ईश्वर दुबे
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Bhilai
*मुख्यमंत्री के निर्देशों पर त्वरित अमल सुनिश्चित करें: मुख्य सचिव श्री विकास शील*
*उच्च स्तरीय बैठक में सचिवों से विभागीय कार्यों की समीक्षा*
रायपुर 14 अक्टूबर 2025/ मुख्य सचिव श्री विकास शील ने कहा कि कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा दिए गए निर्देशों पर त्वरित और प्रभावी अमल सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने सभी विभागीय सचिवों को सड़क, पेयजल, बिजली, स्वास्थ्य सहित अन्य प्राथमिक क्षेत्रों के लिए ठोस एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव आज मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में विभिन्न विभागों के भारसाधक सचिवों के साथ योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना में शामिल विभागों के एक्शन प्लान्स की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन कार्यों का शिलान्यास किया जा चुका है, उन्हें निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूर्ण कर लोकार्पण सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव श्री रजत कुमार ने प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना तथा जेम पोर्टल के माध्यम से शासकीय विभागों में की जा रही खरीदी की प्रक्रिया पर प्रस्तुतीकरण दिया। इसी प्रकार, मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव एवं आयुक्त जनसम्पर्क डॉ. रवि मित्तल ने जनसम्पर्क विभाग द्वारा शासन की योजनाओं के प्रचार-प्रसार से संबंधित गतिविधियों पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।
बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह एवं जेल श्री मनोज कुमार पिंगुआ, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा, आदिम जाति तथा अनुसूचित जनजाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सहित सभी विभागों के सचिव उपस्थित थे।
*एकता परेड-2025 में छत्तीसगढ़ की झांकी का हुआ चयन — मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दी बधाई: एकता, विकास और सांस्कृतिक गौरव का संदेश देगा छत्तीसगढ़ की झांकी का प्रदर्शन*
*राष्ट्रीय एकता दिवस पर एकता नगर (गुजरात) में दिखेगा बस्तर का बदलता स्वरूप*
*प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री श्री अमित शाह देखेंगे छत्तीसगढ़ की झांकी — बस्तर की विकास यात्रा पर केंद्रित थीम*
रायपुर 14 अक्टूबर 2025/ राष्ट्रीय एकता दिवस (31 अक्टूबर) के अवसर पर गुजरात के एकता नगर (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) में आयोजित होने वाली एकता परेड-2025 में छत्तीसगढ़ राज्य की झांकी का चयन किया गया है। यह जानकारी भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी सूची में दी गई है, जिसमें छत्तीसगढ़ के साथ जम्मू-कश्मीर, गुजरात, महाराष्ट्र, मणिपुर, उत्तराखंड, पुडुचेरी, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, एनडीआरएफ और एनएसजी की झांकियाँ भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के जनसम्पर्क विभाग की पूरी टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह चयन छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विविधता, लोक परंपरा और एकता के भाव की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान है। एकता परेड में प्रस्तुत होने वाली यह झांकी हमारे राज्य की ‘एकता में विविधता’ की अद्भुत परंपरा को सजीव रूप में प्रदर्शित करेगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की झांकी इस वर्ष बस्तर की बदलती पहचान और विकास यात्रा पर केंद्रित होगी। राज्य शासन के जनसम्पर्क विभाग द्वारा तैयार की जा रही यह झांकी बस्तर की जनजातीय अस्मिता, पारंपरिक लोकनृत्य, वेशभूषा, ढोकरा धातु कला, आदिवासी चित्रकला और आधुनिक विकास के समन्वय को प्रदर्शित करेगी। झांकी का मुख्य संदेश होगा कि बस्तर अब बदलाव की राह पर है — संघर्ष से विकास की ओर, भय से विश्वास की ओर। इसमें दर्शाया जाएगा कि जिस भूमि ने कभी संघर्ष और असमानता के दौर देखे, आज वही क्षेत्र शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग और बुनियादी ढांचे के माध्यम से शांति और समृद्धि की नई पहचान गढ़ रहा है।
राज्य सरकार की पुनर्वास एवं विकासोन्मुख नीतियों ने नक्सल प्रभावित इलाकों में स्थायी परिवर्तन की दिशा में नई ऊर्जा का संचार किया है। यह झांकी न केवल बस्तर की सांस्कृतिक आत्मा को प्रदर्शित करेगी, बल्कि छत्तीसगढ़ के समग्र विकास, एकता और लोकगौरव की झलक भी पेश करेगी।
राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर आयोजित इस भव्य परेड में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह स्वयं उपस्थित रहेंगे और चयनित राज्यों की झांकियों का अवलोकन करेंगे। इस आयोजन का उद्देश्य भारत की एकता, अखंडता और सांस्कृतिक विविधता को एक मंच पर लाना है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की झांकी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के संकल्प को सशक्त करेगी और देश के सामने राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, विकास यात्रा और सामाजिक एकता का उज्ज्वल उदाहरण प्रस्तुत करेगी।
*अंग्रेजी हुकूमत काल के जनजातीय विद्रोहों पर आधारित संग्रहालय को दिया जा रहा अंतिम स्वरूप*
*प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी राज्योत्सव के अवसर पर करेंगे उद्घाटन*
*मुख्य सचिव श्री विकास शील ने निर्माण स्थल पर पहुंचकर ली तैयारियों की समीक्षा*
*ओरिएंटेशन रूम की डाक्यूड्रामा हल्बी-गोंडी सहित अन्य जनजातीय बोलियों में तैयार करने के निर्देश*
रायपुर, 14 अक्टूबर 2025/ अंग्रेजी हुकूमत के काल में छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के शौर्य और बलिदान की स्मृति में नवा रायपुर, अटल नगर में निर्मित किए जा रहे भव्य संग्रहालय-सह-स्मारक को अंतिम रूप दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी राज्योत्सव के अवसर पर इस संग्रहालय का उद्घाटन करेंगे। मुख्य सचिव श्री विकास शील ने आज निर्माण स्थल पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर बनाया जा रहा यह संग्रहालय देश का पहला पूर्णतः डिजिटल संग्रहालय होगा। इसमें स्वतंत्रता आंदोलन के समय छत्तीसगढ़ में हुए 14 प्रमुख आदिवासी विद्रोहों के साथ-साथ जंगल सत्याग्रह और झंडा सत्याग्रह पर अलग-अलग गैलरियाँ बनाई जा रही हैं। संग्रहालय में आगंतुकों को इन जनजातीय आंदोलनों की जीवंत झलकें देखने और सुनने को मिलेंगी।
निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव श्री शील ने कहा कि संग्रहालय में प्रदर्शित की जाने वाली सभी वस्तुओं और सामग्री को उनके मूल स्वरूप में ही प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि ओरिएंटेशन रूम में प्रदर्शित की जाने वाली डाक्यूड्रामा हल्बी-गोंडी या अन्य जनजातीय बोलियों में तैयार की जाए, ताकि यह स्थानीय संस्कृति से जुड़ाव का सशक्त माध्यम बन सके। उन्होंने प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए सभी गैलरियों का भ्रमण किया और आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने संग्रहालय में प्रदर्शित किए जाने वाले आदिवासी विद्रोहों का संक्षिप्त परिचय देते हुए पूरे रूट चार्ट के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने आज ही संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर लोकार्पण की तैयारियों की समीक्षा की। श्री बोरा ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ के लिए अत्यंत गौरवपूर्ण अवसर है कि देश का पहला पूर्णतः डिजिटल आदिवासी संग्रहालय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कर-कमलों से लोकार्पित होने जा रहा है। उन्होंने सभी विभागों से आपसी समन्वय के साथ कार्य करने का आग्रह किया।
प्रमुख सचिव श्री बोरा ने प्रधानमंत्री जी के लोकार्पण रूट-प्लान के अनुसार अनिवार्य सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने, संग्रहालय तक आने वाले पूरे मार्ग पर स्ट्रीट लाइट, रंग-रोगन एवं सौंदर्यीकरण के कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संग्रहालय क्षेत्र में चौबीसों घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए तथा गार्डनिंग और वृक्षारोपण की आवश्यक तैयारियाँ भी समय पर पूरी हों।
उल्लेखनीय है कि शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय देश का पहला पूर्णतः डिजिटल संग्रहालय होगा। इसमें स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान छत्तीसगढ़ में हुए प्रमुख आदिवासी विद्रोहों—हल्बा विद्रोह, सरगुजा विद्रोह, भोपालपट्टनम विद्रोह, परलकोट विद्रोह, तारापुर विद्रोह, लिंगागिरी विद्रोह, कोई विद्रोह, मेरिया विद्रोह, मुरिया विद्रोह, रानी चौरिस विद्रोह, भूमकाल विद्रोह, सोनाखान विद्रोह, तथा झंडा सत्याग्रह और जंगल सत्याग्रह—के वीर नायकों के संघर्ष और शौर्य को 14 गैलरियों में जीवंत रूप से प्रदर्शित किया जा रहा है।
बैठक में संभागायुक्त श्री महादेव कावरे, आयुक्त आदिम जाति विकास विभाग डॉ. सारांश मित्तर, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के आयुक्त श्री अवनीश शरण, कलेक्टर श्री गौरव सिंह, नगर निगम रायपुर के आयुक्त श्री विश्वजीत, संचालक टीआरटीआई श्रीमती हिना अनिमेष नेताम, संचालक अंत्यावसायी विकास निगम डॉ. जगदीश कुमार सोनकर, अतिरिक्त कलेक्टर श्रीमती नम्रता जैन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेंद सिंह, डीआईजी छत्तीसगढ़ अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं श्री सुरेश ठाकुर, एनआरडीए के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल के मुख्य अभियंता, तथा लोक निर्माण विभाग रायपुर के मुख्य और कार्यपालन अभियंता सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार रायपुर जिले में अवैध रेत खनन के विरुद्ध त्वरित एवं सख्त कार्रवाई की जा रही है। कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के मार्गदर्शन में राजस्व एवं खनिज विभाग की संयुक्त टीम ने आरंग विकासखंड के ग्राम गुदगुदा में बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध रेत उत्खनन में प्रयुक्त 2 बोट एवं 2 चैन माउंटेन मशीन जब्त की है।
यह कार्रवाई आरंग एसडीएम श्रीमती अभिलाषा पैकरा के नेतृत्व में की गई, जिसमें नायब तहसीलदार श्री जी.एन. सिदार, राजस्व अमला तथा खनिज अधिकारी श्री हेमंत क्षेरपा एवं उनकी टीम शामिल रही। कार्रवाई के दौरान मौके पर अवैध उत्खनन कार्य रोका गया और जब्त की गई सामग्रियों को सुरक्षित रखवाया गया है।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए संचालित महतारी वंदन योजना लाखों महिलाओं के जीवन में खुशहाली और आत्मनिर्भरता लाने में मददगार साबित हो रही है। दीपावली पर्व से पूर्व योजना की 20वीं किश्त जारी होने से पूरे प्रदेश की महिलाओं के चेहरों पर प्रसन्नता और आत्मविश्वास झलक उठा है।
इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक पात्र महिला को प्रति माह 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जिससे महिलाएं अपने परिवार की आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ स्वरोजगार एवं आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। इसी कड़ी में सक्ती जिले की ग्राम पंचायत टेमर निवासी श्रीमती रजनी कुम्हार भी महतारी वंदन योजना से लाभान्वित होकर अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हुई हैं।
श्रीमती रजनी ने बताया कि पहले परिवार की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में कठिनाई होती थी, लेकिन अब योजना से मिलने वाली राशि से उन्हें आर्थिक संबल और परिवार की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिली है। उन्होंने इस राशि का सदुपयोग करते हुए अपने पति श्री पीताम्बर कुम्हार के सहयोग से मिट्टी के दीये, मटके, घड़े, कलश और सुराही जैसे पारंपरिक मिट्टी के उत्पादों के निर्माण कार्य को आगे बढ़ाया है। दीपावली के अवसर पर वे प्रतिदिन लगभग 2,000 से 2,500 दीये तैयार कर रही हैं, जिससे अच्छी आमदनी की उम्मीद है।
श्रीमती रजनी ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि महतारी वंदन योजना महिलाओं के सम्मान, स्वावलंबन और समृद्धि की दिशा में एक सशक्त और प्रेरणादायक पहल है। जिसने उनके जीवन में उजाला और आत्मनिर्भरता की नई रोशनी फैलाई है।
रायपुर :
अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आम नागरिकों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना ने लोगों को न केवल बिजली बिल के बोझ से मुक्त किया है, बल्कि अतिरिक्त ऊर्जा उत्पादन के माध्यम से आय का अवसर भी प्रदान किया है।
राजनांदगांव निवासी श्री सक्षम जैन ने अपने घर की छत पर 3 किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल स्थापित किया है। पहले उनका मासिक बिजली बिल लगभग 1500 रुपये तक आता था, जो अब पूर्णतः समाप्त हो गया है। अतिरिक्त बिजली का उत्पादन होने से यह विद्युत विभाग के ग्रिड में जमा हो रही है, जिससे उन्हें अतिरिक्त लाभ भी मिल रहा है।
इस योजना के अंतर्गत आवेदन प्रक्रिया पूर्णतः ऑनलाइन है। इच्छुक उपभोक्ता चउेनतलंहींतण्हवअण्पद या पीएम सूर्यघर मोबाइल एप के माध्यम से पंजीयन कर सकते हैं। यह योजना ऊर्जा संरक्षण, पर्यावरण संतुलन और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित कलेक्टर–डीएफओ संयुक्त कॉन्फ्रेंस में प्रदेश के वन प्रबंधन, तेंदूपत्ता संग्राहकों के हित, लघु वनोपजों के मूल्य संवर्द्धन (वैल्यू एडिशन), ईको-टूरिज्म, औषधीय पौधों की खेती और वनों से जुड़ी आजीविका के विविध आयामों पर विस्तृत चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि तेंदूपत्ता संग्राहक हितग्राहियों की संख्या आज 12 लाख से अधिक हो चुकी है, जो हमारे सामूहिक प्रयासों की सफलता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि के लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब आवश्यकता इस बात की है कि हम वन उपज का अधिकतम वैल्यू एडिशन करें। उन्होंने कहा कि राज्य में वन धन केंद्रों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है, ताकि ग्रामीणों को अधिक आय के साधन मिल सकें और वे आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ें।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि प्रदेश में अब 46 प्रतिशत वन आवरण हो चुका है, जो लगभग दो प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि में कैम्पा योजना और “एक पेड़ मां के नाम” जैसी अभिनव पहल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कॉन्फ्रेंस में जिला अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि तेंदूपत्ता संग्राहकों को भुगतान सात से पंद्रह दिनों के भीतर सुनिश्चित किया जाए। साथ ही भुगतान की जानकारी एसएमएस के माध्यम से सीधे संग्राहकों के मोबाइल पर भेजी जाए, जिससे पारदर्शिता बनी रहे। बैठक में बताया गया कि लगभग 15 लाख 60 हजार संग्राहकों की जानकारी ऑनलाइन दर्ज हो चुकी है और सभी भुगतान बैंक खातों के माध्यम से किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने तेंदूपत्ता संग्रहण प्रक्रिया के पूर्ण कंप्यूटरीकरण की पहल को और तेज करने के निर्देश दिए।
कॉन्फ्रेंस में औषधीय पौधों की खेती के विस्तार हेतु प्रचार-प्रसार गतिविधियों को बढ़ाने और इसके लिए कृ
रायपुर :
मंत्रालय महानदी भवन के पंचम तल स्थित ऑडिटोरियम में आज मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में ‘सुशासन संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वन मंत्री श्री केदार कश्यप, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव, मुख्य सचिव श्री विकास शील, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, विभागीय सचिव, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, डीएफओ सहित राज्य के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
नवाचार जनसेवा के केंद्र में हो - मुख्यमत्री श्री साय
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नवाचार ऐसे हों जो दीर्घकालिक रूप से व्यवहारिक हों, नागरिकों की सुविधा बढ़ाएं, और शासन की फ्लैगशिप योजनाओं को सहयोग दें। राज्य सरकार नवाचारों का स्वागत करती है, परंतु यह ध्यान रखना आवश्यक है कि बुनियादी प्रशासनिक कार्य इससे प्रभावित न हों। उन्होंने कहा कि नवाचार तुगलकी प्रयोग न बनें, बल्कि नागरिक जीवन को सरल बनाने का माध्यम बनें।
स्थायी और व्यावहारिक नवाचारों पर जोर
मुख्यमंत्री श्री साय ने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि जो भी नवाचार हों, उनमें लोगों की राय अवश्य शामिल की जाए और उनके प्रभाव का फीडबैक लिया जाए। उन्होंने कहा कि कई बार जिले में किए गए नवाचार आने वाले अधिकारियों की प्राथमिकता में नहीं रहते, इसलिए इनकी स्थायित्व और उपयोगिता पर विशेष ध्यान दिया जाए। नवाचार का उद्देश्य जनता की सेवा और पारदर्शिता में वृद्धि होना चाहिए।
लोक सेवा गारंटी अधिनियम पर सख्त रुख
मुख्यमंत्री श्री साय ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम को सरकार की सबसे महत्वपूर्ण पहल बताया। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी सेवाएं निर्धारित समय में गुणवत्तापूर्ण ढंग से दी जाएं और यदि देरी होती है तो जिम्मेदार अधिकारियों पर अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि अगली समीक्षा में यह देखा जाएगा कि कितने मामलों का समय पर निराकरण हुआ और कितने अधिकारियों पर कार्रवाई की गई।
रायपुर :
प्रदेश के शिक्षा, ग्रामोद्योग एवं विधि विधायी मंत्री श्री गजेन्द्र यादव आज अपने अछोटी प्रवास के दौरान मुड़पार गांव में विद्यालय जा रहे विद्यार्थियों से अनौपचारिक रूप से मिले। इस अवसर पर उन्होंने बच्चों से आत्मीय संवाद किया और उनके शैक्षणिक अनुभवों, पढ़ाई की स्थिति तथा भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की।
मंत्री श्री यादव ने बच्चों की जिज्ञासापूर्ण बातें सुनीं और उन्हें जीवन में अनुशासन, मेहनत एवं लगन को अपनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन में अनुशासन सफलता की पहली सीढ़ी है। जो विद्यार्थी अपने समय का सदुपयोग करते हैं, वही आगे चलकर समाज और देश की उन्नति में योगदान देते हैं।
श्री यादव ने आगे कहा कि शिक्षा केवल परीक्षा उत्तीर्ण करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह चरित्र निर्माण, आत्मविश्वास और समाज सेवा की भावना को भी विकसित करती है। उन्होंने बच्चों से कहा कि वे अपने शिक्षकों का सम्मान करें, नियमित अध्ययन करें और अपने सपनों को साकार करने के लिए सदैव प्रयासरत रहें।
इस दौरान मंत्री ने विद्यालयों की शिक्षकीय व्यवस्था, अध्ययन की स्थिति और विद्यार्थियों की शैक्षणिक प्रगति की जानकारी भी ली। उन्होंने क्षेत्र के शिक्षकों और अभिभावकों से आग्रह किया कि वे बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए मिलकर कार्य करें, ताकि ग्रामीण अंचलों के विद्यार्थी भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित न रहें।
मंत्री श्री यादव ने मुड़पार के विद्यार्थियों में पढ़ाई के प्रति गंभीरता, आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच देखकर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि हर बच्चे को समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर मिले। इसके लिए सरकार निरंतर विद्यालयों की बुनियादी सुविधाओं, शिक्षकों की उपलब्धता और डिजिटल संसाधनों के विस्तार पर कार्य कर रही है।
मुलाकात के अंत में मंत्री श्री यादव ने सभी विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और कहा कि वे निडर होकर अपने सपनों का पीछा करें। उन्होंने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को ऊँचा उठाने के लिए सरकार निरंतर योजनाएँ बना रही है और उनके सफल क्रियान्वयन हेतु समाज के सहयोग की भी आवश्यकता है।
रायपुर :
उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने नवा रायपुर स्थित विश्राम भवन में वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने दीपावली के पहले सभी नगरीय निकायों में कर्मचारियों को वेतन का भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के मंत्रालय, संचालनालय और सूडा की टीम को बेहतर समन्वय के साथ समयबद्ध तरीके से कार्य करते हुए लेट-लतीफी से बचने को कहा। उन्होंने कहा कि सभी कार्य तय समय-सीमा में पूर्ण गुणवत्ता के साथ धरातल पर नजर आने चाहिए। नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. और संयुक्त सचिव डॉ. रेणुका श्रीवास्तव भी समीक्षा बैठक में शामिल हुईं।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने नगरीय प्रशासन विभाग के कार्यों की समीक्षा की
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने नगरीय निकायों में विकास कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी लेते हुए समयबद्ध क्रियान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने गोधाम योजना के क्रियान्वयन के लिए कार्ययोजना को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए हरित आवरण बढ़ाने हेतु एक समग्र कार्ययोजना तैयार कर प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने इसके लिए राज्य प्रवर्तित योजना के अंतर्गत राशि आबंटित करने के निर्देश दिए। उन्होंने इसकी प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी भी नियुक्त करने को कहा।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में कलेक्टर कॉन्फ्रेंस शुरूमुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में कलेक्टर कॉन्फ्रेंस शुरू
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में कलेक्टर कॉन्फ्रेंस शुरू
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में कलेक्टर कॉन्फ्रेंस शुरू
रविवार को हो रही है अहम बैठक
समय से पहले शुरू हुई मुख्यमंत्री की कलेक्टर कॉन्फ्रेंस
मुख्य सचिव सहित सभी विभागीय सचिव, संभागायुक्त और कलेक्टर हैं उपस्थित
सुशासन, पारदर्शिता और जनहित योजनाओं पर किया जा रहा है मंथन
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय (महानदी भवन) में बैठक जारी
रायपुर
कलेक्टर कॉन्फ्रेंस 2025 15 नवंबर से होगी धान खरीदी, कलेक्टरों को धान खरीदी की तैयारियां करने के निर्देश
कलेक्टर कॉन्फ्रेंस 2025
15 नवंबर से होगी धान खरीदी, कलेक्टरों को धान खरीदी की तैयारियां करने के निर्देश
धान खरीदी में अनियमितता पाए जाने पर कलेक्टर होंगे जिम्मेदार
प्रभारी सचिवों को जिलों में धान खरीदी की पैनी निगरानी करने के निर्देश
संवेदनशील केंद्रों की गहन निगरानी करने के निर्देश
पूरी पारदर्शिता और सुगमता के साथ हो धान खरीदी की पुख्ता व्यवस्था
इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से बढ़ेगी चौकसी
अंतरराज्यीय सीमावर्ती क्षेत्रों में करें विशेष निगरानी
विशेष पिछड़ी जनजातियों के किसानों के पंजीयन की हो सुगम व्यवस्था
कलेक्टरों को विशेष शिविरों के माध्यम से शत प्रतिशत पंजीयन करने के निर्देश
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में न छूटें कोई पात्र किसान
योजना का लाभ दिलाने समय सीमा निर्धारित कर काम करें कलेक्टर
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के क्रियान्वयन की कमिश्नर करें समीक्षा
बस्तर और सरगुजा संभाग में संवेदनशीलता के साथ विशेष फोकस करें अधिकारी
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में रविवार को मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस 2025 में सुशासन, पारदर्शिता और जनहित के नए मानक तय किए गए। बैठक की शुरुआत निर्धारित समय से पहले हुई, जिसने पूरे प्रशासन को मुख्यमंत्री की वर्क-डिसिप्लिन और परिणाम केंद्रित कार्यशैली का सीधा संदेश दिया। बैठक में मुख्य सचिव श्री विकास शील, सभी विभागीय सचिव, संभागायुक्त और कलेक्टर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने प्रारंभ से ही स्पष्ट कर दिया कि शासन की नीतियों और योजनाओं का अंतिम लाभ जनता तक समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से पहुँचना ही सुशासन का वास्तविक अर्थ है — और इस दिशा में किसी भी स्तर पर ढिलाई स्वीकार्य नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह कॉन्फ्रेंस केवल समीक्षा बैठक नहीं, बल्कि जनहित के नए मानक तय करने का अवसर है। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि जिलों में योजनाओं के क्रियान्वयन में परिणाम दिखाई देने चाहिए, केवल रिपोर्टों में नहीं।
मुख्यमंत्री ने कलेक्टर्स कांफ्रेंस में कहा कि शासन की नीतियों और योजनाओं का अंतिम उद्देश्य आम जनता तक योजनाओं का लाभ पहुँचाना है। उन्होंने कहा कि जनता के बीच आपकी उपस्थिति और संवेदनशीलता ही आपकी पहचान है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि धान खरीदी 15 नवंबर से प्रारंभ होगी और इसकी सभी तैयारियाँ समय पर पूरी कर ली जाएं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि धान खरीदी में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर सीधे कलेक्टर जिम्मेदार होंगे। धान खरीदी में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक धान खरीदी केंद्र की मॉनिटरिंग हो। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रभारी सचिव जिलों में लगातार निगरानी रखें और संवेदनशील केंद्रों की विशेष मॉनिटरिंग करें। उन्होंने कहा कि धान खरीदी की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुगमता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीदी की चौकसी बढ़ाने के लिए अब इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का उपयोग किया जाएगा। इससे जिलों में निगरानी तेज होगी और किसी भी गड़बड़ी पर तत्काल कार्रवाई संभव होगी। उन्होंने निर्देश दिया कि अंतरराज्यीय सीमावर्ती जिलों में विशेष सतर्कता बरती जाए, ताकि बाहर से धान की अवैध आवाजाही को रोका जा सके। मुख्यमंत्री ने विशेष पिछड़ी जनजातियों के किसानों के लिए विशेष निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन जनजातीय इलाकों में विशेष शिविरों के माध्यम से 100 प्रतिशत पंजीयन सुनिश्चित किया जाए।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक भी पात्र किसान वंचित न रहे, यह प्रशासन की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जिलों में निर्धारित समय सीमा के भीतर सभी पात्र किसानों को लाभ पहुँचना चाहिए। उन्होंने कमिश्नरों को निर्देश दिया कि बस्तर और सरगुजा सम्भाग में विशेष रूप से योजना की प्रगति की सतत समीक्षा करें।
मुख्यमंत्री श्री साय ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ अधिकतम लोगों तक पहुँचे। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में हितग्राहियों को बैंक फाइनेंस की सुविधा आसानी से उपलब्ध कराई जाए, ताकि कोई भी पात्र परिवार योजना से वंचित न रहे।
स्वास्थ्य सेवाओं पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि शत प्रतिशत प्रसव सभी अस्पतालों में सुनिश्चित हो। साथ ही टीकाकरण की वास्तविक स्थिति की फील्ड वेरिफिकेशन द्वारा पुष्टि की जाए।
उन्होंने कहा कि मैटरनल डेथ ऑडिट प्रत्येक मामले में अनिवार्य रूप से किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम की रणनीति बन सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि एनआरसी सेंटरों का संचालन नियमित और प्रभावी होना चाहिए तथा माताओं और बच्चों के पोषण पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने वेलनेस सेंटरों को सक्रिय कर गैर-संचारी रोगों के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने बस्तर संभाग में मलेरिया उन्मूलन पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि हॉटस्पॉट क्षेत्रों की पहचान कर विशेष अभियान चलाया जाए ताकि छत्तीसगढ़ को “मलेरिया-मुक्त राज्य” बनाने का लक्ष्य शीघ्र पूरा किया जा सके। उन्होंने प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के अंतर्गत सभी पात्र वृद्धजनों के पंजीयन और कार्ड निर्माण कार्य को प्राथमिकता से पूरा करने के निर्देश दिए।
शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रॉपआउट शून्य करने और सकल नामांकन अनुपात को 100 प्रतिशत करने का लक्ष्य किसी भी हालत में पूरा होना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शिक्षण सामग्री अलमारियों में नहीं, कक्षाओं में दिखनी चाहिए। उन्होंने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि शिक्षण संसाधनों का उपयोग कक्षा में सुनिश्चित करें और नियमित मॉनिटरिंग करें।
मुख्यमंत्री ने बीजापुर जिले की सराहना करते हुए कहा कि वहाँ स्थानीय युवाओं की मदद से गोंडी भाषा में शिक्षण से बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है और ड्रॉपआउट घटा है। उन्होंने सभी जिलों को ऐसे नवाचार अपनाने की सलाह दी ताकि शिक्षा स्थानीय संस्कृति और भाषा से जुड़ सके।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि 31 दिसंबर तक सभी विद्यार्थियों की आधार-बेस्ड APAR ID बनाकर रजिस्ट्रेशन पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था डिजिटल पारदर्शिता और छात्र लाभ वितरण में निर्णायक भूमिका निभाएगी। इसी आधार पर छात्रों को गणवेश, किताबें और छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में “मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान” चलाया जाएगा। इसमें स्कूलों का सामाजिक अंकेक्षण कर ग्रेडिंग होगी। उन्होंने कहा कि जिलों में परीक्षा परिणाम सुधार की ठोस योजना बने। जो जिले बेहतर कर रहे हैं, उनके मॉडल अन्य जिलों में लागू किए जाएँ।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिन शिक्षकों का प्रदर्शन उत्कृष्ट है, उन्हें प्रोत्साहित किया जाए। साथ ही आधार आधारित उपस्थिति प्रणाली की सख्त मॉनिटरिंग की जाए और गड़बड़ी मिलने पर तुरंत कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि शाला विकास समितियों को फिर से सक्रिय किया जाए और शहरी क्षेत्रों में अनुपस्थित छात्रों के परिजनों से संपर्क कर उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धरती आबा अभियान राज्य के आदिवासी अंचलों के सर्वांगीण विकास का प्रतीक है। सभी 17 विभागों को आपसी समन्वय से योजनाओं के 100 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि हॉस्टल, छात्रावास, पेयजल, आजीविका, पशुपालन, डेयरी, मछलीपालन और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में एकीकृत दृष्टिकोण से काम किया जाए ताकि आदिवासी गाँव आत्मनिर्भर बन सकें।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बधाई दी कि आदि कर्मयोगी अभियान में छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर रहा। बैठक में बताया गया कि 128 विकासखंडों के 6650 गांवों में 1.33 लाख वालेंटियरों के माध्यम से जनजातीय हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह अभियान जनजातीय समुदायों में उत्तरदायी शासन और आत्मनिर्भरता की भावना को सशक्त कर रहा है।
पीएम जनमन योजना — मार्च 2026 तक सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश
मुख्यमंत्री श्री साय ने निर्देश दिए कि सभी कलेक्टर्स पाँच विशेष पिछड़ी जनजातियों के ग्राम विकास कार्यों में तेजी लाएं। 11 विभागों को गुणवत्ता से समझौता किए बिना स्वीकृत कार्य शीघ्र पूरा करने के आदेश दिए गए।
राज्य की 2300 से अधिक बस्तियों में दो लाख से अधिक जनसंख्या को इस योजना से लाभ मिला है। मनेंद्रगढ़ और धमतरी के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने अन्य जिलों को उनके अनुकरण की सलाह दी।
मुख्यमंत्री ने नगरीय प्रशासन विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी नगरीय निकायों में नियमित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना 1.0 के सभी शेष मकानों का निर्माण 31 दिसंबर 2025 तक पूरा किया जाए। जो मकान तैयार हैं, उनका अधिपत्य अगले दो माह में हितग्राहियों को सौंपा जाए। उन्होंने कहा कि निर्माण एजेंसियों को सक्रिय करें और भुगतान व मॉनिटरिंग में सुधार लाएं। औसत प्रतिदिन पूर्णता में छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर है। बैठक में बताया गया कि "मोर गांव मोर पानी अभियान" के तहत 1.5 लाख से अधिक आवासों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत किए गए कार्यों के भुगतान में विलंब पर नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि भुगतान समय-सीमा में नहीं हो रहा, जिससे अभियान की गति प्रभावित हो रही है। उन्होंने निर्देश दिए कि आगे से सभी भुगतान तय समय में किए जाएं, अन्यथा संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि वे सुबह 7 बजे से पहले नगरीय वार्डों में जाकर निरीक्षण करें और नगर निगम, नगर पालिका के कार्यों की नियमित समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि सफाई, अपशिष्ट प्रबंधन और नागरिक सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार प्राथमिकता से हो। उन्होंने चेताया कि केवल कागज़ी रिपोर्ट स्वीकार नहीं की जाएगी — फील्ड विज़िट अनिवार्य हैं।
तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास — युवाओं के लिए नए अवसर, समयबद्ध प्रशिक्षण और रोजगार पर फोकस
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग की समीक्षा करते हुए युवाओं के लिए राज्य स्तरीय रोजगार मेला आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत वार्षिक कार्ययोजना के अनुसार प्रशिक्षण बैचों का संचालन सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कलेक्टर्स को निर्देशित किया कि वे कौशल विकास से संबंधित गतिविधियों और प्रशिक्षण कार्यों की समीक्षा समय-समय पर करें और लाइवलीहुड कॉलेजों के निर्माण के लिए भूमि का शीघ्र चिन्हांकन कराएं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में उपलब्ध संसाधनों के आधार पर स्किल गैप एनालिसिस कर वार्षिक कार्ययोजना तैयार की जाए, ताकि स्थानीय उद्योगों की मांग के अनुरूप युवाओं को प्रशिक्षित किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए हर तिमाही लोन मेले आयोजित करने तथा रोजगार कार्यालयों के माध्यम से काउंसलिंग कर औद्योगिक जिलों से रिक्तियां प्राप्त कर विभाग को भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण केवल प्रमाणपत्र तक सीमित न रहे, बल्कि वास्तविक रोजगार और आत्मनिर्भरता में परिणत हो — यही कौशल विकास का वास्तविक उद्देश्य है।
ई-सेवाएं एवं लोक सेवा गारंटी — नागरिकों को समय पर सुविधाएं, डिजिटल सेवा विस्तार पर जोर
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने ई-सेवाएं एवं लोक सेवा गारंटी से संबंधित कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि बच्चे के जन्म के तुरंत बाद ही आवश्यक प्रमाणपत्र प्राप्त हों, इसके लिए त्वरित व्यवस्था विकसित की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि लोक सेवा गारंटी के अंतर्गत आने वाली सभी आवश्यक सेवाओं का समय-सीमा में निस्तारण अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना के तहत 86 सेवाएं ऑनलाइन संचालित की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कलेक्टर्स को निर्देशित किया कि लंबित आवेदनों की नियमित समीक्षा करें और संबंधित विभागों से समन्वय कर अधिकाधिक सेवाओं को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाए, ताकि जनता को पारदर्शी, तेज़ और सुविधा-जनक सेवा वितरण सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान स्पष्ट चेतावनी दी कि धान खरीदी में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी, रेत के अवैध उत्खनन या प्रशासनिक अनियमितता पर शासन की सख्त नजर रहेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ पर पूरी दृढ़ता से अमल कर रही है, और इस नीति के अंतर्गत दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों या कर्मचारियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कार्य एजेंसियों को भुगतान निर्धारित समय-सीमा के भीतर किया जाए, ताकि विकास कार्यों की गति में किसी प्रकार की बाधा न आए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही तभी सुनिश्चित होगी जब अधिकारी स्वयं फील्ड में जाकर कार्यों की स्थिति का निरीक्षण करेंगे। उन्होंने सभी अधिकारियों को अपने अधीनस्थ कार्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण करने और लापरवाही पाए जाने पर तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुशासन और कार्यालय में उपस्थिति पर नियंत्रण के लिए राज्य स्तर के साथ-साथ सभी जिला कार्यालयों में भी बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली शीघ्र प्रारंभ की जाए।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रत्येक कलेक्टर अपने जिले की रैंकिंग सुधारने का संकल्प लें। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि रैंकिंग केवल आंकड़ों का विषय नहीं, बल्कि जनता तक पहुँचने वाले वास्तविक परिणामों का प्रतिबिंब होनी चाहिए।
बैठक के समापन पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे जनप्रतिनिधियों का सम्मान करें, उनकी बातों को गंभीरता से सुनें और उनके सुझावों पर समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक जिम्मेदारी केवल योजनाओं के क्रियान्वयन या कार्य निष्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संवेदनशीलता, संवाद और जवाबदेही का भी विषय है। एक संवेदनशील प्रशासन ही जनता का विश्वास अर्जित कर सकता है, और वही सुशासन की वास्तविक पहचान है।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में रविवार को मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस 2025 में सुशासन, पारदर्शिता और जनहित के नए मानक तय किए गए। बैठक की शुरुआत निर्धारित समय से पहले हुई, जिसने पूरे प्रशासन को मुख्यमंत्री की वर्क-डिसिप्लिन और परिणाम केंद्रित कार्यशैली का सीधा संदेश दिया। बैठक में मुख्य सचिव श्री विकास शील, सभी विभागीय सचिव, संभागायुक्त और कलेक्टर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने प्रारंभ से ही स्पष्ट कर दिया कि शासन की नीतियों और योजनाओं का अंतिम लाभ जनता तक समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से पहुँचना ही सुशासन का वास्तविक अर्थ है — और इस दिशा में किसी भी स्तर पर ढिलाई स्वीकार्य नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह कॉन्फ्रेंस केवल समीक्षा बैठक नहीं, बल्कि जनहित के नए मानक तय करने का अवसर है। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि जिलों में योजनाओं के क्रियान्वयन में परिणाम दिखाई देने चाहिए, केवल रिपोर्टों में नहीं।
मुख्यमंत्री ने कलेक्टर्स कांफ्रेंस में कहा कि शासन की नीतियों और योजनाओं का अंतिम उद्देश्य आम जनता तक योजनाओं का लाभ पहुँचाना है। उन्होंने कहा कि जनता के बीच आपकी उपस्थिति और संवेदनशीलता ही आपकी पहचान है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि धान खरीदी 15 नवंबर से प्रारंभ होगी और इसकी सभी तैयारियाँ समय पर पूरी कर ली जाएं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि धान खरीदी में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर सीधे कलेक्टर जिम्मेदार होंगे। धान खरीदी में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक धान खरीदी केंद्र की मॉनिटरिंग हो। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रभारी सचिव जिलों में लगातार निगरानी रखें और संवेदनशील केंद्रों की विशेष मॉनिटरिंग करें। उन्होंने कहा कि धान खरीदी की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुगमता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीदी की चौकसी बढ़ाने के लिए अब इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का उपयोग किया जाएगा। इससे जिलों में निगरानी तेज होगी और किसी भी गड़बड़ी पर तत्काल कार्रवाई संभव होगी। उन्होंने निर्देश दिया कि अंतरराज्यीय सीमावर्ती जिलों में विशेष सतर्कता बरती जाए, ताकि बाहर से धान की अवैध आवाजाही को रोका जा सके। मुख्यमंत्री ने विशेष पिछड़ी जनजातियों के किसानों के लिए विशेष निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन जनजातीय इलाकों में विशेष शिविरों के माध्यम से 100 प्रतिशत पंजीयन सुनिश्चित किया जाए।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक भी पात्र किसान वंचित न रहे, यह प्रशासन की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जिलों में निर्धारित समय सीमा के भीतर सभी पात्र किसानों को लाभ पहुँचना चाहिए। उन्होंने कमिश्नरों को निर्देश दिया कि बस्तर और सरगुजा सम्भाग में विशेष रूप से योजना की प्रगति की सतत समीक्षा करें।
मुख्यमंत्री श्री साय ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ अधिकतम लोगों तक पहुँचे। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में हितग्राहियों को बैंक फाइनेंस की सुविधा आसानी से उपलब्ध कराई जाए, ताकि कोई भी पात्र परिवार योजना से वंचित न रहे।
स्वास्थ्य सेवाओं पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि शत प्रतिशत प्रसव सभी अस्पतालों में सुनिश्चित हो। साथ ही टीकाकरण की वास्तविक स्थिति की फील्ड वेरिफिकेशन द्वारा पुष्टि की जाए।
उन्होंने कहा कि मैटरनल डेथ ऑडिट प्रत्येक मामले में अनिवार्य रूप से किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम की रणनीति बन सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि एनआरसी सेंटरों का संचालन नियमित और प्रभावी होना चाहिए तथा माताओं और बच्चों के पोषण पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने वेलनेस सेंटरों को सक्रिय कर गैर-संचारी रोगों के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने बस्तर संभाग में मलेरिया उन्मूलन पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि हॉटस्पॉट क्षेत्रों की पहचान कर विशेष अभियान चलाया जाए ताकि छत्तीसगढ़ को “मलेरिया-मुक्त राज्य” बनाने का लक्ष्य शीघ्र पूरा किया जा सके। उन्होंने प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के अंतर्गत सभी पात्र वृद्धजनों के पंजीयन और कार्ड निर्माण कार्य को प्राथमिकता से पूरा करने के निर्देश दिए।
शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रॉपआउट शून्य करने और सकल नामांकन अनुपात को 100 प्रतिशत करने का लक्ष्य किसी भी हालत में पूरा होना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शिक्षण सामग्री अलमारियों में नहीं, कक्षाओं में दिखनी चाहिए। उन्होंने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि शिक्षण संसाधनों का उपयोग कक्षा में सुनिश्चित करें और नियमित मॉनिटरिंग करें।