ईश्वर दुबे
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रायपुर । राजधानी रायपुर में बीती रात भीषण आग से लगने से दो मासूम बच्चियों और एक युवक की मौत हो गई। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक आगजनी की घटना कोतवाली थाना क्षेत्र में हुई। दोनों बच्चियों की उम्र तीन साल और पांच साल है। पुलिस ने बताया कि आग लगने की घटना रात करीब चार बजे हुई। आग लगने के कारणों के बारे में अभी खुलासा नहीं हुआ है। कोतवाली थाना पुलिस घटना की जांच में लगी हुई है।
दीवार गिरने से तीन लोग दबे
वहीं अन्य हादसे में दीवार गिरने से तीन लोग गंभीर घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि रायपुर के राम नगर इलाके में दीवार गिरने से तीन लोग मलबे में दब गए। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने सवर्ण आरक्षण लागू करने के लिए समिति का गठन कर दिया है। केंद्र सरकार ने संविधान के 103 वें संशोधन के जरिये शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश तथा सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है। इस मामले में विपक्ष लंबे समय से प्रदेश में सवर्ण आरक्षण लागू करने की मांग कर रहा है।
राज्य सरकार ने सवर्णों को दस फीसद आरक्षण देने समेत वर्ष 2011 की जनसंख्या के आधार पर राज्य में प्रचलित आरक्षण प्रतिशत को संशोधित करने और अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसद आरक्षण का प्रावधान और परीक्षण करने के लिए समिति बनाई है। जीएडी के प्रमुख सचिव इस समिति के सदस्य सचिव हैं। उनके साथ ही सचिव विधि, राजस्व, आदिम जाति तथा सचिव समाज कल्याण को सदस्य नियुक्त किया गया है।
रायपुर। लोकसभा चुनाव से ऐन पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने शराबबंदी के अध्ययन के लिए तीन कमेटियों का गठन किया है। रायपुर ग्रामीण के वरिष्ठ कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा की अध्यक्षता में राजनीतिक समिति का गठन किया गया है। इस समिति में भाजपा के दो, बसपा के एक, जकांछ के एक और कांग्रेस के आठ विधायक सदस्य होंगे।
इसके अलावा सचिव वाणिज्यकर (आबकारी) के संयोजन में सामाजिक संगठनों और विशेषज्ञों की दो और कमेटियां बनाई गई हैं। शराबबंदी वाले राज्यों में शराबबंदी के बाद आए आर्थिक, सामाजिक, व्यावहारिक परिवर्तनों के अध्ययन के लिए गठित विशेषज्ञों के अध्ययन दल में देश के कई जाने माने विशेषज्ञों, सामाजिक और नशामुक्ति कार्यकर्ताओं, डॉक्टरों आदि को शामिल किया गया है।
शुक्रवार को मंत्रालय में दिनभर इसकी कवायद चलती रही। आबकारी मंत्री कवासी लखमा पहले पहुंचे, बाद में मुख्यमंत्री भी मंत्रालय गए। इससे पहले लखमा ने वाणिज्यकर सचिव कमलप्रीत सिंह और अन्य अफसरों से चर्चा की। लखमा खुद फोन पर समाज प्रमुखों से बात कर नाम तय करते रहे। शराबबंदी छत्तीसगढ़ मंे एक बड़ा मुद्दा है। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में शराबबंदी का वादा किया था।
राजनांदगांव । छत्तीसगढ़ में पुलिस ने राजनांदगांव जिले में बड़ी तादाद में नक्सलियों का डंप सामान बरामद किया है। मिली जानकारी के मुताबिक आत्मसमर्पित नक्सली कुमारसाय और पहाड़ सिंह की निशानदेही पर भावे जंगल से 500-500 लीटर के सिंटेक्स टैंक में छुपाकर रखे गए 10 किलो के 7 कूकर, पांच किलो के आठ कूकर, 15 किलो का स्टील डिब्बा, वॉकी टॉकी, रिकॉर्डर, रिमोट बनाने का किट, बैटरी, इलेक्ट्रिक वायर, नक्सली वर्दी, सिविल कपडा़, राशन के समान सहित बडी़ संख्या में सामान बरामद किया है।
डीआईजी रतनलाल डांगी ने सर्चिंग पर निकले जवानों को बधाई देते हुए इसे नक्सली मोर्चे पर बड़ी कामयाबी बताया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में नक्सल गतिविधियों को देखते हुए आगे भी गहन सर्चिंग अभियान चलाया जाएगा।
रायपुर. जिला खनिज मद (डीएफएम) की राशि सही कार्यों पर खर्च नही हुई. डीएमएफ का पैसा आम लोगो के हित में होना चाहिए. लोगों के जीवन में सुधार नहीं ला पाएंगे तो सब बेकार है. यह बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डीएमएफ के प्रभावी क्रियान्वयन विषय पर आयोजित परिचर्चा में कहते हुए प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी को डीएमएफ के पैसे के इस्तेमाल को लेकर अध्ययन कराने कहा.
डीएफएम के बेजा इस्तेमाल को लेकर लगातार आ रही खबरों के बीच सर्किट हाउस में माइनिंग लीज होल्डर. एनजीओ और खनिज विभाग के आला अधिकारियों की उपस्थिति में आयोजित परिचर्चा में सीएम ने कहा कि डीएमएफ के बारे के बहुत चर्चा होती रही है. विभिन्न वर्गों द्वारा लगातार इसकी आलोचना भी की गई, सदन में भी इसकी चर्चा हुई. हमें ये ही नहीं पता कि किसके लिए क्या करना है. अलग-अलग जिलों में सारे राशि खर्च कर दी गई. आपने गाइडलाइन तो बना दी और गाइडलाइन को साइड कर दिया, एजेंड़ों पर काम नहीं किया.

सीएम ने कहा कि आदिवासी इलाकों में बड़ी बिल्डिंग, स्विमिंग पूल आपने बना दी, इसके बजाय यदि वहां के बच्चों को नौकायन सीखा देते, इसके लिए ट्रेनर ले आते. अगर ऐसा होता तो बच्चे छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करते. यहां के लोगों से ज्यादा निशानेबाज कोई नहीं हो सकता, लेकिन आप उन लोगों को मौका तो दो. बिल्डिंग बना देने से आपको संतुष्टि मिल सकती है. आपके लिए यह उपलब्धि हो सकती है, लेकिन लोगों के जीवन स्तर को उठाने का थोड़ा भी काम करेंगे, तो लोग आपका नाम लेंगे. लेकिन यह काम नहीं हुआ.
अपने सही काम नहीं किया तो आने वाली पीढ़ी आपको माफ नहीं करेगी. पानी की व्यवस्था हो, इलाज की व्यवस्था हो, अगर ऐसा नहीं हुआ तो आने वाला समय काफी गंभीर होगा. लोगों को कैसे रोजगार दिलाएं इसका प्रयास नहीं हो रहा है. इस सब चीजों को अधिकारी सोचते क्यो नहीं. अगर आपको काम नहीं करना है तो जो प्रभावित लोग हैं उसे पैसा नगद बांट दें. वो अपनी व्यवस्था कर लेंगे. बेसिक जानकारी हमारे पास होनी चाहिए. जानकारी नहीं होगी तो कुछ नहीं कर पाएंगे.
परिचर्चा में मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि फंड को 15 साल में अनदेखा किया गया, इसको सुधारने का काम हमारी सरकार कर रही है. पिछली सरकार ने डीएमएफ के पैसे का जमकर बंदरबांट किया. स्कूलों के लिए, अस्पतालों के लिए इस मद का उपयोग हो. सबको मिलकर काम करना होगा तभी जनता को फायदा होगा. इस अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल ने विजन डाक्यूमेंट का विमोचन किया. कार्यक्रम में मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, मुख्य सचिव सुनील कुजूर, माइनिंग लीज होल्डर्स, एनजीओ और विभाग से जुड़े आला अधिकारी मौजूद रहे.
रायपुर. छत्तीसगढ़ पंचायत ननि शिक्षक संघ ने सीएम भूपेश बघेल द्वारा 4 % मंहगाई भत्ता बढ़ाने पर आभार जताते हुए कहा कि साथ ही 3 % मंहगाई भत्ता भी जारी किया जाना चाहिए, जिससे केंद्र के समान मंहगाई भत्ता मिल सके.
छत्तीसगढ़ पंचायत ननि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि कल ही 8 मार्च को सभी 27 जिलों में प्रांतीय निर्णय अनुसार विभिन्न मांगों का ज्ञापन सौंपा गया था, जिस पर आज 4 % मंहगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश निश्चित रूप से सरकार की ओर से सकारात्मक पहल है. साथ ही राजपत्र का प्रकाशन भी किया गया. जिसमें मुख्यमंत्री और शिक्षा सचिव व CM के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी जी के विशेष प्रयास से जारी राजपत्र में एल बी शब्द को पदनाम के आगे से हटाने का निर्णय लिया गया. उन्होंने कहा कि अब सरकार जनघोषणा पत्र में उल्लेखित संविलियन, क्रमोन्नति, वेतन विसंगति, पेंशन, अनुकम्पा नियुक्ति जैसे मांगों पर जल्द निर्णय लें.
बता दें कि छग की कांग्रेस सरकार ने पुलिस जवानों और कर्मचारियों को अब तक की सबसे बड़ी सौगात देते हुए पुलिस जवानों को हफ्ते में एक छुट्टी देने की घोषणा की है, वहीं सरकारी कर्मचारियों का डीए भी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 9 प्रतिशत कर दिया है. कर्मचारियों का डीए पहले 5 प्रतिशत था, जो अब 9 परसेंट किया गया है. ये आदेश एक मार्च से लागू कर दिया गया है. इसका लाभ एक अप्रैल के वेतन में शामिल होगा.
रायपुर- पुलिस जवानों और कर्मचारियों को बड़ी सौगात देने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि घोषणापत्र में जो वादे किए थे, उसे पूरा कर दिया. हमने जो कहा, सो किया. बघेल ने ट्वीट कर बताया कि छत्तीसगढ़ के पुलिस जवानों को अब साप्ताहिक अवकाश मिलेगा. साथ ही साथ सरकारी कर्मचारियों एवं पेंशनरों का डीए भी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 9 प्रतिशत कर दिया गया है. इसका लाभ एक अप्रैल के वेतन में शामिल होगा.
रायपुर. लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने अपनी मंशा साफ कर दी है। इस बार पार्टी नए चेहरों पर ही दांव लगाएगी। दिल्ली में हुई कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की शुक्रवार को हुई बैठक के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि प्रदेश की सीटों पर इस बार युवाओं और महिलाओं को तरजीह मिलेगी।
बैठक में प्रदेश की सभी 11 लोकसभा सीटों को लेकर चर्चा की गई। चर्चा में प्रत्याशियों के नाम तय करने और चुनाव की रणनीति बनाने पर फोकस किया गया। चुनाव में नए चेहरों को मैदान में उतारने की रणनीति पर कांग्रेस काम कर सकती है। इस आशय पर बैठक में चर्चा की गई है। स्क्रिनिंग कमेटी की बैठक के बाद दिल्ली में मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि बैठक में सभी सीटो पर चर्चा हुई है।
पीसीसी अध्यक्ष बघेल ने कहा कि इस बार युवाओं, महिलाओ और आदिवासी, जनरल सभी को प्रतिनिधित्व देने पर बात की गई। इसके लिए कार्यकर्ताओं से फीडबैक भी लिए गए हैं। हालंकि चुनाव मैदान में इस बार ज्यादातर नए चहेरे होंगे। महिलाओं को भी तरजीह दी गई है। लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर आलाकमान से चर्चा के लिए छत्तीसगढ़ कांग्रेस के बड़े नेता व पदाधिकारी दिल्ली गए हुए हैं।
दिल्ली में गुरुवार को कांग्रेस की चुनाव समिति और फिर शुक्रवार को स्क्रिनिंग कमेटी की बैठक हुई। इसमें ही चुनाव की रणनीति व प्रत्याशियों के नामों को लेकर चर्चा की गई। पिछले तीन बार के लोकसभा चुनावों को देखें तो प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति खराब रही है। तीनों चुनावों में प्रदेश की 11 में से 10 सीटों पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। विधानसभा चुनावों में भी सत्ता पर पिछले 15 सालों से काबिज भाजपा को पटखनी देकर कांग्रेस ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की है। ऐसे में अब कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में भी अच्छे परिणाम की उम्मीद है।
रायपुर। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट में एक खास व्यवस्था शुक्रवार को देखने मिली। इस अवसर पर पूरे एयरपोर्ट में अलग-अलग सेक्शन में महिलाओं को ड्यूटी पर तैनात किया गया था। सुरक्षा से लेकर विमान परिचान और यातायात से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां महिला अधिकारी-कर्मचारियों के द्वारा ही संभाली गई। कुल मिलाकार पूरे एयरपोर्ट की कमान महिलाओं के हाथों में ही नजर आई।
इसी के साथ एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने रायपुर एयरपोर्ट में तैनात महिला अधिकारियों-कर्मचारियों की तस्वीर ट्विटर पर भी जारी कर उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। इस ट्विट में लिखा है- एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया लैंगिक पूर्वाग्रह से मुक्त कार्यशील वातावरण बनाने के लिए प्रतिबद्घ है।
रायपुर- आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है. पूरे देश में महिलाओं के जज्बे व हौसले को सलाम किया जा रहा है. प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, मंत्री टीएस सिंहदेव, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष व भाजपा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने नारी शक्ति को बधाई दी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा कि नारी शक्ति के दृढ़ संकल्प और समर्पण को प्रणाम एवं समस्त महिलाओं को अनंत शुभकामनाएं दी. विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने नारी ममता का सम्मान हो तुम, नारी संस्कारों की जान हो तुम, स्नेह प्यार और त्याग की नारी एकलौती पहचान हो तुम. आप सभी को विश्व महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. वहीं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी महिला दिवस पर बधाई दी.
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने आँगन से अंतरिक्ष व रसोई से देश की रक्षा तक नारीशक्ति हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना कर नित नए कीर्तिमान रच रहीं हैं. आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर मैं देश की हर उस नारी को सलाम करता हूं, जो अपनी कड़ी मेहनत व लगन से सभी के लिए एक उदाहरण. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने बधाई देते हुए कहा कि कोमल है तू कमज़ोर नहीं, शक्ति का नाम ही नारी है. जग को जीवन देने वाली, मौत भी तुझसे हारी है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर समस्त मातृशक्तियों को आदरपूर्वक नमन.
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नारी शक्ति के दृढ़ संकल्प और समर्पण को प्रणाम एवं समस्त महिलाओं को अनंत शुभकामनाएं।#InternationalWomensDaypic.twitter.com/Sn5RjDnogP
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) March 8, 2019
The question shouldn’t be who can let you, the question should be who can stop you.#HappyWomensDay2019#InternationalWomensDaypic.twitter.com/SE5oVSJili
— TS Singh Deo (@TS_SinghDeo) March 8, 2019
नारी ममता का सम्मान हो तुम, नारी संस्कारों की जान हो तुम, स्नेह; प्यार और त्याग की नारी इकलौती पहचान हो तुम।
आप सभी को विश्व महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनायेंpic.twitter.com/vCcPCwMtJI
— Dr.Charan Das Mahant (@DrCharandas) March 8, 2019
आँगन से अंतरिक्ष व रसोई से देश की रक्षा तक नारीशक्ति हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना कर नित नए कीर्तिमान रच रहीं हैं। आज #InternationalWomensDay के उपलक्ष्य पर मैं देश की हर उस नारी को सलाम करता हूँ, जो अपनी कड़ी मेहनत व लगन से सभी के लिए एक उदाहरण बन चुकी हैं। #HappyWomensDay2019pic.twitter.com/fHRGr1KB2S
— Dr Raman Singh (@drramansingh) March 8, 2019
कोमल है तू कमज़ोर नहीं, शक्ति का नाम ही नारी है.
जग को जीवन देने वाली, मौत भी तुझसे हारी है.#InternationalWomensDay के अवसर पर समस्त मातृशक्तियों को आदरपूर्वक नमन.pic.twitter.com/ilFGk0Gfry— Dharamlal Kaushik (@dharam_kaushik) March 8, 2019
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी सरकार पर वाराणसी के सौंदर्यीकरण की परियोजना को समय से शुरू कराने में सहयोग नहीं देने का शुक्रवार को आरोप लगाया। प्रधानमंत्री ने काशी विश्वनाथ मंदिर संपर्क मार्ग का शिलान्यास करने के बाद जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि पहले तीन सालों में प्रदेश सरकार ने हमें सहयोग नहीं किया। वाराणसी में विकास की परियोजनाएं तभी शुरू हुई जब प्रदेश की जनता ने योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाया। अगर पिछली सरकार से सहयोग मिला होता तो हम इन परियोजनाओं को पहले शुरू कर सकते थे।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले 70 साल के दौरान किसी ने भी बाबा विश्वनाथ के बारे में नहीं सोचा। सब ने अपनी-अपनी चिंता की। मगर काशी की फिक्र नहीं की। मोदी ने कहा कि उन्हें काशी विश्वनाथ के लिए निर्माण कार्य शुरू करने पर बेहद खुशी है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से मेरा सपना था कि इस स्थान के लिए कुछ काम करूं। जब मैं राजनीति में नहीं था तब अक्सर यहां आया करता था और सोचता था कि यहां कुछ न कुछ होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि भोले बाबा ने तय किया होगा, बातें बहुत करते हो। यहां आओ कुछ करके दिखाओ।
वाराणसी के सौंदर्यीकरण के बारे में मोदी ने कहा कि यह काशी विश्वनाथ विश्वनाथ धाम की मुक्ति की परियोजना है जो पहले अतिक्रमण से घिरा हुआ था। उन्होंने कहा, ‘ऐसा पहली बार हुआ है जब हमने काशी विश्वनाथ धाम के आसपास की इमारतों का अधिग्रहण किया और अतिक्रमण को हटाया, जिसके बाद 40 प्राचीन मंदिर सामने आए। उनमें से अनेक पर अतिक्रमण कर लिया गया था और लोगों ने अपनी रसोई घर बना लिए थे।’ प्रधानमंत्री ने इस परियोजना में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना करते हुए कहा कि मैंने अनेक सरकारी कर्मचारियों को देखा है, क्योंकि मैं लंबे समय तक मुख्यमंत्री भी रहा लेकिन मैं गर्व के साथ कहना चाहता हूं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा यहां जिन अधिकारियों की टीम को काम सौंपा गया वह भक्ति और सेवा भाव से काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि लोगों को अपनी संपत्ति देने के लिए मनाना और इसे राजनीतिक रंग ना लेने देना एक बहुत बड़ा काम था। मैं काशी के लोगों को भी धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने अपनी संपत्ति बाबा विश्वनाथ को दे दी। यह उनका सबसे बड़ा दान है। मोदी ने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर को शत्रुओं ने निशाना बनाया था और इसे नष्ट करने की कोशिश की थी लेकिन लोगों की आस्था के कारण इसमें पुनर्जन्म लिया। जब महात्मा गांधी यहां आए थे तो उन्होंने इस स्थान की दुर्दशा पर दुख जताया था। उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में दिए गए अपने संबोधन में अपने इन विचारों को व्यक्त किया था। प्रधानमंत्री ने विश्वविद्यालय को सुझाव दिया कि वह इस संपूर्ण परियोजना को एक केस स्टडी बनाकर उस पर शोध करें ताकि जब यह परियोजना पूरी हो तो पूरी दुनिया इसके बारे में जाने।
मोदी ने कहा कि हम खुदाई में अतिक्रमण हटाने के दौरान मिले 40 प्राचीन मंदिरों के इतिहास के बारे में पता लगाने की भी कोशिश करेंगे और सरकार इन मंदिरों का पूरा ख्याल रखेगी। यह परियोजना मंदिरों के संरक्षण कार्य का मॉडल होगा, जिसमें प्राचीन आस्था और आधुनिक तकनीक का संयोजन होगा इससे काशी को एक नई पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘यह काम मेरे ही नसीब में लिखा था। वर्ष 2014 में जब मैं यहां आया था तो कहा था कि मैं यहां आया नहीं बल्कि लाया गया हूं। हो सकता है कि भोले बाबा ने मुझे यहां बुलाया हो।’ इसके पूर्व प्रधानमंत्री ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन किए।
हर हर महादेव!
आज बाबा भोलेनाथ के आशीर्वाद से श्री काशी विश्वनाथ धाम के शिलान्यास का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। pic.twitter.com/0PoYpKYqA8
— Narendra Modi (@narendramodi) March 8, 2019
रायपुर। राजधानी रायपुर के उरला थाना क्षेत्र के बिरगांव, संतोषीपारा में एक हृदय विदारक घटना सामने आई है। कर्ज से परेशान एक परिवार के तीनों सदस्य मंगलवार की आधी रात खुदकुशी करने के लिए फांसी के फंदे पर झूल गए। सौभाग्य से जवान बेटे की जान इसलिए बच गई कि फंदा बड़ा होने से उसका पैर जमीन पर छू गया, जबकि दंपती की मौत हो गई। उसी ने घटना की जानकारी उरला पुलिस को दी। पुलिस ने दंपती के शव को फांसी के फंदे से उतारकर आंबेडकर अस्पताल भेजा। दोपहर में पोस्टमार्टम उपरांत शव परिजनों को सौंप दिया गया। इस घटना से बिरगांव में सनसनी फैल गई है। परिवार में मातम का माहौल है।
उरला पुलिस के मुताबिक संतोषीपारा निवासी मोहन लाल साहू (45) और राधा साहू (35) अपने 18 साल के बेटे सेवकराम साहू के साथ रहते थे। मोहन लाल ने पिछले साल नमकीन पैक करने वाली मशीन लगाने के लिए 4 लाख रुपये का लोन बैंक से लिया था। इसके अलावा स्थानीय परिचित लोगों से भी लाखों का कर्ज ले रखा था। मशीन लगाने के बाद भी कारोबार नहीं चला। कमाई कम होने से पूरा परिवार आर्थिक तंगी के दौर से गुजरने लगा। ऊपर से बैंक समेत करीब 10 लाख से ज्यादा का कर्ज होने से लेनदार परेशान करने लगे थे। रोज-रोज के तगादे से साहू परिवार परेशान था।
खाना खाने के बाद लिया आत्मघाती फैसला
पुलिस का कहना है कि मंगलवार की रात में खाना खाने के बाद मोहन लाल साहू ने अपनी पत्नी राधा साहू और बेटे सेवकराम के साथ बातचीत कर एक साथ फांसी लगाकर जान देने का फैसला लिया। दंपती के साथ बेटे ने भी गले में नायलोन रस्सी का फंदा बांधा। बेटे का फंदा बड़ा होने से उसका पैर जमीन पर छू गया जिससे उसकी जान बच गई। दंपती की फंदे में लटकते ही दम घुटने से मौत हो गई। माता-पिता की लाश देख घबराए बेटे ने पुलिस को घटना की सूचना दी। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया।
बिलासपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट में गुरुवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान बड़ी टिप्पणी की। मामले में फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश ने कहा कि शादी करने से इंकार करना आत्महत्या के लिए बाध्य करना नहीं माना जा सकता। यदि शादी से इंकार करने पर कोई लड़की या लड़का आत्महत्या करता है, तो दूसरे पक्ष पर कोई मुकदमा नहीं हो सकता। ऐसे मामलों में यदि लड़की या लड़का आत्महत्या करते हैं, तो यह भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत दंडनीय अपराध का मामला नहीं माना जा सकता।
छत्तीसगढ़ के उच्च न्यायालय ने माना कि विवाह से इनकार केवल आत्महत्या के लिए उकसाने का कारण नहीं माना जा सकता। हाईकोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी दी गई। जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल ने दो वर्ष पूर्व हुई एक घटना से जुड़े मामले में यह फैसला दिया।
दरअसल दो वर्ष पूर्व धमतरी जिले के कोहका कोलियारी गांव की रहने वाली कुसुमलता नामकी युवती की शादी की बात मानसिंह नामक युवक से चल रही थी। इसी बीच लड़के वाले लड़की के घर उसे देखने आए। बाद में किन्हीं कारणों से लड़के वालों ने शादी के बाद इंकार कर दिया। इस बात से आहत होकर युवती ने आत्महत्या कर ली थी।
रायपुर। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आदिवासियों के खिलाफ दर्ज मामलों को लेकर राज्य सरकार ने एक बेहद अहम कदम उठाया है. सरकार ने आदिवासियों के खिलाफ दर्ज मामलों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. 6 सदस्यों वाली इस उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस एके पटनायक को बनाया गया है. सेवानिवृत्त जस्टिस पटनायक के नेतृत्व में कमेटी सभी मामलों की जांच करेगी और समीक्षा करेगी कि आदिवासियों के खिलाफ दर्ज मामले वास्तव में सही है या फिर फर्जी तरीके से दर्ज किया गया है. गौरतलब है कि कांग्रेस ने चुनाव में भी आदिवासियों के खिलाफ दर्ज मामलों को अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किया था.
इस कमेटी में जस्टिस पटनायक के अलावा महाअधिवक्ता/ अतिरिक्त महाअधिवक्ता, उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ सदस्य होंगे. इनके साथ ही गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, सचिव आदिम जाति अनुसूचित जाति विकास विभाग, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) छत्तीसगढ़, आयुक्त बस्तर संभाग जगदलपुर होंगे. गृह विभाग के अपर सचिव इस कमेटी में सदस्य सचिव होंगे.
आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस पिछली सरकार पर नक्सल मामलों को लेकर सवाल उठाते रही है. मानवाधिकार आयोग के सदस्य भी बस्तर में आदिवासियों के खिलाफ फर्जी कार्रवाई पर लगातार सरकार से जवाब तलब करते रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में आदिवासियों को नक्सली बताकर प्रताड़ित करने के कई मामलों में तत्कालीन सरकार को मुंह की खानी पड़ी और ऐसे मामलों को लेकर कोर्ट ने कई बार राज्य सरकार को लताड़ चुकी है.
आप नेता सोनी सोरी भी उन्हीं में से एक है. पुलिस ने सोनी सोरी और उनके रिश्तेदारों को नक्सली बताते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की थी. सोनी सोरी पेशे से बस्तर के एक स्कूल में शिक्षिका थी. सोनी सोरी तब चर्चा में आई थीं जब अक्टूबर 2011 में वे पुलिस प्रताड़ना का शिकार हुईं. हिरासत में लिए जाने के एक हफ्ते के भीतर ही सोरी ने ये इल्ज़ाम लगाया था कि पुलिस हिरासत में उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया और उनके गुप्तांगों में पत्थर डाले गए. कोलकाता के एक अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने सुप्रीम कोर्ट को एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें सोरी के जननांगों में बाहरी चीजें पाई गईं थी. बाद में सोनी सोरी के खिलाफ पुलिस कोई भी आरोप साबित नहीं कर पाई और कोर्ट ने उन्हें नक्सल आरोपों से बरी कर दिया था.
सत्रह साल की एक आदिवासी लड़की मारिया (बदला हुआ नाम) पर साल 2008 में नक्सलियों के साथ एक गांव पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. पुलिस आदिवासी लड़की के खिलाफ अदालत में कोई सबूत या गवाह नहीं पेश कर सकी. अदालत ने उसे बरी कर दिया. हालांकि उसे लगातार सात साल तक जेल में बंद रहना पड़ा.
सोनी सोरी, मारिया के अलावा बड़ी संख्या में ऐसे आदिवासियों जेलों में बंद हैं. पुलिस ने उन्हें नक्सली बताकर जेल में डाल दिया था लेकिन बताया जा रहा है कि इस तरह के 90 प्रतिशत मामलों में कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर दिया.