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नई दिल्ली। भारतीय परिवारों की खर्च प्राथमिकता में पिछले 12 वर्षों में काफी बदलाव आया है। नवीन रिसर्च रिपोर्ट से पता चलता है कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में दालों और अनाज की खपत पांच फीसदी से अधिक घटी है। लोग अब खाद्य की बजाय गैर-खाद्य पदार्थों पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। रिपोर्ट दर्शाती है कि साफ-सफाई और खूबसूरत दिखने के सौंदर्य प्रसाधनों पर लोग ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। कपड़े, जूते जैसी चीजों पर खर्च कम हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, यह रुझान आर्थिक विकास और जीवनशैली में बदलाव की ओर इशारा कर रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य पदार्थों पर व्यय तेजी से घट रहा है जबकि शहरी क्षेत्रों में यह तेजी से नहीं। पिछले 12 वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में 5.86 फीसदी अंकों की गिरावट दर्ज की गई। इससे यह स्पष्ट है कि भारतीय परिवारों की प्राथमिकताएं बदल रही हैं, जिसमें खाद्य की खपत कम होने के साथ-साथ गैर-खाद्य पदार्थों पर ध्यान बढ़ रहा है।

 

नई दिल्ली । ‎निजी बैंकिंग कंपनी बंधन बैंक ने अपने वित्त साल की तिसरी तिमाही के लिए रिजल्ट जारी कर दिया है। बैंक ने दिसंबर को समाप्त हुई तिमाही में विभिन्न सेक्टर में दरों और आंकड़ों में वृद्धि की जानकारी जारी की है। इस तिमाही में बैंक ने लोन और एडवांस में सालाना 15 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है, जिससे यह आंकड़ा 1,33,285 करोड़ तक पहुंच गया है। यह एक प्रासंगिक वृद्धि है जो बैंक की समृद्धि को साबित करती है। साल दर साल तिमाही आधार पर बैंक की कुल जमा राशि में 20.1 फीसदी की वृद्धि हुई है, जो सुझाव देती है कि बैंक की व्यापक वित्तीय सेवाओं की मांग में वृद्धि हुई है। बैंक के सीएएसए जमा में भी 5.5 फीसदी की वृद्धि हुई है, जो एक सकारात्मक चिन्ह है। इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण बैंक की वित्तीय सेवाओं में विश्वासनीयता और सुविधा है। बंधन बैंक की सीएएसए रेश्यो अब 31.7 फीसदी है, जो एक साल पहले की स्थिति की तुलना में कम है।

 

कोलकाता । इंजीनियरिंग और विनिर्माण कंपनी निफा ग्रुप ने अपनी 65वीं वर्षगांठ पर एक निवेश रणनीति पेश की। इसमें अगले दो वर्षों में भारत में परिचालन के लिए 180 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। विस्तार योजनाओं के तहत कंपनी ने एक अमेरिकी कंपनी का अधिग्रहण करने की अपनी योजना की घोषणा की, जिससे उसके सबसे बड़े बाजार में निकटवर्ती उपस्थिति मजबूत होगी तथा ‘चीन प्लस वन’ रणनीति का लाभ उठाया जा सकेगा। निफा ग्रुप के चेयरमैन ने कहा ‎कि हम इस क्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध हैं। पश्चिम बंगाल में दानकुनी और चंदननगर में दो नई परियोजनाएं तथा फाल्टा में एक विस्तार परियोजना संभावित रोजगार अवसर पैदा कर रही हैं। उन्होंने कहा ‎कि इस क्षेत्र में हमारे 2,000 से अधिक कर्मचारी और सात परिचालन इकाइयां हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी अधिग्रहण के लिए बातचीत चल रही है। कंपनी भारत से 30 से अधिक देशों को उत्पाद निर्यात करती है।

 

 

सोल । कोरिया की क्यूंगपूक यूनिवर्सिटी ने दुनिया का पहला सेल्फ चार्जिंग वाला मोबाइल विकसित किया है। यह मोबाइल सौर ऊर्जा संग्रहित कर अपने आपको लगातार चार्ज करता है। यूनिवर्सिटी ने सौर सेल और सुपर कैपेसिटर तकनीकी के आधार पर मोबाइल तैयार किया है।इसके लिए विश्वविद्यालय के अनुसंधान करताओं ने निकेल और विभिन्न धातु का उपयोग करते हुए विकसित किया है।प्रथम चरण में इसकी गुणवत्ता 63 फ़ीसदी पाई गई है। जल्द ही मोबाइल पर इस तकनीकी का उपयोग करते हुए, मोबाइल अब सेल्फ चार्ज होंगे।

मुंबई । एअर इंडिया की कुछ घरेलू फ्लाइट्स में अब वाई-फाई की सुविधा मिलेगी। फिलहाल ये सर्विस एयरबस, बोइंग 787-9 और कुछ ए321 निओ विमानों में ही मिलेगी। एअर इंडिया घरेलू फ्लाइट्स में वाई-फाई इंटरनेट सर्विस देने वाली देश की पहली एयरलाइन बन गई है।
इंट्रोडक्टरी पीरियड के लिए वाई-फाई फ्री है और समय के साथ धीरे-धीरे इसे बेड़े के अन्य विमानों में शामिल किया जाएगा। इन-फ्लाइट वाई-फाई 10,000 फीट से ऊपर होने पर एक साथ कई डिवाइस कनेक्ट करने की अनुमति देगा। ये सर्विस सैटेलाइट कनेक्टिविटी और गवर्नमेंट रेस्ट्रिक्शन्स जैसे फैक्टर्स पर निर्भर करेगी।
अभी तक वाई-फाई सर्विस एयरबस ए350, चुनिंदा एयरबस ए321 नियो और बोइंग बी787-9 विमानों में पायलट प्रोग्राम के तहत इंटरनेशनल रूट पर मिलती थी। सक्सेसफुल पायलट रन के बाद अब सर्विस को घरेलू रूट पर शुरू किया जा रहा है।


मुंबई । रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने महाराष्ट्र के नवी मुंबई में स्थित 5,286 एकड़ भूमि के एक बड़े औद्योगिक पैमाने को 2,200 करोड़ रुपये में खरीदा है। यह जमीन नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक प्रोजेक्ट और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) जैसी प्रमुख परियोजनाओं के पास मौजूद है। इस भूमि की बिक्री जय कॉर्प लिमिटेड द्वारा की गई, इसमें अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड की सहायक कंपनी द्रोणागिरी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने नवी मुंबई आईआईए प्राइवेट लिमिटेड (पहले नवी मुंबई एसईजेड) में अपनी 74 प्रतिशत हिस्सेदारी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को बेची है।
रिलायंस ने 13 दिसंबर 2024 को बताया था कि उसने नवी मुंबई आईआईए प्राइवेट लिमिटेड के 57.12 करोड़ इक्विटी शेयरों को 28.50 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर खरीदा है, इससे इस परियोजना की कुल मूल्यांकन 2,200 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। यह जमीन नवी मुंबई के द्रोणागिरी और कलंबोल क्षेत्रों के स्पेशल प्लानिंग अथॉरिटी के तहत आती है। इस परियोजना के माध्यम से रिलायंस ने न केवल अपनी औद्योगिक निवेश योजनाओं को और मजबूती दी है, बल्कि इस रणनीतिक स्थान पर भूमि अधिग्रहण करके खुद को भविष्य में कई प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर विकास परियोजनाओं से जोड़ लिया है।
नवी मुंबई आईआईए प्राइवेट लिमिटेड के पास करीब 2,140 हेक्टेयर (करीब 5,286 एकड़) भूमि है, और यह परियोजना महाराष्ट्र सरकार द्वारा एकीकृत औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित की जा रही है। इसके विकास के बाद इस क्षेत्र में अत्यधिक आर्थिक गतिविधियों की संभावना है, खासकर जब नवी मुंबई एयरपोर्ट और ट्रांस हार्बर लिंक जैसी परियोजनाएं पूरी होंगी। इन प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के पास स्थित इस भूमि का उपयोग औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए होगा, जिससे इस क्षेत्र की समृद्धि में वृद्धि होगी।
इस निवेश से रिलायंस ने अपनी औद्योगिक गतिविधियों में और मजबूती लाई है और यह परियोजना न केवल कंपनी के लिए बल्कि पूरे महाराष्ट्र के लिए एक महत्वपूर्ण विकास का कदम साबित होगी। अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड और इसके साझेदारों के लिए यह सौदा एक बड़ा मील का पत्थर साबित हुआ है, जिससे रिलायंस ने एक मजबूत और रणनीतिक निवेश किया है। इस निवेश के द्वारा रिलायंस इंडस्ट्रीज भविष्य में इस क्षेत्र में प्रमुख औद्योगिक विकास की दिशा में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेगा।


अहमदाबाद । अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा कि हमारी असली चुनौती अपनी पूंजी को प्रभावी ढंग से तैनात करने की है और हमें उन दो टी को प्राथमिकता देनी चाहिए जो आज की दुनिया में सबसे बड़े डिफ्रेंशिएटर को तौर पर काम रहे हैं, वे हैं टेक्नोलॉजी और टैलेंट। अपने नववर्ष संदेश में अदाणी ने कहा कि हमारा ध्यान अपने लोगों की असीम क्षमता को अनलॉक करने पर है। अदाणी ने कहा, सबसे पहले मैं टेक्नोलॉजी के बारे में बात करूंगा। आज के तेजी से विकसित हो रहे परिदृश्य में हर कंपनी को एक तकनीकी कंपनी के रूप में सोचना और कार्य करना चाहिए या महत्वहीन होने का जोखिम उठाना चाहिए। प्रभावी ढंग से स्केलिंग के लिए केवल सॉफ्टवेयर टूल लागू करने से कहीं अधिक की आवश्यकता होती है। इसके लिए हमारे संगठन के मूल ढांचे में टेक्नोलॉजी फर्स्ट की मानसिकता को शामिल करना आवश्यक है।
अदाणी समूह के प्रमुख ने कहा, यह वैकल्पिक नहीं है, बल्कि आवश्यक है और इसकी शुरुआत हमारे शीर्ष 100 लीडर्स द्वारा माहौल तय करने से होती है। हमसे हर एक को टेक्नोलॉजी रूप से कुशल होने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए और यह किसी विशेष कार्य को पूरा करने के लिए नहीं, बल्कि सोचने के तरीके के रूप में भी है। आवश्यक होने की दौड़ में तकनीक ही रेसट्रैक है और नेतृत्व वह कदम है, जो सुनिश्चित करता है कि हम पहले स्थान पर रहें।
कर्मचारियों को अपने संदेश में अदाणी ने कहा, एआई-संचालित दुनिया में भविष्य इस बारे में है कि हम कैसे काम करते हैं और अपने लक्ष्यों को कैसे पाते हैं। मैं आप सभी को चुनौती देता हूं कि आप इनोवेशन करने और उत्कृष्टता के नए स्टैंडर्ड स्थापित करने के लिए तकनीक को एक लीवर के रूप में अपनाएं। आपका करियर विकास और हमारी सामूहिक सफलता इस पर निर्भर करती है। टैलेंट के बारे में गौतम अदाणी ने कहा कि यह हमारे समय की सबसे बड़ी चुनौती है और यह हमारी दीर्घकालिक सफलताओं निर्धारित करेगी। “टैलेंट केवल रिज्यूमे या क्रेडेंशियल्स नहीं है, बल्कि यह एडेप्ट, इनोवेशन और लीडरशीप है। अदाणी समूह के चेयरमैन ने कहा, “हमारा लक्ष्य प्रत्येक व्यक्ति की पूरी क्षमता को अनलॉक करना है। हम जो सबसे बड़ा निवेश कर सकते हैं, वह केवल सिस्टम या रणनीतियों में नहीं है, बल्कि हमारे लोगों की असीम क्षमता को अनलॉक करने में है, जो नेतृत्व करने और इनोवेशन करने का साहस करते हैं।”

 

नई दिल्ली वित्तीय कंपनी क्रेडिला फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड ने गोपनीय प्री-फाइलिंग मार्ग के माध्यम से अपनी प्रस्तावित आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के लिए बाजार नियामक सेबी के पास दस्तावेज दाखिल कर दिए हैं। यह घटनाक्रम पिछले वित्त वर्ष (2023-24) के दौरान कंपनी के स्वामित्व में एक महत्वपूर्ण बदलाव के बाद हुआ है। क्रेडिला ने एक सार्वजनिक घोषणा में सेबी और स्टॉक एक्सचेंज के साथ प्री-ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस जमा कर दिए हैं। ईक्यूटी और क्रिसकैपिटल के एक निजी इक्विटी कंसोर्टियम ने क्रेडिला में 90.01 प्रतिशत हिस्सेदारी 9,060 करोड़ रुपये में खरीदी, जिसमें 2,003.61 करोड़ रुपये की नई इक्विटी शामिल है। कंसोर्टियम ने क्रेडिला का प्री-मनी मूल्यांकन 10,350 करोड़ रुपये किया है। पिछले वित्त वर्ष के अंत तक ईक्यूटी के पास 72.01 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, क्रिसकैपिटल के पास 18 प्रतिशत हिस्सेदारी थी और एचडीएफसी बैंक के पास 9.99 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।

 


शिमला । मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ऊना जिले में लगभग 20 करोड़ रुपये के निवेश से आलू प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही है। इस संयंत्र की न्यूनतम प्रसंस्करण क्षमता होगी 500 किलोग्राम प्रति घंटा और यह आलू के गुच्छे के उत्पादन पर केंद्रित होगा। सुक्खू ने बताया कि राज्य में कुल सब्जी खेती में आलू का हिस्सा लगभग 20 प्रतिशत है। यह 16,960 हेक्टेयर से लगभग 2,38,317 टन उपज देता है। आलू प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना से किसानों को अधिक लाभकारी मूल्य मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि आलू को फ्लेक्स जैसे मूल्य-संवर्धित उत्पादों में प्रसंस्कृत करने से यह संयंत्र आलू बाजार को स्थिर करेगा और किसानों की संवेदनशीलता में कमी आएगी। ऊना जिला में दोनों मौसमों में अच्छे उत्पादन के लिए संयंत्र की स्थापना करने के लिए अच्छी स्थिति है। सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कृषि विभाग को इस संबंध में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है और उम्मीद है कि यह योजना किसानों के लिए एक क्रांति लाएगी।

 

नई दिल्ली । पाम और पामोलीन तेल की कीमतें सर्दियों की मांग के कारण बढ़ गई हैं। बीते सप्ताह सभी तेल-तिलहनों की कीमतें मजबूती के साथ बंद हुईं। पाम और पामोलीन तेल के दाम बढ़े हैं, जिसके कारण इसकी आम उपभोक्ता की पहुंच से दूर हो गई है। सूत्रों के अनुसार सोयाबीन और सरसों जैसे तिलहनों की मांग बढ़ने के कारण बाकी तेल-तिलहन की कीमतें भी सुधार रही हैं। पिछले सप्ताह सीपीओ का दाम मजबूती के साथ 1,240-1,245 डॉलर प्रति टन हो गया है। एक साधारण उपभोक्ता के लिए पामोलीन तेल का आयात पहले की तुलना में लगभग 17 रुपये किलो महंगा हो गया है। मौजूदा महंगाई के चलते तेलों की कीमतें बढ़ी हैं, लेकिन तेलों का खपना मुमकिन नहीं है। केवल तेलों के दाम में ही बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। सूत्रों ने बताया कि सोयाबीन के डी-आयल्ड केक की स्थानीय मांग बढ़ रही है और इससे तेल-तिलहनों में सुधार हुआ है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2020-21 में कपास की खेती का रकबा घटकर 112.60 लाख हेक्टेयर रह गया है। किसानों के लिए बिनौला खल का दाम वायदा कारोबार में 2,660 रुपये क्विंटल रह गया है, जो मूंगफली किसानों की मुश्किलें बढ़ा रहा है। अब बिनौला तेल का दाम 12,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। इसके अलावा सरसों और सोयाबीन तेलों की कीमतों में भी तेजी देखने को मिली है। मूंगफली तिलहन की कीमत 5,925-6,250 रुपये क्विंटल, और मूंगफली तेल 14,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। यह महंगाई सामान्य जनता पर असर डाल रही है, जिससे उन्हें और भी महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। तेलों की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ उपभोक्ताओं का बजट ‎बिगड़ रहा है।

 

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