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भारत सरकार स्वास्थ्य बीमा दावों को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बढ़ती लागत पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार बड़ा कदम उठाने की योजना बना रही है। सरकार की योजना है कि मौजूदा नेशनल हेल्थ क्लेम्स एक्सचेंज पोर्टल को वित्त मंत्रालय और बीमा नियामक संस्था IRDAI (भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण) के अधीन लाया जाए। बता दें कि अभी यह पोर्टल स्वास्थ्य मंत्रालय की National Health Authority के अंतर्गत आता है।

अस्पतालों में बीमा कवरेज वाले मरीजों से अधिक पैसे लिए जा रहे हैं

समाचार एजेंसी रॉयटर्स पर सरकारी सूत्रों के हवाले से प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, बीमा नियामक संस्था और सरकार ने कई विश्लेषण किए हैं। इसमें यह पाया गया है कि कई निजी अस्पताल बीमा कराने वाले मरीजों से अत्यधिक पैसा वसूल रहे हैं। जिन मरीजों के पास लाखों या करोड़ों रुपये के बीमा कवरेज हैं, उनसे और अधिक पैसे लिए जा रहे हैं। इसका सीधा असर बीमा कंपनियों की लागत पर पड़ रहा है। इस कारण कंपनियां प्रीमियम की दरें बढ़ा रही हैं। इससे कई लोगों के लिए स्वास्थ्य बीमा लेना महंगा या लगभग असंभव हो गया है।

सरकार अब नकेल कसने की कवायद कर रही है

इस रिपोर्ट में एक ग्लोबल मेडिकल ट्रेंड का भी जिक्र किया गया है। इसके मुताबिक, भारत में स्वास्थ्य सेवा की लागत 2025 में 13% तक बढ़ने का अनुमान है, जो वैश्विक औसत 10 फीसदी से अधिक है। अस्पतालों की लागत 2024 में दर्ज की गई 12 फीसदी से भी अधिक पाई गई है, जिसके बाद केंद्र सरकार अब नकेल कसने की कवायद कर रही है।

बीमा प्रीमियम की बढ़ती लागत चिंताजनक

खबर के मुताबिक सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि देश में स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम से होने वाली वार्षिक आय भी कम हुई है। वित्त वर्ष 2024-25 में वृद्धि दर घटकर 9% रह गई है, जबकि पहले यह 20 फीसदी से अधिक थी। बीमा प्रीमियम की बढ़ती लागत के कारण लोग अपनी पॉलिसी का नवीनीकरण नहीं करा पा रहे हैं।

बीमा के दावों से जुड़े पोर्टल की निगरानी वित्त मंत्रालय और बीमा नियामक के अधीन

तमाम पहलुओं के विश्लेषण के बाद सरकार का मानना है कि अगर बीमा के दावों से जुड़े पोर्टल की निगरानी वित्त मंत्रालय और बीमा नियामक के अधीन लाई जाती है, तो बीमा कंपनियां मिलकर अस्पतालों के साथ दरें तय करने में सक्षम होंगी। इससे अनावश्यक खर्च और ओवरचार्जिंग पर नकेल कसी जा सकेगी। सरकार का मकसद स्वास्थ्य बीमा प्रणाली को अधिक पारदर्शी, सुलभ और किफायती बनाना है।

भारत सरकार की तरफ से आधिकारिक बयान का इंतजार

यह भी दिलचस्प है कि स्वास्थ्य और वित्त मंत्रालयों की तरफ से इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, अगर सरकार यह पहल करती है तो देश में आसमान छूते जा रही अस्पताल के खर्चों और स्वास्थ्य लागत पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा। साथ ही बीमा के गिरते कवरेज को नियंत्रित करने में भी मदद मिल सकती है।

 

इरेडा के जारी बॉन्ड में निवेश पर कर छूट दी जाएगी। इससे नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अधिक निवेश मिल सकेगा। कंपनी ने बताया, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने बॉन्ड को दीर्घकालिक विशिष्ट परिसंपत्ति के रूप में अधिसूचित किया है। पांच वर्षों के बाद भुनाए जाने वाले और अधिसूचना तिथि या उसके बाद इरेडा के जारी बॉन्ड आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 54ईसी के अंतर्गत कर छूट लाभ के लिए पात्र होंगे। पात्र निवेशक एक वित्त वर्ष में इस बॉन्ड में निवेश करके 50 लाख रुपये तक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) पर कर बचा सकते हैं।

अनिल अंबानी पर लगा धोखाधड़ी टैग वापस

अनिल अंबानी को केनरा बैंक से राहत मिली है। बैंक ने उनके कर्ज के खाते पर लगा धोखाधड़ी का टैग वापस ले लिया है। नवंबर, 2024 में केनरा बैंक ने रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस टेलीकॉम के कर्ज खातों को धोखाधड़ी वाला घोषित किया था। बैंक का आरोप था कि कंपनी ने लोन की रकम का दुरुपयोग किया।

सरकारी तेल कंपनियों को मिल सकती है 35,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी

लागत से कम कीमत पर एलपीजी बेचने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकारी तेल कंपनियों को 30,000 से 35,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिल सकती है। तीन प्रमुख कंपनियां इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम व हिंदुस्तान पेट्रोलियम पिछले 15 महीने से लागत से कम भाव पर ईंधन बेच रही हैं। वित्त मंत्रालय वास्तविक घाटे और उसकी भरपाई पर काम कर रहा है। सरकार ने बजट में घाटे की भरपाई के लिए कोई प्रावधान नहीं किया। हालांकि, अप्रैल में सरकार ने 32,000 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया था। इसका उपयोग वित्त मंत्रालय एलपीजी की कम वसूली की भरपाई के लिए कर सकता है। 2024-25 में उद्योग को एलपीजी की बिक्री पर कुल नुकसान 40,500 करोड़ होने का अनुमान है। शुल्क वृद्धि के साथ खुदरा रसोई गैस के 14.2 किलो वाले सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी की गई।

8.35 लाख करोड़ की बन सकती है हर कंपनी

अमेरिकी शॉर्ट सेलर वाइसरॉय रिसर्च के आरोपों के बीच वेदांता लि. के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा, कंपनी का आकार दोगुना करने के लिए 3डी रणनीति यानी डिमर्जर, विविधीकरण और डी-लिवरेजिंग बनाई गई है। डिमर्जर के बाद हर कारोबार 8.35 लाख करोड़ रुपये का हो सकता है। वेदांता की आर्थिक स्थिति मजबूत है।

टीसीएस देगी 11 रुपये का लाभांश, मुनाफा 6% बढ़ा

टाटा समूह की टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज यानी टीसीएस को 2025-26 की पहली तिमाही में 12,760 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ है। 2023-24 की समान तिमाही के 12,040 करोड़ रुपये की तुलना में यह लाभ 5.98 फीसदी बढ़ा है। कंपनी ने प्रति शेयर 11 रुपये लाभांश देने की घोषणा की है। अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी ने संचालन से 63,437 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया। सालाना आधार पर यह 1.31% कम है। परिणाम से पहले कंपनी का शेयर मामूली गिरकर 3,382.30 रुपये पर बंद हुआ। बीते छह महीने में शेयर 20.41 फीसदी, एक साल में 13.15% और इस साल यानी एक जनवरी से अब तक 17.45 फीसदी गिरा है। कर्मचारियों की संख्या 6,000 बढ़कर 6,13,069 हो गई है।

 

 

हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) ने गुरुवार को बड़ी घोषणा करते हुए बताया कि प्रिया नायर को कंपनी की नई सीईओ और एमडी नियुक्त किया गया है। नायर 1 अगस्त 2025 से यह जिम्मेदारी संभालेंगी और इस पद पर पहुंचने वाली एचयूएल की पहली महिला होंगी। प्रिया नायर फिलहाल यूनिलीवर की प्रेसिडेंट ब्यूटी एंड वेलबीइंग हैं। इसको लेकर एचयूएल ने बताया कि उन्हें पांच साल के कार्यकाल के लिए यह पद सौंपा गया है।

बता दें कि प्रिया नायर मौजूदा सीईओ और एमडी रोहित जावा की जगह लेंगी, जो 31 जुलाई 2025 को पद छोड़ देंगे। रोहित जावा ने 2023 में एचयूएल की कमान संभाली थी और अपने कार्यकाल में कंपनी को कठिन बाजार हालातों में भी आगे बढ़ाया।

एचयूएल बोर्ड में भी होंगी शामिल

एचयूएल ने यह भी बताया कि प्रिया नायर को जरूरी मंजूरी मिलने के बाद एचयूएल के बोर्ड में भी शामिल किया जाएगा। साथ ही वे यूनिलीवर लीडरशिप एग्जीक्यूटिव (यूएलई) की सदस्य बनी रहेंगी। देखा जाए तो यह कदम भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है और एचयूएल के इतिहास में एक अहम बदलाव माना जा रहा है।

प्रिया नायर का एचयूएल में कैसा रहा सफर?

वहीं बात अगर एचयूएल में प्रिया नायर के सफर की करें तो, नायर ने 1995 में एचयूएल से करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने सेल्स और मार्केटिंग से जुड़े कई अहम पदों पर काम किया। 2014 से 2020 तक वे हेम केयर की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहीं, 2020 से 2022 तक ब्यूटी और पर्सनल केयर की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहीं। इसके बाद वे यूनिलीवर में ग्लोबल चीफ मार्केटिंग ऑफिसर बनी और 2023 से वे ब्यूटी एंड वेलबीइंग यूनिट की प्रेसिडेंट हैं।

एचयूएल चेयरमैन नितिन परांजपे ने की सराहना

वहीं प्रिया नायर के कंपनी की नई सीईओ और एमडी बनने की घोषणा की एचयूएल के चेयरमैन नितिन परांजपे ने सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रिया ने यूनिलीवर और एचयूएल में शानदार काम किया है। उन्हें भारत के बाजार की गहरी समझ है और उनके नेतृत्व में एचयूएल नई ऊंचाइयों को छुएगा।

 

 

दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टोकरेंसी अपने नए शिखर को पर पहुंच गया है। गुरुवार को एक क्रिप्टोकरेंसी 118062.60 डॉलर के भाव पर कारोबार करता दिखा और अपने पिछले हाई 117000 डॉलर को पार कर गया। भारतीय रुपये में एक बिटकॉइन की कीमत करोड़ से अधिक करीब 10136974.07 रुपये हो गई है।

क्या है बिटकॉइन की कीमतों में उछाल का कारण?

दुनिया की सबसे प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमतों में उछाल निवेशकों के निरंतर आशावाद और बढ़ती संस्थागत रुचि के कारण आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों ने भी क्रिप्टोकरेंसी की मजबूती में योगदान दिया है। जैसे-जैसे क्रिप्टो बाजार 2025 की दूसरी छमाही में प्रवेश कर रहा है, निवेशकों का ध्यान प्रमुख मैक्रो संकेतकों पर केंद्रित हो रहा है। आगामी अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े और फेड के फैसले क्रिप्टोकरेंसी बाजार में रुझानों को नई दिशा देंगे। फिलहाल, निवेशकों के बीच आशावाद का माहौल है।

 

 

Mahindra & Mahindra-SML Isuzu Deal: CCI यानी भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने मंगलवार को एक महिंद्रा और SML Isuzu के अधिग्रहण सौदे को मंजूरी दी. इस सौदे के तहत Mahindra & Mahindra की तरफ से SML Isuzu में करीब 59 फीसदी हिस्सेदारी की खरीद का प्रस्ताव है. इसके लिए दोनों कंपनियों के बीच 555 करोड़ रुपये का सौदा हुआ है. Mahindra ने अप्रैल में इस अधिग्रहण की घोषणा की थी. CCI ने इस अधिग्रहण को प्रतिस्पर्धा के नियमों के तहत निष्पक्ष मानते हुए मंजूरी दी है.

CCI ने क्या कहा?
CCI ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड की तरफ से एसएमएल इसुजु लिमिटेड के अधिग्रहण कों मंजूरी दी गई है. महिंद्रा जहां ऑटोमोटिव और कृषि उपकरण भी बनाती है. वहीं, एसएमएल इसुजु SUV के साथ ही व्यावसायिक वाहन भी बनाती है.

क्या हुआ सौदा?
अप्रैल में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कहा था कि वह एसएमएल के प्रमोटर सुमितोमो कॉरपोरेशन की 43.96 प्रतिशत की पूरी हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी. इसके अलावा एसएमएल के सार्वजनिक शेयरधारक इसुजु मोटर्स की 15 फीसदी हिस्सेदारी का अलग से अधिग्रहण करेगी. इस सौदे की कुल कीमत 555 करोड़ रुपये होगी. इसके अलावा वह सेबी अधिग्रहण नियमों के मुताबिक एसएमएल इसुजु में 26 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए खुली पेशकश करेगी.

क्यों किया यह सौदा?
महिंद्रा का कहना है कि यह सौदा कंपनी की तरफ से उच्च संभावित विकास क्षेत्रों में निवेश रणनीति के मुताबिक है. महिंद्रा के लिए इस अधिग्रहण के बाद बस और ट्रक जैसे बड़े व्यावसायिक वाहनों में प्रवेश का मौका मिलेगा. SML Isuzu का कारोबार भारत के बाहर भी दर्जनों देशों में है. इस तरह महिंद्रा को इस अधिग्रहण से व्यावसायिक वाहनों के अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रवेश का मौका मिलेगा. इस सौदे से महिंद्रा को खासतौर पर टाटा से प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा, जो प्राइवेट पैसेंजर व्हीकल्स के साथ ही कमर्शियल व्हीकल की बड़ी खिलाड़ी है.

 

 

OLA 0 Commission Model: ऑनलाइन कैब सर्विस प्रोवाइडर ओला ने मंगलवार 17 जून को कहा कि वह वाहन चालकों से कोई कमीशन नहीं लेगी. ओला ने अपने 0 फीसदी कमीशन मॉडल को देश भर में लागू करने की घोषणा की है, जिससे ड्राइवरों को अपनी किराया आय का 100 फीसदी हिस्सा रखने में मदद मिलेगी. यह पहल सभी कैटेगरी- ऑटो, बाइक और कैब – पर लागू होती है, जिसमें सवारी या इनकम की कोई लिमिट नहीं है.

10 लाख ड्राइवर्स को मिलेगा फायदा
ओला से जुड़े 10 लाख से अधिक ड्राइवर सवारी या आय संबंधी किसी लिमिट के बगैर किराये से हुई पूरी कमाई रख सकेंगे. कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस पहल के तहत कैब ड्राइवर अपना प्लान खुद चुन सकते हैं और बिना किसी कटौती या लिमिट के पूरा किराया भी रख सकते हैं.

 

हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (HZL) में बड़ी ब्लॉक डील हो सकती है. प्रमोटर कंपनी वेदांता ब्लॉक डील के जरिए हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में 7,500 करोड़ रुपये के शेयर बेच सकती है. शेयरों को पिछले बंद भाव से 10 फीसदी तक की छूट पर पेश किए जाने की संभावना है. डीएएम कैपिटल और सिटी ब्रोकर के रूप में इस डील का प्रबंधन कर रहे हैं. ताजा शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, वेदांता के पास कंपनी में 63.42 फीसदी हिस्सेदारी थी. मंगलवार 17 जून को हिंदुस्तान जिंक के शेयर एनएसई पर 5.26 फीसदी गिरकर 485.95 रुपये पर बंद हुए.

प्रोडक्शन कैपेसिटी को बढ़ा रही कंपनी
हिंदुस्तान जिंक ने एक्सचेंजों को सूचित किया कि उसके बोर्ड ने जिंक, लेड और सिल्वर उत्पादन की अपनी क्षमता को दोगुना करने की योजना के शुरुआती चरण को मंजूरी दे दी है. इस विस्तार के हिस्से के रूप में कंपनी अपनी इंटीग्रेटेड रिफाइन्ड मेटल कैपिसिटी को 250 किलोटन प्रति वर्ष (ktpa) तक बढ़ाएगी, साथ ही माइनिंग और मिलिंग कैपेसिटी में भी इसी तरह की वृद्धि होगी.

अंतरिम डिविडेंड पर नजर
12,000 करोड़ रुपये की इस परियोजना को 36 महीनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जो बढ़ती वैश्विक मांग के मद्देनजर कंपनी की क्षमता निर्माण की दिशा में आक्रामक कदम का संकेत है. इस बीच वेदांता लिमिटेड के शेयरधारक बुधवार के कारोबारी सत्र पर नजर गड़ाए हुए हैं, जब कंपनी का बोर्ड चालू वित्त वर्ष के लिए अपने पहले अंतरिम डिविडेंड प्रस्ताव पर विचार करने वाला है.

कंपनी ने दिए हैं जमकर डिविडेंड
वित्त वर्ष 25 में अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाले समूह ने डिविडेंड के रूप में प्रति शेयर 43.5 रुपये का भुगतान किया. हिंदुस्तान जिंक को लगातार हाई डिविडेंड भुगतान के लिए जाना जाता है. कंपनी ने पिछले 12 महीनों में प्रति शेयर 19 रुपये का डिविडेंड दिया है.

 

CCI Approve Delhivery Ecom Express: भारत के लॉजिस्टिक्स सेक्टर में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है. मंगलवार को कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने Delhivery Ltd को ईकॉम एक्सप्रेस (Ecom Express Ltd) का कंट्रोलिंग स्टेक खरीदने की मंजूरी दे दी है. यह डील करीब 1,407 करोड़ रुपये की नकद राशि में तय हुई है. दोनों कंपनियों के बीच ये डील कुछ महीने पहले फाइनल हो चुका था, अब CCI ने इस डील को मंजूरी दे दी है.

क्या है पूरा मामला?
Delhivery लिमिटेड ने अप्रैल 2025 में ऐलान किया था कि वह ईकॉम एक्सप्रेस के शेयरधारकों से कंपनी में बहुमत हिस्सेदारी खरीदेगी. इस डील के तहत Delhivery कम से कम 99.44 फीसदी इक्विटी और प्रेफरेंस शेयर (पूरी तरह डायल्यूटेड आधार पर) खरीदेगी. CCI ने इस डील को मंजूरी देते हुए कहा कि यह अधिग्रहण कॉम्पटीशन के नियमों के आधार पर हुआ है और बाजार में किसी भी तरह की गलत कॉम्पटीशन को जन्म नहीं देगा.

क्यों हो रही है ये डील?
Delhivery एक लिस्टेड कंपनी है जो पूरे भारत में लॉजिस्टिक्स, लास्ट-माइल डिलीवरी, वेयरहाउसिंग और फुलफिलमेंट सेवाएं देती है. वहीं, ईकॉम एक्सप्रेस एक अनलिस्टेड कंपनी है, जो मुख्य रूप से ई-कॉमर्स कंपनियों को लॉजिस्टिक सॉल्यूशन देती है. इस डील के जरिए Delhivery अपने संचालन का विस्तार करना चाहती है और खासकर ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है. गुरुग्राम स्थित ईकॉम एक्सप्रेस ने वित्त वर्ष 2023-24 में 2,607.3 करोड़ रुपये का कारोबार किया, जो पिछले वर्ष 2,548.1 करोड़ रुपये था. यानी कंपनी का प्रदर्शन स्थिर रहा है.

क्या बोले अधिकारी?
Delhivery Ltd ने कहा है कि यह अधिग्रहण कंपनी की स्केल बढ़ाने और ग्राहकों के लिए अपनी सर्विसेज को और मजबूत बनाने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है. भारत में किसी भी बड़ी डील को CCI की मंजूरी जरूरी होती है, ताकि बाजार में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा बनी रहे और कोई भी कंपनी अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल न करे. यह डील तय नियमों के अंतर्गत थी, इसलिए CCI ने इसे पास कर दिया.

 

Share Market: स्टॉक मार्केट में गिरावट का दौर जारी है, बाजार संभलकर फिर टूट रहा है. ऐसे में अगर कोई ये कहे कि सेंसेक्स 1 लाख पॉइंट को पार कर जाएगा, तो आपको लगेगा बकवास ही कर रहा है. लेकिन अनुमान तो कुछ ही इस तरह के दिख रहे हैं कि दिसंबर 2025 तक सेंसेक्स 1 लाख पॉइंट को पार कर जाएगा. चलिए समझते हैं पूरा गुणा-गणित…

ट्रंप के फैसलों और बाजार की गिरावट
शेयर बाजार में जब पहली बार अक्टूबर-नवंबर 2024 में गिरावट शुरू हुई थी. तब किसी को अनुमान नहीं था कि सेंसेक्स 1 लाख पॉइंट के पार जाएगा. फिर भी बाजार ने रफ्तार पकड़ी और दिसंबर की शुरुआत में ही 6% का तगड़ा रिटर्न दे दिया. देश की इकोनॉमी के मैक्रोइकोनॉमिक्स की स्टेबिलिटी और अच्छे कैश फ्लो को देखते हुए ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने उम्मीद जताई कि दिसंबर 2025 तक सेंसेक्स 1,05,000 पॉइंट को टच कर जाएगा. ये अनुमान तब का है जब डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ नहीं ली थी. अमेरिका ने टैरिफ वॉर नहीं छेड़ा था और ना ही भारत की इकोनॉमी पर ट्रंप के फैसलों का प्रभाव पड़ना शुरू हुआ था.

डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही ताबड़तोड़ फैसले लेने शुरू किए. भारत को दबाव में कई तरह के टैरिफ करने पर विचार करना पड़ रहा है. अमेरिका को मोस्ट फेवर्ड नेशन स्टेटस देने पर भी विमर्श चल रहा है. इस बीच शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों (FPI) ने तेजी से निकासी की है और भारतीय शेयर बाजार ने फरवरी में 30 साल की सबसे बड़ी गिरावट का स्तर छुआ है. इन सबकी पृष्ठभूमि में क्या 1 लाख पॉइंट तक पहुंचना मुमकिन है?

चाहिए होगी 41% की बढ़त
मार्केट में गिरावट के रुख के बावजूद ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली का दावा है कि शेयर बाजार दिसंबर 2025 तक सेंसेक्स 1,05,000 पॉइंट को टच कर सकता है. हालांकि बाजार को अगर ऐसा करना है तो उसे अभी के स्तर से एक साल में करीब 41% की बढ़त हासिल करनी होगी. भारतीय शेयर बाजार की रिस्क झेलने की क्षमता का उसे रिवॉर्ड मिलेगा. दिसंबर 2025 तक सेंसेक्स 93,000 पॉइंट के लेवल तक तो आराम से पहुंच सकता है. ये मौजूदा लेवल से करीब 25% अप होगा. हालांकि अगर जोखिम फैक्टर एक हद से ज्यादा पहुंच जाता है, तब मॉर्गन स्टेनली के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में शेयर बाजार के दिसंबर 2025 तक 70,000 पॉइंट पर आने की आशंका भी है. ये अभी के स्तर से करीब 6% नीचे होगा.

हालांकि भारत को लेकर मार्गन स्टेनली के इंडिया रिसर्च हेड रिद्धम देसाई का कहना है कि अब मार्केट अपने बॉटम लेवल पर आ चुका है और यहां से ऊपर उठने की तैयारी करेगा. सिर्फ कोई ग्लोबल मंदी ही मार्केट को इस साल नीचे रख सकती है.

 

UFBU Strike: अगर आपका भी अगले हफ्ते बैंक से जुड़ा कोई काम है तो उसके ल‍िये अभी से प्‍लान‍िंग कर लीज‍िए. जी हां, अगले हफ्ते की आख‍िर में बैंक लगातार चार द‍िन तक बंद रहने वाले हैं. ऐसा इसल‍िए क्‍योंक‍ि यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) की तरफ से बताया गया क‍ि 24-25 मार्च को उसकी दो द‍िन की राष्‍ट्रव्‍यापी हड़ताल पूर्व तय कार्यक्रम के अनुसार होगी. UFBU की तरफ से कहा गया कर्मचारी संगठन की प्रमुख मांगों पर भारतीय बैंक संघ (IBA) के साथ बातचीत में क‍िसी तरह का पॉज‍िट‍िव नतीजा नहीं निकल पाया.

5 द‍िन का वर्क‍िंग वीक करने की मांग
भारतीय बैंक संघ (IBA) के साथ मीट‍िंग में UFBU के मेंबर्स ने सभी कैडर में भर्ती और पांच द‍िन का वर्क‍िंग वीक समेत कई मुद्दे उठाए थे. नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ बैंक एम्प्लाइज (NCBE) के महासचिव एल चंद्रशेखर ने कहा कि बैठक के बावजूद प्रमुख मामलों को लेकर क‍िसी तरह की सहमत‍ि नहीं बन पाई. UFBU नौ बैंक यूनियनों का एक संगठन है, जिसने 24 और 25 मार्च को हड़ताल बुलाई है. एक अधिकारी ने बताया कि 22 मार्च को चौथा शनिवार और 23 मार्च को रविवार होने के कारण बैंक बंद रहेंगे.

लगातार 4 दिनों तक बंद रह सकते हैं बैंक
शन‍िवार-रव‍िवार के साथ हड़ताल होने से बैंक लगातार चार दिनों तक बंद रह सकते हैं. हालांकि इस मामले को लेकर केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के साथ 18 मार्च को सुलह बैठक होनी है. UFBU ने केंद्रीय श्रम मंत्रालय के सामने 13 मांगें रखी हैं, जिनमें पर्याप्त भर्तियां और सप्ताह में पांच दिन काम करना शामिल है. उन्होंने कहा, 'पब्‍ल‍िक सेक्‍टर का बैंकिंग सिस्टम देश के वित्तीय ढांचे की रीढ़ है. लेकिन, पिछले कुछ साल में पब्‍ल‍िक सेक्‍टर के बैंकों में कर्मचारियों की संख्या काफी कम हो गई है. इससे काम का माहौल बिगड़ गया है और इनकी कार्यक्षमता और पहुंच पर असर पड़ा है.

7 दिसंबर के एमओयू पर कार्रवाई
UFBU ने कहा, IBA ने 8 मार्च, 2024 को कर्मचारियों की यूनियन और बैंक के अधिकारी संगठनों के साथ एक एग्रीमेंट पर साइन क‍िये थे. इनमें 1 नवंबर, 2022 से 31 अक्टूबर, 2027 की अवधि के लिए वेतन संशोधन और अन्य सेवा शर्तों में सुधार शामिल हैं. यूनियन ने साफ तौर पर मांग की क‍ि IBA को अंतिम समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले पांच दिन का वर्क‍िंग वीक लागू करना चाहिए. 7 दिसंबर, 2023 को भी एमओयू पर साइन क‍िये गए थे. SBI स्टाफ एसोसिएशन के पूर्व उप मुख्य सचिव ने कहा था कि UFBU और IBA दोनों की तरफ से फाइन डेज वर्क‍िंग वीक पर सहमति जताई गई थी. लेकिन इसे लागू नहीं किया गया.

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