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अगर आप नया आईफोन खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपके लिए खुशखबरी है। क्योंकि आप अमेजन पर लेटेस्ट आईफोन 16 प्रो 256 जीबी मॉडल को 128 जीबी वर्जन की कीमत पर खरीद सकते हैं।

क्या है ऑफर

आप iPhone 16 Pro 256GB वेरिएंट को Amazon पर 128GB वेरिएंट की कीमत पर खरीद सकते हैं. यानी iPhone 16 Pro 256GB वेरिएंट को आप 1,21,030 रुपये में खरीद सकते हैं.

कितनी होगी बचत

इस डील से आप iPhone 16 के 256GB वेरिएंट पर करीब 8,000 रुपये बचा सकते हैं. आपको बता दें कि iPhone 16 Pro 256GB Amazon पर 1,29,900 रुपये में लिस्टेड है. लेकिन ऑफर का फायदा उठाने के लिए आपको क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना होगा.


मुंबई । वर्तमान समय में निवेश करने के लिए मिल रहे अनगिनत ऑप्शन्स में से एक है भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की नई अमृत वृष्टि योजना। यह सावधि जमा योजना है जिसका आकर्षण है उसकी अवधि के साथ सुनहरा ब्याज दर है। इस योजना में निवेश करने पर आम ग्राहकों को 7.25 फीसदी और वरिष्ठ नागरिकों को 7.75 फीसदी की ब्याज दर मिलेगी। इस योजना के तहत जो आप्शन किए जा रहे हैं, वे महिलाएं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी हैं। सीमित अवधि की यह जमा योजना 444 दिनों के लिए है और उन्हें 16 जुलाई 2024 से मिलेगी। निवेश करने का अंतिम तारीख 31 मार्च 2025 है। इस योजना को किसी भी भारतीय नागरिक के लिए खोला गया है, चाहे वो निवासी हो या अनिवासी और इसमें व्यक्तिगत, संयुक्त खाते और कंपनियां भी निवेश कर सकती हैं।

 

नई दिल्ली। जोमैटो को लेकर सरकार ने एक खुलासा किया है। सरकार ने कहा है कि जोमैटो ने 803 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की है और अब उसे वसूली के लिए नोटिस भेजा गया है। दूसरी ओर, जोमैटो ने इन आरोपों से इनकार किया और कहा है कि वह इससे बचने के लिए कानूनी सहारा लेगी।
ऑनलाइन ऑर्डर पर खाने-पीने का सामान पहुंचाने वाले मंच जोमैटो ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया है कि महाराष्ट्र के ठाणे जिले में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग ने उसे 803.4 करोड़ रुपये का टैक्स डिमांड मांग नोटिस भेजा है। इसमें ब्याज और जुर्माना भी शामिल है। कंपीन का कहना है कि डिलिवरी शुल्क पर ब्याज और जुर्माना के साथ जीएसटी का भुगतान न करने के संबंध में उसे नोटिस मिला है।
जोमैटो ने कहा, ‘कंपनी को 12 दिसंबर, 2024 को एक आदेश प्राप्त हुआ है। यह आदेश 29 अक्टूबर, 2019 से 31 मार्च, 2022 की अवधि के लिए सीजीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क, ठाणे आयुक्तालय, महाराष्ट्र के संयुक्त आयुक्त द्वारा पारित किया गया है। इसमें लागू ब्याज के साथ 401,70,14,706 रुपये के जीएसटी की मांग और 401,70,14,706 रुपये के जुर्माने की पुष्टि की गई है।’

 

मुंबई । ई-कॉमर्स कंपनी मीशो ने कहा कि वर्ष 2024 में मिलने वाले ऑर्डर में 35 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि हुई जबकि उपयोगकर्ताओं की संख्या 25 प्रतिशत बढ़कर 17.5 करोड़ हुई है। मीशो ने कहा कि खपत बढ़ने और टियर-2 एवं छोटे शहरों में ई-कॉमर्स का चलन बढ़ने से सौंदर्य एवं निजी देखभाल (बीपीसी) और घरेलू एवं रसोई खंडों में ऑर्डर सालाना आधार पर 70 प्रतिशत बढ़े हैं। मीशो ने कहा, ऑर्डर में सालाना आधार पर करीब 35 प्रतिशत की वृद्धि के साथ, यह मंच मजबूत उपभोक्ता धारणा और ई-कॉमर्स की तेज वृद्धि को दिखाता है। कंपनी ने कहा कि यह वृद्धि भारत में बेहतर मूल्य चाहने वाले खरीदारों के दम पर है। ये ग्राहक फैशन, सौंदर्य, व्यक्तिगत देखभाल और घरेलू आवश्यक वस्तुओं जैसी विवेकाधीन श्रेणियों में किफायत को प्राथमिकता दे रहे हैं। मीशो ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में वह 232 करोड़ रुपये का परिचालन नकदी प्रवाह सृजित करने वाली पहली क्षैतिज ई-कॉमर्स मंच बन गई।


नई दिल्ली । भारत सरकार के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के अनुसार स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स ने 55 उद्योगों में 16.6 लाख से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां सृजित की हैं। ये स्टार्टअप नई प्रौद्योगिकी पर अतिरिक्त काम करते हुए भारत के अर्थव्यवस्था में नये उद्यामियों को बढ़ावा देते हैं। इसमें हरित प्रौद्योगिकी 27,808 नौकरियां, नवीकरणीय ऊर्जा 41,523 नौकरियां और पेशेवर सेवाएं 94,060 नौकरियां जैसे क्षेत्र शामिल हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता और रोबोटिक्स जैसे उभरते क्षेत्र भी भविष्य में वृद्धि दर्शाते हैं।


कृत्रिम बुद्धिमत्ता और रोबोटिक्स जैसे उभरते क्षेत्र भी भविष्य में वृद्धि दर्शाते हैं
स्टार्टअप इंडिया पहल ने स्टार्टअप्स के लिए विभिन्न कार्यक्रम जैसे फंड ऑफ फंड्स, स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम, और क्रेडिट गारंटी स्कीम को प्रदान कर बिजनेस को बढ़ावा देता है। राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार, राज्यों की स्टार्टअप रैंकिंग और इनोवेशन वीक जैसी पहल पूरे देश में समान अवसर उपलब्ध कराती हैं। इस योगदान से स्थापित होती स्टार्टअप इंडिया हब और भारत स्टार्टअप नॉलेज एक्सेस रजिस्ट्री ने स्टार्टअप्स के लिए संसाधनों और सहयोग को सुव्यवस्थित करने में सहायक साबित हुए हैं। भारत ने ग्लोबल स्टार्टअप सहयोग के लिए जी20 इंगेजमेंट ग्रुप जैसी महत्वपूर्ण पहल भी शुरू की है।

 


जयपुर । आदित्य बिड़ला समूह ने अपनी विभिन्न कारोबारों में राजस्थान में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की है। समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने बताया कि इस निवेश में नवीकरणीय ऊर्जा में 6,000 करोड़ रुपये भी शामिल होगा। उन्होंने समूह की महत्वपूर्ण उपस्थिति के बारे में बताते हुए कहा कि समूह के छह व्यवसायों में सीमेंट, दूरसंचार, फैशन रिटेल, आभूषण कारोबार आदि शामिल हैं।


निवेश योजना में सीमेंट, दूरसंचार, फैशन रिटेल, आभूषण कारोबार आदि शामिल
बिड़ला ने राज्य में सीमेंट उत्पादन की बढ़ोतरी की योजना का भी खुलासा किया और बताया कि कंपनी अब एक करोड़ टन सीमेंट उत्पादन करेगी। समूह के अगले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण निवेश की योजना बनाने के लिए बिड़ला समूह राइजिंग राजस्थान निवेश शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। इस घोषणा से राजस्थान की अर्थव्यवस्था को नया जीवन मिलने की उम्मीदें हैं और समूह के निवेश से राज्य में और विकास की राह खुल सकती है।

 

 

नई ‎दिल्ली । केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025-26 से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना को बंद करने का तैयारी कर ली है। यह योजना निवेशकों को सोने की कीमत के बराबर भुगतान और ब्याज हासिल कराती थी, जिससे सरकार का वित्तीय बोझ बढ़ जाता था। सरकार ने अपने कर्ज और सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में व्यापक कमी करने का निर्णय लिया है और इस कदम के साथ सोने के आयात को भी कम किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि 2026 के बजट में कर्ज घटाने के लिए एक विस्तृत योजना प्रस्तुत की जा सकती है।


सरकार ने अपने कर्ज और सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में कमी करने का लिया निर्णय
वित्त वर्ष 2025 में ऋण-जीडीपी अनुपात को 56.8 फीसदी रखने की उम्मीद है, जो 2024 में 58.2 फीसदी था। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना की शुरुआत 2015 में हुई थी और इसका उद्देश्य फिजिकल गोल्ड की जगह बॉन्ड में निवेश को बढ़ाना था। वित्त वर्ष 2025 में अब तक कोई नया गोल्ड बॉन्ड जारी नहीं किया गया है, जबकि पिछले वर्ष 18,500 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया था। यह कदम सरकार की दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता और राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने के लक्ष्य के साथ ‎लिया गया है। यह निर्णय सरकार के वित्तीय बोझ कम करने और स्थिरता बनाए रखने के मार्ग पर एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही इस योजना के बंद होने से सोने के आयात को भी कम किया जा सकेगा।

 


नई दिल्ली। महिंद्रा और इंडिगो के बीच हुआ कोड 6ई को लेकर विवाद अब अदालत पहुंच गया। इस मामले में महिंद्रा के तेवर नरम पड़ रहे हैं। महिंद्रा ने इस कोड से दूरी बना ली है। उसने कहा कि जब तक अदालत में यह मामला सुलझ नहीं जाता, तब तक वह अपनी गाड़ियों के नाम में कोड 6ई का इस्तेमाल नहीं करेगी।
दरअसल, महिंद्रा एंड महिंद्रा ने पिछले पहले इलेक्ट्रिक एसयूवी कारों की नई रेंज बाजार में उतारी थीं। कंपनी ने इनमें से एक रेंज को बीई 6ई नाम दिया था। इस कोड पर इंडिगो एयरलाइन ने आपत्ति जताई थी क्योंकि 6ई इंडिगो एयरलाइन का कोड है। एयरलाइन की फ्लाइट के नंबर 6ई कोड के साथ शुरू होते हैं। कंपनी ने बाद में महिंद्रा के खिलाफ केस दायर कर दिया था।
इंडिगो ने इसे ट्रेडमार्क का उल्लंघन बताया था। वहीं ट्रेडमार्क मामले में महिंद्रा ने भी सफाई दी थी। महिंद्रा ने कहा था कि वह उसने इलेक्ट्रिक ओरिजिन एसयूवी पोर्टफोलियो के एक हिस्से के रूप में बीई 6ई के लिए क्लास 12 वाहन के तहत ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया है। इस मामले में इंडिगो की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। महिंद्रा ग्रुप की कंपनी महिंद्रा इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल लिमिटेड ने कोर्ट में कहा कि जब तक ट्रेडमार्क से संबधित मामले में कोई फैसला नहीं आता, तब तक वह नई इलेक्ट्रिक कारों में इस कोड का इस्तेमाल नहीं करेगी। महिंद्रा ने कहा कि वह अपने मॉडल के नाम को बीई6ई से बदलकर बीई6 करेगी। हालांकि उसने यह भी कहा कि वह इंडिगो के दावों को भी कोर्ट में लेकर जाएगी। मामले की अगली सुनवाई अप्रैल 2025 में होगी।
बता दें यह पहली बार नहीं है तब इंडिगो एयरलाइन ने नाम को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है। यह एयरलाइन पहले भी कोर्ट जा चुकी है। मामला साल 2005 का है। उस समय इंडिगो का पंगा टाटा मोटर्स के साथ था। दरअसल, इंडिगो एयरलाइंस की शुरुआत साल 2004 में हुई थी। हालांकि कंपनी के विमानों ने उड़ान भरना शुरू नहीं किया था। उस समय टाटा मोटर्स अपनी एक कार को इंडिगो नाम से बेचती थी। इसके बाद भी एयरलाइन ने अपने नाम को इंडिगो के साथ जारी रखा था।

नई दिल्ली । रियल एस्टेट उद्योग में एक बड़ी खबर सामने आई है। भारत की चुनौतीपूर्ण बाजार में अपनी अपूर्व क्षमताओं के साथ पहचान बनाने वाली कंपनी सिग्नेचर ग्लोबल, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रवेश करने की तैयारी में है। कंपनी के एक व‎रिष्ठ अ‎धिकारी ने बताया कि सिग्नेचर ग्लोबल ने यह निर्णय लिया है कि वे नोएडा, ग्रेटर नोएडा, और यमुना एक्सप्रेसवे में जमीन के तलाश करेंगे। उन्होंने इस योजना को गुरुग्राम के बाजार से परे जमीन में अपने कारोबार का विस्तार करने की योजना बताई। अ‎धिकारी ने हाल ही में एक उद्घाटन समारोह में कहा ‎कि हमारा लक्ष्य इस वर्ष बिक्री बुकिंग में 25 प्रतिशत की वृद्धि करना है। हम आशा करते हैं कि हम नोएडा में अपनी पहली कदम रखेंगे और उससे उत्थानी को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा ‎कि हमने चालू वित्त वर्ष के लिए 10,000 करोड़ रुपये की बिक्री बुकिंग का अनुमान लगाया है। हमने इस वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में 5,900 करोड़ रुपये की बिक्री बुकिंग हासिल कर ली है।’ पहले छह महीनों में मजबूत प्रदर्शन को देखते हुए हमें अपने वार्षिक लक्ष्य से अधिक हासिल करने की पूरी उम्मीद है।’ सिग्नेचर ग्लोबल की बिक्री बुकिंग वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-सितंबर अवधि में तीन गुना होकर 5,900 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वर्ष 2023-24 की इसी अवधि में 1,860 करोड़ रुपये थी। इस समाचार ने रियल एस्टेट बाजार में एक नया उत्साह भर दिया है और सिग्नेचर ग्लोबल की नैतिकता और उद्दीपन की दिशा में प्रस्थान किया है। यह कदम उम्मीदवार है कि उद्यमियों को और भी सफलता की ओर ले जाएगा।

 

नई दिल्ली । वनप्लस चीन की एक प्रमुख स्मार्टफोन निर्माता कंपनी ने भारत में व्यापार में बड़ी निवेश योजना की घोषणा की है। कंपनी की इस योजना के अनुसार अगले तीन सालों में वनप्लस भारतीय बाजार में 6,000 करोड़ रुपये तक निवेश करेगी। वनप्लस ने प्रोजेक्ट स्टारलाईट की शुरुआत करने का निर्णय लिया है, जिसमें कंपनी भारत में उत्पाद नवाचार को बढ़ावा देने और सेवाओं में सुधार करने के लिए 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। प्रोजेक्ट स्टारलाईट निवेश की मुख्य धाराओं में अधिक टिकाऊ उपकरण बनाने, ग्राहक सेवा में उत्कृष्टता बढ़ाने और भारत-विशिष्ट विशेषताओं को विकसित करने का उद्देश्य है। वनप्लस के भारत में एक प्रमुख अ‎धिकारी ने इस निवेश की उच्च प्राधान्यता को दर्शाते हुए कहा कि भारत उनके लिए प्रमुख बाजार है और वे भारतीय समुदाय का साथ और समर्थन प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह निवेश कंपनी के ब्रांड के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है और उत्पादों और सेवाओं में नवाचार लाने में मदद करेगा। वनप्लस की यह बड़ी निवेश भारतीय स्मार्टफोन बाजार में एक नया मुकाम स्थापित कर सकती है और वनप्लस को भारत में एक मान्य ब्रांड बनाने में मदद कर सकती है।

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