ईश्वर दुबे
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पंजाब सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के फिरोजपुर दौरे के दौरान हुई चूक की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। इस समिति में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मेहताब सिंह गिल, प्रमुख सचिव और न्यायमूर्ति अनुराग वर्मा शामिल होंगे, जो 3 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देंगे।
चंडीगढ़। पंजाब के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में बुधवार को बड़ी चूक का मामला सामने आया। दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी के सड़क मार्ग को कुछ प्रदर्शनकारियों ने अवरुद्ध कर दिया, जहां से उन्हें गुजरना था। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी के काफिले को करीब 20 मिनट तक एक फ्लाईओवर में रुकना पड़ा। जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने वापस बठिंडा लौटने का निर्णय किया। इस मामले की जांच के लिए पंजाब की चरणजीत सिंह चन्नी सरकार ने उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने पंजाब सरकार के हवाले से जानकारी दी कि प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के फिरोजपुर दौरे के दौरान हुई चूक की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। इस समिति में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मेहताब सिंह गिल, प्रमुख सचिव और न्यायमूर्ति अनुराग वर्मा शामिल होंगे, जो 3 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देंगे।
Punjab Govt constitutes high-level committee to investigate lapses during PM Modi's visit to Ferozepur y'day. Committee would comprise Justice (Retd.) Mehtab Singh Gill, Principal Secretary (Home Affairs) & Justice Anurag Verma & would submit its report within 3 days: State Govt
— ANI (@ANI) January 6, 2022
आपको बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा चूक को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि प्रधानमंत्री के दौरे में सुरक्षा प्रक्रिया में इस तरह की लापरवाही पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसके लिए जवाबदेही तय की जाएगी। वहीं, भाजपा नेताओं ने इस मामले को अभूतपूर्व बताया और एक साजिश करार देते हुए दावा किया कि कांग्रेस के खूनी इरादे नाकाम रहे। हालांकि, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी सभी के सामने आए और उन्होंने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई और इसके पीछे कोई राजनीतिक मंशा नहीं थी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसी भी जांच के लिए तैयार है।
एक प्रदर्शनकारी किसान ने बताया कि हमें मोबाइल फोन और चैनल के माध्यम से यह जानकारी मिली कि प्रधानमंत्री मोदी का विमान बठ़िडा में उतर गया है और मौसम खराब होने की वजह से पायलट ने आगे जाने से इनकार कर दिया है। ऐसे में अगर कोई भी व्यक्ति सड़क के रास्ते हुसैनीवाला मेमोरियल जाना चाहता है तो महज एक ही मार्ग है।
चंडीगढ़। पंजाब के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में बुधवार को बड़ी चूक का मामला सामने आया। जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस आमने-सामने है। जहां एक तरफ भाजपा ने पंजाब सरकार और कांग्रेस पर करारा हमला बोलते हुए इसे साजिश करार दी। वहीं कांग्रेस ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने फिरोजपुर की रैली को इसलिए स्थगित किया क्योंकि वहां भीड़ ही नहीं थी। इतना ही नहीं मुख्मयंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी यह मामने से इनकार करते हुए दिखाई दिए कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक हुई है। हालांकि उन्होंने मामले की जांच कराने की बात कही और फिर तीन सदस्यीय उच्च समिति का गठन कर दिया, जो 3 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट 'इंडिया टुडे' की रिपोर्ट के मुताबिक, एक प्रदर्शनकारी किसान ने बताया कि हमें मोबाइल फोन और चैनल के माध्यम से यह जानकारी मिली कि प्रधानमंत्री मोदी का विमान बठ़िडा में उतर गया है और मौसम खराब होने की वजह से पायलट ने आगे जाने से इनकार कर दिया है। ऐसे में अगर कोई भी व्यक्ति सड़क के रास्ते हुसैनीवाला मेमोरियल जाना चाहता है तो महज एक ही मार्ग है।
काफी नाराज थे PM मोदी !
आपको बता दें कि पंजाब दौरे पर आए प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को एक फ्लाईओवर पर करीब 20 मिनट के लिए फंसे रहे, क्योंकि कुछ प्रदर्शनकारियों ने उनके मार्ग को अवरुद्ध कर दिया था। जिसके बाद उन्होंने वापस बठ़िडा जाने का निर्णय लिया। बठ़िडा हवाईअड्डे के अधिकारी ने बताया कि हवाई अड्डे पर लौटने पर प्रधानमंत्री मोदी ने वहां के अधिकारियों से कहा, अपने मुख्यमंत्री को धन्यवाद कहना कि मैं बठिंडा हवाई अड्डे तक जिंदा लौट पाया।
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी का मार्ग अवरुद्ध करने वाले प्रदर्शनकारी मिश्रीवाला और प्यारेलाल गांव के थे और यह लोग दो दिनों से यहां पर प्रदर्शन कर रहे थे। जबकि मुख्यमंत्री चन्नी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि पुलिस ने मंगलवार की रात प्रदर्शनकारियों से रास्ता खाली करने के लिए कहा था। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने पहले भाजपा की रैली में जा रहे समर्थकों को रोका था। हालांकि, इस मामले में किसी भी पुलिसकर्मी के खिलाफ अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है और मुख्यमंत्री चन्नी ने किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने से साफ इनकार कर दिया था।
मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा था कि बीती रात (मंगलावर की रात) सड़क पर एकत्र हुए कुछ प्रदर्शनकारियों को हटा दिया गया था लेकिन यदि अचानक से कोई दिन में आ गया तो इसका मतलब यह नहीं है कि इससे कोई खतरा हो गया। उन्होंने कहा था कि किसान एक साल से दिल्ली की सीमाओं पर भी प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन उन्होंने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया।
एक दशक में जिन बीमारियों के मामले सबसे तेजी से बढ़े हैं, डायबिटीज उनमें से एक है। डायबिटीज के कारण शरीर में कई तरह की अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है, कोरोना के इस दौर में डायबिटीज को एक प्रमुख जोखिम कारक के रूप में भी देखा जा रहा है। सभी लोगों को इस बीमारी को लेकर सचेत रहना चाहिए और इससे बचाव के आवश्यक उपाय करते रहने चाहिए।
जीवनशैली में बदलाव करके टाइप-2 डायबिटीज की शुरुआत और इसके खतरे को रोकने में मदद मिल सकती है। अधिक वजन या मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल या मधुमेह के पारिवारिक इतिहास के कारण डायबिटीज का जोखिम बढ़ जाता है। यदि अपने दैनिक जीवन में कुछ बदलाव कर लिए जाएं तो इसके जोखिमों को कम किया जा सकता है
कम करिए वजन- वजन कम करने से मधुमेह का खतरा कम होता है। एक अध्ययन में लोगों ने व्यायाम और आहार में बदलाव के साथ अपने शरीर के वजन को लगभग 7 फीसदी तक कम किया। निष्कर्ष में पाया गया कि शरीर का वजन कम करने से डायबिटीज के जोखिमों को लगभग 60 फीसदी तक घटाया जा सकता है।
शारीरिक गतिविधियों से मिलता है लाभ-डायबिटीज के खतरे को कम करने के लिए शारीरिक गतिविधियां आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं। व्यायाम की मदद से आप वजन कम करने, ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने और इंसुलिन के प्रति अपनी संवेदनशीलता को आसानी से बढ़ाने में सफल हो सकते हैं। डायबिटीज की कई तरह की जटिलताओं को कम करने में भी योग-व्यायाम को अभ्यास को काफी फायदेमंद माना जाता है।
पौधों पर आधारित चीजों का सेवन अधिक करें- पौधों पर आधारित आहार आपको विटामिन, खनिज और कार्बोहाइड्रेट प्रदान करते हैं। इसके अलावा इसमें डाइट्री फाइबर भी पाया जाता है जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ वजन घटाने में मदद करने के साथ मधुमेह के खतरे को कम करते हैं। विभिन्न प्रकार के स्वस्थ, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाएं, इनसे डायबिटीज की जटिलताओं को आसानी से कम किया जा सकता है।
अपने जीवन में कभी न कभी पेट में सूजन या पेट में गैस महसूस की होगी। खाना खाने के बाद पेट में फंसी हुई गैस का अहसास काफी असहज होता है। पेट फूलना यानी गैस एक आम पाचन समस्या है, जो बस कुछ देर के लिए रहती है और कई बार अपने आप ठीक भी हो जाती है। हालांकि, भोजन के बाद पेट में गैस बनना स्वभाविक है। लेकिन यह जरूरत से ज्यादा बनने लगे, तो दर्दनाक हो सकती है। सही डाइट रूटीन को फॉलो न करना, समय पर भोजन न करना, ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ लेना, अनहेल्दी चीजों का सेवन ऐसे कारक हैं, जो पेट में ज्यादा गैस बनने का कारण बनते हैं। कुछ दवाओं की मदद से इस समस्या से अस्थाई राहत तो पाई जा सकती है, लेकिन लंबे वक्त तक इससे छुटकारा पाना है, तो आयुर्वेद से अच्छा उपाय और कुछ नहीं है। रसोई में आसानी से मिलने वाली जड़ी-बूटियां पेट में सूजन या गैस से निजात दिलाने में आपकी मदद कर सकती हैं। यहां कुछ जड़ी-बूटियां हैं, जिन्हें आप अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
अजमोद- जो लोग गैस बनने से परेशान रहते हैं, उनके लिए एक और बेहतरीन जड़ी-बूटी है अजमोद। ये पत्ते खाना पकाने में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली जड़ी-बूटी है। अजमोद डायरूटिक है, शरीर से पानी और नमक के नुकसान को बढ़ाने में मदद करता है।
जीरा- जीरा एक ऐसा मसाला है, जो हर भारतीय किचन में आसानी से मिल जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, जीरा पाचक रसों को उत्तेजित करता है । यह एसिडिटी और अपच जैसी पेट की समस्याओं से छुटकारा दिलाने में बहुत कारगार साबित हुआ है।
तुलसी- पेट की समस्या से राहत के लिए आयुर्वेद में तुलसी का उपयोग सदियों से किया जा रहा है। तुलसी के पत्तों का अर्क गैस्ट्राइटिस से पीडि़त चूहों में गैस्ट्रिक म्यूकोसा की सूजन को कम करने के लिए सिद्ध होता है। ऐसे में अगर व्यक्ति पेट में गैस बनने पर तुलसी के पत्तों का नियमित सेवन कर ले, तो गैस्ट्राइटिस की समस्या बहुत कम हो जाती है।
सौंफ- पेट से जुड़ी समस्या के लिए सौंफ एक बेहतरीन आयुर्वेदिक उपचार हैं। यह न केवल सूजन वाली मांसपेशियों को आराम देती है बल्कि कब्ज को दूर करने का बढिया तरीका है। बता दें कि इन बीजों का पेट और आंत की मांसपेशियों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है, जो कब्ज और एसिड रिफ्लक्स से होने वाली गैस से राहत दिलाने में मददगार है।
सोआ- सर्दी के मौसम में पेट से जुड़ी समस्या परेशान करती हैं। इन समस्या से राहत पाने के लिए सोआ का सेवन बहुत फायदेमंद माना गया है। हरे पत्तेदार सोआ में एंटीइंफ्लेमेट्री प्रभाव देखे गए हैं जो आपको रिलेक्स महसूस कराते हैं।
कैमोमाइल चाय- यह हर्बल चाय उन लोगों के लिए बहुत अच्छी है, जो गैस्ट्रिक समस्यों से ग्रसित रहते हैं। ये पत्तियां गैसेट्राइटिस जैसी सूजन को कम करने में मदद करती हैं और अल्सर से भी राहत दिलाती हैं। पाचन की समस्या को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए आप एक कप गर्म कैमोमाइल चाय का सेवन रोजाना कर सकते हैं। बहुत आराम मिलेगा।
पुदीना- खाना खाने के तुरंत बाद जो लोग पेट फूलने की शिकायत करते हैं,उन्हें पुदीना का सेवन करना चाहिए। यह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी पेट में ज्यादा गैस बनने को नियंत्रित करती है। बता दें कि पेपरमिंट ऑयल में एंटीइंफ्लेमट्री और एंटी बैक्टीरियल योगिक होते हैं, जो गैस्ट्राइटिस के लक्षणों को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं।
भारतीय घरों में सेंधा नमक का इस्तेमाल खूब किया जाता है। आमतौर पर व्रत के खाने में इसे इस्तेमाल किया जाता है। सेहत के मामले में भी यह नमक बहुत गुणकारी है। सेंधा नमक का प्रयोग आयुर्वेद में सालों से उपचार के लिए किया जाता रहा है। यह नमक पाचन संबंधी दिक्कतों को दूर करने में मददगार है। अगर आपको पाचन की समस्या है या सर्दी लगी है तो सेंधा नमक की मदद से आप आराम पा सकते हैं।
सामान्य नमक में दो तत्व खासतौर पर पाए जाते हैं- सोडियम और क्लोराइड. जबकि सेंधा नमक आयरन, जिंक, निकेल, कोबाल्ट, मैग्नीज, कॉपर रिच होता है जो हमारी सेहत के लिए जरूरी तत्व हैं। इसके अलावा अनिद्रा की शिकायत को दूर करने में भी यह नमक मददगार है।
सेंधा नमक में पाए जाने वाले मिनरल्स व्यक्ति को कई रोगों से दूर रखने में मदद करते हैं। यह नमक पाचक रसों का निर्माण करता है, इसलिए यह पाचन को दुरुस्त रखने का काम भी करता है। सेंधा नमक का उपयोग करने से ब्लड प्रेशर के उपचार, कब्ज, अपच, गैस व सीने में जलन जैसी कई बीमारियों के लक्षणों को भी कम करने में मदद कर सकता है।
सेंधा नमक के फायदे
ब्लडप्रेशर करे कंट्रोल- सेंधा नमक हाई ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करके कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है जिससे हार्ट अटैक का खतरा भी कम रहता है।
स्ट्रेस करता है कम- सेंधा नमक स्ट्रेस कम करने में भी मदद करता है। इतना ही नहीं यह सेरोटोनिन और मेलाटोनिन हार्मोन्स का बैलेंस बनाएं रखता है जो तनाव से लड़ने में मदद करते हैं।
बॉडी पेन करता है कम- सेंधा नमक मांसपेशियों के दर्द और ऐंठन के साथ ही ज्वाइंट्स पेन को भी कम करने का काम करता है।
साइनस में दे राहत- साइनस के दर्द से छुटकारा पाने के लिए सेंधा का सेवन फायदेमंद रहता है। अगर आपको स्टोन की प्राब्लम है तो सेंधा नमक और नींबू को पानी में मिलाकर पीने से कुछ ही दिनों में पथरी गलने लगती है।
अस्थमा को करे दूर- अस्थमा, डायबिटीज और आर्थराइटिस के मरीजों के लिए सेंधा नमक का सेवन काफी फायदेमंद होता है। नींद न आने की समस्या में भी सेंधा नमक काफी फायदेमंद होता है।
गले की खराश के लिए सेंधा नमक- सेंधा नमक में डिकंजेस्टेंट गुण हो सकते हैं, जो गले में फंसे बैक्टीरिया युक्त बलगम को पतला कर उसे शरीर से बाहर निकालने में मदद कर सकते हैं। साथ ही यह खांसी की समस्या से भी राहत दिला सकता है। गले में खराश की समस्या दूर करने के लिए सेंधा नमक युक्त गुनगुने पानी से गरारे किए जा सकते हैं।
मिल रही जानकारी के मुताबिक जिन जिलों में 1000 से ज्यादा सक्रिय मामले होंगे वहां कुछ पाबंदियां लागू की जाएंगी। इन जिलों में जिम, स्पा, सिनेमा हॉल, बैंक्विट हॉल, रेस्टोरेंट्स आदि जैसे सार्वजनिक स्थलों को 50 फ़ीसदी की क्षमता के साथ ही संचालित किया जा सकता है।
देश के अन्य हिस्सों की तरह चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश में भी कोरोनावायरस का प्रकोप बढ़ रहा है। इसको लेकर आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में टीम ने के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक के बाद कई पाबंदियों को लागू किया गया है। इस महत्वपूर्ण बैठक के बाद उत्तर प्रदेश में रात्रिकालीन कर्फ्यू रात 10:00 बजे से लेकर सुबह 6:00 बजे तक लागू करने का ऐलान कर दिया गया है। यह व्यवस्था 6 जनवरी से राज्य में लागू कर दी जाएगी। इसके अलावा भी दसवीं तक के स्कूल को मकर संक्रांति तक बंद रखने का फैसला लिया गया है।
मिल रही जानकारी के मुताबिक जिन जिलों में 1000 से ज्यादा सक्रिय मामले होंगे वहां कुछ पाबंदियां लागू की जाएंगी। इन जिलों में जिम, स्पा, सिनेमा हॉल, बैंक्विट हॉल, रेस्टोरेंट्स आदि जैसे सार्वजनिक स्थलों को 50 फ़ीसदी की क्षमता के साथ ही संचालित किया जा सकता है। शादी समारोह या अन्य आयोजनों में जहां बंद स्थान है वह एक समय में 100 से अधिक लोगों की सहभागिता ना हो इस पर भी गौर करने को कहा गया है। मास्क और सैनिटाइजर भी अनिवार्य रहेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टेस्टिंग को लेकर भी बड़े निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि हर दिन न्यूनतम तीन से चार लाख टेस्ट किए जाएं। इसके साथ ही सभी जनपदों में स्थापित किए गए इंटीग्रेटेड कोविड कमांड कंट्रोल सेंटर को 24 x 7 सक्रिय रखा जाए। प्रयागराज के माघ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 48 घंटे पूर्व की rt-pcr नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य होगी। आपको बता दें कि राज्य में पिछले 24 घंटों में 992 नए मामलों की पुष्टि हुई है। फिलहाल उत्तर प्रदेश में सक्रिय मामलों की संख्या 3173 है।
दिल्ली की सभी अदालतों के न्यायाधीशों और सभी न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों, वकीलों, कानूनी परामर्शदाताओं और मामले की सुनवाई से जुड़े लोगों को वैध पहचान पत्र, सेवा पहचान पत्र, फोटो प्रवेश पास और अनुमति पत्र के साथ आवाजाही की अनुमति रहेगी।
नयी दिल्ली। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच में राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार और रविवार को वीकेंड कर्फ्यू रहेगा। उपमुख्मयंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि डीडीएमए की बैठक में सरकार ने फैसला लिया है कि दिल्ली में शनिवार और रविवार को कर्फ्यू रहेगा। कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर दिल्ली में शुक्रवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह पांच बजे तक लगाए गए सप्ताहांत कर्फ्यू के दौरान इन लोगों को मिलेगी छूट:
1. अनिवार्य और आपात सेवाओं में शामिल अधिकारियों को वैध पहचान पत्र दिखाने पर रात्रिकालीन कर्फ्यू और सप्ताहांत कर्फ्यू के दौरान आवाजाही की अनुमति रहेगी।
2. भारत सरकार, उसके स्वायत्त और अधीनस्थ कार्यालयों और सार्वजनिक उपक्रमों के अधिकारियों को वैध पहचान पत्र मुहैया कराने पर आवाजाही की अनुमति रहेगी।
3 दिल्ली की सभी अदालतों के न्यायाधीशों और सभी न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों, वकीलों, कानूनी परामर्शदाताओं और मामले की सुनवाई से जुड़े लोगों को वैध पहचान पत्र, सेवा पहचान पत्र, फोटो प्रवेश पास और अनुमति पत्र के साथ आवाजाही की अनुमति रहेगी।
4. विभिन्न देशों के राजनयिक कार्यालयों के अधिकारियों और संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति को वैध पहचान पत्र मुहैया कराने पर आने जाने की अनुमति रहेगी।
5. चिकित्सकों, नर्सिंग कर्मी, परा चिकित्सक और अस्पताल की अन्य सेवाओं के कर्मियों को वैध पहचान पत्र दिखाने पर आने जाने की अनुमति रहेगी।
6. गर्भवती महिलाओं और इलाज करा रहे मरीजों तथा उनके परिचायक को वैध पहचान पत्र और चिकित्सक का पर्चा दिखाने पर आवाजाही की अनुमति दी जाएगी।
7. कोविड-19 जांच या टीके की खुराक लेने जा रहे लोगों को वैध पहचान पत्र मुहैया कराने पर।
8. हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन, अंतर-राज्य बस टर्मिनल से आने-जाने वाले लोगों को वैध टिकट पर यात्रा की अनुमति दी जाएगी।
9.इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के कर्मियों को वैध पहचान पत्र मुहैया कराने पर।
10. वैध प्रवेश पत्र मुहैया कराने पर उम्मीदवारों या छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी। परीक्षा ड्यूटी पर तैनात कर्मियों को वैध पहचान पत्र या परीक्षा आदेश दिखाने पर आवाजाही की अनुमति होगी।
11. विवाह के कार्ड की सॉफ्ट या हार्ड कॉपी दिखाने पर कुल 20 लोगों को कार्यक्रम में शामिल होने की मंजूरी मिलेगी।
मौलाना रहमानी ने एक बयान में कहा, ‘‘ भारत एक धर्मनिरपेक्ष, बहु-धार्मिक और बहु-सांस्कृतिक देश है। इन्हीं सिद्धान्तों के आधार पर हमारा संविधान बनाया गया है। संविधान हमें इसकी अनुमति नहीं देता है कि सरकारी शिक्षण संस्थानों में किसी धर्म विशेष की शिक्षाएं दी जाएं या किसी विशेष समूह की मान्यताओं के आधार पर समारोह आयोजित किये जाएं।’’
नयी दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मंगलवार को कहा कि सूर्य नमस्कार के कार्यक्रमों में मुस्लिम समुदाय के बच्चों को शामिल नहीं होना चाहिए, क्योंकि सूर्य की उपासना करना इस्लाम धर्म के मुताबिक सही नहीं है। पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना ख़ालिद सैफ़ुल्लाह रह़मानी ने यह भी कहा कि सरकार को इससे जुड़ा ‘दिशानिर्देश’ वापस लेकर देश के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का सम्मान करना चाहिए। मौलाना रहमानी ने एक बयान में कहा, ‘‘ भारत एक धर्मनिरपेक्ष, बहु-धार्मिक और बहु-सांस्कृतिक देश है। इन्हीं सिद्धान्तों के आधार पर हमारा संविधान बनाया गया है। संविधान हमें इसकी अनुमति नहीं देता है कि सरकारी शिक्षण संस्थानों में किसी धर्म विशेष की शिक्षाएं दी जाएं या किसी विशेष समूह की मान्यताओं के आधार पर समारोह आयोजित किये जाएं।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘यह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्तमान सरकार इस सिद्धांत से भटक रही है और देश के सभी वर्गों पर बहुसंख्यक समुदाय की सोच और परंपरा को थोपने का प्रयास कर रही है।’’ रहमानी के अनुसार, ‘‘भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने 75वें स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर 30 राज्यों में सूर्य नमस्कार की एक परियोजना चलाने का निर्णय किया है, जिसमें 30 हज़ार स्कूलों को पहले चरण में शामिल किया जाएगा। 1 जनवरी से 7 फरवरी 2022 तक के लिए यह कार्यक्रम प्रस्तावित है और 26 जनवरी को सूर्य नमस्कार पर एक संगीत कार्यक्रम की भी योजना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सूर्य नमस्कार सूर्य की पूजा का एक रूप है, इस्लाम और देश के अन्य अल्पसंख्यक न तो सूर्य को देवता मानते हैं और न ही उसकी उपासना को सही मानते हैं। इसलिए सरकार का यह कर्तव्य है कि वह ऐसे निर्देशों को वापस ले और देश के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का सम्मान करे। हां, यदि सरकार चाहे तो देश-प्रेम की भावना को उभारने हेतु बच्चों से राष्ट्रगान पढ़वाए।’’
मौलाना रह़मानी ने कहा कि मुस्लिम बच्चों के लिए सूर्य नमस्कार जैसे कार्यक्रमों में सम्मिलित होने की बिल्कुल भी अनुमति नहीं है और इससे बचना आवश्यक है। गौरतलब है कि शिक्षा मंत्रालय ने 16 दिसंबर, 2021 के अपने एक पत्र के माध्यम से कहा है कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के बैनर तले ‘राष्ट्रीय योगासन खेल परिसंघ’ ने फैसला किया है कि एक जनवरी से सात फरवरी, 2022 तक 75 करोड़ सूर्य नमस्कार की परियोजना चलाई जाएगी। इसमें यह भी कहा गया है कि 26 जनवरी, 2022 को सूर्य नमस्कार पर संगीत कार्यक्रम की योजना भी है।
ओमीक्रोन की टेस्टिंग भी कोरोना के दूसरे वेरिएंट की तरह ही होगी। दूसरे आरटी-पीसीआर टेस्ट की ही तरह नाक या मुंह से स्वाब लिया जाएगा और फिर ओमीस्योर किट के माध्यम से 10 से 15 मिनट में जांच रिपोर्ट सामने आ जाएगी।
नयी दिल्ली। कोरोना के नए वेरिएंट 'ओमीक्रोन' के बढ़ते प्रसार के बीच में एक बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि ओमीक्रोन की टेस्टिंग के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने ओमीस्योर किट को मंजूरी दे दी है। ओमीस्योर टेस्टिंग किट को टाटा मेडिकल ने तैयार किया है। मुंबई स्थित टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स लिमिटेड ने आरटी-पीसीआर (RT/PCR) किट ओमीस्योर का निर्माण किया है, जिससे कोरोना के नए वेरिएंट के मामलों की टेस्टिंग में काफी समय बचेगा।
कैसे होगी टेस्टिंग
ओमीक्रोन की टेस्टिंग भी कोरोना के दूसरे वेरिएंट की तरह ही होगी। दूसरे आरटी-पीसीआर टेस्ट की ही तरह नाक या मुंह से स्वाब लिया जाएगा और फिर ओमीस्योर किट के माध्यम से 10 से 15 मिनट में जांच रिपोर्ट सामने आ जाएगी। ओमीस्योर से जांच का तरीका कोई अलग नहीं होने वाला है। आपको बता दें कि आईसीएमआर टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स लिमिटेड को ओमीस्योर टेस्टिंग किट के लिए 30 दिसंबर को ही मंजूरी दे दी थी लेकिन इसकी जानकारी आज सामने आई है।
ओमीक्रोन के अबतक 1,892 मामले आए सामने
देश के 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रोन के अब तक 1,892 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 766 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं या विदेश चले गए हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, नए वेरिएंट के महाराष्ट्र में सबसे अधिक 568 मामले सामने आए हैं। इसके बाद दिल्ली में 382, केरल में 185, राजस्थान में 174, गुजरात में 152, और तमिलनाडु में 121 मामले सामने आए हैं।
वहीं दूसरी तरफ कोरोना के एक दिन में 37,379 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,49,60,261 हो गई है। जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 1,71,830 पर पहुंच गई है।
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने ट्वीट किया कि दिल्ली मुबारक हो, लंबे इंतजार के बाद डीटीसी की पहली 100 फीसदी इलेक्ट्रिक बस का प्रोटोटाइप पहुंच गया है। उन्होंने ट्विट करते हुए कहा है कि सीएम अरविंद केजरीवाल जल्द ही इस इलेक्ट्रिक बस को हरी झंडी दिखाएंगे।
आपने पहले डीजल और फिस सीएनजी बसों में तो बहुत सफर किया लेकिन अब आप जल्द ही इलेक्ट्रिक बसों में सफर कर पाएंगे। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने ट्वीट किया कि दिल्ली मुबारक हो, लंबे इंतजार के बाद डीटीसी की पहली 100 फीसदी इलेक्ट्रिक बस का प्रोटोटाइप पहुंच गया है। इस ट्वीट में मंत्री ने बस की फोटो भी पोस्ट की हैं. इसमें बस को बाहर से और अंदर से दिखाया गया है। उन्होंने ट्विट करते हुए कहा है कि सीएम अरविंद केजरीवाल जल्द ही इस इलेक्ट्रिक बस को हरी झंडी दिखाएंगे।
बता दें कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के लिए 300 हाईटेक इलेक्ट्रिक बसों को बीते बरस ही मंजूरी दे दी थी। जिसकी डिलवरी बीते साल नवंबर के महीने से होनी थी। लेकिन कोरोना महामारी की वजह से डिलिवरी में विलंब हुआ। गहलोत ने पहले साझा किया था कि नई इलेक्ट्रिक बसों के अलावा, दिल्ली के सार्वजनिक परिवहन बेड़े में दो बैचों में 800 सीएनजी बसें भी शामिल होंगी: पहले बैच में 450 और अगले में 350। उन्होंने यह भी समझाया कि इन सीएनजी बसों के शामिल होने के बाद, दिल्ली सरकार केवल सार्वजनिक परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक बसों की खरीद करेगी।
कई सुविधाओं से लैस होंगी ये बसें
ये बसें कितनी हाईटेक होंगी आप इन खूबियों के जरिये समझ जाएंगे। ये 300 लोअर फ्लोर एयरकंडीशन बसें रियल टाइम पसेंजर इंफॉर्मेशन सिस्टम, सीसीटीवी, पैनिक बटन, जीपीएस और अन्य सुविधाओं से लैस होगी। इसी के साथ ये बसें विकलांग व्यक्तियों के लिए कंपैटिबल होंगी। महिला यात्रियों के लिए परिवहन विभाग ने नए कमांड और कंट्रोल सेंटर के साथ इंटिग्रेट किया जाएगा। दरअसल, दिल्ली में पहले से ही महिलाओं के लिए यात्रा फ्री है।
बॉडी डिटॉक्स
पसीना आना सेहत के लिए अच्छा होता है। पसीना आने से बॉडी डिटॉक्स होती है यानी पसीने के साथ शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं, इसके साथ ही ये शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है।
रासायनिक तत्व
शरीर में कई तरह के कार्बनिक रसायन मौजूद होते हैं, जो कि सेहत पर बुरा असर डालते हैं। पसीना आने से ये कैमिकल भी शरीर से बाहर आते हैं जिससे सेहत से संबंधित दिक्कतें कम होती हैं।
रोम छिद्र खोलता है
पसीना नेचुरल क्लेंजर की तरह काम करता है। पसीना आने से त्वचा के रोम छिद्र खुलते हैं। जिससे शरीर की गंदगी और बैक्टीरिया बाहर निकलने में मदद मिलती है।
मूड और नींद के लिए फायदेमंद
व्यक्ति का मूड चेहरे और त्वचा पर दिखता है क्योंकि मूड कोलेजन उत्पादन को प्रभावित करने में सक्षम है। वर्कआउट के दौरान पसीना आने से मूड बेहतर होता है। भारी व्यायाम शरीर में अधिक एंडोर्फिन छोड़ने में मदद करता है, यह एक हैप्पी हार्मोन है, जो खुशी को दोगुना कर देता है। एक्सरसाइज करने के बाद नींद भी आती है।
प्याज़ हमारे खाने का अहम हिस्सा है। प्याज़ का इस्तेमाल हम सलाद के रूप में और खाना पकाने में करते हैं। सेहत के लिए प्याज बेहद फायदेमंद है, इसके सेवन से इम्यूनिटी बूस्ट होती है। प्याज में भी हरी प्याज़ सेहत के लिए बेहद उपयोगी है। हरी प्याज शुगर को कंट्रोल करती है। हरी प्याज में कार्बोहाइड्रेट्स, विटामिन सी, प्रोटीन, फॉस्फोरस, सल्फर और कैल्शियम पाया जाता है। पत्ते वाली प्याज मुंह के दुर्गंध को दूर करती है, साथ ही इससे दांतों की सफाई भी हो जाती है। हरी प्याज में विटामिन C और A होता है जो इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग करता हैं। इसमें पाए जाने वाले एंटी-बैक्टीरियल गुण इंफेक्शन से बचाने में मददगार है। आइए जानते हैं इतने गुणों से भरपूर हरी प्याज़ को खाने से सेहत को कौन-कौन से फायदे होते हैं।
हरी प्याज खाने के फायदे
इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाती है- हरी प्याज ना सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाती है बल्कि इसका सेवन करने से इम्यूनिटी भी स्ट्रॉन्ग रहती है। इसमें पाए जाने वाले विटामिन इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मददगार होते हैं।
वजन घटाने में मददगार है- बढ़े हुए वजन से परेशान हैं तो खाने में हरी प्याज को शामिल करें। हरी प्याज में कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है जो वज़न को कम करने में बेहद असरदार है।
आंखों की रोशनी बढ़ाती है- हरी प्याज आंखों की सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाती है, इसमें कैरोटीनॉयड नामक तत्व मौजूद होता है जो आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद करता है।
शुगर का बेहतरीन इलाज है- शुगर के मरीजों के लिए हरी प्याज बेहद उपयोगी है। हरी प्याज में मौजूद सल्फर कंपाउंड्स के कारण, शरीर की इंसुलिन बनाने की क्षमता बढ़ती है। इसका सेवन डायबिटीज को कंट्रोल करने में असरदार है।
हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करती है- हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हरी प्याज का सेवन करें। हरी प्याज में मौजूद सल्फर कंपाउंड हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी को कम करने में मदद कर सकता है।
बैंक की नौकरी का सपना देख रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। पंजाब नेशनल बैंक ने चीफ रिस्क ऑफिसर, चीफ टेक्निकल ऑफिसर और चीफ डिजिटल ऑफिसर के पदों पर भर्ती निकाली है। यह भर्ती केवल छह पदों के लिए है। ऐसे में जो भी उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वो PNB की आधिकारिक साइट pnbindia.in पर जाकर 10 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
इन पदों पर होगी भर्ती
चीफ रिस्क ऑफिसर: 1 पद
चीफ वित्तीय अधिकारी: 1 पद
चीफ तकनीकी अधिकारी: 1 पद
चीफ सूचना सुरक्षा अधिकारी: 1 पद
चीफ डिजिटल ऑफिसर: 1 पद
मुख्य अनुपालन अधिकारी: 1 पद
शैक्षणिक योग्यता- किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी या संस्थान से संबंधित विषय में बैचलर या मास्टर डिग्री प्राप्त उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, कार्य अनुभव भी मांगा गया है। पोस्ट वाइज योग्यता की जानकारी नीचे दिए गए नोटिफिकेशन में चेक कर सकते हैं।
आयु सीमा- सभी पदों के लिए आवेदकों की उम्र 1 जुलाई 2021 को कम से कम 45 वर्ष और अधिकतम 55 वर्ष तक ही होनी चाहिए।
क्या है सिलेक्शन प्रोसेस- उमीदवारों के चयन प्रक्रिया में प्रारंभिक स्क्रीनिंग शामिल है। इसके साथ ही जब कोई उम्मीदवार व्यक्तिगत इंटरव्यू के लिए रिपोर्ट करेगा, तो उसको सभी जानकारी और दस्तावेजों को पेश करना होगा। इस दौरान अभ्यर्थियों को अपने मूल डॉक्युमेंट्स भी पेश करने होंगे।
ऐसे करें आवेदन- इच्छुक उम्मीदवार, आधिकारिक वेबसाइट से एप्लीकेशन फॉर्म डाउनलोड करें और 10 जनवरी या इससे पहले संबंधित दस्तावेजों के साथ महाप्रबंधक-एचआरएमडी, पंजाब नेशनल बैंक, मानव संसाधन प्रभाग, पहली मंजिल, पश्चिम विंग, कॉर्पोरेट अधिकारी, सेक्टर -10, द्वारका, नई दिल्ली- 110075 पते पर भेज दें।
डीसीजीआई को सौंपे गए स्टडी के आंकड़ों के बाद यह फैसला लिया गया है, जिसमें अध्ययनों से पता चला है कि टीका 12 महीने तक सही रहता है। इससे पहले वैक्सीन को केवल छह महीने तक इस्तेमाल करने की अनुमति थी।
भारत बायोटेक अपने अप्रयुक्त कोविड -19 टीकों, कोवैक्सिन के स्टॉक वापस मंगवा रहा है और उन्हें एक अद्यतन समाप्ति तिथि के साथ फिर से रि लेबल कर रहा है। यह भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) द्वारा वैक्सीन की एक्सपायरी डेट को नौ से बढ़ाकर 12 महीने करने की मंजूरी के बाद किया गया है। डीसीजीआई को सौंपे गए स्टडी के आंकड़ों के बाद यह फैसला लिया गया है, जिसमें अध्ययनों से पता चला है कि टीका 12 महीने तक सही रहता है। इससे पहले वैक्सीन को केवल छह महीने तक इस्तेमाल करने की अनुमति थी।
हर टीके की खुराक की एक्सपायरी डेट होती है। शेल्फ जीवन का निर्धारण विभिन्न परीक्षणों के बाद किया जाता है ताकि यह आकलन किया जा सके कि एक टीका कितने समय तक विभिन्न वातावरणों और तापमानों में स्थिर और उपयोगी रह सकता है। देशभर में एक से दो लाख से ज्यादा वैक्सीन नहीं होंगी जिन्हें रि-लेबलिंग करने की आवश्यकता पड़ेगी। भारत बायोटेक ने इस्तेमाल नहीं हुई इन वैक्सीन को कलेक्ट करने के लिए पिक अप फैसिलिटी भी उपलब्ध कराई है। सूत्रों ने बताया कि, कंपनी अस्पतालों से पूरा स्टॉक उठा रही है और उन्हें स्टोरेज कर रही है।
इस स्टॉक का उपयोग चल रहे टीकाकरण अभियान और 15-18 आयु वर्ग के बच्चों के टीकाकरण के लिए किया जाएगा, जो सोमवार से शुरू होने वाला है। इस बीच, CoWIN ऐप ने रविवार शाम तक छह लाख से अधिक पंजीकरण दर्ज किए हैं क्योंकि भारत 3 जनवरी से 15 से 18 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण करने के लिए तैयार है। इस आयु वर्ग के लिए वैक्सीन विकल्प स्वदेश में विकसित भारत बायोटेक का कोवैक्सिन होगा।