राजनीति

राजनीति (6634)

पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनावी हेरफेर के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मतदाता सूची अद्यतन प्रक्रिया स्थापित कानूनी प्रोटोकॉल का पालन करती है। यह टिप्पणी ममता बनर्जी द्वारा भाजपा पर राज्य में चुनावों को प्रभावित करने के लिए फर्जी मतदाताओं को जोड़ने का आरोप लगाने के बाद आई है।

पश्चिम बंगाल के सीईओ ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी कर मतदाता सूची अद्यतन की प्रक्रिया के बारे में बताया। सीईओ ने क्या कहा पोस्ट में लिखा है, "आरपी अधिनियम 1950, मतदाता पंजीकरण नियम 1960 और मतदाता सूची पर मैनुअल के अनुसार, किसी भी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में संबंधित बीएलओ, एईआरओ, ईआरओ, डीईओ और सीईओ मतदाता सूची के अद्यतन के लिए काम करते हैं। यह राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ स्तर के एजेंटों की सक्रिय भागीदारी से किया जाता है। कोई भी विशिष्ट दावा या आपत्ति पहले पश्चिम बंगाल में संबंधित 80,633 बीएलओ, 3,049 ईआरओ और 294 ईआरओ के समक्ष की जानी चाहिए।"

चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया, "मतदाता सूची तैयार करने के हर चरण में राजनीतिक दल शामिल होते हैं। अगर किसी राजनीतिक दल को किसी भी चरण पर कोई आपत्ति होती है, तो उसे तुरंत सुना जाता है। नाम जोड़ने या हटाने पर हर आपत्ति की जांच मतदाता सूची अधिकारी द्वारा की जाती है। कांग्रेस ने महाराष्ट्र में चुनाव के बाद 48 लाख मतदाताओं के नाम जोड़े जाने पर सवाल उठाए, लेकिन सीईओ कार्यालय तक सिर्फ एक शिकायत पहुंची।" ममता बनर्जी ने कहा, "चुनाव आयुक्त के कार्यालय में बैठकर उन्होंने ऑनलाइन फर्जी मतदाता सूची बनाई है और पश्चिम बंगाल के हर जिले में फर्जी मतदाता जोड़े गए हैं।

इसी तरकीब का इस्तेमाल कर उन्होंने दिल्ली और महाराष्ट्र में चुनाव जीते हैं। महाराष्ट्र में विपक्ष इन तथ्यों को पकड़ नहीं पाया। ज्यादातर फर्जी मतदाता हरियाणा और गुजरात से हैं। भाजपा चुनाव आयोग के आशीर्वाद से मतदाता सूची में हेराफेरी कर रही है, बंगाल की संस्कृति ने आजादी को जन्म दिया है।"

ममता बनर्जी ने क्या कहा ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के लोगों से मतदाता सूची में अपने नाम सत्यापित करने का आग्रह किया और चेतावनी दी कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के बहाने वैध मतदाताओं को हटाया जा सकता है। उन्होंने कहा, "एनआरसी और सीएए के नाम पर किसी भी दिन असली नाम हटाए जा सकते हैं। इसके दो मुख्य उद्देश्य हैं। एक तो टीएमसी को हराना और उनके माध्यम से लोगों के नाम सूची से हटाना। यह चुनाव आयोग के आशीर्वाद से हो रहा है। डेटा ऑपरेटरों पर नज़र रखें।

अगर कोई जमीनी स्तर पर है, तो वह टीएमसी है। 2026 के विधानसभा चुनाव में हमें गेंद को जोर से मारना है, और इसकी शुरुआत मतदाता सूची से होगी। यह बूथ स्तर पर करना होगा। जिला अध्यक्ष को यह करना होगा।"

जामनगर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से दो दिनों के लिए गुजरात दौरे पर हैं| इसके अंतर्गत पीएम मोदी का शनिवार की शाम जामनगर में आगमन हो गया है| पीएम मोदी के आगमन के चलते जामनगर के दिव्यम सर्कल से पायलट बंगला तक रोड शो जैसा माहौल दिखा| सड़क की दोनों ओर बड़ी संख्या में लोग पीएम मोदी की एक झलक पाने को जमा हो गए| जामनगर एयरपोर्ट से पीएम मोदी सीधे सर्किट हाउस के लिए रवाना हो गए| पीएम मोदी जामनगर के सर्किट हाउस में ही रात्रि विश्राम करेंगे| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने गुजरात दौरे के दौरान सासनगीर, सोमनाथ और वनतारा जाएंगे| साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे| पीएम मोदी के दौरे को लेकर सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किये गये हैं| सासनगिर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है| भालछेल हेलीपैड से लेकर सिंहसदन तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं| सभी वन्य जीव अधिकारी भी सासन पहुंच गये हैं| विश्व वन्यजीव दिवस 3 मार्च को मनाया जाएगा। शेरों के संरक्षण एवं प्रजनन परियोजना को लेकर बैठक होगी| पीएम मोदी के दौरे से जुड़े सुरक्षा कारणों के चलते गिर सफारी 2 और 3 मार्च को पर्यटकों के लिए बंद रहेगी|


महाराष्ट्र सीएम फडणवीस ने मंत्री कोकाटे के बयान का दिया जवाब

नागपुर। महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस ने साफ कर दिया है कि वह मंत्रियों के कहने पर किसी भ्रष्ट निजी सहायकों और विशेष कार्य अधिकारी की नियुक्तियों को मंजूरी नहीं देंगे। कृषि मंत्री और अजित पवार गुट के वरिष्ठ नेता माणिकराव कोकाटे के बयान का जवाब देते हुए फडणवीस ने कहा कि चाहे कोई नाराज हो, लेकिन जिन अफसरों पर भ्रष्टाचार या गलत कामों के आरोप लगे हैं, उन्हें वह नियुक्त करने की मंजूरी नहीं देंगे।
बता दें माणिकराव कोकाटे ने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि अब मंत्रियों के पीए और ओएसडी की नियुक्ति भी सीएम तय कर रहे हैं, जिससे उनके पास खुद के फैसले लेने की गुंजाइश नहीं है। इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी। इसके जवाब में सीएम फडणवीस ने कहा कि राज्य में मंत्रियों के पीए और विशेष कार्य अधिकारियों की नियुक्ति का अधिकार सीएम के पास होता है। कोकाटे साहब को शायद यह जानकारी नहीं है कि यह कोई नई परंपरा नहीं है। कैबिनेट बैठक में साफ कर दिया गया था कि मंत्री अपने सुझाव भेज सकते हैं, लेकिन अगर उन पर गलत कामों का ठप्पा लगा है, तो वह मंजूरी नहीं देंगे।
सीएम फडणवीस ने बताया कि मंत्रियों की ओर से कुल 125 नाम भेजे गए थे, जिनमें से 109 को हरी झंडी दी गई है, लेकिन जिन पर संदेह था, उन्हें मंजूरी नहीं मिली। उन्होंने साफ कहा कि मैंने बाकी नामों को क्लीयर नहीं किया क्योंकि उन पर आरोप हैं और कुछ मामलों में जांच भी चल रही है। चाहे कोई नाराज हो या खुश, मैं ऐसे नामों को पास नहीं करूंगा।
इस बीच महाराष्ट्र विधान परिषद की उपाध्यक्ष और शिंदे गुट की शिवसेना नेता नीलम गोहे द्वारा उद्धव ठाकरे पर की गई टिप्पणी और फिर संजय राऊत के पलटवार से राजनीति गरमा गई है। इस पर फडणवीस ने कहा कि ऐसे राजनीतिक बयानों से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि साहित्य सम्मेलन में भी नफरत झलक रही है। वहां पीएम मोदी से लेकर उद्धव ठाकरे तक पर कटाक्ष किए गए है, लेकिन क्या ऐसे मंच का इस्तेमाल राजनीति के लिए करना सही है? उन्होंने यह भी कहा कि साहित्य मंचों पर सभी को संयम बरतना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर राजनीतिक नेता साहित्य सम्मेलनों में जाते हैं, तो उन्हें अपनी राजनीतिक बयानबाजी पर भी रोक लगानी चाहिए।


सीएम ने कहा- आंबेडकर स्मारकों को तोड़कर विवाह भवन बनाना चाहती थी सपा


लखनऊ। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी से पूछा कि समाजवादियों ने डॉ आंबेडकर का सम्मान कब से करना शुरू कर दिया?’ उन्होंने आरोप लगाया कि सपा ने अपने कार्यकाल में कन्नौज मेडिकल कॉलेज का नाम बदल दिया और आंबेडकर स्मारकों को तोड़कर विवाह भवन बनाने की योजना बनाई थी। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विधानसभा में अपने भाषण में योगी ने सपा पर निशाना साधते हुए उस पर डॉ आंबेडकर, कांशीराम और अन्य दलित नेताओं के योगदान की उपेक्षा करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि आप समाजवादी कब से आंबेडकर को सम्मान देने लगे? आपने तो कन्नौज मेडिकल कॉलेज का नाम बदल दिया था। 2012 में जब आपकी सरकार बनी थी, तब तत्कालीन सीएम ने कहा था कि आंबेडकर जी और अन्य सामाजिक न्याय के महापुरुषों के नाम पर बने स्मारकों को तोड़कर विवाह भवन बना देंगे। उन्होंने सपा सरकार के दौरान हुए ‘गेस्ट हाउस’ कांड और महिलाओं के प्रति पार्टी के रवैये की भी तीखी आलोचना की।
उन्होंने कहा कि 2 जून 1995 को, जब बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की, तो सपा नेता और कार्यकर्ता गेस्ट हाउस पहुंच गए जहां वह अपनी पार्टी नेताओं से मिलने वाली थीं और कथित तौर पर उन पर हमला किया गया। मायावती को बीजेपी नेताओं ने गेस्ट हाउस से बाहर निकाला था। बाद में राज्यपाल ने मुलायम सरकार को बर्खास्त कर दिया और मायावती को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था।
योगी ने कहा कि सपा के कार्य को दुनिया ने अपनी आंखों से देखा है। उसको कहीं से भी क्लीन चिट मिल जाए फिर भी वे अपने पाप छुटकारा नहीं पा सकते हैं। सपा के इस आचरण से तो हर सभ्य समाज हमेशा व्यथित रहा है। उन्होंने कहा कि यह साल भारत के संविधान का अमृत महोत्सव का साल है। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी 1950 को लागू हुए संविधान के 75 साल पूरे होने के अवसर पर बाबा साहब आंबेडकर और अन्य संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि देने का अवसर पर भी है।
सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में पंच तीर्थों का निर्माण किया गया। उन्होंने कहा कि बीजेपी की ‘डबल इंजन’ सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं, जिनमें लखनऊ में आंबेडकर के नाम पर एक अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण और संविधान दिवस समारोह का आयोजन शामिल है। उन्होंने कहा कि अन्य प्रमुख पहल में बहराइच में महाराजा सुहेलदेव का विजय स्तम्भ स्मारक और श्रृंगवेरपुर में भगवान राम के साथ निषाद राज गुहा की 56 फुट ऊंची प्रतिमा का निर्माण शामिल है, जो एक कॉरिडोर परियोजना का हिस्सा है। उन्होंने अहिल्याबाई होल्कर के सम्मान में एक योजना और संत कबीर और संत रविदास के लिए समर्पित कार्यक्रमों सहित आगामी परियोजनाओं की भी घोषणा की।
सीए ने कहा कि पहली बार 24 जनवरी 2018 को उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस मनाया गया। सरकार ने एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना शुरू की, जिसने उत्तर प्रदेश के पारंपरिक उत्पादों को नई पहचान दी। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि काला नमक चावल, जिसे भगवान बुद्ध का प्रसाद कहा जाता है, सरकार ने विशेष पहचान दिलाई है। उन्होंने कहा कि ‘एक जिला एक उत्पाद’ ने यूपी के निर्यात को बढ़ाया। उन्होंने यह भी घोषणा की कि अयोध्या में सनातन धर्म संग्रहालय के लिए भूमि अधिग्रहित कर ली गई है, जिसमें दुनिया भर के मंदिरों की वास्तुकला को प्रदर्शित किया जाएगा।

 

पश्चिम सीट से विधानसभा उपचुनाव लड़ सकते हैं सांसद संजीव अरोरा

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल नई पारी शुरु सकते हैं। अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह पंजाब से राज्यसभा जा सकते हैं। फिलहाल इसे लेकर पार्टी या केजरीवाल की ओर से कुछ नहीं कहा गया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद आप की सत्ता सिर्फ पंजाब में ही रह गई है।
एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि आप के राज्यसभा सांसद संजीव अरोरा उप चुनाव के जरिए राज्य की राजनीति में एंट्री कर सकते हैं। चर्चाएं हैं कि वह आगामी लुधियाना पश्चिम सीट से विधानसभा उपचुनाव लड़ सकते हैं। फिलहाल इस पर अभी तक अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। खबरें ये भी चल रही हैं कि आप अरोरा की जगह केजरीवाल को ऊपरी सदन भेजने का मन बना रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने बताया है कि पंजाब से आप के 6 और राज्यसभा सांसदों ने भी केजरीवाल को अपनी सीट देने की पेशकश की है, लेकिन केजरीवाल की तरफ से किसी ऑफर को स्वीकार नहीं किया गया है। 11 फरवरी को केजरीवाल ने पंजाब सरकार और विधायकों के साथ दिल्ली में बैठक की थी। तब विधायकों ने आप में अंदरूनी कलह से इनकार किया था और बैठक को संतुलित बताया था। तब ऐसी अटकलें भी थी कि केजरीवाल पंजाब की राजनीति में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं, उनके लुधियाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चाएं हो रही हैं। हालांकि, आप सांसद मलविंदर सिंह कंग ने ऐसी खबरों को तवज्जों नहीं देते हुए बैठक को नियमित रणनीति सत्र बताया था।
दिल्ली में चुनाव हारने के बाद से ही केजरीवाल के पंजाब जाने के दावे किए जा रहे हैं। राजौरी गार्डन सीट से चुनाव जीतने वाले और मंत्री बनने वाले मनजिंदर सिंह सिरसा ने पहले कहा था कि केजरीवाल पंजाब के सीएम भगवंत मान को दरकिनार कर सकते हैं। सिरसा का दावा था, ऐसा कहा जा रहा है कि केजरीवाल यह कहकर भगवंत मान को अक्षम घोषित कर देंगे कि उन्होंने महिलाओं को एक हजार रुपए देने और नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर नियंत्रण जैसे वादे पूरे नहीं किए हैं। इसके बाद वह खुद ही कमान संभाल लेंगे।
बता दें दिल्ली विधानसभा चुनाव आप को बीजेपी के हाथों हार का सामना करना पड़ा। वहीं, खुद केजरीवाल भी चुनाव हार गए थे। बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने उन्हें हराया था। इधर, 70 विधानसभा सीटों वाली दिल्ली में बीजेपी ने 48 पर जीत हासिल कर सरकार बनाने में सफलता हासिल की थी। पार्टी ने रेखा गुप्ता को दिल्ली का सीएम बनाया है।

 


कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए पोस्ट में कहा


नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चों की छात्रवृत्ति के लाभार्थियों की संख्या में गिरावट को लेकर मंगलवार को आरोप लगाया कि सबका साथ, सबका विकास का नारा कमज़ोर वर्गों के अरमानों का मज़ाक उड़ाता है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर एक चार्ट साझा किया, जिसमें उल्लेख है कि एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक बच्चों के लिए छात्रवृत्ति के लाभार्थियों में भारी गिरावट आई है।
खड़गे ने एक्स पर पीएम मोदी को संबोधित कर पोस्ट में कहा कि नरेन्द्र मोदी जी, देश के एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग के युवाओं की छात्रवृत्तियों को आपकी सरकार ने हथियाने का काम किया है। उन्होंने दावा किया कि सरकारी आंकड़े बताते हैं कि सभी वज़ीफों में मोदी सरकार ने लाभार्थियों की संख्या में भारी कटौती तो की है, साथ ही औसतन साल-दर-साल 25 फीसदी फंड भी कम ख़र्च किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने सवाल किया कि जब तक देश के कमज़ोर वर्ग के छात्रों को अवसर नहीं मिलेगा, उनके हुनर को प्रोत्साहन नहीं मिलेगा, तब तक हम अपने देश के युवाओं के लिए नौकरियां कैसे बढ़ा पाएंगे? उन्होंने आरोप लगाया कि आपका ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा, कमज़ोर वर्गों के अरमानों का मज़ाक उड़ाता है।

 

 

पंजाब सरकार की और से एक हैरान करने वाला नोटिफिकेशन जारी किया गया है. नोटिफिकेशन के मुताबिक पंजाब सरकार का डिपार्मेंट Administrative Reforms Exist यानी प्रशासनिक सुधार मंत्रालय ऐसा कोई विभाग ही नहीं है. पंजाब सरकार ने जिस मंत्रालय को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है, मंत्रालय की कमान कुलदीप सिंह धालीवाल के पास थी. वे पिछले 20 महीनों से विभाग का कामकाज देख रहे थे. धालीवाल से अब तक कुल तीन विभाग वापिस लिए जा चुके हैं. इससे पहले ग्रामीण विकास एवं पंचायत और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग भी उनसे वापिस लिया गया था.

प्रशासनिक सुधार मंत्रालय को किया नकारा
कुलदीप सिंह धालीवाल के पास NRI मामलों के साथ प्रशासनिक सुधार मंत्रालय भी था, लेकिन अब करीब 20 महीने बाद पंजाब सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया गया है कि ये विभाग Exist ही नहीं करता है. सरकार ने आधिकारिक तौर पर ये मान लिया है कि इस तरीके के किसी विभाग का कोई अस्तित्व ही नहीं था.


दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एयर इंडिया की बदइंतजामियों पर नाराजगी जताई है। शिवराज की नाराजगी इतनी बढ़ गई कि उन्होंने अपनी पीड़ा को सोशल मीडिया पर "X" पर शेयर किया। शिवराज सिंह चौहान भोपाल से दिल्ली एयर इंडिया की फ्लाइट से आ रहे थे। इसी दौरान जो सीट उन्हें आवंटित की गई वह टूटी और धंसी हुई थी। उस पर बैठने में भी उन्हें तकलीफ हो रही थी। उन्होंने एयर इंडिया की इन बदइंतजामियों पर सवाल भी उठाए।

टूटी और धंसी सीट पर बैठकर पूरी की यात्रा
शिवराज सिंह चौहान पूसा किसान मेले का उद्घाटन करने के लिए दिल्ली आ रहे थे। साथ ही कुरुक्षेत्र में एक मीटिंग और चंडीगढ़ में किसान संगठन के प्रतिनिधियों से चर्चा करने का उनका प्लान है। भोपाल से दिल्ली आने के लिए एयर इंडिया की फ्लाइट नंबर AI436 में उन्होंने अपना टिकट करवाया था। लेकिन जब वे अपनी सीट पर बैठे तो वह टूटी हुई और अंदर धंसी हुई थी। उस पर बैठने में उन्हें दिक्कत महसूस हो रही थी। उन्होंने एयर इंडिया की इस बदइंतजामी का जिक्र करते हुए एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया।

बैठना तकलीफदायक था
शिवराज सिंह चौहान ने लिखा, "आज मुझे भोपाल से दिल्ली आना था, पूसा में किसान मेले का उद्घाटन, कुरुक्षेत्र में प्राकृतिक खेती मिशन की बैठक और चंडीगढ़ में किसान संगठन के माननीय प्रतिनिधियों से चर्चा करनी है। मैंने एयर इंडिया की फ्लाइट क्रमांक AI436 में टिकट करवाया था, मुझे सीट क्रमांक 8C आवंटित हुई। मैं जाकर सीट पर बैठा, सीट टूटी और अंदर धंसी हुई थी। बैठना तकलीफदायक था। जब मैंने विमानकर्मियों से पूछा कि खराब सीट थी तो आवंटित क्यों की? उन्होंने बताया कि प्रबंधन को पहले सूचित कर दिया था कि ये सीट ठीक नहीं है, इसका टिकट नहीं बेचना चाहिए। ऐसी एक नहीं और भी सीटें हैं। सहयात्रियों ने मुझे बहुत आग्रह किया कि मैं उनसे सीट बदल कर अच्छी सीट पर बैठ जाऊं। लेकिन मैं अपने लिए किसी और मित्र को तकलीफ क्यों दूं, मैंने फैसला किया कि मैं इसी सीट पर बैठकर अपनी यात्रा पूरी करूंगा।"

क्या ये यात्रियों के साथ धोखा नहीं
शिवराज सिंह इतने पर ही नही रुके। उन्होंने आगे लिखा, "मेरी धारणा थी कि टाटा प्रबंधन के हाथ में लेने के बाद एयर इंडिया की सेवा बेहतर हुई होगी, लेकिन ये मेरा भ्रम निकला। मुझे बैठने में कष्ट की चिंता नहीं है, लेकिन यात्रियों से पूरा पैसा वसूलने के बाद उन्हें खराब और कष्टदायक सीट पर बैठाना अनैतिक है। क्या ये यात्रियों के साथ धोखा नहीं है? क्या आगे किसी यात्री को ऐसा कष्ट न हो। इसके लिए एयर इंडिया प्रबंधन कदम उठाएगा या यात्रियों की जल्दी पहुंचने की मजबूरी का फायदा उठाता रहेगा।

 

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर पार्टी नेतृत्व से नाराज नजर आ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक हाल ही में दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात में थरूर ने पार्टी में अपनी भूमिका को लेकर असंतोष जताया। थरूर ने खुलकर सवाल किया कि पार्टी में उनकी क्या भूमिका है और उन्हें क्यों दरकिनार किया जा रहा है। हालांकि, चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने थरूर की किसी भी शिकायत या सुझाव पर ठोस आश्वासन देने से इनकार कर दिया।

कांग्रेस और शशि थरूर के बीच बढ़ती दूरियां पार्टी के लिए नई चुनौती बनती जा रही हैं। अगर जल्द ही इसका समाधान नहीं निकला तो यह विवाद आगामी चुनावों में पार्टी की रणनीति और प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है।

नाराज शशि थरूर ने पूछा- मेरी भूमिका बताएं कोई?

मुलाकात के दौरान थरूर ने संसद में अपनी उपेक्षा, ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस (एआईपीसी) से निकाले जाने के तरीके और राज्य की राजनीति में उनकी भूमिका समेत कई मुद्दे उठाए। थरूर ने कहा कि वह संसद में पार्टी का नेतृत्व करने में सक्षम हैं, लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने राहुल से यह भी पूछा कि क्या पार्टी चाहती है कि वे केरल की राजनीति पर ध्यान दें, लेकिन राहुल गांधी ने इसका स्पष्ट जवाब देने से परहेज किया।

कांग्रेस नेतृत्व से मतभेद

थरूर और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के बीच मतभेद पहले भी सामने आ चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से उनकी मुलाकात पर कांग्रेस के रुख से अलग राय रखने के लिए थरूर की पहले भी आलोचना हो चुकी है। एलडीएफ सरकार के तहत केरल में औद्योगिक विकास की प्रशंसा करने वाले उनके हालिया लेख ने पार्टी के भीतर असंतोष को और बढ़ा दिया। पार्टी के कई नेता इस लेख को कांग्रेस के खिलाफ मानते हैं।

 


पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत ने शुक्रवार को लोगों से इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनके पिता को फिर से सत्ता में लाने के लिए वोट देने का आग्रह किया और कहा कि कुमार 100% फिट हैं. निशांत ने यहां हवाई अड्डे पर पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत की, हालांकि उन्होंने राजनीति में खुद के प्रवेश की अटकलों के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया.

दिल्ली में एक शादी समारोह में शामिल होने गए निशांत ने कहा, "यह चुनावी साल है. मैंने पहले भी लोगों से अपने पिता के लिए वोट देने का आग्रह किया है. मैंने फिर ऐसा ही किया. उन्होंने बिहार के लिए बहुत कुछ किया है. उनके सत्ता में लौटने से यह सुनिश्चित होगा कि विकास निर्बाध रूप से जारी रहेगा." उनसे उनके पिता के मुख्य प्रतिद्वंद्वी राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा जद प्रमुख के स्वास्थ्य को लेकर संदेह जताने के बारे में पूछे जाने पर निशांत ने कहा, "मेरे पिता 100% फिट हैं."

ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि निशांत जद में शामिल हो सकते हैं, जिसके पास उनके पिता के इस्तीफे की स्थिति में उत्तराधिकार की कोई योजना नहीं है. मीडिया के एक वर्ग में ऐसी भी खबरें आई हैं कि वह उसी हरनौत निर्वाचन क्षेत्र से राज्य विधानसभा चुनाव में पदार्पण कर सकते हैं, जहां से दशकों पहले उनके पिता निर्वाचित हुए थे. निशांत ने हालांकि अटकलों से जुड़े सवालों का जवाब नहीं दिया और पत्रकारों की भीड़ से होते हुए जल्दी से अपनी कार में बैठ गए.

 

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