ईश्वर दुबे
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Bhilai
रायपुर :
उपमुख्यमंत्री एवं बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री श्री विजय शर्मा ने आज जगदलपुर स्थित जिला कार्यालय के प्रेरणा सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में विभिन्न विभागों द्वारा जिले में किए जा रहे नवाचारों और योजनाओं के क्रियान्वयन की गहन समीक्षा की उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने स्पष्ट निर्देश दिए कि यदि कोई व्यक्ति दो से अधिक बार शराब या अन्य नशे की तस्करी में संलिप्त पाया जाता है, तो उसकी संपत्ति जब्त करने की कानूनी कार्यवाही तत्काल आरंभ की जाए। उन्होंने नशा उन्मूलन के लिए पुलिस विभाग, जनप्रतिनिधियों और दवा व्यापारियों के साथ समन्वय बैठक आयोजित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने जगदलपुर के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में शीघ्र ओपीडी सेवा प्रारंभ करने को कहा, ताकि आम जनता को विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाएं सुलभ हो सकें।
उपमुख्यमंत्री ने राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे स्थित ग्राम पंचायतों में कॉम्प्लेक्स निर्माण कर पंचायतों को स्वावलंबी बनाने का सुझाव दिया, जिससे पंचायतों को स्थायी राजस्व प्राप्त हो सके। उन्होंने पंचायत सचिवों को अविवादित बंटवारे के मामलों को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कराने हेतु ब्लॉक स्तर पर प्रशिक्षण देने और जनजागरूकता हेतु मुनादी एवं होर्डिंग लगाने के निर्देश भी दिए। मिलेट्स उत्पादन करने वाले किसानों के उत्पाद को बाजार तक पहुँचाने की ठोस व्यवस्था बनाने तथा मक्का उत्पादक किसानों को स्प्रिंकलर एवं विभागीय योजनाओं से जोड़ने की बात भी कही। बैठक में पंचायत विभाग द्वारा किए गए नवाचारों, अटल डिजिटल सुविधा केंद्र, महतारी सदन, दीनदयाल अंत्योदय योजना, बिहान, मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), आत्मसमर्पित नक्सली एवं नक्सल पीड़ित हितग्राहियों को प्रथम किश्त के उपरांत आवास की प्रगति, ग्राम पंचायतों में पंजी संधारण की स्थिति, डीपीआरसी ट्रेनिंग सेंटर, स्वच्छ भारत मिशन तथा आगामी तीन माह की कार्ययोजना की भी समीक्षा की गई।
रायपुर :
राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ बुनकर समाज के प्रतिनिधिमंडल ने राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से सौजन्य भेंट की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी प्रतिनिधियों का आत्मीय स्वागत करते हुए उन्हें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। मुख्यमंत्री ने बुनकर समाज की सराहना करते हुए कहा कि हथकरघा कला हमारी समृद्ध विरासत है, जो प्रदेश को एक विशिष्ट पहचान दिलाती है और हमारी सांस्कृतिक अस्मिता को सशक्त बनाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ का बुनकर समाज अपने श्रम, कौशल और रचनात्मकता के माध्यम से राज्य का गौरव बढ़ा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार बुनकरों की समृद्धि, सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के लिए बहुआयामी प्रयास कर रही है। कच्चा माल सुलभ कराने से लेकर लागत कम करने और विपणन की बेहतर सुविधाएँ प्रदान करने तक, हर मोर्चे पर योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बुनकरों की आत्मनिर्भरता ही उनकी रचनात्मक उड़ान को नई ऊँचाई दे सकती है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए "वोकल फॉर लोकल" के मंत्र का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय हमारे पारंपरिक उत्पादों और हुनर को प्रोत्साहन देने का है। हथकरघा उद्योग केवल आजीविका का माध्यम नहीं, बल्कि सांस्कृतिक चेतना का जीवंत प्रतीक है, जिसे बुनकर समाज आज भी सहेजे हुए है।
इस अवसर पर समाज के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को बुनकरों द्वारा निर्मित करघा (कपड़ा बुनने की पारंपरिक मशीन) की प्रतिकृति भेंट की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी यह भेंट न केवल आपके सम्मान और भावनाओं का प्रतीक है, बल्कि सृजन, परंपरा और हमारे प्रदेश के सांस्कृतिक मूल्यों का भी प्रतीक है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आश्वस्त किया कि छत्तीसगढ़ सरकार बुनकर समाज के हर संभव सहयोग के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है और उनके सर्वांगीण विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि आने वाला समय बुनकरों के सम्मान, समृद्धि और सशक्तिकरण का होगा।
इस अवसर पर बुनकर समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री महेश देवांगन, श्री पुरुषोत्तम देवांगन, श्री धनेश देवांगन, श्री गजेंद्र देवांगन सहित अन्य वरिष्ठ सदस्य उपस्थित थे।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का नेतृत्व केवल जनकल्याणकारी योजनाओं और विकास की दिशा में सशक्त पहल तक सीमित नहीं है, बल्कि उनकी सहजता, आत्मीयता और मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण व्यवहार ने उन्हें जन-जन के हृदय में विशेष स्थान दिलाया है। आज जांजगीर चांपा जिले में आगमन के दौरान हेलीपेड पर ऐसा ही एक क्षण सामने आया, जब मुख्यमंत्री ने नन्ही बच्ची सृष्टि को गोद में उठाकर स्नेह से दुलारा।
किसान श्री योगेंद्र पांडेय अपनी तीन वर्षीय पुत्री सुश्री सृष्टि पांडेय को लेकर ग्राम भणेसर से विशेष रूप से मुख्यमंत्री श्री साय से मिलने पहुंचे थे। जब मुख्यमंत्री श्री साय की दृष्टि मासूम बच्ची सृष्टि पर पड़ी, तो उन्होंने तुरंत आत्मीय मुस्कान के साथ निहारा और उसे स्नेह से अपनी गोद में उठा लिया। मुख्यमंत्री से मिलकर नन्ही सृष्टि की आँखों में जो चमक थी, वह पूरे वातावरण को आत्मीयता से भर गई।
सृष्टि के पिता श्री योगेंद्र पांडेय ने भावुक होकर बताया कि मुख्यमंत्री जी के आने की खबर सुनकर मैंने तय किया कि अपनी बेटी को उनसे मिलवाऊँगा। जब मुख्यमंत्री जी ने उसे गोद में उठाया, तो हमारी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मेरी बेटी और हम दोनों के लिए यह पल हमारे जीवन की सबसे अनमोल स्मृति बन गई है जो जीवन भर याद रहेगी।
सुश्री सृष्टि, जो वर्तमान में नर्सरी कक्षा की छात्रा हैं, अपने पिता के साथ मुख्यमंत्री श्री साय को देखने के लिए अत्यंत उत्साह के साथ पहुंची थीं। उनका परिवार एक साधारण किसान परिवार है, जिसमें माता-पिता, दादा-दादी और सृष्टि स्वयं शामिल हैं।
रायपुर :
अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण मद से स्वीकृत कार्यों को गंभीरता से लेकर पूरी गुणवत्ता के साथ
अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण का बजट 50 करोड़ से बढ़ाकर 75 करोड़ किया गया
अनुसूचित जाति वर्ग के पांच युवाओं को हर साल पायलट बनाने दी जाएगी आर्थिक सहायता
गिरौधपुरी धाम के विकास के लिए 2 करोड़, अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के कोचिंग के लिए 50 लाख रुपए की दी गई स्वीकृति
राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर मुख्यमंत्री को करघा भेंटकर किया अभिनंदन
प्रदेश में बुनकरों के सम्मान, समृद्धि और सशक्तिकरण हेतु किए जा रहे हैं विशेष प्रयास - मुख्यमंत्री
रायपुर, 07 अगस्त 2025/ राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ बुनकर समाज के प्रतिनिधिमंडल ने राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से सौजन्य भेंट की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी प्रतिनिधियों का आत्मीय स्वागत करते हुए उन्हें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। मुख्यमंत्री ने बुनकर समाज की सराहना करते हुए कहा कि हथकरघा कला हमारी समृद्ध विरासत है, जो प्रदेश को एक विशिष्ट पहचान दिलाती है और हमारी सांस्कृतिक अस्मिता को सशक्त बनाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ का बुनकर समाज अपने श्रम, कौशल और रचनात्मकता के माध्यम से राज्य का गौरव बढ़ा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार बुनकरों की समृद्धि, सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के लिए बहुआयामी प्रयास कर रही है। कच्चा माल सुलभ कराने से लेकर लागत कम करने और विपणन की बेहतर सुविधाएँ प्रदान करने तक, हर मोर्चे पर योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बुनकरों की आत्मनिर्भरता ही उनकी रचनात्मक उड़ान को नई ऊँचाई दे सकती है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए "वोकल फॉर लोकल" के मंत्र का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय हमारे पारंपरिक उत्पादों और हुनर को प्रोत्साहन देने का है। हथकरघा उद्योग केवल आजीविका का माध्यम नहीं, बल्कि सांस्कृतिक चेतना का जीवंत प्रतीक है, जिसे बुनकर समाज आज भी सहेजे हुए है।
इस अवसर पर समाज के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को बुनकरों द्वारा निर्मित करघा (कपड़ा बुनने की पारंपरिक मशीन) की प्रतिकृति भेंट की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी यह भेंट न केवल आपके सम्मान और भावनाओं का प्रतीक है, बल्कि सृजन, परंपरा और हमारे प्रदेश के सांस्कृतिक मूल्यों का भी प्रतीक है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आश्वस्त किया कि छत्तीसगढ़ सरकार बुनकर समाज के हर संभव सहयोग के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है और उनके सर्वांगीण विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि आने वाला समय बुनकरों के सम्मान, समृद्धि और सशक्तिकरण का होगा।
इस अवसर पर बुनकर समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री महेश देवांगन, श्री पुरुषोत्तम देवांगन, श्री धनेश देवांगन, श्री गजेंद्र देवांगन सहित अन्य वरिष्ठ सदस्य उपस्थित थे।
रायपुर, 07 अगस्त 2025/ महाराष्ट्र सरकार के जनसंपर्क एवं सूचना विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का एक अध्ययन दल 5 से 7 अगस्त 2025 तक तीन दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ में प्रवास पर रहा। इस दौरे का उद्देश्य छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सूचना, जनसंपर्क और शासकीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार के क्षेत्र में किए जा रहे नवीनतम नवाचारों और प्रभावी कार्यप्रणालियों का प्रत्यक्ष अवलोकन एवं अध्ययन करना था।
अध्ययन दल में महाराष्ट्र शासन की उप सचिव श्रीमती समृद्धि अंगोलकर, निदेशक श्री किशोर गंगरडे सहित कुल छह वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। दल ने छत्तीसगढ़ शासन के जनसंपर्क विभाग एवं उसकी सहायक संस्था छत्तीसगढ़ संवाद की संपूर्ण कार्यप्रणाली का अध्ययन किया।
भ्रमण के दौरान अधिकारियों ने ई-न्यूज़ क्लिपिंग, ई-आरओ सिस्टम, ई-पब्लिकेशन, पत्रकार अधिमान्यता प्रणाली, तथा पत्रकारों के कल्याण हेतु संचालित योजनाओं का गहन अध्ययन किया। इसके साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ संवाद की संगठनात्मक संरचना, संचालन तंत्र तथा तकनीकी नवाचारों के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी भी प्राप्त की।
इस अवसर पर अध्ययन दल ने जनसंपर्क विभाग के आयुक्त डॉ. रवि मित्तल से सौजन्य मुलाकात की। जनसंपर्क आयुक्त डॉ. मित्तल ने कहा कि छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग का यह सतत प्रयास रहा है कि शासकीय योजनाओं और जनहितकारी नीतियों की जानकारी आम जनता तक त्वरित, पारदर्शी और प्रभावशाली ढंग से पहुँचे। सूचना के क्षेत्र में तकनीक और मानवीय दृष्टिकोण के संतुलित समावेशन ने हमारी कार्यप्रणाली को विशिष्ट बनाया है। यह हमारे लिए प्रसन्नता की बात है कि अन्य राज्य भी हमारे नवाचारों में रुचि ले रहे हैं। यह अनुभव-साझाकरण एक सकारात्मक और रचनात्मक दिशा में उठाया गया कदम है।
अध्ययन दल ने इंद्रावती भवन स्थित जनसंपर्क संचालनालय एवं छत्तीसगढ़ संवाद कार्यालय का भ्रमण कर विभिन्न शाखाओं के संचालन का प्रत्यक्ष अवलोकन किया और विभाग की प्रमुख गतिविधियों को निकट से जाना।
अपर संचालक श्री जे.एल. दरियो, श्री उमेश मिश्रा एवं श्री संजीव तिवारी ने अध्ययन दल को विभाग की प्रमुख गतिविधियों, कार्यप्रणाली और तकनीकी अनुप्रयोगों की जानकारी विस्तार से प्रदान की।महाराष्ट्र से आए अध्ययन दल के सदस्यों ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सूचना एवं जनसंपर्क के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों की सराहना करते हुए उन्हें अपने राज्य में भी लागू करने की संभावनाओं में गहरी रुचि जताई।
इस अवसर पर जनसंपर्क विभाग और छत्तीसगढ़ संवाद के विभिन्न अधिकारीगण उपस्थित थे।
दुर्गम क्षेत्र और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद मात्र तीन महीनों में पूर्ण हुआ सोडी हुंगी और दशरी बाई का मकान
विशेष परियोजना के तहत इस साल मार्च में स्वीकृति के बाद मई में शुरू हुआ था काम
छत्तीसगढ़ सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार ने विशेष परियोजना के तहत मंजूर किए हैं 15 हजार आवास
छत्तीसगढ़ सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विश्वास, विकास और पुनर्वास की नीति पर कर रही है कार्य: सरकार सभी पात्र हितग्राहियों को पक्का घर देने के लिए संकल्पित - मुख्यमंत्री श्री साय
रायपुर. 5 अगस्त 2025. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दूरस्थ वनांचलों के हर परिवार को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने सरकार लगातार पहल कर रही है। राज्य में नक्सल पीड़ित परिवारों और आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास के लिए विशेष परियोजना के तहत करीब तीन हजार आवास बन रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र सरकार से विशेष आग्रह कर आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल हिंसा से प्रभावित परिवारों के लिए जो प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता की शर्तों में नहीं आ पा रहे थे, उनके लिए विशेष परियोजना के तहत 15 हजार आवास स्वीकृत कराया है।
विशेष परियोजना के तहत राज्य में अब तक पात्र पाए गए पांच हजार परिवारों में से तीन हजार परिवारों के लिए आवास स्वीकृत कर 2111 परिवारों को आवास निर्माण के लिए पहली किस्त और 128 परिवारों को दूसरी किस्त भी जारी की जा चुकी है। सुदूर वनांचलों में रहने वाले इन परिवारों के आवास तेजी से बन रहे हैं। नक्सल हिंसा से प्रभावित सुकमा की सोडी हुंगी और कांकेर की दशरी बाई का विशेष परियोजना के अंतर्गत स्वीकृत पीएम आवास दुर्गम क्षेत्र और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद मात्र तीन महीनों में ही बनकर तैयार हो गया है। इस साल मार्च में स्वीकृति के बाद मई में इनके आवासों का निर्माण प्रारंभ हुआ था।
बस्तर में नक्सल हिंसा से प्रभावित और आत्मसमर्पित नक्सलियों के परिवारों में खुशियों ने फिर से दस्तक देना शुरू कर दिया है। विशेष परियोजना के तहत स्वीकृत उनके पक्के आवास तेजी से आकार ले रहे हैं। दूरस्थ और कठिन भौगोलिक क्षेत्र होने के बावजूद इन परिवारों के हौसले और शासन-प्रशासन की मदद से उनके सपनों के आशियाने मूर्त रूप ले रहे हैं। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की दिशा में यह विशेष परियोजना न केवल एक ठोस कदम है, बल्कि पीड़ित परिवारों के पुनर्वास की दिशा में मील का पत्थर भी है।
दुर्गम क्षेत्र और विपरीत हालातों के बीच भी तीन महीने में निर्माण पूरा
कांकेर जिला मुख्यालय से लगभग 200 किलोमीटर दूर कोयलीबेड़ा विकासखण्ड के उलिया ग्राम पंचायत में रहने वाली श्रीमती दसरी बाई नुरूटी के पति श्री दोगे नुरूटी की विधानसभा चुनाव के दौरान माओवादी घटना में मृत्यु हो गई थी। पीएम आवास योजना में नक्सल पीड़ित परिवारों के लिए विशेष परियोजना के तहत इस साल मार्च में उसका आवास स्वीकृत किया गया था। मई में उसके आवास का निर्माण शुरू हुआ था। अब मात्र तीन महीनों की अल्प अवधि में ही उसके आवास का निर्माण पूर्ण हो गया है। दसरी बाई के हौसले के कारण कठिन परिस्थितियों के बावजूद बहुत कम समय में आवास तैयार हुआ और उसके परिवार को पक्का मकान मिला।
श्रीमती दसरी बाई बताती हैं कि वनांचल और दूरस्थ क्षेत्र होने के कारण आवास के निर्माण में कई व्यावहारिक दिक्कतें आईं। विकासखंड मुख्यालय से बहुत दूर होने के कारण चारपहिया वाहनों के लिए कोई मार्ग नहीं है। इस कारण से निर्माण सामग्री लाने में बहुत कठिनाइयां आईं। बारिश होने पर दोपहिया वाहन से भी पहुंचना अत्यंत मुश्किल होता था, जिसके चलते राजमिस्त्री और श्रमिक समय पर पहुंचने से मना कर देते थे। अंदरूनी क्षेत्र होने से निर्माण सामग्रियों को लाना सामान्य क्षेत्र के मुकाबले महंगा पड़ता था।
श्रीमती दसरी बाई कहती हैं कि आवास का काम तेजी से पूरा करने में कांकेर जिला प्रशासन, ग्राम पंचायत और प्रधानमंत्री आवास योजना के अधिकारियों का बहुत सहयोग मिला। निर्माण सामग्रियां पहुंचाने तथा राजमिस्त्रियों और श्रमिकों की व्यवस्था में ग्राम पंचायत एवं आवास टोली ने बहुत सहायता की। वह कहती हैं कि नक्सल पीड़ितों और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास के लिए सरकार ने संवेदनशील और प्रभावी नीति बनाई है। शासन-प्रशासन के लगातार सहयोग से बहुत कम समय में उसका पक्का आवास बन गया है।
सरलता, करुणा और जनसामान्य से जुड़ाव की मिसाल बने मुख्यमंत्री श्री साय : किसान पिता बोले, जीवन भर रहेगा याद
रायपुर, 7 अगस्त 2025/मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का नेतृत्व केवल जनकल्याणकारी योजनाओं और विकास की दिशा में सशक्त पहल तक सीमित नहीं है, बल्कि उनकी सहजता, आत्मीयता और मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण व्यवहार ने उन्हें जन-जन के हृदय में विशेष स्थान दिलाया है। आज जांजगीर चांपा जिले में आगमन के दौरान हेलीपेड पर ऐसा ही एक क्षण सामने आया, जब मुख्यमंत्री ने नन्ही बच्ची सृष्टि को गोद में उठाकर स्नेह से दुलारा।
किसान श्री योगेंद्र पांडेय अपनी तीन वर्षीय पुत्री सुश्री सृष्टि पांडेय को लेकर ग्राम भणेसर से विशेष रूप से मुख्यमंत्री श्री साय से मिलने पहुंचे थे। जब मुख्यमंत्री श्री साय की दृष्टि मासूम बच्ची सृष्टि पर पड़ी, तो उन्होंने तुरंत आत्मीय मुस्कान के साथ निहारा और उसे स्नेह से अपनी गोद में उठा लिया। मुख्यमंत्री से मिलकर नन्ही सृष्टि की आँखों में जो चमक थी, वह पूरे वातावरण को आत्मीयता से भर गई।
सृष्टि के पिता श्री योगेंद्र पांडेय ने भावुक होकर बताया कि मुख्यमंत्री जी के आने की खबर सुनकर मैंने तय किया कि अपनी बेटी को उनसे मिलवाऊँगा। जब मुख्यमंत्री जी ने उसे गोद में उठाया, तो हमारी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मेरी बेटी और हम दोनों के लिए यह पल हमारे जीवन की सबसे अनमोल स्मृति बन गई है जो जीवन भर याद रहेगी।
सुश्री सृष्टि, जो वर्तमान में नर्सरी कक्षा की छात्रा हैं, अपने पिता के साथ मुख्यमंत्री श्री साय को देखने के लिए अत्यंत उत्साह के साथ पहुंची थीं। उनका परिवार एक साधारण किसान परिवार है, जिसमें माता-पिता, दादा-दादी और सृष्टि स्वयं शामिल हैं।
अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण का बजट 50 करोड़ से बढ़ाकर 75 करोड़ किया गया
अनुसूचित जाति वर्ग के पांच युवाओं को हर साल पायलट बनाने दी जाएगी आर्थिक सहायता
गिरौधपुरी धाम के विकास के लिए 2 करोड़, अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के कोचिंग के लिए 50 लाख रुपए की दी गई स्वीकृति
रायपुर, 7 अगस्त 2025/मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज जांजगीर-चांपा जिले के जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण की बैठक में प्राधिकरण के बजट को 50 करोड़ से बढ़ाकर 75 करोड़ रुपये करने की स्वीकृति दी गई। मुख्यमंत्री श्री साय ने निर्देश दिए कि प्राधिकरण मद से स्वीकृत कार्यों को सभी कलेक्टर्स गंभीरता से लें और उन्हें उच्च गुणवत्ता के साथ निर्धारित समयसीमा में पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अब प्राधिकरण की बैठक हर वर्ष समय पर आयोजित होगी और कार्यों की गहन समीक्षा की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि संविधान की मंशा के अनुरूप अनुसूचित जाति समुदाय के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक उत्थान के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा प्रदत्त संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करते हुए हम बाबा गुरु घासीदास जी के ‘मनखे-मनखे एक समान’ के संदेश को आत्मसात कर समाज में सम्मान और समानता की भावना को सशक्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुँचे, यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जांजगीर-चांपा जिले को इस बैठक के लिए विशेष रूप से इसलिए चुना गया क्योंकि यह अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य अपनी स्थापना के 25वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है, और अब समय आ गया है कि हम विकास की दिशा में नए कीर्तिमान स्थापित करें।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की संकल्पना के अनुरूप राज्य में विकास के कार्य हुए हैं। अनुसूचित जाति समाज के समुचित विकास के लिए प्राधिकरण एक सशक्त माध्यम है, जिसके माध्यम से सरकार ठोस प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने गिरौधपुरी धाम के विकास के लिए 2 करोड़ रुपये, अजा वर्ग के विद्यार्थियों हेतु कोचिंग व्यवस्था के लिए 50 लाख रुपये, प्रत्येक वर्ष अनुसूचित जाति वर्ग के 5 युवाओं को पायलट प्रशिक्षण हेतु सहायता, तथा जोड़ा जैतखंभ के निर्माण में सीमेंट के साथ-साथ लकड़ी के उपयोग हेतु राशि स्वीकृत करने की घोषणा की। साथ ही, दिल्ली में संचालित ट्राइबल यूथ हॉस्टल में सीट संख्या बढ़ाकर 200 करने की जानकारी दी और विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु इसका लाभ लेने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने आगामी समय में सभी जिला मुख्यालयों में 'नालंदा परिसर' के निर्माण की भी बात कही।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बैठक के दौरान प्राधिकरण मद से स्वीकृत कार्यों के वर्षों से लंबित रहने पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि भले ही प्राधिकरण के कार्यों की राशि कम हो, लेकिन उनका सामाजिक महत्व अत्यंत बड़ा है। इन कार्यों का समय पर पूर्ण न होना चिंता का विषय है।
बैठक को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में अनुसूचित जाति समाज के उत्थान के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री की सोच समाज के वंचित वर्ग को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में स्पष्ट है। उन्होंने सभी लंबित कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए और सभी समाज को साथ लेकर छत्तीसगढ़ के समग्र विकास का संकल्प दोहराया।
अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष गुरु खुशवंत साहेब ने मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में समाज के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों हेतु आभार प्रकट किया। उन्होंने गिरौधपुरी धाम में रोपवे निर्माण, मेला आयोजन के दौरान बुनियादी सुविधाओं के विस्तार, जोक नदी के पास स्नान हेतु आवश्यक व्यवस्था, ठहरने की सुविधा, जोड़ा जैतखंभ में लकड़ी के उपयोग, बाराडेरा धाम में ऐतिहासिक तालाब का संरक्षण और सौंदर्यीकरण, विद्यार्थियों के लिए स्मार्ट क्लास की व्यवस्था जैसी मांगें बैठक में रखीं। उन्होंने बजट वृद्धि और मांगों की स्वीकृति के लिए भी आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा - केंद्र सरकार की पहल पीवीटीजी समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में ऐतिहासिक कदम, छत्तीसगढ़ सरकार करेगी कार्यों का शीघ्र और गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन
रायपुर, 7 अगस्त 2025/
प्रधानमंत्री जनमन योजना (PM-JANMAN) के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को 375.71 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 6,569.56 मीटर लम्बाई के कुल 100 पुलों की स्वीकृति प्रदान की गई है। यह स्वीकृति 2025–26 बैच–II के अंतर्गत दी गई है। इस ताज़ा स्वीकृति के साथ अब तक राज्य को कुल 715 सड़कें (2,449.108 किलोमीटर) और 100 पुल प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत स्वीकृत किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय का जताया आभार, कहा – यह राशि वंचित अंचलों के लिए विकास, विश्वास और शांति की सशक्त आधारशिला बनेगी
रायपुर, 7 अगस्त 2025/छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दुर्गम और वनवासी अंचलों में ग्रामीण संपर्क और आधारभूत संरचना को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए भारत सरकार ने सड़क संपर्क परियोजना "RCPLWEA (Road Connectivity Project for Left Wing Extremism Affected Areas)" के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए छत्तीसगढ़ को ₹195 करोड़ की केंद्रीय सहायता राशि स्वीकृत की है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस महत्वपूर्ण स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्वीकृति छत्तीसगढ़ के उन सुदूर अंचलों में विकास का नया प्रकाश लेकर आएगी, जो दशकों से नक्सल हिंसा और भौगोलिक दुर्गमता से जूझते रहे हैं। यह राशि वहां के लोगों के लिए विकास, विश्वास और स्थायी शांति की सशक्त आधारशिला सिद्ध होगी। हमारी सरकार इस निधि का उपयोग पूर्ण पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ करेगी।
यह स्वीकृति वित्त मंत्रालय की “जस्ट-इन-टाइम” फंड रिलीज़ प्रणाली के अंतर्गत सिंगल नोडल एजेंसी स्पर्श मॉडल के माध्यम से दी गई है। मदर सैंक्शन सक्षम प्राधिकरण की अनुमति से तैयार किया गया है और यह PFMS (Public Financial Management System) पर अपलोड किया गया है।
कुल ₹195 करोड़ में से ₹190.6125 करोड़ कार्यक्रम निधि और ₹4.3875 करोड़ प्रशासनिक निधि के रूप में स्वीकृत किए गए हैं, जो भारतीय रिज़र्व बैंक के माध्यम से राज्य को प्राप्त होंगे। स्पर्श दिशा-निर्देशों के अनुसार, किसी भी समय केवल एक सक्रिय मदर सैंक्शन मान्य रहेगा, और पूर्व शेष राशि को इसी में समाहित किया जाएगा।
यह निधि विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों—दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, कांकेर, बस्तर, राजनांदगांव, बलरामपुर, कोंडागांव और जशपुर—के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन ऑल-वेदर सड़कों, मौजूदा मार्गों के सुदृढ़ीकरण, सेतु निर्माण और क्रॉस-ड्रेनेज संरचनाओं के विकास के लिए दी गई है।
इन संरचनाओं के माध्यम से बस्तियों को ब्लॉक व जिला मुख्यालयों, बाजारों, विद्यालयों और स्वास्थ्य केंद्रों से जोड़ा जाएगा, जिससे शासन की पहुंच और सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों में उल्लेखनीय सुधार होगा। विशेषकर बाढ़ग्रस्त और वर्षा ऋतु में अवरुद्ध हो जाने वाले क्षेत्रों में यह संपर्क संरचना जीवनरेखा का कार्य करेगी।
₹4.3875 करोड़ की प्रशासनिक निधि का उपयोग मॉनिटरिंग एवं मूल्यांकन (M&E), तकनीकी सहायता, क्षमता निर्माण, एवं MIS प्लेटफॉर्म के माध्यम से डेटा प्रबंधन हेतु किया जाएगा।
यह स्वीकृति पूर्व स्वीकृत परियोजनाओं के अंतर्गत समायोजित की गई है: बैच-I (2019-20) के तहत ₹56.82 करोड़, बैच-I (2022-23) के तहत ₹133.79 करोड़ समायोजित किए गए हैं।
इस समायोजन के पश्चात बैच-I (2022-23) के लिए ₹217.39 करोड़ की राशि आगामी रिलीज़ हेतु शेष रहेगी। इस प्रक्रिया में पूर्व में जारी राशि और अर्जित ब्याज को सम्मिलित किया गया है, तथा ई-बिल क्लियरेंस, संशोधित मदर सैंक्शन और सिंगल नोडल एजेंसी – स्पर्श प्रणाली के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया गया है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि निधियों का उपयोग योजना दिशा-निर्देशों के अनुसार त्वरित और प्रभावी रूप से सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, वित्त मंत्रालय के 13 जुलाई 2023 के कार्यालय ज्ञापन (पैरा 3(v)) के अनुसार यह भी स्पष्ट किया गया है कि योजना पूर्ण होने के पश्चात सभी सिंगल नोडल एजेंसी खातों को बंद कर अपरीक्षित केंद्रीय अंश को भारत की समेकित निधि (CFI) में वापस करना आवश्यक होगा। राज्य अंश की अपरीक्षित राशि को राज्य की समेकित निधि में एवं राज्य कोष में रखे किसी भी केंद्रीय अंश को भी CFI में लौटाया जाना अनिवार्य होगा।
यह स्वीकृति ग्रामीण विकास मंत्रालय को प्रदत्त अधिकारों के अंतर्गत तथा संविलियन वित्त प्रभाग (Integrated Finance Division) से परामर्श के उपरांत जारी की गई है।
यह निर्णय न केवल छत्तीसगढ़ के दुर्गम अंचलों में संपर्क सुविधाओं के विस्तार को बल देगा, बल्कि सामाजिक समरसता, सुशासन, सेवा-सुलभता और स्थायी शांति की दिशा में एक निर्णायक कदम सिद्ध होगा।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में भिलाई स्टील प्लांट के नवनियुक्त निदेशक श्री चित्त रंजन महापात्र ने सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर श्री महापात्र ने मुख्यमंत्री श्री साय को पुष्पगुच्छ, शॉल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने श्री महापात्र को उनकी नवीन पदस्थापना पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि भिलाई स्टील प्लांट द्वारा कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) मद का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य और स्थानीय क्षेत्र के समग्र विकास में प्राथमिकता से किया जाए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भिलाई स्टील प्लांट प्रदेश के विकास में प्रभावी योगदान देगा।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से उनके निवास कार्यालय में भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री श्री साय को भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ द्वारा प्रदेश भर में चलाए गए 'एक राखी सैनिक भाइयों के नाम' अभियान की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री को प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ द्वारा रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में हमारे देश की सीमा पर तैनात सैनिक भाईयों के सम्मान में "एक राखी सैनिक भाईओं के नाम' अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के सभी 33 जिलों के बुलबुल, गाइड और रेंजर बहनों द्वारा हस्त निर्मित राखियां सैनिक भाईयों के लिए प्राप्त हुई है। ये राखियां हमारे सैनिक भाइयों को प्रेषित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ के अभियान 'एक राखी सैनिक भाइयों के नाम' की सराहना करते हुए कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि इस अभियान के तहत छत्तीसगढ़ के बच्चे देश की रक्षा में सीमा पर डटे जवानों को रक्षासूत्र भेज रहे हैं। इस पहल से बच्चों में देशभक्ति की भावना बढ़ेगी और हमारे जवानों को भी भावनात्मक संबल मिलेगा । इस अवसर पर भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ के राज्य मुख्य आयुक्त डॉ. सोमनाथ यादव, श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, श्री मुरली शर्मा, श्री कैलाश सोनी, श्री समीर शेख सहित अन्य गणमान्य जन उपस्थित थे।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से उनके निवास कार्यालय में एशियन अफ्रीकन पैसिफिक पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता सुश्री नमी राय पारेख ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय को रायपुर निवासी सुश्री नमी राय पारेख ने बताया कि 05 से 13 जुलाई तक जापान के हिमेजी में एशियन पॉवरलिफ्टिंग एसोसिएशन द्वारा एशियन अफ्रीकन पैसिफिक पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था। इस चैंपियनशिप में उन्होंने 57 किलोग्राम डेडलिफ्ट वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किया है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सुश्री नमी राय पारेख को एशियन अफ्रीकन पैसिफिक पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि आपने अपनी मेहनत और समर्पण से छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है। प्रदेश की बेटियों को आपकी उत्कृष्ट उपलब्धि से प्रेरणा मिलेगी। इस अवसर पर श्री अंजय शुक्ला, श्री अंजिनेश शुक्ला, श्री सनी पारेख सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।