छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ (17643)

 

रायपुर :

 

बस्तर अंचल को महाराष्ट्र से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 130-डी के निर्माण को नई गति मिली है। छत्तीसगढ़ शासन ने कुतुल से नीलांगुर (महाराष्ट्र सीमा) तक 21.5 किलोमीटर हिस्से के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। इस सड़क के निर्माण के लिए न्यूनतम टेंडर देने वाले ठेकेदार से अनुबंध की प्रक्रिया शर्तों सहित पूरी करने के निर्देश लोक निर्माण विभाग मंत्रालय द्वारा प्रमुख अभियंता, राष्ट्रीय राजमार्ग परिक्षेत्र रायपुर को दिए गए हैं। कुल तीन खंडों में निर्मित होने वाले 21.5 किलोमीटर सड़क के निर्माण हेतु लगभग 152 करोड़ रुपए न्यूनतम टेंडर दर प्राप्त हुई है, जिसे छत्तीसगढ़ शासन ने मंजूरी प्रदान कर दी है।

यह उल्लेखनीय है कि कुतुल, नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में स्थित है और कुतुल से महाराष्ट्र सीमा पर स्थित नीलांगुर की दूरी 21.5 किलोमीटर है। यह नेशनल हाईवे 130-डी का हिस्सा है। इस सड़क का निर्माण टू-लेन पेव्ड शोल्डर सहित किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि एनएच-130डी राष्ट्रीय राजमार्ग है, जिसकी कुल लंबाई लगभग 195 किलोमीटर है। यह एनएच-30 का शाखा मार्ग (स्पर रूट) है। यह कोण्डागांव से शुरू होकर नारायणपुर, कुतुल होते हुए नीलांगुर (महाराष्ट्र सीमा) तक जाता है। आगे महाराष्ट्र में यह बिंगुंडा, लहरे, धोदराज, भमरगढ़, हेमा, लकासा होते हुए आलापल्ली तक पहुँचता है, जहाँ यह एनएच-353डी से जुड़ जाता है। इस मार्ग के विकसित होने से बस्तर क्षेत्र सीधे राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क से जुड़ जाएगा और व्यापार, पर्यटन एवं सुरक्षा को बड़ी मजबूती प्राप्त होगी।

नेशनल हाईवे 130-डी का कोण्डागांव से नारायणपुर तक का लगभग 50 किमी हिस्सा निर्माणाधीन है। नारायणपुर से कुतुल की दूरी 50 किमी है और वहाँ से महाराष्ट्र सीमा स्थित नीलांगुर तक 21.5 किमी की दूरी है। इस राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई 195 किमी है, जिसमें से लगभग 122 किमी का हिस्सा कोण्डागांव-नारायणपुर से कुतुल होते हुए नीलांगुर तक छत्तीसगढ़ राज्य में आता है। इस सड़क के बन जाने से बस्तर अंचल को महाराष्ट्र से सीधा और मजबूत सड़क संपर्क मिलेगा तथा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षित एवं सुगम यातायात सुविधा सुलभ हो सकेगी।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के सहयोग से इस नेशनल हाईवे के अबूझमाड़ इलाके में स्थित हिस्से के लिए फॉरेस्ट क्लियरेंस और निर्माण की अनुमति प्राप्त हुई, जिससे इस महत्वाकांक्षी परियोजना के निर्माण का रास्ता खुल गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग 130-डी केवल सड़क नहीं बल्कि बस्तर अंचल की प्रगति का मार्ग है। हमारी सरकार ने इस परियोजना को तेजी देने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। इस सड़क से बस्तर के लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। यह सड़क न केवल छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र को जोड़ेगी, बल्कि बस्तर अंचल के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में भी अहम भूमिका निभाएगी। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास की गति तेज करने के लिए यह परियोजना मील का पत्थर साबित होगी।

- मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

 

रायपुर : 

 

“जल है तो कल है, और जल से ही कल संवरेगा। जल संरक्षण के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा, तभी हम अपने भविष्य को सुरक्षित रख पाएंगे।”
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने ‘सुजलाम भारत’ के अंतर्गत राजधानी रायपुर स्थित ओमाया गार्डन में जल संरक्षण एवं जल संवर्धन विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर उन्होंने जल कलश पर जल अर्पित कर जल संचयन का संदेश दिया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अनेक अवसरों पर जल संकट को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। जल संरक्षण के प्रति जनमानस में जागरूकता की कमी इस संकट को और गहरा कर सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में लोग अपने-अपने ढंग से जल संचयन के लिए प्रयास कर रहे हैं, और ऐसे मंचों के माध्यम से सभी अपने अनुभव साझा कर पाएंगे, जो अंततः नीति निर्माण में भी निर्णायक सिद्ध होंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने राजनांदगांव प्रवास का उल्लेख करते हुए बताया कि एक महिला सरपंच ने स्वप्रेरणा से सूख चुके हैंडपंपों को पुनर्जीवित करने का कार्य किया। उनके इस अभिनव प्रयास की सराहना केंद्र सरकार द्वारा भी की गई और इस पुनीत पहल को आगे बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे उदाहरण हमें प्रेरित करते हैं। हम सभी को मिलकर जल संरक्षण को एक जन आंदोलन का स्वरूप देना होगा, ताकि हमारा भविष्य सुरक्षित रह सके। उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी से प्राप्त होने वाले सुझाव और इनपुट आगामी कार्ययोजनाओं के निर्माण में अत्यंत सहायक सिद्ध होंगे।

 

रायपुर : 

 

भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत देशभर में 25 लाख नए एलपीजी कनेक्शन स्वीकृत किए गए हैं। इसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ में “सुशासन तिहार” और “नियद नेल्ला नार योजना” के अंतर्गत 1.59 लाख पात्र माताओं-बहनों को उज्ज्वला योजना का लाभ प्राप्त होगा।यह निर्णय छत्तीसगढ़ की लाखों माताओं-बहनों के जीवन में स्वच्छ ऊर्जा और स्वास्थ्य का उजाला लेकर आएगा।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी जी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में जो उजाला फैलाया है, वह आने वाले वर्षों में पूरे समाज के विकास का आधार बनेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की मातृशक्ति हमेशा से परिवार और समाज की धुरी रही है। उज्ज्वला योजना के माध्यम से उन्हें वह सम्मान मिला है जिसकी वे हकदार हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री के नेतृत्व में प्रत्येक पात्र बहन तक इस योजना का लाभ पहुँचाने के लिए कटिबद्ध है। भारत सरकार के इस निर्णय से छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में जीवन की गुणवत्ता में बड़ा सुधार होगा। ग्रामीण और वनांचल क्षेत्रों की महिलाएं अब प्रदूषण रहित वातावरण में जीवन जी सकेंगी।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में लगभग 38 लाख महिलाएं प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लाभ प्राप्त कर रही हैं।

 

रायपुर : 

 

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज बेमेतरा जिले के लिए कुल ₹140.96 करोड़ के 47 विकास कार्यों की सौगात दी। इनमें 27 कार्यों का भूमिपूजन और 20 कार्यों का लोकार्पण शामिल है। इस अवसर पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जनता के विश्वास पर खरा उतरते हुए, राज्य सरकार चहुंमुखी और समावेशी विकास के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि शासन का लक्ष्य प्रदेश में विकास कार्यों को तेजी और पारदर्शिता के साथ धरातल पर उतारना है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सरकार पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और संकल्पबद्धता के साथ प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा और नगरीय सुविधाओं के क्षेत्र में तीव्र गति से कार्य किए जा रहे हैं, जिनसे जनता को सीधा लाभ मिल रहा है। इस अवसर पर उन्होंने ग्राम अमोरा में शिवनाथ नदी पर बैराज निर्माण, सिंघोरा में 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र की स्थापना, तथा ग्राम बसनी में मिडिल स्कूल प्रारंभ करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार गांवों को आत्मनिर्भर बनाने और किसानों को सशक्त करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा, “हमने यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अधिकांश गारंटियों को अल्प समय में ही पूरा कर दिखाया है।” मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में ₹3100 प्रति क्विंटल की दर से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी की जा रही है। किसानों को दो वर्षों का बकाया बोनस प्रदान किया गया है और 18 लाख आवासहीन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल रहा है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु महतारी वंदन योजना के अंतर्गत प्रति माह ₹1000 की आर्थिक सहायता दी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्राहकों से ₹5500 प्रति मानक बोरा की दर से खरीदी की जा रही है।

उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार गांव, गरीब, किसान और महिला सशक्तिकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखकर कार्य कर रही है। खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल ने कहा कि राज्य सरकार पारदर्शिता के साथ सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) का संचालन कर रही है, जिससे कोई भी परिवार भूखा न रहे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा है कि विकास का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे।

सांसद श्री विजय बघेल ने कहा कि प्रदेश सरकार जनता से किए गए वादों को पूरी निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ पूरा कर रही है। उन्होंने कहा कि बेमेतरा जैसे ग्रामीण जिलों में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं, जिनसे आमजन को राहत और बेहतर सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं। कार्यक्रम को विधायक श्री दीपेश साहू ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल, सांस्कृतिक मंत्री श्री राजेश अग्रवाल, तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री गुरु खुशवंत साहेब,श्री प्रहलाद रजक, विधायक श्री ईश्वर साहू और श्रीमती भावना बोहरा, अवधेश चंदेल, श्री लाभचंद बाफना, तेलघानी बोर्ड के अध्यक्ष श्री जितेंद्र साहू सहित अनेक जनप्रतिनिधि, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

 

रायपुर : 

 

समाज की उन्नति और प्रगति के लिए शिक्षा ही एकमात्र रास्ता है। हमारी सरकार स्कूल शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं को कलेक्टर, एसपी, डॉक्टर और इंजीनियर बनते देखना ही हमारी मंशा है। मुख्यमंत्री श्री साय आज कोरबा जिले के कटघोरा में आयोजित सातगढ़ कंवर समाज के सामाजिक सम्मेलन एवं वीर शहीद सीताराम कंवर की पुण्यतिथि समारोह को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वीर शहीद सीताराम कंवर समाज का गौरव हैं। इस अवसर पर उन्होंने रामपुर चौक में 1857 के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद सीताराम कंवर की प्रतिमा का अनावरण किया। कार्यक्रम के दौरान समाज के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री श्री साय का तीर-धनुष भेंट कर स्वागत एवं अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री ने बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट अंक प्राप्त करने वाले प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में घोषणा की कि सातगढ़ कंवर समाज के सामाजिक भवन निर्माण के लिए ₹1 करोड़ की राशि प्रदान की जाएगी तथा इस भवन में बाउंड्रीवाल का निर्माण भी कराया जाएगा। उन्होंने रामपुर चौक में शहीद सीताराम कंवर की नई प्रतिमा स्थापना के लिए ₹10 लाख, कसनिया मोड़ में भगवान सहस्त्रबाहु की प्रतिमा स्थापना एवं प्रवेश द्वार निर्माण के लिए ₹25 लाख, तथा कटघोरा में हाईटेक बस स्टैंड के निर्माण की घोषणा की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कसनिया मोड़ में भगवान सहस्त्रबाहु चौक नामकरण, मूर्ति स्थापना, कल्चुरी स्वागत द्वार सह उद्यान निर्माण हेतु भूमिपूजन और शिलान्यास भी किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कंवर समाज के सम्मेलन में उपस्थित लोगों से समाज के विकास और उत्थान के लिए अपने बच्चों को शिक्षित करने, युवाओं को नशे से दूर रहने तथा शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा के लिए उत्कृष्ट संस्थान स्थापित किए गए हैं — मेडिकल कॉलेज, एम्स, आईआईआईटी, विश्वविद्यालय और लॉ कॉलेज संचालित हो रहे हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने पर रजत जयंती महोत्सव के लिए शुभकामनाएं भी दीं।

रायपुरः छत्तीसगढ़ जनसंपर्क अधिकारी संघ के अध्यक्ष

 

बालमुकुंद तंबोली ने छत्तीसगढ़ संवाद कार्यालय, नवा रायपुर में विभागीय अपर संचालक संजीव तिवारी के साथ हुई अभद्रता, झूमा-झटकी, गाली-गलौज, तोड़फोड़ और धमकी की घटना की कटु शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक जनसंपर्क अधिकारी पर हमला और शासकीय कार्य में बाधा पहुँचाने का ही मामला नहीं हैं, बल्कि पूरे जनसंपर्क विभाग की संस्थागत गरिमा पर सीधा आघात है।

 

छत्तीसगढ़ जनसम्पर्क अधिकारी संघ के अध्यक्ष श्री तंबोली ने इस घटना को योजनाबद्ध और सोची-समझी साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि हमलावरों का एक साथ शासकीय कार्यालय में घुसना, वरिष्ठ अधिकारी के साथ अभद्रता करना, सरकारी संपत्ति को क्षतिग्रस्त करना और खुलेआम धमकियां देना इस बात का प्रमाण है कि कुछ असामाजिक तत्व पत्रकारिता की आड़ में गुंडागर्दी कर रहे हैं। श्री तंबोली ने कहा कि जनसंपर्क विभाग शासन द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं का समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुँचाने का कार्य करता है। छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग के अधिकारी पूरी प्रतिबद्धता के साथ न सिर्फ शासन और समाज के लिए कार्य करते हैं बल्कि पत्रकारों के हित में सदैव तत्पर रहते हैं, ऐसी स्थिति में पत्रकारिता के नाम पर कानून को हाथ में लेने वाले असामाजिक तत्वों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई अत्यंत आवश्यक है।

 

छत्तीसगढ़ जनसंपर्क अधिकारी संघ ने स्पष्ट किया कि इस प्रकार की घटनाएँ केवल किसी अधिकारी की व्यक्तिगत गरिमा पर ही नहीं, बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र पर हमला हैं। संघ ने मांग की है कि इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए। घटना में शामिल व्यक्तियों पर भारतीय न्याय संहिता की कठोर धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए। छत्तीसगढ़ जनसम्पर्क अधिकारी संघ के अध्यक्ष श्री तंबोली ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव सा जनसंपर्क विभाग के भी भारसाधक मंत्री हैं, उनके नेतृत्व में जनसंपर्क विभाग के प्रत्येक अधिकारी कर्मचारी पूरी निष्ठा से कार्य करते हैं, ऐसे में माननीय मुख्यमत्री जी से आग्रह है कि वह इस विषय में दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने की कृपा करें, साथ ही विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सुरक्षा एवं अपना संरक्षण प्रदान करें। संघ ने यह भी निर्णय लिया है कि शीघ्र ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से प्रतिनिधिमंडल भेंट करेगा।

 

संघ के अध्यक्ष श्री तंबोली ने कहा कि यदि दोषियों पर शीघ्र और ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो जनसंपर्क विभाग का प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी राज्यव्यापी विरोध आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।

 

रायपुर : 

 

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में इसरो अहमदाबाद केंद्र के निदेशक डॉ. एन. एम. देसाई के नेतृत्व में अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य भेंट की।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय और वैज्ञानिकों के बीच इसरो की यात्रा में छत्तीसगढ़ की भागीदारी को बढ़ाने, राज्य के युवाओं के लिए नए अवसर सृजित करने, शासन के कामकाज में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए इसरो की तकनीक के उपयोग तथा स्कूल–कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए इसरो द्वारा संचालित गतिविधियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इसरो की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में जो ऊँचाइयाँ प्राप्त की हैं, वह प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार नवाचार और तकनीकी शिक्षा को प्रोत्साहित कर रही है, ताकि प्रदेश के युवा स्पेस साइंस के प्रति रुचि लेकर देश के अंतरिक्ष अभियानों में सक्रिय भागीदारी निभा सकें।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इसरो द्वारा प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए इंटर्नशिप और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएँ, जिससे उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान की व्यावहारिक जानकारी प्राप्त हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि इसरो की तकनीक का उपयोग कृषि, खनन नियंत्रण, भू-अतिक्रमण की निगरानी तथा धान खरीदी के दौरान अवैध गतिविधियों की पहचान जैसे कार्यों में प्रभावी रूप से किया जा सकता है।

इस अवसर पर इसरो अहमदाबाद केंद्र के निदेशक डॉ. एन. एम. देसाई ने मुख्यमंत्री को इसरो द्वारा संचालित विभिन्न परियोजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि युवाओं को अंतरिक्ष विज्ञान से जोड़ने के लिए इसरो कई अभिनव कार्यक्रम चला रहा है, जिन्हें छत्तीसगढ़ में भी विस्तारित किया जाएगा। इस दौरान प्रदेश में एक ‘स्पेस गैलरी’ की स्थापना को लेकर भी सकारात्मक चर्चा हुई।

 

रायपुर : 

 

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि बस्तर बदल रहा है — अब यहां बंदूक और बारूद का धुआं नहीं, बल्कि विकास और विश्वास की बयार बह रही है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार की “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” और “पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन” जैसे मानवीय अभियानों ने उन लोगों के दिलों में आशा का दीप जलाया है, जो कभी भटककर लाल आतंक के रास्ते पर चले गए थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज नारायणपुर जिले में 16 माओवादी कैडरों ने हिंसा का मार्ग त्यागकर मुख्यधारा में लौटने का साहसिक निर्णय लिया है। आत्मसमर्पण करने वाले इन कैडरों पर कुल ₹48 लाख का इनाम घोषित था। उन्होंने अब शांति, शिक्षा और सम्मानपूर्ण जीवन की नई राह चुनी है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों पर जन-जन का विश्वास बढ़ा है और सुरक्षा बलों की दृढ़ता ने विकास और विश्वास का माहौल स्थापित किया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पिछले 20 महीनों में कुल 1,837 माओवादी हिंसा का मार्ग छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। यह परिवर्तन इस बात का साक्षी है कि “डबल इंजन सरकार” की नीतियां न केवल शांति ला रही हैं, बल्कि बस्तर को एक नए युग की ओर अग्रसर कर रही हैं।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य केवल नक्सलवाद को समाप्त करना नहीं, बल्कि बस्तर के हर गांव तक विकास, शिक्षा और आत्मनिर्भरता की रोशनी पहुँचाना है।

 

रायपुर : 

 

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में छत्तीसगढ़ आदिवासी स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय परंपरागत वैद्य सम्मेलन में शामिल हुए।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार सभी पंजीकृत वैद्यों को प्रशिक्षण देकर उन्हें पंजीयन प्रमाण पत्र प्रदान करेगी, ताकि दस्तावेज़ों के अभाव में उन्हें किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।

सम्मेलन में मुख्यमंत्री का स्वागत प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए वैद्यों ने पारंपरिक जड़ी-बूटी की माला पहनाकर किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर औषधीय पौधों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने पद्मश्री श्री हेमचंद मांझी का उल्लेख करते हुए कहा कि दूरस्थ क्षेत्र में रहकर भी मांझी जी गंभीर बीमारी का उपचार अपने पारंपरिक ज्ञान से करते हैं। अमेरिका से भी लोग उनके पास उपचार के लिए आते हैं — यह हम सबके लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि वैद्य परंपरा हमारे देश की प्राचीन और समृद्ध चिकित्सा पद्धति है। भारत में लगभग 60 से 70 हजार वैद्य हैं, जिनमें से लगभग 1500 वैद्य छत्तीसगढ़ में सक्रिय हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मान्यता दी है। छत्तीसगढ़ पूरे देश में एक हर्बल स्टेट के रूप में पहचान बना चुका है। अकेले छत्तीसगढ़ में ही डेढ़ हजार से अधिक औषधीय पौधे पाए जाते हैं। दुर्ग जिले के पाटन स्थित जामगांव में औषधीय पौधों से अर्क निकालने के लिए एक कारखाना स्थापित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने इस दिशा में कार्यों को गति

 

रायपुर : 

 

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर स्थित पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के सभागार में उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत प्रयोगशाला तकनीशियन के पद पर चयनित 233 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पारदर्शी और विश्वसनीय भर्ती प्रक्रियाओं से प्रदेश के युवाओं का भविष्य सुरक्षित हुआ है। उन्होंने बताया कि विगत 20 महीनों में विभिन्न विभागों में 10 हजार से अधिक सरकारी नौकरियां प्रदान की जा चुकी हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को पुलिस विभाग, विद्युत विभाग, सहकारिता विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, आदिम जाति विकास विभाग सहित कई अन्य विभागों में नियुक्तियाँ दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उच्च शिक्षा विभाग में 700 सहायक प्राध्यापकों और स्कूल शिक्षा विभाग में 5000 शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आज का यह अवसर ऐतिहासिक और अत्यंत हर्ष का विषय है — पहली बार इतनी बड़ी संख्या में नियुक्ति पत्र एक साथ प्रदान किए जा रहे हैं। यह निश्चित रूप से विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने सभी नवनियुक्त प्रयोगशाला तकनीशियनों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए अपने कर्तव्यों का शत-प्रतिशत निष्ठा और ईमानदारी के साथ निर्वहन करने का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार ने नई औद्योगिक नीति को अपनाया है, जिसके माध्यम से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस नई उद्योग नीति के तहत अब तक लगभग ₹7 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं, और इनमें से कई प्रस्तावों के अंतर्गत औद्योगिक इकाइयों की स्थापना का कार्य प्रारंभ भी हो गया है। इन उद्योगों से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से राज्य की जनता को व्यापक लाभ प्राप्त होगा।

उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में पिछले 20 महीनों में छत्तीसगढ़ के प्रत्येक क्षेत्र में उल्लेखनीय परिवर्तन हुए हैं। पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ प्रत्येक विभाग की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण की जा रही है। उच्च शिक्षा मंत्री श्री वर्मा ने नवचयनित प्रयोगशाला तकनीशियनों को बधाई देते हुए कहा कि आप सभी निश्चित रूप से अपने महाविद्यालयों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में योगदान देंगे। उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों की भी सराहना की और कहा कि मात्र तीन माह की अवधि में बिना किसी विवाद के तीन चरणों में संपूर्ण काउंसलिंग प्रक्रिया को पारदर्शी एवं निष्पक्ष रूप से पूर्ण करना अत्यंत सराहनीय उपलब्धि है।

इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री श्री खुशवंत साहेब, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सच्चिदानंद शुक्ला, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन सहित विभागीय अधिकारी एवं नवनियुक्त प्रयोगशाला तकनीशियन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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