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नई दिल्ली । भारत सरकार के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के अनुसार स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स ने 55 उद्योगों में 16.6 लाख से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां सृजित की हैं। ये स्टार्टअप नई प्रौद्योगिकी पर अतिरिक्त काम करते हुए भारत के अर्थव्यवस्था में नये उद्यामियों को बढ़ावा देते हैं। इसमें हरित प्रौद्योगिकी 27,808 नौकरियां, नवीकरणीय ऊर्जा 41,523 नौकरियां और पेशेवर सेवाएं 94,060 नौकरियां जैसे क्षेत्र शामिल हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता और रोबोटिक्स जैसे उभरते क्षेत्र भी भविष्य में वृद्धि दर्शाते हैं।


कृत्रिम बुद्धिमत्ता और रोबोटिक्स जैसे उभरते क्षेत्र भी भविष्य में वृद्धि दर्शाते हैं
स्टार्टअप इंडिया पहल ने स्टार्टअप्स के लिए विभिन्न कार्यक्रम जैसे फंड ऑफ फंड्स, स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम, और क्रेडिट गारंटी स्कीम को प्रदान कर बिजनेस को बढ़ावा देता है। राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार, राज्यों की स्टार्टअप रैंकिंग और इनोवेशन वीक जैसी पहल पूरे देश में समान अवसर उपलब्ध कराती हैं। इस योगदान से स्थापित होती स्टार्टअप इंडिया हब और भारत स्टार्टअप नॉलेज एक्सेस रजिस्ट्री ने स्टार्टअप्स के लिए संसाधनों और सहयोग को सुव्यवस्थित करने में सहायक साबित हुए हैं। भारत ने ग्लोबल स्टार्टअप सहयोग के लिए जी20 इंगेजमेंट ग्रुप जैसी महत्वपूर्ण पहल भी शुरू की है।

 


जयपुर । आदित्य बिड़ला समूह ने अपनी विभिन्न कारोबारों में राजस्थान में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की है। समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने बताया कि इस निवेश में नवीकरणीय ऊर्जा में 6,000 करोड़ रुपये भी शामिल होगा। उन्होंने समूह की महत्वपूर्ण उपस्थिति के बारे में बताते हुए कहा कि समूह के छह व्यवसायों में सीमेंट, दूरसंचार, फैशन रिटेल, आभूषण कारोबार आदि शामिल हैं।


निवेश योजना में सीमेंट, दूरसंचार, फैशन रिटेल, आभूषण कारोबार आदि शामिल
बिड़ला ने राज्य में सीमेंट उत्पादन की बढ़ोतरी की योजना का भी खुलासा किया और बताया कि कंपनी अब एक करोड़ टन सीमेंट उत्पादन करेगी। समूह के अगले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण निवेश की योजना बनाने के लिए बिड़ला समूह राइजिंग राजस्थान निवेश शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। इस घोषणा से राजस्थान की अर्थव्यवस्था को नया जीवन मिलने की उम्मीदें हैं और समूह के निवेश से राज्य में और विकास की राह खुल सकती है।

 

 

नई ‎दिल्ली । केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025-26 से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना को बंद करने का तैयारी कर ली है। यह योजना निवेशकों को सोने की कीमत के बराबर भुगतान और ब्याज हासिल कराती थी, जिससे सरकार का वित्तीय बोझ बढ़ जाता था। सरकार ने अपने कर्ज और सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में व्यापक कमी करने का निर्णय लिया है और इस कदम के साथ सोने के आयात को भी कम किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि 2026 के बजट में कर्ज घटाने के लिए एक विस्तृत योजना प्रस्तुत की जा सकती है।


सरकार ने अपने कर्ज और सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में कमी करने का लिया निर्णय
वित्त वर्ष 2025 में ऋण-जीडीपी अनुपात को 56.8 फीसदी रखने की उम्मीद है, जो 2024 में 58.2 फीसदी था। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना की शुरुआत 2015 में हुई थी और इसका उद्देश्य फिजिकल गोल्ड की जगह बॉन्ड में निवेश को बढ़ाना था। वित्त वर्ष 2025 में अब तक कोई नया गोल्ड बॉन्ड जारी नहीं किया गया है, जबकि पिछले वर्ष 18,500 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया था। यह कदम सरकार की दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता और राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने के लक्ष्य के साथ ‎लिया गया है। यह निर्णय सरकार के वित्तीय बोझ कम करने और स्थिरता बनाए रखने के मार्ग पर एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही इस योजना के बंद होने से सोने के आयात को भी कम किया जा सकेगा।

 


नई दिल्ली। महिंद्रा और इंडिगो के बीच हुआ कोड 6ई को लेकर विवाद अब अदालत पहुंच गया। इस मामले में महिंद्रा के तेवर नरम पड़ रहे हैं। महिंद्रा ने इस कोड से दूरी बना ली है। उसने कहा कि जब तक अदालत में यह मामला सुलझ नहीं जाता, तब तक वह अपनी गाड़ियों के नाम में कोड 6ई का इस्तेमाल नहीं करेगी।
दरअसल, महिंद्रा एंड महिंद्रा ने पिछले पहले इलेक्ट्रिक एसयूवी कारों की नई रेंज बाजार में उतारी थीं। कंपनी ने इनमें से एक रेंज को बीई 6ई नाम दिया था। इस कोड पर इंडिगो एयरलाइन ने आपत्ति जताई थी क्योंकि 6ई इंडिगो एयरलाइन का कोड है। एयरलाइन की फ्लाइट के नंबर 6ई कोड के साथ शुरू होते हैं। कंपनी ने बाद में महिंद्रा के खिलाफ केस दायर कर दिया था।
इंडिगो ने इसे ट्रेडमार्क का उल्लंघन बताया था। वहीं ट्रेडमार्क मामले में महिंद्रा ने भी सफाई दी थी। महिंद्रा ने कहा था कि वह उसने इलेक्ट्रिक ओरिजिन एसयूवी पोर्टफोलियो के एक हिस्से के रूप में बीई 6ई के लिए क्लास 12 वाहन के तहत ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया है। इस मामले में इंडिगो की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। महिंद्रा ग्रुप की कंपनी महिंद्रा इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल लिमिटेड ने कोर्ट में कहा कि जब तक ट्रेडमार्क से संबधित मामले में कोई फैसला नहीं आता, तब तक वह नई इलेक्ट्रिक कारों में इस कोड का इस्तेमाल नहीं करेगी। महिंद्रा ने कहा कि वह अपने मॉडल के नाम को बीई6ई से बदलकर बीई6 करेगी। हालांकि उसने यह भी कहा कि वह इंडिगो के दावों को भी कोर्ट में लेकर जाएगी। मामले की अगली सुनवाई अप्रैल 2025 में होगी।
बता दें यह पहली बार नहीं है तब इंडिगो एयरलाइन ने नाम को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है। यह एयरलाइन पहले भी कोर्ट जा चुकी है। मामला साल 2005 का है। उस समय इंडिगो का पंगा टाटा मोटर्स के साथ था। दरअसल, इंडिगो एयरलाइंस की शुरुआत साल 2004 में हुई थी। हालांकि कंपनी के विमानों ने उड़ान भरना शुरू नहीं किया था। उस समय टाटा मोटर्स अपनी एक कार को इंडिगो नाम से बेचती थी। इसके बाद भी एयरलाइन ने अपने नाम को इंडिगो के साथ जारी रखा था।

नई दिल्ली । रियल एस्टेट उद्योग में एक बड़ी खबर सामने आई है। भारत की चुनौतीपूर्ण बाजार में अपनी अपूर्व क्षमताओं के साथ पहचान बनाने वाली कंपनी सिग्नेचर ग्लोबल, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रवेश करने की तैयारी में है। कंपनी के एक व‎रिष्ठ अ‎धिकारी ने बताया कि सिग्नेचर ग्लोबल ने यह निर्णय लिया है कि वे नोएडा, ग्रेटर नोएडा, और यमुना एक्सप्रेसवे में जमीन के तलाश करेंगे। उन्होंने इस योजना को गुरुग्राम के बाजार से परे जमीन में अपने कारोबार का विस्तार करने की योजना बताई। अ‎धिकारी ने हाल ही में एक उद्घाटन समारोह में कहा ‎कि हमारा लक्ष्य इस वर्ष बिक्री बुकिंग में 25 प्रतिशत की वृद्धि करना है। हम आशा करते हैं कि हम नोएडा में अपनी पहली कदम रखेंगे और उससे उत्थानी को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा ‎कि हमने चालू वित्त वर्ष के लिए 10,000 करोड़ रुपये की बिक्री बुकिंग का अनुमान लगाया है। हमने इस वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में 5,900 करोड़ रुपये की बिक्री बुकिंग हासिल कर ली है।’ पहले छह महीनों में मजबूत प्रदर्शन को देखते हुए हमें अपने वार्षिक लक्ष्य से अधिक हासिल करने की पूरी उम्मीद है।’ सिग्नेचर ग्लोबल की बिक्री बुकिंग वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-सितंबर अवधि में तीन गुना होकर 5,900 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वर्ष 2023-24 की इसी अवधि में 1,860 करोड़ रुपये थी। इस समाचार ने रियल एस्टेट बाजार में एक नया उत्साह भर दिया है और सिग्नेचर ग्लोबल की नैतिकता और उद्दीपन की दिशा में प्रस्थान किया है। यह कदम उम्मीदवार है कि उद्यमियों को और भी सफलता की ओर ले जाएगा।

 

नई दिल्ली । वनप्लस चीन की एक प्रमुख स्मार्टफोन निर्माता कंपनी ने भारत में व्यापार में बड़ी निवेश योजना की घोषणा की है। कंपनी की इस योजना के अनुसार अगले तीन सालों में वनप्लस भारतीय बाजार में 6,000 करोड़ रुपये तक निवेश करेगी। वनप्लस ने प्रोजेक्ट स्टारलाईट की शुरुआत करने का निर्णय लिया है, जिसमें कंपनी भारत में उत्पाद नवाचार को बढ़ावा देने और सेवाओं में सुधार करने के लिए 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। प्रोजेक्ट स्टारलाईट निवेश की मुख्य धाराओं में अधिक टिकाऊ उपकरण बनाने, ग्राहक सेवा में उत्कृष्टता बढ़ाने और भारत-विशिष्ट विशेषताओं को विकसित करने का उद्देश्य है। वनप्लस के भारत में एक प्रमुख अ‎धिकारी ने इस निवेश की उच्च प्राधान्यता को दर्शाते हुए कहा कि भारत उनके लिए प्रमुख बाजार है और वे भारतीय समुदाय का साथ और समर्थन प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह निवेश कंपनी के ब्रांड के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है और उत्पादों और सेवाओं में नवाचार लाने में मदद करेगा। वनप्लस की यह बड़ी निवेश भारतीय स्मार्टफोन बाजार में एक नया मुकाम स्थापित कर सकती है और वनप्लस को भारत में एक मान्य ब्रांड बनाने में मदद कर सकती है।

नई दिल्ली। हुंदै मोटर इंडिया लिमिटेड ने घोषणा की कि वह अपने विभिन्न मॉडल वाहनों की कीमतों में एक जनवरी 2025 से 25,000 रुपये तक की वृद्धि करेगी। कंपनी ने बताया कि कच्चे माल की लागत में वृद्धि, प्रतिकूल विनिमय दर और लॉजिस्टिक्स लागत में वृद्धि के कारण मूल्य वृद्धि आवश्यक हो गई है। इस निर्णय के साथ कंपनी ने यह सुनिश्चित किया कि मूल्य वृद्धि सभी मॉडलों पर लागू होगी और इसकी सीमा 25000 रुपये तक होगी। कंपनी के एक व‎रिष्ठ अ‎धिकारी ने यह निर्णय कहा ‎कि एक मूल्य समायोजन के जरिये वहन करना अनिवार्य हो गया है, क्योंकि कंपनी ने हमेशा ग्राहकों पर कम प्रभाव डालने का प्रयास किया है। वर्तमान में एचएमआईएल की विभिन्न वाहन श्रृंखला की कीमत 5.92 से 46.05 लाख रुपये के बीच है। उन्होंने बताया कि यह मूल्य वृद्धि 2025 के सभी मॉडलों पर प्रभावित होगी।


नई दिल्ली। भारत के सुपरमार्केट सेगमेंट की अग्रणी कंपनी विशाल मेगा मार्ट ने घोषित किया है कि वह 8,000 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) का आयोजन 11 दिसंबर को करेगी। यह आईपीओ 13 दिसंबर तक खुला रहेगा और बड़े निवेशक 10 दिसंबर को बोली लगा सकेंगे। आईपीओ के दस्तावेजों के अनुसार इसमें कोई नया निर्गम शामिल नहीं है और इसे पूरी तरह से प्रवर्तक समयत सर्विसेज एलएलपी के द्वारा शेयरों की बिक्री पेशकश की जा रही है। विशाल मेगा मार्ट की वर्तमान मालिकी में समयत सर्विसेज एलएलपी की 96.55 प्रतिशत हिस्सेदारी है। विशाल मेगा मार्ट के संयोजकों ने बताया कि साल 2024 तक उनके पास भारत में 626 सक्रिय स्टोर होंगे, जिनमें उनकी एक मोबाइल ऐप और वेबसाइट भी शामिल होगी। विशाल मेगा मार्ट के इस आईपीओ का अवलोकन वित्तीय बाजार में बड़े ही उत्साह से किया जा रहा है और उम्मीद है कि यह अच्छे सम्पत्ति चयन का माध्यम बन सकता है।

 

सरकार की ओर से महिलाओं के कल्याण के लिए कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। सरकार की ओर से उज्जवला योजना, पीएम आवास योजना जैसी कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। अब सरकार एक नई योजना की शुुरुआत करने जा रही है, जिसके तहत उसे 7000 रुपए महीना मिलेगा।

खबरों के अनुसार, सरकार अब बीमा सखी योजना शुरू करने जा रही है। अभी हरियाणा की महिलाओं और युवतियों के लिए ये योजना शुरू की जा रही है। पीएम मोदी हरियाणा के पानीपत से 9 दिसंबर इस योजना को शुरू करेंगे। बाद में इस योजना को देश के अन्य राज्यों में चलाया जा सकता है।

इस योजना का लाभ 18 से 50 वर्ष की महिलाएं उठा सकेंगी। महिलाएं 10वीं पास होना चाहिए। इस योजना के तहत महिलाओं को बीमा एजेंट के तौर पर काम करना होगा। इस योजना के तहत पहले साल में हर महीने 7000 रुपए, दूसरे साल से 6000 रुपए और तीसरे साल से 5000 रुपए दिए जाएंगे।


किसान विकास पत्र (KVP) भारत सरकार की एक सुरक्षित और लाभदायक बचत योजना है, जिसमें आपका निवेश 115 महीनों (9 साल 7 महीने) में दोगुना हो जाता है। 7.5% की ब्याज दर और सरकारी गारंटी के साथ यह योजना उन लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है, जो बिना जोखिम के अपनी बचत को बढ़ाना चाहते हैं। न्यूनतम निवेश ₹1,000 से शुरू होता है और अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है।

किसान विकास पत्र योजना के मुख्य लाभ
दोगुना निवेश: वर्तमान ब्याज दर 7.5% के साथ निवेश 115 महीनों में दोगुना हो जाएगा।
प्रीमैच्योर निकासी: 2.5 साल (30 महीने) बाद आपात स्थिति में राशि निकाली जा सकती है।
शून्य जोखिम: सरकारी गारंटी होने से यह योजना पूरी तरह सुरक्षित है।
लोन सुविधा: KVP प्रमाणपत्र को गिरवी रखकर बैंक से लोन लिया जा सकता है।
सभी वर्गों के लिए उपयुक्त: ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के छोटे और बड़े निवेशकों के लिए आदर्श।


कैसे करें किसान विकास पत्र में निवेश?
पोस्ट ऑफिस या बैंक जाएं: पहचान और पते के प्रमाण (जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड) के साथ आवेदन करें।
भुगतान विकल्प: नकद, चेक, या डिमांड ड्राफ्ट से राशि जमा करें।
प्रमाणपत्र प्राप्त करें: इसमें निवेश राशि, ब्याज दर, और परिपक्वता तिथि का उल्लेख होता है।


कितना मिलेगा रिटर्न?
परिपक्वता अवधि: 115 महीने
ब्याज दर: 7.5%
न्यूनतम निवेश: ₹1,000
ऊपरी सीमा: कोई नहीं

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