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old Rate Today 4 February 2025: पिछले हफ्ते 24 कैरेट सोने की कीमत में -3.04 फीसदी गिरावट दर्ज किया गया है, जबकि पिछले महीने यह बदलाव -6.84 फीसदी रहा है. 4 फरवरी 2025 को देश में 24 Carat Gold की कीमत 8421.3 रुपए प्रति ग्राम और 22 Carat Gold की कीमत 7721.3 रुपए प्रति ग्राम है. MCX पर 4 अप्रैल 2025 की डिलीवरी वाला गोल्ड 0.18 फीसदी नीचे 83,134 रुपए प्रति 10 ग्राम और 5 मार्च की डिलीवरी वाली चांदी की कीमत 0.05 फीसदी गिरकर 94,210 रुपए प्रति किलो हो गई है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने गद्दी संभालने के कुछ हफ्तों के भीतर ही एक्शन लेना शुरू कर दिया है. ट्रंप ने पिछले हफ्ते एक के बाद एक टैरिफ आदेशों पर हस्ताक्षर किए. अपने वादे के मुताबिक, ट्रंप ने मेक्सिको (Mexico) और कनाडा (Canada) से आयात पर 25 फीसदी, जबकि चीन से आयात पर 10 फीसदी टैरिफ लगाया है. इस बीच कनाडा से एनर्जी रिसोर्सेज के आयात पर 10 फीसदी कम टैरिफ लगेगा. ट्रंप के इस कदम से ट्रेड वॉर की संभावनाएं बढ़ गई हैं क्योंकि इस अमेरिकी फैसले पर जवाबी कार्रवाई करते हुए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने उसी दिन 155 बिलियन डॉलर के अमेरिकी सामानों पर 25% का टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है|

मार्केट में दिखा असर
डॉनाल्ड ट्रंप की अचानक टैरिफ घोषणाओं के चलते अमेरिकी बाजारों में शुक्रवार को गिरावट आई. इस दौरान एसएंडपी 500 में 0.50 फीसदी, डाउ जोन्स (Dow Jones) इंडस्ट्रियल एवरेज में 0.75% और नैस्डैक (Nasdaq) कंपोजिट में 0.28 फीसदी की गिरावट आई. हालांकि, जनवरी में तीनों इंडेक्स बढ़त के साथ बंद हुए थे. इसके बावजूद सोमवार की सुबह शेयर फ्यूचर्स में गिरावट आई. हालांकि, पैन-यूरोपियन स्टॉक्स 600 इंडेक्स में 0.13% की बढ़ोतरी हुई. इसने जनवरी में 6% की बढ़त दर्ज की थी, जो एसएंडपी 500 की 3% की बढ़ोतरी से ज्यादा थी|

स्थिर थी महंगाई
वॉल स्ट्रीट ने 2024 को उच्च स्तर पर समाप्त किया, लेकिन अमेरिका में महंगाई की स्थिति भी कुछ ऐसी ही बनी रही. यूएस कॉमर्स डिपार्टमेंट के अनुसार, दिसंबर में पर्सनल कंजम्पशन एक्सपेंडिचर प्राइस इंडेक्स में एनुअल बेसिस पर 2.6% की बढ़ोतरी हुई. यह नवंबर से 0.2 परसेंटेज पॉइंट ऊपर है और डॉव जोन्स के अनुमान के अनुसार है. कोर पीसीई पिछले महीने से 2.8% पर स्थिर रहा, जो उम्मीदों के अनुसार है. इसमें फूड और एनर्जी की कीमतें शामिल नहीं हैं|


नई दिल्ली । निजी क्षेत्र के फेडरल बैंक का मुनाफा चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में पांच प्रतिशत घटकर 955 करोड़ रुपये रह गया। एक साल पहले इसी तिमाही में बैंक ने 1,007 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया था। शेयर बाजार को दी जानकारी के मुताबिक समीक्षाधीन तिमाही के दौरान बैंक की कुल आय बढ़कर 7,725 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 5,593 करोड़ रुपये थी। वित्त वर्ष 2024-25 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में ब्याज आय भी बढ़कर 6,809 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 5,730 करोड़ रुपये थी। परिसंपत्ति गुणवत्ता के मोर्चे पर, बैंक का सकल एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) सालाना आधार पर 2.29 प्रतिशत से सुधरकर 1.95 प्रतिशत हो गया। इसी तरह शुद्ध एनपीए 0.64 प्रतिशत से घटकर 0.49 प्रतिशत हो गया।

नई दिल्ली । इंडोनेशिया चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (केएडीआईएन) के प्रमुख अनिंद्य बाकरी ने दूसरे देशों के साथ भारत और इंडोनेशिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार की संभावनाओं के बारे में व्यापक चर्चा की। बाकरी ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार का हो सकता है बड़ा बढ़ता हुआ संबंध जिससे भारत और इंडोनेशिया के बीच व्यापार करीब 30 अरब अमेरिकी डॉलर का हो सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देश एक साथ मिलकर वृद्धि करेंगे और प्रभावी तरीके से विश्व की सेवा करेंगे। इस व्यापार के बड़े मौके को देखते हुए भारत और इंडोनेशिया के बीच सांस्कृतिक संबंध, व्यापार व निवेश संबंधों को गहरा करने में केंद्रित कंपनी बाकरी एंड ब्रदर्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे पहले भारत और इंडोनेशिया के इस वर्ष व्यापार व निवेश पर कार्य समूह की दूसरी बैठक होगी, जिसमें दोनों देशों के व्यापार मंत्रियों के समाधान के लिए उम्मीद है। इसके साथ ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वक्ताओं ने ब्रिक्स देशों के साथ बातचीत की महत्वता को भी उजागर किया।

 


भारत सरकार ने 34,300 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ नेशनल क्रिटिकल मिशन' को मंजूरी दी है, जिसका मसकद देश में महत्वपूर्ण मिनरलों की खोज, खनन और प्रसंस्करण की कीमतों की रेंज तैयार करना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने इस मिशन के शुभारंभ को मंजूरी दी, जो आत्मनिर्भर भारत पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

इस मिशन का खास मकसद क्लीन एनर्जी, हाई एडवांस इंडस्ट्रिज और डिफेंस में इस्तेमाल आने वाली जरूरी मिनरलों की मौजूदगी को सुनिश्चित करना है. इसमें देश के भीतर और अपतटीय क्षेत्रों में मिनरलों की खोज, खनन, लाभकारी, और प्रोसेसिंग शामिल है.

किसानों की होगी बल्ले-बल्ले
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अश्विवी वैष्णव ने कहा, "विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से आने वाली पीढ़ी, अर्थव्यवस्था और युवाओं के लिए नए अवसर पैदा करने के लिए कई फैसले लिए गए हैं, इसी श्रृंखला में आज प्रधानमंत्री ने नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन को मंजूरी दी है. उन्होंने आगे कहा कि गन्ने के खेत में से तीन चीजें निकलती हैं- सी हैवी मोलेसेस, बी हैवी मोलेसेस और गन्ने का रस। इन तीनों की खरीद कीमतों को आज कैबिनेट द्वारा मंजूरी दे दी गई. इसका जितना उपयोग इथेनॉल बनाने में होगा, उतना ही ये देश के लिए, किसानों के लिए, पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, इसलिए इसे प्रमुखता से बढ़ावा दिया जाता है. मंत्रिमंडल ने ‘सी’ श्रेणी के शीरा से बने एथनॉल की कीमत को 56.28 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 57.97 रुपये प्रति लीटर करने को मंजूरी दी.


प्रतिकूल मौसम एवं बीमारी के चलते गन्ने के उत्पादन में गिरावट के साथ-साथ चीनी की रिकवरी दर में भी कमी देखी जा रही है। इससे चीनी उद्योग की चिंता बढ़ गई है। किसानों का नुकसान तय है। उपभोक्ताओं की जेब पर भी असर पड़ सकता है। रिकवरी का आशय गन्ने से चीनी निकलने की दर से है, जो फसल की गुणवत्ता, मौसम की स्थितियों एवं चीनी मिलों के शुरू होने के समय पर निर्भर करता है।

भारत में रिकवरी दर को दस प्रतिशत से ऊपर रहने पर बेहतर माना जाता है, किंतु इस बार कोई राज्य इसके आसपास भी नहीं पहुंचा है। राष्ट्रीय स्तर पर रिकवरी दर 8.81 प्रतिशत है। पिछले वर्ष इसी दौरान यह आंकड़ा 9.37 प्रतिशत था। साफ है इस बार अभी तक गन्ने से 0.56 प्रतिशत कम चीनी की प्राप्ति हो रही है।

इसे सामान्य भाषा में ऐसे समझा जा सकता है कि पिछले साल चीनी मिलों तक पहुंचने वाले गन्ने से प्रति क्विंटल 9.37 किलोग्राम चीनी निकलती थी। इस बार उतने ही गन्ने से मात्र 8.81 किलो चीनी निकल रही है। जबकि पिछले वर्ष की तुलना में गन्ने की कीमतें बढ़ी हैं। उत्तर प्रदेश में प्रति क्विंटल 20 रुपये की वृद्धि हो चुकी है।

परिवहन लागत और मजदूरी के साथ अन्य खर्चे भी बढ़े हैं, किंतु गन्ने से चीनी निकलने की मात्रा घट गई है। यह बड़ा संकट है। इसकी सीधी मार किसानों पर पड़ रही है। चीनी मिल संचालक किसानों के गन्ने को कमतर श्रेणी का बताकर मूल्य घटा रहे हैं। किसान लाचार हैं, क्योंकि 11 प्रतिशत तक रिकवरी वाली गन्ने की उन्नत प्रजाति 0238 तेजी से बीमारी की चपेट में आ रही है। इसका कोई विकल्प भी नहीं है।

अहमदाबाद । गुजरात के पाटन जिले से जीएसटी से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। अहमदाबाद में मिस्त्री का काम करने वाले सुनील सथवारा को बेंगलुरु जीएसटी विभाग से 1.96 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस मिला। महज 16-17 हजार रुपये की मासिक आय से परिवार चलाने वाले सुनील के लिए यह नोटिस किसी बड़े सदमे से कम नहीं था। जांच में यह खुलासा हुआ कि सुनील के नाम पर 11 कंपनियां संचालित हो रही हैं, जो देश के अलग-अलग राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और अंडमान निकोबार में पंजीकृत हैं। यह भी पाया गया कि इन कंपनियों के पंजीकरण के लिए सुनील के नकली आधार और पैन कार्ड का उपयोग किया गया था। टैक्स नोटिस मिलने के बाद सुनील ने वकील से संपर्क किया और दस्तावेजों की जांच कराई। फर्जी दस्तावेजों के उपयोग का पता चलने पर उन्होंने गृह विभाग और क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई। सुनील का कहना है कि उनके दस्तावेजों का दुरुपयोग कर यह रैकेट संचालित किया गया है। मामले की जांच गांधीनगर सीआईडी क्राइम के हवाले की गई है। जांच के बाद यह स्पष्ट होगा कि यह रैकेट किसने चलाया, असली आरोपी कौन है और उसका मकसद क्या था। यह घटना आधार और पैन कार्ड से जुड़ी सुरक्षा खामियों और फर्जीवाड़े को उजागर करती है। संबंधित विभागों से अपील की जा रही है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं।

मुंबई । लखनऊ में एक निजी रिटेल स्टोर में किए गए कैरी बैग शुल्क के अपराध पर जिला उपभोक्ता फोरम ने कठोर कार्रवाई की। ग्राहक से 18 रुपए कैरी बैग के नाम पर वसूलते समय रिटेल स्टोर को 35 हजार 18 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। जिला उपभोक्ता फोरम में यह मामला दर्ज किया गया था जब एक ग्राहक ने शॉपिंग सेंटर में एक कैरी बैग को खरीदने पर 18 रुपए की मांग पर विरोध किया था। ग्राहक के अधिवक्ता ने बताया कि उनके क्लाइंट को वसूला गया धन वापस करने के लिए उन्होंने जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायत की थी। जिला उपभोक्ता फोरम ने ग्राहक के पक्ष में अदालती फैसले किया और कहा कि कैरी बैग का शुल्क जबरदस्ती वसूला नहीं जा सकता है। इसके अतिरिक्त, रिटेल स्टोर पर 18 रुपए के वसूले के साथ साथ 35 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। इस फैसले से ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।


एफपीआई: एफपीआई की भारतीय इक्विटी बाजारों से अनिच्छा जारी है और उन्होंने इस महीने अब तक 64,156 करोड़ रुपये निकाले हैं। रुपये के अवमूल्यन, बढ़ते अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और कमजोर तिमाही नतीजों के कारण ऐसा हो रहा है। डिपॉजिटरी डेटा से पता चलता है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने दिसंबर में 15,446 करोड़ रुपये का निवेश किया। पिछले हफ्ते बीएसई सेंसेक्स 428.87 अंक या 0.55 प्रतिशत और निफ्टी 111 अंक या 0.47 प्रतिशत गिर गया। एफपीआई आउटफ्लो: रुपये में गिरावट के कारण निवेशकों पर दबाव: मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स इंडिया के संयुक्त निदेशक - अनुसंधान प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, "भारतीय रुपये में लगातार गिरावट के कारण विदेशी निवेशकों पर काफी दबाव है, जिसके कारण वे भारतीय इक्विटी बाजारों से पैसा निकाल रहे हैं।" उन्होंने कहा कि इसके अलावा, हालिया गिरावट, अपेक्षाकृत कम तिमाही नतीजों और मैक्रोइकोनॉमिक प्रतिकूलताओं के बावजूद भारतीय शेयर बाजारों का उच्च मूल्यांकन निवेशकों को सतर्क कर रहा है। एफपीआई आउटफ्लो:

पिछले काफी समय से कच्चे तेल की कीमतों में मामूली बदलाव देखने को मिल रहा है. अगर पिछले एक हफ्ते की बात करें तो कच्चे तेल की कीमत में करीब 5 डॉलर यानी करीब 430 रुपये की बड़ी गिरावट देखने को मिली है. जो कच्चा तेल एक हफ्ते पहले 79-81 डॉलर प्रति बैरल के आसपास घूम रहा था, अब उसकी कीमत करीब 5 डॉलर गिरकर 74-78 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई है. इस बीच तेल कंपनियों की ओर से आज यानी 26 जनवरी 2025 के लिए पेट्रोल और डीजल की ताजा कीमतें जारी कर दी गई हैं. आइए जानते हैं कि देश के महानगरों और कुछ चुनिंदा शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें कितनी हो गई हैं. वायदा बाजार में क्या है कच्चे तेल की कीमत?: विदेशी बाजार में कमजोर मांग को देखते हुए कारोबारियों ने अपने सौदों के आकार को कम कर दिया, जिससे शुक्रवार को वायदा कारोबार में कच्चा तेल 36 रुपये की गिरावट के साथ 6,448 रुपये प्रति बैरल पर आ गया. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीई) पर फरवरी में डिलीवरी होने वाले कच्चे तेल का अनुबंध 36 रुपये या 0.56 फीसदी गिरकर 6,448 रुपये प्रति बैरल पर आ गया। इसमें 8,234 लॉट का कारोबार हुआ। वैश्विक स्तर पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चे तेल का भाव 0.07 फीसदी गिरकर 74.57 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया, जबकि ब्रेंट क्रूड 0.09 फीसदी फिसलकर 78.22 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

जानिए महानगरों में पेट्रोल-डीजल के दाम

शहर पेट्रोल डीजल
दिल्ली 94.72 87.62
मुंबई 103.44 89.97
कोलकाता 103.94 90.76
चेन्नई 100.85 92.44
बेंगलुरु 102.86 88.94
लखनऊ 94.65 87.76
नोएडा 94.87 88.01
गुरुग्राम 95.19 88.05
चंडीगढ़ 94.24 82.40
पटना 105.18 92.04

पिछले साल मार्च में आखिरी बार कम हुई थीं कीमतें

भारत सरकार ने 5 मार्च को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बड़ी कटौती की थी। इसके तहत दोनों की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की कमी की गई थी। केंद्र सरकार ने यह कटौती लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए की थी। अब चुनाव खत्म हो चुके हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें कब तक कम रहती हैं।

ओएमसी जारी करती हैं कीमतें

आपको बता दें कि देश की ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतें जारी करती हैं। हालांकि, 22 मई 2022 से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया जैसी कंपनियां अपनी वेबसाइट पर पेट्रोल और डीजल की कीमतें जारी करती हैं। आप घर बैठे भी तेल की कीमतें चेक कर सकते हैं।

आप घर बैठे कीमतें चेक कर सकते हैं

आप अपने शहर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसानी से पता कर सकते हैं। इसके लिए आपको ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की वेबसाइट पर जाना होगा या फिर एसएमएस भेजना होगा। अगर आप इंडियन ऑयल के ग्राहक हैं तो आप RSP के साथ शहर का कोड लिखकर 9224992249 पर एसएमएस भेज सकते हैं और अगर आप BPCL के ग्राहक हैं तो आप RSP लिखकर 9223112222 पर एसएमएस भेज सकते हैं।

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