ईश्वर दुबे
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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में छत्तीसगढ़ चुनाव समिति की अहम बैठक हुई. 15 गुरुद्वारा रकाबगंज रोड में तकरीबन ढाई घंटे तक बैठक चली जिसमें प्रदेश की सभी 11 लोकसभा सीटों के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों के नाम पर चर्चाएं हुई.
बैठक में एआईसीसी के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया, दोनों प्रभारी सचिव डॉ चंदन यादव और डॉक्टर अरुण उरांव, पीसीसी अध्यक्ष व सीएम भूपेश बघेल के साथ ही चुनाव समिति के सदस्य मौजूद थे.
नई दिल्ला के गुरुद्वारा रकाबगंज रोड पर स्थित बंगला नंबर 15 कांग्रेस के वॉर-रूम के तौर पर जाना जाता रहा है. पिछले कई सालों से यह जगह कांग्रेस के बंद दरवाजों के पीछे होने वाली अहम राजनीतिक बैठकों के लिए चर्चित रहा है.
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने मंगलवार को फिर साढ़े सात सौ करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) के माध्यम से लिए गए इस लोन को सरकार तीन वर्ष में चुकाएगी।
वह भी करीब साढ़े सात फीसद ब्याज दर पर। दो महीने में यह छठवां मौका है, जब सरकार ने अपनी प्रतिभूति (सिक्योरिटी बांड) बेची है। इससे राज्य पर कर्ज का बोझ बढ़कर 58 हजार करोड़ के पार पहुंच गया है।
तीन महीने में बेच दिए 7 हजार करोड़ से अधिक का बांड
तीन महीने पुरानी कांग्रेस सरकार अपने इस छोटे कार्यकाल में अब तक सात हजार करोड़ से अधिक का बांड बेच चुकी है। छह बार में लिए गए इस कर्ज के लिए सरकार औसत आठ फीसद ब्याज भरेगी और दो से लेकर छह वर्ष में चुकाएगी।
कर्ज लेना सरकार की मजूबरी
अर्थशास्त्री डॉ. हुनमंत यादव कहते हैं कि बजट की व्यवस्था के लिए सरकार के पास बांड बेचने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। जीएसटी लागू होने के बाद से राज्य सरकारों के पास टैक्स का विकल्प ज्यादा नहीं बचा है। पेट्रोल जैसी कुछ वस्तुएं हैं जिन पर राज्य टैक्स लगा सकता है, लेकिन इसका सीधा असर जनता पर पड़ेगा। ऐसे में सरकार इससे बचती है।
कर्ज माफी का बोझ 10 हजार करोड़
सत्ता में आने के लिए सरकार ने राज्य के किसानों से कृषि ऋण माफ करने का वादा किया था। इसके तहत अब तक सरकार 10 हजार करोड़ रुपये का अल्पकालीन कृषि ऋण माफ कर चुकी है। इसमें ग्रामीण और सहकारी बैंकों का 62 सौ करोड़ तथा व्यवसायिक बैंकों का चार हजार 17 करोड़ रुपये शामिल है। इसके साथ ही सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपये प्रति क्विंटल देने का वादा किया था। इसकी वजह से सरकार पर करीब 54 सौ करोड़ रुपये का बोझ बढ़ा है।
विकास कार्यों पर पड़ रहा असर
सरकार के दनादन कर्ज लेने का असर राज्य में अधोसंरचना विकास समेत अन्य विकास कार्यों पर पड़ रहा है। हाल ही में संपन्न् हुए विधानसभा के बजट सत्र में विधायकों ने मनरेगा का काम तक ठप होने का आरोप लगाया था। अर्थशास्त्री भी मान रहे हैं कि कर्ज की राशि ब्याज के साथ चुकाना है तो इसका असर कहीं न कहीं पड़ेगा ही।
जनवरी से अब तक
तारीख कर्ज की राशि ब्याज दर अवधि (वर्ष)
01 जनवरी 2000 7.94 04
15 जनवरी 1500 7.64 02
05 फरवरी 1000 8.4 06
12 फरवरी 1000 7.93 05
26 फरवरी 1000 8.18 06
05 मार्च 750 7.48 03
(नोट- राशि करोड़ रुपये में)
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में हाल ही में सत्ता परिवर्तन हुआ है। 15 वर्षों के भाजपा के कार्यकाल के बाद अब कांग्रेस की सरकार यहां बनी है। दोनों सरकारों की विकास को लेकर नीतियां काफी अलग रही हैं। विपक्ष में रहते कांग्रेस ने जिन बातों को विरोध किया, अब सरकार में आने के बाद कांग्रेस ने उन नीतियों और योजनाओं को ही बंद कर दिया। नई सरकार ने पुरानी सरकार की विभिन्न विकास की योजनाओं पर पूर्ण वीराम लगा दिया, इसके साथ ही अपनी नीति से राज्य के विकास के प्रयास शुरू किए हैं।
राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति इस वक्त ठीक नहीं है। पुराने डैमेज कंट्रोल के लिए राजकोष से बड़ी राशि का उपयोग किया गया है। किसानों की कर्जमाफी सहित कई बड़े आर्थिक फैसले सरकार ने लिए हैं। इससे 10 हजार करोड़ का आर्थिक भार सरकार पर आया है।
इसके बाद इस खर्च की पूर्ति के लिए राज्य सरकार पिछले दो महीनों में केंद्रीय रिजर्व बैंक से अब तक 6 बार कर्ज ले चुकी है। करीब तीन महीने में सरकार ने 7 हजार करोड़ से अधिक के बांड बेचे हैं। अब सरकार इन सब से उबरने के लिए आर्थिक विकास के गांधीवादी मॉडल को अपना रही है। नरवा, गरुआ, घुरवा और बारी का कंसप्ट वास्तव में पूरी तरह ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर आधारित गांधी जी के विचारों पर टिका है।
क्या है नरवा, गरुआ, घुरवा और बारी कंसप्ट
कृषि और पशुपालन हमारी ग्रामीण संस्कृति का अटूट हिस्सा है। जीवन की निरंतरता प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और संरक्षण पर निर्भर करती है। ये संसाधन प्रतिदिन हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं। राज्य की नई कांग्रेस सरकार का मत यह है कि प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग से ही कृषि और ग्रामीण विकास को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
नरवा, गरुआ, घुरवा और बारी गांवों को सुदृढ़, स्वावलंबी व संपन्न बनाने का देशी फार्मूला है। इसी अवधारणा को साकार करने के लिए छत्तीसगढ़ की नई सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यमान संसाधनों के समुचित संरक्षण व सदुपयोग के लिए काम करना शुरू किया है।
गांधीवादी अर्थव्यवस्था का ऐसा है मॉडल
महात्मा गांधी ने अपनी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की संकल्पना में कहा था कि भारत गांवों को देश है और गांवों के विकास से ही शहरों और पूरे देश का विकास होगा। गांधीजी के आर्थिक दर्शन पर आधारित गांधीवादी योजना श्रीमन्नारायण ने अप्रैल 1944 में प्रस्तुत की थी।
इस योजना को शुरूआती दौर की पंचवर्षीय योजनाओं में भी शामिल किया गया था। गांधी जी का मानना था कि गांवों में खेती का विकास, पशुपालन, ग्रामीण संसाधनों से रोजगार और इसी के आधार पर आर्थिक विकास किया जा सकता है। गांधी जी का यह आर्थिक दर्शन काफी व्यापक है।
इस समय विकास के लिए यही रास्ता
छत्तीसगढ़ राज्य एक विकसित होता राज्य है। इसमें एक तरफ आर्थिक विकास की बड़ी संभावनाएं हैं जो दूसरी तरफ सामाजिक विकास की कई चुनौतियां भी हैं। बड़ी तादात में प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य में संसाधनों के व्यापक उपयोग के जरिए तेज विकास की नीति पिछली सरकार ने अपनाई थी, लेकिन इसकी वजह से टाटा के भूमिअधिग्रहण की वजह से स्थानीय लोगों के विस्थापन, किसानों की आर्थिक स्थिति का खराब होना। गांवों में विकास का कजोर होना जैसे कारक पैदा हुए। इस समय राज्य सरकार राज्य के विकास के लिए आर्थिक रूप से कोई बड़ी योजना नहीं ला सकती, और ऐसे में गांधीवादी आर्थिक विकास मॉडल ही राज्य सरकार के लिए सबसे बेहतर विकल्प है।
कर्ज लेने की मजबूरी के साथ आर्थिक विकास की चुनौती
अर्थशास्त्री डॉ. हुनमंत यादव कहते हैं कि बजट की व्यवस्था के लिए सरकार के पास बांड बेचने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। जीएसटी लागू होने के बाद से राज्य सरकारों के पास टैक्स का विकल्प ज्यादा नहीं बचा है। पेट्रोल जैसी कुछ वस्तुएं हैं जिन पर राज्य टैक्स लगा सकता है, लेकिन इसका सीधा असर जनता पर पड़ेगा।
ऐसे में सरकार इससे बचती है। तीन महीने पुरानी कांग्रेस सरकार अपने इस छोटे कार्यकाल में अब तक सात हजार करोड़ से अधिक का बांड बेच चुकी है। छह बार में लिए गए इस कर्ज के लिए सरकार औसत आठ फीसद ब्याज भरेगी और दो से लेकर छह वर्ष में चुकाएगी। इस अवधी में राज्य सरकार को आर्थिक विकास की ऐसी नीति का सहारा लेना होगा, जिससे अर्थव्यवथा को तेज नहीं, बल्कि संतुलित विकास का रास्ता मिले।
तेवाड़ा/नारायणपुर। देश के सबसे संवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्र माढ़ के तुलारधाम का ऐतिहासिक शिवलिंग चोरी हो गया है। महाशिवरात्री के मौके पर जब श्रद्धालु यहां पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे तो देखा कि शिवलिंग अपनी जगह पर है ही नहीं।
यह शिवलिंग बेहद प्राचीन माना जाता है। अति संवेदनशील नक्सल क्षेत्र होने की वजह से सिर्फ शिवरात्रि के दिन ही आम लोग यहां आते हैं। एक दंतकथा के मुताबिक असुरराज बाणासुर ने यहां शिवलिंग स्थापित किया था और वह यहां भगवान शिव की आराधना करता था।
शिवलिंग के इस तरह यहां से गायब हो जाने की वजह से रहस्य का माहौल बना हुआ है। इस संवेदनशील इलाके में पुलिस की पहुंच भी नहीं है। शिवलिंग के गुम होने की कोई रिपोर्ट भी संबंधित थाने में दर्ज नहीं की गई है। नारायणपुर जिले का यह इलाका अत्यंत दुर्गम होने की वजह से जिला मुख्यालय से भी कटा हुआ है और दंतेवाड़ा के रास्ते लोग यहां तक पहुंचते हैं।
प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहर में शुमार नारायणपुर के तुलारधाम का यह डेढ़ फीट का शिवलिंग वर्षों से यहां स्थापित था। शिवरात्रि के दिन हजारों की संख्या में श्रद्घालु इंद्रावती नदी पार कर उबड़ खाबड़ रास्ते से लगभग 40 किलोमीटर सफर कर यहां पहुंचे, लेकिन उन्हें इस बार शिवलिंग के दर्शन नहीं हुए। पुजारी ने स्थापित स्थल पर चांदी का छत्र बनाकर पूजा की वैकल्पिक व्यवस्था की। इस इलाके में नक्सलियों का एकाधिकार है।
रायपुर- पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ सांसद रमेश बैस ने प्रदेश में आर्थिक आधार पर पिछड़े सवर्णो के लिए दस प्रतिशत आरक्षण लागू नहीं करने का आरोप राज्य के कांग्रेस सरकार पर लगाया है. उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर कहा कि भारत सरकार द्वारा संविधान में संशोधन कर आर्थिक आधार पर सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का निर्णय लिया गया है. जिसे देश के अन्य राज्यों में लागू किया गया है.
लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अभी तक इसे लागू नहीं किया जा रहा है. रमेश बैस ने दस प्रतिशत आरक्षण को छत्तीसगढ़ में शीघ्र लागू करने की मांग है.

रायपुर- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 6 मार्च को जगदलपुर और धमतरी जिले में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे. वे शाम पांच बजे रायपुर लौटेंगे और रात्रि साढे आठ बजे नई दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे. दौरा कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री 6 मार्च को सुबह 10 बजे पुलिस ग्राऊण्ड हेलीपेड से हेलीकॉप्टर द्वारा जगदलपुर के लिए रवाना होंगे. 11 बजे जगदलपुर पहुंचकर वहां आयोजित उद्योग विभाग के सम्मेलन शामिल होंगे. वे दोपहर 12 बजे जगदलपुर से हेलीकॉप्टर से उड़ान भर 12.30 बजे धमतरी जिले के ग्राम घुटकेल पहुंचेंगे. वे यहां पर गोण्डवाना समाज के वार्षिक सम्मेलन में शामिल होंगे. ग्राम घुटकेल से रवाना होकर 1.35 बजे ग्राम सांकरा में छत्तीसगढ़ स्तरीय रामचरित मानस सम्मेलन शामिल होंगे. ग्राम सांकरा से प्रस्थान कर जिला मुख्यालय धमतरी में दोपहर 2.30 बजे किसान आभार रैली एवं सम्मान समारोह में शामिल होंगे. वहां से शाम 5.30 बजे रायपुर लौट आएंगे. वे रात्रि साढे आठ बजे स्वामी विवेकानंद विमानतल रायपुर से राजकीय विमान द्वारा नई दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे. रात्रि 10.45 बजे पहुंचकर छत्तीसगढ़ सदन जाएंगे और रात्रि विश्राम करेंगे. अगले दिन स्थानीय कार्यक्रमों में शामिल होंगे.
रायपुर– शहीद महेंद्र कर्मा के बेटे आशीष शर्मा को डिप्टी कलेक्टर बनाए जाने पर भाजपा नेताओं की आपत्ति को बेहद असंवेदनशील और क्रूर करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा ने पहले भी शहीदों के अपमान करने की अपनी प्रवृत्ति बार-बार उजागर की है. शहादत का सम्मान करना भाजपा के चरित्र में ही नहीं है. 2013 में जीरम की शहादत के बाद शहीदों के परिवारजनों को भाजपा की रमन सिंह सरकार ने चतुर्थ श्रेणी पदों पर नियुक्ति का प्रस्ताव भेजकर शहादत का जो अपमान किया था, उसे शहीदों के परिवारजन और छत्तीसगढ़ की जनता अभी भूली नहीं है.
माओवादियों से मुठभेड़ के बाद शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों के शव दंतेवाड़ा में भाजपा की सरकार के कार्यकाल में कचरा गाड़ी में ढोए गए थे और शहीदों का फिर अपमान किया गया था. माओवादियों से मुठभेड़ की घटना में बड़े पैमाने पर केंद्रीय पुलिस बलों के जवानों की शहादत के बाद शव परीक्षण के लिए जवानों के शव लाए जाने पर मेकाहारा अस्पताल में शहीद जवानों की वर्दियां बेल्ट और अवशेष कूड़ेदान में फेंक कर शहादत का एक बार फिर भाजपा सरकार ने अपमान किया था. शहादत का अपमान और शहीदों के परिजनों की भावनाओं का निरादर भाजपा का वास्तविक चरित्र है. अपने ही नेता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की शोक सभा में भाजपा के अट्टहास करते नेताओं के वीडियो और फोटोग्राफ पूरे छत्तीसगढ़ ने देखे हैं. छत्तीसगढ़ की नदियों में विसर्जन के लिए आए हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के अवशेषों को भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में बेहद अपमानजनक परिस्थितियों में रखा गया था.
इसकी सूचना मिलने पर अटल बिहारी बाजपेई की भतीजी करुणा शुक्ला की अगुवाई में कांग्रेस के नेता वहां गए तो आनन-फानन में भाजपा नेताओं ने अवशेषों को विसर्जित किया. जीरम के शहीदों के परिजन जब जीरम मामले की साजिश की जांच की मांग को लेकर तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष और वर्तमान मंत्री टीएस सिंहदेव के साथ मुख्यमंत्री रमन सिंह से मिले थे तो रमन सिंह जी केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से शहीदों के परिजनों को मिलाने की बात कही थी. बरसों बीत गए. अनेक बार राजनाथ सिंह छत्तीसगढ़ आए लेकिन भाजपा सरकार के मुखिया रमन सिंह ने शहीदों के परिजनों को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से नहीं मिलवाया.
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है आज ओपी चौधरी जैसे भाजपा नेता शहीदों के परिजनों को डिप्टी कलेक्टर नियुक्त किए जाने पर जितना ओछा और स्तरहीन बयान दे रहे हैं वह बेहद आपत्तिजनक और निंदनीय है. जीरम के शहीद नंद कुमार पटेल के बेटे और शहीद दिनेश पटेल के भाई वर्तमान मंत्री उमेश पटेल को हराने के लिए ओपी चौधरी ने खरसिया के विधानसभा चुनाव में जिस तरीके से पैसा खर्च किया मतदाताओं को कहर बरपाने की धमकियां दी और असामाजिक तत्व गुंडों की फौज लगाकर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और मतदाताओं पर जो हमला किया , लोकतांत्रिक प्रक्रिया से खिलवाड़ किया उसे खरसिया के मतदाता और छत्तीसगढ़ की जनता अभी भूले नहीं हैं. असल मे ओपी चौधरी ने नियुक्ति पर सवाल खड़ा कर भाजपा के वास्तविक चरित्र और सोच को ही आगे बढ़ाया है. भाजपा का चरित्र ही शहादत विरोधी है. कांग्रेस की सरकार शहादत का मर्म जानती है. हमने आतंकवाद, नक्सलवाद के कारण अपने नेताओं को खोया है.
रायपुर- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने अपने सन्देश में कहा है कि भगवान शिव की आराधना का यह पर्व पूरे देश के साथ छत्तीसगढ़ में भी श्रद्धा- भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है.
भगवान शिव दुःखों को हरने वाले और सभी का कल्याण करने वाले देवता हैं. उन्होंने इस अवसर पर प्रदेश के सुख -समृद्धि और खुशहाली की कामना की है.
कवर्धा- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कबीरधाम जिले के डोंगरिया में आयोजित किसान सम्मेलन व सम्मान समारोह में केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश से काला धन लाने का वादा किया था और सरकार बनी तो सभी के खाते में 15 लाख रुपए देने की बात कही थी, लेकिन वहीं चुनाव आने वाला है किसी के खाते में एक रुपए नहीं आए है, इससे अच्छा तो कांग्रेस की सरकार है वादा करके 2 घंटे में किसानों का कर्ज माफ किया है.
भूपेश ने स्वच्छता अभियान पर सवाल उठाते हुए कहा कि गांधी जी का 50वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. गांधी जी पहले गुजरात से आते हैं, उन्होंने कभी नहीं कहा कि झाड़ू लगाकर साफ-सफाई करो, लेकिन वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गुजरात से आते हैं, लेकिन ये सभी को झाड़ू लगवा रहे हैं.

मोदी की सरकार आई है तो सभी को झाड़ू पकड़ा दिया. सचिन तेंदुलकर, हेमा मालिनी और कुछ बड़े लोगों को झाड़ू पकड़ा दिया है. पाकिस्तान हमले पर शंका हो रही है. पुलवामा हमले में 40 जवान शहीद हो गए और प्रधानमंत्री फोटो शूट करा रहे थे.
कांग्रेस की सरकार में कई हमले हुए तथा मुंबई हमले भी हुआ, जिसके बाद गृह मंत्री ने इस्तीफा दे दिया था लेकिन पुलवामा हमले को 20 दिन हो रही है एक भी मंत्री ने इस्तीफा नहीं दिया है. भाजपा की सरकार जुमलेबाजी की सरकार से बचके रहने की जरूरत है. कांग्रेस सरकार बनते ही 2 घंटे में किसानों का कर्ज माफ किया है और बचत पैसे 1 अप्रैल को किसानों की खाते में आएगा. और तेंदूपत्ता की खरीदी 4 हजार रुपए प्रति क्विंटल खरीदी करेगी.
कांग्रेस की सरकार गरीबों की सरकार है. गौ माता के नाम से वोट मांगते हैं और भाजपा की सरकार सेवा नहीं करती. राम मंदिर के नाम से वोट मांगते हैं लेकिन आज तक राम मंदिर नहीं बना पाए है. भाजपा गौ माता की नाम से वोट भी लेते हैं और नोट भी लेता है.
खाद्य एवं वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पांच राज्यों में हुए चुनाव में कवर्धा विधानसभा में कांग्रेस पार्टी की सबसे ज्यादा मतों से जीत हुई. साथ ही जिले के दोनों विधानसभा सीट में कांग्रेस को भारी मतों से जीत दिलाने पर लोगों को बधाई दी.
राहुल गांधी ने कहा था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो 10 दिनों के भीतर ही किसानों का कर्जा माफी करेंगे और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2 घंटे के भीतर 10 हजार करोड़ रुपए का कर्जा माफी किया है और 25 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर धान खरीदी कर रहा है, इसलिए मैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हिम्मतवाला कहता हूं, और हमने जो वादा किया था कि वो हम पूरा कर रहे हैं. अब बिजली बिल हाफ की योजना बन गई है. सभी गरीब परिवारों राशन कॉर्ड में 35 किलो चावल मिलेगा.
जिले में पहले बोर खनन में प्रतिबंध लगाई गई थी. प्रतिबंध के कारण लोग चोरी छिपे बोर खनन करा रहे थे. हमारी सरकार बनने के बाद बोर खनन का प्रतिबंध हटा दिया है, जब चाहे आप बोर खनन करा सकते हैं.
नरवा, घुरवा, गरवा और बारी की योजना की शुरुआत हो गई है. जिसके जिले के ग्राम बिरकोना से गौठान योजना का शुभारंभ किया गया है.
अकबर ने कहा हमको 5 साल में वादा को पूरा करना था लेकिन भूपेश बघेल ने पहले ही वादा को पूरा कर दिया है और आगे भी वादा पूरा करेंगे. हमारी प्राथमिकता घोषणा पत्र को पूरा करने की है. एक साल में कुछ छोटा मोटा काम नहीं हो तो परेशान मत होना और आने वाले साल में बहुत विकास का काम होगा.
रायपुर. कांग्रेस सरकार के 60 दिन पूरे होने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया के जरिए प्रदेश के युवाओं से अपनी दिल की बात साझा की है. उन्होंने कहा कि सरकार के इन 60 दिनों के कार्यकाल में मैंने अपना हर एक पल छत्तीसगढ़ की जनता के लिए उपलब्ध रहने और ‘नवा छत्तीसगढ़’ गढ़ने के संकल्प को पूरा करने की प्रक्रिया में समर्पित करने का प्रयास किया है.
बघेल ने कहा कि मैं भी आप सभी की तरह एक साधारण किसान परिवार से संबंध रखता हूं. एक किसान का बेटा होने के कारण मैंने भी युवा अवस्था में कई तरह की चुनौतियों का सामना किया है. कॉलेज में दाखिले से लेकर अच्छे अंक प्राप्त करने तक, किसी भी प्रतिस्पर्धा में शामिल होकर उसमें सफलता प्राप्ति के प्रयास तक एवं अध्ययन उपरांत अपनी रोजी-रोटी के लिए संघर्ष से लेकर, पारिवारिक जिम्मेदारी को सम्भालने तक, लगभग हर स्तर पर संघर्ष से मेरी मुलाकात होती रही है. इसलिए आप सबके दर्द और संघर्ष को मैं बखूबी समझता हूँ और मुझे ऐसा लगता है कि बदलते सामाजिक परिवेश के चलते आपका संघर्ष और समर्पण मेरी उस समय की परिस्थितियों की तुलना में और भी कठिन होगा.
वर्ष 2018 प्रदेश में बदलाव की एक नई उम्मीद लेकर आया. यह वो वक्त था जब हमारा नवजात शिशु रुपी प्रदेश 18 वर्ष की आयु को पूर्ण कर वयस्क अवस्था में आ रहा था. वयस्क होने के साथ साथ जिस प्रकार से हर मनुष्य की नई आशाएं, नये सपने, नई आकांक्षाएं होतीं हैं, ठीक उसी प्रकार से हमारे छत्तीसगढ़ प्रदेश को भी नये बदलाव की आवश्यकता थी. इस बार पुनः उसी लोकतांत्रिक प्रक्रिया ने वयस्क छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी कांग्रेस पार्टी के कन्धों पर दी. जनादेश इतना प्रचंड था कि मानों छत्तीसगढ़ महतारी का संदेश स्पष्ट हो कि इस नये छत्तीसगढ़ की आकांक्षाएं, आशाएं एवं सपने केवल कांग्रेस पार्टी ही पूरा कर सकती है.
उन्होंने कहा कि नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने की चुनौती बहुत बड़ी है और यह मैं अकेले आप सबके सहयोग के बिना नहीं कर सकता. मैं छत्तीसगढ़ के युवाओं से आह्वाहन करता हूं कि वे आरोप-प्रत्यारोप छोड़ कर आगे आएं और नवा छत्तीसगढ़ के सपने को हम सब मिलकर साकार करें. किसी भी प्रदेश के विकास के लिए वहां के युवाओं में एक फौलादी जिगर, दृढ इच्छा शक्ति, पराक्रम, धैर्य और संयम की सख्त जरूरत होती है. कृपया आप मुझे अपना धैर्य और संयम प्रदान करें. मैं विश्वास दिलाता हूं कि सरकार संविधान के अनुरूप सबको समान अधिकार देकर सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की दिशा में कार्य करना जारी रखेगी.
साथ ही, महिलाओं और बच्चों को उनकी सुरक्षा एवं संरक्षण के बारे में जागरूक करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा, कि पुलिस अधिकारियों को किसी शिकायत पर फौरन कार्रवाई करने और ऐसे मामलों से संवेदनशीलता के साथ निपटने को कहा है। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वर्षा मिश्रा को अभियान का राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी बनाया गया है, जिन्हें कोई भी फोन या ईमेल कर शिकायत दे सकता है।
सभी पुलिस अधीक्षकों को जिला स्तर पर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने और सभी थानों में महिला एवं बच्चों की शिकायतों की सुनवाई के लिए एक प्रकोष्ठ बनाने का निर्देश दिया गया है। इन प्रकोष्ठों में कम से कम एक महिला अधिकारी नियुक्त की जाएं।
रायपुर। भाजपा धर्म से धर्म और भाई से भाई को लड़ाने की साजिश कर रही है। यह कहना है कांग्रेस का। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी कहना है कि हिंदू संगठनों की जानकारियां तो पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में भी पुलिस जुटाती रही है।
विभिन्न संगठनों के बारे में जानकारी एकत्र करना, तो पुलिस की कार्यप्रणाली का सामान्य हिस्सा है, लेकिन भाजपा शांत छत्तीसगढ़ में नफरत के बीज बाने की चाल चल रही है, जो कि अब बेनकाब हो गई है।
कांग्रेस ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में 26 फरवरी 2015 को जारी पत्र की प्रति भी जारी की है, जिसमें भी हिंदू संगठनों की जानकारी सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों से मांगी गई थी। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री त्रिवेदी का कहना है कि पुलिस की सामान्य प्रक्रिया के पत्र को भाजपा के लोगों ने जानबूझकर सोशल मीडिया में वायरल किया, ताकि साम्प्रदायिकता फैलाई जा सके। यह दो माह पहले प्रदेश में बनी कांग्रेस सरकार को बदनाम करने की साजिश थी।
भाजपा ने सोशल मीडिया पर पुलिस मुख्यालय की गुप्तावार्ता शाखा से पुलिस अधीक्षकों को जारी पत्र वायरल किया और कांग्रेस सरकार पर कई तरह के सवाल उठाए। त्रिवेदी का कहना है कि जब पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में पुलिस ने हिंदू संगठनों की जानकारी एकत्र की, तब कोई आपत्ति नहीं थी।
कांग्रेस सरकार में पुलिस उसी प्रक्रिया का पालन कर रही है, तो वह हिंदू विरोधी कैसी हो गई? जिस तरह के बयान और ट्वीट कांग्रेस सरकार के लिए किए जा रहे हैं, क्या वे पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पर लागू नहीं होते?
क्या रमन सरकार भी नक्सलियों और इस्लामी आतंकियों को डाटा बेचना चाहती थी? त्रिवेदी का कहना है कि भाजपा के डीएनए में ही साम्प्रदायिक सद्भावना बिगाड़ना है। उसकी हर सोच और उसका हर कदम देश की समरसता पर प्रहार करने वाला होता है।
देश और प्रदेश की जनता भाजपा के नापाक मंसूबों को समझ चुकी है। यही वजह है कि विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता ने भाजपा को नकार दिया था।
सीएम के पिता के मौखिक आदेश पर काम तो नहीं कर रहे एसपी
प्रदेश में जाति के आधार पर संगठनों की जानकारी मांगने के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है। भाजपा ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके पिता पर निशाना साधा है। भाजपा ने गरियाबंद इसमें पूछा है-इस पत्र को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल देखें। अगर शासन के अधिकृत आदेश के बिना हिंदू संगठनों की जानकारी इकठ्ठा की जा रही थी, तब तो और गंभीर मामला बनता है। जिलों में एसपी ने सीएम के पिता के मौखिक आदेश पर तो यह कार्रवाई नहीं की थी।
भाजपा इस मामले में एसआइटी जांच की मांग करती है। भाजपा ने एक और ट्वीट किया। इसमें लिखा-यह सवाल इसलिए है क्योंकि सीएम के रिश्तेदारों का दखल बढ़ने संबंधी खबरें मीडिया में आयी हैं और सीनियर बघेल लगातार हिंदू विरोधी कृत्य में सक्रिय रहते हैं। क्या इस पर सरकार एसआइटी का गठन करेगी। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने भी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का आरोप भी लगाया था।
मुस्लिम व दूसरे संगठनों की भी जानकारी मांगी
पुलिस मुख्यालय की गुप्तवार्ता शाखा ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों से केवल हिंदू ही नहीं, मुस्लिम, कर्मचारी, सामाजिक संगठनों की भी जानकारी मांगी है। सभी संगठनों के पदाधिकारियों का नाम व पता, राजनीतिक पार्टी से उनकी सम्बद्धता, समाज में उनका प्रभाव, संगठन का उद्देश्य व गतिविधियां और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी मांगी गई है।
हर वर्ष जुटाई जाती है जानकारी: एडीजी
गुप्तवार्ता शाखा के एडीजी संजय पिल्ले का कहना है कि पुलिस तो हर साल विभिन्न् संगठनों की जानकारी अपडेट करती है। इससे वर्तमान पदाधिकारियों का पता चल जाता है और नए संगठन बने हों, तो उनके बारे में भी जानकारी मिल जाती है। यह पुलिस की सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है।