ईश्वर दुबे
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Bhilai
सरकार ने इस साल जनवरी में पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना शुरू की थी। इस योजना का उद्देश्य सोलर एनर्जी को बढ़ावा देना था। इसमें सोलर पैनल लगाने के लिए सरकार सब्सिडी देती है। सभी गांवों तक योजना की पहुंच हो, इसके लिए ‘मॉडल सौर गांव’ क्रियान्वयन को भी योजना में शामिल किया गया है।
12 अगस्त 2024 (सोमवार) को सरकार ने पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत ‘मॉडल सौर गांव’ के क्रियान्वयन के लिए परिचालन दिशानिर्देश जारी किए।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के बयान के अनुसार योजना के घटक के रूप में पूरे भारत में हर जिले में मॉडल सौर गांव बनाने पर जोर दिया गया है। इसका मकसद सौर ऊर्जा की स्वीकार्यता को बढ़ावा देना और ग्रामीण समुदायों को ऊर्जा जरूरतों में आत्मनिर्भर बनाना है।
आवंटित हुए 800 करोड़ रुपये
मंत्रालय ने कहा कि इसके लिए 800 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। इसमें चुने गये प्रत्येक मॉडल सौर गांव को एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे। एमएनआरई ने मॉडल सौर गांव के क्रियान्वयन के लिए योजना दिशानिर्देश 9 अगस्त, 2024 को अधिसूचित किये थे।
गांवों का चयन एक प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के जरिये होगा। इसमें जिला-स्तरीय समिति गांव का चयन करेगी। उसके छह महीने बाद स्थापित समग्र वितरित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के आधार पर गांवों का मूल्यांकन किया जाएगा।
दिशानिर्देशों के अनुसार इसका लाभ उन गांवों को मिलेगा जिसकी आबादी 5,000 (या विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए 2,000) से अधिक होगी। इस योजना का कार्यान्वयन राज्य/केंद्रशासित प्रदेश नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी जिला स्तरीय समिति की निगरानी में करेगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि चयनित गांव प्रभावी ढंग से सौर ऊर्जा समुदायों में परिवर्तित हो जाएं। ये देशभर के अन्य गांवों के लिए मॉडल के रूप में काम करेंगे।
भारत सरकार ने 29 फरवरी, 2024 को पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना को मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य छतों पर लगने वाले सौर संयंत्रों की क्षमता की हिस्सेदारी बढ़ाना और आवासीय घरों को बिजली उत्पादन के लिए सशक्त बनाना है। इस योजना का परिव्यय 75,021 करोड़ रुपये है और इसे 2026-27 तक लागू किया जाना है।
हिंडनबर्ग की ओर से सेबी प्रमुख पर आरोप लगाए जाने के बाद घरेलू शेयर बाजार में सोमवार को उतार-चढ़ाव के साथ कारोबार होत दिखा। शुरुआती कारोबार में बड़ी गिरावट के बावजूद निवेशकों ने अमेरिकी शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट को नकारते हुए खरीदारी की जिससे एक समय पर सेंसेक्स 300 अंकों तक मजबूत हो गया। हालांकि आखिरी सत्र में बाजार में फिर बिकवाली आई और सेंसेक्स और निफ्टी सपाट बंद हुए।
हफ्ते के पहले कारोबारी दिन 30 शेयरों का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 56.99 (0.07%) अंक टूटकर 79,648.92 के स्तर पर बंद हुआ। दूसरी ओर, 50 शेयरों का एनएसई निफ्टी 20.50 (0.08%) अंक कमजोर होकर 24,347.00 पर बंद हुआ।
रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ
सोमवार को भारतीय रुपया अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंचकर बंद हुआ। इसकी वजह एशियाई मुद्राओं में गिरावट रही। इस दौरान भारतीय रिज़र्व बैंक के संभावित हस्तक्षेप ने सुनिश्चित किया कि रुपया और कमज़ोर न हो। पिछले सत्र में 83.9550 पर बंद होने के बाद सोमवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 83.9725 पर बंद हुआ। सत्र के दौरान रुपये में 83.95 और 83.97 के बीच सीमित दायरे में कारोबार होता दिखा।
सोमवार को शेयर बाजार अत्यधिक उतार-चढ़ाव भरे कारोबार के बाद मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। इस दौरान निवेशक सेबी अध्यक्ष और उनके पति के बरमूडा और मॉरीशस के अस्पष्ट ऑफशोर फंडों में निवेश से जुड़ी यूएस शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद सर्तक दिखे।
शुरुआती करोबार में फिसललने के बाद निचले स्तरों से उबरते हुए, 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 56.99 अंक या 0.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 79,648.92 पर बंद हुआ। सुबह के कारोबार में सूचकांक 479.78 अंक या 0.60 प्रतिशत गिरकर 79,226.13 के निचले स्तर पर आ गया था। बाद में बेंचमार्क ने तेज रिकवरी की और 400.27 अंक या 0.50 प्रतिशत चढ़कर 80,106.18 पर पहुंच गया। एनएसई निफ्टी 20.50 अंक या 0.08 प्रतिशत गिरकर 24,347 पर आ गया। इंट्रा-डे में यह 24,212.10 के निचले स्तर और 24,472.80 के उच्च स्तर पर पहुंच गया।
निवेशकों ने सतर्कता बरती, सपाट बंद हुआ बाजार
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "भारतीय बाजार अपेक्षाकृत सपाट रहा, इसकी शुरुआती गति अडानी-हिंडनबर्ग-सेबी प्रकरण के जारी रहने से प्रभावित हुई। हालांकि, बाजार ने वैश्विक बाजारों से सकारात्मक संकेत लेते हुए हिडनबर्ग की रिपोर्ट को नकारने की कोशिश की।"
सेंसेक्स की 30 कंपनियों में अदाणी पोर्ट्स, एनटीपीसी, पावर ग्रिड, भारतीय स्टेट बैंक, नेस्ले, महिंद्रा एंड महिंद्रा, रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में सबसे ज्यादा गिरावट दिखी। ब्लू-चिप पैक से एक्सिस बैंक, इंफोसिस, जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा मोटर्स, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को आरोप लगाया था कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति ने बरमूडा और मॉरीशस में अज्ञात ऑफशोर फंड में निवेश किया है। जिन फंड्स में निवेश किया गया वे वहीं संस्थाएं हैं जिनका कथित तौर पर विनोद अडानी - ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी के बड़े भाई- ने फंड समूह के शेयरों की कीमतों को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया था।
सेबी प्रमुख और उनके पति ने आरोपों को नकारा
बुच और उनके पति ने एक बयान जारी कर हिंडनबर्ग के ताजा आरोप को सेबी की विश्वसनीयता पर हमला और "चरित्र हनन" का प्रयास बताया। अदाणी समूह ने रविवार को हिंडनबर्ग रिसर्च के ताजा आरोपों को दुर्भावनापूर्ण और चुनिंदा सार्वजनिक सूचनाओं में हेरफेर करने वाला करार देते हुए कहा कि उनका सेबी चेयरपर्सन या उनके पति के साथ कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है।
अदाणी समूह के आठ शेयर टूटे, दो मजबूत हुए
शुरुआती कारोबार के दौरान अडानी समूह के सभी 10 शेयरों में तेज गिरावट आई, जिसमें अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस 17 प्रतिशत और अडानी टोटल गैस 13.39 प्रतिशत तक फिसलते दिखे। क्लोजिंग के बाद समूह की आठ फर्मों में गिरावट, जबकि दो में उछाल आया। एशियाई बाजारों में, सियोल और हांगकांग सकारात्मक क्षेत्र में रहे जबकि शंघाई में गिरावट आई। टोक्यो और बैंकॉक के बाजार छुट्टी के कारण बंद रहे। यूरोपीय बाजार में ज्यादातर तेजी रही। शुक्रवार को अमेरिकी बाजार बढ़त के साथ बंद हुए।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) कई दिनों तक शेयर बेचने के बाद शुक्रवार को खरीदार बन गए। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, उन्होंने 406.72 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.83 प्रतिशत बढ़कर 80.32 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शुक्रवार को बीएसई बेंचमार्क 819.69 अंक या 1.04 प्रतिशत उछलकर 79,705.91 पर जबकि एनएसई निफ्टी 250.50 अंक या 1.04 प्रतिशत बढ़कर 24,367.50 पर बंद हुआ था।
सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बाद घरेलू शेयर बाजार में बुधवार को शानदार बढ़त दिखी। सेंसेक्स शुक्रवार को 1,000 अंकों से अधिक की बढ़त के साथ खुला जबकि निफ्टी 24,350 के स्तर से ऊपर पहुंच गया।
अमेरिकी श्रम बाजार के आंकड़ों ने दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मंदी की चिंताओं को कम कर दिया। इसके बाद वैश्विक स्तर पर सभी सेक्टरों में खरीदारी देखने को मिली। इस बीच, बीएसई पर सभी सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 4.4 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 450.15 लाख करोड़ रुपये हो गया।
सेंसेक्स के सभी 30 शेयरों में तेजी रही और टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, इन्फोसिस और टीसीएस में 2.5 प्रतिशत तक की तेजी रही।
गुरुवार की गिरावट के बाद 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1,098.02 अंकों की मजबूती के साथ 79,984.24 पर पहुंच गया। वहीं दूसरी ओर, निफ्टी 270.35 अंक मजबूत होकर 24,387.35 पर कारोबार करता दिखा।
एशियाई बाजारों में टोक्यो, सियोल, शंघाई और हॉन्ग-कॉन्ग में तेज बढ़त दिखी। गुरुवार को अमेरिकी बाजार भी अच्छी बढ़त के साथ बंद हुए। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट वीके विजयकुमार के अनुसार अमेरिकी बाजार में तेजी लौटने से यह संकेत मिलता है कि मंदी का भय थोड़ा कम हुआ है। अमेरिकी श्रम बाजार के आंकड़े आशंकाओं के विपरीत बेहतर रहे हैं। जिससे बाजार में मंदी का डर थोड़ा कम हुआ है।
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने गुरुवार को 2,626 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.14% मजबूत होकर 79.27 प्रति बैरल पर पहुंच गया।
भारतीय रिजर्व बैंक के आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को एमपीसी बैठक में लिए गए फैसलों का एलान किया था। इसके अलावा आरबीआई ने बीते दिन एक सर्वे रिपोर्ट भी जारी की थी। इस रिपोर्ट के अनुसार जुलाई में महंगाई दर 8.2 फीसदी हो सकती है। यह सर्वे जुलाई 2024 में की गई थी।
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार महंगाई दर 0.20 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि आगामी तीन महीने और एक साल में महंगाई दर बढ़ेगी।
सर्वे के रिपोर्ट से पता चलता है कि उच्च सामान्य कीमतों की वजह से महंगाई में बढ़ रही है। हालांकि, मई 2024 में लोगों को उम्मीद थी कि चीजों की कीमतों में नरमी आने की वजह से महंगाई में नरमी आएगी। प्रमुख उत्पाद की कीमतों में आई तेजी की वजह से महंगाई बढ़ी है।
19 शहरों में हुआ था सर्वे
आरबीआई का यह सर्वे देश के 19 मुख्य शहरों में हुआ था। इस सर्वे का आयोजन 2 से 11 जुलाई 2024 के बीच आयोजित हुआ था, जिसमें कुल 6,091 उत्तरदाताओं ने भाग लिया।
आरबीआई एमपीसी
अगस्त में हुए एमपीसी बैठक में रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया है। इस बार भी रेपो रेट 6.5 फीसदी पर स्थिर है। आखिरी बार फरवरी 2023 में रेपो रेट को 6.25 से घटाकर 6.5 किया गया था।
सीबीआई ने 2011 से 2013 के बीच कोयला खनन के लिए पर्यावरण मंजूरी हासिल करने में कथित भ्रष्टाचार को लेकर आदित्य बिड़ला समूह की देश की अग्रणी एल्युमीनियम उत्पादक हिंडाल्को के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने केंद्रीय पर्यावरण व वन मंत्रालय में तत्कालीन निदेशक टी चांदिनी को भी मंत्रालय के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर ओडिशा के झारसुगुडा के अत्यधिक प्रदूषित इलाके में तालाबीरा-1 खदान में खनन की अनुमति देने में विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) के सदस्य सचिव के तौर पर कंपनी का पक्ष लेने के लिए नामित किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने करीब आठ साल की प्रारंभिक जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज की है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2016 में प्रारंभिक जांच इन आरोपों के बाद शुरू की थी कि आदित्य बिड़ला प्रबंधन निगम प्राइवेट लिमिटेड (एबीएमसीपीएल) ने तालाबीरा से कोयला खदान के लिए अनिवार्य पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त करने के लिए मंत्रालय के अधिकारियों को 2011 और 2013 के बीच कथित तौर पर भारी रिश्वत दी थी। जांच के निष्कर्षों से पता चलता है कि मंत्रालय ने 2006 में एक कंपनी के लिए सभी नई परियोजनाओं, मौजूदा उत्पादों के विस्तार और मौजूदा विनिर्माण इकाई में उत्पाद मिश्रण में किसी भी तरह के बदलाव के लिए पर्यावरण मंजूरी लेना अनिवार्य कर दिया था। जिन परियोजनाओं को पूर्व पर्यावरणीय मंजूरी की आवश्यकता थी, उन्हें ईएसी के माध्यम से जाना था, जिसमें विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ शामिल थे। नियामक प्राधिकरण ने ईएसी की सिफारिश के आधार पर यह मंजूरी दी थी। हिंडाल्को को तालाबीरा-1 खदान से 0.4 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) कोयले के खनन के लिए 2001 में अपनी पहली पर्यावरणीय मंजूरी मिली। इसके विस्तार के लिए जनवरी 2009 में एक और मंजूरी दी गई थी, जिससे खनन में 0.4 एमटीपीए से 1.5 एमटीपीए तक की वृद्धि हुई थी। दूसरी मंजूरी के लगभग एक महीने बाद, कंपनी ने अपनी क्षमता को 3 एमटीपीए तक दोगुना करने की मांग की, जिस पर ईएसी द्वारा विचार किया जाना था।
प्राथमिकी में कहा गया है कि यह बात सामने आई है कि कंपनी ने 2001 और 2009 में दी गई मंजूरियों का कथित तौर पर उल्लंघन करते हुए मंत्रालय द्वारा अनुमति से अधिक कोयला उत्पादन किया। कंपनी ने कथित तौर पर 2004-05 से 2007-08 और 2008-09 तक 3.04 एमटीपीए अतिरिक्त कोयले का खनन किया।
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि यह तथ्य ईएसी द्वारा विचार की प्रक्रिया के दौरान सामने आया, जिसके निदेशक टी चांदिनी सदस्य सचिव थे। सीबीआई ने आरोप लगाया कि ओडिशा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जांच के दौरान पुष्टि की कि तालाबीरा खदान झारसुगुडा के अत्यधिक प्रदूषित क्षेत्र में थी।
मंत्रालय के नियमों के अनुसार, अत्यधिक प्रदूषित क्षेत्रों में इन-पाइपलाइन परियोजनाएं या 13 जनवरी, 2010 के बाद आवेदन करने वाली परियोजनाओं को सलाहकार की मंजूरी के साथ सदस्य सचिवों द्वारा परियोजना प्रस्तावक को वापस किया जाना था।
जांच से पता चला कि चांदनी ने पूरी तरह से अवगत होने के बावजूद कि कंपनी पिछली पर्यावरण मंजूरी का उल्लंघन करते हुए अतिरिक्त कोयले का खनन कर रही थी, परियोजना को वापस नहीं किया, जैसा कि मंत्रालय के परिपत्र में निर्धारित किया गया है।
सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है, 'बल्कि उन्होंने एचआईएल (हिंडाल्को) के प्रस्ताव के उलट काम किया जो एचआईएल के पक्ष में उनके आधिकारिक पद का दुरुपयोग है।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि चांदिनी ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करते हुए हिंडाल्को को सूचित किया कि पर्यावरण मंजूरी देने के उनके प्रस्ताव पर ईएसी की 25 और 25 फरवरी 2010 को होने वाली अगली बैठक में विचार किया जाएगा।
उन्होंने कथित तौर पर सुनिश्चित किया कि मंजूरी जल्दबाजी में दी गई थी, इस तथ्य पर विचार करते हुए कि हिंडाल्को पहले से ही मंत्रालय द्वारा दी गई मंजूरी का उल्लंघन कर रही थी, क्योंकि यह पहले से ही तालाबीरा -1 कोयला खदान से अतिरिक्त कोयले का खनन कर रही थी।
लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में मंगलवार को घरेलू शेयर बाजार लाल निशान पर बंद हुआ। बाजार में सोमवार को बड़ी गिरावट के बाद मंगलवार को शुरुआती कारोबार के दौरान मजबूती दिखी लेकिन आखिरकार बिकवाली के बाद प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स लाल निशान पर बंद हुए। हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन सेंसेक्स 166.33 (0.21%) अंक टूटकर 78,593.07 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 63.05 (0.26%) अंक फिसलकर 23,992.55 पर बंद हुआ।
बीएसई सेंसेक्स के 30 शेयरों का हाल
एनएसई निफ्टी के टॉप गेनर्स और टॉप लूजर्स शेयर
ऑयल मार्केटिंग कंपनियां रोजाना सुबह 6 बजे पेट्रोल-डीजल के दाम जारी करती है। वैसे तो वैश्विक बाजार में क्रूड ऑयल के आधार पर इनकी कीमत तय की जाती है।
तेल कंपनियों ने 2 अगस्त 2024 (शुक्रवार) के लिए फ्यूल प्राइस अपडेट कर दिया है। आज भी इनकी कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। चूंकि, सभी शहरों में इनके दाम अलग हैं। ऐसे में गाड़ीचालक को लेटेस्ट रेट तेक करने के बाद ही तेल भरवाना चाहिए।
आइए, जानते हैं कि देश के 4 महानगरों समेत बाकी शहरों में एक लीटर पेट्रोल-डीजल की क्या कीमत है।
महानगरों में पेट्रोल- डीजल के दाम
दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये और डीजल की कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर है।
मुंबई में पेट्रोल की कीमत 103.44 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.97 रुपये प्रति लीटर है।
कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 104.95 रुपये प्रति लीटर और डीजल 91.76 रुपये प्रति लीटर है।
चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 100.75 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 92.34 रुपये प्रति लीटर है।
बाकी शहरों में पेट्रोल- डीजल के दाम
नोएडा: पेट्रोल 94.83 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87.96 रुपये प्रति लीटर
गुरुग्राम: पेट्रोल 95.19 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.05 रुपये प्रति लीटर
बेंगलुरु: पेट्रोल 102.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.94 रुपये प्रति लीटर
चंडीगढ़: पेट्रोल 94.24 रुपये प्रति लीटर और डीजल 82.40 रुपये प्रति लीटर
हैदराबाद: पेट्रोल 107.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल 95.65 रुपये प्रति लीटर
जयपुर: पेट्रोल 104.88 रुपये प्रति लीटर और डीजल 90.36 रुपये प्रति लीटर
पटना: पेट्रोल 105.18 रुपये प्रति लीटर और डीजल 92.04 रुपये प्रति लीटर
अमेरिकी में वृद्धि दर से जुड़ी चिंताओं के कारण वॉल स्ट्रीट पर बिकवाली और एशियाई बाजारों में गिरावट के कारणके बाद, निफ्टी और सेंसेक्स शुक्रवार को तेजी से नीचे खुले, बैंकिंग, ऑटो, आईटी और ऊर्जा शेयरों में गिरावट आई।
सुबह 9:48 बजे के आसपास बीएसई सेंसेक्स 800 अंक गिरकर 81,026 पर, जबकि निफ्टी50 282 अंक गिरकर 24,728 पर कारोबार करता दिखा। इस बीच, बीएसई पर सभी सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में 4.26 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई, जिससे यह 457.36 लाख करोड़ रुपये हो गया।
ओला इलेक्ट्रक का आईपीओ खुला
ओला इलेक्ट्रिक का आरंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है। यह इश्यू, जिसमें रु. 5,500 करोड़ की फ्रेश इक्विटी सेल और 8.4 करोड़ शेयरों की ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है, 6 अगस्त को बंद होगाद। ओएफएस के तहत, संस्थापक भाविश अग्रवाल आईपीओ में 37.9 मिलियन शेयर की बिकवाली करेंगे। दस्तावेजों से यह जानकारी सामने आई है। फर्म के निवेशक अल्फा वेव, अल्पाइन, डीआईजी इन्वेस्टमेंट, मैट्रिक्स और अन्य भी 47.89 मिलियन शेयर बेचेंगे।
नई दिल्ली । दवा कंपनी एकम्स ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल्स ने अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) खुलने के पहले बड़े निवेशकों से 829 करोड़ रुपये जुटाए हैं। कंपनी ने कहा कि इन निवेशकों में अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, स्मॉलकैप वर्ल्ड फंड, एचएसबीसी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट फंड्स, एसबीआई म्यूचुअल फंड, बंधन एमएफ, मोतीलाल ओसवाल एमएफ, आदित्य बिड़ला सन लाइफ एमएफ, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस शामिल हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की वेबसाइट पर जारी परिपत्र के मुताबिक कंपनी ने 50 कोषों को 679 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 1.22 करोड़ शेयर आवंटित करने का फैसला किया है, जिससे लेनदेन का आकार 828.78 करोड़ रुपये रहा।
नई दिल्ली । देश में कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता पिछले 10 साल में करीब 80 प्रतिशत बढ़कर जून 2024 तक 4,46,190 मेगावाट हो गई। बिजली राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने एक सवाल के लिखित जवाब में उच्च सदन को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मार्च 2014 में स्थापित क्षमता 2,48,554 मेगावाट थी, जो जून, 2024 तक बढ़कर 4,46,190 मेगावाट हो गई। कोयला आधारित बिजली की स्थापित क्षमता मार्च 2014 में 1,39,663 मेगावाट थी। इस साल जून में बढ़कर 2,10,969 मेगावाट हो गई। नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की स्थापित क्षमता मार्च 2014 में 75,519 मेगावाट थी जो जून 2024 में 1,95,013 मेगावाट हो गई। मंत्री ने कहा कि भारत का ग्रिड दुनिया के सबसे बड़े एकीकृत ग्रिड में से एक के रूप में उभरा है और पूरे देश को एक ग्रिड में जोड़ने से देश एक एकीकृत बिजली बाजार में बदल गया है।
नई दिल्ली । ओला इलेक्ट्रिक 1 अगस्त को अपने बहुप्रतीक्षित आईपीओ के लिए एंकर बुक शुरू करने की योजना बना रही है। उद्योग के सूत्रों ने बताया कि यह निर्गम 2 से 6 अगस्त के बीच लोगों के लिए खुलने की संभावना है। इसे 9 अगस्त को स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध कराया जा सकता है। ओला इलेक्ट्रिक ने ताजा निर्गम और ओएफएस के जरिये करीब 74 करोड़ डॉलर जुटाने का लक्ष्य रखा है। सूत्रों के मुताबिक सॉफ्टबैंक समर्थित ईवी निर्माता को आईपीओ से करीब 4.5 अरब डॉलर का मूल्यांकन की संभावना है जो इसके पिछले फंडिंग राउंड के लगभग 5.5 अरब डॉलर के मूल्यांकन से लगभग 18 प्रतिशत कम है। कंपनी एथर एनर्जी, बजाज और टीवीएस मोटर कंपनी के साथ प्रतिस्पर्धा करती है। ओला इलेक्ट्रिक ने 22 दिसंबर, 2023 को सेबी के पास अपना डीआरएचपी जमा कराया था। 20 जून को ओला इलेक्ट्रिक को आईपीओ के लिए बाजार नियामक से मंजूरी मिल गई। इस मंजूरी के साथ ही ओला इलेक्ट्रिक के लिए सूचीबद्ध होने वाली पहली भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी बनने की राह आसान हो गई है।
नई दिल्ली । जेएसडब्ल्यू स्टील के चेयरमैन सज्जन जिंदल ने कहा कि चीन से बढ़ते इस्पात आयात का घरेलू कंपनियों की कमाई पर नेगेटिव असर पड़ रहा है। कंपनी की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में जिंदल ने कहा कि कई देशों ने इस्पात आयात के खिलाफ पहले ही कदम उठाए हैं और भारतीय इस्पात उद्योग भी समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए सरकार के साथ बातचीत कर रहा है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में घरेलू इस्पात की मांग में 13.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो आर्थिक वृद्धि से अधिक है। यह बुनियादी ढांचे के विकास और प्रमुख इस्पात-उपभोक्ता क्षेत्रों की मजबूत मांग के कारण संभव हुआ है। जेएसडब्ल्यू स्टील के वित्त वर्ष 2023-24 के व्यावसायिक आंकड़े साझा करते हुए जिंदल ने कहा कि कंपनी ने इस अवधि में 92 प्रतिशत क्षमता उपयोग के साथ अपना उच्चतम कच्चा इस्पात उत्पादन प्राप्त किया। कंपनी ने अपने उत्पादन और बिक्री के लक्ष्य को 100 प्रतिशत पूरा किया। परिचालन से इसका राजस्व 1,75,006 करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जिसमें ब्याज, कर, मूल्यह्रास और कर पूर्व आय की कमाई 28,236 करोड़ और कर के बाद का मुनाफा 8,973 करोड़ रहा। कंपनी के निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 7.30 रुपए प्रति शेयर के लाभांश की सिफारिश की है, जिसे शेयरधारकों की मंजूरी प्राप्त करनी होगी। इसके अतिरिक्त, कंपनी की योजना वित्त वर्ष 2030-31 तक भारत में अपनी क्षमता को 5 करोड़ टन प्रति वर्ष तक बढ़ाने की है।
मुंबई । सिट्रोएन काफी समय से अपनी नई एसयूवी बसाल्ट को लेकर चर्चा में है। कंपनी अब बहुत जल्द गाड़ी को लांच करने वाली है। हाल ही में सिट्रोएन बसाल्ट का टीजर जारी हुआ है, जिसमें इसके एक्सीटियर और इंटीरियर की झलक देखने को मिल रही है। वीडियो में सिट्रोएन बसाल्ट के एक्सटीरियर में एलईडी डीआरएल और प्रोजेक्टर हेडलैंप्स दिए गए हैं। वहीं इंटीरियर में इंफोटेनमेंट सिस्टम, इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर और एसी यूनिट की झलक देखने को मिल रही है। गाड़ी में 10.2 इंच का इंफोटेनमेंट सिस्टम, डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, सी-शेप एसी वेंट्स, लैदरेट सीट्स, ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल, टॉगल स्विच और रोटरी डायल जैसे फीचर्स मिलने वाले हैं। इस अपकमिंग गाड़ी में भी 1.2 लीटर का तीन सिलेंडर इंजन मिल सकता है। इसके अलावा इसमें टर्बो इंजन का विकल्प भी दिया गया है, जिससे इसके मैनुअल वेरिएंट को 110 पीएस की पावर के साथ 190 न्यूटन मीटर का टॉर्क मिलेगा। वहीं छह स्पीड ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाले वेरिएंट से 110 पीएस की पावर और 205 न्यूटन मीटर का टॉर्क मिल सकता है।
नई दिल्ली। महंगाई की मार भारत के लोग ही नहीं दुनिया भर के लोग झेल रहे हैं। दुनिया की बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्था की तुलना में भारत में यह कम है। महंगाई की मार झेल रहे देशों में सबसे ऊपर अर्जेंटीना है। अर्जेंटीना में महंगाई दर 272 फीसदी है। हाल ही में वर्ल्ड ऑफ स्टेटिस्टिक्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दुनियाभर के देशों में महंगाई की एक लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट के टॉप-10 देशों में अर्जेंटीना, सीरिया, तुर्की, लेबनान, वेनेजुएला, नाइजीरिया, मिस्र, पाकिस्तान, बांग्लादेश और रूस शामिल हैं।
इस सूची में अर्जेंटीना के बाद सीरिया दूसरे नंबर पर है। सीरिया में महंगाई की दर 140 फीसदी है। तीसरे नंबर पर तुर्की आता है, जहां महंगाई दर 71.6 फीसदी है फिर लेबनान में 51.6 फीसदी, वेनेजुएला में 51.4 फीसदी, नाइजीरिया में 34.19 फीसदी, मिस्र में 27.5 फीसदी, पाकिस्तान में 12.6 फीसदी बांग्लादेश में 9.72 फीसदी और रूस 8.6 फीसदी महंगाई दर है।
इस सूची में भारत 13वें नंबर पर आता है, जहां महंगाई दर 5.08 फीसदी है। इस लिस्ट में टॉप पर मौजूद देश अर्जेंटीना में महंगाई का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि यह भारत के मुकाबले करीब 60 गुना है। भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश इस सूची में टॉप-10 में शामिल है। पाकिस्तान की महंगाई दर भारत से करीब ढाई गुना ज्यादा है। बता दें कि महंगाई बाजार की वह अवस्था होती है जिसमें गुड्स एंड सर्विसेज की कीमतें लगातार बढ़ती जाती हैं। ऐसे में कम चीजों को खरीदने के लिए ज्यादा करेंसी खर्च करनी पड़ती है।