छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ (17642)

बेमेतरा। साजा तहसीलदार के शासकीय खाते से अज्ञात आरोपित ने 960700 का आहरण किए जाने की शिकायत सामने आया है। तहसीलदार साजा ने थाने में शिकायत दर्ज करवाई है। तहसीलदार की रिपोर्ट पर थाना साजा में अज्ञात आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी के अनुसार उक्त राशि चेक से आहरण किए जाने की बात कही जा रही है। चेक कोलकाता में लगाने की बात भी साजा थाना द्वारा कही जा रही है।

हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि इस तरह के फर्जीवाड़े को अंजाम किसने दिया है। वहीं इधर जो चेक क्रमांक तहसीलदार साजा को बैंक द्वारा आवंटित किया गया है उसी चेक नंबर से राशि की आहरण होने की बात कही जा रही है। जिस चेक से भुगतान किया जाना बैंक बता रही है वह चेक आज भी तहसीलदार साजा के पास सुरक्षित रखा हुआ है।

राशि दो चेक लगाकर आहरित किया गया है। फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब तहसीलदार साजा ने बैंक से भुगतान लेने के लिए चेक लगाया गया। तब खाते में राशि नहीं होने की जानकारी दी गई। राशि नहीं होने की बात के बाद जब स्टेटमेंट बैंक से निकाला गया। तब इसकी भनक मिल पाई।

रायपुर. राजधानी के पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय का 24वां दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया है. यह समारोह पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडोटोरियम में आयोजित हुआ है. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छात्रों को उनकी डिग्री दे रहे हैं.

वहीं दोपहर 3 बजे से कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर का दीक्षांत समारोह शुरू होगा. जिसमें राज्यपाल के साथ उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, रायपुर ग्रामीण के विधायक शसत्यनारायण शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी और महापौर नगर पालिक निगम रायपुर प्रमोद दुबे भी कार्यक्रम में शामिल होंगे.

रायपुर। एसीबी और ईओडब्ल्यू के प्रमुख रहे IPS अधिकारी मुकेश गुप्ता की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. भाजपा विधायक ननकी राम कंवर के बाद अब पूर्व विधायक और भाजपा सरकार में वित्त आयोग के अध्यक्ष रहे वीरेन्द्र पाण्डेय ने गुप्ता के खिलाफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से शिकायत की है. उन्होंने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि मुकेश गुप्ता अभियुक्तों को बचाने, गवाहों पर दबाव डालने व सरकारी दस्तावेजों को नष्ट कर निर्दोषों को झूठे मामलों में फंसाते थे और उनका साथ एसपी रजनेश सिंह दिया करते थे. उन्होंने सीएम से की गई शिकायत में जांच की मांग की है.

 

पाण्डेय ने अपनी शिकायत में कई मामलों का जिक्र किया. उन्होने शिकायत में कहा है कि ईओडब्ल्यू में अपराध क्रमांक 53/2014 प्रथम इत्तिला पुस्तक में पृष्ठ क्रमांक 30, 31, 32, एवं 33 में दर्ज किया है. इसी तरह अपराध क्रमांक 54/2014 प्रथम इत्तिला पुस्तक के पृष्ठ क्रमांक 34, 35, 36 एवं 37 में दर्ज किया गया है. अपराध क्रमांक 55/2014 प्रथम इत्तिला पुस्तक के पृष्ठ क्रमांक 38, 39, 40 एवं 41 में दर्ज की गई है. अपराध क्रमांक 57/2014 प्रथम इत्तिला पुस्तक के पृष्ठ क्रमांक 42, 43, 44 एवं 45 में लेख किया गया है. उन्होंने लिखा है कि महत्वपूर्ण यह है कि अपराध क्रमांक 56/ 2014 को प्रथम इत्तिला पुस्तक के पृष्ठ क्रमांक 42, 43, 44, 45 में लेख किया जाना चाहिए था. किन्तु पूर्व में उसे अवैध रुप से विजय सिंह ठाकुर, गोविंद राम देवांगन, अबरार बेग, बीडीएस नरबरिया आदि से जिनके पास से करोड़ों रुपये संपत्ति जब्त किया गया था. उनके विरुद्ध कंप्यूटर से फर्जी एफआईआर दर्ज की गई (प्रथम इत्तिला पुस्तक की जगह) जब इन लोगों से रिश्वत प्राप्त हो गई तो वह कंप्यूटर की सादे कागज की फर्जी एफआईआर फाड़कर सादे कागज में फर्जी एफआईआर आलोक अग्रवाल के विरुद्ध कंप्यूटर से दर्ज की गई. यह ईओडब्ल्यू के कम्प्यूटर की एफएसएल की जांच से प्रमाणित हो जाएगा.

वीरेन्द्र पाण्डेय ने अपनी शिकायत में लिखा है कि दोनों अधिकारियों को तत्कालीन सरकार से राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था. वर्ष 2015 में ईओडब्ल्यू में संघारित प्रथम इत्तिला पुस्तक क्रमांक 1 से शुरु होनी चाहिए पूर्व में पृष्ठ क्रमांक 1 से 5 में एक झूठा मुकदमा मुकेश गुप्ता एवं रजनेश सिंंह ने कायम करवाया. कथित अभियुक्त से रिश्वत प्राप्त कर एफआईआर बुक को फाड़ दिया गया और दिनांक 1 जनवरी 2015 को अपराध क्रमांक 1/2015 प्रथम इत्तिला पुस्तक के पृष्ठ क्रमांक 6, 7, 8, 9 एवं 10. अपराध क्रमांक 2/15 प्रथम इत्तिला पुस्तक के पृष्ठ क्रमांक 12, 13, 14 एवं 15. अपराध क्रमांक 3/2015 प्रथम इत्तिला पुस्तक क्रमांक 16, 17 एवं 18. अपराध क्रमांक 4/2015 इत्तिला पुस्तक क्रमांक 19, 20, 21 एवं 22. अपराध क्रमांक 6/2015 प्रथम इत्तिला पुस्तक क्रमांक 23, 24, 25.

वहीं अपराध क्रमांक 5/2015 प्रथम इत्तिला पुस्तक में दर्ज नहीं है. इसे कंप्यूटर में सादे कागज में दर्ज किया गया है. आलोक अग्रवाल से रिश्वत की मांग की गई जिसे उसने देने से इंकार कर दिया साथ ही अबरार बेग, गोविन्द राय, विजय सिंह ठाकुर, गोविन्द राम देवांगन, बीडीएस नरबरिया जिनके पास पास से करोड़ों रुपये बरामद हुए, रिश्वत प्राप्त कर कंप्यूटर में लेख की गई प्रथम सूचना पत्र को फाड़कर फेंक दिया गया और बाद में पुनः कम्प्यूटर से अपराध क्रमांक 5/2015 की एफआईआर सादे कागज में दर्ज किया गया.

वीरेन्द्र पाण्डेय ने सभी मामलों के दस्तावेजों को सौंपते हुए लिखा है कि इन दस्तावेजों से यह स्पष्ट हो जाएगा कि मुकेश गुप्ता एवं रजनेश सिंह ने अधीनस्थ कर्मचारियों को डरा धमकाकर ईओडब्ल्यू थाने में संधारित प्रथम इत्तिला पुस्तिका में प्रथम सूचना दर्ज नहीं करायी. कूटरचित दस्तावेज तैयार कराये, यह जानते हुए कि वे कूटरचित हैं.

रायपुर. अंतागढ़ टेप कांड में एफआईआर दर्ज होने के बाद जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के सुप्रीमो अजीत जोगी के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ का मोदी कहे जाने पर पलटवार करते हुए कहा कि मुझमें और मोदी में कोई समानता नहीं है, बल्कि जोगी और मोदी में बहुत समानता है. दोनों का न केवल सरनेम मिलता है, बल्कि दोनों लच्छेदार भाषण करते हैं, दोनों की बात में सच्चाई नहींं होती. दोनों के पास अमित हैं, जो हत्या के मामले में 10 महीने तक निरुद्ध रहे हैं.

 

उत्तरप्रदेश, बिहार और दिल्ली की यात्रा कर छत्तीसगढ़ लौटे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा में कहा है कि उनकी उत्तर प्रदेश और बिहार की यात्रा सार्थक रही है. तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत का असर पूरे देश में है. उन्होंने कहा कि पूरा देश राहुल गांधी को मोदी के विकल्प के रुप में देख रही है.

अंतागढ़ टेप कांड के मामले में कहा कि जो एसआईटी का गठन हुआ है, उसके बाद कोई अधिक आवेदन देता है, तो अगर ऐसा ही उपयुक्त मानेगी तो उसे जांच में शामिल कर लेगी. वहीं सीडी कांड की जांच दूसरे प्रदेश में कराए जाने की भाजपा प्रदेश प्रभारी डॉ. अनिल जैन की मांग पर उन्होंने कहा कि अनिल जैन को कुछ समझ नहीं है. जो उनको बोला गया वह बोल दिया. जब जांच प्रक्रिया पूरी हो गई, कोर्ट में पेश हो गया, लोगों ने जमानत ले ली तो बचा क्या है. क्या उनको न्यायालय व्यवस्था में विश्वास नहीं है. जो मामला न्यायालय में हो उसे स्थानांतरित करने का सवाल ही पैदा नहीं होता.

बीजेपी संवैेधानिक संस्थाओं को कमजोर करने में लगी

कोलकाता में सीबीआई को लेकर सीएम ममता बैनर्जी के धरना दिए जाने पर भूपेश बघेल ने कहा कि बीजेपी लगातार संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने में लगी है, और सीबीआई के जितना नीचे गिरा सकते थे, गिरा चुके हैं. उसकी विश्वसनीयता अब समाप्त हो चुकी है. अब उसका दुरुपयोग किस प्रकार से कर रहे हैं वह कल पश्चिम बंगाल में दिखाई दी. जिस प्रकार से आईबी हो, सीबीआई हो, सीवीसी हो, सब का दुरुपयोग हो रहा है. वह पूरा देश देख रहा है. बदले की भावना से केंद्र सरकार कार्रवाई कर रही है. जहां तक सीबीआई चीफ का यह कहना छत्तीसगढ़ सरकार से बात की जाएगी, मुझे इसकी जानकारी नहीं है. लेकिन मैं बताना चाहूंगा कि बीजेपी की सरकार ने 2012 में ही गजट नोटिफिकेशन किया था. भारत सरकार के पास पत्र भेजा था वह दूर था, उसे हमने पूरा करने के लिए पत्र लिखा है तो पहले वह अपने आका से पूछ ले.

रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी दफ्तर में पत्रकार को पीटने की घटना की निंदा करते हुए कहा कि उनका अब प्रजातंत्र में विश्वास नहीं रहा. बीजेपी अब अपनी हार की खीझ पत्रकारों पर निकाल रही है. उन्होंंने कहा कि ये बेदह गंभीर मामला है. यदि इस तरह से किया जाएगा तो प्रजातंत्र के चौथे स्थान पर हमला माना जाएगा. वैसे भी हम लोग पत्रकार सुरक्षा कानून लाने वाले हैंं. ये जो  घटनाएं हुई हैं उसे लगता है कि और जल्द तेजी से करना पड़ेगा.

 भूपेश बघेल ने राजीव अग्रवाल को जमानत मिलने पर बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा उनका फूलमाला से स्वागत किए जाने पर कहा कि पत्रकारों और मीडिया हाऊस को इस घटना से समझ जाना चाहिए कि जो पत्रकारों को पीटेगा, बीजेपी उसे सम्मानित करेगी. भूपेश बघेल ने कहा कि बीजेपी तानाशाह पार्टी है. उसका असली चेहरा अब सामने आ चुका है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस दफ्तर में भी कई बार इस तरह की स्थिति बनी है. लेकिन कांग्रेस ने कभी पत्रकारों को नहीं रोका. कार्यकर्ता उलझ जाते हैं. उन्हें मनाया-समझाया जाता है. लेकिन बीजेपी के लोग खुद लड़ रहे हैं और पत्रकारों के साथ मारपीट कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन ने इस पर कार्यवाही की है.

उन्होंने बीजेपी से सवाल पूछा है कि क्या उनका प्रजातंत्र पर विश्वास नहीं है. जिस तरह से संवैधानिक  संस्थाओं को कमजोर कर रहे हैं, उसी तरह से चौथे स्तंभ को भी कमजोर किया जा रहा है. बस्तर में पत्रकारों के साथ क्या इन लोगों ने किया है, अब सरकार में नहीं है तब सारी खीझ पत्रकारों पर निकाल रहे हैं. भूपेश बघेल ने कहा कि बीजेपी के पास मौका है 5 साल में अपनी कमजोरी ढूंढे. लेकिन वे अपना गुस्सा, खीज पत्रकारों पर निकाल रहे हैं , यह बेहद गंभीर मामला है.

राजीव अग्रवाल का स्वागत करने पर जताया आश्चर्य

राजीव अग्रवाल को कार्यकर्ताओं द्वारा माला पहनाकर स्वागत किए जाने पर भूपेश ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि पत्रकारों को और मीडिया हाउस को यह समझ जाना चाहिए कि जो पत्रकारों को पिटेगा भाजपा के लोगे उसका सम्मान किया जाएगा यह तानाशाही प्रवृत्ति के लोग हैं. इनका असली चेहरा सामने आ चुका है.

रायपुर। भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से मारपीट और दुर्व्यवहार के मामले में अपनी मांगों को लेकर पत्रकारों का धरना प्रदर्शन जारी है. प्रेस क्लब के बाहर बड़ी संख्या में पत्रकार धरना पर बैठे हैं. धरना प्रदर्शन को समर्थन देने पूर्व पत्रकार और सरकार के मीडिया सलाहकार रुचिर गर्ग भी पहुंचे. वे भी पत्रकारों के साथ धरने में बैठे और उन्होंने घटना की जमकर भर्त्सना की. उन्होंने मौजूदा दौर में  पत्रकारिता को सबसे ज्यादा चुनौती भरा कैरियर बताया और कहा कि समाज को भी इससे अवगत होना चाहिए.

 

उन्होंने कहा कि पत्रकार पर हमला हुआ रिपोर्टिंग के दौरान, रिपोर्टर को जिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और जिस तरह गुंडागर्दी का सामना करना पड़ा उस पत्रकार को. ये घटनाएं बताती है कि एक रिपोर्टर जब फील्ड में जाता है तो उसे किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. और ये पूरे समाज को जानना चाहिए कि पत्रकारिता दिन ब दिन कितना चुनौती पूर्ण पेशा होता जा रहा है. पत्रकारिता करना कितना कठिन होता जा रहा है वो कल की इस घटना से पता लगता है.

रुचिर गर्ग ने भाजपा कार्यालय में हुई घटना को लेकर कहा कि कल वो शायद सबसे सुरक्षित जगह में गया था. जहां हर तरह की सुरक्षा थी. जहां रिपोर्टिंग के लिए जाते हुए उसे यह नहीं लगा होगा कि उसे किसी तरह के हमले का सामना करना पड़ सकता है लेकिन वहां उसको एक ऐसी घटना का सामना करना पड़ा. जो इस बात को भी बता रही है कि समाज का एक तबका राजनीतिज्ञों का एक हिस्सा किस तरह से असहिष्णु होता जा रहा है. वो नहीं चाहता कि पत्रकार वहां आए और वहां का सच समाज को दिखाए. तो इन तमाम परिस्थितियों में जिस तरह से चुनौतियों का सामना हमारे पत्रकार साथी कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि मैं यहां पर अपनी ओर से एकजुटता दिखाने के लिए आया हूं. मैं चूंकि सरकार का एक हिस्सा भी हूं तो यह बताने भी आया हूं कि सरकार पत्रकारों की सुरक्षा के लिए बेहद चिंतित है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ से बाहर थे लेकिन वो इस पूरी घटना से अवगत थे. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश भी दिया कि पत्रकारों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए. जो भी आवश्यक कार्रवाई हो उसे किया जाए. साथ ही उन्होंने कल ट्वीट कर के यह भी कहा है, उन्होंने पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराया है. और यह कहा है कि उनकी सरकार पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है.

रुचिर गर्ग ने कहा कि हमें यह उम्मीद है ये सरकार एक ठोस पत्रकार सुरक्षा कानून लेकर आएगी. उन्होंने रायपुर प्रेस क्लब को शहर की ताकत बताते हुए कहा कि रायपुर प्रेस क्लब या उसके किसी सदस्य या किसी पत्रकार के साथ ऐसी  कोई घटना होती है वो किसी तरह के हमले का शिकार होता है तो पूरा शहर उसके साथ है, पत्रकारों के साथ है रायपुर प्रेस क्लब के साथ है. हम यह उम्मीद करते हैं कि आने वाले दिनों में इस तरह की घटनाएं दोहराई ना जाए. यह हम सबके लिए एक सबक भी है.

रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय बजट पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार पहले 2014 में किए गए जुमलें वादों का हिसाब दें. पांच साल में एक वादा पूरा किया नहीं दूसरे जुमला वादों की घोषणा कर दी. सीएम भूपेश बघेल ने ट्विटर पर हमला बोलते हुए लिखा कि 2014 की ‘जुमला-एक्सप्रेस’ के बाद अब 2019 में ‘जुमला-बुलेट-एक्सप्रेस’ की शुरुआत कर दी गई है. भूपेश ने कहा कि देश के हर वर्ग की हवा उड़ी हुई है और मोदी सरकार ‘उरी’ पर अटकी हुई है.

 

उन्होंने केंद्र सरकार से पहले 2014 के किए जुमलों का हिसाब मांगा है. कहा कि हर खाते में आने वाले 15 लाख का क्या हुआ?  छग में कितनी स्मार्ट सिटी बनी? स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू क्यों नहीं हुई? हर साल 2 करोड़ नौकरी का क्या हुआ? नौकरी मांगने वाले नौकरी दे रहें है, -पर कहां? उन्होंने कहा कि अगले 5 साल में 1 लाख डिजिटल विलेज बनायेंगे, लेकिन पिछले 5 साल में कितने स्मार्ट सिटी बनायें? इनका तो पता ही नहीं है.

ये लिखा ट्विट में…

”2014 की ‘जुमला-एक्सप्रेस’ के बाद, 2019 में “जुमला-बुलेट-एक्सप्रेस”!! अगले 5 साल में 1 लाख डिजिटल विलेज बनायेंगे, -पिछले 5 साल में कितने स्मार्ट सिटी बनायें? नौकरी मांगने वाले नौकरी दे रहें है, -पर कहां? (NSSO के अनुसार बेरोजगारी दर पिछले 45 साल में सबसे ज्यादा) ”

”पहले 2014 के जुमलों का हिसाब दो- हर खाते में आने वाले 15 लाख का क्या हुआ? -छग में कितनी स्मार्ट सिटी बनी? -स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू क्यों नहीं हुई? -हर साल 2 करोड़ नौकरी का क्या हुआ? देश के हर वर्ग की हवा उड़ी हुई है और मोदी सरकार ‘उरी’ पर अटकी हुई है.”

रायपुर. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने आज मोदी सरकार के वर्तमान कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया है. केन्द्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि बजट सभी तबके का ख्याल रखा गया है.  फिर चाहे वह स्वच्छ भारत योजना, उज्जवला योजना, मनरेगा, आयुष्यमान भारत योजना हो या फिर आम आदमी को राहत देने टैक्स में 5 लाख तक छूट मिलने को.

 

रमन सिंह ने कहा कि 2 हेक्टयेर वाले किसानों को प्रतिवर्ष 6 हजार रुपये देने की घोषणा से देश के करीब 12 करोड़ किसानों को यह लाभ मिलेगा. राष्ट्रीय कामधेनु योजना के तहत प्रति किसान को 500 रुपए दिया जाएगा. प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को 3 हजार रुपए का प्रतिमाह लाभ मिलेगा. इसमें अनुसूचित जनजाति को छूट दी गई है. उन्होंने कहा कि महंगाई की दर कम की गई है जिससे 10 प्रतिशत से घटाकर 4.5 प्रातिशत किया गया. इस बजट में सभी वर्गों को साथ लेकर चलने से रमन सिंह ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री का धन्यवाद किया है.

कांग्रेस की प्रतिक्रिया पर बोले सीएम

रमन सिंह ने कांग्रेस के प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार ने घोषणा की थी अब वो अपनी वादों को पूरा करें, हमारी केंद्र सरकार ने तो आमजनों के लिए बजट दिया है. किसानों को राशि देने कि कॉन्ग समर्थन मूल्य ने पहले किया था. इनको वित्तीय प्रबंधन करना है. ये उनको सोचना था. वादे इन्होंने किए हैं. कांग्रेस अपने वादों से मुकर गई है. क्या वे अपनी सभी नीतियों को केंद्र पर सरकार ही लाएंगे. आपने घोषणा किया है तो आपको पहले वित्तीय प्रबंधन देखना था. वो चुनाव ही क्यों लड़े फिर.

उन्होंने कहा कि शराबबंदी को लेकर वादे किए थे, लेकिन अब फिर से सब बिचौलियों के हाथों में जा रहा है. छह महीने रुकिये फिर ये गांवों में घुस नहीं पाएंगे. जिन महिलाओं ने इन्हें शराबबंदी के नाम पर वोट दिए हैं वे ही इन्हें डंडे से मारेंगी.

रायपुर। ईओडब्ल्यू ने नान के दफ्तर में छापा मारा है.  मामला नान में हुए 36 हजार घोटाले का. घोटाले की जांच करने आज एसआईटी की टीम ने नान के दफ्तर में दबिश दी है. इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू आईजी एसआरपी कल्लूरी के नेतृत्व में एसआईटी की कर रही है.

 

आपको बता दे कि तत्कालीन रमन सरकार के कार्यकाल में हुए हुए इस घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू की ओर से की जा रही थी. इस मामले में दो आईएएस अफसर सहित 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है. वहीं जब्त डायरी के पन्नों में सीएम मैडम, सीएम सर के नाम आने के बाद सियासत सालों से गरमाई हुई है. आरोप है कि छत्तीसगढ़ में राइस मिलरों से लाखों क्विंटल घटिया चावल लिया गया और इसके बदले करोड़ों रुपये की रिश्वतखोरी की गई. इसी तरह नागरिक आपूर्ति निगम के ट्रांसपोर्टेशन में भी भारी घोटाला किया गया. इस मामले में 27 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज़ किया गया था. जिनमें से 16 के ख़िलाफ़ 15 जून 2015 को अभियोग पत्र पेश किया गया था. वहीं इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से केस दर्ज कर जांच किया जा रहा है.

ईओडब्लू एसपी एलेसेला ने कहा कि जो हमे टास्क नान मामले को लेकर मिला है उसी के तहत नान के ऑफिस पहुचे थे. 2011 से लेकर 2014 के बीच भी जो भ्रस्टाचार हुआ था उसकी जांच चल रही है. कुछ दस्तावेजो मिसिंग है उन्ही को खंगालने की कवायद जारी है. जरूरत पड़ने पर सारे दस्तावेज सीज किये जायेंगे.

आईजी कल्लूरी के नेतृत्तव में एसआईटी की ये टीम कर है नान घोटाले की नए सिरे से जांच
1 एस.आर.पी.कल्लूरी पुलिस महानिरीक्षक, राज्य आर्थिक अपराध SIT अन्वेषण ब्यूरो एवं एंटी करप्शन ब्यूरो छ ग. प्रभारी
2.आई.कल्याण एलेसेला, पुलिस अधीक्षक नारायणपुर
3 मनोज कुमार खिलारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एसीबी,रायपुर
4 उनेजा खातून अंसारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जशपुर
5 विश्वास चंद्राकर, उप पुलिस अधीक्षक, ई.ओ.डब्ल्यू. रायपुर सदस्य
6 अनिल बक्शी, उप पुलिस अधीक्षक, ई.ओ.डब्ल्यू. रायपुर सदस्य
7 एल.एस.कश्यप निरीक्षक, सी.आई.डी.रायपुर
8 बृजेश तिवारी, निरीक्षक, एसीबी,रायपुर
9 रमाकांत साहू, निरीक्षक, एसीबी,रायपुर
10 मोतीलाल पटेल, निरीक्षक, काकेर
11 फरहान कुरैशी, निरीक्षक, ईओडब्ल्यू रायपुर
12 एन.एन. चतुर्वेदी, विधि विशेषज्ञ, सेवानिवृत्त उप संचालक सदस्य

ये हैं वो 11 बिंदू जिसके अधार पर नए सिरे से एसआईटी ने जांच शुरू की है-

  1. प्रकरण में विवेचना जून 2014 से फरवरी, 2015 के बीच की अवधि मात्र की ही की गई है. उसके  पूर्व अवधि को अनुसंधान में शामिल नहीं किया गया है.
  2. शिवशंकर भट्ट से बरामद 113 पन्ने जिसमें अवैध लेनदेन का हिसाब होना बताया गया था. उनमें मात्र 6 पन्ने ही केस रिलेवेंट होने के कारण प्रकरण में संलग्न किए गए हैं. उन 6 पन्नों में वर्ष 2011 से 2013 के बीच की अवधि की जिलेवार करोड़ों की वसूली का वर्णन है. इन्हीं 6 पन्नों को चालन के साथ अभियोजन दस्तावेज के रूप में प्रस्तुत किया गया है. शेष 107 पन्ने कार्यालय में रखे हैं. इन 107 पन्नों में उक्त तथ्यों के संबंध में इस अपराध में विवेचना नहीं की गई है.
  3. केके बारीक के कंप्यूटर से बरामद 127 पन्नों में अवैध लेनेदेन का विवरण होना दर्शाया गया है. उपरोक्त 127 पन्ने कार्यालय में रखे गए हैं. अपराध में इन पन्नों की विवेचना नहीं की गई है.
  4. गिरीश शर्मा के घर में छापेमारी में 1.70 लाख रुपए नगद, अनेक वाहन, दो आवास, शॉपिंग माल तथा एक प्लाट होने की खबर प्रकाशित कराई गई. किंतु इस संबंध में असमानुपातिक संपत्ति अर्जित करने संबंधी विषय पर विवेचना नहीं की गई है.
  5. त्रिनाथ रेड्डी के निवास से जब्त नगदी रकम (42000) एवं संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए गए हैं एवं जब्ती पत्रक अभियोग पत्र में लगाया गया है. किंतु इस प्रकरण में असमानुपातिक संपत्ति अर्जित करने संबंधी विषय पर विवेचना नहीं की गई है.
  6. केके बारिक के निवास के जब्त नगदी रकम (31800) एवं संपत्ति के दस्तावेज जब्त किया जाकर उस जब्ती पत्रक को अभियोग पत्र में लागया गया है, परंतु प्रकरण में असमानुपातिक संपत्ति अर्जित करने संबंधी विषय पर विवेचना नहीं की गई है.
  7. जीतराम यादव के घर से जब्त 36 लाख रुपए के संबंध में प्रमाणित हुआ कि उक्त राशि शिवशंकर भट्ट की है, अतएव इन्हें एसीबी के बैंक अकाउंट की जब्ती की गई है. एव जब्ती पत्रक अभियोग पत्र में संलग्न किया गया है. किन्तु प्रकरण में समानुपातिक संपत्ति अर्जित करने संबंधी विषय पर विवेचना नहीं की गई है.
  8. अरविंद ध्रुव से जब्त दस्तावेज को अभियोजन पत्र में लगाया गया है. प्रकरण में असमानिपातिक संपत्ति अर्जिक करने संबंधी विषय पर विवेचना नहीं की गई है.
  9. गिरीश शर्मा, अरविंद शर्मा, जीतराम यादव, केके बारीक तथा त्रिनाथ रेड्डी से बड़ी धनराशि तथा संपत्तियां बरामद होने के कारण उन्हें आरंभ में अभियुक्त बनाया गया था. माननीय उच्च न्यायालय ने गिरीश शर्मा, अरविंद ध्रुव एवं जीतराम यादव को धारा 319 दप्रसं के अनुसार वर्तमान स्थिति में मुल्जिम के रूप में समंस करने पर रोक लगाई है. विवेचना में इन्हें गवाहों के रूप में प्रस्तुत किया गया है.
  10. भ्रष्ट्राचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 20 अंतगर्त यह उल्लेखित है कि यदि किसी लोकसेवक से भ्रष्ट्राचार की राशि जब्त की जाती हो तो यह उपधारणा की जाएगी कि यह राशि उसने स्वयं के लिए ली है. उस राशि को अन्य किसी व्यक्ति के लिए लेना बताकर वह अपने दायित्व से मुक्त नहीं हो सकता.
  11. गिरीश शर्मा के जब्त कंप्यूटर के प्रिंट आउट, चार पन्ने में अनेक प्रभावशाली व्यक्तियों को रिश्वत की राशि प्राप्त होने का उल्लेख है किन्तु उसकी कोई विवेचना नहीं की गई. न ही गिरीश शर्मा के कंप्यूटर की हार्डडिस्क जब्त की गई.

रायपुर। प्रदेश की नई सरकार ने संपत्तिकर को आधा करने की कवायद शुरू कर दी है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने सभी 13 नगर निगमों, 44 नगर पालिकाओं और 111 नगर पंचायतों से विगत दो वर्षों की राजस्व वसूली की जानकारी मंगाई है।

सरकार यह देखेगी कि संपत्तिकर आधा करने पर निकायों की आय कितनी कम होगी और उसकी भरपाई किस स्रोत से की जा सकेगी? उसके आधार पर आगे निर्णय लिया जाएगा।

कांग्रेस ने अपने घोषणा-पत्र में संपत्तिकर को कम से कम 50 फीसद तक कम करने का वादा किया था। सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने इस पर काम शुरू कर दिया है।

नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी नगरीय निकायों से वित्तीय वर्ष 2017-18 और 2018-19 में संपत्तिकर, समेकित कर, जलकर, दुकान का किराया और अन्य मद से प्राप्त राजस्व की जानकारी मांगी है।

सभी निकायों से रिपोर्ट आने के बाद दो और तीन फरवरी को रायपुर में बैठक रखी गई है, जिसमें एक-एक नगरीय निकाय के राजस्व की समीक्षा होगी।

संपत्तिकर को आधा करने पर नगरीय निकायों के आय काफी प्रभावित होगी, क्योंकि इसी से निकायों को सबसे अधिक राजस्व की प्राप्ति होती है।

रायपुर नगर निगम की ही बात करें, तो राजस्व लगभग 26 करोड़ स्र्पये कम हो जाएगा। इस कारण निकायों के लिए आय के दूसरे स्त्रोत को बढ़ाना जरूरी हो जाएगा। इस पर ही मंथन होगा।

कांग्रेस सरकार ने संपत्तिकर को आधा करने के लिए विभाग को निर्देश दिया है। उस पर काम चल रहा है। दो व तीन फरवरी को नगरीय निकायों की बैठक भी बुलाई गई है, जिस पर चर्चा होगी।

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