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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पैक्स पीएसीएस के 11 गोदामों का शुभारंभ किया। इसके साथ ही पीएम ने 500 पैक्स में भंडारण के लिए गोदामों के निर्माण की आधारशिला भी रखी। इस कार्यक्रम में केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह और केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा भी मौजूद रहे।

कार्यक्रम के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हमने अपने किसानों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी स्टोरेज स्कीम शुरू की है। इसके तहत देश के कोने-कोने में हजारों वेयरहाउस और गोदाम बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि आज 18000 पैक्स भी कम्प्यूटरीकृत हैं। ये सभी संसाधन देश में कृषि के बुनियादी ढांचे को विस्तार देंगे और कृषि को आधुनिक तकनीक से जोड़ेंगे।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत मंडपम विकसित भारत की अमृत यात्रा में एक और बड़ी उपलब्धि का गवाह बन रहा है। उन्होंने कहा, सहकार से समृद्धि- देश के इस संकल्प को सिद्ध करने में हम और आगे बढ़ रहे हैं। कृषि और खेती की नींव को मजबूत करने में सहयोग की शक्ति बहुत बड़ी भूमिका निभाती है। इसी सोच के साथ हमने अलग सहकारिता मंत्रालय बनाया।

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के एक प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया भेजते हैं लेकिन गांव तक सिर्फ 15 पैसा ही पहुंचता है, 85 पैसा गायब हो जाता है। जबकि पिछले 10 वर्ष में भाजपा सरकार ने 34 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों के खातों में सीधा भेजा है। अगर कांग्रेस सरकार होती तो 34 लाख करोड़ में से 29 लाख करोड़ रुपये रास्ते में ही बिचौलिया चबा जाता।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आज गरीबों का पैसा लूटने वालों पर सख्त कार्रवाई हो रही है। गरीबों का जो पैसा लूटने से बचा है, वही पैसा गरीब कल्याण में काम आ रहा है। मुफ्त राशन, मुफ्त इलाज, गरीबों का पक्का घर, हर घर जल, शौचालय, सस्ती दवाएं, घर घर गैस कनेक्शन... ये सारे काम हो रहे हैं। मोदी हर घर को 'सूर्य घर' बनाना चाहता है। मोदी हर परिवार को घर में बिजली बनाकर, वही बिजली बेचकर कमाई का एक और साधन देना चाहता है। इसी उद्देश्य के साथ हमने पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना शुरू की है।"

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने सरकारें बार-बार बनाईं लेकिन भविष्य का भारत बनाना भूल गई। क्योंकि उनके मन में सरकार बनाना ही था, देश को आगे बढ़ाना उनका एजेंडा ही नहीं था। आज भी कांग्रेस की दशा और दिशा यही है। कांग्रेस परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण से आगे सोच ही नहीं पाती।

नई दिल्ली । परेशानियों से घिरी एडटेक कंपनी बायजूज के लिए राहत की खबर है। कंपनी का 1,650 करोड़ रुपये का राइट्स इश्यू पूरी तरह से सब्सक्राइब हो चुका है। इस बारे में कंपनी के फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन ने शेयरहोल्डरों को इसकी जानकारी दी। बता दें, कंपनी ने राइट इश्यू अपने पीक वैल्यूएशन से करीब 99 फीसदी कम भाव पर जारी किया था। बता दें, इसी हफ्ते के आखिर में कंपनी के शेयरधारकों की एक एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (ईजीएम) होनी है। इस मीटिंग को बायजू के कुछ सबसे बड़े निवेशकों ने कंपनी के नेतृत्व को हटाने और इसके बोर्ड को रिस्ट्रक्चर करने के लिए 23 फरवरी को बुलाया है। सूत्रों ने कहा कि ये ‘असहमत’ शेयरधारक 29 फरवरी तक इश्यू में भाग ले सकते हैं, या अपनी हिस्सेदारी बड़े पैमाने पर कम कर सकते है।

 

नई दिल्ली । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की कड़ी कार्रवाई के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक अब दो बैंकों से हाथ ‎मिलाने की तैयारी में जुट गई है। हालांकि, अभी अपने यूजर्स के खातों को वैकल्पिक बैंकों में ट्रांसफर करने में लगभग 3 से 6 महीने का समय लग सकता है। एक रिपोर्ट से यह पता चला है ‎कि आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 15 मार्च तक अपने लेनदेन और जमा को रोकने की समय अवधि दी है। इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि सभी मौजूदा पेटीएम ग्राहकों के अकाउंट्स अन्य बैंकों में ट्रांसफर होने में लगभग 6 महीने लग सकते हैं। हालांकि, यह समय अवधि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के लिए लेनदेन रोकने के लिए आरबीआई द्वारा निर्धारित टाइम लिमिट से काफी ज्यादा है। इस मामले में सूत्रों ने कहा कि पेटीएम मौजूदा संकट के बीच नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनसीपीआई) से थर्ड-पार्टी एप्लिकेशन प्रोवाइडर लाइसेंस के लिए आवेदन करना चाहता है।
जानकार बता रहे हैं ‎कि इस लाइसेंस के मिलने से पेटीएम यह सुनिश्चित कर सकेगा कि ग्राहक ऐप के जरिए यूपीआई भुगतान कर पाएंगे। एक सूत्र के हवाले से कहा गया है ‎कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि आरबीआई पूरी प्रक्रिया के बारे में कैसे सोच रहा है। यह बदलाव रातों रात या कुछ दिनों में नहीं होता है। सभी पेटीएम ग्राहकों को दूसरे भुगतान सेवा प्रदाता (पीएसपी) में ट्रांसफर करने की प्रोसेस में 3 से 6 महीने का समय लग सकता है, क्योंकि पेटीएम के पास बड़ी संख्या में ग्राहक हैं। इस बीच पेटीएम अपने यूपीआई पेमेंट्स के लिए एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और भारतीय स्टेट बैंक के साथ साझेदारी को लेकर बातचीत कर रहा है।

मुंबई । चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में देश की प्रमुख दोपहिया वाहन बनाने वाली कंपनी ने कुल 10,031 करोड़ रुपये की आय दर्ज की है। कंपनी का कहना है कि आगे चलकर प्रवेश स्तर के वाहन खंड का प्रदर्शन भी और बेहतर होगा। हीरो मोटोकॉर्प को अगले वित्त वर्ष 2024-25 में दोपहिया उद्योग के राजस्व में दो अंकीय या 10 प्रतिशत से अधिक वृद्धि का भरोसा है। कंपनी के एक व‎रिष्ठ अ‎धिकारी का कहना है कि प्रीमियम मॉडल की मांग और तेजी पकड़ेगी, जिससे उद्योग अपने राजस्व में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज करेगा। एक विश्लेषक ने कहा ‎कि जहां तक ​​मांग का सवाल है, जैसा कि हम कहते रहे हैं, हमें उम्मीद है कि आने वाले वर्ष में उद्योग राजस्व में कम-से-कम 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज करेगा। उन्होंने कहा कि घरेलू वाहन बाजार में ग्राहक अब प्रीमियम मॉडल की ओर स्थानांतरित हो रहे हैं। इसके अलावा प्रवेश स्तर के बाइक खंड की मांग में भी सुधार दिख रहा है। पिछले कुछ साल के दौरान इस खंड में बिक्री कमजोर रही थी। हम स्पष्ट रूप से ग्रामीण क्षेत्र से भी सकारात्मक संकेत देख रहे हैं। हम देखेंगे कि आने वाली तिमाहियों में वहां मांग में उल्लेखनीय उछाल आएगा। प्रीमियम मॉडल की बिक्री के लिए कंपनी के आउटलेट या शोरूम को अद्यतन करने की योजना के बारे में उन्होंन कहा कि हमने देश में पहले से 300 डीलरशिप का अद्यतन कर दिया है। मार्च के आ‎खिरी तक हमारे पास 400 ऐसे शोरूम होंगे। अगले साल हम 100 प्रीमिया स्टोर के साथ 500 2.0 स्टोर को पार कर जाएंगे। हीरो मोटोकॉर्प ने पिछले साल अक्टूबर में प्रीमिया ब्रांड नाम के तहत अपना पहला प्रीमियम शोरूम खोला था।

शेयर बाजार में हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन कमजोर शुरुआत हुई है। मंगलवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 150 अंकों तक फिसल गया। हालांकि, बाजार में निचले स्तरों पर थोड़ी खरीदारी दिखी। सुबह 09 बजकर 42 मिनट पर सेंसेक्स 24.80 (0.03%) अंकों की गिरावट के साथ 72,683.36 के स्तर पर कारोबार करता दिखा। वहीं दूसरी ओर, निफ्टी 10.41 (0.05%) अंक फिसलकर 22,111.85 के स्तर पर कारोबार करता दिखा।इससे पहले, एशियाई बाजारों से मिले नकारात्मक रुझानों के बाद भारतीय बेंचमार्क इंडेक्स मंगलवार को गिरावट के साथ खुले। इस दौरान इंडेक्स हैवीवेट रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईसीआईसीआई बैंक और इंफोसिस के शेयरों में बिकवाली दिखी।

सेंसेक्स के शेयरों में एमएंडएम, बजाज फिनसर्व, मारुति, आईसीआईसीआई बैंक और एसबीआई के शेयर लाल निशान पर खुले। वहीं दूसरी ओर, पावर ग्रिड, कोटक बैंक, एशियन पेंट्स, जेएसडब्ल्यू स्टील और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में हरे निशान पर कारोबार होता दिखा।अलग-अलग ग्राहकों से 369 करोड़ रुपये का वर्क ऑर्डर मिलने के बाद एनबीसीसी इंडिया के शेयर मंगलवार को चार प्रतिशत की बढ़त के साथ खुले। एलएनजी सप्लाई के लिए नॉर्वे की कंपनी से करार होने के बाद दीपक फर्टिलाइजर और पेट्रोकेमिकल के शेयरों में 10% का उछाल दर्ज किया गया।मंगलवार के कारोबार के दौरान डिश टीवी और जी एंटरप्राइज के शेयरों में खरीदारी के बाद निफ्टी मीडिया में 2.2% की बढ़त दिखी। निफ्टी रियल्टी, मेटल, फार्मा, हेल्थकेयर और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर के शेयर भी बढ़त के साथ खुले। दूसरी ओर, निफ्टी बैंक, ऑटो, फाइनेंशियल सर्विसेज और एफएमसीजी सेक्टर के शेयर लाल निशान पर खुले। व्यापक बाजार में निफ्टी मिडकैप100 0.22% और निफ्टी स्मॉलकैप100 0.53% तक बढ़ा।

 

नई दिल्ली । देश में तीन प्रमुख दक्षिणी शहरों बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई में भंडारण स्थानों की मांग पांच प्रतिशत गिरकर 1.02 करोड़ वर्गफुट हो गई। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। एक रियल एस्टेट सलाहकार के आंकडों के अनुसार इन तीन दक्षिणी शहरों की हिस्सेदारी पिछले वर्ष के 34 प्रतिशत से गिरकर 2023 में 27 प्रतिशत हो गई। वहीं सात प्रमुख शहरों में गोदाम और लॉजिस्टिक्स स्थानों का पट्टा पिछले वर्ष के 3.12 करोड़ वर्गफुट से 2023 में 21 प्रतिशत बढ़कर 3.78 करोड़ वर्ग फुट हो गया। वेस्टियन के एक व‎रिष्ठ अ‎धिकारी ने कहा ‎कि केंद्रीय बजट 2024-25 से अगले कुछ वर्षों के लिए दिशा तय होने की उम्मीद है। अंतरिम बजट में बुनियादी ढांचे के विकास की हालिया घोषणाओं का इस क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, अ‎िधकारी ने आगाह किया ‎कि 2024 भारतीय भंडारण क्षेत्र के लिए एक चुनौतीपूर्ण वर्ष हो सकता है क्योंकि 2023 में निवेश में गिरावट का रुख रहा।

 

मुंबई । इस साल जनवरी में उड़ानों में देरी होने से 4.82 लाख या‎त्रियों पर असर पड़ा है, जिसके मुआवजे के तौर पर एयरलाइन कंपनियों को 3.69 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ा। मासिक हवाई यातायात आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की तरफ से जारी ‎किए गए आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में घरेलू यात्रियों की संख्या पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 4.69 प्रतिशत बढ़कर 1.31 करोड़ हो गई। जनवरी, 2023 में घरेलू यात्री यातायात 1.25 करोड़ रहा था। आंकड़ों के अनुसार पिछले महीने उड़ानों में देरी के अलावा विभिन्न एयरलाइंस ने 1,374 यात्रियों को विमान में सवार होने से रोक दिया था। इसकी वजह से वैकल्पिक उड़ानों के इंतजाम और ठहरने एवं खानपान सुविधा देने पर 1.28 करोड़ रुपये खर्च हुए। डीजीसीए के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में उड़ानों के रद्द होने पर एयरलाइंस ने 68,362 यात्रियों को रिफंड और दोबारा बुकिंग की पेशकश के साथ 1.43 करोड़ रुपये भी हर्जाने के तौर पर दिए। घरेलू यात्री यातायात के मोर्चे पर पिछले महीने इंडिगो ने 79.09 लाख यात्रियों के साथ 60.2 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल की। इसके बाद 15.97 लाख यात्रियों के साथ एयर इंडिया की 12.2 प्रतिशत हिस्सेदारी रही।

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने मंगलवार को बंद पड़ी एयरलाइन गो फर्स्ट की समाधान प्रक्रिया को पूरा करने के लिए समय सीमा 60 दिन और बढ़ा दी। दिल्ली स्थित एनसीएलटी की दो सदस्यीय पीठ ने कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया को पूरा करने के लिए समयसीमा बढ़ाने की मांग करने वाली गो फर्स्ट के द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया।
 
आरपी की ओर से पेश दिवाकर माहेश्वरी ने तर्क दिया कि अब तक तीन पक्षों ने गो फर्स्ट के लिए अपनी रुचि की अभिव्यक्ति प्रस्तुत की है और बयाना राशि जमा की है। इन कंपनियों से गो फर्स्ट के लिए समाधान योजनाएं प्रस्तुत करने की उम्मीद की जाती है
 
10 मई, 2023 से गो फर्स्ट सीआईआरपी से गुजर रही है। बता दें कि यह एनसीएलटी द्वारा दिया गया दूसरा ऐसा विस्तार है। ट्रिब्यूनल ने पिछले साल 23 नवंबर को 90 दिनों का विस्तार दिया था, जो 4 फरवरी को समाप्त हो गया।
 
गो फर्स्ट को खरीद सकती है ये कंपनियां
 
स्पाइसजेट, शारजाह स्थित स्काई वन और अफ्रीकी महाद्वीप-केंद्रित फर्म सैफ्रिक इन्वेस्टमेंट्स सहित तीन कंपनियों ने गो फर्स्ट को खरीदने में रुचि दिखाई है। दिवाला और दिवालियापन संहिता 330 दिनों के भीतर सीआईआरपी को पूरा करने का आदेश देती है, जिसमें मुकदमेबाजी के दौरान लगने वाला समय भी शामिल है।
 
संहिता की धारा 12(1) के अनुसार सीआईआरपी 180 दिनों के भीतर पूरा किया जाना चाहिए। हालाँकि, किसी भी विस्तार या मुकदमेबाजी अवधि सहित, सीआईआरपी को अनिवार्य रूप से पूरा करने की अधिकतम समय सीमा 330 दिन है, जिसमें विफल रहने पर कॉर्पोरेट देनदार को परिसमापन के लिए भेजा जाता है।
 
10 मई को, एनसीएलटी ने स्वैच्छिक दिवाला समाधान कार्यवाही शुरू करने के लिए गो फर्स्ट की याचिका स्वीकार कर ली। बता दें कि गो फर्स्ट ने 3 मई को उड़ान बंद कर दी।
 
 
नई दिल्ली । स्टरलाइट पावर ने राजस्थान में अपनी ब्यावर ट्रांसमिशन परियोजना के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (आरईसीपीडीसीएल) से 2,400 करोड़ रुपये जुटा ‎लिए हैं। स्टरलाइट पावर ने बयान में कहा ‎कि अपनी ब्यावर ट्रांसमिशन लिमिटेड (बीटीएल) परियोजना के लिए सफलतापूर्वक वित्त पोषण प्राप्त कर लिया है। परियोजना का ठेका मिलने के चार महीने के भीतर स्टरलाइट पावर ने उसके लिए वित्त पोषण प्राप्त किया है। स्टरलाइट पावर के एक अ‎धिकारी ने कहा कि किसी भी बुनियादी ढांचा परियोजना के लिए वित्त पोषण हासिल करना बड़ी उपलब्धि होती है। इतने कम समय में इसे हासिल करने से इस महत्वपूर्ण परियोजना के वितरण में तेजी लाने में मदद मिलेगी।

हफ्ते के पहले कारोबारी दिन शेयर बाजार में सपाट शुरुआत के बाद बिकवाली दिख रही है। सोमवार की सुबह 9 बजकर 57 मिनट तक सेंसेक्स 170.89 (-0.23%) अंकों की गिरावट के साथ 71,424.60 के स्तर पर जबकि निफ्टी 55.21 (0.25%) अंक टूटकर 21,727.30 के स्तर पर कारोबार करता दिखा। शुरुआती कारोबार में टाटा पावर के शेयरों में 4% जबकि हीरो मोटो कॉर्प के शेयरों में 3% की गिरावट दर्ज की गई।

 

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