सांसद श्री संतोष पांडेय, बलरामपुर में सांसद श्री चिंतामणि महाराज, महासमुंद में सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, सारंगढ़ में सांसद श्री राधेश्याम राठिया, सक्ती में सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े, बीजापुर में सांसद श्री महेश कश्यप, कांकेर में सांसद श्री भोजराज नाग, तथा खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में सांसद श्री देवेंद्र प्रताप सिंह ध्वजारोहण करेंगे।
मुंगेली जिला मुख्यालय में विधायक श्री पुन्नूलाल मोहले, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में विधायक श्री धरमलाल कौशिक, कोरिया में विधायक श्री अमर अग्रवाल, धमतरी में विधायक श्री अजय चंद्राकर, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में विधायक श्रीमती रेणुका सिंह, कोंडागांव में विधायक सुश्री लता उसेंडी, नारायणपुर में विधायक श्री विक्रम उसेंडी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में विधायक श्री राजेश मूणत, दंतेवाड़ा में विधायक श्री किरण देव और सुकमा जिला मुख्यालय में विधायक श्री धरमजीत सिंह स्वतंत्रता दिवस समारोह में ध्वजारोहण करेंगे।
*छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित करने वाली स्वच्छता दीदियों का पद-प्रक्षालन कर होगा सम्मान*
*स्वच्छ सर्वेक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले नगरीय निकाय भी होंगे सम्मानित*
*मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय 260 करोड़ रुपये से अधिक के कार्यों का करेंगे लोकार्पण एवं भूमिपूजन*
*स्वच्छता और शहरी सौंदर्यीकरण के मानकों को बढ़ाने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का होगा शुभारंभ*
*46 शहरों में ऑनलाइन संपत्ति कर जमा करने हेतु पोर्टल का होगा लोकार्पण*
*नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा ‘स्वच्छता संगम’ का होगा आयोजन*
रायपुर, 11 अगस्त 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा बिलासपुर जिले में 12 अगस्त 2025 को आयोजित होने वाले ‘स्वच्छता संगम-2025’ में, छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित करने वाली स्वच्छता दीदियों का पद-प्रक्षालन कर उन्हें सम्मानित करेंगे। इस अवसर पर वे स्वच्छ सर्वेक्षण-2024-25 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले नगरीय निकायों को भी सम्मान प्रदान करेंगे। मुख्यमंत्री श्री साय 12 अगस्त को बिलासपुर के बहतराई स्थित इंडोर स्टेडियम में 260 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन करेंगे। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री श्री तोखन साहू, विधायकगण श्री धरमलाल कौशिक, श्री अमर अग्रवाल, श्री धर्मजीत सिंह, श्री दिलीप लहरिया, श्री सुशांत शुक्ला एवं श्री अटल श्रीवास्तव तथा बिलासपुर की महापौर श्रीमती पूजा विधानी उपस्थित रहेंगी। ‘स्वच्छता संगम’ में राज्य के सभी नगर निगमों के महापौर, सभापति, स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी सदस्य, नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी सदस्य, निगम आयुक्त, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगरीय निकायों के वरिष्ठ अभियंता तथा स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के नोडल अधिकारी सहित नौ हजार स्वच्छता दीदियों को आमंत्रित किया गया है।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. ने बताया कि ‘स्वच्छता संगम’ में शहरों को स्वच्छ और सुंदर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली स्वच्छता दीदियों का पद-प्रक्षालन कर सम्मानित किया जाएगा। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले सात नगरीय निकायों को नई दिल्ली में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के करकमलों से पुरस्कृत होने का गौरव प्राप्त हुआ है। कार्यक्रम में इन नगरीय निकायों के साथ ही संभाग स्तर पर श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 30 से अधिक नगरीय निकायों को भी सम्मान प्रदान किया जाएगा।
स्वच्छता संगम में नगरीय निकायों में स्वच्छता और शहरी सौंदर्यीकरण के मानकों को बढ़ाने हेतु राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का शुभारंभ किया जाएगा। इस प्रतियोगिता के माध्यम से शहरी स्वच्छता को सुदृढ़ करने के साथ ही सुशासन द्वारा प्रशासनिक कौशल में सुधार तथा नगरीय सौंदर्यीकरण को प्रोत्साहन मिलेगा। यह पहल न केवल शहरों को स्वच्छ और सुंदर बनाने में सहायक होगी, बल्कि नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को भी संवर्धित करेगी। यह हर नगरीय निकाय के जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं नागरिकों को स्वच्छता और शहरी सौंदर्यीकरण के क्षेत्र में अपनी क्षमताओं को पहचानने और उन्हें और बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करेगी।
कार्यक्रम में तीन नगर निगम—बिरगांव, भिलाई-चरोदा और धमतरी—तथा 43 नगर पालिकाओं में ऑनलाइन संपत्ति कर जमा करने की सुविधा हेतु जीआईएस आधारित प्रॉपर्टी टैक्स लाइव पोर्टल का लोकार्पण किया जाएगा। इस प्रकार एक साथ 46 शहरों में ऑनलाइन संपत्ति कर जमा करने की सुविधा प्रारंभ होना, स्थानीय स्वशासन को आधुनिक बनाने और नागरिकों को घर बैठे सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे कर संग्रहण की गति में भी वृद्धि होगी।
*मुख्यमंत्री श्री साय 63.57 करोड़ रुपये के 24 कार्यों का करेंगे लोकार्पण, 197 करोड़ रुपये के 25 कार्यों का करेंगे भूमिपूजन*
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ‘स्वच्छता संगम’ के अवसर पर 260 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन करेंगे। इसके अंतर्गत वे बिलासपुर जिले में विभिन्न विभागों के 63 करोड़ 57 लाख रुपये से अधिक की लागत के 24 निर्माण एवं विकास कार्यों का लोकार्पण तथा 197 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के 25 कार्यों का भूमिपूजन करेंगे। कार्यक्रम में वे विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को सामग्री एवं चेक का वितरण भी करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री साय बिलासपुर के नूतन चौक में तीन करोड़ 85 लाख रुपये की लागत से निर्मित व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स, कोनी में नौ करोड़ पांच लाख रुपये की लागत के एस.टी.पी., चार करोड़ 82 लाख रुपये की लागत के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के कन्या छात्रावास, छह करोड़ 29 लाख रुपये से निर्मित 3.6 किमी लंबाई के नगोई बस्ती से मोढ़े नाका मार्ग, 12 करोड़ 53 लाख रुपये की लागत के सात किमी लंबाई के उसलापुर-दैजा मार्ग के चौड़ीकरण, मजबूतीकरण एवं डामरीकरण कार्य तथा पांच करोड़ 45 लाख रुपये की लागत के साढ़े तीन किमी लंबाई के मंगला भैंसाझार से दीनदयाल कॉलोनी लोखंडी रेलवे फाटक तक टू-लेन सड़क निर्माण कार्य का लोकार्पण करेंगे। इसके साथ ही वे बिलासपुर जिले के 11 गांवों में जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल-जल योजना का भी शुभारंभ करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री साय दयालबंद में 26 करोड़ 42 लाख रुपये की लागत से एजुकेशन हब के अंतर्गत नालंदा परिसर एवं एकेडमिक ब्लॉक निर्माण कार्य, तथा मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना के अंतर्गत अशोक नगर चौक से बिरकोरा मोड़ तक 17 करोड़ रुपये की लागत के गौरव पथ का भूमिपूजन करेंगे। इसके अतिरिक्त वे मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना के तहत अरपा इंद्रासेतु से राम सेतु तक नौ करोड़ 74 लाख रुपये की लागत के अटल पथ निर्माण, और पांच करोड़ नौ लाख रुपये की लागत के मंगला चौक से आजाद चौक सड़क निर्माण का भूमिपूजन करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री साय 11 करोड़ 56 लाख रुपये की लागत से शनिचरी-चांटीडीह मार्ग में अरपा नदी पर उच्च स्तरीय पुल, तीन करोड़ 76 लाख रुपये की लागत से तखतपुर-बरेला के मध्य मनियारी नदी पर पुल, नौ करोड़ 90 लाख रुपये की लागत से बहतराई, राजकिशोर नगर, लिंगियाडीह, देवरीखुर्द एवं सिरगिट्टी में संचालित जल आपूर्ति प्रणाली के उन्नयन कार्य, 34 करोड़ 16 लाख रुपये की लागत से 12.6 किमी लंबाई के बुटेना-धौंराभाटा मार्ग के मजबूतीकरण कार्य, दस करोड़ रुपये की लागत से अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालय भवन तथा बिलासपुर में 22 करोड़ 22 लाख रुपये की लागत से बनने वाले ऑडिटोरियम का भूमिपूजन करेंगे। इसके अलावा वे विजयपुर में छह करोड़ 81 लाख रुपये की लागत के एनीकट और बिलासपुर जिले के सोन से सोनसरी सबरिडेरा के बीच सात करोड़ 96 लाख रुपये की लागत के सरार नाला पर पुलिया सहित ढाई किमी लंबाई के सड़क निर्माण, साथ ही नगर निगम, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के विभिन्न कार्यों का भूमिपूजन करेंगे।
*युक्तियुक्तकरण नीति से प्रदेश के दूरस्थ अंचलों में शिक्षा की नई रोशनी*
*शिक्षक विहीन विद्यालयों को मिले शिक्षक, बच्चों को मिल रही नियमित और गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई*
रायपुर, 11 अगस्त 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर लागू शाला-शिक्षक युक्तियुक्तकरण नीति ने प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव की नई इबारत लिखी है। इस नीति के तहत प्रदेशभर के शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षकों का संतुलित वितरण सुनिश्चित किया गया है, जिससे अब कोई भी विद्यालय शिक्षक विहीन नहीं है और बच्चों को समान व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिल रहा है।
गौरतलब है कि युक्तियुक्तकरण से पूर्व प्रदेश के कुल 453 विद्यालय शिक्षक विहीन थे। युक्तियुक्तकरण के पश्चात एक भी विद्यालय शिक्षक विहीन नहीं है। इसी प्रकार युक्तियुक्तकरण के बाद प्रदेश के 4,728 एकल-शिक्षकीय विद्यालयों में अतिरिक्त शिक्षकों की पदस्थापना की गई है। इस कदम से न केवल कक्षाओं का संचालन नियमित हुआ है, बल्कि बच्चों की उपस्थिति और पढ़ाई के प्रति उत्साह में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
इसका सकारात्मक असर सरगुजा जिले के मैनपाट विकासखंड स्थित प्राथमिक शाला बगडीहपारा में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, जहां हाल ही में दो शिक्षकों की पदस्थापना की गई है। नवपदस्थ शिक्षक श्री रंजीत खलखो ने बताया कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में उन्हें अपनी पसंद के विद्यालय चुनने का अवसर मिला और उन्होंने दूरस्थ बगडीहपारा को इसलिए चुना क्योंकि वे ग्रामीण अंचलों के बच्चों को शिक्षित करना अपना दायित्व और सौभाग्य मानते हैं। दो शिक्षकों की उपलब्धता से विद्यालय में सभी विषयों की पढ़ाई नियमित रूप से हो रही है, जिससे बच्चों की सीखने की गति तेज हुई है और अभिभावकों का भरोसा भी बढ़ा है। अब वे बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेज रहे हैं, जिससे उपस्थिति में निरंतर सुधार हो रहा है।
इसी प्रकार मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी जिले के मानपुर विकासखंड का ग्राम कमकासुर इसका ताजा उदाहरण है। जिला मुख्यालय से 65-70 किलोमीटर दूर स्थित इस नक्सल प्रभावित वनांचल में 14 बच्चों की दर्ज संख्या वाली प्राथमिक शाला पिछले एक वर्ष से शिक्षक विहीन थी। शासन की युक्तियुक्तकरण पहल से यहां प्रधान पाठक की पदस्थापना हुई, जिससे बच्चों की पढ़ाई फिर से शुरू हुई और ग्रामीणों में शिक्षा को लेकर नया उत्साह लौट आया।
इसी तरह सक्ती जिले के ग्राम भक्तूडेरा में भी युक्तियुक्तकरण से बड़ा बदलाव आया। वर्षों से एकल शिक्षक पर निर्भर यह प्राथमिक शाला अब दो शिक्षकों से संचालित हो रही है। इससे बच्चों की पढ़ाई व्यवस्थित हुई, उपस्थिति बढ़ी और अभिभावकों का भरोसा मजबूत हुआ।
राज्य शासन की यह पहल न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार कर रही है, बल्कि यह सुनिश्चित कर रही है कि प्रदेश के सबसे सुदूर और पिछड़े क्षेत्रों के बच्चे भी उज्ज्वल और आत्मनिर्भर भविष्य की ओर अग्रसर हों।
रायपुर : बस्तर संभाग में नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन तथा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का प्रभावी क्रियान्वयन क्षेत्र के लिए एक बड़ा परिवर्तन साबित हो रहा है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं के सशक्त विस्तार की दिशा में लगातार सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के सतत मार्गदर्शन में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं आज तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं।
बस्तर के छ :जिला चिकित्सालयों, दो सिविल अस्पतालों और 41 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल प्रणाली का सफल संचालन किया जा रहा है, जिससे ओपीडी पंजीकरण, परामर्श, जांच, दवा वितरण तथा मरीजों की स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारियां अब एक डिजिटल मंच पर उपलब्ध हो रही हैं। इसके तहत मरीजों को बेहतर और समयबद्ध सेवाएं मिल रही हैं। डिजिटल तकनीक के इस समावेशन ने अस्पतालों में पारदर्शिता, कार्यकुशलता और मरीजों की संतुष्टि में उल्लेखनीय वृद्धि की है।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत अस्पतालों का हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्रेशन (HFR) और चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ का हेल्थ प्रोफेशनल रजिस्ट्रेशन (HPR) सुनिश्चित किया गया है। अस्पताल परिसरों में आभा कियोस्क स्थापित कर मरीजों को आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) बनाने की सुविधा दी जा रही है। स्कैन एंड शेयर एवं आभा आईडी के माध्यम से ऑनलाइन ओपीडी पंजीयन की सुविधा से मरीजों को लम्बी कतारों से राहत मिली है और उन्हें त्वरित सेवाएं मिल रही हैं।
डिजिटल नवाचारों का प्रभाव भी स्पष्ट रूप से सामने आया है। जिला चिकित्सालय बस्तर में मई, जून और जुलाई 2025 के दौरान कुल 60,045 ओपीडी पंजीयन दर्ज किए गए, जिनमें से 32,379 पंजीयन आभा लिंक के माध्यम से हुए — जो कि कुल पंजीयनों का 53% है। इसी अवधि में जिला चिकित्सालय दंतेवाड़ा में 33,895 ओपीडी पंजीयन दर्ज हुए, जिनमें से 13,729 पंजीयन आभा से लिंक किए गए — यानी 40% का डिजिटल एकीकरण।
यह पूरी प्रक्रिया न केवल समय की बचत सुनिश्चित कर रही है, बल्कि मरीजों के लिए डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड की सुविधा भी प्रदान कर रही है, जिसे वे देश के किसी भी हिस्से में कभी भी देख सकते हैं। इससे स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में पारदर्शिता के साथ-साथ उपचार की निरंतरता और गुणवत्ता में भी वृद्धि हो रही है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बस्तर संभाग में नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन जैसी आधुनिक तकनीकों के सफल क्रियान्वयन ने स्वास्थ्य सेवाओं को नई गति और दिशा दी है। डिजिटल पंजीकरण, हेल्थ रिकॉर्ड और पारदर्शी सेवा प्रणाली से मरीजों को समयबद्ध, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल रहा है। यह पहल न केवल बस्तर के लिए, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक अनुकरणीय मॉडल है, जिसे हम शीघ्र ही राज्य के सभी जिलों में लागू कर "स्वस्थ और सशक्त छत्तीसगढ़" के संकल्प को साकार करेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं का यह तकनीकी उन्नयन न केवल स्थानीय जनता के लिए उपयोगी सिद्ध हो रहा है, बल्कि यह पूरे प्रदेश के लिए एक अनुकरणीय मॉडल बनकर उभर रहा है। राज्य सरकार का लक्ष्य इस प्रणाली को सभी जिलों में सुदृढ़ रूप से लागू कर "स्वस्थ और सशक्त छत्तीसगढ़" की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ना है।
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में यह पहल केवल स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटलीकरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम है। बस्तर में मिले सकारात्मक परिणाम इस बात का प्रमाण हैं कि जब तकनीक, प्रशासनिक इच्छाशक्ति और जनभागीदारी एक साथ आते हैं, तो विकास की रफ्तार कई गुना बढ़ जाती है। यह पहल न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव लाएगी, बल्कि ‘स्वस्थ भारत’ के निर्माण में भी छत्तीसगढ़ का महत्त्वपूर्ण योगदान सुनिश्चित करेगी।
रायपुर 10 अगस्त 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद और समाजसेविका स्वर्गीय मिनीमाता जी की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मिनीमाता जी ने अपना संपूर्ण जीवन समाज के वंचित वर्गों, महिलाओं, दलितों और गरीबों के अधिकारों की रक्षा एवं उत्थान के लिए समर्पित किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मिनीमाता जी ने सामाजिक कुरीतियों, बाल विवाह, दहेज प्रथा और छुआछूत जैसी बुराइयों के खिलाफ दृढ़ता से आवाज़ उठाई और संसद में रहते हुए कई महत्वपूर्ण सामाजिक सुधारों की दिशा में उल्लेखनीय योगदान दिया। उनकी कार्यशैली में सदैव सेवा, सरलता और संवेदनशीलता झलकती थी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मिनीमाता जी का जीवन संघर्ष और सेवा का अद्वितीय उदाहरण है, जो आने वाली पीढ़ियों को समाज में समानता, न्याय और भाईचारे की दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि हम सब मिलकर उनके आदर्शों को अपनाएँ और एक न्यायपूर्ण एवं समावेशी समाज के निर्माण में योगदान दें।
जशपुर जिले में 3 नए छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंकों का लोकार्पण
ग्राम आरा, कुडे़केला और छिछली में शुरू हुई नई बैंक शाखाएं
23 ग्राम पंचायतों एवं 48 आश्रित ग्रामों के लगभग 44 हज़ार लोगों को मिलेगा लाभ
रायपुर 10 अगस्त 2025/मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि राज्य और जिले के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारी सरकार की प्राथमिकता है, ताकि किसानों, व्यापारियों और आम नागरिकों को वित्तीय सेवाएं उनके ही गाँव में सुलभ हों। उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेवाएं न केवल आर्थिक गतिविधियों को गति देती हैं, बल्कि शासकीय योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन का भी आधार बनती हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने जशपुर जिले के बगिया ग्राम में मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय से वर्चुअल माध्यम से जशपुर विकासखंड के ग्राम आरा, पत्थलगांव विकासखंड के ग्राम कुडे़केला (घरजियाबथान) और बगीचा विकासखंड के ग्राम छिछली में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की नई शाखाओं का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के 12वें वार्षिक प्रतिवेदन का भी विमोचन किया।
44 हज़ार से अधिक ग्रामीण होंगे लाभान्वित
मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यकम को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि जशपुर जिले में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के तीन नई शाखाओं के शुरू होने से 23 ग्राम पंचायतों और 48 आश्रित ग्रामों के लगभग 44 हज़ार लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। अब ग्रामीणों को बैंकिंग कार्यों के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा, जिससे समय और धन की बचत होगी।
अटल डिजिटल सुविधा केंद्र से ग्रामीणों को मिलेगी वित्तीय सेवाएं
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि जशपुर जिले की 268 पंचायतों में अटल डिजिटल सुविधा केंद्र शुरू किए गए हैं, जिनके माध्यम से अब तक लगभग 15 करोड़ रुपये का लेन-देन हो चुका है। आगामी पंचायत दिवस तक जिले की सभी पंचायतों में ये सुविधा केंद्र प्रारंभ करने की योजना है। इन केंद्रों से ग्रामीणों को उनके गाँव में ही बैंकिंग, बीमा और सरकारी योजनाओं से जुड़ी सेवाएं उपलब्ध होंगी।
जशपुर जिले के ग्राम छिछली की सरपंच श्रीमती अनिमा मिंज, आरा के सरपंच श्री मनोज भगत और कुडे़केला के सरपंच श्रीमती शशिकांता पैंकरा ने कहा कि नई बैंक शाखाओं से अब उनके क्षेत्र के ग्रामीणों को सभी बैंकिंग सुविधाएं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होंगी।
ग्राम पंचायत आरा से वर्चुअली जुड़ी विधायक श्रीमती रायमुनी भगत ने कहा कि बैंक खुलने से हितग्राहीमूलक योजनाओं का लाभ सीधे बैंक के माध्यम से हितग्राहियों को मिलेगा।
ग्राम कुडे़केला से वर्चुअली जुड़ी विधायक श्रीमती गोमती साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की जनधन योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे लोगों में वित्तीय जागरूकता बढ़ी है और अब 3 नए ग्रामीण बैंकों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में गति आएगी। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय ने भी मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया। इन 3 नई शाखाओं के खुलने से जिले में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की कुल शाखाओं की संख्या बढ़कर 30 हो गई है।
कैंप कार्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में माटीकला बोर्ड के अध्यक्ष श्री शंभूनाथ चक्रवर्ती, जिला पंचायत सदस्य श्री वेद प्रकाश भगत, श्री उपेन्द्र यादव, श्री सुनील गुप्ता, जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के चेयरमैन श्री विनोद अरोड़ा सहित तीनों ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधिगण और ग्रामीण वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे।
11 अगस्त को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्लेम का होगा पात्र बीमित किसानों के खाते में सीधे अंतरण
रायपुर, 10 अगस्त 2025/ भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं मौसम आधारित फसल बीमा योजना अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य के एक लाख 41 हजार 879 पात्र बीमित किसानों को कुल 152 करोड़ 84 लाख 62 हजार रुपये का दावा राशि का भुगतान राष्ट्रव्यापी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से किया जाएगा। जिसमें खरीफ सीजन 2024 के 33 हजार 943 पात्र किसानों को 10 करोड़ 25 लाख 97 हजार रुपये तथा रबी सीजन 2024-25 के एक लाख 7 हजार 936 पात्र किसानों को 142 करोड़ 58 लाख 65 हजार रुपये का दावा भुगतान शामिल है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत यह भुगतान 11 अगस्त 2025 (सोमवार) को राष्ट्रव्यापी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण आधारित स्वचालित प्रणाली के माध्यम से केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में राजस्थान के झुंझुनू में आयोजित कार्यक्रम में होगी। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा होंगे। कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री भागीरथ चौधरी, राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किशोरी लाल मीना विशिष्ट अतिथि होंगे।
यह कार्यक्रम दोपहर 12 बजे से आरंभ होगा। छत्तीसगढ़ के पात्र बीमित कृषकों को वर्चुअल मोड से कार्यक्रम में शामिल करने हेतु जिला स्तर पर कार्यालय उप संचालक कृषि तथा विकासखण्ड स्तर पर कार्यालय वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी में आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं, ताकि अधिक से अधिक लाभार्थी कृषक इसका हिस्सा बन सकें।
मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन ने इस अवसर पर कहा कि किसानों की आर्थिक सुरक्षा हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसे प्रभावी कार्यक्रम किसानों को प्राकृतिक आपदाओं एवं फसल हानि से उबारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह दावा भुगतान हमारे कृषकों के विश्वास और आत्मनिर्भरता को और मजबूत करेगा। हमारी सरकार खेती को लाभकारी बनाने, सिंचाई सुविधाओं के विस्तार, आधुनिक तकनीक के प्रसार और फसल विविधीकरण के माध्यम से प्रदेश की कृषि को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए संकल्पित है।
विगत तीन माह में बस्तर जिले में आभा लिंक के माध्यम से 53 फीसदी मरीजों ने कराया ओपीडी रजिस्ट्रेशन
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बस्तर संभाग में हो रहा है डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल की पहल पर “नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल” से स्वास्थ्य सुविधाएं हुईं और भी सुलभ, प्रभावी एवं पारदर्शी
रायपुर,
बस्तर संभाग में नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन तथा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का प्रभावी क्रियान्वयन क्षेत्र के लिए एक बड़ा परिवर्तन साबित हो रहा है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं के सशक्त विस्तार की दिशा में लगातार सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के सतत मार्गदर्शन में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं आज तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं।
बस्तर के छ :जिला चिकित्सालयों, दो सिविल अस्पतालों और 41 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल प्रणाली का सफल संचालन किया जा रहा है, जिससे ओपीडी पंजीकरण, परामर्श, जांच, दवा वितरण तथा मरीजों की स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारियां अब एक डिजिटल मंच पर उपलब्ध हो रही हैं। इसके तहत मरीजों को बेहतर और समयबद्ध सेवाएं मिल रही हैं। डिजिटल तकनीक के इस समावेशन ने अस्पतालों में पारदर्शिता, कार्यकुशलता और मरीजों की संतुष्टि में उल्लेखनीय वृद्धि की है।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत अस्पतालों का हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्रेशन (HFR) और चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ का हेल्थ प्रोफेशनल रजिस्ट्रेशन (HPR) सुनिश्चित किया गया है। अस्पताल परिसरों में आभा कियोस्क स्थापित कर मरीजों को आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) बनाने की सुविधा दी जा रही है। स्कैन एंड शेयर एवं आभा आईडी के माध्यम से ऑनलाइन ओपीडी पंजीयन की सुविधा से मरीजों को लम्बी कतारों से राहत मिली है और उन्हें त्वरित सेवाएं मिल रही हैं।
डिजिटल नवाचारों का प्रभाव भी स्पष्ट रूप से सामने आया है। जिला चिकित्सालय बस्तर में मई, जून और जुलाई 2025 के दौरान कुल 60,045 ओपीडी पंजीयन दर्ज किए गए, जिनमें से 32,379 पंजीयन आभा लिंक के माध्यम से हुए — जो कि कुल पंजीयनों का 53% है। इसी अवधि में जिला चिकित्सालय दंतेवाड़ा में 33,895 ओपीडी पंजीयन दर्ज हुए, जिनमें से 13,729 पंजीयन आभा से लिंक किए गए — यानी 40% का डिजिटल एकीकरण।
यह पूरी प्रक्रिया न केवल समय की बचत सुनिश्चित कर रही है, बल्कि मरीजों के लिए डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड की सुविधा भी प्रदान कर रही है, जिसे वे देश के किसी भी हिस्से में कभी भी देख सकते हैं। इससे स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में पारदर्शिता के साथ-साथ उपचार की निरंतरता और गुणवत्ता में भी वृद्धि हो रही है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बस्तर संभाग में नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन जैसी आधुनिक तकनीकों के सफल क्रियान्वयन ने स्वास्थ्य सेवाओं को नई गति और दिशा दी है। डिजिटल पंजीकरण, हेल्थ रिकॉर्ड और पारदर्शी सेवा प्रणाली से मरीजों को समयबद्ध, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल रहा है। यह पहल न केवल बस्तर के लिए, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक अनुकरणीय मॉडल है, जिसे हम शीघ्र ही राज्य के सभी जिलों में लागू कर "स्वस्थ और सशक्त छत्तीसगढ़" के संकल्प को साकार करेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं का यह तकनीकी उन्नयन न केवल स्थानीय जनता के लिए उपयोगी सिद्ध हो रहा है, बल्कि यह पूरे प्रदेश के लिए एक अनुकरणीय मॉडल बनकर उभर रहा है। राज्य सरकार का लक्ष्य इस प्रणाली को सभी जिलों में सुदृढ़ रूप से लागू कर "स्वस्थ और सशक्त छत्तीसगढ़" की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ना है।
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में यह पहल केवल स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटलीकरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम है। बस्तर में मिले सकारात्मक परिणाम इस बात का प्रमाण हैं कि जब तकनीक, प्रशासनिक इच्छाशक्ति और जनभागीदारी एक साथ आते हैं, तो विकास की रफ्तार कई गुना बढ़ जाती है। यह पहल न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव लाएगी, बल्कि ‘स्वस्थ भारत’ के निर्माण में भी छत्तीसगढ़ का महत्त्वपूर्ण योगदान सुनिश्चित करेगी।
विगत तीन माह में बस्तर जिले में आभा लिंक के माध्यम से 53 फीसदी मरीजों ने कराया ओपीडी रजिस्ट्रेशन
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बस्तर संभाग में हो रहा है डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल की पहल पर “नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल” से स्वास्थ्य सुविधाएं हुईं और भी सुलभ, प्रभावी एवं पारदर्शी
रायपुर, 10 अगस्त 2025/
बस्तर संभाग में नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन तथा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का प्रभावी क्रियान्वयन क्षेत्र के लिए एक बड़ा परिवर्तन साबित हो रहा है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं के सशक्त विस्तार की दिशा में लगातार सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के सतत मार्गदर्शन में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं आज तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं।
बस्तर के छ :जिला चिकित्सालयों, दो सिविल अस्पतालों और 41 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल प्रणाली का सफल संचालन किया जा रहा है, जिससे ओपीडी पंजीकरण, परामर्श, जांच, दवा वितरण तथा मरीजों की स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारियां अब एक डिजिटल मंच पर उपलब्ध हो रही हैं। इसके तहत मरीजों को बेहतर और समयबद्ध सेवाएं मिल रही हैं। डिजिटल तकनीक के इस समावेशन ने अस्पतालों में पारदर्शिता, कार्यकुशलता और मरीजों की संतुष्टि में उल्लेखनीय वृद्धि की है।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत अस्पतालों का हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्रेशन (HFR) और चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ का हेल्थ प्रोफेशनल रजिस्ट्रेशन (HPR) सुनिश्चित किया गया है। अस्पताल परिसरों में आभा कियोस्क स्थापित कर मरीजों को आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) बनाने की सुविधा दी जा रही है। स्कैन एंड शेयर एवं आभा आईडी के माध्यम से ऑनलाइन ओपीडी पंजीयन की सुविधा से मरीजों को लम्बी कतारों से राहत मिली है और उन्हें त्वरित सेवाएं मिल रही हैं।
डिजिटल नवाचारों का प्रभाव भी स्पष्ट रूप से सामने आया है। जिला चिकित्सालय बस्तर में मई, जून और जुलाई 2025 के दौरान कुल 60,045 ओपीडी पंजीयन दर्ज किए गए, जिनमें से 32,379 पंजीयन आभा लिंक के माध्यम से हुए — जो कि कुल पंजीयनों का 53% है। इसी अवधि में जिला चिकित्सालय दंतेवाड़ा में 33,895 ओपीडी पंजीयन दर्ज हुए, जिनमें से 13,729 पंजीयन आभा से लिंक किए गए — यानी 40% का डिजिटल एकीकरण।
यह पूरी प्रक्रिया न केवल समय की बचत सुनिश्चित कर रही है, बल्कि मरीजों के लिए डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड की सुविधा भी प्रदान कर रही है, जिसे वे देश के किसी भी हिस्से में कभी भी देख सकते हैं। इससे स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में पारदर्शिता के साथ-साथ उपचार की निरंतरता और गुणवत्ता में भी वृद्धि हो रही है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बस्तर संभाग में नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन जैसी आधुनिक तकनीकों के सफल क्रियान्वयन ने स्वास्थ्य सेवाओं को नई गति और दिशा दी है। डिजिटल पंजीकरण, हेल्थ रिकॉर्ड और पारदर्शी सेवा प्रणाली से मरीजों को समयबद्ध, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल रहा है। यह पहल न केवल बस्तर के लिए, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक अनुकरणीय मॉडल है, जिसे हम शीघ्र ही राज्य के सभी जिलों में लागू कर "स्वस्थ और सशक्त छत्तीसगढ़" के संकल्प को साकार करेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं का यह तकनीकी उन्नयन न केवल स्थानीय जनता के लिए उपयोगी सिद्ध हो रहा है, बल्कि यह पूरे प्रदेश के लिए एक अनुकरणीय मॉडल बनकर उभर रहा है। राज्य सरकार का लक्ष्य इस प्रणाली को सभी जिलों में सुदृढ़ रूप से लागू कर "स्वस्थ और सशक्त छत्तीसगढ़" की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ना है।
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में यह पहल केवल स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटलीकरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम है। बस्तर में मिले सकारात्मक परिणाम इस बात का प्रमाण हैं कि जब तकनीक, प्रशासनिक इच्छाशक्ति और जनभागीदारी एक साथ आते हैं, तो विकास की रफ्तार कई गुना बढ़ जाती है। यह पहल न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव लाएगी, बल्कि ‘स्वस्थ भारत’ के निर्माण में भी छत्तीसगढ़ का महत्त्वपूर्ण योगदान सुनिश्चित करेगी।