छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ (17642)

रायपुर: राजधानी रायपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है। खबर है कि रायपुर सांसद रमेश बैस के बेटे रिंकू बैस ने पत्रकार पप्पू फरिश्ता की बेटी की पिटाई कर दी है। मामले को लेकर पप्पू फरिश्ता ने थाने में एफआईआर दर्ज कराया है। वहीं, बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद से सांसद पुत्र रिंकू बैस फरार है। इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि सांसद पुत्र ने पत्रकार की बेटी को क्यों पीटा है। वहीं, इस घटना के बाद से पूरे इलाके में गहमा गहमी का माहौल बना हुआ है। घटना की जानकारी होते ही लोग पत्रकार पप्पू फरिश्ता के घर पहुंच रहे हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक ऑक्सीजोन निर्माण की वजह से पूर्व में बना एक रास्ता सांसद रमेश बैस और उनके परिवार की तरफ से बन्द कर दिया गया था। जिसे लेकर पहले भी सांसद रमेश बैस के बेटे और पप्पू फरिश्ता के बेटे के बीच विवाद हुआ था। आज भी इवनिंग वाक के दौरान गेट खोलने को लेकर पप्पू फरिश्ता के बेटे ने विवाद शुरू किया , जिसके बाद सांसद रमेश बैस का बेटा भी वहां पहुंच गया। विवाद इतना बढ़ा की दोनों के बीच मारपीट शुरू हो गयी। इस मामले में SP नीतू कमल ने बताया कि शिकायत दोनों तरफ आए आई है, इस मामले में जांच की जा रही है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। इधर मामले की जांच के लिए मौके पर पुलिस की टीम पहुंच गई है।

रायपुर: छत्तीसगढ़ की सत्ता में आने के बाद भूपेश सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं, जिसका लाभ प्रदेश जनता को मिल रहा है। इसी बड़ी में अब सरकार छत्तीसगढ़ में एक और नया बदलाव करने की ओर अग्रसर है। सरकार ने पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट आयुष्मान भारत पर फूल स्टॉप लगाने की तैयारी में है। स्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने साफ कहा कि वे इस योजना के पक्ष में नहीं हैं, सरकार आयुष्मान योजना की जगह पर यूनिवर्सल हेल्थकेयर स्कीम लाएगी। इसके लिए सरकार ने काम भी शुरू कर दिया है।

स्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि पहले चरण में दवाएं और जांच निशुल्क होगी, दूसरे चरण में ऑपरेशन को भी शामिल किया जाएगा। योजना को लेकर बजट के लिए मंत्री स्तरीय चर्चा में विस्तृत बातचीत होगी, जिसके बाद 2019-20  के बजट में इसे लाने की हमारी कोशिश होगी। 

आगामी बजट में नई योजना पर मंथन के बाद इसे मूर्त रुप देने की तैयारी हो रही है, आयुष्मान योजना में ऐसी खामी है कि लोगों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। प्रदेश में राइट टू हेल्थ योजना लाना सभी लोगों के लिए बेहतर होगा।

छत्तीसगढ़ के जांगला से हुई थी आयुष्मान भारत की शुरूआत
आयुष्मान भारत योजना की शुरूआत पीएम नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के वनांचल में बसे गांव जांगला से 16 सितंबर 2018 को की थी। इस योजना का लाभ प्रदेश 40 लाख परिवारों को मिल रहा है, वहीं मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना का लाभ 25 लाख परिवारों को मिल रहा है। आयुष्मान भारत योजना के तहत लोगों को 5 लाख तक का मुफ्त इलाज प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत 608 सरकार और 464 निजी अस्पतालों में उपचार की सुविधा प्रदान की गई है।

रायपुर। पुलिस कर्मियों के साप्ताहिक अवकाश समेत दूसरी मांगों पर इन दिनों जमकर चर्चा हो रही है। डीजीपी डीएम अवस्थी हर सप्ताह अपने दफ्तर में राज्य भर के पुलिस कर्मियों और उनके परिजनों से मिलकर उनकी समस्या सुन रहे हैं। दो हफ्ते तक समस्या सुनने के बाद यह तथ्य सामने आया कि शिकायतें और समस्याएं बहुत ज्यादा हैं। सबसे बड़ी समस्या तो यही रही है कि पुलिस जवानों की सुनने की कभी कोशिश ही नहीं की गई। बेहद तनाव में वे ड्यूटी करते रहे और सरकार तथा अफसरों को उनकी पीड़ा समझने की फुर्सत नहीं रही।

अब नए डीजीपी ने जवानों की समस्या सुनने की शुरूआत की है। उन्होंने सभी आइजी से भी कहा है कि सप्ताह में दो दिन जवानों से मिलें और उनकी समस्या सुनें। नक्सल प्रभावित जिलों के कुछ एसपी लगातार जवानों से संवाद स्थापित करने में लगे हुए हैं।

इसी दौरान यह तथ्य सामने आया कि नक्सल इलाकों में पदस्थ जवानों के लिए वीकली ऑफ तो बेमानी है। दरअसल जंगल में बैरकों में रह रहे जवान बीमार होने पर भी वहां से निकलने के लिए फोर्स की तैनाती का इंतजार करते हैं। जगरगुंडा और पामेड़ जैसे थानों से तो कई बार हेलीकॉप्टर से उन्हें निकालना पड़ता है।

किसी एक जवान को छुट्टी पर जाना हो तो रोड ओपनिंग पार्टी से लेकर बम स्क्वायड तक लगाना पड़ता है। तो अगर एक दिन की छुट्टी मिली तो वे बैरक में ही रह जाएंगे। फिर छुट्टी का मतलब क्या होगा। इसीलिए नक्सल मोर्चे के पुलिस कर्मियों ने मांग की है कि उनके लिए महीने के चार हफ्तों की छुट्टी एकमुश्त चार दिन के लिए दी जाए।

अगर चार दिन की छुट्टी मिलती है तो वे पैदल चलकर निकल पाएंगे और एक-दो दिन के लिए परिवार से भी मिल पाएंगे। हालांकि पुलिस कर्मियों के कल्याण के लिए बनी कमेटी वीकली ऑफ पर क्या निर्णय देती है यह देखा जाना बाकी है। पुलिस कमेटी के निर्णय के बाद यह देखा जाएगा कि नक्सल मोर्चे के जवानों के लिए अलग से क्या किया जा सकता है।

शिकायतों के निराकरण का सिस्टम बनेगा

डीजीपी डीएम अवस्थी ने  से कहा कि हम जनसमस्या और शिकायत निवारण का एक तंत्र विकसित करना चाहते हैं। मैंने अपने दफ्तर में एक दिन जवानों और परिजनों से मिलने का निर्णय लिया तो पता चला कि समस्याएं ढेरों हैं। तीन हफ्ते में मैं करीब 12 सौ लोगों से मिला हूं। उनकी समस्याएं कई स्तरों की हैं।

कुछ ऐसी हैं जिनका निराकरण एसपी स्तर पर ही हो सकता है। कुछ समस्याएं आइजी सुलझा सकते हैं। इसीलिए मैंने कहा है कि एसपी हर मंगलवार को जवानों की शिकायत और समस्या सुनें।

अगर वहां निदान नहीं होता है तो बुधवार को जवान और उनके परिजन आइजी से मिल सकते हैं। फिर भी समस्या न सुलझी तो शुक्रवार को मैं उपलब्ध हूं। कोई जवान हर बात के लिए किराया खर्च कर रायपुर क्यों आए। अगर स्थानीय स्तर पर निदान हो सकता है तो वहीं किया जाएगा।

इसी हफ्ते आएगी चंपावत कमेटी की रिपोर्ट

  पुलिस कर्मियों की मांगों पर विचार करने के लिए नेहा चंपावत की अध्यक्षता में बनी कमेटी इसी हफ्ते अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। डीजीपी अवस्थी ने कहा कि हम कमेटी की रिपोर्ट का परीक्षण करेंगे और उसे शासन को भेज देंगे।

जितनी जल्द संभव हो पुलिस कर्मियों की मांगों को पूरा करने की कोशिश की जाएगी। चंपावत कमेटी की तीन-चार बैठक हो चुकी है। अब रिपोर्ट आना ही शेष है। इस रिपोर्ट के बाद ही तय होगा कि वीकली ऑफ और अन्य समस्याओं को कैसे सुलझाया जाए।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने के बाद भाजपा के पूर्व विधायकों और कई दिग्गज नेताओं की सुरक्षा हटा दी गई है। प्रदेश में विधायकों को एक्स और वाई श्रेणी की सुरक्षा दी जाती है। जबकि नक्सल प्रभावित क्षेत्र के विधायकों, पूर्व विधायकों और राजनीतिक दलों के प्रमुख प्रतिनिधियों को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिल रही थी लेकिन अब नई सरकार ने प्रोटेक्शन रिव्यू किए बिना ही सुरक्षा हटाने का निर्णय ले लिया।

नेता प्रतिपक्षव प्रदेश भाजपा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने इसकी शिकायत डीजीपी डीएम अवस्थी से की है। कौशिक ने कहा कि सरकार जानबूझकर संवेदनशील क्षेत्रों के पदाधिकारियों की सुरक्षा को हटा रही है। यह बदले की भावना ने किया जा रहा है, जिसका पार्टी विरोध करती है।

पूर्व विधायक और भाजपा के प्रदेश महामंत्री सुभाऊ कश्यप ने कहा, बिना बताए सुरक्षा हटा दी गई। उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल भी खड़ा किया। कश्यप ने बताया कि वह दिल्ली में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यपरिषद की बैठक में शामिल होने के बाद जब रायपुर पहुंचे तो पता चला कि उनकी सुरक्षा को हटा दी गई है।

भाजपा सरकार में मंत्री रहे केदार कश्यप और महेश गागड़ा की सुरक्षा में कोई बदलाव नहीं किया गया। इनको जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिल रही थी।

बस्तर आइजी विवेकानंद ने कहा कि विधायकों और पूर्व विधायकों को जो सुरक्षा दी जा रही है, उसमें कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। श्रेणी के आधार पर जो सुरक्षा मिलती है, उसे बरकरार रखा गया है।

अगर किसी के पास अतिरिक्त सुरक्षा रही होगी, तो उसे ही हटाया गया होगा। जबकि स्पेशल डीजी सिक्योरिटी संजय पिल्ले ने बताया कि प्रोटेक्शन रिव्यू कमेटी की कोई बैठक नहीं हुई है। ऐसे में किसी की सुरक्षा में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है।

रायपुर। प्रदेश के दो लाख से अधिक युवा बेरोजगारों की कुंडली मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को युवा कांग्रेस सौंपेगी। युवा कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश में 'मैं भी बेरोजगार" अभियान चलाया था। अब लोकसभा चुनाव के लिए इस अभियान को फिर से शुरू करना है, इसलिए पहले आए बेरोजगारों के ब्योरे को सौंपकर उनके रोजगार की व्यवस्था करने की अपील मुख्यमंत्री से की जाएगी। मुख्यमंत्री से मिलने से पहले युवा कांग्रेस प्रदेश स्तरीय बैठक करेगी।

युवा कांग्रेस ने विधनसभा चुनाव के पहले 'मैं भी बेरोजगार" के पांच लाख से ज्यादा फॉर्म बांटे थे। कॉलेजों, सार्वजनिक स्थलों में स्टॉल लगाकर भी फॉर्म भराए गए थे। ऑनलाइन आवेदन भरने की भी व्यवस्था थी। युवा बेरोजगारों से उनका नाम, पता, मोबाइल नम्बर, शिक्षा की जानकारी ली गई है।

 

हर फॉर्म की नम्बरिंग भी की गई है। अभी युवा कांग्रेस प्रदेशभर से आए फॉर्म की कम्प्यूटर में इंट्री कर रही है। एक-दो दिन में यह काम पूरा हो जाएगा। संगठन के प्रदेश महामंत्री अशरफ हुसैन ने बताया कि दो लाख से अधिक युवाओं ने फॉर्म भरा है।

15 जनवरी के बाद युवा कांग्रेस के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक रखी गई है, जिसमें मुख्यमंत्री से चर्चा के बिंदुओं पर बात होगी। मुख्यमंत्री को यह भी बताया जाएगा कि संगठन जल्द से युवा वोटरों को साधने के लिए फिर से 'मैं भी बेरोजगार" शुरू करने जा रहा है। अभियान को शुरू करने से पहले युवा कांग्रेस के लिए जरूरी है कि कांग्रेस सरकार युवाओं के लिए नौकरी का रास्ता खोले। उसके बाद ही युवा कांग्रेस फिर से युवाओं के बीच जा पाएगी।

जांजगीर चांपा. जिले के सिटी कोतवाली थाने के ठीक सामने स्थित साइकिल स्टोर में रखे सिलेंडर रविवार सुबह फटने से आग लग गई। इसके बाद एक-एक कर सिलेंडरों में विस्फोट होना शुरू हो गया। इसके चलते इलाके में अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की चार गाड़ियां मौके पर पहुंच गई हैं। आग बुझाने का प्रयास जारी है।
दुकान में रखे फटाखे फूटने से दो कर्मचारी घायल
जानकारी के मुताबिक, शहर के व्यस्त रिहायशी इलाके में सिटी कोतवाली के ठीक सामने नव दुर्गा साइकिल स्टोर है। दुकन में रविवार सुबह करीब 11.30 बजे तेज धमाका हुआ और आग लग गई। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, एक के बाद एक धमाके शुरू हो गए। इसके चलते पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।
दुकान में लगी आग के दौरान मौके पर जमा लोगों की भीड़
कोतवाली के ठीक सामने विस्फोट और आग से पुलिस भी सकते में आग गई। तत्काल ही फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। इसके बाद मौके पर एक दमकल की गाड़ी आई, लेकिन विकराल आग देखकर तीन अन्य दमकलों को बुलाना पड़ा। इससे पहले कि दमकलकर्मी आग पर काबू पाते, उसने पड़ोसी के कपड़े की दुकान को भी चपेट में ले लिया।
जिस इलाके में यह दुकान है वह काफी रिहायशी इलाका है। इसके चलते आग बुझाने में दिक्कत हो रही है। बताया जा रहा है कि सिटी कोतवाली के ठीक सामने ही गैस का अवैध कारोबार चलता है फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। जिस वजह से ऐसा हादसा हुआ है।  वहीं बताया जा रहा है कि दुकान में अवैध रूप से फटाका भी रखा हुआ था। दुकान में रखे फटाखे फूटने से 2 कर्मचारियों को चोट आई है। फिलहाल दमकल की चार गाड़ियां आग बुझाने का प्रयास कर रही हैं। सिलेंडर में आग कैसे लगी यह अभी तक पता नहीं चल सका है।

रायगढ़. पीएम आवास योजना के लाभार्थियों से अंगूठे का निशान और आधार नंबर की डिटेल लेकर उनके खातों से रुपए निकालने वाले एक गिरोह के चार लोगों को पुलिस ने लैलूंगा से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी जनपद अधिकारी बनकर हितग्राहियों के घर जाते थे। आरोपियों ने जिले में ही लगभग 5 लाख रुपए की ठगी की है। जशपुर, बलरामपुर, अंबिकापुर सहित चार जिलों से लगभग 25 लाख रुपए ठगे हैं।
आस-पास के कई जिलों में लाेगों को बनाया शिकार
जिले में स्थानीय लोगों से बड़े स्तर पर इस तरह की संगठित ठगी का यह पहला मामला है। कियोस्क शाखा और मोबाइल सिम विक्रेताओं की भी ऐसी ठगी में भूमिका हो सकती है। 11 जनवरी को खरसिया के बानीपाथर, करपीपाली निवासी हेमलाल रौतिया और भारत राम कलार ने खरसिया पुलिस को बताया कि लगभग 12 हजार रुपये उनके खातों से निकाले गए हैं।
कुछ लोग उनके घर आए थे और पीएम आवास के सर्वे करने के नाम पर आधार नंबर लेकर मोबाइल के जरिए उनके खातों से रुपए निकाल लिए। इसकी सूचना मिलने के बाद खरसिया पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू की। पूछताछ में आरोपियों का हुलिया तो नहीं मिला मगर उनकी गाड़ी का नंबर ट्रेस हो गया।
इसके बाद सबसे पहले पुलिस ने चेतन यादव को पकड़ा। इसके बाद पूछताछ में उसने अपने अन्य साथी धमेंद्र महंत, संजय तिर्की, बबलू उर्फ श्रवण महंत का नाम बताया। चारों लैलूंगा थाना क्षेत्र के है। आरोपियों ने बताया कि उन्होंने खरसिया, लैलूंगा, धरमजयगढ़ सहित आसपास के जिले जशपुर, अंबिकापुर, बलरामपुर में जाकर भी पीएम आवास के हितग्राहियों से ठगी की है।
आरोपी जनपद पंचायत अधिकारी बनकर घर जाते थे और सर्वे के नाम से अकाउंट का पैसा अपने खातों में ट्रांसफर करा लेते थे। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उनके पास से 15 एटीएम, 5 मोबाइल, 3 थंब इंप्रेशन मशीन, एक कंप्यूटर सेट और 5 हजार रुपए जब्त किए गए।
ग्रामीणों के घर जाकर लिए डिटेल
आरोपी सबसे पहले जनपद की साइट से हितग्राहियों की लिस्ट निकालते थे। इसके बाद उन ग्रामीणों के घर पहुंचकर उन्हें जनपद पंचायत अधिकारी बताकर सर्वे की बात कहते थे। सर्वे के दौरान मोबाइल से ही सामने वाले हितग्राही का आधार नंबर लेकर उसका अंगूठा मशीन में पंच कराते थे।
इसके बाद उसके खाते से अपने खातों में रुपए ट्रांसफर कर लेते थे। आरोपियों ने अधिकतर गरीब लोगों को टारगेट किया था, जिनके पास मोबाइल भी नहीं होता था। ऐसे में हितग्राही के खाते से रुपए निकलने की जानकारी जानकारी होने से पहले ही वे चले जाते थे।
बायो इनेबल्ड वॉलेट से करते हैं ठगी
जानकारी के अनुसार पे नियर बाई, भीम, पेटीएम इस तरह के सैकड़ों एप्लीकेशन आते हैं। ये आपकी फिंगरप्रिंट के जरिए रुपए ट्रांजेक्शन की अनुमति देते हैं। ऐसे ही एप्लीकेशन में आरोपी आईडी बनाकर रखते थे। इसके अलावा आरोपियों ने मार्केट से मार्फो मशीन ले रखी थी।
इसमें भी पहले आईडी जनरेट करनी पड़ती है। इस आईडी के जरिए ही आरोपियों ने कहां से ट्रांजेक्शन किया है। यह पता चल जाता है, इन्हीं दो संसाधनों के जरिए आरोपी अकाउंट से रुपए ट्रांसफर कर लेते थे।
गरीबों के पैसे से खरीदी जेसीबी
आरोपी लगभग एक साल से ठगी कर रहे थे। गांव-गांव घूमकर इन लोगों ने इतने रुपए ठगे की 12 लाख रुपयों की नई जेसीबी, डेढ़ से दो लाख रुपए की बुलेट और बाइक खरीदी थी। जेसीबी लैलूंगा में ही किराए पर चला रहे थे। पुलिस ने इसे भी जब्त किया है। आरोपियों के पास ग्रीन एटीएम कार्ड भी था।
पुलिस को हालांकि शिकायत नहीं मिली हैं लेकिन आरोपियों के बयान और जब्त सामानों के आधार पर पुलिस मान रही है कि इन लोगों ने 25 लाख रुपए से अधिक की ठगी की है।

रायपुर . मुख्य सचिव (सीएस) के शंकर नगर स्थित बी-5/9 बंगले में अब मंत्री जय सिंह अग्रवाल रहेंगे। ये बंगला पिछले 18 साल से प्रदेश के मुख्य सचिवों का आशियाना बनता रहा, इस बार इसकी पहचान बदल गई है।
पूर्व सीएस अजय सिंह को 2 जनवरी को पद से हटाने के अगले ही दिन उन्हें बंगला खाली करने का नोटिस जारी कर दिया गया था। अब मुख्य सचिव का नया बंगला ऑफिसर्स कॉलोनी में होगा। दरअसल, नई सरकार के गठन के बाद से ही मंत्रियों के लिए बंगले की खोज चल रही है। 11 में से 10 मंत्रियों को बंगला मिल गया है। पर मंत्री जयसिंह अग्रवाल आैर उमेश पटेल को पसंद का बंगला नहीं मिला था। इसलिए पूर्व सीएस का बंगला जय सिंह को दे दिया गया। अब सिर्फ मंत्री उमेश पटेल के लिए बंगले का अलॉटमेंट शेष है, बंगला न मिलने तक वे अपने ऑफिसर्स कॉलोनी स्थित बंगले में रहेंगे।
सीएस का नया पता सी-1/3 ऑफिसर्स कॉलोनी
जय सिंह अब विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. चरणदास महंत के करीब रहेंगे। शंकर नगर से सीएस का बंगला हटने के बाद अब नए सीएस, सीएम से दूर हो गए हैं। दरअसल अब मुख्य सचिव का नया पता ऑफिसर्स कॉलोनी का बंगला नंबर सी-1/3 होगा। ऑफिसर्स काॅलोनी के इस बंगले में पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह के सलाहकार शिवराज सिंह रहा करते थे।

रायपुर . 5वीं विधानसभा का पहला सत्र शुरू हो चुका है, जो 11 जनवरी तक चलेगा। प्रदेश सरकार ने इसमें दो बड़े काम निपटाने की तैयारी की है। पहला- राज्य में मंत्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए अशासकीय संकल्प लाएगी, इसमें मंत्रियों की संख्या 18 (20 प्रतिशत) तक करने का प्रस्ताव है। दूसरा- सप्लीमेंट्री बजट लाया जाएगा, यह 10-11 हजार करोड़ रुपए का हो सकता है। चर्चा के बाद इसे पारित किया जाएगा। अभी राज्य में मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों की संख्या 13 (15 फीसदी) है। सरकार इसे बढ़ाकर 18 करना चाहती है। इसके लिए अशासकीय संकल्प लाया जाएगा। फिर इसे पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। दरअसल, इसकी अनुमति केंद्र सरकार से ही मिलनी है। बड़े बहुमत (90 में से 68 सीटें जीतकर) से सरकार में काबिज होने के बाद कई वरिष्ठ विधायक मंत्री पद से वंचित हैं। सरकार उन्हें एडजस्ट करने के लिए संकल्प लाना चाहती है। केंद्र सरकार ने इसे माना तो राज्य में पांच और मंत्री बनाए जा सकेंगे। सोमवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण और कृतज्ञता ज्ञापन के बाद सरकार सप्लीमेंट्री बजट पेश करेगी। यह चालू वित्तीय वर्ष में सरकार का तीसरा अनुपूरक बजट होगा। इसकी जरूरत इसलिए पड़ी कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में किसानों का कर्ज माफ करने, किसानों को बोनस देने और शिक्षाकर्मियों को नियमित करने के वादे किए हैं। 
उन्हें पूरा करने के लिए सप्लीमेंट्री बजट की जरूरत है। इसके पहले भाजपा सरकार 4777 करोड़ और 2402 करोड़ रुपए के दो सप्लीमेंट्री बजट पास करा चुकी है। सरकार नए सप्लीमेंट्री बजट में करीब 6500 करोड़ किसानों का कर्ज माफ करने, 3000 करोड़ रुपए बोनस और लगभग 1850 करोड़ रुपए शिक्षाकर्मियों के लिए प्रावधान करना चाहती है।
कार्य मंत्रणा समिति में भूपेश और रमन समेत कई दिग्गज
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सदन में कार्य मंत्रणा समिति का ऐलान किया। समिति में पक्ष-विपक्ष के नेता शामिल हैं। महंत स्वयं समिति के पदेन अध्यक्ष हैं। समिति में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मंत्री टीएस सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू, रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर, डॉ. शिव डहरिया के अलावा डॉ. रमन सिंह, धरमलाल कौशिक हैं। विशेष आमंत्रित सदस्यों में सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू, अमरजीत भगत, लखेश्वर बघेल, बृजमोहन अग्रवाल, धरमजीत सिंह हैं।

बिलासपुर. विधानसभा चुनाव के दौरान हजारों लोग वोट नहीं दे सके। उनकी शिकायत थी कि उनका नाम मतदाता सूची से काट दिया गया। उनकी शिकायत को अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया पर अब जब नाम जोड़ने के लिए चल रहे अभियान में हजारों लोग फॉर्म लेकर जा रहे हैं, तब तो यह साबित हो गया है कि वाकई में हजारों के नाम मतदाता सूची में कट गए थे। 26 दिसंबर से लेकर अब तक यानी 10 दिनों में साढ़े पांच हजार से ज्यादा लोग फॉर्म -6 ले चुके हैं।
घर-घर जाकर बीएलओ लेंगे मतदाताओं से आवेदन
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम जारी किया गया है। इसके तहत दो तरह की व्यवस्था की गई है। पहला ये कि प्रत्येक मतदान केंद्र में एक-एक अविहित अधिकारी तैनात किया गया है। अधिकारी को आवेदकों से आवेदन लेना है और उसे बीएलओ को देना है।
बीएलओ की जिम्मेदारी है कि वे अपने निर्धारित क्षेत्र में घर-घर जाएंगे और जिनका नाम मतदाता सूची में नहीं है, उनसे दस्तावेज व ताजा और अच्छी क्वालिटी का फोटो लेकर आवेदन भी लें। बिलासपुर विधानसभा में दो मतदान केंद्र बढ़ गए हैं। यानी अब मतदान केंद्रों की संख्या बढ़कर 228 हो चुकी है। प्रत्येक मतदान केंद्र में अविहित अधिकारी की ड्यूटी लगाई गई है।
वहीं बीएलओ तो पहले से ही हैं। अविहित अधिकारी सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक मतदान केंद्र में बैठ रहे हैं। हालांकि कुछ केंद्रों में अधिकारी के नहीं होने की शिकायत भी पहुंच रही है। वहीं फॉर्म की कमी भी बनी हुई है। सुपरवाइजर अविहित अधिकारी तक फॉर्म पहुंचा रहे हैं और वहां से फॉर्म आवेदकों को दिया जा रहा है।
अधिकारियों के मुताबिक अब तक बिलासपुर विधानसभा के मतदान केंद्रों में मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए पांच हजार से ज्यादा फॉर्म 6 दिए जा चुके हैं। अभी फॉर्म सात की कमी है। इसकी व्यवस्था की जा रही है।
फॉर्म लेकर जा रहे, पर वापस नहीं मिल रहा
अविहित अधिकारियों की मांग पर सुपरवाइजर तहसील कार्यालय में फॉर्म लेने पहुंच रहे हैं। इस पर कर्मचारी उन्हें कह रहे हैं कि वे इतनी अधिक संख्या में फॉर्म लेकर जा रहे हैं, लेकिन उसी तेजी से भरे हुए फॉर्म नहीं आ रहे हैं। इस पर सुपरवाइजर कह रहे हैं कि लोग वापस नहीं दे रहे हैं।
2 लाख 17 हजार मतदाता, 61.33 फीसदी वोटिंग
बिलासपुर विधानसभा में 2 लाख 17 हजार 630 मतदाता हैं। विधानसभा चुनाव में 1 लाख 33 हजार 472 मतदाताओं ने वोट डाले थे। यानी 61.33 फीसदी वोटिंग हुई थी। वहीं हजारों लोगों ने वोट नहीं डाल पाने की शिकायत जिला निर्वाचन अधिकारी से लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी तक किया था।

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