राजनीति

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मुंबई । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत चार दिवसीय यात्रा पर महाराष्ट्र के ठाणे जिले में पहुंचे, जहां वे संगठन की ‘शाखाओं’ का दौरा करने और इसके पदाधिकारियों से मुलाकात करने वाले है। एक पदाधिकारी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। आरएसएस की भिवंडी इकाई के सचिव विजय वल्लाल ने बताया कि भागवत भिवंडी में रहने वाले है। जहां वे संगठन की शाखाओं का दौरा करने और कोंकण क्षेत्र के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने वाले है। उन्होंने बताया कि आरएसएस प्रमुख 26 जनवरी को एक कॉलेज में राष्ट्र ध्वज फहराने के कार्यक्रम में हिस्सा लेकर छात्रों को संबोधित करने वाले है।

 

नई दिल्ली । दिल्ली चुनाव के लिए भाजपा का मेगा चुनाव प्रचार अभियान इसी सप्ताह शुरू हो जाएगा। इसमें पार्टी के प्रमुख केंद्रीय नेताओं के साथ कई राज्यों के मुख्यमंत्री एवं अन्य नेता जुटेंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 23 जनवरी से अपनी सभा की शुरुआत करेंगे। गणतंत्र दिवस के बाद दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी सभाएं होंगी। भाजपा ने अपनी प्रबंधन टीमों के साथ प्रचार अभियान की टीमें भी पूरी तरह तैयार कर दी हैं। सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में हर दिन किसी न किसी प्रमुख नेता की सभा होगी। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री के बाद सबसे ज्यादा मांग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की है। योगी एक दर्जन से ज्यादा सभाएं व रोड शो करेंगे। प्रचार अभियान के दौरान गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ कई केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रीय पदाधिकारी और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री एवं प्रमुख नेता सामाजिक समीकरणों के हिसाब से सभाएं, रैलियां, रोड शो और पदयात्राओं में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री की 3 से 5 सभाएं हो सकती हैं। इस बीच भाजपा ने हर विधानसभा क्षेत्र में मजबूत चुनाव प्रबंधन के लिए अपने तमाम प्रमुख नेताओं को मैदान में उतार दिया है। एक दर्जन से ज्यादा इन नेताओं में केंद्रीय मंत्री, राज्यों के प्रमुख नेता और संगठन से जुड़े नेता शामिल हैं। एक नेता के पास दो विधानसभा क्षेत्र की प्रबंधकीय जिम्मेदारी रहेगी। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मालवीय नगर और ग्रेटर कैलाश विधानसभा का काम देखेंगे। भूपेंद्र यादव को महरौली और बिजवासन विधानसभा सीट, मनसुख मंडाविया को शकूरबस्ती और मादीपुर में राजनीतिक प्रबंधन का काम सौंपा गया है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को दिल्ली कैंट और वजीरपुर विधानसभा, गजेंद्र सिंह शेखावत को नरेला और बवाना, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को दिल्ली के आदर्श नगर और बुराड़ी, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल को शालीमार बाग और त्रिनगर, विनोद तावड़े को जनकपुरी और उत्तम नगर, तरुण चुग को लक्ष्मी नगर और कृष्णा नगर, अरुण सिंह को मॉडल टाउन और मोती नगर में राजनीतिक प्रबंधन का काम दिया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को मुस्तफाबाद और करावल नगर विधानसभा, पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को मटियाला और नजफगढ़ पूर्व केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी को मुंडका और नांगलोई जाट, त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री विप्लव देव को कस्तूरबा नगर और नई दिल्ली, बिहार से लोकसभा सांसद विवेक ठाकुर को द्वारका और विकासपुरी, पूर्व राष्ट्रीय महासचिव अनिल जैन को गांधीनगर और विश्वास नगर की जिम्मेदारी गई है।


कर्नाटक की राजनीति में इन दिनों कई तरह की अटकलें चल रही हैं। चर्चा थी कि राज्य की कांग्रेस सरकार में बड़ा बदलाव हो सकता है। सिद्धारमैया सत्ता का शीर्ष पद छोड़ सकते हैं। उनकी जगह किसी और को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। इस बीच कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष डीके शिवकुमार का बयान सामने आया है। उन्होंने सोमवार को एक बयान में कहा कि उनका अपनी पार्टी में किसी से कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने मीडिया से अपील की कि उन्हें किसी विवाद में न घसीटा जाए।


केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा, ऑटो वालों के लिए वेलफेयर बोर्ड

नई दिल्ली । दिल्ली चुनाव के लिए भाजपा ने एक और संकल्प पत्र जारी कर दिया है। इस संकल्प पत्र में शिक्षा क्षेत्र से जुड़े कई बड़े वादे किए गए हैं। एक तरफ केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा का ऐलान हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ ऑटो वाले और कैब वालों के लिए अलग से वेलफेयर बोर्ड बनाने की बात कही गई है। इसके अलावा भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बड़ा वादा किया गया है।


भाजपा के बड़े संकल्प
दिल्ली के सरकारी शिक्षण संस्थानों में दिल्ली के जरूरतमंद छात्रों को केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।
आप सरकार द्वारा दिल्ली में किये कुशासन और भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाते हुए एसआईटी का गठन किया जायेगा
बिना किसी बहाने या आरोप, पड़ोसी राज्य, एमसीडी, एनडीएमसी और केंद्र सरकार के सहयोग से दिल्ली के नागरिकों की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करेंगे
दिल्ली के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए 15,000 की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएंगे
घरेलू कामगारों के लिए वेलफेयर बोर्ड, 10 लाख का जीवन बीमा, 5 लाख का दुर्घटना बीमा, उनके बच्चों के लिए छात्रवृत्ति और 6 महीने की पेड मैटरनिटी लीव
आटो-टैक्सी चालकों के लिए वेलफेयर बोर्ड, 10 लाख का जीवन बीमा, 5 लाख का दुर्घटना बीमा एवं वाहन बीमा और उनके बच्चों के लिए छात्रवृत्ति।
अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को ‘डॉ. बी. आर. अंबेडकर स्टाइपेंड योजना’ के तहत 1,000 प्रति माह का स्टाइपेंड दिया जाएगा

 


नई दिल्ली । छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ हुई जोरदार मुठभेड़ में 17 नक्सली मारे गए हैं। प्रशासन ने बताया है कि फिलहाल मुठभेड़ जारी है। सोमवार को शुरू किए गए ऑपरेशन में दो महिला माओवादी और एक जवान घायल हो गए। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नक्सलवाद आज देश में आखिरी सांसे ले रहा है। उन्होंने इस ऑपरेशन को नक्सल मुक्त भारत के निर्माण की दिशा में बड़ी सफलता बताया।
केंद्रीय मंत्री शाह ने लिखा, नक्सलवाद पर एक और करारा प्रहार। हमारे सुरक्षा बलों ने नक्सल मुक्त भारत के निर्माण की दिशा में बड़ी सफलता हासिल की है। सीआरपीएफ, एसओजी ओडिशा और छत्तीसगढ़ पुलिस ने ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर एक संयुक्त अभियान में 14 नक्सलियों को मार गिराया। नक्सल मुक्त भारत के हमारे संकल्प और हमारे सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयासों से, नक्सलवाद आज अंतिम सांस ले रहा है।
रायपुर रेंज के इंस्पेक्टर जनरल अमरेश मिश्रा ने कहा, सोमवार को दो माओवादी मारे गए और मुठभेड़ जारी है। मंगलवार को, सेना और पुलिस ने माओवादियों के कम से कम एक दर्जन शव बरामद किए। यह एक ट्रैप हो सकता है और माओवादियों ने शवों के नीचे आईईडी लगा रखे हो सकते है। मुठभेड़ अभी भी जारी है। मुठभेड़ खत्म होने के बाद हो सकता हैं कि नक्सलियों की संख्या बढ़ सकती है।
अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा बॉर्डर से पांच किलोमीटर दूर कुलारीघाट रिजर्व वन में माओवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी के आधार पर ऑपरेशन शुरू किया। जिसमें जिला रिजर्व गार्ड, केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स, कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन और ओडिशा के विशेष अभियान समूह की संयुक्त टीम शामिल थी। पुलिस ने बताया कि उन्होंने हथियारों का जखीरा बरामद किया है।


नई दिल्ली । दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार बनने पर उस शराब नीति को दुबारा लागू किया जा सकता है, जिसमें ग्राहकों को एक पर एक बोतल फ्री जैसी स्कीम मिली और घोटाले के आरोपों में अरविंद केजरीवाल को जेल जाना पड़ा। खुद मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना ने इस लेकर साफ संकेत दे दिए हैं। आतिशी ने उस शराब नीति की तारीफ कर कहा है कि कई राज्यों ने इस नीति को अपनाया है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री से जब सवाल हुआ कि क्या दिल्ली में आप की शराब नीति फिर से लागू होनी चाहिए? आतिशी ने इस सवाल का जवाब हां में दिया। उन्होंने कहा, बिल्कुल होनी चाहिए। उस नीति को कई राज्यों ने लागू किया। इस नीति से राज्यों का राजस्व बहुत ज्यादा बढ़ा भी। आवंटन में पारदर्शिता बढ़ी। इंटरव्यू करने वाले ने पूछा कि आप कह रही हैं कि जो नीति विवादों में थी उस शराब नीति को फिर लागू करेंगे? आतिशी ने हां की मुद्रा में गर्दन हिलाकर कहा, ‘वह नीति बेहतर नीति है।’
2021-22 में लागू की गई इस ‘नई शराब नीति’ में घोटाले का आरोप है। सीबीआई और ईडी इसकी जांच कर रही है। यह वहीं शराब नीति है, जिसके कारण खुद केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और विजय नायर को जेल जाना पड़ा। महीनों तक जेल में रहने के बाद सभी नेता जमानत पर रिहा हुए। सीबीआई का दावा है कि इस शराब नीति के जरिए कारोबारियों को गलत तरीके से अधिक फायदा पहुंचाया गया और बदले में रिश्वत ली गई। हालांकि, दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी आरोपों को सिरे से खारिज करती रही है। इस शराब नीति पर जांच बैठने के बाद दिल्ली सरकार ने इस नीति को वापस ले लिया था।
वहीं आतिशी के ताजा बयान के बाद भाजपा को चुनाव के दौरान फिर हमलावर होने का मौका मिल गया है। भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि केजरीवाल को इस पर सफाई देनी चाहिए। उन्होंने कहा, आतिशी ने कहा है कि यदि उन्हें सत्ता मिली, तब उस शराब नीति को फिर से लागू करेंगी जिसकी वजह से केजरीवाल और सिसोदिया जेल गए। भाजपा नेता पात्रा ने आप सोचिए जरा जिस नई शराब नीति के हजारों करोड़ों रुपए के घोटाले हुए, ब्लैकमार्केटिंग हुई, मोटी रकम लेकर इसतरह के लोगों को ठेका दिया जिन्हें नहीं मिलना चाहिए था, गली-गली में शराब के ठेके शुरु किए गए और दिल्ली को बार में बदल दिया गया। उसी शराब नीति को लागू करना चाहती हैं, मुख्यमंत्री आतिशी।

 


नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव के बीच आप नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते सप्ताह जाट समुदाय को दिल्ली में ओबीसी की केंद्रीय सूची में डालने का मुद्दा उठाया था। केजरीवाल का आरोप था कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार बीते 10 सालों से मामले को दबाए बैठी है। वहीं केजरीवाल के आरोपों पर भाजपा ने जवाब दिया था कि दिल्ली सरकार को प्रस्ताव को पहले विधानसभा से पारित कराना चाहिए था। फिर उस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजने पर मुहर लगती। इसके बाद अब पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी आप के दावों का जवाब दिया है। पिछड़ा वर्ग आयोग का कहना है कि बीते 10 सालों में दिल्ली सरकार से ऐसा कोई प्रस्ताव ही नहीं भेजा गया, जिसमें मांग की गई हो कि राजधानी के जाटों को दिल्ली में केंद्र की सूची में शामिल करे।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने बताया कि बीते 10 सालों में हमें दिल्ली के जाटों को केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं मिला। ऐसा कुछ आता, तब विचार जरूर होता। दिल्ली में विधानसभा चुनाव है और इसके पहले केजरीवाल ने यह मसला उठाया था, लेकिन अब आप खुद ही मामले पर घिरती दिख रही है। दिल्ली के किशनगढ़, मुनिरका, नरेला जैसे इलाकों में जाटों की अच्छी खासी आबादी है। इसके बाद बाहरी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली के एक हिस्से में जाट मतदाता नतीजों पर असर डालने का दम रखते हैं। माना जा रहा है कि इसी रणनीति के तहत केजरीवाल ने दिल्ली के जाटों को केंद्रीय ओबीसी लिस्ट में शामिल करने की मांग उठाई है।
अहीर ने साफ कर दिया है कि दिल्ली सरकार से कोई प्रस्ताव नहीं आया। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य के समुदाय को केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने के लिए राज्य से ही प्रस्ताव भेजा जाता है। उस प्रस्ताव से पहले संबंधित राज्य सरकार उनके पिछड़ेपन को लेकर सर्वें कराती है। इसके बाद विधानसभा में वह प्रस्ताव मंजूर होता है, और इसके बाद केंद्र को प्रस्ताव भेजा जाता है। उस प्रस्ताव पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग फैसला लेता है। अहीर ने बताया कि यूपीए के कार्य़काल में दिल्ली से दो बार जाटों को केंद्रीय पिछड़ा सूची में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन तब उस प्रस्ताव को खारिज किया गया था। यह प्रस्ताव पहले 2010 में भेजा गया था और फिर 2014 के आम चुनाव से ठीक पहले गया था, लेकिन दोनों बार प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल सकी।

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नई दिल्ली । दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा का चुनाव होना है और 8 फरवरी को रिजल्ट आना है। ऐसे में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बाद भाजपा ने भी शुक्रवार को अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया है। जिसे भाजपा ने संकल्प पत्र नाम दिया है। भाजपा ने भी मुफ्त बिजली-पानी, और होली-दीवाली पर फ्री सिलेंडर देने की घोषणा की है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संकल्प पत्र जारी करते हुए कहा कि हमें संकल्प से सिद्धि की तरफ जाना है। नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पॉलिटिकल कल्चर को बदल दिया है। आज से पहले मैनिफेस्टो आते थे लेकिन पॉलिटिकल पार्टीज भूल जाती थीं। लेकिन अब मैनिफेस्टो संकल्प पत्र में तब्दील हो गया है। पार्टी ने 2014 में 500 वादे किए थे जिसमें से 499 वादे पूरे कर लिए गए हैं।
भाजपा अध्यक्ष ने काह कि हमारा वादा निभाने का रिकॉर्ड अव्वल रहा है। हमारा रिकॉर्ड 99.9 फीसदी है। यह विकसित दिल्ली की नींव का संकल्प पत्र है। दिल्ली की सारी योजनाएं जारी रहेंगी। हम झुग्गी वालों को मुख्यधारा में लेकर आएंगे। आज 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आ चुके हैं, जो दिल्ली में जनकल्याण योजनाएं चल रही है वो भाजपा की सरकार आने के बाद भी जारी रहेगी। हम महाराष्ट्र में महिलाओं को सहायता राशि दे रहे हैं। हमने हरियाणा में महिलाओं को 2100 रुपेय देना का तय किया है।

प्रयागराज । दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम महाकुंभ में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी आस्था की डुबकी लगाएंगे। राहुल और प्रियंका संगम में स्नान कर पूजा-अर्चना करेंगे। कांग्रेसियों ने बड़े पैमाने पर इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। कांग्रेस सेवा दल की ओर से महाकुंभ सेवा शिविर संगम तट के सेक्टर-15 में तुलसी मार्ग पर लगाया जा रहा है।
राहुल और प्रियंका इस शिविर में कांग्रेस सेवा दल के कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। साथ ही सेवा दल द्वारा महाकुंभ में किए जा रहे सामाजिक, धार्मिक कामों की जानकारी लेंगे। यहां श्रद्धालुओं, कल्पवासियों को कंबल समेत अन्य जरूरी सामान भी बांटेंगे।


1000 कांग्रेसी स्नान कर सकते हैं
हालांकि, अभी राहुल और प्रियंका के आने की तारीख और समय तय नहीं है, लेकिन कांग्रेसी नेता बताते हैं कि 5 से 10 फरवरी के बीच वह संगम स्नान के लिए आ सकते हैं। माना जा रहा है कि राहुल और प्रियंका के साथ ही करीब 1000 कांग्रेसी स्नान करेंगे।


2019 अर्धकुंभ में भी प्रियंका ने संगम स्नान किया था
कांग्रेस सेवा दल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. प्रमोद पांडेय का कहना है कि प्रियंका गांधी संगम स्नान की हमेशा ख्वाहिशमंद रही हैं। 2019 के अर्धकुंभ में उन्होंने संगम स्नान किया था। वर्ष 2000 में सोनिया गांधी ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई थी। गांधी परिवार हमेशा से महाकुंभ स्नान, ध्यान और पूजापाठ करता रहा है। डॉ. प्रमोद पांडेय का कहना है कि शिविर तैयार है। लगातार श्रद्धालुओं की मदद की जा रही है। सभी की ख्वाहिश है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी संगम आकर स्नान करें और कांग्रेस सेवा शिविर में शामिल हों।

 

मुंबई: शिवसेना UBT के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे संविधान के निर्माता नहीं हैं। आपको बता दें कि मोहन भागवत ने सोमवार को एक बयान में कहा था कि भारत की सच्ची आजादी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन स्थापित हुई थी। भागवत के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राउत ने कहा कि आरएसएस के सरसंघचालक जरूर एक सम्माननीय व्यक्ति हैं, लेकिन वे संविधान के निर्माता नहीं हैं और न ही वे देश के कानून बनाएंगे और न ही बदलेंगे।

'मंदिर निर्माण में सभी ने बलिदान दिया'

मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राउत ने कहा, 'आरएसएस के सरसंघचालक यह सम्माननीय व्यक्ति हैं, लेकिन वे संविधान के निर्माता नहीं हैं। वे देश के कानून न तो बनाएंगे और न ही बदलेंगे। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा देश के लिए प्रतिष्ठा का विषय रही है और मंदिर निर्माण में सभी हमारे साथ रहे हैं, सभी ने बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि देश आजाद हुआ है, यह गलत है। रामलला हजारों-लाखों सालों से इस देश में हैं और हमने रामलला के लिए पहले भी आंदोलन किया है और आगे भी करते रहेंगे। लेकिन रामलला के नाम पर राजनीति नहीं करनी चाहिए, तभी देश सही मायने में आजाद होगा।'

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