ईश्वर दुबे
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Bhilai
भिलाई. प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के पीस ऑडिटोरियम, सेक्टर-7 में अंतरराष्ट्रीय मातृ दिवस बडे ही हर्षोलास के साथ मनाया गया। आज का दिन जगत माता का है। सच्ची त्याग तपस्या से जगत माता बन विश्व कल्याणी बनना है। सभी को आशिर्वाद , दुआंए देते हुए शक्ति स्वरूपा माँ के स्वरूप में स्थित हो कर सभी ने ऐसा वरदान हमें दो माँ तथा धरती पे शिव शक्तियाँ आ गई गीतों पर राजयोग मेडिटेशन का गहन अभ्यास किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में सभा में उपस्थित सभी माताओं पर पुष्पों क ी वर्षा कर कार्यक्रम का आरंभ किया गया।
भिलाई सेवा केन्द्रोंं की निदेशिका ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने कहा कि हमें हद की कामनाओं से परे रह स्नेह और शक्ति द्वारा विश्व परिवर्तन के कार्य को जगत माता बन कर सम्पन्न करना है। हमें सर्व के प्रति रहम की, वरदानी किरणें फैलाना है जैसे सुर्य जितना ऊंचा होता है उसकी किरणें स्वत: ही चारों ओर फैलती है। ऐसे ही हमारा जीवन हो। अभी हमें वाणी से परे रह विश्व के आगे सैम्पल बनना है। हमें इच्छा मात्रम अविद्या के लक्ष्य को पाना है तब ही हम जगत अम्बा बन कर सबको सुख शांति की अंचली दे सकेगें। समय भी हमार सहयोगी होगा। भगवान और देवी देवताओं से भी ऊंची है माँ।
हर सण्डे को चलने वाले डिवाईन ग्रुप के क्लास में बच्चों से सुंदर ग्रीटिंग कार्ड बनवाया गया जिसे वह अपनी माँ को गिफ्ट करेगें और आज उन्हे प्यार से अपने हाथों से निंबू पानी या शरबत देगें। इस अवसर पर बच्चों को माँ के बारे में बताते हुए ब्रह्माकुमारी इंदू ने कहा कि माँ कैसी भी परिस्थिति में चाहे वो बिमार भी क्यों न हो पर हमे पहले निस्वार्थ पालना देती है। माँ जीवन दायानी है जो कि धरती पर पहला भगवान है। जिसे हम इन नैनो से देखते है। माँ का कर्ज हम किसी भी जन्म में नही उतार सकते है। बच्चों को मदर्स डे पर माँ की ममता से जुडे प्रेरणादायी विडियों प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाये गये।
बांग्लादेशी एयरलाइंस को 50 से ज्यादा ई-मेल किया गया फिर भी कोई जवाब नहीं
विमान उड़ान भरने की हालत में फिर भी बांग्लादेश नहीं ले रहा जे जाने में रुचि
रायपुर. ढाका से मस्कट जा रहे बांग्लादेशी एयरलाइंस के विमान की 7 अगस्त 2015 को रायपुर एयरपोर्ट में आपात लैंडिंग कराई गई थी। करीब चार साल बाद भी यह विमान अभी भी रायपुर में ही खड़ा है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय और एयरलाइंस कंपनी को 50 से ज्यादा ई-मेल किए गए, लेकिन कंपनी ने किसी का भी जवाब नहीं दिया।
उड़ान भरने के काबिल है विमान
रायपुर एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इसी हफ्ते फिर से नई चिट्ठी एयरलाइंस के जिम्मेदार लोगों को लिखी है और कहा है कि जब विमान उड़ान भरने के काबिल है तो इसे रायपुर से हटाया क्यों नहीं जा रहा है।
एक इंजन गिर जाने पर कराई थी इमर्जेंसी लैंडिंग
बांग्लादेशी एयरलाइंस के इस विमान से एक इंजन गिर गया था, जिसकी वजह से इसकी इमरजेंसी लैंडिंग 7 अगस्त 2015 को रायपुर एयरपोर्ट में कराई गई थी। बाद में एयरलाइंस ने दूसरा नया इंजन भी लगा दिया और विमान को रनवे पर दौड़ाकर भी देखा गया। सबकुछ ठीक होने के बाद इसे रनवे से काफी दूर खड़ा कर दिया गया है।
पहले रन-वे के करीब था विमान
पहले रनवे के काफी खड़ा होने से कई बार वहां गाड़ियों को आने-जाने में दिक्कत होती थी। इसलिए विमान के ठीक होने के बाद उसे काफी दूर किया गया। बताया जा रहा है कि बांग्लादेशी एयरलाइंस का एक और विमान 14 साल से एक और देश में खड़ा है। इसे भी आपातकालीन लैंडिंग के बाद अभी तक वहां से नहीं हटया गया है।
बालौदाबाजार. घर में शादी कार्यक्रम के बीच एक 6 साल की बालक को गांव के ही युवक ने चॉकलेट दिलाने के नाम पर खेत की ओर ले गया। वहां आरोपी ने अप्राकृतिक कृत्य करने की कोशिश की। बच्चा रोने लगा तो आरोपी ने घबराकर छोड़ दिया। परिजनों को पता चला तो रात 1 बजे के करीब थाने में जाकर मामला दर्ज कराया। पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर आरोपी को खेत की ओर से गिरफ्तार कर लिया।
थाना गिधौरी इलाके के टुंड्रा गांव में रविवार को एक घर में शादी की रस्में हो रही थीं। चूल-माटी का कार्यक्रम था और डीजे बजाकर लोग सेलिब्रेट कर रहे थे। यहीं गांव का ही 6 साल का बच्चा दूसरे बच्चों के साथ डीजे में डांस कर रहा था। इसी दौरान गांव का मंटू उर्फ नरेश पटेल बच्चे को चॉकलेट दिलाने का कहकर खेत की ओर ले गया।
बच्चा आरोपी के चंगुल से छूटकर भागा
यहां उसने अप्राकृतिक कृत्य करने की कोशिश की। बच्चा जोर-जोर से रोने लगा। ये देखकर आरोपी उसे छोड़ दिया। बच्चा वहां से वापस आया। उसे रोता देख दूसरे बच्चे उससे पूछने लगे कि क्या हो गया। इसी दौरान बच्चे का पिता उसे घर ले जाने के लिए खोजते हुए वहां पहुंचे। बच्चे ने उनसे पूरी आपबीती बताई। फिर नाबालिग के पिता उसे लेकर उसी रात करीब 1 बजे थाने पहुंचे।
भागने की फिराक में था आरोपी पकड़ा गया
इधर आरोपी सुबह 4.30 बजे के करीब अपना सामान लेकर भागने के लिए गिधौरी की ओर जा रहा था तभी खेत की ओर से निकलकर भागते हुए पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी मंटू उर्फ नरेश पटेल पिता रामायण प्रसाद पटेल (20 साल) को सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
डीआरजी की तर्ज पर पहली बार दंतेवाड़ा में तैनात होंगी महिला कमांडो
सीआरपीएफ कमांडो दे रही हैं जंगल वॉर की ट्रेनिंग, दो माह बाद लेंगी नक्सलियों से मोर्चा
30 महिला कमांडों की टीम में 7 पूर्व नक्सली भी शामिल, महिला डीएसपी करेंगी नेतृत्व
दंतेवाड़ा. दंतेवाड़ा के नक्सल विरोधी अभियान में पहली बार महिला पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया है। डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड्स) की तर्ज पर 30 महिला पुलिसकर्मियों की टुकड़ी तैयार की गई है। इस टुकड़ी को 'दंतेश्वरी फाइटर्स' का नाम दिया गया है। खास बात यह है कि इस टीम में 7 सरेंडर कर चुकी महिला नक्सली भी हैं। 8 मई को हुए एनकाउंटर में बैकअप पार्टी के तौर पर पहली बार दंतेश्वरी फाइटर्स की 12 महिला कमांडो को शामिल किया गया था।
60 महिला कमांडो ले रही हैं ट्रेनिंग
बस्तर में नक्सल ऑपरेशन के दौरान बस्तर पुलिस के साथ सीआरपीएफ की भी शामिल होती है। दोनों ही आपस में तालमेल स्थापित कर यहां काम कर रही हैं। दंतेवाड़ा को सीआरपीएफ की बस्तरिया महिला बटालियन की कंपनी मिल गई हैं। यहां फोर्स की महिलाएं तैनात होते ही पुलिस ने भी महिलाओं को नक्सल ऑपरेशन की रणनीति का हिस्सा बना दिया है। सीआरपीएफ के बस्तरिया बटालियन की 30 सदस्य और जिला पुलिस बल के 30 दंतेश्वरी फाइटर्स यानि कुल 60 कमांडो मिलकर नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाएंगी।
महत्वपूर्ण बात ये है कि दोनों ही टीम की महिलाएं बस्तर की ही स्थानीय निवासी हैं। दंतेश्वरी फाइटर्स में हथियार डालने वाली कुछ महिला नक्सली भी हैं। सीआरपीएफ की बस्तरिया बटालियन की महिलाएं और दंतेश्वरी फाइटर्स आपस में समन्वय स्थापित कर सघन इलाकों में नक्सल ऑपरेशन पर भी जाएंगी। इन्हें ट्रेनिंग असिस्टेंट कमांडेंट आस्था भारद्वाज व दंतेवाड़ा की डीएसपी दिनेश्वरी नन्द के नेतृत्व में दी जा रही है। पहले से प्रशिक्षित सीआरपीएफ टीम को ट्रेनिंग देने के लिए इसलिए चुना गया है ताकि दंतेश्वरी फाइटर्स को सहज माहौल के साथ अच्छा प्रशिक्षण मिल सके।
9 मई से शुरू हो चुका है महिला कमांडोज का प्रशिक्षण
इस दस्ते को खास ट्रेनिंग सीआरपीएफ की टीम दे रही है। कारली के अलावा कई जगह प्रशिक्षण दिया जाएगा। नक्सल ऑपरेशन के लिए ट्रेनिंग की शुरुआत हो चुकी है। प्रशिक्षण के दौरान बाइक चलाने के साथ महिला कमांडो टीम को निशाना साधने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। वहीं जंगल वॉर के लिए भी इन महिला कमांडो को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। दंतेवाड़ा में डीआरजी की अभी 5 टीमें हैं। नक्सल ऑपरेशन के लिए इन्हीं टीमों को भेजा जाता है। इस टीम में डीआरजी के जवान से लेकर सरेंडर नक्सली भी शामिल हैं। अब छठवीं टीम महिलाओं की होगी।
महिलापुलिस कर्मियों की यह टुकड़ी आईईडी निकालने से लेकर नक्सलियों की धरपकड़ का काम करेंगी। इन्हें क्षेत्र की हर परिस्थितियों से अवगत कराने के बाद ही मैदान में उतारा जाएगा। ताकि नक्सलियों के हर मंसूबे विफल हो सकें। हथियार चलाना सीख चुकी इन महिला पुलिसकर्मियों को बाइक चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। वो इसलिए क्योंकि अमूमन नक्सल ऑपरेशन के लिए गश्त पर जवान पैदल या फिर दोपहिया से ही निकलते हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि नक्सली सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने बम प्लांट किये होते हैं।
अकेले ऑपरेशन पर भी जाएगी टुकड़ी
पुलिस व नक्सलियों के बीच हुई हर बड़ी मुठभेड़ में महिला नक्सली भी शामिल रहती हैं। साल 2017 में बुरगुम में हुए एनकाउंटर में महिला नक्सलियों ने पूरी कमान संभाली हुई थी, हालांकि जवानों ने मुंहतोड़ जवाब देकर 8 लाख की इनामी नक्सली पाले को ढेर किया था। अब नक्सलियों से मुकाबला कर महिला पुलिसकर्मियों की ये टुकड़ी उन्हें धूल चटाएगी। इस टुकड़ी को अकेले नक्सल ऑपरेशन के लिए भेजा जाएगा।
ऑपरेशन में सरेंडर नक्सल दंपती को भी भेजा जाएगा
एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने बताया कि दोनों टीम मिलकर दंतेवाड़ा में नक्सलियों की कमर तोड़ने का काम करेंगी। वहीं डीआरजी की टीम में शामिल सरेंडर नक्सली तो ऑपरेशन में जाते ही हैं, इनके साथ सरेंडर कर चुकी इनकी पत्नियों को भी ऑपरेशन में भेजा जाएगा। यानि हर छोटे बड़े ऑपरेशन में सरेंडर नक्सली पति-पत्नी दोनों को भेजा जाएगा। अब तक ऐसे 7 जोड़ों को इसमें शामिल किया गया है जो एक समय बड़े इनामी नक्सली हुआ करते थे।
माशिमं ने छात्र-छात्राओं को डिप्रेशन से बचाने के लिए जारी किया हेल्पलाइन नंबर
इस बार दसवीं में करीब 3.88 लाख और बारहवीं में 2.62 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे
रायपुर. माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) दसवीं-बारहवीं परीक्षा के नतीजे शुक्रवार को जारी करेगा। बोर्ड परीक्षा में इस बार करीब साढ़े छह लाख परीक्षार्थी शामिल हुए। इसमें से दसवीं में करीब 3.88 लाख और बारहवीं में 2.62 लाख परीक्षार्थी है। नतीजे एक बजे माशिमं के सभाकक्ष में घोषित किए जाएंगे। इसके साथ ही कम नंबर आने पर अंकों को लेकर डिप्रेशन में जाने वाले छात्र-छात्राओं को उससे बचाने के लिए माशिमं ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है।
इस बार कोई मंत्री या विधायक शामिल नहीं होंगे
नतीजे जारी करने से संबंधित कार्यक्रम में इस बार कोई मंत्री या विधायक शामिल नहीं होंगे। आचार संहिता की वजह से वे कार्यक्रम से दूर रहेंगे। स्कूल शिक्षा सचिव और माशिमं के अध्यक्ष गौरव द्विवेदी और माशिमं सचिव वीके गोयल की मौजूदगी में नतीजे जारी होंगे। पिछली बार 9 मई को रिजल्ट जारी हुए थे। तब भी दसवीं और बारहवीं के रिजल्ट एक साथ घोषित किए गए थे।
डिप्रेशन में न जाए स्टूडेंट्स, माशिमं ने की तैयारी
बोर्ड परीक्षा के परिणाम आते ही कुछ छात्र-छात्राओं के चेहरे पर खुशी तो कुछ के चेहरे पर उदासी छा जाती है। कुछ उम्मीद के मुताबिक अंक न मिलने से इतने परेशान हो जाते हैं कि डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। इससे बचने के लिए माशिमं ने स्पेशल हेल्पलाइन नंबर की व्यवस्था की है। पं. रविशंकर विश्वविद्यालय की हेल्पलाइन आज से शुरू कर दी गई है। सुबह 10.30 से शाम 5 बजे तक हेल्पलाइन नंबर 1800-2334363 चालू रहेंगे। हेल्प लाइन नंबर में मनोचिकित्सक कैरियर काउंसिलर और शैक्षिक अभिप्रेरक अपनी सेवाएं देंगे।
जेईई एडवांस्ड में सफल होने वाले छात्र-छात्राएं जून से करा सकेंगे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
आईआईटी भिलाई को भी इस बार बनाया जाएगा जोसा का सेंटर, चल रही तैयारी
भिलाई. ज्वॉइंट एंट्रेंस एक्जाम (जेईई) मेन के दोनों पार्ट रिजल्ट आ गए हैं। अब एडवांस्ड के रिजल्ट आने बाकी है। एडवांस्ड पास करने वाले परीक्षार्थियों को आईआईटी, एनआईटी और आईआईआईटी में प्रवेश के लिए देशभर में काउंसिलिंग सेंटर बनाए गए हैं। इसमें आईआईटी भिलाई को भी सेंटर बनाया जा सकता है। देश के 23 आईआईटी, 31 एनआईटी, आईआईआईटी और सहित अन्य सरकारी-वित्तीय सहायता प्राप्त तकनीकी संस्थानों में सीट का आवंटन ज्वॉइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी (जोसा) के माध्यम से किया जाएगा।
दो राउंड में मॉक सीट होगा आवंटन, बताएंगे प्रक्रिया
सीट आवंटन से पहले 2 राउंड में मॉक सीट आवंटन किया जाएगा। इसमें परीक्षार्थियों को सीट किस प्रकार लॉक करनी है और इसकी क्या प्रक्रिया होती है, इसे बताया जाएगा। इसके बाद जोसा के 7 राउंड की काउंसिलिंग होगी। इसमें परीक्षार्थियों को उनकी योग्यता और पाठ्यक्रमों तथा कॉलेजों की वरीयता के आधार पर सीटें आवंटित की जाएंगी। बताया जा रहा है कि इस बार एडवांस्ड देने वालों की संख्या बढ़ गई है।
कुछ ऐसा है जेईई एडवांस्ड का यह रहेगा शेड्यूल
आईआईटी के लिए होने वाला एडवांस्ड 27 मई को होगा। पेपर-1 सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक चलेगा। वहीं पेपर-2 दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक रहेगा। इससे पहले 20 से 27 मई की सुबह 9 बजे तक विद्यार्थी एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे। आईआईटी रूड़की ने दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसकी तैयारी जोसा की ओर से शुरू हो गई है। वहीं संबंधित सेंटरों को आईआईटी की काउंसिलिंग के लिए जरूरी निर्देश दिए गए हैं।
14 जून तक घोषित होंगे एडवांस्ड के परिणाम
इसके मुताबिक स्टूडेंट्स को रिस्पांस की कॉपी भेजने की तारीख 1 जून शाम 5 बजे तक। आंसर-की 4 जून की सुबह 10 बजे से डिस्प्ले होगी और फीडबैक 4 जून की सुबह 10 से लेकर 5 जून की शाम 5 बजे तक भेजे जा सकते हैं। 14 जून को एडवांस्ड का परिणाम घोषित होगा। परीक्षार्थियों को पहले रजिस्ट्रेशन कराकर सीट लॉक करनी होगी। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जून के दूसरे सप्ताह से ऑनलाइन शुरू हो जाएगी।
जेईई एडवांस्ड का हिंदी ब्रोशर जारी
जेईई एडवांस्ड के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हाे गए है। हिंदी में भी इसका इन्फॉर्मेशन ब्रोशर जारी कर दिया गया है। वेबसाइट पर एफएक्यू जारी किए हैं। एक्सपर्ट ने बताया कि स्टूडेंट्स में अधिक असमंजस कैटेगरी को लेकर बना रहता है। जेईई मेन के दौरान ओबीसी एनसीएल में आवेदन कर दिया था। वे ओबीसी एनसीएल कैटेगरी से नहीं हैं।
शहरों में स्वच्छता बनाए रखने के लिए शासन ने ही जारी की अधिसूचना
अनुमति नहीं लेने पर होगी कार्रवाई, कचरा फैलाने पर देना होगा जुर्माना
रायगढ़. मोहल्ले के सामुदायिक भवन, मैरिज गार्डन व पिकनिक स्पॉट में 100 या अधिक लोगों की पार्टी के लिए आपको नगर निगम से परमिशन लेनी पड़ेगी। ये अनुमति आयोजन के 72 घंटे यानि तीन दिन पहले लेनी होगी। नगर निगम आयुक्त रमेश जायसवाल ने ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन अधिनियम 2016 के तहत यह आदेश जारी कर दिया है। दरअसल, स्वच्छता अभियान के तहत शहरों को स्वच्छ रखने के लिए शासन ने ही यह अधिसूचना जारी की है। जिसके बाद नगर निगम ने फरमान जारी किया है।
गंदगी फैलाई तो दो हजार, दोहराई तो तीन हजार जुर्माना
कमिश्नर के जारी आदेश के मुताबिक, अब शहर में शादी समारोह या किसी समारोह में 100 प्लेट से अधिक खाना बनेगा तो संबंधित कैटरर्स या होटल को निगम से परमिशन लेना पड़ेगा। इससे खुले में कचरा फेंकने पर नियंत्रण होगा। गंदगी पर आयोजन स्थल के संचालक को 2 हजार जुर्माना भरना पड़ेगा। गलती दोहराई तो 3 हजार जुर्माना के साथ कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। इस संबंध में जल्द ही शहर की धर्मशालाओं, होटलों और मैरिज ग्राउंड संचालकों को सूचना दी जाएगी।
आर्थिक दंड का भी है प्रावधान
नगर निगम आयुक्त रमेश जायसवाल ने बताया कि पहले पब्लिक और धर्मशाला, होटल, मैरिज गार्डन व कैटरिंग संचालकों को इस अधिनियम की नियमावली के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके बाद भी अगर नियमावली का उल्लंघन किया जाता है तो संबंधित के खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा। इसमें आयोजक, कैटरर्स और टेंट व्यापारियों पर अलग-अलग जुर्माना लगाया जाएगा।
इसलिए जारी किया ये फरमान
अक्सर यह देखने को मिल रही थी कि शादी समारोह या अन्य किसी बड़े आयोजन में बड़ी मात्रा में वेस्ट खाना इधर-उधर फेंकते हैं। कैंपस का कचरा भी होटल या गॉर्डन किनारे फेंकते थे। बाद में निगम को वह कचरा निगम उठाता है। अब ऐसा नहीं होगा। शासन ने कानून में प्रावधान किया है कि अब कचरा फेंकने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
शासन से निर्देश मिलने के बाद अब नगर निगम ने इस प्रकार कचरा फैलाने वालों पर कड़ाई बरतने का निर्णय लिया है। अब निगम धार्मिक और सामाजिक आयोजनों पर भी नजर रखेगा। यदि अनुमति के बगैर काम किया तो आयोजन स्थल के संचालक को 2 हजार जुर्माना भरना पड़ेगा। यहीं गलती दोहराई तो 3 हजार जुर्माना के साथ कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
स्वच्छता रैंकिंग में हो रहा सुधार
स्वच्छता रैंकिंग में रायगढ़ लगातार सुधार कर रहा है। दो महीने पहले याने मार्च में जारी स्वच्छता रैंक में देश के सबसे स्वच्छ शहरों में रायगढ़ 43 वें नंबर पर है। बीते साल की तुलना में 11 स्थान की छलांग लगाई है। वहीं प्रदेश में 5 हजार के अंकों व सफाई के लिए चार तरह के कैटेगरी में अंकों का विभाजन कर स्वच्छता रैंकिंग जारी की गई। जिसमें रायगढ़ 3374 अंक लेकर देश के शहरों की सूची में 43 वें नंबर पर है।
पिछले साल 2018 में रायगढ़ निगम ने 54 वीं रैंकिंग लाई थी। छग में अन्य शहरों से रायगढ़ नगर निगम की तुलना की जाए तो हमारा शहर सफाई के मामले में प्रदेश में आठवें नंबर है। सफाई में हमसे आगे अंबिकापुर, दुर्ग, रायपुर, भिलाई, बिलासपुर, कोरबा, जगदलपुर एवं राजनांदगांव नगर निगम हैं।
गोंदेरास के जंगल में तड़के हुई मुठभेड़, हथियार समेत बड़ी संख्या में नक्सली सामान बरामद
बड़े नक्सली नेताओं समेत 70 से ज्यादा नक्सलियों के मौजूद होने की थी सूचना, मारे गए नक्सलियों की पहचान नहीं
दंतेवाड़ा. पुलिस और डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) की संयुक्त टीम ने बुधवार तड़के नक्सलियों के कैंप पर धावा बोल दिया। सुरक्षाबलों ने महिला नक्सली समेत दो वर्दीधारी नक्सलियों को मार गिराया। हालांकि बाकी नक्सली जंगल का फायदा उठाकर भाग निकले। मारे गए नक्सलियों की अभी शिनाख्त नहीं हो सकी है। पुलिस ने मौके पर हथियार समेत भारी मात्रा में सामान बरामद किया है। खास बात यह है कि पहली बार नक्सलियों से मुठभेड़ में महिला कमांडो को भी शामिल किया गया।
दंतेवाड़ा-सुकमा बॉर्डर के जंगलों में 7 से ज्यादा कैंप लगा रखे थे नक्सलियों ने
मुठभेड़ के बाद नक्सलियों से बरामद सामान लेकर लौटते जवान।
पुलिस को दंतेवाड़ा-सुकमा बॉर्डर पर गोंदेरास के जंगलों में मंगलवार को बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। साथ ही यह भी पता चला था कि वहां पर नक्सलियों के कई बड़े नेताओं की भी मौजूदगी है। इस पर अरनपुर थाने से एसटीएफ और डीआरजी की एक टीम बनाकर देर शाम उन्हें रवाना किया गया। इसके बाद टीम वहां पहुंची तो पता चला कि नक्सलियों ने सात से ज्यादा कैंप लगा रखे थे। जवानों ने घेराबंदी की और तड़के 5 बजे मुठभेड़ शुरू हो गई।
करीब एक घंटे से ज्यादा चली इस मुठभेड़ में जवानों ने वर्दीधारी महिला नक्सली को ढेर कर दिया। बाकी नक्सली जंगल का फायदा उठाते हुए भाग निकले। जवानों के मुताबिक, मौके से भागे नक्सलियों में से कई को गोली भी लगी है। जवानों को मौके से इंसास राइफल, 12 बोर बंदूक, पाइप बम के साथ सामानों का जखीरा बरामद हुआ है। हालांकि इसमें क्या-क्या और है, ये जवानों के लौटने के बाद ही पता चल सकेगा। दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने मुठभेड़ की पुष्टि की है।
पहली बार मुठभेड़ में शामिल हुई महिला कमांडो, बंद कराए गए मोबाइल टावर
नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में पहली बार महिला कमांडो को भी शामिल किया गया। टीम के साथ 10 महिला कमांडो भेजी गई थीं। यह महिला कमांडो जिला पुलिस बल का हिस्सा हैं। इनमें सरेंडर कर चुकी महिला नक्सली भी शामिल हैं। जिस टीम ने नक्सलियों के साथ मुठभेड़ की, उसमें 2-3 सरेंडर महिला नक्सली भी शामिल थीं। वहीं इस मुठभेड़ से पहले उस क्षेत्र के सभी मोबाइल टावर पुलिस ने बंद करा दिए थे। इसका बड़ा कारण कि नक्सलियों के संतरी जवानों के पहुंचने की सूचना न दें सकें।
साईंटांगरटोली स्थित गोदाम से ड्यूटी खत्म कर देर शाम लौट रहे थे अपने गांव लोदाम
गोदाम से निकलने के बाद कुछ दूरी पर बाइक सवार बदमाश जबरदस्ती बैठा कर ले गए
जशपुर. जिले से लगती झारखंड बॉर्डर से मंगलवार देर शाम बाइक सवार बदमाश एक सीमेंट कंपनी के सहायक प्रबंधक का अपहरण कर ले गए। सहायक प्रबंधक साईंटांगरटोली गांव स्थित गोदाम से ड्यूटी खत्म कर अपने गांव लौट रहे थे। सरगुजा आईजी ने सहायक प्रबंधक के अपहरण की पुष्टि की है। हालांकि स्थानीय पुलिस कुछ भी कहने से बच रही है।
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अपहरण कर ले जा रहे थे युवती को, चलती गाड़ी से कूदकर बचाई जान
जानकारी के मुताबिक, पत्थलगांव के सीमेंट व्यापारी मदन अग्रवाल का साईंटांगरटोली में सीमेंट का गोदाम है। इस गोदाम में लोदाम निवासी सद्दाम हुसैन सहायक मैनेजर के तौर पर कार्यरत हैं। बताया जा रहा है कि सद्दाम हुसैन मंगलवार देर शाम काम खत्म करने के बाद गांव लौट रहे थे। इसी दौरान गोदाम से कुछ दूर आगे बाइक सवार बदमाशों ने उनका अपहरण कर लिया।
बदमाश उन्हें जबरदस्ती बाइक पर बिठाकर ले गए। बताया जा रहा है कि दो बदमाश थे, जिन्होंने झारखंड से लगती सीमा पर वारदात को अंजाम दिया। सद्दाम हुसैन के अपहरण की पुष्टि सरगुजा आईजी केसी अग्रवाल ने की है। हालांकि जशपुर पुलिस अभी इस मामले में कुछ भी कहने से बच रही है।
सरोना इलाके के गांव सारंडा के जंगल में पहाड़ी पर मंगलवार सुबह 9 बजे हुई थी भिड़ंत
जब भालू के बच्चे की रोने की आवाज सुन लोग वहां पहुंचे तो मादा भालू भी वहीं मौजूद थी
कांकेर. जंगल में पहाड़ी की ओर से दिन से भालू के रोने की आवाज आ रही थी। मंगलवार सुबह 9 बजे भालू की मदद करने के इरादे से बीटगार्ड, फायर वाचर तथा गांव के लोग गए। मादा भालू ने मदद करने गए लोगों पर ही हमला कर दिया। इस हमले में एक दूसरे को बचाते हुए दो दोस्तों की मौत हो गई। दो अन्य लोग घायल हैं।
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वृद्धा ने भालू से आधे घंटे संघर्ष किया, अधिकारियों से मिले पैसे से पति ने खरीदी दवाएं, तब मिला इलाज
फायर वाचर राजकिशोर ने भालू के रोने की जानकारी मंगलवार सुबह बीट गार्ड दुर्गेश कश्यप को दी। मदद करन के लिए मंगलवार सुबह 9 बजे भालू को देखने बीट गार्ड दुगेश कश्यप, फायर वाचर राज किशोर, श्रवण सुरोजिया व महेंद्र कुमार जंगल गए।
देखा तो भालू के बच्चे के पास बैठी थी मां
घटना के प्रत्यक्षदर्शी बीट गार्ड दुर्गेश व फायर वाचर राजकिशोर ने देखा तो भालू का बच्चा बैठा था। पास ही मादा भालू भी थी। वापस आ रहे थे तभी मादा भालू ने पीछे से फायर वाचर श्रवण पर हमला कर दिया। उसे बचाने का प्रयास राजकिशोर ने किया तो भालू ने राजकिशोर को भी बुरी तरह घायल कर दिया। भालू पीछे नहीं हटा।
जान बचाकर भागा बीट गार्ड
बीट गार्ड कश्यप भागते हुए हुए गांव गया। लोगों को मदद के लिए बुलाया। सारंडा के रोशन नेताम अपने दोस्तों को बचाने जंगल कुत्ता लेकर गया। मौके पर पहुंचे ही थे कि भालू ने रोशन पर भी हमला कर दिया। कई स्थानों पर चीर दिया। रोशन की मौके पर ही मौत हो गई। गांव वालों में शामिल रतन नेताम पर भी भालू ने हमला किया। उसका हाथ टूट गया। घायल राजकिशोर व रतन नेताम को संजीवनी से अस्पताल पहुंचाया गया। इसके बाद मृतक रोशन नेताम का शव जिला अस्पताल लाया गया।
6 घंटे बाद जंगल में मिली फायर वाचर की लाश
घायलों को अस्पताल भेजने के बाद ग्रामीण व डिप्टी रेंजर रहमान खान, आसपास के वनपाल समेत अन्य वन कर्मी जंगल में लापता फायर वाचर श्रवण सुरोजिया की खोजबीन में निकले। वनकर्मी व गांव के लोग भालू के डर से सतर्कता के साथ खोजते रहे। 6 घंटे बाद दोपहर तीन बजे जंगल में लापता फायर वाचर श्रवण सुरोजिया की भी लाश मिली।
रायगढ़. यात्रियों से प्रीमियम एक्सप्रेस का किराया वसूल कर पैसेंजर ट्रेन की सवारी कराने वाले एसईसीआर रेलवे को उपभोक्ता फोरम में जुर्माना लगाया है। उपभोक्ता फोरम ने मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद एसईसीआर के बिलासपुर मंडल प्रबंधक और मुख्य स्टेशन प्रबंधक को एक माह के भीतर यात्री से किराया में वसूल की गई अतिरिक्त राशि और रायपुर-दिल्ली के एयर टिकट का किराया कुल 6964 रुपए लौटने का आदेश दिया है। साथ ही एक हजार रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति भी यात्री को देने के निर्देश दिए हैं।
दैनिक भास्कर ने 25 जनवरी को रेलवे द्वारा यात्रियों से पैसेंजर ट्रेनों की सवारी के लिए प्रीमियम एक्सप्रेस का किराया वसूल करने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। इसके बाद रेलवे की सेवा से नाराज यात्री कालिंदीकुंज निवासी व्यवसायी संतोष मित्तल ने रेलवे द्वारा अधिक किराया और ट्रेन विलंब के कारण ट्रेन छूटने पर अपने अधिवक्ता मुकेश गोयल के माध्यम से फोरम में परिवाद दाखिल किया।
ट्रेन की देरी के चलते यात्री का हुआ नुकसान
परिवादी को 26 जनवरी 2019 को दिल्ली निवासी अपने रिश्तेदार की शादी में जाना था। 25 जनवरी की सुबह 6.20 बजे ट्रेन में सवार हुए थे। इंटरनेट से बुक कराए गए सीट डी-8 के 103 नंबर पर जाकर बैठे। बिलासपुर से उन्हें बिलासपुर-निजामुद्दीन हमसफर एक्सप्रेस से दिल्ली जाना था, लेकिन जनशताब्दी एक्सप्रेस अपने नियमित समय से लेट छूटी। बिलासपुर 8.40 की बजाय यह 11 बजे पहुंची, जिससे उनकी हमसफर एक्सप्रेस छूट गई। विलंब का कारण पूछने पर टीटीई ने जनशताब्दि को पैसेंजर ट्रेन के रूप में चलने की बात बताई।
मजबूरन फ्लाइट से दिल्ली जाना पड़ा
टिकटका पैसा अधिक लेने की बात पर टीटीई उच्च अफसरों से बात करने को कहा। मजबूरन उन्हें जनशताब्दी से रायपुर जाना पड़ा, और ट्रेन नहीं होने की स्थिति में रायपुर से दिल्ली के लिए उन्होंने 8379 रुपए खर्च कर एयर टिकट खरीदना पड़ा। जिससे वे 26 जनवरी को शादी समारोह में शामिल हो सके। वापस लौटने के बाद उन्होंने रेलवे के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में परिवाद दाखिल किया था। जिसमें उन्होंने टिकट में अंतर की राशि, एयर टिकट का किराया और 50 हजार रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति की मांग की थी। इस पर विचार करने के बाद फोरम में यात्री के पक्ष में निर्णय सुनाया है।
यात्री सलाहकार समिति के सदस्यों की भी सुनवाई नहीं
रेलवे के जोनल और डिवीजनल यात्री सलाहकार समिति के सदस्यों ने रेलवे की इस मनमानी पर रोक लगाने जीएम को पत्र भी लिखा गया, लेकिन जीएम ने इस पर गंभीरता नहीं दिखाई। बिलासपुर जेडआरयूसीसी सदस्य राजू अग्रवाल ने पत्र लिखकर इस अनियमितता में सुधार की मांग की थी। इसके अलावा खरसिया और रायगढ़ से भी सदस्यों ने इसमें सुधार की मांग थी।
दोगुनी हो गई थी शताब्दी ट्रेनों की टिकट बिक्री
जनवरी में ब्लॉक के दौरान सामान्य दिनों की तुलना में जनशताब्दी की टिकट बुकिंग दोगुनी हो गई थी। ब्लॉक के पहले 10 और 11 जनवरी को शताब्दी के एसी कोच में औसत टिकटों की बुकिंग 120 और सामान्य कोच में एक हजार थी, लेकिन 10 दिन बाद 22 और 23 जनवरी को यह बढ़कर एसी कोच में 204 और सामान्य श्रेणी में 2063 पहुंच गई थी। रेलवे ने पैसेंजर की सवारी कराकर यात्रियों से एक्सप्रेस का किराया वसूल किया था।
कई ऐसी बेजरूरत मशीनें और उपकरण खरीद लिए जिन्हें ऑपरेट करने वाले ही नहीं
रायपुर . दाऊ कल्याण सिंह डीकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की मशीनों और रिनोवेशन में करोड़ों के खेल होने की शिकायत है। मशीन व उपकरणों की खरीदी की प्रक्रिया सीजीएमएससी के माध्यम से की गई। इसके लिए टेंडर भी निकाला गया। इसमें कागजों में तो पूरी पारदर्शिता बरती गई, लेकिन टेंडर में सारे बड़े काम चहेतों को दिए गए।
इसमें मोटा कमीशन लिए जाने की चर्चा है। प्रबंधन ने ऐसी कई मशीनें और उपकरण खरीद लिए, जिसकी जरूरत नहीं है। विदेश से मंगवायी वर्चुअल बॉडी यानी प्लास्टिक का पुतला इसमें शामिल है। केवल इसी की खरीदी में साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा खर्च किया गया है।
शिकायत और दस्तावेजों का परीक्षण करने के बाद पुलिस ने उन डाक्टरों और अफसरों की भूमिका की जांच शुरू कर दी है, जो पर्चेस यानी खरीदी के लिए गठित कमेटी में शामिल थे। उन्हें डा. पुनीत के केस में सह अभियुक्त बनाया जाएगा। अफसवरों ने संकेत दिए हैं इन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है। गौरतलब है कि डॉ. पुनीत गुप्ता जब डीकेएस अधीक्षक थे, तब छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन के एमडी बी. रामाराव थे। उन्हीं को सारी मशीनों व उपकरणों की खरीदी के लिए प्रस्ताव भेजा गया। उसके बाद सीजीएमएससी के माध्यम से खरीदी का टेंडर जारी किया गया। शिकायत है कि पहले कंपनियों को तय कर लिया गया था कि किस कंपनी ने क्या सामान खरीदना है। उसके बाद उस कमेटी की योग्यता के आधार पर टेंडर जारी किया गया।
पर्चेस कमेटी इसलिए घेरे में : अस्पताल की पर्चेस कमेटी इसलिए गठित की जाती है कि ये स्पष्ट रहे कि कौन सी जरूरत पहले पूरी करनी है और कौन सी बाद में। इस कमेटी में डॉ. प्रफुल्ल दावले, डॉ. कृष्णा ध्रुव, डॉ. ए. मेनन व स्वाति शर्मा थीं। डॉ. दावले जनरल फिजिशियन हैं और वर्तमान में किडनी विभाग में पदस्थ है। ध्रुव प्लास्टिक सर्जन हैं। डॉ. मेनन पीडियाट्रिक सर्जन हैं और शर्मा फिजियोथैरेपिस्ट हैं। हालांकि शर्मा ने कुछ महीना पहले इस्तीफा दिया था, जो अब तक मंजूर नहीं हुआ है।
जांच कमेटी के सामने इन डॉक्टरों ने बयान दिया था कि उन्होंने डॉ. गुप्ता के कहे अनुसार हस्ताक्षर किया है। खरीदी में इससे ज्यादा उनकी भूमिका नहीं है। खरीदी डॉ. गुप्ता व सीजीएमएससी के अधिकारियों ने की है।
फाइनल चालान पेश करने की तैयारी : डॉ. पुनीत गुप्ता की जांच कर रही एसआईटी फाइनल चालान पेश करने की तैयारी में हैं। चर्चा है कि इस महीने के अंत तक पुलिस आरोपियों के खिलाफ चालान पेश कर सकती है। इसलिए किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की जा रही है। कोर्ट के माध्यम से आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।
मशीन व उपकरणों में फिजूलखर्ची
वर्चुअल बॉडी- 80 लाख रुपए के हिसाब से चार बॉडी यानी प्लास्टिक के पुतले खरीदे गए। इसकी कीमत 3.20 करोड़ रुपए से ज्यादा है। विशेषज्ञों के अनुसार पीजी इंस्टीट्यूट में इसकी जरूरत ही नहीं है। मेडिकल कॉलेज में जहां एमबीबीएस अथवा पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई होती है, वहां यह उपयोग में लिया जा सकता है।
थिएटर- करोड़ों की लागत से थिएटर बनाया गया है। दावा है कि किसी सरकारी अथवा निजी अस्पताल में यह देश का पहला थिएटर है। थिएटर का उपयोग अब तक नहीं हो सकता है। डॉ. गुप्ता के हटते ही थिएटर भी डेड हो गया है। हालांकि अब कहा जा रहा है कि इसमें लोगों को बीमारी संबंधी प्रेरक कार्यक्रम दिखाए जाएंगे।
मॉड्यूलर ओटी- एक मॉड्यूलर ओटी में 10 करोड़ रुपए खर्च करने का हल्ला है। हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार इसमें दो से तीन करोड़ रुपए खर्च होता है। इसमें भी भारी भ्रष्टाचार किए जाने के संकेत है।
अधीक्षक कक्ष- अधीक्षक कक्ष पासवर्ड से संचालित होता है। अधीक्षक कक्ष में जाने के लिए पहले कार्ड स्वाइप कर गेट खोला जाता है। इसके बाद एक और गेट है, जो सीधे अधीक्षक कमरे का है। इस गेट को खोलने के लिए पासवर्ड की जरूरत होती है। यह गेट तभी खुलता, जब अधीक्षक चाहे। हालांकि अब पहले वाले गेट में कार्ड स्वाइप वाली व्यवस्था हटा दी गई है।
रायपुर . राज्य में पिछले एक महीने से हो रही अघोषित बिजली कटौती को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिजली कंपनी को जांच कर रिपोर्ट देने कहा है। मुख्यमंत्री को आशंका है कि मध्यप्रदेश की तरह यहां भी चुनाव में कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने के लिए अधिकारी-कर्मचारी भाजपा के साथ सांठगांठ कर बिजली कटौती की साजिश कर रहे हैं। इस वजह से ‘बिजली बिल हाफ’ योजना का असर कमतर हो रहा है। इस पर बिजली कंपनी के चेयरमैन डाॅ. शैलेंद्र शुक्ला ने अपने सभी सीई से फीडरवाइज बीते 15 दिनों में हुई कटौती की जानकारी मांगी है। यदि मेंटेनेंस या आंधी तूफान के अलावा कटौती के मामले सामने आए तो दोषी स्टाफ पर कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि प्रदेश के अधिकांश फीडर आउटसोर्स स्टाफ के भरोसे संचालित हो रहे हैं। यह आउटसोर्सिंग भाजपा शासनकाल में की गई थी।
भाजपा चुनावी सभाओं में बिजली कटौती को मुद्दा बनाए हुए है। कटौती से ग्रामीण इलाकों में केसकाल से सरगुजा तक बड़ी नाराजगी देखी जा रही है। सरकार को रोजना दी जा रही इंटेलिजेंस रिपोर्ट में भी इसका उल्लेख हो रहा है। पूर्व सीएम रमन सिंह ने भी सरप्लस बिजली के बाद भी कटौती का आरोप लगाया है।
इसे गंभीरता से लेते हुए सीएम बघेल ने सीएसईबी चेयरमैन डा. शुक्ला को इसकी जांच कर रिपोर्ट देने कहा है। सीएम का मानना है कि एमपी में कुछ दिनों पहले कांग्रेस के चुनाव अभियान को नुकसान पहुंचाने के इरादे से भाजपा नेताओं के इशारे पर बिजली कटौती की घटनाएं सामने आईं थीं। इस पर वहां के मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर जांच हुई और करीब 200 विद्युत कर्मियों पर कार्रवाई की गई। इसलिए यहां भी एेसी ही आशंका जताई जा रही है। आंधी-तूफान के कारण भी हो सकती है बिजली सप्लाई बाधित : वैसे यह भी कहा जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में आंधी तूफान के कारण कई जगहों में पेड़ गिरने से लाइन टूटने की घटनाएं हुई हैं जिसकी वजह से कटौती करनी पड़ी है।
15 दिन की रिपोर्ट मांगी गई
प्रदेश के कई जगहों से अघोषित कटौती की शिकायतें मिली हैं। इसकी जांच चल रही है। हमने सीई स्तर पर हर फीडर से पिछले 15 दिनों में एक घंटे से अधिक की कटौती वाले इलाकों की जानकारी मांगी है।
-शैलेंद्र शुक्ला, चेयरमैन, विद्युत मंडल
छत्तीसगढ़ की कोरबा लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में 23 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. इस चरण में कोरबा के अलावा 14 राज्यों की 114 लोकसभा सीटों पर भी वोटिंग होगी. इसके बाद 23 मई को मतगणना होगी और चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे.
कोरबा लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने ज्योति नंद दुबे, कांग्रेस पार्टी ने ज्योत्सना चंद्रदास महंत, बहुजन समाज पार्टी ने परमित सिंह, अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया ने ने चंद्र भूषण कंवर और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने तुलेश्वर हीरा सिंह मरकम को चुनाव मैदान में उतारा है. इस सीट पर कुल 13 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं.
इससे पहले साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के बंशीलाल महतो ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने अपने करीबी कांग्रेस प्रतिद्वंदी चरणदास महंत को हराया था. पिछले लोकसभा चुनाव में बंशीलाल महतो को 4 लाख 39 हजार दो वोट हासिल हुए थे, जबकि कांग्रेस के चरणदास महंत 4 लाख 34 हजार 737 वोट मिले थे. पिछली बार इस सीट पर कुल 73.35 फीसदी मतदान हुआ था. हालांकि इस बार बीजेपी ने बंशीलाल महतो का टिकट काट दिया और उनकी जगह ज्योति नंद दुबे को चुनाव मैदान में उतारा है.
इससे भी पहले साल 2009 में कोरबा लोकसभा सीट पर कांग्रेस के चरण दास ने बाजी मारी थी. उन्होंने बीजेपी की करुणा शुक्ला को हराया था. साल 2009 के लोकसभा चुनाव में चरण दास को 3 लाख 14 हजार 616 वोट मिले थे और करुणा शुक्ला को 2 लाख 93 हजार 879 वोट मिले थे. इस सीट पर मतदान 58.42 फीसदी रहा.
कोरबा लोकसभा सीट साल 2008 में अस्तित्व में आई. इसके बाद यहां साल 2009 में लोकसभा चुनाव हुए और कांग्रेस ने जीत का परचम फहराया. हालांकि साल 2014 में उसे बीजेपी के हाथों हार का सामना करना पड़ा. कोरबा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आठ विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें भरतपुर-सोनहत (एसएसटी), रामपुर (एसएसटी), पाली-तानाखार (एसएसटी), मनेन्द्रगढ़, कोरबा, मरवाही (एसएसटी), बैकुंठपुर और कटघोरा विधानसभा सीटें शामिल हैं.
कोरबा जिले का गठन 25 मई 1998 को किया गया था. यह एक आदिवासी बहुसंख्यक जिला है, जो छत्तीसगढ़ के उत्तर-मध्य भाग में स्थित है. कोरबा छत्तीसगढ़ राज्य की पावर कैपिटल कही जाती है. यह जिला बिलासपुर संभाग के अंतर्गत आता है और मुख्य रूप से आदिवासी द्वारा संरक्षित जनजाति कोरवा (पहाड़ी कोरवा) का बसाया हुआ है.
छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना 1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश के 16 जिलों को मिलाकर की गई. इसके बनाए जाने के पीछे मुख्य आधार छत्तीसगढ़ी बोलने वाले जिले थे. छत्तीसगढ़ में कुल पांच संभाग रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा और बस्तर हैं. सूबे में कुल 27 जिले हैं. इस राज्य में 11 लोकसभा और 5 राज्यसभा सीटें आती हैं. यह क्षेत्रफल के हिसाब से देश का दसवां सबसे बड़ा राज्य है. फिलहाल राज्य की राजधानी रायपुर है, जिसे बदलकर नया रायपुर किया जाना प्रस्तावित है.
हंसदेव और अहिरन नदियों के संगम के किनारे बसे कोरबा में हरे-भरे जंगल हैं. कोरबा को छत्तीसगढ़ का औद्योगिक केंद्र भी कहा जाता है. कोयला और पानी जैसे बिजली उत्पादन के लिए आवश्यक सभी आवश्यक कच्चे माल से जिला अपने आपमें समृद्ध है. यहां चार थर्मल पावर प्लांट NTPC, KTPS, BALCO & BCPP, DSPM, CSEB ईस्ट, CSEB वेस्ट हैं.
इनके अलावा माचाडोली (बांगो) में स्थित एक हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर स्टेशन है. कोल इंडिया लिमिटेड के तहत SECL कंपनी की कोरबा जिले में कई बड़ी खदानें हैं. साथ ही सबसे बड़ी एल्युमीनियम उत्पादन करने वाली बाल्को (भारत एल्युमिनियम कंपनी) भी यहां स्थित है.
इस लोकसभा सीट पर साल 2014 में पुरुष मतदाताओं की संख्या 7 लाख 25 हजार 821 थी, जिनमें से 5 लाख 46 हजार 46 ने वोटिंग में हिस्सा लिया था. वहीं पंजीकृत 6 लाख 93 हजार 789 महिला वोटरों में से 5 लाख 6 हजार 674 महिला वोटरों ने वोट डाला था. इस तरह कुल 14 लाख 19 हजार 610 मतदाताओं में से कुल 10 लाख 52 हजार 720 ने चुनाव में अपनी हिस्सेदारी दर्ज की थी.