छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ (17637)

 

रायपुर : 

 

‘वंदे मातरम्’ राष्ट्रगीत की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर आज देशभर में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक दिन को छत्तीसगढ़ में भी बड़े उत्साह और गर्व के साथ मनाया गया। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने मंत्रालय महानदी भवन में वरिष्ठ अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ सामूहिक रूप से ‘वंदे मातरम्’ का गायन किया। इस अवसर पर सभी ने “वंदे मातरम्” के उद्घोष के साथ आज़ादी की राष्ट्रीय चेतना का पुण्य स्मरण किया और अमर बलिदानियों को नमन किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर नई दिल्ली में आयोजित स्मरणोत्सव में वर्चुअली शामिल हुए और प्रधानमंत्री का उद्बोधन भी सुना।

मुख्यमंत्री ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर नई दिल्ली में आयोजित स्मरणोत्सव में वर्चुअली हुए शामिल

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में कहा कि वंदे मातरम् मां भारती की साधना और आराधना की प्रेरक अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ के सामूहिक गान का एक प्रवाह, एक लय और एक तारतम्य हृदय को स्पंदित कर देता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ का मूल भाव मां भारती है — यह भारत की शाश्वत संकल्पना, स्वतंत्र अस्तित्व-बोध और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ भारत की आज़ादी का उद्घोष था, जिसने गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने और स्वाधीन भारत के स्वप्न को साकार करने की प्रेरणा दी। स्वतंत्रता आंदोलन में यह गीत क्रांतिकारियों की आवाज़ बना और यह केवल प्रतिरोध का स्वर नहीं, बल्कि आत्मबल जगाने वाला मंत्र बन गया। श्री मोदी ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ में भारत की हजारों वर्षों पुरानी सभ्यता, संस्कृति और समृद्धि की कहानी समाहित है। विदेशी आक्रमणों और अंग्रेज़ों की शोषणकारी नीतियों के बीच ‘वंदे मातरम्’ ने समृद्ध भारत के स्वप्न का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत के नए स्वरूप का उदय देख रही है, जो अपनी परंपरा, आध्यात्मिकता और आधुनिकता के समन्वय से आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना स्वतंत्रता संग्राम के समय था, और यह गीत सदैव हमारे हृदयों में अमर रहेगा।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रगीत की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ दीं और कहा कि यह गीत मातृभूमि के प्रति अगाध प्रेम, कृतज्ञता और राष्ट्रधर्म की भावना का शाश्वत प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश ने एक स्वर में ‘वंदे मातरम्’ का सामूहिक गायन कर मातृभूमि की वंदना की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ के वर्षभर चलने वाले स्मरणोत्सव का आज माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा राष्ट्रव्यापी शुभारंभ इस कालातीत रचना के 150 वर्ष पूरे होने का गौरवपूर्ण अध्याय है। इस अवसर पर वंदे मातरम् के सामूहिक गायन के साथ ही माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा स्मारक सिक्के का जारी होना एक ऐतिहासिक स्मृति है। श्री बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा रचित वंदे मातरम् गीत भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की प्रेरणा रहा है, जिसने सदैव राष्ट्रीय गौरव, एकता और आत्मसम्मान की ज्योति प्रज्वलित की है। यह मातृभूमि की शक्ति, समृद्धि और दिव्यता का प्रतीक है, साथ ही भारत की एकता और आत्मगौरव की काव्यात्मक अभिव्यक्ति है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि 7 नवम्बर 1875 को बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने इस कालजयी रचना की सृष्टि की थी, जिसे बाद में उनके प्रसिद्ध उपन्यास ‘आनंद मठ’ में शामिल किया गया। मातृभूमि की स्तुति में रचा गया यह गीत स्वतंत्रता संग्राम के दौरान देशभक्ति की सबसे प्रबल प्रेरणा बना। अनेक क्रांतिकारियों ने “वंदे मातरम्” कहते हुए हँसते-हँसते अपने प्राण न्योछावर कर दिए। वंदे मातरम भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक बन गया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि 1905 में बंगाल विभाजन के समय ‘वंदे मातरम्’ ने स्वदेशी आंदोलन को नई ऊर्जा दी। उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक यह गीत सांस्कृतिक एकता और राष्ट्रभक्ति का मंत्र बन गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ सुनते ही हृदय में ऊर्जा, गर्व और देशभक्ति का संचार होता है। यह गीत हमें स्मरण कराता है कि हमारी भूमि, जल, अन्न और संस्कृति ही हमारी जीवनदायिनी शक्ति हैं। उन्होंने कहा, “यूरोप में भूमि को ‘फादरलैंड’ कहा जाता है, लेकिन भारत में हम अपनी भूमि को ‘मातृभूमि’ कहते हैं।” यह भाव रामायण के श्लोक “जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी” में प्रकट होता है। ‘वंदे मातरम्’ भी इसी भाव से जन्मा हमारा ध्येय-वाक्य है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस पहल से भावी पीढ़ी को हमारे अतीत के संघर्षों और ‘वंदे मातरम्’ जैसी अमर रचनाओं की आज़ादी की लड़ाई में भूमिका के बारे में जानने का सुंदर अवसर मिलेगा। उन्होंने इस अवसर पर सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण का संकल्प लें और इसे भारत माता तथा छत्तीसगढ़ महतारी को समर्पित करें।

 

रायपुर :

 

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने प्रदेश में संचालित सभी निर्माणाधीन एवं प्रगतिरत सिंचाई परियोजनाओं की विस्तृत जानकारी प्राप्त की और निर्देश दिए कि सभी कार्य गुणवत्तापूर्ण ढंग से संपन्न हों तथा निर्माण कार्यों की गति में तेजी लाई जाए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशानिर्देश देते हुए कहा कि जल संसाधन परियोजनाएँ प्रदेश के सर्वांगीण विकास की धुरी हैं। उन्होंने कहा कि जनता को स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता और कृषि कार्यों के लिए पर्याप्त जलापूर्ति सुनिश्चित करने हेतु सिंचाई परियोजनाओं का निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण होना अत्यंत आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सभी निर्माणाधीन एवं प्रगतिरत सिंचाई परियोजनाओं के कार्यों में गति लाने के स्पष्ट निर्देश दिए।

बैठक में जल संसाधन विभाग के सचिव श्री राजेश सुकुमार टोप्पो ने मुख्यमंत्री को पावर पॉइंट प्रेज़ेंटेशन के माध्यम से प्रदेश की निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया।

बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद सहित जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

मुख्यमंत्री ने किया ‘मेक इन सिलिकॉन’ संगोष्ठी का शुभारंभ

रायपुर, 07 नवम्बर 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) नवा रायपुर के 10वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय ‘मेक इन सिलिकॉन’ संगोष्ठी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह आयोजन भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण और तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर करने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ अपना रजत जयंती वर्ष मना रहा है और आज राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ का भी ऐतिहासिक अवसर है। उन्होंने इस अवसर पर प्रदेशवासियों और ट्रिपल आईटी परिवार को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संस्थान महान शिक्षाविद् डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर स्थापित है, जिन्होंने शिक्षा, एकता और औद्योगिक विकास को राष्ट्र की प्रगति से जोड़ा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत आज तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने सेमीकंडक्टर मिशन, इलेक्ट्रॉनिक्स और चिप निर्माण के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल की हैं। यह मिशन न केवल बुनियादी ढांचा विकसित कर रहा है, बल्कि युवाओं को सशक्त बनाने और नवाचार को प्रोत्साहन देने का भी कार्य कर रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सेमीकंडक्टर आज आधुनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है— मोबाइल, सैटेलाइट, रक्षा प्रणाली और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सभी इससे जुड़े हैं। ऐसे में ‘मेक इन सिलिकॉन’ जैसी पहल भारत की चिप क्रांति को नई दिशा देने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ इस मिशन में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की नई औद्योगिक नीति में सेमीकंडक्टर सेक्टर के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कुशल मानव संसाधन, सुदृढ़ औद्योगिक ढांचा, निर्बाध बिजली आपूर्ति और तकनीकी विकास के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध है। नवा रायपुर में सेमीकंडक्टर यूनिट की स्थापना का भूमिपूजन हो चुका है, जिससे युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि नवा रायपुर को आईटी और इनोवेशन हब के रूप में विकसित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य का ‘छत्तीसगढ़ अंजोर विजन डॉक्यूमेंट’ सतत विकास पर केंद्रित है, जिसमें सेमीकंडक्टर को प्रमुख क्षेत्र के रूप में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इज ऑफ डूइंग बिज़नेस के साथ अब स्पीड आफ डूइंग बिज़नेस पर भी बल दे रही है।

मुख्यमंत्री ने देशभर से आए विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस संगोष्ठी से न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश को लाभ मिलेगा। उन्होंने आह्वान किया कि “हम सब मिलकर छत्तीसगढ़ को मध्य भारत का ज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का केंद्र बनाएं तथा भारत के सेमीकंडक्टर मिशन में सक्रिय योगदान दें।”

वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि जब मैं पढ़ाई कर रहा था, तब छत्तीसगढ़ में एक भी राष्ट्रीय स्तर का संस्थान नहीं था। किंतु पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता के कारण आज प्रदेश में आईआईटी, आईआईएम, एचएनएलयू, एम्स, एनआईटी और ट्रिपल आईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान स्थापित हुए हैं। इन संस्थानों ने राज्य को उच्च शिक्षा और शोध के क्षेत्र में नई पहचान दी है।

श्री चौधरी ने कहा कि वर्तमान समय में छत्तीसगढ़ में शिक्षा और तकनीकी विकास की अपार संभावनाएँ हैं। आज का युग टेक्नोलॉजी-ड्रिवन इकोनॉमी का है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर डाउन होने से विश्वभर में जिस प्रकार कार्य प्रभावित हुए, उससे स्पष्ट है कि पावर टेक्नोलॉजी आज जीवन, अर्थव्यवस्था और वैश्विक प्रणाली को किस हद तक प्रभावित करती है। इसलिए हमें इन चुनौतियों का सामना करने के लिए अभी से तैयार रहना होगा।

 

मातृभूमि की स्तुति में रचा गया ‘वंदे मातरम्’ स्वतंत्रता संग्राम के दौरान देशभक्ति की सबसे प्रबल प्रेरणा : मुख्यमंत्री श्री साय

छत्तीसगढ़ की फिज़ा में गूंजा राष्ट्रगीत, वंदे मातरम् के 150वें स्मरणोत्सव का अवसर बना खास

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ किया ‘वंदे मातरम्’ का सामूहिक गायन

‘वंदे मातरम्’ के उद्घोष से आज़ादी की राष्ट्रीय चेतना का किया गया स्मरण

पूरे उत्साह के साथ देशभर में मनाया गया ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ

मुख्यमंत्री ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर नई दिल्ली में आयोजित स्मरणोत्सव में वर्चुअली हुए शामिल

रायपुर 7 नवम्बर 2025/ ‘वंदे मातरम्’ राष्ट्रगीत की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर आज देशभर में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक दिन को छत्तीसगढ़ में भी बड़े उत्साह और गर्व के साथ मनाया गया। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने मंत्रालय महानदी भवन में वरिष्ठ अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ सामूहिक रूप से ‘वंदे मातरम्’ का गायन किया। इस अवसर पर सभी ने “वंदे मातरम्” के उद्घोष के साथ आज़ादी की राष्ट्रीय चेतना का पुण्य स्मरण किया और अमर बलिदानियों को नमन किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर नई दिल्ली में आयोजित स्मरणोत्सव में वर्चुअली शामिल हुए और प्रधानमंत्री का उद्बोधन भी सुना।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में कहा कि वंदे मातरम् मां भारती की साधना और आराधना की प्रेरक अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ के सामूहिक गान का एक प्रवाह, एक लय और एक तारतम्य हृदय को स्पंदित कर देता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ का मूल भाव मां भारती है — यह भारत की शाश्वत संकल्पना, स्वतंत्र अस्तित्व-बोध और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ भारत की आज़ादी का उद्घोष था, जिसने गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने और स्वाधीन भारत के स्वप्न को साकार करने की प्रेरणा दी। स्वतंत्रता आंदोलन में यह गीत क्रांतिकारियों की आवाज़ बना और यह केवल प्रतिरोध का स्वर नहीं, बल्कि आत्मबल जगाने वाला मंत्र बन गया। श्री मोदी ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ में भारत की हजारों वर्षों पुरानी सभ्यता, संस्कृति और समृद्धि की कहानी समाहित है। विदेशी आक्रमणों और अंग्रेज़ों की शोषणकारी नीतियों के बीच ‘वंदे मातरम्’ ने समृद्ध भारत के स्वप्न का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत के नए स्वरूप का उदय देख रही है, जो अपनी परंपरा, आध्यात्मिकता और आधुनिकता के समन्वय से आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना स्वतंत्रता संग्राम के समय था, और यह गीत सदैव हमारे हृदयों में अमर रहेगा।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रगीत की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ दीं और कहा कि यह गीत मातृभूमि के प्रति अगाध प्रेम, कृतज्ञता और राष्ट्रधर्म की भावना का शाश्वत प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश ने एक स्वर में ‘वंदे मातरम्’ का सामूहिक गायन कर मातृभूमि की वंदना की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ के वर्षभर चलने वाले स्मरणोत्सव का आज माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा राष्ट्रव्यापी शुभारंभ इस कालातीत रचना के 150 वर्ष पूरे होने का गौरवपूर्ण अध्याय है। इस अवसर पर वंदे मातरम् के सामूहिक गायन के साथ ही माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा स्मारक सिक्के का जारी होना एक ऐतिहासिक स्मृति है। श्री बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा रचित वंदे मातरम् गीत भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की प्रेरणा रहा है, जिसने सदैव राष्ट्रीय गौरव, एकता और आत्मसम्मान की ज्योति प्रज्वलित की है। यह मातृभूमि की शक्ति, समृद्धि और दिव्यता का प्रतीक है, साथ ही भारत की एकता और आत्मगौरव की काव्यात्मक अभिव्यक्ति है।

 

रायपुर :

 

छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के रजत जयंती के अवसर पर राज्य सरकार द्वारा नवा रायपुर, अटल नगर तूता स्थित पंडित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी व्यावसायिक परिसर, मेला स्थल में 1 से 5 नवम्बर तक राज्योत्सव का आयोजन किया गया। इस मेला में कृषि एवं संवर्गीय विभागों द्वारा 25 वर्षों की विकास यात्रा की थीम पर कृषि मॉडल प्रदर्शनी लगाई गई। आम जनता द्वारा इस प्रदर्शनी को काफी प्रशंसा एवं सराहना मिली। 05 दिवसीय स्थापना दिवस कार्यक्रम में जुरी कमेटी द्वारा कृषि विभाग के प्रदर्शनी को द्वितीय स्थान के लिए चयनित किया गया। राज्योत्सव के समापन समारोह के मौके पर उप राष्ट्रपति श्री सी.पी. राधाकृष्णन के हाथों विभाग की सचिव श्रीमती शहला निगार ने पुरस्कार ग्रहण किया। कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने विभाग की इस सफलता के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। पुरस्कार मिलने से अधिकारी-कर्मचारी भी उत्साहित हैं। इस मौके पर कृषि विभाग के संचालक श्री राहुल देव सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
गौरतलब है कि राज्योत्सव में कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी तथा संवर्गीय विभाग -उद्यानिकी, पशु पालन, मछली पालन, कृषि अभियांत्रिकी, राष्ट्रीय जलग्रहण, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर एवं कामधेनु विश्वविद्यालय तथा सम्बंधित संस्थाओं द्वारा इन 25 वर्षों के विकास यात्रा की थीम पर कृषि मॉडल का प्रदर्शन किया गया।

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य स्थापना वर्ष 2000 से वर्ष 2025 तक 25 वर्षो में केन्द्र शासन एवं राज्य शासन द्वारा संचालित विभिन्न महत्वकांक्षी योजनाओं के द्वारा हुए विकास का जीवंत प्रदर्शन करते हुए स्टॉल लगाया गया, जिसमें कृषि विभाग द्वारा प्राकृतिक खेती, किसान सम्मान निधि, ड्रोन द्वारा उर्वरक छिड़काव, बीज वितरण व विपणन की नवीन व्यवस्था, भूमि संरक्षण द्वारा वर्षा जल संरक्षण आदि को प्रदर्शित किया गया।

उद्यानिकी विभाग द्वारा पुष्पों की प्रदर्शनी एवं सब्जियों तथा फलों की उन्नत किस्म का प्रदर्शन किया गया। पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं के उन्नत नस्ल एवं दुग्ध उत्पादन तथा मछली पालन विभाग द्वारा बायोफ्लॉक एवं केजकल्चर द्वारा मछलीपालन की नवीन तकनीक के साथ सजावटी मछलियों का प्रदर्शन किया गया। कृषि अभियांत्रिकी द्वारा कृषि में प्रयोग की जाने वाली उन्नत कृषि तकनीक से लैस कृषि यंत्रों को जनता के लिए प्रदर्शित किया गया। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के अनुकूल तथा अधिक उत्पादन देने वाली विभिन्न फसल किस्मों के साथ स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित जैविक उत्पाद का प्रदर्शन किया गया था।

 

रायपुर : 

 

छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर 1 से 5 नवम्बर तक नवा रायपुर अटल नगर, तूता स्थित पंडित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी व्यावसायिक परिसर मेला स्थल में राज्योत्सव का आयोजन किया गया। राज्योत्सव में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा “25 वर्षों की विकास यात्रा” थीम पर आधारित आकर्षक प्रदर्शनी लगाई गई, जिसे जनता द्वारा काफी सराहना मिली। इस पांच दिवसीय राज्योत्सव के दौरान ज्यूरी समिति द्वारा मूल्यांकन उपरांत, वन विभाग की इस प्रदर्शनी को तृतीय पुरस्कार के लिए चयनित किया गया। राज्योत्सव के समापन समारोह में उप राष्ट्रपति श्री सी. पी. राधाकृष्णन के हाथों वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव ने यह पुरस्कार ग्रहण किया।

वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने विभाग की इस उपलब्धि पर अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह सफलता टीमवर्क, नवाचार और पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पण का परिणाम है। पुरस्कार मिलने से विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उत्साहित हैं। राज्योत्सव में आने वाले आगंतुकों ने इस स्टॉल को रोचक, आकर्षक और ज्ञानवर्धक बताया। यह प्रदर्शनी छत्तीसगढ़ की हरित सोच, जैव विविधता संरक्षण और सतत विकास की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का सशक्त प्रतीक बनी।

उल्लेखनीय है कि प्रदर्शनी में 25 वर्षों की उपलब्धियों की जीवंत झलक वन्यजीव संरक्षण, पर्यावरण संवर्धन, एवं हरित विकास से जुड़े मॉडल और योजनाओं की जानकारी आकर्षक रूप में दिखायी गई। राज्य स्थापना वर्ष 2000 से वर्ष 2025 तक लागू की गई विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं के प्रभाव को सरल और प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया गया।

प्रदर्शनी में ‘एक पेड़ माँ के नाम’ योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में अब तक 6.41 करोड़ पौधारोपण का उल्लेख,शहरों में विकसित मियावाकी सूक्ष्म वन,ग्रीन गुफा परियोजना, घोटुल संस्कृति प्रदर्शन,गज संकेत ऐप एवं गजरथ यात्रा द्वारा मानव-हाथी संघर्ष में कमी को प्रदर्शित किया गया। इसके अतिरिक्त प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ हर्बल्स के माध्यम से वन उत्पादों का मूल्यवर्धन,राज्य के प्रमुख प्राकृतिक स्थलों जैसे हांदावाड़ा जलप्रपात, कांगेर घाटी की कुटुमसर गुफा, बारनवापारा अभयारण्य की जानकारी भी दी गई। प्रदर्शनी में विशेष तौर पर यह प्रदर्शित किया गया कि राज्य में वन्य जीव संरक्षण प्रयासों के फलस्वरूप काला हिरण की संख्या 77 से बढ़कर 190 हुई। इसी तरह बाघों की संख्या वर्ष 2021 में 17 से बढ़कर अप्रैल 2025 में 35 पहुँची।

 

रायपुर : 

 

छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित रजत महोत्सव के अवसर पर पीजी कॉलेज मैदान, कवर्धा में लगे विभिन्न विभागों के स्टॉलों का उपमुख्यमंत्री एवं कवर्धा विधायक श्री विजय शर्मा ने निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विभागीय अधिकारियों से योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ली और हितग्राहियों से संवाद भी किया। निरीक्षण के दौरान उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा मत्स्य विभाग के स्टॉल पर पहुँचे, जहाँ उन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत दो हितग्राहियों को पिकअप वाहन की सौगात दी। इस योजना के अंतर्गत 10-10 लाख रूपए कोलागत से वाहनों का प्रदाय किया गया है, जिसमें हितग्राहियों को 40 प्रतिशत अनुदान का लाभ प्राप्त होगा।

उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कबीरधाम जिले के श्री रवि मल्लहा निवासी कवर्धा एवं श्री कुश विश्वकर्मा निवासी बोड़ला को पिकअप वाहन की चाबियाँ सौंपकर उन्हें बधाई और शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के मत्स्य व्यवसाय से जुड़े लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के माध्यम से न केवल उत्पादन क्षमता बढ़ेगी, बल्कि मत्स्यपालकों की आय में भी वृद्धि होगी।

उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना और स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। मत्स्य पालन जैसे आजीविका आधारित कार्यों को प्रोत्साहन देने से ग्रामीण विकास की गति और तेज होगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजनाओं की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाई जाए ताकि पात्र हितग्राही इनका लाभ ले सकें।

राज्योत्सव के अवसर पर आयोजित यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ के 25 वर्षों की विकास यात्रा और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ की दिशा में एक सार्थक कदम साबित हुआ। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने सभी विभागों की अभिनव पहल और योजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश की विकास गाथा में आमजन की सहभागिता ही वास्तविक शक्ति है।

 

रायपुर : 

 

उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा में अपने रायपुर स्थित निवास कार्यालय में इस्राइल के अर्थ मंत्रालय के दक्षिण भारत हेतु आर्थिक एवं व्यापारिक प्रतिनिधि श्री यैर ओशेरॉफ ने सौजन्य मुलाकात की।

बैठक के दौरान भारत और इस्राइल के बीच प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार प्रगाढ़ हो रहे मित्रतापूर्ण संबंधों पर विस्तृत चर्चा की गई। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, कृषि नवाचार, सिंचाई तकनीक और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में इस्राइल के अनुभव एवं विशेषज्ञता से राज्य को लाभ मिल सकता है।

इस अवसर पर श्री ओशेरॉफ ने छत्तीसगढ़ में केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में नक्सलवाद को समाप्त करने हेतु किए जा रहे प्रभावी प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थापित हो रही स्थायी शांति का वातावरण राज्य के विकास को गति देगा।

बैठक में उन्नत तकनीक के आदान-प्रदान, औद्योगिक सहयोग बढ़ाने, अनुसंधान एवं नवाचार को प्रोत्साहित करने तथा नई तकनीक के माध्यम से रोजगार एवं विकास के अवसर सृजित करने पर भी चर्चा की गई। इस मुलाकात से छत्तीसगढ़ के इस्राइल के साथ आर्थिक, वैज्ञानिक और औद्योगिक सहयोग की दिशा में सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है।

 

रायपुर :

 

छत्तीसगढ़ हर क्षेत्र में आगे आगे बढ रहा है। उन्होंने कहा कि देखे, सोचे और अवसर का उपयोग करें। अपने लक्ष्य की प्राप्त करने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति होना जरूरी हैं। यह उद्गार राज्यपाल श्री रमेन डेका ने आज ऑफ्ट विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।

दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय की प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त करने वाले 65 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक सहित 324 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि अनुशासन और समय का पाबंद होना प्रबंधन का महत्वपूर्ण भाग है। अपने समय का सद्पयोग कर, अपनी क्षमता और योग्यता का विकास करें। अपने स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें क्योकि शरीर स्वस्थ रहेगा तभी पूर्ण क्षमता से कार्य कर पायेंगे। उन्होंने सिनेमा, फोटोग्राफी, फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में भी विस्तृत संभावनाओं का उल्लेख किया। श्री डेका ने कहा कि सिनेमा वह माध्यम जिसके द्वारा हम संदेश दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस देश ने हमें बहुत कुछ दिया है, हमें भी इसके बारे में सोचना चाहिए।

 

रायपुर : 

 

उप राष्ट्रपति श्री सी.पी. राधाकृष्णन ने अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान राजभवन में मिले आतिथ्य की सराहना की और उसके लिए राज्यपाल श्री डेका को धन्यवाद दिया। उनकी इस यात्रा को अविस्मरणीय बनाने के लिए राजभवन परिवार के आग्रह पर श्री राधाकृष्णन ने राज्यपाल श्री डेका के साथ सामूहिक फोटो भी ली।

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