ईश्वर दुबे
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Bhilai
दंतेवाड़ा. आरक्षक बनने 10 सालों से इंतजार कर रहे नक्सल मोर्चो पर तैनात 42 सहायक आरक्षकों को नए साल में प्रमोशन मिला है। इनके उत्कृष्ट कार्य पर इन्हें सहायक आरक्षक से आरक्षक पद पर नियुक्ति दी गई है। नक्सलियों के खिलाफ लोहा लेने इन जवानों की भूमिका भी सबसे अहम रही है। अब तक ये केवल एक निश्चित मानदेय पर काम कर रहे थे। अब इन्हें तमाम सुविधाओं का फायदा मिलेगा।
इन जवानों व इनके परिजन का करीब 10 साल का इंतजार खत्म हो गया। एसपी डाॅ. अभिषेक पल्लव नए साल के पहले दिन इन्हें बैच लगाकर नियुक्ति देंगे व साल 2019 से अब ये आरक्षक के रूप में काम करेंगे। इस नियुक्ति पर जवानों में खुशी है। एसपी डाॅ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि सहायक आरक्षक रहते इन जवानों ने उत्कृष्ट कार्य किया है। 42 सहायक आरक्षकों को आरक्षक के पद पर नियुक्ति के आदेश जारी हुए हैं। इसके अलावा नक्सलियों के खिलाफ सफल ऑपरेशन चलाने व उत्कृष्ट कार्य करने वाले जवानों व अफसरों को भी इसके पहले आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिला है। नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाने में डीआरजी के जवानों की सबसे बड़ी भूमिका होती है। हर छोटे-बड़े ऑपरेशन में पूरी जांबाजी के साथ ये जवान नक्सलियों से लोहा लेते हैं। आउट ऑफ टर्न प्रमोशन में सबसे ज्यादा फायदा इन जवानों को ही मिला है। हाल के ढाई सालों में दंतेवाड़ा में बड़े एनकाउंटर्स हुए हैं। इसमें सबसे बड़ी भूमिका डीआरजी के जवानों व अफसरों की रही। बताया जा रहा है 10 से ज्यादा जांबाज जवानों व अफसरों के नाम पुलिस मुख्यालय भेजे गए हैं। जिन्हें प्रमोशन की मुहर लगनी अभी बाकी है।
अकलतरा . ग्राम झलमला स्थित शासकीय प्राइमरी स्कूल टांडपारा में पदस्थ शिक्षक गजाधर सिंह मरकाम को शराब पीकर स्कूल आने और आए दिन अनुपस्थित रहने की शिकायत शाला प्रबंधन एवं विकास समिति समेत अभिभावकों ने कलेक्टर व डीईओ से की थी।
शिकायत मिलने पर डीईओ ने मामले की जांच कराई थी, जिसमें जांच टीम ने शिकायत सही पाई थी। जिस पर शिक्षक गजाधर सिंह मरकाम को शासकीय प्राथमिक शाला झिरिया अटैच कर दिया था। अटैच के बाद टांडपारा स्कूल में दो शिक्षक होने और पहली से पांचवीं तक 94 विद्यार्थी होने से पढ़ाई प्रभावित हो रही थी।
ऐसे में शाला प्रबंधन एवं विकास समिति ने कलेक्टर एवं डीईओ से अधिकारी एक शिक्षक की मांग की थी। जिस पर अकलतरा बीईओ सीके धृतलहरे द्वारा शिक्षक गजाधर सिंह मरकाम को टांडपारा में पुन: पदभार ग्रहण करने आदेश जारी कर दिया। शुक्रवार की सुबह शिक्षक गजाधर सिंह जब चार्ज लेने स्कूल पहुंचे तो छात्र-छात्राएं आक्रोशित हो गए।
शाला प्रबंधन एवं विकास समिति ने पहले इसका विरोध किया। इसके बाद स्कूल पहुंचे छात्र-छात्राएं भी मुख्य गेट के सामने जमीन पर बैठ गए और धरना शुरू कर दिया। शाला प्रबंधन एवं विकास समिति के अध्यक्ष राजेश नायक एवं उपाध्यक्ष भारती नायक ने बताया कि शाला में पूर्व में पदस्थ शिक्षक गजाधर सिंह मरकाम को शिकायत के आधार पर हटाया गया था।
फिर से उसी शिक्षक की यहां पोस्टिंग कर दी गई। यह गलत है, इसी का विरोध किया गया। आदेश में सुधार नहीं हुआ तो आगे स्कूल का संचालन नहीं होने देंगे।
रंगदारी की शिकायतों से गिरती पुलिस की साख बचाने की कवायद
क्राइम ब्रांच में भष्टाचार बढ़ने से डीजीपी अवस्थी ने दिया निर्देश
बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जिले में क्राइम ब्रांच का गठन नहीं किया गया था।
अफसरों-जवानों में से कुछ जिलों में लौटाए गए कुछ को लाइन में भेज दिया गया है
रायपुर . प्रदेश के 24 जिलों में क्राइम ब्रांच और स्पेशल इंटेलिजेंस सेल (एसआईयू) को भंग कर दिया गया है। स्वतंत्र ईकाई रूप में काम करने वाली इन दोनों शाखाओं को भंग करने का आदेश शुक्रवार को डीजीपी डीएम अवस्थी ने जारी किया। क्राइम ब्रांच और एसआईयू में काम कर रहे कुछ कर्मियों की सेवाएं जिलों में लौटा दी गई हैं कुछ तो लाइन में भेज दिया गया है।
आदेश के बाद पुलिस महकमे में खलबली है। चर्चा है कि क्राइम ब्रांच के अधिकांश अफसर वसूली, रंगदारी और कुछ अफसरों का मातहत बनकर काम करने में लगे थे। इससे पुलिस की साख लगातार गिर रही थी, जिसे बचाने के लिए यह कार्रवाई की गई है। रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग के अलावा क्राइम ब्रांच राज्य के करीब हर जिले में काम कर रही थी। बस्तर में केवल बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जिले को छोड़कर बाकी जिलों में क्राइम ब्रांच का गठन किया गया था।
अपराध नियंत्रण के लिए हुआ था क्राइम ब्रांच का गठन, वो झूठा फंसाने की धमकी देने लगे
अपराध नियंत्रण के लिए इसका गठन जिले में किया जाता था। टीम में 70 से 80 कर्मी होते थे। क्राइम ब्रांच के लिए शासन स्तर पर कोई अलग से नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया था। रेंज के आईजी और पुलिस अधीक्षक सुविधानुसार टीम बनाते थे। थानों से कर्मी चुनकर अटैच किए जाते थे।
कई जगह क्राइम ब्रांच ने वसूली शुरू कर दी थी। झूठे आरोप में फंसाकर जेल भेजने की धमकी भी दी जाती थी। अफसर ट्रांसफर होने पर साथ में चहेतों को भी ले जाते थे और क्राइम ब्रांच में पदस्थ करते थे, जो एजेंट के रूप में काम काम करते थे।
एसआईयू ने जमीन विवादे सुलझाने के बजाय की ब्लैकमेलिंग, सेटलमेंट का दबाव बनाया
एसआईयू | थानों में जमीन से जुड़े विवादों की शिकायतें सालों जांच के नाम पर लटकी रहती थीं, इस वजह से एसअाईयू का गठन किया गया था। लेकिन एसआईयू में जमीन के खास मामलों में जांच के बदले सेटलमेंट किए जाने की शिकायतें लगातार सामने आ रहीं थीं।
एसआईयू में मामला आते ही सैटलमेंट करने के लिए मजबूर किया जाता था। कई शिकायतें में लोगों ने परिवार के सदस्यों को भी परेशान करने और ब्लैकमेल करने की बात कही। सौदेबाजी करने पर ही छोड़ा जाता था।
अब सभी मामलों की जांच थानास्तर पर ही होगी
24 घंटे के अंदर सभी आईजी और एसपी को कंप्लायंस रिपोर्ट देनी होगी। अब सभी मामलों की जांच थाने के स्तर पर ही करवाई जाएगी। इसके लिए जरूरी पड़ने पर थानों में ही अलग-अलग विंग बनाकर उनके स्तर पर काम का बंटवारा किया जाएगा। - डीएम अवस्थी, डीजीपी
सीएम भूपेश बघेल ने नियुक्ति के लिए उच्च शिक्षा विभाग को जारी किया निर्देश
सीजीपीएससी के माध्यम से होगी भर्ती, क्रीडा अधिकारियों के 61 पद हैं रिक्त
रायपुर. प्रदेश के विभिन्न शासकीय महाविद्यालयों में लंबे समय से खाली पड़े 1384 पदों को भरा जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को उच्च शिक्षा विभाग को निर्देश जारी कर दिए हैं। जिसमें जल्द से जल्द रिक्त पदों पर नियुक्ति की बात कही गई है। यह सारी भर्तियां छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के माध्यम से होंगी।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री बघेल को बताया गया कि विभिन्न महाविद्यालयों में क्रीड़ा अधिकारियों के भी 61 पद रिक्त हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने इन पदों को भी आयोग के माध्यम से सहायक प्राध्यापकों के साथ ही भरने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों के पद लंबे समय से रिक्त हैं। इन पदों पर भर्ती हो जाने से एक तरफ युवाओं को रोजगार मिलेगा, साथ ही छात्र-छात्राओं को महाविद्यालय में संकायवार सहायक प्राध्यापक उपलब्ध होंगे।
रायपुर. प्रदेश के नए डीजीपी दुर्गेश माधव अवस्थी के निर्देश पर सबसे पहले आईजी दीपांशु काबरा ने पांच जिलों में क्राइम ब्रांच और विशेष अपराध अनुसंधन सेल को भंग कर दिया है। प्रदेश के बाकी जिलों में भी क्राइम ब्रांच और विशेष अपराध अनुसंधन सेल को भंग करने की कार्रवाई जल्द होगी।
क्राइम ब्रांच में भ्रष्टाचार बढ़ने पर डीजीपी ने दिया निर्देश
आईजी दीपांशु काबरा ने शनिवार को रायपुर, बालौदाबाजार, महासमुंद, गरियाबंद और धमतरी में क्राइम ब्रांच को भंग कर दिया है। दीपांशु काबरा के अंडर में ये पांच जिले ही आते हैं।
क्राइम ब्रांच के पुलिसकर्मियों को भेजा जाएगा पुलिस लाइन
अब क्राइम ब्रांच में काम करने वाले पुलिसकर्मियों को पुलिस लाइन भेज दिया जाएगा। इसके बाद इन्हें थानों में पदस्थ किया जाएगा। क्राइम ब्रांच और विशेष अपराध अनुसंधन सेल को भंग करने के पीछे डीजीपी का तर्क है कि यहां भ्रष्टाचार बढ़ गया था। अपराध के अलावा जमीन के मामले में भी ये देखते थे। छोटे-छोटे मामलों में भी आम आदमी को परेशान किया जाता था।
प्रदेश में सीआईडी को करेंगे मजबूत
डीजीपी प्रदेश में सीआईडी को मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं। अब इसमें तेज-तर्रार लोग काम करेंगे जो बड़े से बड़े अपराधों का खुलासा जल्द से जल्द करेंगे।
शहर के बीच कॉलोनी में हाथियों के घुसने के बाद मौके पर पहुंची वन विभाग और पुलिस की टीम
एसईसीएल मानिकपुर कॉलोनी की नर्सरी में पहुंची मादा हाथी अपने बच्चों के साथ
वन विभाग की टीम पहुंची, हाथियों के दल को बाहर निकालने की मशक्कत जारी
काेरबा. जंगल से भटक कर पहली बार शहर में हाथियों का दल अंदर घुस आया है। एसईसीएल की मानिकपुरी कॉलोनी की नर्सरी में मादा हाथी अपने तीन बच्चों के साथ मंगलवार रात आ धमकी है। इसके चलते लोगों में दहशत है। सूचना मिलने पर बुधवार सुबह वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची है। वहां अभी भी हाथियों को बाहर जंगल की ओर निकालने की मशक्कत जारी है।
ट्रैफिक कंट्रोल को पुलिस से मांगी गई सहायता
जानकारी के मुताबिक, शहर में पहली बार जंगली हाथियों का दल घुसा है। नाटीखार जंगल होते हुए सोमवार त दादर खुर्द बस्ती पहुंचा, वहां से मंगलवार त एसईसीएल की मानिकपुर कॉलोनी ,पुरानी पोखरी के पास घूमता रहा। इसके बाद सुबह बीच शहर गर्ल्स कॉलेज के पीछे, हेलीपैड के पास झाड़ियों में हाथी डेरा डाले हुए हैं।
दरअसल एक मादा हाथी और एक शावक रात 9 बजे कॉलोनी के भीतर देखे गए थे। पुरानी देसी शराब भट्टी के आगे बाजार के पास से कॉलोनी जाने वाले मार्ग पर हाथियों को देखे जाने से स्थानीय लोगों में दहशत है। रात को ही लोग घरों से बाहर निकल आए और वन विभाग को सूचना दी।
हाथियों के कॉलोनी में घुसने के बाद लोगों में दहशत का माहौल, सड़क पर निकले।
इसके बाद से ही वन विभाग की टीम, पुलिस और एसईसीएल का सुरक्षा अमला रात से ही चौकसी बरत रहे हैं। साथ ही लोगों को सतर्क रहने की भी हिदायत दी गई है। सुबह हेलीपैड से घंटाघर तक लोगो का मजमा लगा रहा। बताया जा रहा कि हाथी जशपुर की ओर से झुंड से बिछड़ के पहुंचे हैं। मौके पर कोरबा डीएफओ एस वेंकटाचलम भी पहुंच गए हैं।
चार जंगली हाथियों के शहर के बीचों-बीच होने से वन विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन की भी नींद उड़ गई है। हाथियों के इस दल को शहर से वापस जंगल में खदेड़ने के लिए वन विभाग की ओर से पुलिस की भी सहायता ली जा रही है। वहीं शहर की ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए भी सहायता मांगी है, ताकि सुरक्षित तरीके से बगैर जनहानि के हाथियों को जंगल में खदेड़ा जा सके।
अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष बोले-उद्योगपतियों के गुलाम, किसानों के लिए पैसे नहीं
किसानों की कर्जमाफी, टाटा से अधिगृहित जमीन लौटाने पर प्रदेश सरकार की तारीफ की
रायपुर. अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण भाई तोगड़िया ने केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार माल्या और नीरव मोदी जैसे उद्योगपतियों की है। मुठ्ठीभर उद्योगपतियों के गुलाम बन गए हैं। किसानों के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं। वहीं तोगड़िया ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार की तारीफ की।
बनाएंगे राजनीतिक दल, लोकसभा में सभी सीटों पर लड़ेगी चुनाव
दो दिवसीय प्रदेश दौरे पर रायपुर आए परिषद के अध्यक्ष तोगड़िया ने बुधवार को किसानों के कर्ज माफी और समर्थन मूल्य 2500 रुपए दिए जाने पर प्रदेश सरकार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय किसान परिषद के नेतृत्व में भाजपा सरकार के समय जगदलपुर से रायपुर तक 300 किमी की पदयात्रा का नतीजा है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने टाटा को लोहंडीगुडा में किसानों की अधिग्रहित जमीन वापस देने का फैसला लिया।
उन्होंने कहा कि टाटा के 18 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट में किसान को सिर्फ 40 करोड़ दिए गए थे। भाजपा के शासन में किसानों से लूट थी। गुजरात में टाटा को नैनो कार का प्लांट लगाने जमीन और 20 हजार करोड़ आधे प्रतिशत में ब्याज पर भाजपा सरकार ने कर्ज दिया था। छत्तीसगढ़ कि तरह गुजरात में भी नैनो के लिए अधिग्रहित जमीन वापस किसान को दी जानी चाहिए।
तोगड़िया ने कहा कि किसानों की जमीन उद्योगों के लिए अधिग्रहण के विरोध में 28 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। किसानों की गेंहू और धान का देश भर में 2500 रुपए समर्थन मूल्य लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने कुछ उद्योगपतियों का 2.41 हजार करोड़ रुपए कर्ज माफ किया गया।
बैंक को 4 लाख रुपए करोड़ दिए गए, लेकिन किसान के लिए पैसा नहीं है। मुट्ठी भर उद्योगपति के गुलाम बन गए हैं। वालमार्ट को अनुमति देकर छोटे व्यापारी को नुकसान कर रहे हैं। जनवरी के आखिरी और फरवरी के पहले सप्ताह राजनीतिक पार्टी का ऐलान करूंगा जो सभी लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ेगी।
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के सांसद पुत्र अभिषेक सिंह के पनामा पेपर्स मामले सहित पूर्ववर्ती सरकार में हुए 'भ्रष्टाचार के सभी मामलों' की जांच कराई जाएगी और इस संदर्भ में बहुत जल्द आधिकारिक निर्णय लिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बस्तर क्षेत्र से सुरक्षाबलों की वापसी अभी नहीं होगी। सभी से बातचीत के बाद इसपर फैसला लिया जाएगा।
रायपुर-अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया के छत्तीसगढ़ प्रवास के कार्यक्रम में आंशिक परिवर्तन किया गया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के छत्तीसगढ़ के प्रभारी सचिव डॉ चंदन यादव अब 24 दिसंबर सोमवार को शाम 7 बजे दिल्ली से रायपुर पहुंचेंगे. पीएल पुनिया 26 दिसंबर बुधवार को दोपहर 2.50 बजे रायपुर से दिल्ली के लिये रवाना होंगे.
रायपुर। दिल्ली से मंत्रियों के नाम तय होने के बाद प्रदेश में मंत्रिमंडल गठन की तैयारी तेज हो गई है. 25 दिसंबर को प्रातः 11 बजे नया मंत्री मंडल शपथ लेगा. इसे लेकर राजभवन द्वारा तैयारियां शुरु कर दी गई है. इसी दिन राज्यपाल मध्यप्रदेश में भी मंत्रियों को शपथ दिलाएंगी.इससे पहले 17 दिसंबर को सीएम भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उनके साथ ही भूपेश के छोटे कैबिनेट ने भी शपथ ली थी. जिसमें टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू को मंत्रीपद की शपथ दिलाई गई थी.
आपको बता दें कि संभावित मंत्रियों की सूची लेकर सीएम भूपेश बघेल, मंत्री टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से लंबी चर्चा हुई थी. इस चर्चा में वरिष्ठ और अनुभवी नामों पर सहमति बनी जिसके बाद कल देर रात सीएम भूपेश बघेल अपने साथियों के साथ दिल्ली से वापस रायपुर लौटे थे.
रायपुर. किसानों की ऋण माफी को लेकर भूपेश बघेल के मंत्रिमंडल के प्रस्ताव पारित करने के साथ ही प्रक्रिया शुरू हो गई है. शासन ने धान खरीदी के दौरान ऋण माफी योजना के पात्र किसानों से अल्पकालीन कृषि ऋण की लिकिंग के जरिए वसूली पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है.
सहकारिता विभाग की सचिव रीता शांडिल्य की ओर से शनिवार को सहकारी संस्थाएं पंजीयक और छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध संचालक को जारी किए गए पत्र में राज्य शासन की ओर से राज्य ग्रामीण बैंक और सहकारी बैंक व प्राथमिक कृषि साख समितियों की ओर से वितरित और 30 नवंबर 2018 तक बकाया अल्पकालीन कृषि ऋण माफ करने के निर्णय की जानकारी देते हुए अल्पकालीन ऋण वसूली नहीं करने निर्देशित किया है.
(ईश्वर दुबे) प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल के शपथ ग्रहण लेते ही प्रदेश की बागडोर उनके हाथों में है। भूपेश बघेल की पहचान एक तेज तर्रार नेता के रुप में है परंतु उनके व्यक्तित्व के कुछ अनछुये पहलू हैं जो बहुत ही कम लोगों को मालूम है। माननीय भूपेश बघेल को आध्यात्म में गहरी आस्था है तथा वे इस क्षेत्र में उच्च कोटि के साधक भी हैं भूपेश की धर्मपत्नी भी आध्यात्मिक एवं पूजा पाठ में रुचि रखती हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बूघेल को ऊर्जावान नेता के रुप में ख्याति मिली हुई है अब प्रदेश की जनता के विकास हेतु उनकी ऊर्जा का सदुपयोग होगा यह जनता के लिए बेहद शुभ संकेत है। प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल के निवास में धर्ममय वातावरण रहता है तथा वे अपने ईष्टदेव माता भुवनेश्वरी (दुर्गा) के परम भक्त भी हैं। नवरात्रि में निवास में ही ज्योत की स्थापना प्रतिवर्ष की जाती है तथा उनके पूरे परिवार में धर्ममय वातावरण है। भूपेश बघेल के आध्यात्मिक गुरु के रुप में भिलाई-3 सिरसागेट के गायत्री दुर्गा मंदिर के पुजारी स्वर्गारुढ स्व.कैलाशचंद्र तिवारी का उनके निवास में आना जाना लगा रहता था। उक्त समय मैं भी उनके शिष्य के रुप में पूजा पाठ का ज्ञान अर्जित कर रहा था। उनकी भविष्यवाणी भी मुझे अब एकाएक याद आती है जब भूपेश बघेल पाटन से चुनाव में विजय बघेल से हार गए थे। उनका कथन था कि एक कार्यकाल हार जाने के बाद भूपेश का राजयोग जागृत होगा और वे सत्ता के शीर्ष स्थान पर विराजमान होंगे। फिर वे कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष बनें तथा वर्तमान में तमाम झंझावातों को पार करके सत्ता के शीर्ष पर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रुप में विराजमान हैं। माता भुवनेश्वरी की भक्ति के प्रसाद के रुप में उन्हे शीर्ष पर की प्राप्ति हुई है जिसकी भविष्यवाणी पूर्व से ही कर दी गई थी,यही कारण है कि भूपेश बघेल के सामने कोई टिक नहीं पाये, भाजपा को 15 सीट में सीमित करते हुए इस ऊर्जावान नेता नें प्रदेश में इतिहास रच दिया। गृह ग्राम भिलाई-3 और पाटन विधानसभा क्षेत्र का हर बाशिन्दा आज गौरवान्वित है कि हमारे गृहग्राम का कोई व्यक्ति सत्ता के शीर्ष पद पर आसीन है जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की थी। भूपेश बघेल की सबसे बड़ी पहचान उनकी स्पष्टवादिता एवं सहृदयता है, प्रदेश भर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जान फूंककर उनमें ऊर्जा का संचार करने में भूपेश की महती भूमिका रही है। उनकी ऊर्जा के केंद्र बिंदु के रुप में उनकी आध्यात्म के क्षेत्र में गहरी रुचि है। दुर्गा सप्तशती के पाठ में गहरी आस्था रखने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की दिनचर्या में पूजा पाठ शामिल है। प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के पश्चात यदि वे रायपुर मुख्यमंत्री निवास में रहते हैं तो निसंदेह मुख्यमंत्री निवास रायपुर में भी उनकी आध्यात्मिक साधना का क्रम जारी रहेगा। गुरुदेव कैलाशचंद्र तिवारी के शिष्य के रुप में भूपेश बघेल ने सर्वत्र अपने माता पिता गुरुजनों का नाम रोशन किया है। अपने पिता को मुख्यमंत्री बनने के वचन को उन्होनें पूरा किया। राजनीति में ऊंची सोच रखने वाले प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के संघर्षों की गाथा किसी से छुपी नहीं है। उनका विशाल व्यक्तित्व है कि वे तमाम झंझावातों के बीच भी कदापि विचलित नहीं हुए। उनके जैसे जीवट व्यक्तित्व नें हमेशा ही संघर्ष करने की परंपरा को आत्मसात किया है। भिलाई-3 की जनता उनके संघर्षों की कहानी बयाँ करती है। चाहे वह भिलाई-3 सोमनी में राखड़ बांध का मामला हो या अन्य समस्या उन्होनें सदैव छत्तीसगढसासियों के लिए सड़क की लडाई लड़ी है। मुख्यमंत्री के रुप में उनके शपथ ग्रहण के पश्चात छत्तीसगढ सहित खासकर भिलाई-3 एवं पाटन क्षेत्र की जनता में अपने लाडले नेता के लिए सर्वत्र खुशियाँ मनाई गई। प्रदेश में खुशियों के संचार करने के लिए मुखिया भूपेश बघेल के लिए बुजुर्गों ने आशीर्वाद दिए और युवाओं ने उनके कंधा से कंधा मिलाकर कार्य करने का संकल्प लिया। प्रदेश के विकास के लिए उनकी ऊर्जा निश्चित ही नये सोपान तय करेगी एैसी आशा प्रदेश के हर नागरिक को है। ( लेखक- इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स के प्रदेश अध्यक्ष हैं)
छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीटों के चुनाव परिणाम साफ हो चुके हैं । इस बार राज्य में जहां भाजपा ने अपना जनाधार खोया तो वहीं कांग्रेस ने 68 सीटों के साथ जीत का विजय पताका फहराया। कांग्रेस की इस ऐतिहासिक जीत ने 15 साल से चल रहे रमन सिंह के शासन का अंत कर दिया है। भाजपा की झोली में महज 15, बीएसपी को 2 और जनता कांग्रेस को 5 सीटों में संतोष करना पड़ा। चुनाव रुझानों में भाजपा की हार देखने के बाद मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को अपना इस्तीफा सौंप दिया और उन्होंने कहा कि वह भाजपा के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी स्वीकार करते हैं। उन्होंने रायपुर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम (पार्टी) बैठेंगे और आत्ममंथन करेंगे।’’