Notice: Undefined offset: 1 in /home/u956277081/domains/newscreation.glovis.in/public_html/plugins/system/k2/k2.php on line 702
News Creation - बिज़नेस
बिज़नस

बिज़नस (3673)

 

हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) ने गुरुवार को बड़ी घोषणा करते हुए बताया कि प्रिया नायर को कंपनी की नई सीईओ और एमडी नियुक्त किया गया है। नायर 1 अगस्त 2025 से यह जिम्मेदारी संभालेंगी और इस पद पर पहुंचने वाली एचयूएल की पहली महिला होंगी। प्रिया नायर फिलहाल यूनिलीवर की प्रेसिडेंट ब्यूटी एंड वेलबीइंग हैं। इसको लेकर एचयूएल ने बताया कि उन्हें पांच साल के कार्यकाल के लिए यह पद सौंपा गया है।

बता दें कि प्रिया नायर मौजूदा सीईओ और एमडी रोहित जावा की जगह लेंगी, जो 31 जुलाई 2025 को पद छोड़ देंगे। रोहित जावा ने 2023 में एचयूएल की कमान संभाली थी और अपने कार्यकाल में कंपनी को कठिन बाजार हालातों में भी आगे बढ़ाया।

एचयूएल बोर्ड में भी होंगी शामिल

एचयूएल ने यह भी बताया कि प्रिया नायर को जरूरी मंजूरी मिलने के बाद एचयूएल के बोर्ड में भी शामिल किया जाएगा। साथ ही वे यूनिलीवर लीडरशिप एग्जीक्यूटिव (यूएलई) की सदस्य बनी रहेंगी। देखा जाए तो यह कदम भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है और एचयूएल के इतिहास में एक अहम बदलाव माना जा रहा है।

प्रिया नायर का एचयूएल में कैसा रहा सफर?

वहीं बात अगर एचयूएल में प्रिया नायर के सफर की करें तो, नायर ने 1995 में एचयूएल से करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने सेल्स और मार्केटिंग से जुड़े कई अहम पदों पर काम किया। 2014 से 2020 तक वे हेम केयर की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहीं, 2020 से 2022 तक ब्यूटी और पर्सनल केयर की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहीं। इसके बाद वे यूनिलीवर में ग्लोबल चीफ मार्केटिंग ऑफिसर बनी और 2023 से वे ब्यूटी एंड वेलबीइंग यूनिट की प्रेसिडेंट हैं।

एचयूएल चेयरमैन नितिन परांजपे ने की सराहना

वहीं प्रिया नायर के कंपनी की नई सीईओ और एमडी बनने की घोषणा की एचयूएल के चेयरमैन नितिन परांजपे ने सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रिया ने यूनिलीवर और एचयूएल में शानदार काम किया है। उन्हें भारत के बाजार की गहरी समझ है और उनके नेतृत्व में एचयूएल नई ऊंचाइयों को छुएगा।

 

 

दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टोकरेंसी अपने नए शिखर को पर पहुंच गया है। गुरुवार को एक क्रिप्टोकरेंसी 118062.60 डॉलर के भाव पर कारोबार करता दिखा और अपने पिछले हाई 117000 डॉलर को पार कर गया। भारतीय रुपये में एक बिटकॉइन की कीमत करोड़ से अधिक करीब 10136974.07 रुपये हो गई है।

क्या है बिटकॉइन की कीमतों में उछाल का कारण?

दुनिया की सबसे प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमतों में उछाल निवेशकों के निरंतर आशावाद और बढ़ती संस्थागत रुचि के कारण आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों ने भी क्रिप्टोकरेंसी की मजबूती में योगदान दिया है। जैसे-जैसे क्रिप्टो बाजार 2025 की दूसरी छमाही में प्रवेश कर रहा है, निवेशकों का ध्यान प्रमुख मैक्रो संकेतकों पर केंद्रित हो रहा है। आगामी अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े और फेड के फैसले क्रिप्टोकरेंसी बाजार में रुझानों को नई दिशा देंगे। फिलहाल, निवेशकों के बीच आशावाद का माहौल है।

 

 

Mahindra & Mahindra-SML Isuzu Deal: CCI यानी भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने मंगलवार को एक महिंद्रा और SML Isuzu के अधिग्रहण सौदे को मंजूरी दी. इस सौदे के तहत Mahindra & Mahindra की तरफ से SML Isuzu में करीब 59 फीसदी हिस्सेदारी की खरीद का प्रस्ताव है. इसके लिए दोनों कंपनियों के बीच 555 करोड़ रुपये का सौदा हुआ है. Mahindra ने अप्रैल में इस अधिग्रहण की घोषणा की थी. CCI ने इस अधिग्रहण को प्रतिस्पर्धा के नियमों के तहत निष्पक्ष मानते हुए मंजूरी दी है.

CCI ने क्या कहा?
CCI ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड की तरफ से एसएमएल इसुजु लिमिटेड के अधिग्रहण कों मंजूरी दी गई है. महिंद्रा जहां ऑटोमोटिव और कृषि उपकरण भी बनाती है. वहीं, एसएमएल इसुजु SUV के साथ ही व्यावसायिक वाहन भी बनाती है.

क्या हुआ सौदा?
अप्रैल में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कहा था कि वह एसएमएल के प्रमोटर सुमितोमो कॉरपोरेशन की 43.96 प्रतिशत की पूरी हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी. इसके अलावा एसएमएल के सार्वजनिक शेयरधारक इसुजु मोटर्स की 15 फीसदी हिस्सेदारी का अलग से अधिग्रहण करेगी. इस सौदे की कुल कीमत 555 करोड़ रुपये होगी. इसके अलावा वह सेबी अधिग्रहण नियमों के मुताबिक एसएमएल इसुजु में 26 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए खुली पेशकश करेगी.

क्यों किया यह सौदा?
महिंद्रा का कहना है कि यह सौदा कंपनी की तरफ से उच्च संभावित विकास क्षेत्रों में निवेश रणनीति के मुताबिक है. महिंद्रा के लिए इस अधिग्रहण के बाद बस और ट्रक जैसे बड़े व्यावसायिक वाहनों में प्रवेश का मौका मिलेगा. SML Isuzu का कारोबार भारत के बाहर भी दर्जनों देशों में है. इस तरह महिंद्रा को इस अधिग्रहण से व्यावसायिक वाहनों के अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रवेश का मौका मिलेगा. इस सौदे से महिंद्रा को खासतौर पर टाटा से प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा, जो प्राइवेट पैसेंजर व्हीकल्स के साथ ही कमर्शियल व्हीकल की बड़ी खिलाड़ी है.

 

 

OLA 0 Commission Model: ऑनलाइन कैब सर्विस प्रोवाइडर ओला ने मंगलवार 17 जून को कहा कि वह वाहन चालकों से कोई कमीशन नहीं लेगी. ओला ने अपने 0 फीसदी कमीशन मॉडल को देश भर में लागू करने की घोषणा की है, जिससे ड्राइवरों को अपनी किराया आय का 100 फीसदी हिस्सा रखने में मदद मिलेगी. यह पहल सभी कैटेगरी- ऑटो, बाइक और कैब – पर लागू होती है, जिसमें सवारी या इनकम की कोई लिमिट नहीं है.

10 लाख ड्राइवर्स को मिलेगा फायदा
ओला से जुड़े 10 लाख से अधिक ड्राइवर सवारी या आय संबंधी किसी लिमिट के बगैर किराये से हुई पूरी कमाई रख सकेंगे. कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस पहल के तहत कैब ड्राइवर अपना प्लान खुद चुन सकते हैं और बिना किसी कटौती या लिमिट के पूरा किराया भी रख सकते हैं.

 

हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (HZL) में बड़ी ब्लॉक डील हो सकती है. प्रमोटर कंपनी वेदांता ब्लॉक डील के जरिए हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में 7,500 करोड़ रुपये के शेयर बेच सकती है. शेयरों को पिछले बंद भाव से 10 फीसदी तक की छूट पर पेश किए जाने की संभावना है. डीएएम कैपिटल और सिटी ब्रोकर के रूप में इस डील का प्रबंधन कर रहे हैं. ताजा शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, वेदांता के पास कंपनी में 63.42 फीसदी हिस्सेदारी थी. मंगलवार 17 जून को हिंदुस्तान जिंक के शेयर एनएसई पर 5.26 फीसदी गिरकर 485.95 रुपये पर बंद हुए.

प्रोडक्शन कैपेसिटी को बढ़ा रही कंपनी
हिंदुस्तान जिंक ने एक्सचेंजों को सूचित किया कि उसके बोर्ड ने जिंक, लेड और सिल्वर उत्पादन की अपनी क्षमता को दोगुना करने की योजना के शुरुआती चरण को मंजूरी दे दी है. इस विस्तार के हिस्से के रूप में कंपनी अपनी इंटीग्रेटेड रिफाइन्ड मेटल कैपिसिटी को 250 किलोटन प्रति वर्ष (ktpa) तक बढ़ाएगी, साथ ही माइनिंग और मिलिंग कैपेसिटी में भी इसी तरह की वृद्धि होगी.

अंतरिम डिविडेंड पर नजर
12,000 करोड़ रुपये की इस परियोजना को 36 महीनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जो बढ़ती वैश्विक मांग के मद्देनजर कंपनी की क्षमता निर्माण की दिशा में आक्रामक कदम का संकेत है. इस बीच वेदांता लिमिटेड के शेयरधारक बुधवार के कारोबारी सत्र पर नजर गड़ाए हुए हैं, जब कंपनी का बोर्ड चालू वित्त वर्ष के लिए अपने पहले अंतरिम डिविडेंड प्रस्ताव पर विचार करने वाला है.

कंपनी ने दिए हैं जमकर डिविडेंड
वित्त वर्ष 25 में अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाले समूह ने डिविडेंड के रूप में प्रति शेयर 43.5 रुपये का भुगतान किया. हिंदुस्तान जिंक को लगातार हाई डिविडेंड भुगतान के लिए जाना जाता है. कंपनी ने पिछले 12 महीनों में प्रति शेयर 19 रुपये का डिविडेंड दिया है.

 

CCI Approve Delhivery Ecom Express: भारत के लॉजिस्टिक्स सेक्टर में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है. मंगलवार को कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने Delhivery Ltd को ईकॉम एक्सप्रेस (Ecom Express Ltd) का कंट्रोलिंग स्टेक खरीदने की मंजूरी दे दी है. यह डील करीब 1,407 करोड़ रुपये की नकद राशि में तय हुई है. दोनों कंपनियों के बीच ये डील कुछ महीने पहले फाइनल हो चुका था, अब CCI ने इस डील को मंजूरी दे दी है.

क्या है पूरा मामला?
Delhivery लिमिटेड ने अप्रैल 2025 में ऐलान किया था कि वह ईकॉम एक्सप्रेस के शेयरधारकों से कंपनी में बहुमत हिस्सेदारी खरीदेगी. इस डील के तहत Delhivery कम से कम 99.44 फीसदी इक्विटी और प्रेफरेंस शेयर (पूरी तरह डायल्यूटेड आधार पर) खरीदेगी. CCI ने इस डील को मंजूरी देते हुए कहा कि यह अधिग्रहण कॉम्पटीशन के नियमों के आधार पर हुआ है और बाजार में किसी भी तरह की गलत कॉम्पटीशन को जन्म नहीं देगा.

क्यों हो रही है ये डील?
Delhivery एक लिस्टेड कंपनी है जो पूरे भारत में लॉजिस्टिक्स, लास्ट-माइल डिलीवरी, वेयरहाउसिंग और फुलफिलमेंट सेवाएं देती है. वहीं, ईकॉम एक्सप्रेस एक अनलिस्टेड कंपनी है, जो मुख्य रूप से ई-कॉमर्स कंपनियों को लॉजिस्टिक सॉल्यूशन देती है. इस डील के जरिए Delhivery अपने संचालन का विस्तार करना चाहती है और खासकर ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है. गुरुग्राम स्थित ईकॉम एक्सप्रेस ने वित्त वर्ष 2023-24 में 2,607.3 करोड़ रुपये का कारोबार किया, जो पिछले वर्ष 2,548.1 करोड़ रुपये था. यानी कंपनी का प्रदर्शन स्थिर रहा है.

क्या बोले अधिकारी?
Delhivery Ltd ने कहा है कि यह अधिग्रहण कंपनी की स्केल बढ़ाने और ग्राहकों के लिए अपनी सर्विसेज को और मजबूत बनाने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है. भारत में किसी भी बड़ी डील को CCI की मंजूरी जरूरी होती है, ताकि बाजार में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा बनी रहे और कोई भी कंपनी अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल न करे. यह डील तय नियमों के अंतर्गत थी, इसलिए CCI ने इसे पास कर दिया.

 

Share Market: स्टॉक मार्केट में गिरावट का दौर जारी है, बाजार संभलकर फिर टूट रहा है. ऐसे में अगर कोई ये कहे कि सेंसेक्स 1 लाख पॉइंट को पार कर जाएगा, तो आपको लगेगा बकवास ही कर रहा है. लेकिन अनुमान तो कुछ ही इस तरह के दिख रहे हैं कि दिसंबर 2025 तक सेंसेक्स 1 लाख पॉइंट को पार कर जाएगा. चलिए समझते हैं पूरा गुणा-गणित…

ट्रंप के फैसलों और बाजार की गिरावट
शेयर बाजार में जब पहली बार अक्टूबर-नवंबर 2024 में गिरावट शुरू हुई थी. तब किसी को अनुमान नहीं था कि सेंसेक्स 1 लाख पॉइंट के पार जाएगा. फिर भी बाजार ने रफ्तार पकड़ी और दिसंबर की शुरुआत में ही 6% का तगड़ा रिटर्न दे दिया. देश की इकोनॉमी के मैक्रोइकोनॉमिक्स की स्टेबिलिटी और अच्छे कैश फ्लो को देखते हुए ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने उम्मीद जताई कि दिसंबर 2025 तक सेंसेक्स 1,05,000 पॉइंट को टच कर जाएगा. ये अनुमान तब का है जब डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ नहीं ली थी. अमेरिका ने टैरिफ वॉर नहीं छेड़ा था और ना ही भारत की इकोनॉमी पर ट्रंप के फैसलों का प्रभाव पड़ना शुरू हुआ था.

डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही ताबड़तोड़ फैसले लेने शुरू किए. भारत को दबाव में कई तरह के टैरिफ करने पर विचार करना पड़ रहा है. अमेरिका को मोस्ट फेवर्ड नेशन स्टेटस देने पर भी विमर्श चल रहा है. इस बीच शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों (FPI) ने तेजी से निकासी की है और भारतीय शेयर बाजार ने फरवरी में 30 साल की सबसे बड़ी गिरावट का स्तर छुआ है. इन सबकी पृष्ठभूमि में क्या 1 लाख पॉइंट तक पहुंचना मुमकिन है?

चाहिए होगी 41% की बढ़त
मार्केट में गिरावट के रुख के बावजूद ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली का दावा है कि शेयर बाजार दिसंबर 2025 तक सेंसेक्स 1,05,000 पॉइंट को टच कर सकता है. हालांकि बाजार को अगर ऐसा करना है तो उसे अभी के स्तर से एक साल में करीब 41% की बढ़त हासिल करनी होगी. भारतीय शेयर बाजार की रिस्क झेलने की क्षमता का उसे रिवॉर्ड मिलेगा. दिसंबर 2025 तक सेंसेक्स 93,000 पॉइंट के लेवल तक तो आराम से पहुंच सकता है. ये मौजूदा लेवल से करीब 25% अप होगा. हालांकि अगर जोखिम फैक्टर एक हद से ज्यादा पहुंच जाता है, तब मॉर्गन स्टेनली के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में शेयर बाजार के दिसंबर 2025 तक 70,000 पॉइंट पर आने की आशंका भी है. ये अभी के स्तर से करीब 6% नीचे होगा.

हालांकि भारत को लेकर मार्गन स्टेनली के इंडिया रिसर्च हेड रिद्धम देसाई का कहना है कि अब मार्केट अपने बॉटम लेवल पर आ चुका है और यहां से ऊपर उठने की तैयारी करेगा. सिर्फ कोई ग्लोबल मंदी ही मार्केट को इस साल नीचे रख सकती है.

 

UFBU Strike: अगर आपका भी अगले हफ्ते बैंक से जुड़ा कोई काम है तो उसके ल‍िये अभी से प्‍लान‍िंग कर लीज‍िए. जी हां, अगले हफ्ते की आख‍िर में बैंक लगातार चार द‍िन तक बंद रहने वाले हैं. ऐसा इसल‍िए क्‍योंक‍ि यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) की तरफ से बताया गया क‍ि 24-25 मार्च को उसकी दो द‍िन की राष्‍ट्रव्‍यापी हड़ताल पूर्व तय कार्यक्रम के अनुसार होगी. UFBU की तरफ से कहा गया कर्मचारी संगठन की प्रमुख मांगों पर भारतीय बैंक संघ (IBA) के साथ बातचीत में क‍िसी तरह का पॉज‍िट‍िव नतीजा नहीं निकल पाया.

5 द‍िन का वर्क‍िंग वीक करने की मांग
भारतीय बैंक संघ (IBA) के साथ मीट‍िंग में UFBU के मेंबर्स ने सभी कैडर में भर्ती और पांच द‍िन का वर्क‍िंग वीक समेत कई मुद्दे उठाए थे. नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ बैंक एम्प्लाइज (NCBE) के महासचिव एल चंद्रशेखर ने कहा कि बैठक के बावजूद प्रमुख मामलों को लेकर क‍िसी तरह की सहमत‍ि नहीं बन पाई. UFBU नौ बैंक यूनियनों का एक संगठन है, जिसने 24 और 25 मार्च को हड़ताल बुलाई है. एक अधिकारी ने बताया कि 22 मार्च को चौथा शनिवार और 23 मार्च को रविवार होने के कारण बैंक बंद रहेंगे.

लगातार 4 दिनों तक बंद रह सकते हैं बैंक
शन‍िवार-रव‍िवार के साथ हड़ताल होने से बैंक लगातार चार दिनों तक बंद रह सकते हैं. हालांकि इस मामले को लेकर केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के साथ 18 मार्च को सुलह बैठक होनी है. UFBU ने केंद्रीय श्रम मंत्रालय के सामने 13 मांगें रखी हैं, जिनमें पर्याप्त भर्तियां और सप्ताह में पांच दिन काम करना शामिल है. उन्होंने कहा, 'पब्‍ल‍िक सेक्‍टर का बैंकिंग सिस्टम देश के वित्तीय ढांचे की रीढ़ है. लेकिन, पिछले कुछ साल में पब्‍ल‍िक सेक्‍टर के बैंकों में कर्मचारियों की संख्या काफी कम हो गई है. इससे काम का माहौल बिगड़ गया है और इनकी कार्यक्षमता और पहुंच पर असर पड़ा है.

7 दिसंबर के एमओयू पर कार्रवाई
UFBU ने कहा, IBA ने 8 मार्च, 2024 को कर्मचारियों की यूनियन और बैंक के अधिकारी संगठनों के साथ एक एग्रीमेंट पर साइन क‍िये थे. इनमें 1 नवंबर, 2022 से 31 अक्टूबर, 2027 की अवधि के लिए वेतन संशोधन और अन्य सेवा शर्तों में सुधार शामिल हैं. यूनियन ने साफ तौर पर मांग की क‍ि IBA को अंतिम समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले पांच दिन का वर्क‍िंग वीक लागू करना चाहिए. 7 दिसंबर, 2023 को भी एमओयू पर साइन क‍िये गए थे. SBI स्टाफ एसोसिएशन के पूर्व उप मुख्य सचिव ने कहा था कि UFBU और IBA दोनों की तरफ से फाइन डेज वर्क‍िंग वीक पर सहमति जताई गई थी. लेकिन इसे लागू नहीं किया गया.

मुंबई । पिछले कारोबार सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को उतार-चढ़ाव के बाद सेंसेक्स मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ। ट्रंप के ट्रेड वार की आशंका के कारण निवेशक बैचेन दिखाई दिए। सेंसेक्स 7 अंक गिरकर 74,332 के स्तर पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी में 7 अंक की तेजी रही, ये 22,552 पर बंद हुआ। साल 2025 में सेंसेक्‍स और निफ्टी पांच फीसदी से ज्‍यादा गिर चुके हैं। बाजार में आई इस जोरदार गिरावट की वजह विदेशी निवेशकों की ताबड़तोड़ बिकवाली रही है। साल 2024 के अक्टूबर से शुरू हुई विदेशी निवेशकों की बिकवाली, अभी भी नहीं थमी है। बीते 5 महीनों में अब तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से करीब 37 बिलियन डॉलर की निकासी की है।
बाजार जानकारों के अनुसार बाजार में कोहराम मचाने को आमादा विदेशी निवेशकों की राह में घरेलू संस्‍थागत निवेशक रोड़ा बने हुए हैं। इस साल अब तक एफआईआई 1.61 लाख करोड़ रुपये के शेयरों के नेट सेलर रहे हैं, जबकि डीआईआई ने 1.72 लाख करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं। सिर्फ फरवरी 2025 में एफआईआईएस ने 34,574 करोड़ के शेयर बेच दिए। घरेलू संस्‍थागत निवेशक अगर बाजार में खरीदार न बने रहते तब बाजार की और भी बुरी गत होती। पिछले कारोबारी सत्र यानी शुक्रवार को भी शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली जारी रही।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का डेटा बताता हैं कि एफआईआईएस ने कैश में 2035.10 करोड़ रुपये की बिकवाली की है। वहीं, दूसरी डीआईआई यानी घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2320.40 करोड़ रुपये की खरीदारी की है। 07 मार्च के कारोबारी सत्र के दौरान, एफआईआई ने 8,635 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 10,670 करोड़ रुपये के शेयर ब्रिकी किए। डीआईआई ने 10,452 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 8,132 करोड़ रुपये के शेयर की ब्रिकी की। विदेशी निवेशको के लिए अब चीन का बाजार ज्‍यादा आकर्षक हो गया है। विदेशी निवेशक इस समय ‘भारत में बेचो, चीन में खरीदो’ की नीति अपना रहे हैं।

 

नई दिल्‍ली पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) और सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवॉय), लोकप्रिय निवेश योजना हैं। इन दोनों योजनाओं में शानदार ब्‍याज मिलता ही है, साथ ही टैक्‍स छूट भी मिलती है। वर्तमान में पीपीएफ पर 7.1 फीसदी ब्‍याज दिया जा रहा है। सुकन्‍या समृद्धि योजना का खाता केवल 10 साल से कम उम्र की लड़की के नाम पर माता-पिता या कानूनी अभिभावक द्वारा खोला जा सकता है। इन दोनों ही योजनाओं में वित्‍त वर्ष में न्‍यूनतम राशि जमा करानी जरूरी होती है। इसकारण अगर आप भी इन दोनों योजनाओं में 31 मार्च तक न्‍यूनतम निवेश नहीं करते हैं तब आपके खाते निष्किय (बंद) हो सकते हैं और इन्हें दोबारा शुरू करने के लिए जुर्माना देना पड़ सकता है।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड पीपीएफ अकाउंट रखने वालों के लिए मिनिमम डिपॉजिट 500 रुपए है, यानी आपको इसमें एक वित्त वर्ष में कम से कम 500 रुपए का निवेश करना होता है। ऐसा न करने पर आपका खाता बंद हो सकता है। अगर आप यह पैसा नहीं जमा करते हैं, तब आपको 50 रुपए जुर्माना देना पड़ेगा। इसलिए खाता चालू रखने और पेनल्टी से बचना चाहते हैं, तब 31 मार्च 2025 से पहले न्यूनतम आवश्यक राशि जरूर जमा करें।
सुकन्‍या समृद्धि योजना में भी न्यूनतम जमा राशि 250 रुपये प्रति वित्त वर्ष है। वर्तमान में योजना में 8.2 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है। वित्‍त वर्ष में राशि जमा न करने पर खाता बंद हो सकता है। एसएसवाई खाता 21 वर्षों के लिए वैध रहता है या जब लड़की की शादी 18 साल की उम्र के बाद हो जाती है, तब इस बंद किया जा सकता है। हालांकि, बेटी के 18 वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए आंशिक निकासी की अनुमति मिलती है।

 

Page 4 of 263

Ads

R.O.NO. 13380/77 Advertisement Carousel

MP info RSS Feed

फेसबुक