ईश्वर दुबे
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Bhilai
व्यापार : उद्योग जगत के लीडर्स का मानना है कि पूर्वी भारत में खाद्य उद्योग क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं। यह टिप्पणी शनिवार को इंटरनेशनल कोलकाता फूडटेक 2025 के उद्घटान सत्र में की गई। साथ ही उन्होंने इस क्षेत्र में मौजूदा चुनौतियों का भी जिक्र किया।
बेकरी क्षेत्र के लिए अपार अवसर
लीडर्स के अनुसार बेकरी क्षेत्र में पूर्वी भारत अग्रणी है, लेकिन आइसक्रीम की श्रेणी में यह अभी भी पीछे है। ड्रीम बेक की सीईओ नेमिशा घिया ने टिकाऊ पैकेजिंग को अपनाने का आह्वान किया। साथ ही हितधारकों से अपील किया कि वे इस बात का पता लगाएं कि यह क्षेत्र किस प्रकार उद्योग में अग्रणी स्थान प्राप्त कर सकता है।
महाराष्ट्र : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि पुणे में कुछ तत्वों द्वारा उद्योगों पर खास लोगों को नौकरी देने या ठेके दिलाने का दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने इसे दादागिरी करार देते हुए कहा कि यह प्रवृत्ति शहर के विकास की राह में सबसे बड़ी रुकावट बनती जा रही है। यह निवेशकों की व्यवहार्य और किफायती विकल्प चुनने की स्वतंत्रता को सीमित करती है। फडणवीस ने शुक्रवार को पुणे मेट्रोपॉलिटन रीजन ग्रोथ हब (PMR G-Hub) की शुरुआत के दौरान यह बयान दिया।
फडणवीस ने दी चेतावनी
मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि अगर इस मानसिकता को खत्म नहीं किया गया तो राज्य का दूसरा बड़ा शहर और देश के प्रमुख आर्थिक केंद्रों में एक पुणें अपनी वास्तविक विकास क्षमता को प्राप्त नहीं कर पाएगा।
व्यापार : देश की विनिर्माण गतिविधियां जुलाई में 17.5 वर्ष के शीर्ष पर पहुंच गई हैं। एसएंडपी ग्लोबल की ओर से जारी एचएसबीसी फ्लैश इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई जुलाई में 59.2 पर पहुंच गया। खरीद प्रबंधक सूचकांक यानी पीएमआई जून में 58.4 पर था। दरअसल, यह उछाल, मज़बूत घरेलू और वैश्विक मांग के कारण विनिर्माण क्षेत्र में मजबूत वृद्धि का संकेत देता है।
विनिर्माण और सेवा दोनों का पीएमआई 60.7 पर पहुंच गया, जो एक साल से भी अधिक समय में सबसे तेज उछाल है। यह मांग में तेजी, तकनीकी निवेश और विस्तारित क्षमताओं के कारण संभव हुआ है। रोजगार में विशेष रूप से सेवा क्षेत्र में, मजबूत वृद्धि हुई है। यह दर्शाता है कि भारत के विनिर्माण और सेवा दोनों क्षेत्रों के विस्तार के साथ-साथ स्वस्थ रोजगार सृजन भी हो रहा है।
अगले 12 महीनें में उत्पादन वृद्धि में आशावादी
भारतीय कंपनियां अगले 12 महीने में उत्पादन वृद्धि के बारे में आशावादी बनी रहीं। कंपनियों का कहना है कि बढ़ती मांग, प्रौद्योगिकी में निवेश और विस्तारित क्षमताओं के कारण वृद्धि हो रही है। पीएमआई आंकड़ों से पता चला है कि भारत में वस्तु उत्पादकों ने सेवा प्रदाताओं की तुलना में उत्पादन में तेजी से वृद्धि दर्ज की है। इनकी वृद्धि की गति अप्रैल, 2024 के बाद से सबसे मजबूत हो गई है।
सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में मामूली नरमी
जुलाई के दौरान सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में थोड़ी नरमी देखी गई। हालांकि ऐतिहासिक मानकों के अनुसार वृद्धि दर तेज रही। निजी क्षेत्र के परिचालन में सुधार जारी रहा। कुल बिक्री, निर्यात ऑर्डर और उत्पादन स्तर में तेज वृद्धि दिखाई दी। हालांकि कारोबारी विश्वास सकारात्मक बना रहा, लेकिन कुछ प्रतिस्पर्धा और महंगाई के दबाव को लेकर चिंतित होने के कारण यह लगभग ढाई साल के निचले स्तर पर आ गया। रोजगार सृजन की दर 15 महीनों में सबसे कम रही।
व्यापार : वैज्ञानिक व औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीआरआरआई) की स्टील स्लैग तकनीक से बनाई जाने वाली सड़क का फार्मूला, अब अमेरिका के शिकागो व ओमान तक जा पहुंचा है। इन देशों में भारत के उक्त संस्थानों द्वारा बनाई गई तकनीक से स्टील स्लैग रोड बनाए जा रहे हैं। सीआरआरआई के मुख्य वैज्ञानिक सतीश पांडे ने बताया, स्टील स्लैग रोड तकनीक भारत के सड़क अवसंरचना क्षेत्र के लिए एक गेम चेंजर है। इससे भारत की सर्कुलर इकॉनॉमी की दिशा को गति मिलेगी। सतीश पांडे के मुताबिक, इसके माध्यम से वर्ष 2050 तक $2 ट्रिलियन से अधिक का बाजार खड़ा होने की संभावना है। ऐसे में लगभग एक करोड़ नौकरियां उत्पन्न हो सकती हैं।
मौजूदा समय में प्रतिवर्ष 1.2 बिलियन एग्रीगेट की खपत हो रही है
मुख्य वैज्ञानिक सतीश पांडे ने शुक्रवार को बताया कि किसी भी सड़क के निर्माण में मुख्य सामग्री नेचुरल एग्रीगेट होता है। मौजूदा समय में प्रतिवर्ष 1.2 बिलियन एग्रीगेट की खपत हो रही है। आने वाले समय में इस एग्रीगेट की खपत बहुत तेजी से बढ़ेगी। इससे पर्यावरण को भी नुकसान होता है, क्योंकि इसके लिए कहीं तो माइनिंग करनी ही पड़ेगी। स्टील स्लैग रोड तकनीक से पर्यावरण को बचाया जा सकता है। किसी भी सड़क के निर्माण में 95 प्रतिशत मात्रा, एग्रीगेट यानी रोड़ी बजरी की होती है। ऊपर की परत, जिसका हिस्सा केवल पांच फीसदी रहता है, उसमें सीमेंट/बिटुमिनस रहता है। वैज्ञानिक रूप से प्रोसेस की गई स्टील स्लैग रोड, पारंपरिक निर्माण सामग्री की तुलना में महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करती है।
व्यापार : वाहनों के पार्ट्स बनाने वाली कंपनी सोना बीएलडब्ल्यू प्रिसिजन फोर्जिंग्स लिमिटेड यानी सोना कॉमस्टार के शेयरधारकों ने प्रिया सचदेव कपूर को जरूरी बहुमत के साथ गैर-कार्यकारी निदेशक नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है।
सोना बीएलडब्ल्यू प्रिसिजन फोर्जिंग्स लिमिटेड (सोना कॉमस्टार) ने नियामकीय फाइलिंग में कहा कि शेयरधारकों ने 25 जुलाई को वार्षिक आम बैठक में पूर्व अध्यक्ष संजय कपूर की पत्नी प्रिया की नियुक्ति को मंजूरी दे दी।
प्रिया को 23 जून, 2025 से गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में अतिरिक्त निदेशक नियुक्त किया गया है। सोना कॉमस्टार के चेयरमैन संजय कपूर का 12 जून को लंदन में पोलो खेलते समय निधन हो गया था। उनके निधन के बाद, कंपनी के बोर्ड ने सर्वसम्मति से 23 जून, 2025 को जेफरी मार्क ओवरली को अध्यक्ष नियुक्त किया था।
संजय की मां और सोना समूह की पूर्व अध्यक्ष रानी कपूर ने 24 जुलाई को बोर्ड को लिखे पत्र में आरोप लगाया था कि जब परिवार पिछले महीने संजय की मौत पर शोक मना रहा था, कुछ लोगों ने नियंत्रण छीनने और पारिवारिक विरासत हड़पने के लिए इसे उपयुक्त समय के रूप में चुना।
व्यापार : अमेरिका की ओर से चिप निर्यात पर नियंत्रण कड़ा करने के बाद तीन महीनों में तस्करों ने कम से कम 1 अरब डॉलर के एनवीडिया के उन्नत एआई चिप्स चीन को बेच दिए। माना जा रहा है कि यह तस्करी थाईलैंड के रास्ते की गई। फाइनेंशियल टाइम्स ने गुरुवार को अपनी एक रिपोर्ट में यह दावा किया।
नई दिल्ली । दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग अपने नए स्मार्टफोन गैलेक्सी एफ 36 5जी को 19 जुलाई को पेश किया जाएगा। कंपनी के टीजर में इसे ‘फलेक्स हाई-फाई’ स्मार्टफोन बताया गया है। सैमसंग ने कन्फर्म किया है कि इसमें 50 मेगापिक्सल का मेन कैमरा दिया जाएगा, जबकि इसका रियर कैमरा सेटअप वर्टिकल डिजाइन में होगा जो काफी हद तक गैलेक्सी एम36 5जी जैसा होगा।
इसके अलावा फोन में एडिट सजेशन्स, इमेज क्लिपर और ऑब्जेक्ट इरेजर जैसे एडवांस्ड फीचर्स भी मिलेंगे, जिससे फोटो एडिटिंग और कस्टमाइजेशन पहले से बेहतर होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गैलेक्सी एम36 5जी में एक्सीनोस 1380 प्रोसेसर देखने को मिल सकता है और इसमें 6जीबी रैम दी जा सकती है। डिस्प्ले की बात करें तो फोन में 6.7 इंच का स्क्रीन मिलेगा जिसका रेजॉलूशन 1080 गुणा 2340 पिक्सल होगा। यह डिवाइस एंड्रॉयड 15 बेस्ड वनयूआई 7 इंटरफेस पर काम कर सकता है। डिजाइन के मामले में भी यह खास होगा, जिसमें वीगन लेदर फिनिश मिलने की उम्मीद है। इसकी कीमत लगभग 20,000 रुपये के आसपास रखी जा सकती है।
गौरतलब है कि पिछले साल लॉन्च हुए गैलेक्सी एफ34 5जी में 6.46 इंच का एफएचडी प्लस डिस्प्ले दिया गया था जो गोरिल्ला ग्लास 5 प्रोटेक्शन के साथ आता है। उसमें एक्सीनोस 1280 प्रोसेसर, 8जीबी तक रैम, 128जीबी स्टोरेज और 6000एमएएच की बैटरी मिलती थी। फोटोग्राफी के लिए 50एमपी मेन और 13एमपी फ्रंट कैमरा था। गैलेक्सी एफ36 5जी, अपने अपग्रेडेड फीचर्स और नए डिजाइन के साथ मिड-रेंज स्मार्टफोन मार्केट में मुकाबले को और दिलचस्प बनाएगा।
नई दिल्ली। दो पहिया वाहन निर्माता कंपनी काइनेटिक एक बार फिर से ग्राहकों के दिलों में जगह बनाने के लिए तैयार है। हाल ही में इसके अपकमिंग इलेक्ट्रिक स्कूटर की टेस्टिंग के दौरान स्पाई शॉट्स सामने आए हैं। काइनेटिक अपने नए इलेक्ट्रिक मॉडल के जरिए पुराने प्रतिद्वंद्वी बजाज चेतक को टक्कर देने आ रहा है। चेतक पहले से ही इलेक्ट्रिक स्कूटर सेगमेंट में खासा लोकप्रिय हो चुका है और इसके फीचर्स और स्टाइलिंग को काफी पसंद किया जाता है। काइनेटिक के नए झेडएक्स स्कूटर की तस्वीरों से इसके डिजाइन की झलक मिलती है जो पुराने काइनेटिक होंडा डीएक्स की याद दिलाता है। इसमें बॉक्सी डिजाइन एलिमेंट्स के साथ मॉडर्न टच भी दिया गया है, जैसे एलईडी हेडलैंप और डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर। इसके पहियों में भी रेट्रो स्टाइल नजर आता है लेकिन उम्मीद है कि इसमें 12-इंच के आधुनिक पहिए होंगे जो इसकी सवारी को बेहतर बनाएंगे।
यह अपकमिंग काइनेटिक ई-स्कूटर न केवल बजाज चेतक बल्कि टीवीएस आईक्यूब और एक्टिवा ई जैसे मॉडलों को भी चुनौती देगा। काइनेटिक ग्रीन पहले से ही शहर के उपयोग के लिए कई इलेक्ट्रिक स्कूटर और मोपेड्स पेश करता रहा है, जो छोटी दूरी के लिए किफायती और सुविधाजनक विकल्प साबित हुए हैं। मगर झेडएक्स खास तौर पर उन लोगों को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है जो एक अच्छे कम्यूटर स्कूटर की तलाश में हैं।
इसकी क्लासिक स्टाइलिंग पुराने स्कूटर प्रेमियों को आकर्षित करेगी जबकि नए फीचर्स और आधुनिक डिजाइन इसे आज के समय के हिसाब से उपयुक्त बनाएंगे। इस स्कूटर की लॉन्चिंग के बाद भारतीय इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बाजार में मुकाबला और दिलचस्प हो जाएगा। बता दें कि भारत में 1990 के दशक में बजाज चेतक और काइनेटिक होंडा स्कूटर बेहद लोकप्रिय थे। ये दोनों ही ऐसे टू-व्हीलर थे जिन्हें लोग मोटरसाइकिल के मुकाबले ज्यादा प्रैक्टिकल मानते थे।
नई दिल्ली । विनफ़ास्ट कंपनी जल्द ही दो नई इलेक्ट्रिक एसयूवी वीएफ6 और वीएफ7 के जरिए भारत में प्रवेश करेगी। देशभर में विनफ़ास्ट ने अपने डीलरशिप नेटवर्क को व्यापक बनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। विनफ़ास्ट ने अब तक 27 प्रमुख शहरों में उपस्थिति दर्ज कराते हुए 13 डीलर ग्रुप्स के साथ 32 डीलरशिप के लिए समझौता किया है। इन शहरों में दिल्ली, गुरुग्राम, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, जयपुर, अहमदाबाद, कोलकाता और कई अन्य प्रमुख स्थान शामिल हैं जहां ईवी की मांग तेजी से बढ़ रही है। कंपनी का लक्ष्य इन शहरों के जरिए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ बनाना है। इसके लिए विनफ़ास्ट ने क्षेत्रीय स्तर पर मजबूत ऑटोमोबाइल ग्रुप्स के साथ साझेदारी की है जैसे दिल्ली में पास्को ग्रुप, हिमाचल में देवभूमि ग्रुप, उत्तर प्रदेश में केबी ग्रुप और महाराष्ट्र में डोन ग्रुप। इस रणनीति के तहत कंपनी केवल वाहनों की बिक्री ही नहीं करेगी बल्कि ग्राहकों को बिक्री के बाद सेवा और सपोर्ट भी मुहैया कराएगी।
विनफ़ास्ट की वीएफ6 और वीएफ7 एसयूवी पहले से ही वैश्विक स्तर पर चर्चा में हैं और भारत में इनके लॉन्च को लेकर काफी उत्साह है। वीएफ6 कॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट में जबकि वीएफ7 मिड-साइज सेगमेंट में उतारी जाएगी। भारतीय ईवी बाजार में तेजी से बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए विनफ़ास्ट की योजना सिर्फ शहरी इलाकों तक सीमित नहीं है बल्कि वह टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी अपना नेटवर्क खड़ा कर रही है।
नई दिल्ली। भारतीय बाजार में टीवीएस ने नई अपाचे आरटीआर 310 पेश की है। यह बाइक 2.40 लाख रुपए की शुरुआती कीमत पर उपलब्ध है। इसमें 312सीसी का लिक्विड-कूल्ड इंजन दिया गया है, जो 35.6 बीएचपी की पावर और 28.7एनएम का टॉर्क जेनरेट करता है।
यह इंजन न सिर्फ कागज पर दमदार है, बल्कि राइडिंग के अनुभव में भी बेहतरीन साबित होता है। यह बाइक दमदार इंजन, स्पोर्टी डिजाइन और एडवांस फीचर्स के चलते युवाओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है। कंपनी का दावा है कि थ्रॉटल रिस्पॉन्स अब और बेहतर हुआ है, जिससे गियर शिफ्टिंग ज्यादा स्मूद हो गई है। इस बाइक में ड्रैग टॉर्क कंट्रोल, स्लिपर क्लच, ट्रैक्शन कंट्रोल और क्रूज कंट्रोल जैसे फीचर्स शामिल हैं, जो अब तक सिर्फ महंगी बाइक्स में ही देखने को मिलते थे। बाइक के डिजाइन में भी नयापन देखने को मिलता है, जिसमें ट्रांसपेरेंट क्लच कवर, सीक्वेंशियल टर्न इंडिकेटर्स और स्पोर्टी कलर स्कीम जैसे एलिमेंट्स शामिल हैं। टीवीएस ने इस मॉडल के साथ पहली बार बीटीओ (बिल्ट टू ऑर्डर) किट्स भी पेश की हैं, जिसमें डायनमिक किट और डायनमिक प्रो किट जैसे ऑप्शन मिलते हैं।
डायनमिक किट में एडजस्टेबल सस्पेंशन और टीपीएमएस जैसी सुविधाएं मिलती हैं, जबकि प्रो किट में कीलेस इग्निशन और लॉन्च कंट्रोल जैसे फीचर्स शामिल हैं। बाइक दो वैरिएंट्स बेस और मिड में उपलब्ध है, जहां मिड वैरिएंट में बाय-डायरेक्शनल क्विकशिफ्टर भी मिलता है।
व्यापार : भारत में बीमा उद्योग में मंदी देखी जा रही है। इसका मुख्य कारण ऑटो ब्रिकी में कमी और कॉर्पोरेट पॉलिसी नवीनीकरण में गिरावट है। नुवामा की एक हालिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
हालांकि थर्ड-पार्टी (टीपी) प्रीमियम में हालिया बढ़ोतरी से सुस्त ऑटो बिक्री का प्रभाव आंशिक रूप से संतुलित हो सकता है। थर्ड-पार्टी (टीपी) प्रीमियम, एक प्रकार का बीमा प्रीमियम है जो किसी वाहन के दुर्घटना में तीसरे पक्ष को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए दिया जाता है।
बीमा कंपनियों को ईओएम का लाभ हो सकता है
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि बड़े मौजूदा बीमा कंपनियों को बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) द्वारा लगाए गए प्रबंधन व्यय (ईओएम) विनियमों के सख्त नियमों से लाभ हो सकता है। प्रबंधन व्यय (ईओएम) विनियम, बीमा कंपनियों के लिए एक नियामक ढांचा है, जो यह निर्धारित करता है कि वे अपने व्यवसाय को चलाने के लिए कितना पैसा खर्च कर सकती हैं। ईओएम विनियम, बीमा कंपनियों के लिए एक "खर्च की सीमा" की तरह है।
व्यापार : भारत में लोगों के पैसे खर्च करने का तरीका बदल रहा, खासकर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में। शहरी और ग्रामीण उपभोग के बीच पारंपरिक अंतर बदल रहा है। एमके रिसर्च की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार शहरी उपभोक्ता अब ब्रांड के प्रति अधिक उदासीन हो रहे हैं और वैल्यू पर ध्यान केंद्रीत कर रहे हैं। वहीं ग्रामीण उपभोक्ता तेजी से ब्रांडों को अपना रहे हैं और ब्रांड के प्रति अधिक जागरूक हो रहे हैं।
शहरी उपभोक्ताओं का रुझान
शहरों में उपभोग की मात्रा धीमी हो रही है और लोग अब पैकेजिंग, मूल्य निर्धारण और सुविधा पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। मानसिकता में यह बदलाव शहरी उपभोक्ताओं को बेहतर मूल्य वाले उत्पादों को चुनने के लिए प्रेरित कर रहा है, भले ही इसका मतलब लोकप्रिय ब्रांडों से दूर जाना हो।
ग्रामीण उपभोक्ताओं का रुझान
दूसरी ओर, ग्रामीण उपभोक्ताओं में विपरीत रुझान देखने को मिल रहा है। वित्त वर्ष 2025 में ग्रामीण क्षेत्रों में सूचीबद्ध ब्रांडों की वृद्धि में तेजी आई है। यह दर्शाता है कि ग्रामीण भारत अधिक आकांक्षी बन रहा है। वे ब्रांडेड उत्पादों पर अधिक खर्च करने को तैयार हैं और उनमें ब्रांड के प्रति जागरूकता बढ़ रही है।
शहरों में गैर-जरूरी वस्तुओं पर खर्च में आई कमी
हालांकि प्रीमियम उत्पादों की मांग अभी भी बनी हुई है, लेकिन हाल ही में प्रीमियमीकरण की दर धीमी हो गई है। साथ ही, शहरी उपभोक्ता मूल्य, गति और सुविधा पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस बदलाव के कारण गैर-जरूरी वस्तुओं पर खर्च में भी कमी आ रही है।
शहरी और ग्रामीण उपभोग के बीच की रेखा हुई धुंधली
रिपोर्ट में एक और दिलचस्प बात यह बताई गई है कि शहरी और ग्रामीण उपभोग के बीच की रेखा धुंधली होती जा रही है। ग्रामीण समाज के उच्च वर्ग और शहरों में रहने वाले मध्यम आय वर्ग के लोगों की खरीदारी का पैटर्न अब एक जैसा हो गया है। इससे पता चलता है कि बढ़ती आय के साथ भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बदल रही है, और खरीदारी का पैटर्न भी।
व्यापार : गुरुवार को भारतीय बाजार लाल निशान पर बंद हुआ। आईटी शेयरों में बिकवाली और अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता के परिणाम से पहले बेंचमार्क शेयर सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई।
30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 375.24 अंक या 0.45 प्रतिशत गिरकर 82,259.24 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 415.21 अंक या 0.50 प्रतिशत गिरकर 82,219.27 अंक पर बंद हुआ। वहीं 50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 100.60 अंक या 0.40 प्रतिशत गिरकर 25,111.45 पर बंद हुआ।
सेंसेक्स की कंपनियों का हाल?
सेंसेक्स की कंपनियों में टेक महिंद्रा के शेयर में करीब 3 फीसदी की गिरावट आई है। इंफोसिस, एचसीएल टेक, इटरनल, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और एक्सिस बैंक भी पिछड़ने वालों में शामिल रहे। हालांकि, टाटा स्टील, ट्रेंट, टाइटन और टाटा मोटर्स लाभ में रहे।
जून तिमाही के नतीजे निवेशकों को खुश करने में नाकाम रहे। आईटी सेवा कंपनी टेक महिंद्रा ने 30 जून, 2025 को समाप्त तिमाही में अपने समेकित शुद्ध लाभ में साल-दर-साल लगभग 34 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है।
व्यापार : भारतीय अर्थव्यवस्था के उच्च-आवृत्ति संकेतकों में मंदी के संकेत दिखाई दे रहे हैं। नुवामा की रिपोर्ट में दावा किया गया है। इसमें कहा गया कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती और अन्य तरलता उपायों के बावजूद प्रमुख क्षेत्रों में विकास की गति में कमजोरी के संकेत दिख रहे हैं।
अर्थव्यवस्था में तेजी से बदलने वाले आंकड़ों को उच्च आवृत्ति संकेतक कहते हैं। ये आंकड़े हैं औद्योगिक उत्पादन, बेरोजगारी दर, मुद्रास्फीति दर, व्यापार संतुलन, आर्थिक विकास दर। रिपोर्ट के अनुसार अधिकांश आर्थिक संकेतक डेटा जो एक साल पहले दोहरे अंकों में थे, अब एकल अंकों में आ गए हैं। यह कोविड महामारी से पहले के स्तर के समान है।
बैंक ऋण वृद्धि और जीसटी संग्रह में आई गिरावट
भारत की बैंक ऋण वृद्धि जून 2025 तक घटकर 9 प्रतिशत रह गई है। यह एक साल पहले 16 प्रतिशत थी। इस गिरावट का मुख्य कारण आर्थिक गतिविधियों में मंदी और उधारी की मांग में कमी है। इसी प्रकार जीएसटी संग्रह जून 2025 में घटकर मात्र 6.2 प्रतिशत रह गया है। यह पिछले साल 11 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा था। यह गिरावट उपभोग और व्यावसायिक गतिविधि में मंदी का संकेत देती है।