ईश्वर दुबे
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रायपुर :
कोरबा शहर के घन्टाघर चौक स्थित डॉ भीमराव अंबेडकर ओपन आडिटोरियम परिसर में तीन दिवसीय राज्योत्सव का आयोजन किया गया। यहाँ विभिन्न विभागों द्वारा शासन की कल्याणकारी योजनाओं पर आधारित प्रदर्शनी और योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। इसी कड़ी में जनसंपर्क विभाग द्वारा स्टॉल लगाकर शासन की योजनाओं के संबंध में जानकारी दी गई। जिले के 25 वर्ष के विकास प्रगति तथा विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी भी प्रदर्शित की गई। जिले के हितग्राहियों को प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, युक्तियुक्त करण एवं अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति से विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर में सुधार, जल जीवन मिशन अंतर्गत लगे नल, पहाड़ी कोरवाओं के युवा बेरोजगारों को मिली नौकरी के बाद जीवन में सकारात्मक परिवर्तन, महतारी वंदन योजना, प्रधानमंत्री आवास एवं अन्य योजनाओं के लाभ से जीवन में आए बदलाव को बताया गया।
स्टॉल में जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका जनमन, सुशासन तिहार 2025, सेवा समर्पण सुशासन, नवाचार की योजनाएं, विकसित भारत की ओर बढ़ते छत्तीसगढ़ सहित अन्य ब्रोसर,पाम्पलेट व पत्रिकाओं का वितरण भी आमनागरिको को किया गया। यहाँ से शासन की योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर युवाओं द्वारा बताया गया कि जनमन जैसी पत्रिका उनके लिए बहुत उपयोगी है। पत्रिका में शासन द्वारा संचालित सभी योजनाओं की जानकारी होती है। जो कि प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी में काम आती है। साथ ही आमजनों को स्टॉल में लगी फोटो प्रदर्शनी के माध्यम अनेक विभागीय योजनाओं की भी जानकारी प्राप्त हुई। जिससे वे उन योजनाओं से जुड़कर निश्चित ही लाभांवित होंगे।
रायपुर :
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने आज छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर बस्तर जिला मुख्यालय जगदलपुर में आयोजित जिला स्तरीय राज्योत्सव का शुभारंभ किया। उन्होंने राज्योत्सव स्थल पर लगाए गए विभिन्न विभागों के स्टालों का भी अवलोकन किया। उन्होंने आमचो बस्तर हाट कियोस्क का उद्घाटन कर कलागुड़ी कैटलॉक का विमोचन किया।
विभागीय स्टॉलों का अवलोकन भी किया
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दंतेश्वरी मैय्या की पवित्र धरा में जिला स्तरीय राज्योत्सव का शुभारंभ किया जा रहा है। हमारा छत्तीसगढ़ अब 25 बरस का हो गया है। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी बाजपेयी के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य ने 25 वर्ष में सभी क्षेत्रों में विकास किया है। शिक्षा, उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना सहित सभी क्षेत्रों में विकास हुआ है जिनकी बदौलत देश में राज्य ने नई पहचान बनाई है। तेज गति से विकास के साथ ही बड़े-बड़े उद्योगों के लिए निवेश हो रहे हैं।
विभागीय स्टॉलों का अवलोकन भी किया
श्री साव ने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों को सुरक्षा बलों और पुलिस के द्वारा नक्सल मुक्त किया जा रहा है। नक्सलियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति दी गई है। बस्तर अब देश और दुनिया में अपनी उत्कृष्ट कला, संस्कृति, हस्तशिल्प और पर्यटन के लिए जाना जा रहा है। पूरे राज्य में रजत महोत्सव भव्य तरीके से मनाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ लंबी उड़ान के लिए तैयार है। हम सभी को इसे हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए काम करना है।
विभागीय स्टॉलों का अवलोकन भी किया
शुभारंभ कार्यक्रम को बस्तर जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती वेदवती कश्यप, उपाध्यक्ष श्री बलदेव मंडावी और जगदलपुर नगर निगम के सभापति ने भी संबोधित कर सभी को राज्योत्सव की बधाई और शुभकामनाएँ दीं। संभागायुक्त श्री डोमन सिंह, आईजी श्री सुंदरराज पी., कलेक्टर श्री हरीश एस. और जिला पंचायत के सीईओ श्री प्रतीक जैन सहित जनप्रतिनिधि, पार्षदगण और गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में कार्यक्रम में मौजूद थे।
रायपुर :
छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित राज्योत्सव के दूसरे दिन राज्यपाल श्री रमेन डेका मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस मौके पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होना हम सभी के लिए गर्व का क्षण है। यह रजत जयंती वर्ष बीते हुए सफर को याद करने और भविष्य के लिए नए संकल्प लेने का अवसर है।
राज्यपाल ने कहा कि वर्ष 2000 में जब छत्तीसगढ़ का गठन हुआ था, तब यह उम्मीदों और चुनौतियों से भरा राज्य था। पिछले पच्चीस वर्षों में राज्य ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, बिजली, सड़कों और संस्कृति सहित हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ एक युवा राज्य है, जिसने कम समय में अपनी प्रतिभा और क्षमताओं से देशभर में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।
श्री डेका ने ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी, तथा राज्य निर्माण का स्वप्न देखने और उसे साकार करने के लिए संघर्ष करने वाले सभी महापुरुषों को नमन किया।
उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को बधाई देते हुए कहा कि राज्य शासन द्वारा जनकल्याण की दिशा में कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि, जनजातीय समाज, महिलाएं और युवा वर्ग सशक्त हो रहे हैं।
राज्यपाल श्री ने कहा कि बीते वर्षों में छत्तीसगढ़ ने विकास की एक ठोस नींव रखी है। यहां की सांस्कृतिक पहचान, प्राकृतिक संपदा और मेहनती जनता इस राज्य की सबसे बड़ी पूंजी हैं। उन्होंने कहा कि विकास के साथ प्रकृति का संतुलन बनाए रखना भी उतना ही आवश्यक है।
नक्सल समस्या पर राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से छत्तीसगढ़ अब नक्सलमुक्त होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। जिन इलाकों में कभी डर और हिंसा थी, वहां आज सड़कों का निर्माण हो रहा है, स्कूल खुल रहे हैं और बच्चों के चेहरे में मुस्कुराहट है।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे किसान, मजदूर, युवा और महिलाएं इस राज्य की असली ताकत हैं। उनकी मेहनत और संकल्प ही छत्तीसगढ़ को आत्मनिर्भर और प्रगतिशील बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि रजत जयंती वर्ष में हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ सुशासन, विकास और भाईचारे का आदर्श राज्य बने। हम सब मिलकर अपने संसाधनों का संतुलित और बेहतर उपयोग करते हुए छत्तीसगढ़ को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करेंगे।
राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को छत्तीसगढ़ राज्योत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
स्वागत उद्बोधन संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के सचिव डॉक्टर रोहित यादव ने दिया। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य की 25 वर्षों की विकास यात्रा को रेखांकित करते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों को राज्योत्सव में आकर विकास प्रदर्शनी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद उठाने का आग्रह किया । आभार प्रदर्शन संचालक श्री विवेक आचार्य ने किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने समारोह में प्रस्तुति देने वाले गायक श्री आदित्य नारायण, पद्मश्री डोमार सिंह सहित अन्य कलाकारों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में राज्य की प्रथम महिला श्रीमती रानी डेका काकोटी, साहित्य अकादमी संस्कृति परिषद के अध्यक्ष श्री शशांक शर्मा, फिल्म विकास निगम की अध्यक्ष सुश्री मोना सेन सहित दर्शक गण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
रायपुर :
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और रामनामी समाज के बीच आत्मीय संवाद का एक वीडियो देश में तेजी से वायरल हुआ है। इस वीडियो को अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इसे भावनात्मक और प्रेरणादायी पल बताया है ।
छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित रजत महोत्सव के दौरान एक हृदयस्पर्शी दृश्य उस समय देखने को मिला, जब रामनाम में लीन जीवन जीने वाले रामनामी समाज के प्रतिनिधियों ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से आत्मीय भेंट की।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बताया कि प्रधानमंत्री जी के रायपुर प्रवास से कुछ ही घंटे पहले मंत्रालय में रामनामी समुदाय के प्रतिनिधियों से उनकी भेंट हुई थी। उन्होंने प्रधानमंत्री जी से मिलने की अपनी प्रबल इच्छा व्यक्त की थी, जिसके अनुरूप इसके लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गईं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जब रजत महोत्सव के दौरान रामनामी समुदाय के ये श्रद्धालु प्रधानमंत्री श्री मोदी से मिले, तब उन्होंने बड़े आदर और प्रेम से प्रधानमंत्री जी को अपने पारंपरिक मोर मुकुट से मुख्य मंच पर अलंकृत करने की अभिलाषा प्रकट की। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जिस सहजता, स्नेह और आत्मीय भाव से उनके इस अनुरोध को स्वीकार किया, वह क्षण वहां उपस्थित सभी लोगों के लिए अत्यंत भावनात्मक और प्रेरणादायी बन गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रामनाम ही जिनका धर्म, रामभक्ति ही जिनका कर्म - ऐसे अद्भुत और राममय रामनामी समाज के सदस्यों के तन पर अंकित ‘राम’ केवल एक नाम नहीं, बल्कि समर्पण, तपस्या और अटूट आस्था का प्रतीक है। यह समुदाय अपने तन, मन और जीवन को प्रभु श्रीराम के चरणों में अर्पित कर देता है — यही उनकी जीवन साधना है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की इस आत्मीयता में भक्ति और कर्म का अद्वितीय संगम झलकता है। यह दृश्य इस सत्य को पुष्ट करता है कि रामभक्ति केवल पूजा नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक पवित्र साधना है, जिसे प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने आचरण और जीवन मूल्यों से सार्थक किया है।
रायपुर :
देवउठनी एकादशी के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में श्रद्धा, भक्ति और पारंपरिक विधि-विधान के साथ तुलसी विवाह का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने माता तुलसी एवं भगवान शालिग्राम का विवाह संपन्न कराया और सपरिवार पूजा-अर्चना की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि देवउठनी एकादशी धर्म, अध्यात्म और प्रकृति के संतुलन का प्रतीक है। भगवान श्री विष्णु के योगनिद्रा से जागरण के साथ ही शुभ कार्यों की पुनः शुरुआत होती है। तुलसी विवाह समाज में पवित्रता, सौहार्द और एकत्व की भावना को जागृत करता है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की लोक परंपराओं में तुलसी विवाह का विशेष महत्व है। यह पर्व हमें परिवार, समाज और प्रकृति के बीच सामंजस्य और संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा देता है। हमारी लोक संस्कृति में तुलसी विवाह को पवित्रता और समर्पण का प्रतीक माना गया है, जो जीवन में सात्त्विकता और सद्भावना का संचार करता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों के सुख, शांति, समृद्धि और आरोग्यता की मंगलकामना करते हुए कहा कि सृष्टि के पालनहार भगवान श्री विष्णु और माता तुलसी की कृपा से सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास हो, तथा समूची सृष्टि में आरोग्य, सौहार्द और मंगलमय ऊर्जा का संचार हो।
उन्होंने कहा कि यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि जीवन में संतुलन, सकारात्मकता और नव आरंभ का प्रतीक भी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों को देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह के पावन अवसर की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं और कहा कि यह पर्व हमारी समृद्ध परंपराओं, लोकआस्था और जीवनमूल्यों को निरंतर जीवंत रखने का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया पर साझा किया यह भावनात्मक पल
रायपुर 2 नवंबर 2025/प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और रामनामी समाज के बीच आत्मीय संवाद का एक वीडियो देश में तेजी से वायरल हुआ है । इस वीडियो को अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इसे भावनात्मक और प्रेरणादायी पल बताया है ।
छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित रजत महोत्सव के दौरान एक हृदयस्पर्शी दृश्य उस समय देखने को मिला, जब रामनाम में लीन जीवन जीने वाले रामनामी समाज के प्रतिनिधियों ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से आत्मीय भेंट की।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बताया कि प्रधानमंत्री जी के रायपुर प्रवास से कुछ ही घंटे पहले मंत्रालय में रामनामी समुदाय के प्रतिनिधियों से उनकी भेंट हुई थी। उन्होंने प्रधानमंत्री जी से मिलने की अपनी प्रबल इच्छा व्यक्त की थी, जिसके अनुरूप इसके लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गईं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जब रजत महोत्सव के दौरान रामनामी समुदाय के ये श्रद्धालु प्रधानमंत्री श्री मोदी से मिले, तब उन्होंने बड़े आदर और प्रेम से प्रधानमंत्री जी को अपने पारंपरिक मोर मुकुट से मुख्य मंच पर अलंकृत करने की अभिलाषा प्रकट की। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जिस सहजता, स्नेह और आत्मीय भाव से उनके इस अनुरोध को स्वीकार किया, वह क्षण वहां उपस्थित सभी लोगों के लिए अत्यंत भावनात्मक और प्रेरणादायी बन गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रामनाम ही जिनका धर्म, रामभक्ति ही जिनका कर्म - ऐसे अद्भुत और राममय रामनामी समाज के सदस्यों के तन पर अंकित ‘राम’ केवल एक नाम नहीं, बल्कि समर्पण, तपस्या और अटूट आस्था का प्रतीक है। यह समुदाय अपने तन, मन और जीवन को प्रभु श्रीराम के चरणों में अर्पित कर देता है — यही उनकी जीवन साधना है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की इस आत्मीयता में भक्ति और कर्म का अद्वितीय संगम झलकता है। यह दृश्य इस सत्य को पुष्ट करता है कि रामभक्ति केवल पूजा नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक पवित्र साधना है, जिसे प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने आचरण और जीवन मूल्यों से सार्थक किया है।
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छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित राज्योत्सव कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ‘कोसा कॉफ़ी टेबल बुक’ का विमोचन किया। जनसंपर्क विभाग का यह विशेष प्रकाशन प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में हुए जन-कल्याणकारी कार्यों और विकास यात्रा का विस्तृत दस्तावेज़ प्रस्तुत करता है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह कॉफी टेबल बुक प्रधानमंत्री श्री मोदी की गारंटी के अंतर्गत पूरे हुए विकास कार्यों का प्रमाण है। इसमें उन योजनाओं और पहल का समावेश है, जिन्होंने छत्तीसगढ़ की धरती पर विश्वास, विकास और पारदर्शिता का नया अध्याय लिखा है।
‘मोदी की गारंटी’ — विकास के सशक्त उदाहरण
'कॉफी टेबल बुक' में प्रमुख रूप से प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत गरीब परिवारों को मिले आवास, किसानों को दी गई धान बोनस राशि, कृषक उन्नति योजना के तहत हुए कृषि सुधार, तथा लोक सेवा आयोग (PSC) परीक्षा मूल्यांकन प्रणाली में लायी गई पारदर्शिता जैसे अनेक जनहितकारी सुधारों का विस्तारपूर्वक विवरण शामिल है।
जन-कल्याण से सुशासन तक की यात्रा
‘कॉफ़ी टेबल बुक’ में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संचालित विभिन्न केंद्रीय योजनाओं - जैसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, उज्ज्वला योजना, हर घर जल मिशन, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, और डिजिटल प्रशासनिक सुधार - के माध्यम से छत्तीसगढ़ में आए सकारात्मक परिवर्तनों को चित्रों और आँकड़ों के माध्यम से जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया है।
राज्य की प्रगति का जीवंत चित्रण
यह पुस्तक न केवल योजनाओं की जानकारी देती है, बल्कि यह बताती है कि किस प्रकार केंद्र और राज्य सरकार के समन्वय से आम नागरिकों का जीवन बदला है। ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण, युवाओं के अवसर, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और प्रशासनिक पारदर्शिता के क्षेत्र में हुए कार्यों को विशेष रूप से रेखांकित किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि यह 'कॉफी टेबल बुक' छत्तीसगढ़ के नागरिकों के लिए गर्व का विषय है, क्योंकि यह राज्य की 25 वर्ष की उपलब्धियों और प्रधानमंत्री श्री मोदी की विकासोन्मुख दृष्टि का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक आने वाली पीढ़ियों के लिए ‘विकसित छत्तीसगढ़ 2047’ के सपने की प्रेरणा बनेगी।
रायपुर :
राज्यपाल श्री रमेन डेका ने आज लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला के राजभवन आगमन पर उनका स्वागत किया
राज्यपाल श्री रमेन डेका ने आज लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला के राजभवन आगमन पर उनका स्वागत किया और उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया।
इस अवसर पर राज्य की प्रथम महिला श्रीमती रानी डेका काकोटी भी उपस्थित थी।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने संग्रहालय में स्वतंत्रता सेनानियों की वीरता को प्रदर्शित करती दीर्घाओं का किया अवलोकन
रायपुर, 01 नवम्बर 2025/ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज छत्तीसगढ़ की रजत जयंती समारोह के अवसर पर शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मारक सह संग्रहालय का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को संग्रहालय को उत्कृष्टता के साथ मूर्त रूप देने के प्रयासों के लिए बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि संग्रहालय में छत्तीसगढ़ के वीर सेनानियों का देश के लिए योगदान जीवंत रूप में प्रदर्शित हो रहा है। यह आने वाली पीढ़ियों को हमारे वीर नायकों के शौर्य और बलिदान से परिचित कराता रहेगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि जनजातीय वर्गों की ऐतिहासिक गौरवगाथा, शौर्य और बलिदान का प्रतीक यह संग्रहालय-सह-स्मारक अब जनसमर्पित हो रहा है। यह संग्रहालय नई पीढ़ियों को हमारे पुरखों की वीरगाथाओं को अविस्मरणीय बनाएगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने संग्रहालय की विशेषताओं की जानकारी दी। श्री बोरा ने बताया कि शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मारक सह संग्रहालय 50 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। यहां 14 गैलरियों में अंग्रेजी हुकूमत काल के जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की लगभग 650 मूर्तियाँ स्थापित की गई हैं। जनजातीय विद्रोहों को आसानी से समझाने के लिए डिजिटल माध्यमों की भी व्यवस्था की गई है।
परिसर में शहीद वीर नारायण सिंह जी की प्रतिमा का अनावरण
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने संग्रहालय परिसर में शहीद वीर नारायण सिंह जी की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर ‘ई-पुस्तिका आदि शौर्य’ का विमोचन भी किया गया।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने शहीद वीर नारायण सिंह जी के वंशजों से मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम जाना। उन्होंने संग्रहालय परिसर में ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत पौधारोपण भी किया।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ‘जशप्योर ब्रांड’ की कलाकृतियों की सराहना की
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जशपुर जिले की महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित ‘जशप्योर ब्रांड’ के अंतर्गत तैयार किए गए उत्पादों — महुआ लड्डू, महुआ कैंडी, महुआ टी, महुआ हेक्टर संग्रह आदि का अवलोकन किया और उनकी गुणवत्ता की सराहना की। उन्होंने जशपुर की पारंपरिक हस्तकला ‘छिंद कांसा टोकरी’ (हाथ से बनी बांस/छिंद की टोकरियाँ) के बारे में जानकारी ली और स्थानीय संसाधनों से बनी इस कलाकृति की प्रशंसा की।
इस अवसर पर राज्यपाल श्री रमेन डेका, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम, राज्य के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम, केंद्रीय राज्य मंत्री (जनजातीय कार्य) श्री दुर्गा दास उइके, केंद्रीय सचिव (जनजातीय कार्य मंत्रालय) श्रीमती रंजना चोपड़ा, प्रमुख सचिव (अनुसूचित जनजाति) श्री सोनमणि बोरा, निदेशक (केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय) श्रीमती दीपाली मसीरकर, आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर, टीआरटीआई संचालक श्रीमती हिना अनिमेष नेताम, शहीद वीर नारायण सिंह जी के वंशज तथा विभिन्न राज्यों के जनजातीय कार्य एवं अनुसंधान संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
आदिवासी गौरव, शौर्य एवं बलिदान का प्रतीक है यह संग्रहालय
नवा रायपुर अटल नगर में स्थापित यह भव्य और आकर्षक संग्रहालय आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की शौर्यगाथा को सजीव रूप में प्रस्तुत करता है। यह संग्रहालय इस संदेश को जीवंत करता है कि अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध विद्रोह करने का साहस सबसे बड़ी शक्ति है।
यह प्रदेश का पहला संग्रहालय है, जो विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के शौर्य और बलिदान को समर्पित है। यह स्मारक-सह-संग्रहालय आने वाली पीढ़ियों को अपने पुरखों के संघर्षों और बलिदानों की स्मृति से जोड़े रखेगा।
50 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित यह संग्रहालय 14 गैलरियों में विभाजित है, जिनमें अंग्रेजी शासन काल में हुए विभिन्न आदिवासी विद्रोहों के 650 से अधिक मूर्तिशिल्प प्रदर्शित किए गए हैं। जनजातीय विद्रोहों को सहज रूप में समझाने के लिए यहां डिजिटल माध्यमों का भी प्रयोग किया गया है।
भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
माई दंतेश्वरी की जय!
मां महामाया की जय!
मां बम्लेश्वरी की जय!
छत्तीसगढ़ महतारी की जय!
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका जी, प्रदेश के लोकप्रिय एवं ऊर्जावान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे वरिष्ठ साथी जुएल ओरांव जी, दुर्गा दास उइके जी, तोखन साहू जी, राज्य विधानसभा के अध्यक्ष रमन सिंह जी, उपमुख्यमंत्री अरुण साहू जी, विजय शर्मा जी, उपस्थित मंत्रीगण, जनप्रतिनिधिगण और विशाल संख्या में छत्तीसगढ़ के कोने-कोने से आए हुए सभी मेरे प्यारे भाइयों और बहनों,
छत्तीसगढ़ के जम्मो भाई-बहिनी, लइका, सियान, महतारी मन ल दूनो हाथ जोड़के जय जोहार!
आज छत्तीसगढ़ राज अपन गठन के 25 बछर पूरा करिस हे। ए मउका म जम्मो छत्तीसगढ़िया मन ल गाड़ा-गाड़ा बधई अउ सुभकामना।
भाइयों और बहनों,
छत्तीसगढ़ के रजत जयंती समारोह में छत्तीसगढ़िया भाई-बहनों के साथ-साथ सहभागी बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। आप सब भली भांति जानते हैं, मैंने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में छत्तीसगढ़ राज्य गठन से पहले का दौर भी देखा है और बीते 25 साल में सफर का साक्षी भी रहा हूं। इसलिए, इस गौरवशाली पल का हिस्सा बनना मेरे लिए भी अद्भुत अनुभूति है।
साथियों,
25 साल की यात्रा हमने पूरी की है। 25 साल का एक कालखंड पूरा हुआ है और आज अगले 25 साल के नए युग का सूर्योदय हो रहा है। मेरा एक काम करेंगे आप लोग? सब लोग बताइए, मेरा एक काम करेंगे? करेंगे? अपना मोबाइल फोन निकालिए, मोबाइल फोन का फ्लैश लाइट चालू कीजिए और यह अगले 25 साल के सूर्योदय का आरंभ हो चुका है। हर एक हाथ में जो मोबाइल है, उसकी फ्लैश लाइट चालू कीजिए। देखिए चारों तरफ मैं देख रहा हूं, आपकी हथेली में नए सपनों का सूरज उगा है। आपके हथेली में नए युग के संकल्पों की रोशनी नजर आ रही है। यही रोशनी जो आपके पुरुषार्थ से जुड़ी हुई है, जो आपके भाग्य का निर्माण करने वाली है।
साथियों,
25 साल पहले अटल जी की सरकार ने आपके सपनों का छत्तीसगढ़ आपको सौंपा था। साथ ही यह संकल्प भी लिया था कि छत्तीसगढ़ विकास की नई बुलंदी छुएगा। आज जब मैं बीते 25 वर्षों के सफर को देखता हूं, तो माथा गर्व से ऊंचा हो जाता है। छत्तीसगढ़ के आप सभी भाई-बहनों ने मिलकर अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। 25 साल पहले जो बीज बोया गया था, आज वो विकास का वट वृक्ष बन चुका है। छत्तीसगढ़ आज विकास के पथ पर तेज गति से आगे बढ़ रहा है। आज भी छत्तीसगढ़ को लोकतंत्र का नया मंदिर, नया विधानसभा भवन मिला है। यहां आने से पहले भी मुझे आदिवासी संग्रहालय का लोकार्पण करने का अवसर मिला। इस मंच से भी लगभग 14 हजार करोड़ रुपए की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। मैं विकास के इन सभी कार्यों के लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
साथियों,
साल 2000 के बाद यहां पूरी एक पीढ़ी बदल चुकी है। आज यहां नौजवानों की एक पूरी पीढ़ी है, जिसने 2000 पहले के वो पुराने दिन नहीं देखे हैं। जब छत्तीसगढ़ बना था, तब गांवों तक पहुंचना मुश्किल था। उस समय बहुत सारे गांवों में सड़कों का नामों-निशान तक नहीं था। अब आज छत्तीसगढ़ के गांवों में सड़कों का नेटवर्क 40 हजार किलोमीटर तक पहुंचा है। बीते ग्यारह वर्षों में छत्तीसगढ़ में नेशनल हाईवे का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। नए-नए एक्सप्रेस वे अब छत्तीसगढ़ की नई शान बन रहे हैं। पहले रायपुर से बिलासपुर पहुंचने में कई घंटे लगते थे, अब उसका समय भी घटकर आधा ही रह गया है। आज भी यहां एक नए 4 लेन हाईवे का शिलान्यास किया गया है। यह हाईवे छत्तीसगढ़ की झारखंड से कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगा।
साथियों,
छत्तीसगढ़ की रेल और हवाई कनेक्टिविटी के लिए भी व्यापक काम हुआ है। आज छत्तीसगढ़ में वंदे भारत जैसी तेज ट्रेनें चलती हैं। रायपुर, बिलासपुर और जगदलपुर जैसे शहर अब डायरेक्ट फ्लाइट से कनेक्टेड हैं। कभी छत्तीसगढ़ सिर्फ कच्चे माल के निर्यात के लिए जाना जाता था। आज छत्तीसगढ़ एक Industrial State के रूप में भी नई भूमिका में सामने आ रहा है।
साथियों,
बीते 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ ने जो कुछ हासिल किया है, उसके लिए मैं हर मुख्यमंत्री, हर सरकार का अभिनंदन करता हूं। लेकिन बहुत बड़ा श्रेय डॉक्टर रमन सिंह जी को जाता है। उन्होंने तब छत्तीसगढ़ को नेतृत्व दिया, जब राज्य के सामने अनेक चुनौतियां थी। मुझे खुशी है कि आज वो विधानसभा के अध्यक्ष के तौर पर अपना मार्गदर्शन दे रहे हैं और विष्णु देव साय जी की सरकार छत्तीसगढ़ के विकास को तेज गति से आगे ले जा रही है।
साथियों,
आप मुझे भली भांति जानते हैं, आज भी जब मैं जीप से निकल रहा था, बहुत पुराने-पुराने चहरे मैं देख रहा था, बहुत मुझे मन को बड़ा संतोष हो रहा था। शायद ही कोई इलाका होगा, जहां मेरा जाना न हुआ हो और इसलिए आप भी मुझे भली भांति जानते हैं।
साथियों,
मैंने गरीबी को बड़े निकट से देखा है। मैं जानता हूं, गरीब की चिंता क्या होती है, गरीब की बेबसी क्या होती है। इसलिए, जब देश ने मुझे सेवा का अवसर दिया, तो मैंने गरीब कल्याण पर बल दिया। गरीब की दवाई, गरीब की कमाई, गरीब की पढ़ाई और गरीब को सिंचाई की सुविधा, इस पर हमारी सरकार ने बहुत फोकस किया है। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं।
साथियों,
25 साल पहले, हमारे इस छत्तीसगढ़ में सिर्फ एक मेडिकल कॉलेज था एक, आज छत्तीसगढ़ में 14 मेडिकल कॉलेज हैं, हमारे रायपुर में एम्स है, मुझे याद है देश में आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाने का अभियान भी छत्तीसगढ़ से ही शुरू हुआ था। आज छत्तीसगढ़ में करीब साढ़े पांच हज़ार से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर हैं।
साथियों,
हमारा प्रयास है कि गरीब को सम्मान का जीवन मिले। झुग्गियों की, कच्चे घरों की ज़िंदगी, गरीब को और निराश करती है, हताश करती है। गरीबी से लड़ने का हौसला खो बैठता है। इसलिए हमारी सरकार ने हर गरीब को पक्का घर देने का संकल्प लिया है। बीते 11 साल में 4 करोड़ गरीबों को पक्के घर दिए गए हैं। अब हम तीन करोड़ और नए घर बनाने का संकल्प लेकर चल रहे हैं। आज के दिन भी एक साथ छत्तीसगढ़ में साढ़े तीन लाख से अधिक, साढ़े तीन लाख से अधिक परिवार अपने नए घर में गृह-प्रवेश कर रहे है। करीब तीन लाख परिवारों को 1200 करोड़ रुपए की किस्त भी जारी की गई है।
साथियों,
यह दिखाता है कि छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार, गरीबों को घर देने के लिए कितनी गंभीरता से काम कर रही है। पिछले एक साल में ही गरीबों के सात लाख पक्के घर हमारे इस छत्तीसगढ़ में बने हैं। और ये सिर्फ आंकड़ा नहीं है, हर घर में एक परिवार का सपना है, एक परिवार की अपार खुशियां समाई हैं। मैं सभी लाभार्थी परिवारों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।
साथियों,
छत्तीसगढ़ के लोगों का जीवन आसान बने, आपके जीवन से मुश्किलें कम हों, इसके लिए हमारी सरकार लगातार काम कर रही है। आज छत्तीसगढ़ के गांव-गांव में बिजली पहुंच चुकी है। जहां बिजली नहीं आती थी, वहां आज जमाना बदल गया, आज तो वहां इंटरनेट तक भी पहुंच चुका है। कभी सामान्य परिवार के लिए गैस का सिलेंडर, LPG गैस कनेक्शन बहुत बड़ा सपना होता था। एक-आध घर में जब गैस सिलेंडर आता था, लोग दूर से देखते थे, यह तो अमीर का घर होगा, उसके घर आ रहा है, मेरे घर कब आएगा? मेरे लिए मेरा हर परिवार गरीबी से लड़ाई लड़ने वाला परिवार है और इसलिए उज्जवला गैस का सिलेंडर उसके घर पहुंचाया। आज छत्तीसगढ़ के गांव-गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी परिवारों तक भी गैस कनेक्शन पहुंच चुका है। अब तो हमारा प्रयास, सिलेंडर के साथ ही जैसे रसोई घर में पाइप से पानी आता है न, वैसा पाइप से सस्ती गैस पहुंचाने का भी हमारा संकल्प है। आज ही नागपुर-झारसुगुड़ा गैस पाइपलाइन, राष्ट्र को समर्पित की गई है। मैं इस परियोजना के लिए भी छत्तीसगढ़ के लोगों को बधाई देता हूं।
साथियों,
छत्तीसगढ़ में देश की एक बड़ी आदिवासी आबादी रहती है। यह वो आदिवासी समाज है, जिसका एक गौरवशाली इतिहास रहा है। जिसने, भारत की विरासत और विकास के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है। आदिवासी समाज का ये योगदान, पूरा देश जाने, पूरी दुनिया जाने, इसके लिए हम निरंतर काम कर रहे हैं। देशभर में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों का संग्रह बनाना, संग्रहालय बनाना हो या भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिवस को, जनजातीय गौरव दिवस घोषित करना हो, हमारी कोशिश यही है कि आदिवासी समाज के योगदान का हमेशा गौरवगान होता रहे।
साथियों,
आज इसी कड़ी में हमने एक और कदम उठाया है। आज देश को, शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय आज देश को मिला है। इसमें आज़ादी से पहले के डेढ़-सौ से अधिक वर्षों का आदिवासी समाज के संघर्ष का इतिहास दर्शाया गया है। हमारे आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों ने कैसे आजादी की लड़ाई लड़ी, उसकी हर बारीकी यहां दिखती है। मुझे पूरा विश्वास है कि ये संग्रहालय, आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।
साथियों,
हमारी सरकार एक तरफ आदिवासी विरासत को संरक्षण दे रही है, दूसरी तरफ, आदिवासियों के विकास और कल्याण पर भी जोर दे रही है। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान, देश के हज़ारों आदिवासी गांवों में विकास की नई रोशनी पहुंचा रहा है। ये करीब अस्सी हज़ार करोड़ रुपए की योजना है, अस्सी हजार करोड़! आज़ाद भारत में इस स्केल पर आदिवासी इलाकों में काम कभी नहीं हुआ। ऐसे ही, सबसे पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए भी पहली बार कोई राष्ट्रीय योजना बनी है। पीएम-जनमन योजना के तहत, पिछड़ी जनजातियों की हज़ारों बस्तियों में विकास के काम हो रहे हैं।
साथियों,
आदिवासी समाज पीढ़ियों से वन-उपज इकट्ठा करता है। ये हमारी सरकार है, जिसने वन-धन केंद्रों के रूप में, वन-उपज से अधिक कमाई के लिए अवसर बनाए। तेंदुपत्ता की खरीद के बेहतर इंतज़ाम किए, आज छत्तीसगढ़ में तेंदुपत्ता संग्राहकों को भी पहले से कहीं अधिक पैसा मिल रहा है।
साथियों,
मुझे आज इस बात की भी बहुत खुशी है कि आज हमारा छत्तीसगढ़,नक्सलवाद-माओवादी आतंक की बेड़ियों से मुक्त हो रहा है। नक्सलवाद की वजह से आपने 50-55 साल तक जो कुछ झेला, वो पीड़ादायक है। आज जो लोग संविधान की किताब का दिखावा करते हैं, जो लोग सामाजिक न्याय के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाते हैं, उन्होंने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए आपके साथ दशकों तक अन्याय किया है।
साथियों,
माओवादी-आतंक के कारण, लंबे समय तक छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाके सड़कों से वंचित रहे। बच्चों को स्कूल नहीं मिले, बीमारों को अस्पताल नहीं मिले और जो जहां थे, बम से उसे उड़ा दिया जाता था। डॉक्टरों को, टीचरों को मार दिया जाता था और दशकों तक देश पर शासन करने वाले, आप लोगों को अपने हाल पर छोड़कर, वे लोग एयर कंडीशन कमरों में बैठकर अपने जीवन का आनंद लेते रहे।
साथियों,
मोदी अपने आदिवासी भाई-बहनों को हिंसा के इस खेल में बर्बाद होने के लिए नहीं छोड़ सकता था। मैं लाखों माताओं-बहनों को अपने बच्चों के लिए रोते-बिलखते नहीं छोड़ सकता था। इसलिए, 2014 में जब आपने हमें अवसर दिया, तो हमने भारत को माओवादी आतंक से मुक्ति दिलाने का संकल्प लिया। और आज इसके नतीजे देश देख रहा है। 11 साल पहले देश के सवा सौ जिले, माओवादी आतंक की चपेट में थे और अब सवा सौ जिलों में से सिर्फ, सिर्फ तीन जिले बचे हैं तीन, जहां माओवादी आतंक का आज भी थोड़ा रुबाब चलाने की कोशिश हो रही है, लेकिन मैं देशवासियों को गारंटी देता हूं, वो दिन दूर नहीं, जब हमारा छत्तीसगढ़, हमारा हिन्दुस्तान, इस हिन्दुस्तान का हर कोना माओवादी आतंक से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा।
साथियों,
यहां छत्तीसगढ़ के जो साथी, हिंसा के रास्ते पर निकल पड़े थे, वह अब तेजी से हथियार डाल रहे हैं। कुछ दिन पहले कांकेर में बीस से अधिक नक्सली मुख्यधारा में लौट आए हैं। इससे पहले 17 अक्टूबर को बस्तर में 200 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। बीते कुछ महीनों में ही देशभर में माओवादी आतंक से जुड़े दर्जनों लोगों ने हथियार डाल दिए हैं। इनमें से बहुतों पर लाखों-करोड़ों रुपयों का इनाम हुआ करता था। अब इन्होंने बंदूकें छोड़ करके, हथियार छोड़ करके देश के संविधान को स्वीकार कर लिया है।
साथियों,
माओवादी आतंक के खात्मे ने असंभव को भी संभव कर दिखाया है। जहां कभी बम-बंदूक का डर था, वहां हालात बदल गए हैं। बीजापुर के चिलकापल्ली गांव में सात दशकों के बाद पहली बार बिजली पहुंची। अबूझमाड़ के रेकावया गांव में आजादी के बाद पहली बार स्कूल बनाने का काम शुरू हुआ है। और पूवर्ती गांव, जो कभी आतंक का गढ़ कहा जाता था, आज वहां विकास के कामों की बयार बह रही है। अब लाल झंडे की जगह हमारा तिरंगा शान से लहरा रहा है। आज बस्तर जैसे क्षेत्रों में डर नहीं, उत्सव का माहौल है। वहां बस्तर पंडुम और बस्तर ओलंपिक जैसे आयोजन हो रहे हैं।
साथियों,
आप कल्पना कर सकते हैं, जब नक्सलवाद जैसी चुनौती के साथ हम पिछले 25 वर्षों में इतना आगे बढ़ गए हैं, तो इस चुनौती के खात्मे के बाद हमारी गति और कितनी तेज हो जाएगी।
साथियों,
छत्तीसगढ़ के लिए आने वाले वर्ष बहुत महत्वपूर्ण हैं। हमें विकसित भारत बनाना है, इसके लिए छत्तीसगढ़ का विकसित होना बहुत ज़रूरी है। मैं छत्तीसगढ़ के नौजवानों को कहूंगा कि यह समय नौजवान साथियों, यह समय, यह समय आपका है। ऐसा कोई लक्ष्य नहीं, जो आप प्राप्त ना कर सकें। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, यह मोदी की गारंटी है, आपके हर कदम, हर संकल्प के साथ मोदी खड़ा है। हम मिलकर छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ाएंगे, देश को आगे बढ़ाएंगे। इसी विश्वास के साथ, एक बार फिर छत्तीसगढ़ के हर बहन-भाई को मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। बहुत बहुत धन्यवाद, करते हुए पूरी ताकत से मेरे साथ बोलिए, दोनों हाथ ऊपर करके बोलिए, भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय! बहुत-बहुत धन्यवाद!
रायपुर 1 नवम्बर 2025/छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर आज नवा रायपुर स्थित राज्योत्सव परिसर में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। यह प्रदर्शनी राज्य की विकास यात्रा, सुशासन के नवाचारों और न्याय प्रणाली के आधुनिकीकरण की दिशा में हुए ऐतिहासिक प्रयासों का जीवंत प्रदर्शन है।
यह प्रदर्शनी 1 से 5 नवम्बर 2025 तक आम नागरिकों, विद्यार्थियों, शोधार्थियों और जनप्रतिनिधियों के लिए खुली रहेगी, जिसमें शासन की योजनाओं, जनसेवाओं और नई कानूनी व्यवस्थाओं की जानकारी आम जनता तक रोचक तरीके से पहुंचाया जाएगा।
राज्योत्सव प्रदर्शनी में प्रमुख रूप से राजस्व विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य विभाग, कृषि विभाग, खाद्य विभाग, शिक्षा विभाग, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग, खनिज विभाग, गृह विभाग, छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण, श्रम विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, लोक निर्माण विभाग, जनसंपर्क विभाग, आदिवासी विकास विभाग, अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग, जल संसाधन विभाग, उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा सामान्य प्रशासन विभाग ने भव्य प्रदर्शनी के माध्यम से अपने विभाग की योजनाओं और उपलब्धियों को प्रदर्शित किया है। ये सभी विभाग अपनी योजनाओं और नवाचारों के माध्यम से प्रदेश की 25 वर्ष की उपलब्धियों का चित्रण कर रहे हैं।
गृह विभाग की प्रदर्शनी में दिखी नवीन आपराधिक कानूनों की झलक
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में न्याय प्रणाली को आधुनिक, पारदर्शी और जन-केंद्रित बनाने की दिशा में किए गए सुधारों को गृह (पुलिस) विभाग की प्रदर्शनी में विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया है। इन नवीन आपराधिक कानूनों का उद्देश्य अपराधों की जांच और निपटान में वैज्ञानिक पद्धति, डिजिटल साक्ष्य और फोरेंसिक सहयोग को प्राथमिकता देना है, जिससे न्याय प्रणाली अधिक तेज़, प्रभावी और पारदर्शी बने।
गृह विभाग की प्रदर्शनी में पुलिस विभाग, डायल 112, सीन ऑफ क्राइम यूनिट, सिविल हॉस्पिटल, फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, अभियोजन, जिला न्यायालय, कारागृह, उच्च न्यायालय सहित न्याय व्यवस्था के पाँच प्रमुख स्तंभ — पुलिस, जेल, अभियोजन, फोरेंसिक विशेषज्ञ और न्यायिक अधिकारी — की भूमिका को दर्शाया गया है।
गृह विभाग द्वारा प्रदर्शनी में जानकारी दी गई कि तकनीक, अनुसंधान और समन्वय के माध्यम से अब अपराध जांच और न्यायिक प्रक्रिया में गति और सटीकता लाई जा रही है। अभियोजन और न्यायिक कार्यवाहियों की ऑनलाइन ट्रैकिंग प्रणाली भी न्याय प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने में सहायक सिद्ध हो रही है।
इंटरएक्टिव लर्निंग – खेल-खेल में कानून की समझ
प्रदर्शनी के अवलोकन हेतु आने वाले नागरिकों और छात्र-छात्राओं के लिए क्विज़ एवं खेल-खेल में कानून को समझने जैसे रोचक इंटरएक्टिव कार्यक्रम रखे गए हैं। इन गतिविधियों के माध्यम से नवीन आपराधिक कानूनों के प्रावधानों को सरल और रोचक तरीके से समझाया जा रहा है। यह पहल न केवल जनजागरूकता बढ़ाने का माध्यम है, बल्कि नागरिकों में कानून के प्रति सम्मान, विश्वास और सहभागिता की भावना भी विकसित कर रही है। उल्लेखनीय है कि नवीन आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन से अपराधियों को सजा देने की प्रक्रिया अधिक तेज़, सटीक और वैज्ञानिक होगी। इससे आमजन के मन में कानून व्यवस्था के प्रति विश्वास और सुरक्षा की भावना और अधिक सुदृढ़ होगी। यह प्रदर्शनी न्यायिक सशक्तिकरण, सुशासन और नागरिक जागरूकता का एक सजीव उदाहरण प्रस्तुत करती है।
आमजन से सहभागिता की अपील
राज्य सरकार ने आम नागरिकों, महाविद्यालयों एवं विद्यालयों के विद्यार्थियों से अपील की है कि वे राज्योत्सव स्थल पर आयोजित इस प्रदर्शनी में बड़ी संख्या में पहुँचें, नवीन आपराधिक कानूनों और शासन की जनसेवाओं से जुड़ें तथा “नवीन भारत – न्याय के नए अध्याय” की भावना में सहभागी बनें।
यह प्रदर्शनी न केवल शासन की उपलब्धियों का दस्तावेज़ है, बल्कि छत्तीसगढ़ के राज्योत्सव को “सुशासन और न्याय-संवेदनशीलता” के नए आयाम से जोड़ने वाली एक अभिनव पहल भी है।
Text of PM's speech at the inauguration of new building of Chhattisgarh Vidhansabha at Nava Raipur
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमन डेका जी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जी, छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष, मेरे मित्र रमन सिंह जी, प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी, केंद्र सरकार में मेरे सहयोगी मंत्री तोखन साहू जी, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा जी, अरुण साव जी, राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत जी, उपस्थित अन्य मंत्रीगण, जनप्रतिनिधिगण और मौजूद देवियों और सज्जनों!
छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा के लिए, आज का दिन एक स्वर्णिम शुरुआत का दिन है। और मेरे लिए व्यक्तिगत तौर पर ये बहुत ही सुखद दिन है, अहम दिन है। मेरा बीते कई दशकों से इस भूमि से बहुत आत्मीय नाता रहा है। एक कार्यकर्ता के रूप में मैंने छत्तीसगढ़ में बहुत समय बिताया, यहां से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला। मेरे जीवन को गढ़ने में यहां के लोगों का, यहां की भूमि का बहुत बड़ा आशीर्वाद रहा है। छत्तीसगढ़ की परिकल्पना, इसके निर्माण का संकल्प और फिर उस संकल्प की सिद्धि, हर एक क्षण पर मैं छत्तीसगढ़ के परिवर्तन का साक्षी रहा हूं। और आज जब छत्तीसगढ़ 25 वर्षों की यात्रा के अहम पड़ाव पर पहुंचा है, तो मुझे इस क्षण का भी, सहभागी बनने का अवसर मिला है। आज इस रजत जयंती के उत्सव पर, मुझे राज्य के लोगों के लिए, इस नई विधानसभा के लोकार्पण करने का सौभाग्य मिला है। मैं छत्तीसगढ़ के लोगों को, राज्य सरकार को, इस अवसर पर अपनी शुभकामनाएं देता हूं, बधाई देता हूं।
साथियों,
2025 का ये वर्ष भारतीय गणतंत्र का अमृत वर्ष भी है। 75 वर्ष पहले भारत ने अपना संविधान देशवासियों को समर्पित किया था। ऐसे में, आज इस ऐतिहासिक अवसर पर मैं इस अंचल से संविधान सभा के सदस्य रहे, रविशंकर शुक्ल जी, बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल जी, घनश्याम सिंह गुप्त जी, किशोरी मोहन त्रिपाठी जी, रामप्रसाद पोटाई जी और रघुराज सिंह जैसे मनीषियों का स्मरण करते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देता हूं। तब के काफ़ी पिछड़े रहे इस क्षेत्र से, दिल्ली पहुंच कर इन विभूतियों ने बाबा साहेब के नेतृत्व में, संविधान के बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
साथियों,
आज का दिन छत्तीसगढ़ के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय बनकर चमक रहा है। आज जब हम इस भव्य और आधुनिक विधानसभा भवन का लोकार्पण कर रहे हैं, तो ये केवल एक इमारत का समारोह नहीं, बल्कि 25 वर्षों की जन-आकांक्षा, जन-संघर्ष और जन-गौरव का उत्सव बन गया है। आज छत्तीसगढ़ अपने स्वप्न के नए शिखर पर खड़ा है। और इस गौरवशाली क्षण में, मैं उन महापुरुष को नमन करता हूं, जिनकी दूरदृष्टि और करुणा ने इस राज्य की स्थापना की। वो महापुरुष हैं- भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी।
साथियों,
साल 2000 में जब अटल जी ने छत्तीसगढ़ राज्य का गठन किया, तो वो निर्णय केवल प्रशासनिक नहीं था। वो निर्णय था विकास की नई राह खोलने का, और वो निर्णय था छत्तीसगढ़ की आत्मा को पहचान दिलाने का। इसलिए, आज जब इस भव्य विधानसभा के साथ-साथ अटल जी की प्रतिमा का भी अनावरण हुआ है, तो मन कह उठता है, मेरे भाव व्यक्त हो रहे हैं, अटल जी जहां भी हो- अटल जी, देखिए, आपका सपना साकार हो रहा है। आपका बनाया हुआ छत्तीसगढ़ आज आत्मविश्वास से भरा है, विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
साथियों,
छत्तीसगढ़ विधानसभा का इतिहास अपने आप में प्रेरणास्रोत है। 2000 में जब इस सुंदर राज्य की स्थापना हुई, तो पहली विधानसभा की बैठक राजकुमार कॉलेज, रायपुर के जशपुर हॉल में हुई थी। वो समय सीमित संसाधनों का तो था, लेकिन असीम सपनों का था। तब केवल एक भावना थी कि हम अपने भाग्य को और तेजी से उज्ज्वल बनाएंगे। बाद में विधानसभा का जो भवन तैयार हुआ, वो भी पहले किसी दूसरे विभाग का परिसर था। वहीं से छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र की यात्रा नई ऊर्जा के साथ प्रारंभ हुई। और आज, 25 वर्षों के बाद, वही लोकतंत्र, वही जनता, एक आधुनिक, डिजिटल और आत्मनिर्भर विधानसभा के भवन का उद्घाटन कर रही है।
साथियों,
यह भवन लोकतंत्र का तीर्थ स्थल है। इसका हर स्तंभ पारदर्शिता का प्रतीक है। इसका हर गलियारा जवाबदेही की याद दिलाता है। और इसका हर कक्ष जनता की आवाज़ का प्रतिबिंब है। यहाँ लिए गए निर्णय दशकों तक छत्तीसगढ़ के भाग्य को दिशा देंगे। और यहां कहा हर एक शब्द, छत्तीसगढ़ के अतीत, इसके वर्तमान का और इसके भविष्य का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा। मुझे विश्वास है, ये भवन आने वाले दशकों के लिए छत्तीसगढ़ की नीति, नियति और नीतिकारों का केंद्र बनेगा।
साथियों,
आज पूरा देश विरासत और विकास को साथ लेकर चल रहा है। और ये भावना, सरकार की हर नीति, हर निर्णय में भी दिखती है। आज देश की संसद को, हमारा पवित्र सेंगोल प्रेरणा देता है। नई संसद की नई गैलरियां, पूरी दुनिया को भारत के लोकतंत्र की प्राचीनता से जोड़ती हैं। संसद परिसर में लगी प्रतिमाएं, पूरे विश्व को ये बताती हैं कि भारत में लोकतंत्र की जड़ कितनी गहरी है।
साथियों,
मुझे प्रसन्नता है कि भारत की यही सोच, यही भावना, छत्तीसगढ़ के इस नए विधानसभा में भी झलकती है।
साथियों,
छत्तीसगढ़ का नया विधानसभा परिसर राज्य की समृद्ध संस्कृति का प्रतिबिंब है। इस विधानसभा के कण-कण में, छत्तीसगढ़ की भूमि पर जन्मे हमारे महापुरुषों की प्रेरणा है। वंचितों को वरीयता, सबका साथ, सबका विकास, ये भाजपा सरकार के सुशासन की पहचान है, यही देश के संविधान की स्पिरिट है, यही, हमारे महापुरुषों, हमारे ऋषियों, मनीषियों के दिए संस्कार हैं।
साथियों,
मैं जब इस भवन को देख रहा था, तो मुझे बस्तर आर्ट की सुंदर झलक दिखाई दी। मुझे याद है, कुछ महीने पहले थाईलैंड के प्रधानमंत्री जी को मैंने यही बस्तर आर्ट भेंट की थी, बस्तर की ये कला हमारी सृजनशीलता और सांस्कृतिक शक्ति का प्रतीक है।
साथियों,
इस भवन की दीवारों में बाबा गुरु घासीदास जी का ‘मनखे-मनखे एक समान’ का संदेश है, जो हमें, सबका साथ, सबका विकास, सबका सम्मान सिखाता है। यहां के हर द्वार में, माता शबरी की सिखाई आत्मीयता है, जो हमें हर अतिथि, हर नागरिक का स्नेह स्वागत करने की बात बताती है। इस सदन की हर कुर्सी में संत कबीर का सिखाया सच्चाई और निडरता का भाव है। और यहां की नींव में, महाप्रभु वल्लभाचार्य जी का बताया- नर सेवा, नारायण सेवा का संकल्प है।
साथियों,
भारत लोकतंत्र की जननी है, मदर ऑफ डेमॉक्रेसी है, हमारा आदिवासी समाज तो, पीढ़ियों से लोकतांत्रिक परंपराओं को जीता आया है। मुरिया दरबार- बस्तर की ‘आदिम संसद’ इसका जीवंत उदाहरण है। वो आदिम संसद थी, सालों से हमारे यहां समाज और शासन मिलकर, समस्याओं का समाधान करते रहे हैं। और मुझे प्रसन्नता है कि इस विधानसभा में भी मुरिया दरबार की परंपरा को स्थान मिला है।
साथियों,
एक ओर, इस सदन के हर कोने में, हमारे महापुरुषों के आदर्श हैं, तो वहीं इसकी अध्यक्ष पीठ पर, रमन सिंह जी जैसा अनुभवी नेतृत्व भी है। रमन जी, इस बात का बहुत बड़ा उदाहरण हैं कि एक कार्यकर्ता अपने परिश्रम से, अपने समर्पण भाव से लोकतांत्रिक व्यवस्था को कितना सशक्त बना सकता है।
साथियों,
क्रिकेट में तो देखते हैं, कि जो कभी कैप्टन रहता है, वो कभी टीम में खिलाड़ी बनकर के भी खेलता है, लेकिन राजनीति में ऐसा देखने को नहीं मिलता है, ये उदाहरण रमण सिंह जी दे सकते हैं, कि जो कभी कैप्टन हुआ करते थे, वो आज सच्चे स्पिरिट से कार्यकर्ता के छत्तीसगढ़ की सेवा के लिए समर्पित हर कार्यकर्ता के लिए प्रेरणा के रूप में कार्य कर रहे हैं।
साथियों,
राष्ट्रकवि निराला जी ने अपनी कविता में माँ सरस्वती से प्रार्थना की थी- प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव भारत में भर दे, यह केवल काव्य नहीं था, यह आज़ाद भारत के नवसृजन का मंत्र था। उन्होंने नव गति, नव लय, नव स्वर की बात कही, यानी कि एक ऐसे भारत की, जो परंपरा से जुड़ा हो, लेकिन भविष्य की ओर पूरे आत्मविश्वास से आगे बढ़े। आज जब हम छत्तीसगढ़ के नए विधानसभा में खड़े हैं, तो यह भावना यहां भी उतनी ही सार्थक है। यह भवन भी उसी ‘नव स्वर’ का प्रतीक है, जहाँ पुराने अनुभवों की ध्वनि है, और नए सपनों की ऊर्जा भी है। और इस ऊर्जा के साथ, हमें एक ऐसे भारत का निर्माण करना है, एक ऐसे छत्तीसगढ़ की नींव बनानी है, जो विरासत से जुड़कर, विकास के पथ पर आगे बढ़ सके।
साथियों,
नागरिक देवो भव:, ये हमारे सुशासन का मंत्र है। और इसीलिए, हमें विधानसभा के हर निर्णय में जनता के हित को ध्यान में रखकर काम करना होगा। यहां कानून ऐसे बनें, जो रिफॉर्म को गति दे, जिससे लोगों का जीवन आसान हो, जो लोगों के जीवन से सरकार के अनावश्यक दखल को बाहर करे। सरकार का न अभाव हो और न ही अनावश्यक प्रभाव हो, यही तेज़ प्रगति का एकमात्र मंत्र है।
साथियों,
यह हमारा छत्तीसगढ़ तो भगवान श्रीराम का ननिहाल है। भगवान श्रीराम इस धरती के भांजे हैं। आज इस नए परिसर में श्रीराम के आदर्शों को याद करने का इससे बेहतर दिन और क्या होगा। भगवान राम के आदर्श, हमें सुशासन की सीख देते हैं।
साथियों,
अयोध्या में राममंदिर की प्राणप्रतिष्ठा के समय, हम सभी ने देव से देश और ‘राम से राष्ट्र’ का संकल्प लिया था। हमें याद रखना है, राम से राष्ट्र का अर्थ है- रामराज बैठे त्रैलोका। हरषित भए गए सब सोका। इसका अर्थ है, सुशासन और जनकल्याण का राज! इसका अर्थ है, सबका साथ, सबका विकास की भावना से शासन! राम से राष्ट्र का अर्थ है, नहिं दरिद्र कोउ, दुखी न दीना। जहां कोई ना गरीब हो, ना कोई दुखी हो, जहां भारत गरीबी से मुक्त होकर आगे बढ़े, राम से राष्ट्र का अर्थ है- अल्पमृत्यु नहिं कवनिउ पीरा। यानी, बीमारियों से असमय मृत्यु ना हो, यानी स्वस्थ और सुखी भारत का निर्माण हो, राम से राष्ट्र का मतलब है- मानउँ एक भगति कर नाता। अर्थात हमारा समाज ऊंच नीच के भाव से मुक्त हो, और हर समाज में सामाजिक न्याय की स्थापना हो
साथियों,
राम से राष्ट्र का एक अर्थ ये भी है कि, “निसिचर हीन करउँ महि भुज उठाइ पन कीन्ह”। यानी, मानवता विरोधी ताकतों का, आतंक के विनाश की प्रतिज्ञा! और यही तो हमने ऑपरेशन सिंदूर में देखा है। भारत, आतंक के विनाश की प्रतिज्ञा करके आतंकियों की कमर तोड़ रहा है। भारत आज नक्सलवाद, माओवादी आतंक को भी समाप्त करने की तरफ बढ़ रहा है। भारत आज अभूतपूर्व विजय के गर्व से भरा हुआ है। और गर्व की यही भावना, आज छत्तीसगढ़ विधानसभा के इस नए परिसर में हमें चारों तरफ दिख रही है।
साथियों,
पिछले पच्चीस वर्षों में छत्तीसगढ़ ने जो परिवर्तन देखा है, वह अद्भुत और प्रेरणादायी है। कभी यह राज्य नक्सलवाद और पिछड़ेपन से पहचाना जाता था। आज वही राज्य समृद्धि, सुरक्षा और स्थायित्व का प्रतीक बन रहा है। आज बस्तर ओलंपिक की चर्चा देश के कोने-कोने में है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आज विकास की लहर और सुकून की मुस्कान लौट आई है। और इस परिवर्तन के पीछे है छत्तीसगढ़ की जनता का परिश्रम और भाजपा सरकारों का दूरदर्शी नेतृत्व।
साथियों,
छत्तीसगढ़ के रजत जयंती समारोह का उत्सव, अब एक बड़े लक्ष्य का आरंभ बिंदु बनने जा रहा है। 2047 तक, जब भारत अपनी आजादी के 100 साल मनाएगा, हमें विकसित भारत निर्माण के जो लक्ष्य तय किए हैं, उसमें छत्तीसगढ़ की भूमिका बहुत बड़ी होने वाली है। और इसीलिए, मैं यहां उपस्थित सभी साथियों से भी कहूंगा, सभी जनप्रतिनिधियों से कहूंगा, कि आप एक ऐसी व्यवस्था का निर्माण करिए, एक ऐसी विधानसभा का उदाहरण बनाइए, जो विकसित भारत के हर राज्य को कुछ नया करने के लिए प्रेरित करे। यहां होने वाले संवादों में, यहां पूछे जाने वाले प्रश्नों में, सदन में होने वाली कार्यवाहियों में, सब में एक श्रेष्ठता लाने का प्रयास हो, और हम जो भी करें, जिस भी रूप में करें, सबका लक्ष्य विकसित छत्तीसगढ, विकसित भारत का निर्माण हो।
साथियों,
छत्तीसगढ़ की इस नई विधानसभा की श्रेष्ठता इसके भवन की भव्यता से ज्यादा, यहां लिए जाने वाले जनकल्याण के निर्णयों से निर्धारित होगी। यह इस बात से तय होगी कि यह सदन छत्तीसगढ़ के सपनों को, इसकी सोच को कितनी गहराई से समझता है, और उन्हें साकार करने के लिए कितनी दूर तक चलता है। हमारा हर निर्णय ऐसा होना चाहिए, जो किसान की मेहनत को सम्मान दे, युवा के सपनों को दिशा दे, नारीशक्ति के जीवन में नई आशा की किरण लेकर आए, और समाज में अंत्योदय का माध्यम बने। हम सबको ये याद रखना है कि यह विधानसभा केवल कानून बनाने का स्थान नहीं, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के भाग्य निर्माण का प्रखर केंद्र है, जीवंत इकाई है। इसीलिए हम सब को ये सुनिश्चित करना होगा, कि यहां से निकलने वाले हर विचार में जनसेवा की भावना हो, विकास का संकल्प हो, और भारत को नई ऊंचाई पर ले जाने का विश्वास हो। यही हमारी कामना है।
साथियों,
लोकतंत्र में कर्तव्य को सर्वोपरि रखते हुए, हम सब सार्वजनिक जीवन में अपनी भूमिका निभायें, यह संकल्प लेना ही नए विधानसभा भवन के लोकार्पण के इस अवसर के सबसे बड़ी सार्थकता होगी। आइए इस परिसर से हम सभी, भारतीय गणतंत्र के इस अमृत वर्ष में यह संकल्प लेकर जाए, कि जनता-जनार्दन की सेवा को ही अपने जीवन का ध्येय बनाएंगे। आप सभी को लोकतंत्र के इस सुंदर नव मंदिर के लोकार्पण पर मैं पुन: शुभकामनाएं और बधाई देता हूं। मैं मुख्यमंत्री जी को और विशेष रूप से मेरे मित्र रमन सिंह जी को इस कल्पना को साकार करने के लिए हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। जय भारत – जय छत्तीसगढ़। बहुत-बहुत धन्यवाद।
रायपुर :
आंवला नवमी के पावन अवसर पर आज मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री निवास में धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय के साथ आंवला वृक्ष की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने आंवला नवमी के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय परंपरा में आंवला वृक्ष को दिव्य और औषधीय गुणों से युक्त माना गया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आंवला नवमी, जिसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है, धन, आरोग्य और समृद्धि का संदेश देने वाला पर्व है। उन्होंने कहा कि यह मान्यता है कि आंवला वृक्ष के नीचे भोजन करने और आंवला फल का सेवन करने से स्वास्थ्य लाभ, मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग प्राकृतिक एवं औषधीय वनस्पतियों के संरक्षण के प्रति जागरूक रहें। उन्होंने कहा कि प्रकृति हमारी संस्कृति का आधार है, और वृक्ष हमारे जीवन के पोषक हैं। वृक्षों की पूजा करने के साथ ही उन्हें सुरक्षित रखना भी हमारा सामूहिक दायित्व है।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर आज राजधानी रायपुर के देवेंद्र नगर स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल केवल स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं, बल्कि वे राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने वाले ऐसे युगपुरुष थे जिन्होंने अपने अदम्य साहस और दृढ़ निष्ठा से देश की रियासतों का एकीकरण कर अखंड भारत की नींव रखी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने स्कूली बच्चों, जनप्रतिनिधियों और आमजनों के साथ राजधानी रायपुर के शास्त्री चौक से शारदा चौक तक आयोजित ‘एकता दौड़’ में शामिल होकर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का संदेश दिया।
विविधता में एकता ही भारत की असली ताकत : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
विविधता में एकता ही भारत की असली ताकत : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सरदार पटेल को उनकी दूरदृष्टि और अद्भुत नेतृत्व क्षमता के कारण ही ‘भारत का लौह पुरुष’ कहा जाता है। राष्ट्र को एकजुट करने के उनके प्रयास आने वाली पीढ़ियों के लिए सदैव प्रेरणास्रोत बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर आज पूरे देश में ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन किया जा रहा है, जो राष्ट्रीय एकता और अखंडता का प्रतीक है।
विविधता में एकता ही भारत की असली ताकत : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि भारत विविधताओं से परिपूर्ण देश है, और 'विविधता में एकता' की भावना हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। उन्होंने कार्यक्रम में शामिल सभी प्रतिभागियों के उत्साह और अनुशासन की सराहना करते हुए कहा कि उनका यह जोश सरदार पटेल के प्रति श्रद्धा और राष्ट्र के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा दिए गए ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को साकार करने का प्रण लेने का आह्वान किया और सभी को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई।
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री श्री जुएल ओराम, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, विधायक श्री किरण देव, विधायक श्री पुरंदर मिश्रा तथा छत्तीसगढ़ लौह शिल्पकार विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रफुल्ल विश्वकर्मा सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी, जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।