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News Creation - देश
देश

देश (9270)

केंद्र सरकार पर लगातार राम मंदिर निर्माण के लिए साधु-संत दबाव बना रहे हैं। शुक्रवार को आरएसएस के सरकार्यवाह ने भी सरकार से इस मसले पर अध्यादेश लाने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि न्यायालय से न्याय मिलने में देरी हो रही है और सभी चाहते हैं कि राम मंदिर बने। इस मामले पर अब उच्चतम न्यायालय के पूर्व जस्टिस जस्ती चेलमेश्वर का बयान आया है। उनका कहना है कि उच्चतम न्यायालय में मामला लंबित होने के बावजूद सरकार इसपर कानून बना सकती है।

 

जस्टिस चेलमेश्वर ने कांग्रेस पार्टी से जुड़े संस्थान ऑल इंडिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस की एक परिचर्चा सत्र के दौरान कहा कि उच्चतम न्यायालय में मामला लंबित होने के बावजूद सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बना सकती है। उन्होंने कहा कि विधायी प्रक्रिया द्वारा अदालती फैसलों में अवरोध पैदा करने के उदाहरण पहले भी रहे हैं। जस्टिस चेलमेश्वर ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक कानून बनाने की मांग संघ परिवार में बढ़ती जा रही है।

इस साल की शुरुआत में जस्टिस चेलमेश्वर उच्चतम न्यायालय के उन चार वरिष्ठ न्यायाधीशों में शामिल थे जिन्होंने संवाददाता सम्मेलन कर तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के कामकाज के तौर-तरीके पर सवाल उठाए थे। शुक्रवार को परिचर्चा सत्र में जब चेलमेश्वर से पूछा गया कि उच्चतम न्यायालय में मामला लंबित रहने के दौरान क्या संसद राम मंदिर के लिए कानून पारित कर सकती है, इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा हो सकता है।

उन्होंने कहा, ‘यह एक पहलू है कि कानूनी तौर पर यह हो सकता है (या नहीं)। दूसरा यह है कि यह होगा (या नहीं)। मुझे कुछ ऐसे मामले पता हैं जो पहले हो चुके हैं, जिनमें विधायी प्रक्रिया ने उच्चतम न्यायालय के निर्णयों में अवरोध पैदा किया था।’ चेलमेश्वर ने कावेरी जल विवाद पर उच्चतम न्यायालय का आदेश पलटने के लिए कर्नाटक विधानसभा द्वारा एक कानून पारित करने का उदाहरण दिया। उन्होंने राजस्थान, पंजाब एवं हरियाणा के बीच अंतर-राज्यीय जल विवाद से जुड़ी ऐसी ही एक घटना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘देश को इन चीजों को लेकर बहुत पहले ही खुला रुख अपनाना चाहिए था। यह (राम मंदिर पर कानून) संभव है, क्योंकि हमने इसे उस वक्त नहीं रोका।’

अगर आप अपना खुद का कारोबार शुरू करने की सोच रहे हैं तो केवल एक घंटे में आसानी से लोन मिल सकेगा। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को इस सुविधा को शुरू किया था। हालांकि इस सेवा का लाभ केवल उन लोगों को मिलेगा, जो कि लघु या फिर मध्यम उद्योग को लगाना चाहते हैं। 
 
खास बातें-
  • -- इस लोन को लेने के लिए सारा प्रोसेस ऑनलाइन होगा।
  • -- आवेदक को बैंक के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। 
  • -- कम होगा मानवीय दखल
  • -- 21 सरकारी बैंकों से मिलेगा लोन
  • -- देना होगा नाम, ईमेल और मोबाइल नंबर
  • -- नहीं देना होगी रजिस्ट्रेशन फीस
  • -- आवेदकों के खाते में सीधे पहुंचेगा पैसा
  • -- जीएसटी नंबर होना बेहद जरूरी

इंस्पेक्टर राज से मिली मुक्ति

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loan - फोटो : loan
कार्यक्रम में पीएम मोदी ने 59 मिनट के पोर्टल लांचिंग के एलान के बाद कहा, 'मैंने आपके लिए 59 मिनट ऋण अनुमोदन पोर्टल का फैसला किया है। यानि महज 59 मिनट में एक करोड़ रुपये का लोन मिल जाएगा। इसने एमएसएमई व्यवसायियों को पहले से ही लाभ पहुंच रहा है।'

इस क्षेत्र की इकाइयों को इंस्पेक्टर राज से मुक्ति दिलाने के लिये प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि इंस्पेटक्टर किस फैक्ट्री में निरीक्षण के लिए जाएगा, यह कम्प्यूटरीकृत लॉटरी के माध्यम से तय होगा। इसके साथ ही जांच करने वाले अधिकारी को 48 घंटे के भीतर अपनी रिपोर्ट ऑनलाइन पोर्टल पर डालनी होगी।

अब कोई इंस्पेक्टर (निरीक्षक) ऐसे ही कहीं नहीं जा सकेगा। उसे फैक्टरी में जाने का कारण बताना होगा। उन्होंने कहा कि ये फैसले एमएसएमई क्षेत्र और इसमें काम करने वाले उद्यमियों तथा कर्मचारियों की दीपावली को खुशियों से भर देंगे।

ऐसे करना होगा आवेदन
  • -- आपको सबसे पहले https://www.psbloansin59minutes.com/home पर क्लिक करना होगा।
  • -- यहां पर अप्लाई नाउ ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। 
  • -- इसके बाद अपना नाम, मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी देना होगा। 
  • -- मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी कोड आएगा, जिसको सबमिट करते ही लोन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 
  • -- प्रक्रिया में आपको सबसे पहले अपना जीएसटी नंबर और आयकर रिटर्न को दाखिल करना होगा। 
  • -- इसके अलावा 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट भी पीडीएफ फॉर्मेट में अपलोड करना होगा। 
  • -- जो लोग कंपनी के मालिक या फिर निदेशक होंगे उनको अपनी बेसिक, निजी और शिक्षा की जानकारी देनी होगी। 
  • -- जानकारी अपलोड होने के बाद 59 मिनट में लोन का अप्रूवल मिल जाएगा। 
  • -- इसके बाद संबंधित बैंक से लोन की राशि आपके बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाएगा। 

बिहार का सबसे बड़ा राजनीतिक घराना अब टूटने के कगार पर है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव अपनी पत्नी ऐश्वर्या राय से अलग होने जा रहे हैं। उन्होंने स्थानीय दीवानी अदालत में तलाक की अर्जी लगाई है। हालांकि यह अर्जी एकतरफा ही है, उसपर ऐश्वर्या राय के हस्ताक्षर नहीं हैं। 

 अब तेजप्रताप यादव ने तलाक मामले में बयान देते हुए कहा कि मैं घुट-घुट कर नहीं जी सकता। बता दें कि पांच महीने पहले ही तेजप्रताप और ऐश्वर्या की धूमधाम से शादी हुई थी। इस शादी में लालू यादव भी शामिल हुए थे। फिलहाल वो चारा घोटाला मामले में रांची की जेल में सजा काट रहे हैं, लेकिन तेजप्रताप की शादी में शामिल होने के लिए उन्हें पैरोल पर रिहा किया गया था। 


तेजप्रताप की तरफ से अदालत में अर्जी दाखिल करने वाले वकील यशवंत कुमार शर्मा ने बताया कि हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13-ए के तहत तलाक मांगा गया है। इस धारा के तहत पति या पत्नी में से कोई भी एकतरफा तरीके से तलाक मांग सकता है। उन्होंने बताया कि तेजप्रताप और उनकी पत्नी ऐश्वर्या के बीच सामंजस्य नहीं है और इसलिए वे तलाक चाहते हैं। अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए 29 नवंबर की तारीख तय की है। 

तलाक की अर्जी दाखिल करने के बाद दीवानी अदालत परिसर से निकलते वक्त पत्रकारों ने जब तेजप्रताप के काफिले को रुकवाया तो उस वक्त राजद नेता ने अपने माथे पर एक छोटा सा बैंडेज बांध रखा था। हालांकि तेजप्रताप ने पत्रकारों के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया और जेल में बंद अपने पिता लालू यादव से मिलने के लिए रांची रवाना हो गए, लेकिन उनके कुछ करीबी परिजनों ने जब उन्हें समझाया-बुझाया तो वह बीच रास्ते से ही अपनी मां राबड़ी देवी के आवास लौट गए। 

वहीं, मीडिया खबरों के मुताबिक लालू यादव अपने परिवार की टूट की इस खबर से गहरे सदमे में हैं। बताया जा रहा है कि उनकी तबीयत और खराब हो गई है। फिलहाल वो रांची के एक अस्पताल में भर्ती हैं। इस बीच खबर आ रही है कि तेजप्रताप आज अपने पिता लालू यादव से मुलाकात कर सकते हैं। वो रांची रवाना भी हो चुके हैं। 

'मी टू' अभियान के तहत यौन उत्पीड़न मामले में फंसे पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर जिस महिला पत्रकार ने रेप का आरोप लगाया था, अब उसने इस मामले अपना पक्ष रखा है। पत्रकार ने कहा है कि उनके और एमजे अकबर के बीच सहमति से संबंध नहीं बने थे। 

 महिला पत्रकार का कहना है कि जबरदस्ती और ताकत का गलत इस्तेमाल कर बनाए गए संबंध कभी सहमति वाले नहीं हो सकते हैं। 


बता दें कि एमजे अकबर पर अमेरिका की नागरिक और नेशनल पब्लिक रेडियो (एनपीआर) की चीफ बिजनेस एडिटर ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है। उनके इस आरोप पर शुक्रवार को एमजे अकबर ने सफाई देते हुए कहा था कि महिला पत्रकार और वह एक आपसी रजामंदी वाले रिश्ते में थे।

उन्होंने कहा था, 'हमारा यह रिश्ता कुछ महीनों तक चला। इस रिश्ते की वजह से लोगों को बात करने का एक मौका मिला और इसका असर मेरे घर पर पड़ा। हालांकि इस रिश्ते का अंत बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा।'

वहीं, अकबर की पत्नी मल्लिका ने भी अपने पति की बात का समर्थन करते हुए आरोपों को झूठ बताया है। उन्होंने कहा है कि मुझे नहीं पता कि आखिर महिला पत्रकार ने यह झूठ क्यों कहा, लेकिन यह झूठ है। 

पत्रकार ने ट्वीट के जरिए एमजे अकबर की सफाई पर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने लिखा है, 'मैं उस समय 20 साल की एक महत्वाकांक्षी पत्रकार थी और अकबर के नेतृत्व वाले अखबार में काम कर रही थी। अकबर मेरे और अन्य महिलाओं द्वारा लगाए गए आरोपों की जिम्मेदारी लेने के बजाय एक सीरियल यौन दुर्व्यवहार करने वाले की तरह संबंध को सहमति वाला बता रहे हैं। मैं अपने आरोपों पर कायम हूं और आगे भी सच्चाई बयां करती रहूंगी ताकि अन्य महिलाएं भी जो अकबर के द्वारा यौन प्रताड़ित की गई हैं, वो खुलकर सच्चाई बयां कर सकें।' 

उच्चतम न्यायालय ने बोफोर्स मामले में हिन्दुजा बंधुओं को आरोप मुक्त करने वाले उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका खारिज की । न्यायालय ने कहा कि बोफोर्स मामले में उच्च न्यायालय द्वारा हिन्दुजा बंधुओं को आरोप मुक्त किए जाने के खिलाफ अपील दायर करने में हुई देरी के संबंध में सीबीआई ने जो दलील दी है उससे वह संतुष्ट नहीं है। न्यायालय ने कहा कि अपील दायर करने में हुई 4,500 दिन से भी ज्यादा की देरी को माफ करने के संबंध में सीबीआई द्वारा बताए गए कारण तर्कसंगत नहीं हैं।

 

उच्चतम न्यायालय ने 64 करोड़ रुपये के बोफोर्स घोटाला मामले में हिन्दुजा बंधुओं समेत सभी आरोपियों को आरोप मुक्त करने वाले उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि बोफोर्स मामले में उच्च न्यायालय द्वारा हिन्दुजा बंधुओं को आरोप मुक्त किए जाने के खिलाफ अपील दायर करने में हुई देरी के संबंध में सीबीआई ने जो आधार बताए हैं उससे वह संतुष्ट नहीं है।

पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय के इसी फैसले के खिलाफ अधिवक्ता अजय अग्रवाल की याचिका लंबित है और सीबीआई अपनी सभी दलीलें उसमें दे सकती है। भारत और बोफोर्स तोपों का निर्माण करने वाली स्वीडन की कंपनी एबी बोफोर्स के बीच 24 मार्च, 1986 को 155 एमएम के 400 हॉवित्जर तोपों की खरीद का सौदा हुआ था।

हालांकि भाजपा नेता अजय अग्रवाल द्वारा 2005 में इसी मामले पर दाखिल याचिका पर अभी न्यायालय में सुनवाई होनी बाकी है। लेकिन अग्रवाल की अर्जी पर सर्वोच्च न्यायालय ने उनके पक्षकार होने पर सवाल उठाए थे। 

तीन तलाक पर अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। केरल स्थित मुस्लिम संगठन समस्त केरल जमीयतुल उलेमा ने इस अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए इसे निरस्त करने का अनुरोध किया था। 

 मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी। 


बता दें कि मुस्लिम महिला (विवाह के अधिकारों का संरक्षण) अध्यादेश 19 सितंबर को अधिसूचित किया गया था। इससे पहले, इस अध्यादेश को मंत्रिपरिषद ने मंजूरी दी थी। ‘तलाक-ए-बिद्दत’ के नाम से प्रचलित एक बार में तीन तलाक की प्रथा में एक मुस्लिम शौहर एक ही बार में तीन बार तलाक-तलाक-तलाक कहकर अपनी पत्नी को तलाक दे सकता है। 

पिछले महीने जारी अध्यादेश के अंतर्गत तीन तलाक को गैरकानूनी और शून्य घोषित करते हुए इसे दंडनीय अपराध घोषित कर दिया गया है। ऐसा करने पर पति को तीन साल की जेल की सजा हो सकती है। हालांकि इस कानून के दुरुपयोग की आशंका को दूर करते हुए सरकार ने इसमें आरोपी के लिए जमानत का प्रावधान करने जैसे कुछ सुरक्षा उपाय भी किए हैं। 

  • अक्टूबर से पहले अप्रैल में भी जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा था
  • वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में भी कहा गया कि जीएसटी की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था को फायदा हुआ

नई दिल्ली. अक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन 1 लाख 710 करोड़ रुपए रहा। जीएसटी लागू होने के बाद दूसरी बार 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कलेक्शन रहा है। इससे पहले इसी साल अप्रैल में जीएसटी से सरकार को 1.03 लाख करोड़ रुपए मिले थे। सितंबर में यह कलेक्शन 94,442 करोड़ रुपए था। एक जुलाई 2017 को देश में जीएसटी लागू हुआ था।

 

सरकार को नवंबर-दिसंबर में जीएसटी कलेक्शन का आंकड़ा 1 लाख करोड़ रुपए से ऊपर जाने की उम्मीद थी। लेकिन, अक्टूबर में ही उसे कामयाबी मिल गई। वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि जीएसटी की कम दरों, देशभर में एक टैक्स की व्यवस्था और दूसरे टैक्स सुधारों की वजह से यह कामयाबी मिली।

 

अक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन 1 लाख 710 करोड़ रुपए

सीजीएसटी 16,464 करोड़ रुपए
एसजीएसटी 22,826 करोड़ रुपए
आईजीएसटी 53,419 करोड़ रुपए
सेस 8,000 करोड़ रुपए

 

अक्टूबर में सेटलमेंट के बाद केंद्र सरकार को 48,954 करोड़ रुपए और राज्यों को 52,934 करोड़ रुपए मिले। वित्त मंत्रालय के मुताबिक सितंबर महीने के लिए कुल 67.45 लाख जीएसटीआर दाखिल किए गए।

 

केरल में टैक्स कलेक्शन 44% बढ़ा

राज्य टैक्स कलेक्शन ग्रोथ
केरल 44%
झारखंड 20%
राजस्थान 14%
उत्तराखंड 13%
महाराष्ट्र 11%

 

पिछले महीनों में जीएसटी के आंकड़े

महीना जीएसटी कलेक्शन (रुपए करोड़)
सितंबर 94,442
अगस्त 93,960
जुलाई 96,483
जून 95,610
मई 94,016
अप्रैल 1,03,458

 

वर्ल्ड बैंक ने कहा- भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा बदलाव जीएसटी से आया

बुधवार को जारी हुई वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में भारत को 77वीं रैंक दी गई। भारत की रैंकिंग में एक साल में 23 पायदान का सुधार हुआ। वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा बदलाव जीएसटी के जरिए आया है। पिछले साल की रैंकिंग में जीएसटी को शामिल नहीं किया गया था। जीएसटी ने कारोबार की शुरुआत करना आसान बना दिया है, क्योंकि इसमें कई सारे एप्लीकेशन फॉर्म को इंटिग्रेट कर एक सिंगल जनरल इनकॉर्पोरेशन फॉर्म लाया गया है। इससे रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया तेज हुई है।

  • अक्टूबर से पहले अप्रैल में भी जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा था
  • वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में भी कहा गया कि जीएसटी की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था को फायदा हुआ

नई दिल्ली. अक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन 1 लाख 710 करोड़ रुपए रहा। जीएसटी लागू होने के बाद दूसरी बार 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कलेक्शन रहा है। इससे पहले इसी साल अप्रैल में जीएसटी से सरकार को 1.03 लाख करोड़ रुपए मिले थे। सितंबर में यह कलेक्शन 94,442 करोड़ रुपए था। एक जुलाई 2017 को देश में जीएसटी लागू हुआ था।

 

सरकार को नवंबर-दिसंबर में जीएसटी कलेक्शन का आंकड़ा 1 लाख करोड़ रुपए से ऊपर जाने की उम्मीद थी। लेकिन, अक्टूबर में ही उसे कामयाबी मिल गई। वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि जीएसटी की कम दरों, देशभर में एक टैक्स की व्यवस्था और दूसरे टैक्स सुधारों की वजह से यह कामयाबी मिली।

 

अक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन 1 लाख 710 करोड़ रुपए

सीजीएसटी 16,464 करोड़ रुपए
एसजीएसटी 22,826 करोड़ रुपए
आईजीएसटी 53,419 करोड़ रुपए
सेस 8,000 करोड़ रुपए

 

अक्टूबर में सेटलमेंट के बाद केंद्र सरकार को 48,954 करोड़ रुपए और राज्यों को 52,934 करोड़ रुपए मिले। वित्त मंत्रालय के मुताबिक सितंबर महीने के लिए कुल 67.45 लाख जीएसटीआर दाखिल किए गए।

 

केरल में टैक्स कलेक्शन 44% बढ़ा

राज्य टैक्स कलेक्शन ग्रोथ
केरल 44%
झारखंड 20%
राजस्थान 14%
उत्तराखंड 13%
महाराष्ट्र 11%

 

पिछले महीनों में जीएसटी के आंकड़े

महीना जीएसटी कलेक्शन (रुपए करोड़)
सितंबर 94,442
अगस्त 93,960
जुलाई 96,483
जून 95,610
मई 94,016
अप्रैल 1,03,458

 

वर्ल्ड बैंक ने कहा- भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा बदलाव जीएसटी से आया

बुधवार को जारी हुई वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में भारत को 77वीं रैंक दी गई। भारत की रैंकिंग में एक साल में 23 पायदान का सुधार हुआ। वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा बदलाव जीएसटी के जरिए आया है। पिछले साल की रैंकिंग में जीएसटी को शामिल नहीं किया गया था। जीएसटी ने कारोबार की शुरुआत करना आसान बना दिया है, क्योंकि इसमें कई सारे एप्लीकेशन फॉर्म को इंटिग्रेट कर एक सिंगल जनरल इनकॉर्पोरेशन फॉर्म लाया गया है। इससे रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया तेज हुई है।

नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दावों पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि ग्रामोफोन की तरह उनकी पिन अटक गई है जिसके कारण वह ऐसी बचकानी बाते कर रहे हैं और लोग उनके दावों का मजाक उड़ाते हैं। 

दी ने कहा कि इनको समझ नहीं आ रहा है कि वक्त बदल गया है, जनता को मूर्ख समझना बंद करें। ‘‘ इस प्रकार की बचकानी बातें किसी के गले नहीं उतरती है और लोग मजाक उड़ाते हैं।’’ भाजपा के एक कार्यकर्ता द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इसकी चिंता न करें। पहले ग्रामोफोन के रिकार्ड में पिन अटक जाती है तो कुछ ही शब्द बार बार सुनाई देती है। ऐसे ही कुछ लोग भी होते हैं जिनकी पिन अटक जाती है । एक ही चीज दिमाग में भर जाती है जो बार बार एक ही बात बोलते हैं। ऐसे में इन बातों का मजा उठाना चाहिए, आनंद लेना चाहिए। मोदी ने कहा, ‘‘ चुनाव की आपाधापी में इन चीजों का आनंद उठायें।’’
जितना कीचड़ उछालोगे, उतना कमल खिलेगा
प्रधानमंत्री ने ‘मेरा बूथ, सबसे मजबूत’ कार्यक्रम के तहत नरेन्द्र मोदी एप के जरिये मछलीशहर, महासमंद, राजसमंद, सतना, बैतूल के भाजपा कार्यकर्ताओं से संवाद के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जितना कीचड़ उछालोगे, उतना कमल खिलेगा। कांग्रेस को सच नहीं, झूठ पर भरोसा है। सत्ता में आने पर मध्यप्रदेश में मोबाइल फोन बनाने के बारे में कांग्रेस अध्यक्ष के बयान के संबंध में पूछे जाने पर मोदी ने सवाल किया, ‘‘मोबाइल का आविष्कार क्या 2014 के बाद हुआ था? 2014 के पहले भी मोबाइल थे, जिन लोगों ने इतने साल राज किया, उनके समय में सिर्फ दो ही मोबाइल फैक्टरियां क्यों थीं?’’ 
 
कांग्रेस पर निशाना
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इतने साल शासन किया उनके समय में सिर्फ दो मोबाइल फैक्टरियां थी और पिछले चार वर्षो में 100 से अधिक कंपनियां मोबाइल फोन बना रही हैं। वन रैंक, वन पेंशन लागू करने के राहुल गांधी के बयान के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ये लोग वन रैंक, वन पेंशन की बातें कर रहे हैं। दशकों से यह मामला लंबित था, तब क्यों कुछ नहीं किया। ‘‘ जब हमने वन रैंक, वन पेंशन लागू कर दी, तब जाकर वे कह रहे हैं कि हम देंगे।’’ कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इतने दशकों तक इनकी सरकार रही, सेना के जवान 40 वर्षो से मांग कर रहे थे, उसे सुनने की फुर्सत नहीं थी। जब हमने इसे कर दिया तब परेशान हो रहे हैं। 
 
ओआरओपी पर राहुल ने क्या कहा था
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में उनसे मिलने गए सेवानिवृत्त सैनिकों के एक समूह से कहा कि सत्ता में आने पर कांग्रेस ’वन रैंक, वन पेंशन’ (ओआरओपी) के मु्द्दे पर किए अपने सभी वादों को पूरा करेगी। इससे पहले राहुल ने भोपाल में आयोजित कार्यकर्ता संवाद के दौरान कहा था, 'आपके हाथ में जो मोबाइल है, वह 'मेड इन चाइना' है, यदि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो हम 'मेड इन मध्य प्रदेश' मोबाइल बनाएंगे। डिजिटल इंडिया का विपक्ष की आलोचना के बारे में एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि कांग्रेस के लोग जिन जिन मुद्दों पर जोर जोर से झूठ बोलने लगे तब समझना चाहिए कि हम अपने काम में सफल रहे हैं। 
 
सरकार के कामों को गिनाया
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज डिजिटल इंडिया कदम कदम पर सुदूर गांव तक लोगों की मदद को खड़ा है । डिजिटल इंडिया के माध्यम से लोगों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन आ रहा है। उन्होंने कहा कि जब लोग और सरकार मिलकर काम करते हैं तभी सकारात्मक परिणाम आता है। सरकार कहती है कि पराली मत जलाओ, पराली मत जलाओ। लेकिन यह जनभागीदारी से ही संभव होगा। गरीबी उन्मूलन के अपने सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों की सबसे बड़ी गलती यह थी कि उनके लिये गरीबी शब्द चुनावी वोट बैंक का हिस्सा थी और उनके राजनीतिक फायदे में थी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार गरीब कल्याण के कार्य में जुटी है। 
 
 
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ मैं लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का हमेशा से ही आग्रही रहा हूं । सरकार भी इसी दिशा में काम कर रही है।’’ उन्होंने कहा कि आज कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से करोड़ों भारतीयों का न सिर्फ जीवन आसान हुआ है, बल्कि उनका भविष्य भी संवर रहा है। मोदी ने कहा कि पहले अगर किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करनी होती थी, तो गांव में इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। लेकिन आज वाई-फाई और ऑनलाइन स्टडी ने युवाओं की इस सबसे बड़ी परेशानी का हल कर दिया है।
 
उन्होंने कहा कि मनरेगा की योजना तो पहले से चली आ रही है। लेकिन पहले क्या होता था। अपने पैसे लेने के लिए कई-कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता था। ऊपर से बिचौलिया भी कुछ पैसे मार लेता था, लेकिन आज टेक्नोलॉजी की मदद से मजदूरी आसानी से मिल जाती है। आज छात्रों के खाते में छात्रवृति पहुंच जाती है। प्रधानमंत्री ने अपने संवाद के दौरान गुजरात में सरदार बल्लभभाई पटेल की प्रतिमा राष्ट्र को समर्पित करने का उल्लेख किया और कहा कि यह उनके मन को संतोष देने वाला पल था। मोदी ने नरेन्द्र मोदी एप के जरिये पार्टी कोष में चंदा एकत्र करने के अभियान का भी जिक किया।
 

सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय की जजों की रिक्तियों को लेकर खिंचाई की है। बता दें कि अदालतों में 200 से अधिक जजों की नियुक्तियां होनी हैं लेकिन भर्ती प्रक्रिया में लगातार हो रही देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट आज सख्त दिखाई दिया और दिल्ली उच्च न्यायालय की खिंचाई कर दी।

 सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय से कहा कि यदि आप रिक्तियों को भर नहीं सकते हैं, तो हम यह कार्य आपसे ले लेंगे और इसे एक केंद्रीकृत प्रक्रिया बना देंगे।"

 
जजों की नियुक्ति को लेकर यह टकराव नई नहीं है। न्यायपालिका और केंद्र सरकार के बीच भी इस मामले में सीधा टकराव होता दिखाई दे रहा है। जजों की रिक्तियों के मामले को लेकर न्यायाधीश मदन बी लोकुर और अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल के बीच जमकर बहस भी हो चुकी है। 

मणिपुर के एक मामले की यह सुनवाई इसी साल मई माह में हुई थी। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश लोकुर ने के के वेणुगोपाल से पूछा कि फिलहाल उच्च न्यायालयों में जजों की नियुक्ति को लेकर कोलेजियम की कितनी सिफारिश लम्बित हैं?  केके ने कहा कि मुझे इसकी जानकारी जुटानी पड़ेगी।

के के वेणुगोपाल के इस जवाब से नाराज जस्टिस लोकुर ने कहा कि सरकार के साथ यही दिक्कत है मौके पर सरकार कहती है कि जानकारी लेनी होगी।  इस पर केके ने कहा कि कोलेजियम को बड़ी तस्वीर देखनी चाहिए।  ज्यादा नामों की सिफारिश भेजनी चाहिए। 

बता दें कि फिलहाल 200 जजों के पद खाली हैं। जिसे लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने आज उच्च न्यायालय को फटकार लगाई है। 

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