ईश्वर दुबे
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Bhilai
भुवनेश्वर: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे आज शुक्रवार को ओडिशा के एकदिनी दौरे पर हैं. दोनों नेता भुवनेश्वर बारामुंडा में आयोजित संविधान बचाओ रैली में शामिल हुए.
भुवनेश्वर में संविधान बचाओ रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कुछ नया शुरू हुआ है. ओडिशा में 40,000 से अधिक महिलाएं गायब हो गई हैं. आज तक यह पता नहीं चल पाया है कि ये महिलाएं कहां गईं. यहां हर दिन महिलाओं पर अत्याचार होता है. उनके साथ रेप होता है. ओडिशा में हर दिन 15 महिलाओं के साथ दुष्कर्म होता है. आपकी सरकार चौबीसों घंटे केवल आपका खून चूसती है, आपकी जमीन छीनती है.
उन्होंने कहा कि अडानी ओडिशा की सरकार चलाते हैं, अडानी ही नरेंद्र मोदी को चलाते हैं. जब ओडिशा में जगन्नाथ यात्रा निकलती है, जब जगन्नाथ यात्रा के रथ खींचे जाते हैं, तो लाखों लोग इसे देखते हैं और इसके पीछे चलते हैं. फिर, एक नाटक होता है - अडानी और उनके परिवार के लिए रथ रोक दिए जाते हैं. इससे आपको ओडिशा सरकार के बारे में सब कुछ समझ आ जाएगा. यह ओडिशा सरकार नहीं है, यह अडानी जैसे 5-6 अरबपतियों की सरकार है. इसका लक्ष्य आपकी जमीन, जंगल और भविष्य को छीनना है.
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि मैं कल गुरुवार को बिहार में था. जिस तरह महाराष्ट्र में चुनाव की चोरी की गई, उसी तरह की कोशिश बिहार में की जा रही है. चुनाव चोरी के लिए चुनाव आयोग ने एक नई साजिश रची है. चुनाव आयोग भाजपा की शाखा के रूप में काम कर रहा है, वह अपना काम नहीं कर रहा है. महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच 1 करोड़ नए मतदाता जुड़े. कोई नहीं जानता कि ये मतदाता कौन थे और कहां से आए. हमने चुनाव आयोग से कई बार मतदाता सूची और वीडियोग्राफी उपलब्ध कराने के लिए कहा, लेकिन चुनाव आयोग ने हमें ये उपलब्ध नहीं कराए. वे बिहार में भी वही चोरी करने जा रहे हैं, जो महाराष्ट्र में की गई थी. मैंने भारतीय गठबंधन के नेताओं से कहा कि हम चुनाव आयोग और भाजपा को बिहार चुनाव की चोरी नहीं करने देंगे.
संविधान बचाओ रैली में राहुल गांधी ने कहा कि ओडिशा सरकार का एक ही काम है - राज्य के गरीब लोगों के हाथों से ओडिशा की संपत्ति चुराना. पहले बीजद सरकार ने यही किया और अब भाजपा सरकार यही कर रही है. एक तरफ ओडिशा की गरीब जनता, दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग, किसान और मजदूर हैं, और दूसरी तरफ 5-6 अरबपति और भाजपा सरकार है. यह लड़ाई जारी है. केवल कांग्रेस कार्यकर्ता, ओडिशा की जनता के साथ मिलकर इस लड़ाई को जीत सकते हैं, कोई और नहीं.
इससे पहले राहुल और खरगे के दौरे को लेकर पार्टी ने तमाम तैयारियां की है. इनके दौरे को लेकर कांग्रेस खेमा बहुत उत्साहित है. बता दें, विधानसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी का यह पहला ओडिशा दौरा है. इसके लिए यातायात व्यवस्था चाक-चौबंद है. संविधान बचाओ रैली को लेकर पार्टी कार्यकर्ता जुटने शुरू भी हो गए हैं. वहीं, यह भी पता चला है कि दोनों नेता इस संविधान बचाओ रैली के अलावा कई कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे.
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 51 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी के लिए अपॉइंटमेंट लेटर बांटे हैं। इस बीच उन्होंने युवाओं को संबोधित भी किया। पीएम ने युवाओं को संबोधित करते हुए सबसे पहले उन्हें बधाई दी और कहा कि आप सभी ने कड़े परिश्रम से ये सफलता हासिल की है। इस सफलता का आपके जीवन में बहुत बड़ा महत्व है। पीएम ने कहा कि देश में गणेश महोत्सव की धूम चल रही है, इस बीच आप सभी के नए जीवन का भी श्रीगणेश हो रहा है। जब आप जैसे लाखों युवा सरकारी सेवाओं में शामिल होते हैं, तो नीतियों को लागू करने की गति और पैमाने भी बढ़ जाते हैं।
नारी शक्ति वंदन अधिनियम का जिक्र
इस बीच पीएम ने महिला सशक्तिकरण पर भी बात करते हुए नारी शक्ति वंदन अधिनियम का भी जिक्र किया। पीएम ने कहा कि आज देश की बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। नवनियुक्तों में महिलाएं भी ज्यादा संख्या में है, जो नारी सशक्तिकरण का उदाहरण है। आज हमारा देश ऐतिहासिक उपलब्धियों और फैसलों का साक्षी बन रहा है। कुछ दिन पहले ही नारी शक्ति वंदन अधिनियम के रूप में देश की आधी आबादी को बहुत बड़ी ताकत मिली है। 30 वर्षों से महिला आरक्षण का जो विषय लंबित था, वो रिकॉर्ड वोटों के साथ दोनों सदनों से पास हुआ है। ये मांग तब से हो रही थी, जब आप में से तमाम लोगों का जन्म भी नहीं हुआ होगा। पीएम ने कहा कि ये नई संसद में देश के नए भविष्य की शुरुआत हुई।
क्या यह जनसुरक्षा कानून है या भाजपा सुरक्षा कवच? विपक्ष ने उठाए गंभीर सवाल
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा में पारित हुए जनसुरक्षा विधेयक पर राज्य की राजनीति गरमा गई है। शिवसेना (उद्धव गुट) ने इसे एक "राजनीतिक हथियार" बताते हुए तीखा विरोध किया है और आरोप लगाया है कि यह विधेयक "भाजपा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है, न कि आम जनता के लिए।"
"पहले से हैं प्रभावी कानून, तो नया क्यों?"
शिवसेना विधायक एड. अनिल परब ने विधान परिषद में सवाल उठाया कि जब पहले से ही UAPA, MPDA जैसे चार कानून अस्तित्व में हैं, तो फिर इस नए कानून की जरूरत क्या है? उन्होंने कहा, "इस कानून का उद्देश्य आतंकवादियों से ज़्यादा राजनीतिक संगठनों पर दबाव बनाना हो सकता है।"
परब ने विधेयक में संशोधन कर इसे दोबारा सदन में लाने की मांग की। जबकि गृह राज्यमंत्री योगेश कदम ने विधान परिषद में विधेयक पेश किया और विपक्ष के वॉकआउट के बाद इसे बहुमत से पारित भी करवा लिया।
विवादित बयान से हंगामा, सदन 10 मिनट के लिए स्थगित
विधान परिषद में भाजपा विधायक प्रसाद लाड ने कहा कि "हिंदूहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे ने कम्युनिस्ट विचारधारा को मारकर शिवसेना बनाई थी।" इस बयान पर विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने आपत्ति जताते हुए पूछा, "क्या यह कानून किसी विचारधारा के खिलाफ है?" इसी विरोध के चलते विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया और सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
उद्धव ठाकरे का हमला: यह कानून भाजपा के लिए सुरक्षा कवच
विधान भवन परिसर में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए विधेयक की भाषा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "इस कानून में 'देशविरोधी', 'आतंकवादी', 'नक्सलवादी' जैसे शब्दों का स्पष्ट उल्लेख नहीं है। केवल 'कट्टर वामपंथी' संस्थाओं को निशाना बनाया गया है।" उन्होंने सवाल उठाया कि "क्या सरकार सिर्फ एक विचारधारा के विरोध में कानून ला रही है?"
उद्धव ने कहा, "यह कानून 'मीसा' और 'टाडा' जैसे दमनकारी कानूनों की तरह दुरुपयोग की आशंका से घिरा है।" उन्होंने यह भी कहा कि जब देश के गृहमंत्री स्वयं कहते हैं कि नक्सलवाद खत्म हो रहा है, तो फिर इस कानून की आवश्यकता क्या है?
भाजपा का जवाब: अन्य राज्यों में भी लागू है कानून
भाजपा का तर्क है कि यह कानून केवल महाराष्ट्र में नहीं, बल्कि तेलंगाना, ओडिशा, झारखंड और आंध्र प्रदेश जैसे गैर-भाजपा शासित राज्यों में भी लागू है। इसके बावजूद विपक्ष इसे राजनीतिक हथियार कहकर जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है।
निष्कर्ष: सवाल विधेयक पर नहीं, मंशा पर उठ रहे हैं
विधेयक को लेकर विवाद की जड़ इसकी परिभाषाएं और प्रयोग की आशंकाएं हैं। विपक्ष का कहना है कि यह कानून विचारधारा-विशेष के खिलाफ इस्तेमाल हो सकता है, जबकि सरकार इसे देशविरोधी गतिविधियों के विरुद्ध एक आवश्यक कदम बता रही है।
छत्तीसगढ़: छोटे व्यापारियों को अपना व्यवसाय आसानी से करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य सरकार छोटे व्यापारियों के 10 साल से अधिक लंबित पुराने मामलों में 25 हजार रुपए तक की वैट देनदारियों को खत्म करने जा रही है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत जीएसटी प्रावधानों में भी कई संशोधन किए जाएंगे।
संशोधन विधेयक 2025 को मिली मंजूरी
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक और छत्तीसगढ़ बकाया कर, ब्याज एवं शास्ति के निपटान संशोधन विधेयक 2025 के प्रारूप का अनुमोदन कर दिया गया है। इन दोनों विधेयकों को विधानसभा के मानसून सत्र में पटल पर रखा जाएगा। 10 साल से अधिक पुराने 25 हजार रुपये तक की वैट देनदारियों को खत्म करने से राज्य के लगभग 40 हजार से अधिक व्यापारियों को फायदा मिलेगा। इसके साथ ही 62 हजार से अधिक मुकदमों के मामले भी कम हो जाएंगे।
सरकार जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में और हिस्सेदारी बेचने पर काम कर रही है। सूत्रों के अनुसार विनिवेश विभाग इस सौदे की विस्तृत जानकारी तैयार करेगा। सरकार के पास वर्तमान में एलआईसी में 96.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। उसने मई 2022 में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के माध्यम से 902-949 रुपये प्रति शेयर के मूल्य बैंड पर 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची थी। इस शेयर बिक्री से सरकार को लगभग 21,000 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।
सूत्रों ने बताया कि सरकार ने ओएफएस मार्ग के माध्यम से एलआईसी में आगे शेयर बिक्री के लिए अपनी मंजूरी दे दी है और इस पर चर्चा अभी प्रारंभिक चरण में है। एक सूत्र ने कहा, "बाजार की स्थिति को देखना और हिस्सेदारी बिक्री का फैसला लेना विनिवेश विभाग पर निर्भर है।"
सरकार को 16 मई, 2027 तक अनिवार्य 10 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारिता की आवश्यकता को पूरा करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की जीवन बीमा कंपनी में 6.5 प्रतिशत हिस्सेदारी और बेचने की आवश्यकता है।
सूत्र ने बताया कि हिस्सेदारी बिक्री की मात्रा, कीमत और समय पर निर्णय समय पर लिया जाएगा। एलआईसी का वर्तमान बाजार पूंजीकरण 5.85 लाख करोड़ रुपये है। बीएसई पर एलआईसी के शेयर 924.40 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे थे, जो पिछले बंद भाव से 2.27 प्रतिशत कम है।
भारत में खुदरा ऋण वृद्धि का अगला चरण आवास ऋण से प्रेरित होगा। साथ ही प्रति उधारकर्ता ऋण में भी उल्लेखनीय वृद्धि आने की उम्मीद है। यह जानकारी वैश्विक फर्म बर्नस्टीन की एक ताजा रिपोर्ट में दी गई है।
500 अरब डॉलर तक की कर्ज की संभावना
रिपोर्ट में कहा गया कि इस वृद्धि का बड़ा हिस्सा किफायती आवास क्षेत्र से आने की संभावना है। लगभग 3 प्रतिशत रिटर्न ऑन एसेट (आरओए) देने वाले किफायती आवास ऋण क्षेत्र में 500 अरब डॉलर तक की कर्ज देने की संभावना है। हालांकि, इसमें सफलता उन ऋणदाताओं को ही मिलेगी, जो अपने ऑपरेटिंग मॉडल को देश के विभिन्न राज्यों में लगातार और बड़े स्तर पर लागू कर सकें।
200 मिलियन से अधिक नए उपभोक्ता जुड़े
पिछले एक दशक में क्रेडिट सेक्टर में सबसे बड़ी वैल्यू क्रिएशन उन संस्थाओं द्वारा की गई जो औपचारिक वित्तीय प्रणाली तक नए ग्राहकों की पहुंच बढ़ाने में सफल रहीं। इस दौरान ऋण प्रणाली में 200 मिलियन से अधिक नए उपभोक्ता जुड़े और उधारकर्ताओं की संख्या कुल कर्ज की तुलना में कहीं तेजी से बढ़ी। इसमें कहा गया कि लगभग 60 प्रतिशत भारतीय श्रम शक्ति के पास ऋण तक पहुंच है, विशेष रूप से मॉर्गेज यानी होम लोन के रूप में। मॉर्गेज एक प्रकार का ऋण है जिसका उपयोग घर, जमीन या अन्य अचल संपत्ति खरीदने या उस पर पैसे उधार लेने के लिए किया जाता है।
मॉर्गेज का सकल घरेलू उत्पाद में योगदान केवल 11 प्रतिशत
भारत में फिलहाल मॉर्गेज का सकल घरेलू उत्पाद में योगदान केवल 11 प्रतिशत है। यह चीन के 30 प्रतिशत और विकसित देशों के 50 प्रतिशत से अधिक के आंकड़े की तुलना में काफी कम है। वहीं, गैर-मॉर्गेज खुदरा ऋण भारत में पहले ही जीडीपी के 30 फीसदी से अधिक तक पहुंच चुका है । यह कई अन्य उभरते और विकसित देशों से अधिक है। रिपोर्ट का अनुमान है कि अगर आने वाले वर्षों में बंधक ऋण में लगातार वृद्धि होती रही, तो वित्त वर्ष 2035 तक देश में 1.5 ट्रिलियन डॉलर का आवास ऋण बाजार बन सकता है।
आयकर विभाग ने शुक्रवार को आईटीआर-2 और आईटीआर-3 फॉर्म के लिए एक्सेल यूटिलिटीज जारी कर दी है। इसका उपयोग करदाता कर योग्य पूंजीगत लाभ, क्रिप्टो आय और अन्य रिटर्न दाखिल करने के लिए कर सकते हैं। विभाग ने शुक्रवार को सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर इसकी जानकारी दी है।
आयकर विभाग ने पहले केवल आईटीआर-1 और आईटीआर-4 फॉर्म (ऑनलाइन और एक्सेल यूटिलिटी दोनों) जारी किए थे, जिससे निर्दिष्ट आय वर्गीकरण वाले करदाताओं के एक सीमित समूह को अपना आईटीआर दाखिल करने में मदद मिली थी।
आयकर विभाग ने एक पर बताया, "करदाता ध्यान दें! निर्धारण वर्ष 2025-26 के लिए ITR-2 और ITR-3 की एक्सेल यूटिलिटीज़ अब लाइव हैं और फाइलिंग के लिए उपलब्ध हैं।" आयकर विभाग के ई-फाइलिंग आईटीआर पोर्टल के डाउनलोड सेक्शन में आप आईटीआर-2 और आईटीआर-3 यूटिलिटीज डाउनलोड कर सकते हैं। डाउनलोड करने के बाद आपको एक विंडोज जिप फाइल मिलेगी, जिससे एक्सेल फाइल प्राप्त की जा सकती है।
आयकर विभाग की वेबसाइट के अनुसार, 11 जुलाई से आईटीआर-2 उन व्यक्तियों या एचयूएफ की ओर से दाखिल किया जा सकता है जो आईटीआर-1 (सहज) दाखिल करने के पात्र नहीं हैं।
आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला को अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) के निदेशक मंडल में नियुक्त किया गया है। यूएसआईएसपीएफ ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। कुमार बोर्ड की कार्यकारी समिति के सदस्य के रूप में भी काम करेंगे।
बिड़ला ने कहा इसमें शामिल होना सम्मान की बात
बिड़ला ने कहा कि यूएसआईएसपीएफ की कार्यकारी समिति में शामिल होना मेरे लिए सम्मान की बात है। बहुत कम समय में ही यूएसआईएसपीएफ अमेरिका और भारत के बीच रणनीतिक और आर्थिक संबंधों को आकार देने और मजबूत करने में इसकी बड़ी भूमिका है। दोनों देशों के बीच संवाद, सहयोग और विश्वास को बढ़ावा देने में इसके काम ने एक सार्थक बदलाव लाया है।
बिड़ला समूह अमेरिक में सबसे बड़ा ग्रीनफील्ड निवेशक
आदित्य बिड़ला समूह अमेरिका में सबसे बड़ा भारतीय ग्रीनफील्ड निवेशक है। इसका निवेश 15 अरब डॉलर से अधिक है। साथ ही धातु, कार्बन ब्लैक और रसायनों के क्षेत्र में 15 राज्यों में इसका परिचालन फैला हुआ है। इसकी अमेरिकी सहायक कंपनी नोवेलिस दुनिया की सबसे बड़ी एल्युमीनियम रीसाइक्लिंग कंपनी है। यह अमेरिकी विनिर्माण क्षेत्र को पुनर्जीवित करने और आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
समूह की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है बे मिनेट। इसका अलबामा में 4.1 अरब डॉलर का निवेश है , जो चार दशकों में अमेरिका में पहला पूरी तरह से एकीकृत एल्युमीनियम रोलिंग और रीसाइक्लिंग प्लांट स्थापित करेगा। यह अलबामा के इतिहास में सबसे बड़ा औद्योगिक निवेश होगा।
यूएसआईएसपीएफ की खासियत
यूएसआईएसपीएफ के अध्यक्ष और जेसी2 वेंचर्स के संस्थापक और सीईओ जॉन चैम्बर्स ने कहा कि बिरला के कार्यकारी समिति में शामिल होने से यूएसआईएसपीएफ को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद मिलेगी। यूएसआईएसपीएफ एक गैर-लाभकारी, गैर-सरकारी और गैर-पक्षपाती संगठन है। इसके कार्यालय वाशिंगटन, डीसी और नई दिल्ली में हैं। यूएसआईएसपीएफ के सदस्यों में 10 ट्रिलियन डॉलर से अधिक संयुक्त बाजार मूल्यांकन और 6 मिलियन से अधिक कर्मचारियों वाली वैश्विक कंपनियां शामिल हैं।
भारत सरकार स्वास्थ्य बीमा दावों को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बढ़ती लागत पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार बड़ा कदम उठाने की योजना बना रही है। सरकार की योजना है कि मौजूदा नेशनल हेल्थ क्लेम्स एक्सचेंज पोर्टल को वित्त मंत्रालय और बीमा नियामक संस्था IRDAI (भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण) के अधीन लाया जाए। बता दें कि अभी यह पोर्टल स्वास्थ्य मंत्रालय की National Health Authority के अंतर्गत आता है।
अस्पतालों में बीमा कवरेज वाले मरीजों से अधिक पैसे लिए जा रहे हैं
समाचार एजेंसी रॉयटर्स पर सरकारी सूत्रों के हवाले से प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, बीमा नियामक संस्था और सरकार ने कई विश्लेषण किए हैं। इसमें यह पाया गया है कि कई निजी अस्पताल बीमा कराने वाले मरीजों से अत्यधिक पैसा वसूल रहे हैं। जिन मरीजों के पास लाखों या करोड़ों रुपये के बीमा कवरेज हैं, उनसे और अधिक पैसे लिए जा रहे हैं। इसका सीधा असर बीमा कंपनियों की लागत पर पड़ रहा है। इस कारण कंपनियां प्रीमियम की दरें बढ़ा रही हैं। इससे कई लोगों के लिए स्वास्थ्य बीमा लेना महंगा या लगभग असंभव हो गया है।
सरकार अब नकेल कसने की कवायद कर रही है
इस रिपोर्ट में एक ग्लोबल मेडिकल ट्रेंड का भी जिक्र किया गया है। इसके मुताबिक, भारत में स्वास्थ्य सेवा की लागत 2025 में 13% तक बढ़ने का अनुमान है, जो वैश्विक औसत 10 फीसदी से अधिक है। अस्पतालों की लागत 2024 में दर्ज की गई 12 फीसदी से भी अधिक पाई गई है, जिसके बाद केंद्र सरकार अब नकेल कसने की कवायद कर रही है।
बीमा प्रीमियम की बढ़ती लागत चिंताजनक
खबर के मुताबिक सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि देश में स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम से होने वाली वार्षिक आय भी कम हुई है। वित्त वर्ष 2024-25 में वृद्धि दर घटकर 9% रह गई है, जबकि पहले यह 20 फीसदी से अधिक थी। बीमा प्रीमियम की बढ़ती लागत के कारण लोग अपनी पॉलिसी का नवीनीकरण नहीं करा पा रहे हैं।
बीमा के दावों से जुड़े पोर्टल की निगरानी वित्त मंत्रालय और बीमा नियामक के अधीन
तमाम पहलुओं के विश्लेषण के बाद सरकार का मानना है कि अगर बीमा के दावों से जुड़े पोर्टल की निगरानी वित्त मंत्रालय और बीमा नियामक के अधीन लाई जाती है, तो बीमा कंपनियां मिलकर अस्पतालों के साथ दरें तय करने में सक्षम होंगी। इससे अनावश्यक खर्च और ओवरचार्जिंग पर नकेल कसी जा सकेगी। सरकार का मकसद स्वास्थ्य बीमा प्रणाली को अधिक पारदर्शी, सुलभ और किफायती बनाना है।
भारत सरकार की तरफ से आधिकारिक बयान का इंतजार
यह भी दिलचस्प है कि स्वास्थ्य और वित्त मंत्रालयों की तरफ से इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, अगर सरकार यह पहल करती है तो देश में आसमान छूते जा रही अस्पताल के खर्चों और स्वास्थ्य लागत पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा। साथ ही बीमा के गिरते कवरेज को नियंत्रित करने में भी मदद मिल सकती है।
इरेडा के जारी बॉन्ड में निवेश पर कर छूट दी जाएगी। इससे नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अधिक निवेश मिल सकेगा। कंपनी ने बताया, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने बॉन्ड को दीर्घकालिक विशिष्ट परिसंपत्ति के रूप में अधिसूचित किया है। पांच वर्षों के बाद भुनाए जाने वाले और अधिसूचना तिथि या उसके बाद इरेडा के जारी बॉन्ड आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 54ईसी के अंतर्गत कर छूट लाभ के लिए पात्र होंगे। पात्र निवेशक एक वित्त वर्ष में इस बॉन्ड में निवेश करके 50 लाख रुपये तक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) पर कर बचा सकते हैं।
अनिल अंबानी पर लगा धोखाधड़ी टैग वापस
अनिल अंबानी को केनरा बैंक से राहत मिली है। बैंक ने उनके कर्ज के खाते पर लगा धोखाधड़ी का टैग वापस ले लिया है। नवंबर, 2024 में केनरा बैंक ने रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस टेलीकॉम के कर्ज खातों को धोखाधड़ी वाला घोषित किया था। बैंक का आरोप था कि कंपनी ने लोन की रकम का दुरुपयोग किया।
सरकारी तेल कंपनियों को मिल सकती है 35,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी
लागत से कम कीमत पर एलपीजी बेचने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकारी तेल कंपनियों को 30,000 से 35,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिल सकती है। तीन प्रमुख कंपनियां इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम व हिंदुस्तान पेट्रोलियम पिछले 15 महीने से लागत से कम भाव पर ईंधन बेच रही हैं। वित्त मंत्रालय वास्तविक घाटे और उसकी भरपाई पर काम कर रहा है। सरकार ने बजट में घाटे की भरपाई के लिए कोई प्रावधान नहीं किया। हालांकि, अप्रैल में सरकार ने 32,000 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया था। इसका उपयोग वित्त मंत्रालय एलपीजी की कम वसूली की भरपाई के लिए कर सकता है। 2024-25 में उद्योग को एलपीजी की बिक्री पर कुल नुकसान 40,500 करोड़ होने का अनुमान है। शुल्क वृद्धि के साथ खुदरा रसोई गैस के 14.2 किलो वाले सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी की गई।
8.35 लाख करोड़ की बन सकती है हर कंपनी
अमेरिकी शॉर्ट सेलर वाइसरॉय रिसर्च के आरोपों के बीच वेदांता लि. के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा, कंपनी का आकार दोगुना करने के लिए 3डी रणनीति यानी डिमर्जर, विविधीकरण और डी-लिवरेजिंग बनाई गई है। डिमर्जर के बाद हर कारोबार 8.35 लाख करोड़ रुपये का हो सकता है। वेदांता की आर्थिक स्थिति मजबूत है।
टीसीएस देगी 11 रुपये का लाभांश, मुनाफा 6% बढ़ा
टाटा समूह की टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज यानी टीसीएस को 2025-26 की पहली तिमाही में 12,760 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ है। 2023-24 की समान तिमाही के 12,040 करोड़ रुपये की तुलना में यह लाभ 5.98 फीसदी बढ़ा है। कंपनी ने प्रति शेयर 11 रुपये लाभांश देने की घोषणा की है। अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी ने संचालन से 63,437 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया। सालाना आधार पर यह 1.31% कम है। परिणाम से पहले कंपनी का शेयर मामूली गिरकर 3,382.30 रुपये पर बंद हुआ। बीते छह महीने में शेयर 20.41 फीसदी, एक साल में 13.15% और इस साल यानी एक जनवरी से अब तक 17.45 फीसदी गिरा है। कर्मचारियों की संख्या 6,000 बढ़कर 6,13,069 हो गई है।
हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) ने गुरुवार को बड़ी घोषणा करते हुए बताया कि प्रिया नायर को कंपनी की नई सीईओ और एमडी नियुक्त किया गया है। नायर 1 अगस्त 2025 से यह जिम्मेदारी संभालेंगी और इस पद पर पहुंचने वाली एचयूएल की पहली महिला होंगी। प्रिया नायर फिलहाल यूनिलीवर की प्रेसिडेंट ब्यूटी एंड वेलबीइंग हैं। इसको लेकर एचयूएल ने बताया कि उन्हें पांच साल के कार्यकाल के लिए यह पद सौंपा गया है।
बता दें कि प्रिया नायर मौजूदा सीईओ और एमडी रोहित जावा की जगह लेंगी, जो 31 जुलाई 2025 को पद छोड़ देंगे। रोहित जावा ने 2023 में एचयूएल की कमान संभाली थी और अपने कार्यकाल में कंपनी को कठिन बाजार हालातों में भी आगे बढ़ाया।
एचयूएल बोर्ड में भी होंगी शामिल
एचयूएल ने यह भी बताया कि प्रिया नायर को जरूरी मंजूरी मिलने के बाद एचयूएल के बोर्ड में भी शामिल किया जाएगा। साथ ही वे यूनिलीवर लीडरशिप एग्जीक्यूटिव (यूएलई) की सदस्य बनी रहेंगी। देखा जाए तो यह कदम भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है और एचयूएल के इतिहास में एक अहम बदलाव माना जा रहा है।
प्रिया नायर का एचयूएल में कैसा रहा सफर?
वहीं बात अगर एचयूएल में प्रिया नायर के सफर की करें तो, नायर ने 1995 में एचयूएल से करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने सेल्स और मार्केटिंग से जुड़े कई अहम पदों पर काम किया। 2014 से 2020 तक वे हेम केयर की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहीं, 2020 से 2022 तक ब्यूटी और पर्सनल केयर की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहीं। इसके बाद वे यूनिलीवर में ग्लोबल चीफ मार्केटिंग ऑफिसर बनी और 2023 से वे ब्यूटी एंड वेलबीइंग यूनिट की प्रेसिडेंट हैं।
एचयूएल चेयरमैन नितिन परांजपे ने की सराहना
वहीं प्रिया नायर के कंपनी की नई सीईओ और एमडी बनने की घोषणा की एचयूएल के चेयरमैन नितिन परांजपे ने सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रिया ने यूनिलीवर और एचयूएल में शानदार काम किया है। उन्हें भारत के बाजार की गहरी समझ है और उनके नेतृत्व में एचयूएल नई ऊंचाइयों को छुएगा।
दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टोकरेंसी अपने नए शिखर को पर पहुंच गया है। गुरुवार को एक क्रिप्टोकरेंसी 118062.60 डॉलर के भाव पर कारोबार करता दिखा और अपने पिछले हाई 117000 डॉलर को पार कर गया। भारतीय रुपये में एक बिटकॉइन की कीमत करोड़ से अधिक करीब 10136974.07 रुपये हो गई है।
क्या है बिटकॉइन की कीमतों में उछाल का कारण?
दुनिया की सबसे प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमतों में उछाल निवेशकों के निरंतर आशावाद और बढ़ती संस्थागत रुचि के कारण आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों ने भी क्रिप्टोकरेंसी की मजबूती में योगदान दिया है। जैसे-जैसे क्रिप्टो बाजार 2025 की दूसरी छमाही में प्रवेश कर रहा है, निवेशकों का ध्यान प्रमुख मैक्रो संकेतकों पर केंद्रित हो रहा है। आगामी अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े और फेड के फैसले क्रिप्टोकरेंसी बाजार में रुझानों को नई दिशा देंगे। फिलहाल, निवेशकों के बीच आशावाद का माहौल है।
Mahindra & Mahindra-SML Isuzu Deal: CCI यानी भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने मंगलवार को एक महिंद्रा और SML Isuzu के अधिग्रहण सौदे को मंजूरी दी. इस सौदे के तहत Mahindra & Mahindra की तरफ से SML Isuzu में करीब 59 फीसदी हिस्सेदारी की खरीद का प्रस्ताव है. इसके लिए दोनों कंपनियों के बीच 555 करोड़ रुपये का सौदा हुआ है. Mahindra ने अप्रैल में इस अधिग्रहण की घोषणा की थी. CCI ने इस अधिग्रहण को प्रतिस्पर्धा के नियमों के तहत निष्पक्ष मानते हुए मंजूरी दी है.
CCI ने क्या कहा?
CCI ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड की तरफ से एसएमएल इसुजु लिमिटेड के अधिग्रहण कों मंजूरी दी गई है. महिंद्रा जहां ऑटोमोटिव और कृषि उपकरण भी बनाती है. वहीं, एसएमएल इसुजु SUV के साथ ही व्यावसायिक वाहन भी बनाती है.
क्या हुआ सौदा?
अप्रैल में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कहा था कि वह एसएमएल के प्रमोटर सुमितोमो कॉरपोरेशन की 43.96 प्रतिशत की पूरी हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी. इसके अलावा एसएमएल के सार्वजनिक शेयरधारक इसुजु मोटर्स की 15 फीसदी हिस्सेदारी का अलग से अधिग्रहण करेगी. इस सौदे की कुल कीमत 555 करोड़ रुपये होगी. इसके अलावा वह सेबी अधिग्रहण नियमों के मुताबिक एसएमएल इसुजु में 26 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए खुली पेशकश करेगी.
क्यों किया यह सौदा?
महिंद्रा का कहना है कि यह सौदा कंपनी की तरफ से उच्च संभावित विकास क्षेत्रों में निवेश रणनीति के मुताबिक है. महिंद्रा के लिए इस अधिग्रहण के बाद बस और ट्रक जैसे बड़े व्यावसायिक वाहनों में प्रवेश का मौका मिलेगा. SML Isuzu का कारोबार भारत के बाहर भी दर्जनों देशों में है. इस तरह महिंद्रा को इस अधिग्रहण से व्यावसायिक वाहनों के अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रवेश का मौका मिलेगा. इस सौदे से महिंद्रा को खासतौर पर टाटा से प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा, जो प्राइवेट पैसेंजर व्हीकल्स के साथ ही कमर्शियल व्हीकल की बड़ी खिलाड़ी है.
OLA 0 Commission Model: ऑनलाइन कैब सर्विस प्रोवाइडर ओला ने मंगलवार 17 जून को कहा कि वह वाहन चालकों से कोई कमीशन नहीं लेगी. ओला ने अपने 0 फीसदी कमीशन मॉडल को देश भर में लागू करने की घोषणा की है, जिससे ड्राइवरों को अपनी किराया आय का 100 फीसदी हिस्सा रखने में मदद मिलेगी. यह पहल सभी कैटेगरी- ऑटो, बाइक और कैब – पर लागू होती है, जिसमें सवारी या इनकम की कोई लिमिट नहीं है.
10 लाख ड्राइवर्स को मिलेगा फायदा
ओला से जुड़े 10 लाख से अधिक ड्राइवर सवारी या आय संबंधी किसी लिमिट के बगैर किराये से हुई पूरी कमाई रख सकेंगे. कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस पहल के तहत कैब ड्राइवर अपना प्लान खुद चुन सकते हैं और बिना किसी कटौती या लिमिट के पूरा किराया भी रख सकते हैं.