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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ (17118)

 

मुख्यमंत्री श्री साय ने वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के कार्यों की समीक्षा की

रायपुर, 05 अगस्त 2025/मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि हिंसक वन्यप्राणियों द्वारा जनहानि, पशुहानि एवं फसल क्षति के प्रकरणों में त्वरित, नियमानुसार एवं संवेदनशीलता से क्षतिपूर्ति सहायता प्रदान की जाए। वनांचल में निवासरत लोगों को कई बार वन्यप्राणियों के हमलों से अपनों को खोने की पीड़ा सहनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में प्रभावितों के दुख-दर्द का मानवीय दृष्टिकोण से शीघ्र निराकरण किया जाना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री श्री साय आज मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हाथी-मानव द्वंद्व और अन्य हिंसक वन्यप्राणियों द्वारा जनहानि, पशुहानि एवं फसल क्षति की घटनाएं राज्य के वनांचल क्षेत्रों में चुनौती बनकर उभर रही हैं। ऐसी स्थितियों में शासन की जिम्मेदारी है कि पीड़ितों को शीघ्र एवं न्यायसंगत सहायता उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी संबंधित प्रकरणों का नियमानुसार त्वरित निराकरण सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जंगली हाथियों द्वारा धान जैसी प्रमुख फसल के अतिरिक्त गन्ना, केला, पपीता एवं कटहल जैसी नगदी फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचाया जाता है, जिससे किसानों को आर्थिक ही नहीं, मानसिक रूप से भी दोहरी मार झेलनी पड़ती है। बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश में प्रदत्त व्यक्तिगत वनाधिकार पट्टों की अद्यतन स्थिति की भी जानकारी ली।

बैठक में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि शासन द्वारा प्रदत्त सहायता समय पर प्रभावितों तक पहुंचे, इसके लिए विभागीय समन्वय को और अधिक मजबूत किया जाए। जनहानि, स्थायी अपंगता, पशुहानि, मकान क्षति तथा फसल हानि के लिए दी जाने वाली क्षतिपूर्ति दरों में वृद्धि किए जाने का प्रस्ताव भी बैठक में प्रस्तुत किया गया।
बैठक में प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली फसल क्षति के आरबीसी के प्रावधानों के अंतर्गत दी जाने वाली सहायता राशि पर भी चर्चा की गई।

बैठक मे मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव (वन) श्रीमती ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, कृषि विभाग की सचिव श्रीमती शहला निगार, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव श्री अविनाश चंपावत, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी सचिव श्री अंकित आनंद, सचिव (वन) श्री अमरनाथ प्रसाद, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री सुधीर अग्रवाल, अपर मुख्य वन संरक्षक श्री प्रेम कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

कौशल प्रशिक्षण को रोजगार से जोड़ें, युवाओं को बनाएं आत्मनिर्भर – मुख्यमंत्री श्री साय

रायपुर, 05 अगस्त 2025/
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर में कौशल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि युवाओं के कौशल प्रशिक्षण को सीधे रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल प्रशिक्षण देना नहीं, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाना है। इसके लिए विभाग द्वारा निरंतर नवाचार और प्रभावी कार्ययोजना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने बैठक में विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए वर्ष 2025–26 के लिए जिलेवार प्रशिक्षण उपलब्धि और आबंटित बजट पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0, और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने ‘नियद नेल्ला नार’ योजना के तहत आत्मसमर्पित माओवादियों को दिए जा रहे प्रशिक्षण के सम्बन्ध में जानकारी ली। बैठक में बताया गया कि अब तक 549 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जबकि पुनर्वास केंद्रों में 382 प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इसी क्रम में पीएम जनमन योजना के तहत अत्यंत पिछड़ी जनजाति (PVTG) के युवाओं को दिए जा रहे कोर्सवार प्रशिक्षण की भी समीक्षा की गई।

बैठक में विभागीय उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया गया कि 1 जुलाई 2025 से मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत चेहरा-आधारित स्कैनिंग प्रणाली द्वारा प्रशिक्षणार्थियों की उपस्थिति दर्ज की जा रही है, जिससे पारदर्शिता और निगरानी में सुधार हुआ है।
बैठक में विभाग द्वारा निजी संस्थाओं के साथ किए गए एमओयू की जानकारी भी साझा की गई, जिनमें नांदी फाउंडेशन और महिंद्रा एंड महिंद्रा संस्थानों से किए गए समझौते शामिल हैं। इन संस्थानों के माध्यम से राज्य में गुणवत्ता आधारित प्रशिक्षण संचालित किया जा रहा है।

बैठक में ‘कौशल तिहार 2025’ के आयोजन की रूपरेखा भी प्रस्तुत की गई, जिसका उद्देश्य युवाओं में कौशल के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह प्रतियोगिता जिला और राज्य स्तरीय दो चरणों में आयोजित की जाएगी, जिसमें दो आयु वर्ग – 22 वर्ष से कम एवं 22 वर्ष से अधिक – के प्रतिभागी भाग लेंगे। प्रतियोगिता में 10 प्रमुख ट्रेड ऑटोमोबाइल टेक्नोलॉजी, ब्रिकलेइंग, रिन्युएबल एनर्जी
हेल्थ एंड सोशल केयर, प्लंबिंग एंड हीटिंग, इलेक्ट्रिकल इंस्टॉलेशंस, इलेक्ट्रॉनिक्स फील्ड टेक्नीशियन, कंप्यूटर, मोबाइल फोन टेक्नीशियन, ग्राफिक डिजाइन टेक्नोलॉजी/डेस्कटॉप पब्लिशिंग तथा रेफ्रिजरेशन एंड एयर कंडीशनिंग शामिल है।जिला स्तर पर प्रत्येक ट्रेड और आयु वर्ग से दो विजेताओं का चयन किया जाएगा, जो राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेंगे। राज्य स्तर के विजेताओं को पुरस्कार, ट्रॉफी और रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। उन्हें इंडिया स्किल्स 2025 की क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जाएगा, जहाँ से चयनित प्रतिभागी ‘वर्ल्ड स्किल्स 2026’, शंघाई (चीन) में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कौशल विकास योजनाओं को युवाओं की आजीविका, आत्मनिर्भरता और भविष्य के निर्माण से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने इस दिशा में सतत प्रयास करने के निर्देश दिए।

बैठक में वन एवं कौशल विकास मंत्री श्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, कौशल विकास विभाग के सचिव श्री एस. भारतीदासन तथा छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास अभिकरण (CSDA) के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विजय दयाराम के सहित अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

 

रणनीतिक खनिजों की खोज में छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक छलांग:छत्तीसगढ़ में निकेल-क्रोमियम-PGE की पुष्टि

रायपुर, 5 अगस्त 2025/
खनिज विकास के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की है। मेसर्स डेक्कन गोल्ड माइनिंग लिमिटेड (DGML) ने राज्य में हाल ही में प्राप्त संयुक्त अनुज्ञा क्षेत्र में निकल (Nickel), क्रोमियम (Chromium) और प्लेटिनम समूह के तत्वों (PGEs) की खोज की है। यह उल्लेखनीय उपलब्धि छत्तीसगढ़ में रणनीतिक एवं महत्वपूर्ण खनिजों की खोज और उनके सतत विकास के एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।

यह खोज महासमुंद जिले के भालुकोना–जामनीडीह निकल, क्रोमियम और PGE ब्लॉक में हुई है, जो लगभग 3000 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इस क्षेत्र का प्रारंभिक अन्वेषण भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) द्वारा G4 स्तर पर किया गया था, जिसमें इन खनिजों की उपस्थिति की संभावना प्रकट हुई थी। इस आधार पर, छत्तीसगढ़ शासन के खनिज साधन विभाग के अंतर्गत भूविज्ञान एवं खनिकर्म संचालनालय (DGM) ने विस्तृत भू-वैज्ञानिक आंकड़ों का संकलन कर ब्लॉक की ई-नीलामी प्रक्रिया संपन्न कराई।

दिनांक 6 मार्च 2023 को ब्लॉक का सफलतापूर्वक नीलामीकरण हुआ, जिसमें DGML ने 21% सबसे ऊँची बोली लगाकर इसे हासिल किया। इसके पश्चात DGM छत्तीसगढ़ द्वारा अन्वेषण कार्यों को शीघ्र गति देने हेतु तकनीकी मार्गदर्शन और निरंतर सहयोग प्रदान किया गया। आवश्यक वन और पर्यावरणीय स्वीकृतियाँ प्राप्त होने के बाद, DGML ने अन्वेषण कार्यों की शुरुआत की, जिनमें विस्तृत भू-वैज्ञानिक मानचित्रण, रॉक चिप सैम्पलिंग, ड्रोन आधारित मैग्नेटिक सर्वेक्षण तथा इंड्यूस्ड पोलराइजेशन (IP) सर्वेक्षण शामिल हैं। प्रारंभिक परिणाम उत्साहजनक रहे हैं। अब तक लगभग 700 मीटर लंबी खनिजीकृत पट्टी की पहचान की गई है, जो संभावित मैफिक-अल्ट्रामैफिक चट्टान संरचनाओं में स्थित है। भूभौतिकीय सर्वेक्षणों से प्राप्त संकेतों के अनुसार 300 मीटर गहराई तक सल्फाइड खनिजों की उपस्थिति दर्ज की गई है, जो इस ब्लॉक की समृद्ध खनिज क्षमता को रेखांकित करती है।

भालुकोना ब्लॉक के समीप ही स्थित केलवरडबरी निकल, क्रोमियम एवं PGE ब्लॉक पूर्व में मेसर्स वेदांता लिमिटेड को नीलामी के माध्यम से प्रदान किया गया था। इन दोनों ब्लॉकों के संयुक्त विकास से महासमुंद क्षेत्र को देश के रणनीतिक खनिजों के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित किए जाने की संभावनाएँ सशक्त हुई हैं।

इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक खोज राज्य और देश के लिए अत्यावश्यक खनिज संसाधनों को सुरक्षित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन की भावना को सशक्त करती है और रणनीतिक क्षेत्रों में सतत एवं आत्मनिर्भर विकास को प्रोत्साहित करती है। छत्तीसगढ़ शासन वैज्ञानिक एवं विस्तृत खनिज अन्वेषण तथा विकास को पूर्ण समर्थन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

राज्य शासन द्वारा रणनीतिक एवं महत्वपूर्ण खनिजों की खोज को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है, जिसका प्रमाण 2024-25 के अन्वेषण प्रस्तावों में परिलक्षित होता है, जहां 50% से अधिक प्रस्ताव इन्हीं खनिजों पर केंद्रित हैं। अब तक राज्य द्वारा 51 खनिज ब्लॉकों की सफल नीलामी की जा चुकी है, जिनमें ग्रेफाइट, निकल, क्रोमियम, PGEs, लिथियम, ग्लॉकोनाइट, फॉस्फोराइट एवं ग्रेफाइट-वैनाडियम जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण खनिज शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, 6 टिन ब्लॉकों को भारत सरकार के खनिज मंत्रालय को आगामी नीलामी हेतु सौंपा गया है।

इस दिशा में योजनाबद्ध एवं संस्थागत प्रयासों को गति देने के लिए DGM, छत्तीसगढ़ ने एक क्रिटिकल मिनरल सेल (Critical Mineral Cell) का गठन किया है, जो शोध, शैक्षणिक एवं पेशेवर संस्थानों के साथ सहभागिता बढ़ाकर खनिज अन्वेषण एवं परिशोधन को प्रोत्साहित कर रहा है।

इस संदर्भ में खनिज संसाधन विभाग के सचिव, श्री पी. दयानंद, ने कहा कि यह खोज केवल एक वैज्ञानिक सफलता नहीं, बल्कि एक रणनीतिक छलांग है। बढ़ती वैश्विक मांग के मद्देनज़र, हरित ऊर्जा एवं हाई-टेक तकनीकों के लिए आवश्यक खनिज — जैसे निकेल और प्लेटिनम समूह के तत्व — भविष्य की तकनीकों की रीढ़ हैं। छत्तीसगढ़ भारत के रणनीतिक खनिज मानचित्र में एक केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए कटिबद्ध है और हम इसके लिए आवश्यक संस्थागत और संचालनात्मक सहयोग सुनिश्चित कर रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़ की खनिज समृद्धि की स्थिति को और मजबूत करती है, बल्कि आधुनिक तकनीक, राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्रों में उपयोगी खनिजों की खोज की दिशा में अद्भुत संभावनाओं की नींव भी रखती है।

 

रायपुर : 

 

उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री श्री अरुण साव ने आज गौरेला जाते समय निर्माणाधीन रतनपुर से पेंड्रा राष्ट्रीय राजमार्ग के कार्यों का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने मौके पर मौजूद लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सड़क के निर्माण में गुणवत्ता में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने सड़क का काम हर हाल में समय-सीमा में पूर्ण करने को कहा, ताकि राहगीरों को कोई परेशानी न हो।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने औचक निरीक्षण के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण कार्यों में देरी पर नाराजगी जताई। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यदि किसी प्रकार की परेशानी है, तो समय पर वरिष्ठ अधिकारियों और शासन को अवगत कराएं। सड़क निर्माण की प्रगति में किसी तरह की बाधा नहीं आनी चाहिए।

श्री साव ने सड़क निर्माण की गुणवत्ता को भी परखा और गुणवत्ता में किसी प्रकार की लापरवाही न हो, इसका अधिकारियों को विशेष ध्यान रखने को कहा। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता में किसी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रत्येक चरण में कार्यों की गंभीरता से मॉनिटरिंग करें, ताकि लोगों को आवागमन के लिए टिकाऊ और सुरक्षित सड़क मिले। श्री साव ने निर्माणाधीन सड़क में जरूरत के मुताबिक संकेतक बोर्ड लगाने के साथ ही पुल निर्माण का भी काम निर्धारित समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए।

रायपुर :हरित विकास की दिशा में ग्रामीण क्षेत्रों की भूमिका सबसे महत्त्वपूर्ण-उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा
गाँवों से आरंभ हो रही है हरित अर्थव्यवस्था की क्रांति : रायपुर स्थित प्रबंधन संस्थान में सम्पन्न हुआ पाँचवाँ भारत ग्रामीण संवाद

वन विभाग और ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया संस्था के बीच हरित बदलाव के सहयोग हेतु हुआ एमओयू

रायपुर, 4 अगस्त, 2025

गाँवों से आरंभ हो रही है हरित अर्थव्यवस्था की क्रांति : रायपुर स्थित प्रबंधन संस्थान में सम्पन्न हुआ पाँचवाँ भारत ग्रामीण संवाद

गाँवों से आरंभ हो रही है हरित अर्थव्यवस्था की क्रांति : रायपुर स्थित प्रबंधन संस्थान में सम्पन्न हुआ पाँचवाँ भारत ग्रामीण संवाद

गाँवों से आरंभ हो रही है हरित अर्थव्यवस्था की क्रांति : रायपुर स्थित प्रबंधन संस्थान में सम्पन्न हुआ पाँचवाँ भारत ग्रामीण संवाद

छत्तीसगढ़ में हरित विकास को जनभागीदारी से साकार करने की दिशा में एक उल्लेखनीय पहल करते हुए आज भारतीय प्रबंधन संस्थान रायपुर तथा ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया संस्था के संयुक्त आयोजन में पाँचवाँ भारत ग्रामीण संवाद–2025 सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। गाँवों के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की हरित आर्थिक बदलाव की यात्रा विषय जिसमें प्रदेश को हरित दिशा में आगे ले जाने की रणनीति पर गहन विचार-विमर्श हुआ।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने वर्चुअल माध्यम से जुड़कर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि यदि गाँवों को केंद्र में रखकर परंपरागत ज्ञान और संसाधनों का सतत उपयोग किया जाए, तो हम पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि जैविक खेती, सूर्य ऊर्जा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देकर प्रदेश को हरित राज्य बनाया जा सकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इस दिशा में पूर्णतः प्रतिबद्ध है।

कार्यक्रम के दौरान वन विभाग और ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया संस्था के बीच हरित बदलाव के सहयोग हेतु एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। प्रबंधन संस्थान रायपुर द्वारा प्रदेश के हरित विकास के पाँच मुख्य आधार प्रस्तुत किए गए जिसमे परंपरागत खेती और वन संसाधनों का संरक्षण, हरित रोजगार तथा पर्यावरणीय पर्यटन, स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा, सूर्य ऊर्जा आधारित ग्राम-बिजली प्रबंधन में लोगों की भागीदारी और नीति तथा संस्थागत ढाँचे का निर्माण शामिल थे। कार्यक्रम में पंचायती प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों, महिलाओं, उद्यमियों और विषय विशेषज्ञों ने भाग लिया। सभी ने जल संरक्षण, शिक्षा की गुणवत्ता, पारंपरिक बीजों की कमी, वनों की कटाई, कचरा प्रबंधन और रासायनिक खेती पर निर्भरता जैसे विषयों पर अपने विचार रखे।

 

रायपुर : 

 

उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने आज गौरेला और पेण्ड्रा नगर पालिकाओं में कुल 4 करोड़ 9 लाख 50 हजार रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इनमें गौरेला में 1 करोड़ 72 लाख 86 हजार और पेण्ड्रा में 2 करोड़ 36 लाख 64 हजार रुपए लागत के विकास और निर्माण कार्य शामिल हैं। उप मुख्यमंत्री श्री साव ने गौरेला नगर पालिका कार्यालय व बस स्टैंड तथा पेण्ड्रा असेम्बली हॉल मल्टीपरपज स्कूल में आयोजित लोकार्पण-भूमिपूजन कार्यक्रम को ऐतिहासिक एवं गरिमामय बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के एक-एक वादे को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार पूरा कर रही है। विधायक श्री प्रणव कुमार मरपची और श्री अटल श्रीवास्तव भी इन कार्यक्रमों में शामिल हुए।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने लोकार्पण-भूमिपूजन कार्यक्रम में कहा कि राज्य के नगरीय निकायों का तेजी से विकास हो रहा है। जनआकांक्षाओं को देखते हुए गौरेला और पेण्ड्रा को नगर पालिका तथा मरवाही को नगर पंचायत बनाया गया है। उन्होंने कहा कि नगरों को स्वच्छ, सुंदर एवं सुविधापूर्ण बनाने के लिए शहर विकास योजना (City Development Plan) बनाकर कार्य कर रहे हैं। इसके लिए बिना किसी भेदभाव के सभी निकायों को पर्याप्त राशि दी जा रही है। उन्होंने गौरेला एवं पेण्ड्रा नगर पालिकाओं में विकास कार्यों के लिए 3-3 करोड़ रुपए तथा मरवाही नगर पंचायत के लिए 2 करोड़ रुपए देने की घोषणा की।

श्री साव ने बताया कि गौरेला में स्टेडियम और स्वीमिंग पूल के लिए प्रस्ताव खेल विभाग को भेजा गया है। पेण्ड्रा में नालंदा परिसर के लिए 4 करोड़ 41 लाख रूपए मंजूर किए गए हैं, जिसके निर्माण के लिए निविदा भी आमंत्रित की जा चुकी है। इसके निर्माण से जिले के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण ज्ञानार्जन मिलेगा। श्री साव ने प्रधानमंत्री आवास योजना के ऐसे हितग्राहियों जिनके आवास पूर्ण हो चुके हैं, उन्हें पूर्णता प्रमाण पत्र प्रदान किया।

विधायक श्री प्रणव कुमार मरपची और श्री अटल श्रीवास्तव ने भी लोकार्पण-भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित किया। कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मंडावी ने लोकार्पण एवं विकास कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। गौरेला नगर पालिका के अध्यक्ष श्री मुकेश दुबे, पेण्ड्रा नगर पालिका के अध्यक्ष श्री राकेश जालान और मरवाही नगर पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती मधु बाबा गुप्ता ने भी सभा को संबोधित किया और अपने-अपने निकायों में अधोसंरचना, मूलभूत कार्यों, सौंदर्यीकरण सहित विकास कार्यों की जरूरत के बारे में उप मुख्यमंत्री श्री साव को अवगत कराया। गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिला पंचायत की अध्यक्ष सुश्री समीरा पैकरा, उपाध्यक्ष राजा उपेंद्र बहादुर सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री एस.आर. भगत और वनमण्डलाधिकारी श्रीमती ग्रीष्मी चांद सहित अनेक जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक एवं नगरवासी भी कार्यक्रम में मौजूद थे।

 

रायपुर : 

 

उपमुख्यमंत्री एवं बालोद जिले के प्रभारी मंत्री श्री विजय शर्मा ने आज सयुक्त जिला कार्यालय सभाकक्ष में जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर जिले में शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करते हुए निर्धारित समयावधि में शासकीय योजनाओं का समुचित क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। श्री शर्मा ने जिले के सभी अधिकारी-कर्मचारियों को पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ कार्य करते हुए बालोद जिले को प्रत्येक दृष्टि से उत्कृष्ट, अग्रणी एवं आदर्श जिला बनाने में अपनी अमूल्य सहभागिता सुनिश्चित करने को कहा। श्री शर्मा ने कहा कि प्रत्येक शासकीय सेवक को शासकीय सेवा में चयनित होने के पश्चात् जनसेवा करने का भी पुनीत अवसर प्राप्त होता है। इसलिए हम सभी शासन-प्रशासन से जुड़े लोगों को कड़ी मेहनत एवं लगन से आम जनता के हित में निरंतर कार्य करने का प्रयास करना चाहिए। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने गन्ना की खेती एवं उसके उपयोग को किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार तथा उनके जीवन स्तर में बदलाव का प्रमुख माध्यम बताते हुए इस बार गन्ने फसल की बुवाई को वृद्धि कर तीन हजार हेक्टेयर तक अनिवार्य रूप से इसके लिए शक्कर कारखाना करकाभाट के प्रबंध निदेशक एवं कृषि विभाग के उपसंचालक को जरूरी उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। श्री शर्मा ने इसके लिए क्षेत्र के किसानों से बातचीत कर गन्ना उत्पादन के लिए पे्ररित करने के भी निर्देश दिए। बैठकमें श्री शर्मा ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा करते हुए जिले में कुपोषण दूर करने हेतु किए जा रहे उपायों के संबंध में जानकारी ली। श्री शर्मा ने कुपोषित बच्चों को गोद लेकर कुपोषित बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाने के लिए इन बच्चो के लिए पौष्टिक भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु गोद लेने वाले व्यक्तियों से सहयोग राशि एकत्र करने का भी सुझाव दिया। इस कार्य में उन्होंने अधिकारी-कर्मचारियों के अलावा जनप्रतिनिधियों, समाज सेवियों एवं अन्य लोगों से मदद लेने के भी निर्देश दिए। बैठक में श्री शर्मा ने जिले में जुआ, सट्टा पर रोक लगाने तथा शराब, गांजा एवं अन्य मादक पदार्थों के अवैध बिक्री की रोकथाम हेतु की जा रही उपायों की भी समीक्षा की। उन्होंने पुलिस अधीक्षक श्री योगेश कुमार पटेल को इसके लिए पुख्ता उपाय सुनिश्चित करने तथा मादक पदार्थों के अवैध बिक्री पर रोकथाम सुनिश्चित करने हेतु दवा विक्रताओं एवं कुरियर संचालकों के साथ बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए। इनके द्वारा मादक पदार्थों की बिक्री करते पाए जाने पर उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने नशापान के अलावा मादक पदार्थों के अवैध बिक्री पर रोकथाम सुनिश्चित करने हेतु नियमित रूप से जनजागरूकता अभियान चलाने को कहा। बैठक में श्री शर्मा ने कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा के कुशल नेतृत्व में जिले में शासकीय योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु किए जा रहे बेहतर कार्यों की भी भूरी-भूरी सराहना की।

बैठक में सभी विभाग प्रमुखों के द्वारा पावर प्वाईंट प्र्रेंजेेटेशन के माध्यम से अपने-अपने विभागों के कार्यों की प्रगति एवं योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति के संबंध में बारी-बारी से जानकारी दी गई। श्री शर्मा ने जिले में राजस्व प्रकरणों की निराकरण की स्थिति की समीक्षा करते हुए समय-सीमा में राजस्व प्रकरणों की निराकरण हेतु जरूरी उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी लंबित राजस्व प्रकरणों को समय-सीमा में निराकरण सुनिश्चित करने हेतु कार्ययोजना बनाकर इस कार्य को विशेष प्राथमिकता के साथ पूरा करने के निर्देश भी दिए। श्री शर्मा ने जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र के कार्यों की समीक्षा करते हुए सेना भर्ती एवं अग्निवीर भर्ती परीक्षा में शामिल होेने वाले युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु की गई व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को जरूरी उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा करते हुए इस योजना के अंतर्गत अपूर्ण कार्यों को शीघ्र पूरा कराने तथा जल जीवन मिशन के कार्य को करते वक्त क्षतिग्रस्त हुए सीसी रोड आदि का शीघ्र मरम्मत कराने के निर्देश दिए। बैठक में श्री शर्मा ने शिक्षा, क्रेडा, जल संसाधन, परिवहन, आदिवासी विकास, खाद्य, वन आदि अन्य सभी विभागों के कार्यों की बारी-बारी से समीक्षा की। उन्होंने सभी विभाग प्रमुखों को निर्धारित समयावधि में गुणवत्तायुक्त ढंग से शासकीय योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। जिससे कि आम जनता को इसका समुचित लाभ मिल सके। बैठक में अधिकारियों के द्वारा पिछले बैठक में प्रभारी मंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों पर की गई कार्रवाई के संबंध में जानकारी दी गई।

 

रायपुर :

 

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय दिव्य शिव महापुराण कथा के समापन समारोह में वर्चुअली हुए शामिल

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पवित्र श्रावण मास के चौथे सोमवार के शुभ अवसर पर रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय से जशपुर जिले के कुनकुरी विकासखंड अंतर्गत मयाली में विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ के समीप आयोजित दिव्य शिव महापुराण कथा के समापन समारोह को ऑनलाइन माध्यम से संबोधित किया।

श्रावण मास की इस सात दिवसीय दिव्य कथा श्रृंखला का आयोजन 28 जुलाई से 4 अगस्त 2025 तक महामधेश्वर धाम समिति द्वारा किया गया, जिसमें अयोध्या के प्रसिद्ध कथावाचक पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने शिव महापुराण की अमृतमयी वाणी से हजारों श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया। मुख्यमंत्री ने व्यासपीठ से जुड़े सभी संतजनों को प्रणाम करते हुए समिति को भव्य आयोजन के लिए बधाई एवं आभार प्रकट किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिव और शक्ति छत्तीसगढ़ के कण-कण में समाए हैं और प्रदेश को आध्यात्मिक ऊर्जा इन्हीं देवस्थलों से प्राप्त होती है। उन्होंने बताया कि मधेश्वर महादेव धाम के विकास के लिए केंद्र सरकार से ₹10 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है, तथा राज्य सरकार तीव्र गति से अधोसंरचना विकास और श्रद्धालु सुविधाओं के लिए कार्य कर रही है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जनहितैषी निर्णय से लाखों लोगों को मिलेगा राहत - मुख्यमंत्री श्री साय

रायपुर, 4 अगस्त 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने केंद्र सरकार द्वारा 37 आवश्यक औषधियों के मूल्य में 10 से 15 प्रतिशत तक की कमी किए जाने के निर्णय का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वस्थ भारत ही विकसित भारत की आधारशिला है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का यह निर्णय उनके दूरदर्शी और जनकल्याणकारी नेतृत्व की सशक्त अभिव्यक्ति है। यह निर्णय हृदय रोग, मधुमेह, संक्रमण, बुखार और दर्द जैसी आम लेकिन गंभीर बीमारियों से जूझ रहे नागरिकों को बड़ी राहत देगा।

उन्होंने कहा कि इस मूल्य कटौती से पैरासिटामोल, एटोरवास्टेटिन, एमोक्सिसिलिन जैसी जीवनरक्षक दवाएं अब और अधिक सुलभ और सस्ती हो सकेंगी। छत्तीसगढ़ जैसे आदिवासी और ग्रामीण बहुल राज्य में यह निर्णय गरीबों, श्रमिकों, किसानों, महिलाओं और वृद्धजनों के स्वास्थ्य हेतु अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी उल्लेख किया कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के केंद्रों के विस्तार, आयुष्मान भारत योजना के प्रभावी क्रियान्वयन और प्राथमिक से लेकर उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं की सहज उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि केंद्र सरकार का निर्णय केवल औषधियों की कीमत घटाने का नहीं, बल्कि आमजन के जीवन स्तर को सशक्त बनाने का भी कदम है।

भगवान मधेश्वर की पावन धरा के विकास हेतु मिलेंगे 10 करोड़ रुपये, तीर्थ पर्यटन को मिलेगा नया आयाम

श्रीरामलला दर्शन योजना और तीर्थदर्शन योजना से श्रद्धालुओं को मिल रहा आध्यात्मिक लाभ

रायपुर, 4 अगस्त 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पवित्र श्रावण मास के चौथे सोमवार के शुभ अवसर पर रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय से जशपुर जिले के कुनकुरी विकासखंड अंतर्गत मयाली में विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ के समीप आयोजित दिव्य शिव महापुराण कथा के समापन समारोह को ऑनलाइन माध्यम से संबोधित किया।

श्रावण मास की इस सात दिवसीय दिव्य कथा श्रृंखला का आयोजन 28 जुलाई से 4 अगस्त 2025 तक महामधेश्वर धाम समिति द्वारा किया गया, जिसमें अयोध्या के प्रसिद्ध कथावाचक पूज्य श्री देवकीनंदन जी महाराज ने शिव महापुराण की अमृतमयी वाणी से हजारों श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया। मुख्यमंत्री ने व्यासपीठ से जुड़े सभी संतजनों को प्रणाम करते हुए समिति को भव्य आयोजन के लिए बधाई एवं आभार प्रकट किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिव और शक्ति छत्तीसगढ़ के कण-कण में समाए हैं और प्रदेश को आध्यात्मिक ऊर्जा इन्हीं देवस्थलों से प्राप्त होती है। उन्होंने बताया कि मधेश्वर महादेव धाम के विकास के लिए केंद्र सरकार से ₹10 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है, तथा राज्य सरकार तीव्र गति से अधोसंरचना विकास और श्रद्धालु सुविधाओं के लिए कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में विराजित भगवान शिव के प्रमुख स्थलों का उल्लेख करते हुए कहा कि मयाली में मधेश्वर पहाड़, कवर्धा में बाबा भोरमदेव, राजिम में कुलेश्वर महादेव, गरियाबंद में भूतेश्वर महादेव और जांजगीर-चांपा के खरौद में लक्ष्मणेश्वर महादेव के रूप में भगवान शिव विभिन्न रूपों में श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सम्पूर्ण प्रदेश शिवमय है।

श्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पाँच प्रमुख शक्तिपीठों के विकास के लिए शक्ति कॉरिडोर योजना प्रारंभ की गई है। इसमें डोंगरगढ़ की बमलेश्वरी देवी, रतनपुर की महामाया देवी, चंद्रपुर की चंद्रहासिनी माता, दंतेवाड़ा की दंतेश्वरी देवी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में तीर्थ पर्यटन को नई दिशा दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने श्री रामलला दर्शन योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि अब तक 22 हजार से अधिक श्रद्धालु अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम के दर्शन का लाभ प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना श्रद्धालुओं को प्रभु श्रीराम के प्रति श्रद्धा से जोड़ने का सशक्त माध्यम बनी है।

इसी क्रम में पुनः प्रारंभ की गई मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत राज्य के वृद्ध श्रद्धालुओं को देश के 19 प्रमुख तीर्थ स्थलों के दर्शन कराए जा रहे हैं, जिससे उन्हें जीवन में आध्यात्मिक संतोष और आस्था का अनुभव हो रहा है।

समापन अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हुए प्रार्थना की कि बाबा भोलेनाथ की कृपा सदैव सभी श्रद्धालुओं पर बनी रहे। उन्होंने महामधेश्वर धाम समिति को आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी और कहा कि प्रदेश सरकार श्रद्धा, संस्कृति और विकास के समन्वय से छत्तीसगढ़ को नया धार्मिक एवं पर्यटन गंतव्य बनाएगी।

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