ईश्वर दुबे
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Bhilai
पटना। राष्टीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो और पूर्व सीएम लालू यादव ने नीतीश सरकार पर सवाल उठाया है। बुधवार को उन्होंने पोस्ट किया, अब बिहार सीधा गुजरात से ऑपरेट हो रहा है। इस पोस्ट के साथ उन्होंने एक फोटो भी डाली है। उसमें नीतीश को पीएम मोदी की कठपुतली बताया गया है।
वहीं बिहार की वोटर लिस्ट से 30 लाख मतदाताओं के नाम हटने पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने कहा कि मतदाता सूची से नाम काटने से पहले नोटिस मिलेगा। एक अगस्त को प्रारूप प्रकाशित होगा। इसमें सभी गणना प्रपत्र भरने वाले मतदाताओं का नाम शामिल रहेगा। इसके साथ ही एक अलग से सूची प्रकाशित की जाएगी। इसमें पहचान किए जाने वाले स्थानांतरित, दोहरे वोटर और मृत वोटरों का नाम शामिल होगा। इन दोनों सूचियों पर दावा-आपत्ति की प्रक्रिया एक अगस्त से एक सितंबर तक चलेगी।
इसके बाद 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में वोटरों की कुल संख्या 7,89,69,844 है। इनमें अबतक स्थायी रूप से अन्यत्र स्थानांतरित होने वाले 12 लाख वोटर की पहचान हुई है।
पटना
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले एक बड़ा ऐलान किया है। अब बिहार के लोगों को 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलेगी। यह कोई छोटी-मोटी बात नहीं, बल्कि एक ऐसा तोहफा है जिससे लाखों परिवारों को सीधा फायदा होगा। यह योजना 1 अगस्त 2025 से लागू हो जाएगी, और सबसे अच्छी बात ये है कि इसका फायदा आपको जुलाई 2025 के बिजली बिल से ही मिलना शुरू हो जाएगा।
क्यों खास है ये ऐलान?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद ट्वीट करके इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा से सस्ती बिजली देने के पक्ष में रही है और अब ये तय कर लिया गया है कि राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक बिजली का कोई शुल्क नहीं देना होगा। लेकिन यहीं पर एक सवाल भी उठता है – ये फ्री क्या सच में ‘फ्री’ होता है? दरअसल, ‘फ्रीबीज’ यानी मुफ्त की योजनाओं का चलन भारतीय राजनीति में नया नहीं है। इसकी शुरुआत दिल्ली में अरविंद केजरीवाल मॉडल से हुई, जहां मुफ्त बिजली और पानी ने उनकी पार्टी को जबरदस्त सफलता दिलाई। इसके बाद, कई राज्यों में ऐसी योजनाओं की बाढ़ सी आ गई, जैसे तमिलनाडु में अम्मा कैंटीन, पंजाब में मुफ्त बिजली, राजस्थान में सस्ते सिलेंडर आदि। हर राज्य सरकार अपने वोट बैंक को साधने के लिए ऐसी घोषणाएं करती है।
सरकार पर कितना बोझ?
इस योजना का सीधा फायदा 1 करोड़ 67 लाख परिवारों को मिलेगा। खासकर उन गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को, जिनके लिए बिजली का बिल एक बड़ी चिंता का विषय होता है। अब उन्हें इस बोझ से काफी हद तक राहत मिलेगी। लेकिन सिक्के का दूसरा पहलू ये है कि सरकार पर इस ‘फ्री’ बिजली का भारी बोझ पड़ने वाला है।जब सरकार मुफ्त में कुछ देती है, तो इसका मतलब ये नहीं कि उसकी कोई लागत नहीं होती। बल्कि, उस लागत को टैक्सपेयर्स यानी हम और आप जैसे लोग ही किसी न किसी रूप में चुकाते हैं।यह पैसा सरकार के खजाने से आता है, जो अंततः जनता से वसूले गए टैक्स का ही हिस्सा होता है। बिहार जैसे राज्य के लिए पैसा कहां से आएगा? यह एक बड़ा सवाल है। बिहार एक ऐसा राज्य है जो विकास के कई मानकों पर अभी भी पीछे है और उसकी वित्तीय स्थिति हमेशा से चुनौतीपूर्ण रही है। ऐसे में 125 यूनिट मुफ्त बिजली जैसी योजना पर आने वाला करोड़ों रुपये का खर्च सरकार कैसे वहन करेगी, यह देखने वाली बात होगी।
खरगोन। मध्य प्रदेश खरगौन नगर पालिका परिषद में वार्ड क्रमांक 2 की एआईएमआईएम की एकमात्र गैर मुस्लिम पार्षद ने धर्म परिवर्तन के आरोपों को लेकर पार्टी से इस्तीफा दिया है। खरगोन की वार्ड क्रमांक 2 से एआईएमआईएम के टिकट से चुनाव जीतने वाली पार्षद अरुण उपाध्याय ने राष्ट्रीय कार्यालय हैदराबाद को अपने इस्तीफे में कहा कि वे निजी कारणों के चलते प्रदेश कोर कमेटी के पद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे रही हैं।
उन्होंने बुधवार को इस्तीफा के कारण पर चर्चा करते हुए कहा कि उनके पति श्यामलाल उपाध्याय 2022 में चुनाव जीतने के बाद से पार्षद पद छोड़ने का दबाब बना रहे थे। पद छोड़ने से मना करने के बाद उन्होंने विगत दो वर्षों से उन पर फंड लेकर धर्म परिवर्तन करवाने का आरोप लगाकर विभिन्न फोरमों पर शिकायत भी की है। उन्होंने बताया कि वे जान से मारने की भी धमकी देते हैं, इसलिए अलग होकर उनके विरुद्ध तलाक का केस भी दायर किया है। इसके अलावा उन्होंने 15 दिन पहले पति के खिलाफ पुलिस अधीक्षक से शिकायत भी की है।
उन्होंने बताया कि न उन्होंने स्वयं धर्म परिवर्तन किया है, और ना ही वे फंड लेकर लोगों का धर्म परिवर्तन करवा रही हैं। उन्होंने कहा कि पति से विवाद कारण पार्टी थी, इसलिए वे औवेसी की छोड़ रही हैं, लेकिन पार्षद के रूप में काम करती रहेंगी। उन्होंने कहा कि मैंने पति से इन आरोपों को सिद्ध करने के लिए भी कहा है।
2022 के निकाय चुनाव में ओवैसी की पार्टी से प्रदेश में करीब आधा दर्जन पार्षद जीते थे। इसमें खरगोन की हिन्दू महिला अरुणा सहित तीन पार्षद भी शामिल थे। वे एआईएमआईएम से प्रदेश की पहली हिंदू पार्षद बनकर चर्चा में रहीं। वार्ड 2 से अरुणा के सामने भाजपा प्रत्याशी सुनीता गांगले और कांग्रेस की शिल्पा सोनी मैदान में थीं। उन्होंने 643 वोट हासिल किए थे। वार्ड में 70 प्रतिशत मुस्लिम आबादी होने के बावजूद उन्होंने जीत हासिल की थी।
हैदराबाद: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत की एक टिप्पणी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति 75 साल का हो जाता है, तो उसे खुद रुक जाना चाहिए और दूसरों के लिए रास्ता छोड़ देना चाहिए. यह बात उन्होंने नागपुर में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में कहीं.
राजनीतिक गलियारे में नई बहसः मोहन भागवत के बयान ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है. राजनीतिक गलियारे में इस बयान के मायने निकाले जा रहे हैं. क्या राजनीति में भी उम्र की एक सीमा तय होनी चाहिए? खास बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अब उस उम्र के करीब पहुंच चुके हैं. पीएम मोदी और मोहन भागवत इस साल सितंबर में 75 साल के हो जाएंगे.
हैदराबाद: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गोशामहल से विधायक राजा सिंह का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. इस्तीफा स्वीकार किए जाने के कुछ ही घंटों बाद राजा सिंह ने एक भावुक बयान जारी कर हिंदुत्व और हिंदू समुदाय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.
राजा सिंह ने कहा, "ठीक 11 साल पहले मैं जनता, देश की सेवा और हिंदुत्व की रक्षा के उद्देश्य से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुआ था." उन्होंने लगातार तीन बार तेलंगाना विधानसभा चुनावों में टिकट देने के लिए पार्टी नेतृत्व का आभार व्यक्त किया.
'व्यक्तिगत लाभ से प्रेरित नहीं था फैसला'
सिंह ने स्पष्ट किया कि इस्तीफा देने का उनका फैसला किसी पद, शक्ति या व्यक्तिगत लाभ से प्रेरित नहीं था. उन्होंने कहा, "यह फैसला किसी पद या स्वार्थ के कारण नहीं लिया गया है. मैं शायद दिल्ली तक उन लाखों बीजेपी कार्यकर्ताओं का दर्द नहीं पहुंचा पाऊंगा जो तेलंगाना में भाजपा की सरकार देखने के लिए दिन-रात प्रयास कर रहे हैं."
'मेरा जन्म हिंदुत्व की सेवा के लिए हुआ है'
अपने जीवन भर के मिशन को दोहराते हुए सिंह ने कहा, "मेरा जन्म हिंदुत्व की सेवा के लिए हुआ है और मैं अपनी अंतिम सांस तक ऐसा करता रहूंगा. मैं हिंदुत्व और सनातन धर्म की रक्षा के लिए हमेशा पूरी निष्ठा से काम करता रहूंगा." उन्होंने अपने संदेश का अंत समाज सेवा और हिंदू समुदाय के अधिकारों के लिए आवाज उठाते रहने के संकल्प के साथ किया.
राजा सिंह का इस्तीफा स्वीकार
इससे पहले बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव अरुण सिंह ने राजा सिंह के पत्र को लेकर कहा, " यह 30 जून, 2025 को लिखे आपके पत्र का संदर्भ है, जो आपने भाजपा तेलंगाना प्रदेश के अध्यक्ष जी किशन रेड्डी जी को पार्टी से अपने इस्तीफे के संबंध में लिखा था.
अरुण सिंह ने कहा कि उपरोक्त पत्र माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के संज्ञान में लाया गया है. आपके द्वारा उल्लिखित विषयवस्तु अप्रासंगिक है और पार्टी की कार्यप्रणाली, विचारधारा और सिद्धांतों से मेल नहीं खाती. माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशानुसार मैं सूचित करता हूं कि आपका इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया गया है.
हैदराबाद: आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने कहा है कि हिंदी का अंधा विरोध उचित नहीं है, खासकर ऐसे दौर में जब भाषा शिक्षा, रोजगार या व्यवसाय में बाधा नहीं रही. उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसा विरोध आने वाली पीढ़ियों की प्रगति में बाधा बन सकता है.
गाचीबावली स्थित GMC बालयोगी स्टेडियम में आयोजित राज्य भाषा विभाग के स्वर्ण जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए पवन कल्याण ने हिंदी को अपनाने की व्यावहारिक आवश्यकता पर जोर दिया, खासकर विभिन्न क्षेत्रों में इसके बढ़ते प्रभाव को देखते हुए.
उन्होंने पूछा, "हम दूसरे देशों में जाकर उनकी भाषाएं सीखते हैं. फिर हिंदी को लेकर इतना डर क्यों है?" उन्होंने आगे कहा, "जब हम अंग्रेजी में आराम से बात कर लेते हैं, तो हिंदी में बात करने में हमें झिझक क्यों होती है?"
हिंदी में डब की जा रही फिल्में
बता दें कि 'दक्षिण संवादम' विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश और केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी सहित कई प्रमुख हस्तियां मौजूद थीं. पवन कल्याण ने बताया कि 31 प्रतिशत दक्षिण भारतीय फिल्में हिंदी में डब की जा रही हैं, जिससे अच्छी-खासी कमाई हो रही है.
उन्होंने सवाल किया, "क्या आपको व्यवसाय के लिए हिंदी की जरूरत है या नहीं?" उन्होंने आगे कहा कि हिंदी सीखने का मतलब अपनी पहचान खोना नहीं है.
'हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है'
उन्होंने कहा, "अब्दुल कलाम तमिल थे फिर भी उन्हें हिंदी से प्यार था. हमें सांस्कृतिक गौरव को भाषाई कठोरता से नहीं जोड़ना चाहिए. चाहे कितनी भी भाषाएं हों, हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है. अगर मातृभाषा मां है, तो हिंदी हमारी दादी जैसी है. दूसरी भाषा को अपनाने का मतलब खुद को खोना नहीं, बल्कि साथ मिलकर आगे बढ़ना है."
उन्होंने लोगों से भाषा की राजनीति से ऊपर उठकर सोचने और यह सोचने का आग्रह किया कि अगली पीढ़ी को क्या लाभ होगा. उन्होंने कहा, "हिंदी बोलने से इनकार करना भविष्य के अवसरों के द्वार बंद करने जैसा है."
भारतीय भाषाओं के लिए स्वर्णिम काल
इस दौरान केंद्रीय मंत्री जे किशन रेड्डी ने कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में भारतीय भाषाओं के लिए स्वर्णिम काल चल रहा है.पिछले एक दशक में राष्ट्र विभाग ने हिंदी समेत अन्य भारतीय भाषाओं की सक्रीयता बढ़ाने के लिए अलग-अलग काम किए हैं.
भुवनेश्वर: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे आज शुक्रवार को ओडिशा के एकदिनी दौरे पर हैं. दोनों नेता भुवनेश्वर बारामुंडा में आयोजित संविधान बचाओ रैली में शामिल हुए.
भुवनेश्वर में संविधान बचाओ रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कुछ नया शुरू हुआ है. ओडिशा में 40,000 से अधिक महिलाएं गायब हो गई हैं. आज तक यह पता नहीं चल पाया है कि ये महिलाएं कहां गईं. यहां हर दिन महिलाओं पर अत्याचार होता है. उनके साथ रेप होता है. ओडिशा में हर दिन 15 महिलाओं के साथ दुष्कर्म होता है. आपकी सरकार चौबीसों घंटे केवल आपका खून चूसती है, आपकी जमीन छीनती है.
उन्होंने कहा कि अडानी ओडिशा की सरकार चलाते हैं, अडानी ही नरेंद्र मोदी को चलाते हैं. जब ओडिशा में जगन्नाथ यात्रा निकलती है, जब जगन्नाथ यात्रा के रथ खींचे जाते हैं, तो लाखों लोग इसे देखते हैं और इसके पीछे चलते हैं. फिर, एक नाटक होता है - अडानी और उनके परिवार के लिए रथ रोक दिए जाते हैं. इससे आपको ओडिशा सरकार के बारे में सब कुछ समझ आ जाएगा. यह ओडिशा सरकार नहीं है, यह अडानी जैसे 5-6 अरबपतियों की सरकार है. इसका लक्ष्य आपकी जमीन, जंगल और भविष्य को छीनना है.
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि मैं कल गुरुवार को बिहार में था. जिस तरह महाराष्ट्र में चुनाव की चोरी की गई, उसी तरह की कोशिश बिहार में की जा रही है. चुनाव चोरी के लिए चुनाव आयोग ने एक नई साजिश रची है. चुनाव आयोग भाजपा की शाखा के रूप में काम कर रहा है, वह अपना काम नहीं कर रहा है. महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच 1 करोड़ नए मतदाता जुड़े. कोई नहीं जानता कि ये मतदाता कौन थे और कहां से आए. हमने चुनाव आयोग से कई बार मतदाता सूची और वीडियोग्राफी उपलब्ध कराने के लिए कहा, लेकिन चुनाव आयोग ने हमें ये उपलब्ध नहीं कराए. वे बिहार में भी वही चोरी करने जा रहे हैं, जो महाराष्ट्र में की गई थी. मैंने भारतीय गठबंधन के नेताओं से कहा कि हम चुनाव आयोग और भाजपा को बिहार चुनाव की चोरी नहीं करने देंगे.
संविधान बचाओ रैली में राहुल गांधी ने कहा कि ओडिशा सरकार का एक ही काम है - राज्य के गरीब लोगों के हाथों से ओडिशा की संपत्ति चुराना. पहले बीजद सरकार ने यही किया और अब भाजपा सरकार यही कर रही है. एक तरफ ओडिशा की गरीब जनता, दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग, किसान और मजदूर हैं, और दूसरी तरफ 5-6 अरबपति और भाजपा सरकार है. यह लड़ाई जारी है. केवल कांग्रेस कार्यकर्ता, ओडिशा की जनता के साथ मिलकर इस लड़ाई को जीत सकते हैं, कोई और नहीं.
इससे पहले राहुल और खरगे के दौरे को लेकर पार्टी ने तमाम तैयारियां की है. इनके दौरे को लेकर कांग्रेस खेमा बहुत उत्साहित है. बता दें, विधानसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी का यह पहला ओडिशा दौरा है. इसके लिए यातायात व्यवस्था चाक-चौबंद है. संविधान बचाओ रैली को लेकर पार्टी कार्यकर्ता जुटने शुरू भी हो गए हैं. वहीं, यह भी पता चला है कि दोनों नेता इस संविधान बचाओ रैली के अलावा क
पटना। बिहार में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत जोरों पर है। बीते बुधवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विरोध में महागठबंधन ने बिहार बंद का आह्वान किया था। संसद में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस नेता राहुल गांधी व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व राजद नेता तेजस्वी यादव बिहार बंद के मार्च का नेतृत्व कर रहे थे। दोनों नेता जिस गाड़ी में सवार थे, उस पर कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार और निर्दलीय सांसद पप्पू यादव भी चढ़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें चढ़ने नहीं दिया गया। इस पर अब चुनावी रणनीतिकार एवं जनसुराज के नेता प्रशांत किशोर का बयान आया है। पीके ने कहा कि राजद कन्हैया कुमार से डरती है।
पीके ने कहा कि कन्हैया कुमार और उनके जैसे युवा नेताओं से राजद (राजद) के नेतृत्व और खासकर लालू परिवार को डर लगा रहता है। वे उन्हें आगे नहीं आने देना चाहते हैं। राजद को लगता है कि यदि कन्हैया जैसे युवा नेता बिहार की राजनीति में आगे आएंगे, तब तेजस्वी का क्या होगा। राष्ट्रीय जनता दल कभी नहीं चाहती है कि कन्हैया जैसा प्रभावशाली नेता कांग्रेस में सक्रिय रहे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बिहार में राजद की पिछलगू पार्टी है। कांग्रेस बिहार के अंदर वहीं करती है, जो राजद नेतृत्व की ओर से आदेश मिलता है। प्रशांत किशोर ने कहा कि कन्हैया बिहार कांग्रेस में सबसे अधिक प्रतिभावान हैं। कांग्रेस यदि इन नेताओं का इस्तेमाल नहीं करती है, तब यह दिखाता है कि वह बिहार में राजद की पिछलग्गू पार्टी है।
दरअसल, प्रशांत किशोर की पूरी कवायद यही है कि वह मौके को भुनाकर कन्हैया कुमार को अपने पाले में कर लें। अगर वाकई में पीके इसमें कामयाब होते हैं, तब बिहार की राजनीति में भूकंप के झटके के समान होगा।
कहा जाता है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, कन्हैया कुमार की खूबियों से वाकिफ है। लालू नहीं चाहते हैं कि कन्हैया बिहार में पैर जमाए। छात्र राजनीति के दौरान कन्हैया जब जेल से छूटे थे, तब बिहार लौटते ही उन्होंने लालू यादव से मुलाकात की थी। कन्हैया ने लालू यादव का पैर छूकर आशीर्वाद लेने की कोशिश की। इसके बावजूद भी 2019 के लोकसभा चुनाव में कन्हैया को राजद का समर्थन नहीं मिला। कन्हैया तब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरे थे, उन्होंने राजद और लालू यादव से समर्थन की उम्मीद भी जाहिर की थी, लेकिन राजद ने वहां अपना प्रत्याशी उतार दिया था।
इसके बाद कन्हैया जब कांग्रेस में शामिल हुए, फिर से कयास लगाया जाने लगा कि वे बेगूसराय से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन इस बार भी राजद की तरफ से उनके खिलाफ वीटो लगा दिया गया। इस कारण कन्हैया को 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस ने बीजेपी नेता मनोज तिवारी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा।
प्रशांत किशोर ने वोटर लिस्ट पुनरीक्षण मामले में बयान दिया है। पीके ने कहा कि वोटर लिस्ट के विरोध में बहुत से लोग हैं। अभी एक साल पहले ही लोकसभा चुनाव हुआ है। चुनाव आयोग ने ही वोटर लिस्ट बनाया। आखिर एक साल के भीतर बिहार में ऐसा क्या हुआ कि पूरे लिस्ट में पुनरीक्षण की जरूरत आ गई है। उन्होंने कहा कि हमारी यही मांग है कि 2024 में लोकसभा चुनाव के लिए जिस लिस्ट का इस्तेमाल हुआ है उसी का इस्तेमाल यहां भी होना चाहिए।
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने आपातकाल पर सवाल उठाए हैं। हाल ही में एक लेख में उन्होंने दिवंगत पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र हल्के में ली जाने वाली चीज नहीं है। खास बात है कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ विदेश गए थरूर पीएम मोदी की तारीफ को लेकर भी कांग्रेस नेताओं के निशाने पर आ गए थे।
एक मलयालम समाचार में गुरुवार को आपातकाल पर प्रकाशित एक लेख में कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य शशि थरुर ने 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 के बीच तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपातकाल के काले दौर को याद किया और कहा कि अनुशासन और व्यवस्था के लिए किए गए प्रयास अक्सर क्रूरतापूर्ण कृत्यों में बदल जाते हैं जिन्हें उचित नहीं ठहराया जा सकता था।
थरुर ने लिखा- इंदिरा गांधी के पुत्र संजय गांधी ने जबरन नसबंदी अभियान चलाया जो इसका एक संगीन उदाहरण बन गया। पिछड़े ग्रामीण इलाकों में मनमाने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए हिंसा और बल का इस्तेमाल किया गया। नई दिल्ली जैसे शहरों में झुग्गियों का सफाया कर दिया गया। हजारों लोग बेघर हो गए। उनके कल्याण पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे हल्के में लिया जाए, यह एक अनमोल विरासत है जिसे निरंतर पोषित और संरक्षित किया जाना चाहिए। थरूर ने कहा कि यह सभी को हमेशा याद दिलाता रहे।
थरूर के मुताबिक आज का भारत 1975 का भारत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम ज्यादा आत्मविश्वासी, ज्यादा विकसित और कई मायनों में ज्यादा मजबूत लोकतंत्र हैं। फिर भी, आपातकाल के सबक चिंताजनक रूप से प्रासंगिक बने हुए हैं। थरूर ने चेतावनी दी कि सत्ता को केंद्रीकृत करने, असहमति को दबाने और संवैधानिक रक्षात्मक उपायों को दरकिनार करने की प्रवृत्ति कई रूपों में फिर से उभर सकती है। उन्होंने कहा कि अक्सर ऐसी प्रवृत्तियों को राष्ट्रीय हित या स्थिरता के नाम पर उचित ठहराया जा सकता है। इस लिहाज से आपातकाल एक कड़ी चेतावनी है। लोकतंत्र के प्रहरियों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए।
बेगूसराय। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा संविधान की किताब दिखाए जाने पर गिरिराज सिंह ने कहा कि राहुल गांधी खुद एक डमी हैं। उनके पास संविधान की एक डमी किताब है। पीएम मोदी संविधान की रक्षा कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। हमारा उद्देश्य ऐसे डमी लोगों से छुटकारा दिलाना है।
गिरिराज सिंह ने कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार और पूर्णिया सांसद पप्पू यादव को राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की गाड़ी पर चढ़ने से रोके जाने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि सामाजिक जीवन में इससे बड़ा अपमान और कुछ नहीं हो सकता। अब तक सामाजिक मान्यता यही थी कि ये लोग राज्य के बड़े नेता हैं, लेकिन राहुल गांधी और तेजस्वी ने इन दोनों नेताओं का अपमान किया है।
बता दें राहुल गांधी बुधवार को बिहार के दौरे पर थे। इस दौरान राहुल गांधी ने महागठबंधन की ओर से आयोजित विरोध रैली में शिरकत की। ‘बिहार बंद’ के दौरान पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव और कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार को राहुल गांधी की गाड़ी पर चढ़ने से रोक दिया गया। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद सांसद पप्पू यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हमें वाहन पर चढ़ने नहीं दिया गया, अंदर सभी लोग कांग्रेस से थे। यह मेरी जिंदगी की लड़ाई है, मेरे समाज की लड़ाई है। यह संविधान की रक्षा और अल्पसंख्यकों के दर्जे की लड़ाई है। इसमें सम्मान और अपमान की क्या बात है? कहीं कोई अपमान की बात नहीं है, हम लोगों का संबंध सीधे मतदाताओं से है।
भुवनेश्वर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 14 जुलाई को दो दिवसीय दौरे पर ओडिशा आ रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान राष्ट्रपति अखिल भारतीय आय़ुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भुवनेश्वर और कटक स्थित रावेनशॉ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोहों में भाग लेंगी। मीडिया रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि मुर्मू रावेनशॉ गर्ल्स हाईस्कूल में विकास कार्यों की आधारशिला रखेंगी, आदिकवि सरला दास के 600वीं जयंती समारोह में हिस्सा लेने कटक जाएंगी और कलिंग रत्न पुरस्कार 2024 के विजेताओं को सम्मानित करेंगी।
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति 15 जुलाई की शाम को वापस नई दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगी। राष्ट्रपति के दौरे की तैयारियों का जायजा लेने मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने एक उच्चस्तरीय बैठक की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति के स्वागत और विदाई के लिए उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को राजभवन में अस्थायी आवास का इंतजाम करने, सुरक्षा बढ़ाने, आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था करने और आयोजन स्थलों पर निर्बाध बिजली आपूर्ति तय करने को भी कहा है।
उत्तर प्रदेश में दो साल के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन अभी से ही मुसलमानों को लेकर राजनीतिक दलों के बीच सियासी शह-मात का खेल शुरू हो गया है. सूबे में 20 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं, जो सपा का कोर वोटबैंक माना जाता है. कांग्रेस की ओर से सांसद इमरान मसूद मुसलमानों को साधने की कवायद में जुटे हैं, तो मायावती की नजर भी मुस्लिम वोटों पर है. असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM मुस्लिमों से आस लगाए है, तो बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा ने कमान संभाल ली है.
सूबे में मुस्लिमों को लेकर बिछाई जा रही सियासी बिसात को देखते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव अलर्ट हो गए हैं क्योंकि सपा की राजनीति मुस्लिम वोटों पर ही टिकी हुई है. इमरान मसूद से लेकर मायावती और ओवैसी तक जिस तरह से सपा पर मुस्लिम समुदाय की अनदेखी करने का आरोप लगा रहे हैं, उससे अखिलेश यादव की सियासी बेचैनी बढ़ गई है. यही वजह है कि अखिलेश ने सोमवार को आनन-फानन में अपने मुस्लिम नेताओं की एक बैठक बुलाई और उनकी सभी शंकाओं को दूर करने की कवायद करते नजर आए.
अल्पसंख्यक समाज को सपा का संदेश
यूपी में 2027 की सियासी सरगर्मी बढ़ने के साथ ही मुस्लिम वोट को लेकर लामबंदी तेज हो गई है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को लखनऊ में अल्पसंख्यक मोर्चे के साथ बैठक की. इस बैठक में मुस्लिमों के खिलाफ उठाए जा रहे कदमों का जिक्र करते हुए बीजेपी व योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा गया. इसके साथ ही वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए उन्हें ठीक करवाने की बात उठाई. इसी बैठक में अखिलेश यादव ने कहा कि इंडिया गठबंधन था, है और रहेगा. हम हर हाल में कांग्रेस के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.
पूरे देश में जाति जनगणना इस समय सुर्खियों में है. सरकार ने ऐलान किया है कि साल 2027 में जाति जनगणना की जाएगी. अब कांग्रेस पार्टी ने जाति जनगणना को लेकर बीजेपी को घेरने का काम किया है. पार्टी ने जनगणना की तारीख पर सवाल खड़े किए हैं. साथ ही कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, बीजेपी की नियत पर हमें शक है.
सचिन पायलट ने पीसी के दौरान कहा, राहुल जी बोलते थे कि हम देश का एक्स-रे चाहते हैं, उसका मुख्य उद्देश्य यह था कि हम देश की वास्तविक स्थिति सामने आए. कितने लोगों की कितनी भागीदारी है, कितने लोग किस हालात में रह रहे हैं. कहा और काम करने की जरूरत है. यह पूरी जानकारी हासिल करने के लिए जाति जनगणना बहुत जरूरी थी.
आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल सरकार में बने मोहल्ला क्लीनिकों और डिस्पेंसरीज का नाम बदलने पर आपत्ति जताई है और दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. आप के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर चिराग दिल्ली स्थित एक वातानुकूलित डिस्पेंसरी का वीडियो साझा कर हमला किया. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार में बने मोहल्ला क्लीनिकों और डिस्पेंसरीज की रंगाई पुताई करके भाजपा सरकार दिल्लीवालों को बता रही है कि उसने नया आयुष्मान आरोग्य मंदिर बना दिए.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि चिराग दिल्ली स्थित डिस्पेंसरी का उद्घाटन तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने किया था. आज भी डिस्पेंसरी पर सत्येंद्र जैन और मेरे नाम का पत्थर लगा हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि इसी तरह बाकी मोहल्ला क्लीनिकों का भी नाम बदल कर आरोग्य मंदिर किया जा रहा है.