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खास खबर (1097)

लक्ष्मी ने महामारी के दौरान चीन के लिए अपनी उड़ान भरी, वह शंघाई के लिए पहुंची और अपने अनुभव को शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि, वह उड़ान कभी न भूलने वाला था। लक्ष्मी ने कहा कि, चीन कोविड का सबसे गर्म स्थान होने के कारण, हर कोई व्यथित था,उन्होंने कहा,हमारा उद्देश्य वहां फंसे सभी भारतीयों को वापस लाना था।

 

जब 8 साल में पहली बार हवाई जहाज में बैठी तो लक्ष्मी जोशी ने मन में ही ठान लिटा था कि वह बड़ी होकर पायलट बनेगी। अपने सपने को पूरा करने के लिए लक्षमी ने कड़ी मेहनत की और आज उसका नाम उन पायलटों में शामिल है जिन्होंने वंदे भारत मिशन के लिए काम किया और मई 2020 में जब कोरोना वायरस से यात्रा प्रतिबंध लगाए गए तब विदेशों में फंसे भारतीयों को स्वेदश लाने का जिम्मा इन्हीं पायलटों के हाथों में था। भारतीयों को विदेशों से निकालने की मुहिम शुरू हुई और कई बड़ी संख्या में लोगों को भारत सुरक्षित पहुंचाया गया। हाल ही में अपने अनुभव को लक्ष्मी जोशी ने  ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे (Humans of Bombay) से शेयर किया और बताया कि, अपने बचपन के सपने को पूरा करने के लिए कितनी कड़ी मेहनत की और कैसे पायलट बनकर विदेशों में फंसे भारतीयों को सुरक्षित केवल एक ही महीने में तीन उड़ान भर डाली।

जोशी ने बताया कि, उनके पिता ने कर्ज लेकर उन्हें पढ़ाया ताकि वह अपने सपनों को पूरा कर पायलट बन सके। उनके पिता ने कहा था कि,  "इसके लिए जाओ, बेटा. आकाश की सीमा है!" दो साल तक लक्ष्मी ने दिल और आत्मा के साथ पायलट के लिए प्रशिक्षण लिया और उन्हें पायलट का लाइसेंस मिला। लक्ष्मी ने कहा कि, "मेरे सपनों को पंख मिल गए थे, मैं उत्साहित थी! इसके तुरंत बाद, मुझे एयर इंडिया, राष्ट्रीय वाहक के साथ नौकरी मिल गई." 

जोशी ने ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे को बताया, अपने सपने को पूरा करने में उनके पिता का बहुत बड़ा हाथ रहा, जब लक्ष्मी के रिश्तेदार उनके पिता से पूछते कि, लक्ष्मी कैसे और कब सेटल होगी तो जवाब में उनके पिता कहते,'मेरी बेटी उड़ने के लिए बनी है'। अपनी नौकरी से प्यार करने वाली लक्ष्मी जोशी रूकना नहीं चाहती थी वह बहुत कुछ हासिल करना चाहती थी इसलिए जब महामारी फैली और वंदे भारत मिशन आया तो लक्ष्मी ने पूरी मेहनत से विदेशों में फंसे भारतीयों को बचाने के लिए विदेश जाने के लिए उड़ान भरी।

चीन के लिए भरी थी उड़ान

लक्ष्मी ने महामारी के दौरान चीन के लिए अपनी उड़ान भरी, वह शंघाई के लिए पहुंची और अपने अनुभव को शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि, वह उड़ान कभी न भूलने वाला था। लक्ष्मी ने कहा कि, चीन कोविड का सबसे गर्म स्थान होने के कारण, हर कोई व्यथित था," उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य वहां फंसे सभी भारतीयों को वापस लाना था। हम सभी ने उड़ान के दौरान खतरनाक सूट पहने थे, मैंने भी एक पहनकर उड़ान भरी। जब भारत टीम पहुंची तो सभी यात्रियों ने चालक दल को स्टैंडिंग ओवेशन दिया। 

एक महीने में भरी तीन उड़ान

लक्ष्मी ने महामारी के दौरान एक महीने में तीन उड़ान भरीं। लक्ष्मी ने बताया कि, सूट पहनने में कठिनाई होती थी लेकिन भारतीयों को बचाना भी जरूरी था। एक समय लक्ष्मी को यात्रियों के बजाय, सैकड़ों कार्टन बॉक्स के साथ यात्रा की थी। लक्ष्मी ने कहा कि, महामारी की तीसरा साल चल रहा है और वंदे भारत मिशन सक्रिय है और फंसे भारतीयों को स्वदेश पहुंचाने के लिए वह दोबारा नेवार्क के लिए रवाना होंगी। पायलट ने कहा, "पापा कहते हैं कि उन्हें मुझ पर गर्व है। उन्होंने हाल ही में मुझसे कहा था, 'मैं तुम्हें आकाश की सीमा बताता था। लेकिन तुमने उसे भी बढ़ाया है! उड़ते रहो!' और मैं यही करने जा रही हूं... उड़ते रहो!"

नीतीश सरकार शराबबंदी कानून में संशोधन कर सकती है। जदयू के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक राज्य सरकार इस मुद्दे की समीक्षा के लिए तैयार है और बिहार विधानसभा के आगामी बजट सत्र में एक प्रस्ताव पेश किए जाने की संभावना है।

 

नालंदा में 11 लोगों की मौत के बाद बिहार में एक बार फिर शराबबंदी पर सियासी घमासान तेज हो गया है। लेकिन इस बार घमासान पक्ष और विपक्ष के बीच नहीं बल्कि सरकार के सहयोगियों के बीच है। इस बीच न्यायालय में मद्य निषेध से जुड़े लंबित मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए नीतीश सरकार  शराबबंदी कानून में संशोधन कर सकती है। जदयू के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक राज्य सरकार इस मुद्दे की समीक्षा के लिए तैयार है और बिहार विधानसभा के आगामी बजट सत्र में एक प्रस्ताव पेश किए जाने की संभावना है। प्रस्ताव के अनुसार शराब के नशे में पकड़े जाने वालों को मौके पर ही जुर्माना भरकर छोड़ा जा सकता है। हालांकि, यह दोहराने वाले अपराधियों पर लागू नहीं होता है। शराबबंदी कानून के मानदंडों का बार-बार उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को जेल की सजा का सामना करना पड़ सकता है।

सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि शराब की तस्करी में इस्तेमाल होने वाले वाहन को जुर्माना भरने के बाद छोड़ा जा सकता है। पिछले चार महीनों में विभिन्न जिलों में जहरीली शराब की त्रासदियों की एक श्रृंखला के बाद मुख्यमंत्री भारी राजनीतिक दबाव में हैं, जिसमें 80 से अधिक लोगों की जान चली गई है और कई अन्य लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है। हालांकि शराब बनाने और बेचने वालों पर पहले की तरह ही सख्त कार्रवाई होगी। इस संशोधन प्रस्ताव पर विभागीय मंत्री और अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। 

शराब की त्रासदी मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, बेतिया, समस्तीपुर, वैशाली, नवादा और अब सीएम के जिला नालंदा में हुई। यह मुद्दा नीतीश कुमार सरकार को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है, खासकर ऐसे वक्त में जब उनके  गठबंधन सहयोगी भाजपा और हम बेहद मुखर नजर आ रहे हैं। हाल ही में पटना उच्च न्यायालय ने भी उनकी सरकार की आलोचना की थी। अदालत ने कहा कि बड़ी संख्या में शराब से जुड़े मामले लंबित हैं, जिससे न्यायिक व्यवस्था पर भारी बोझ पड़ा है। इसी को ध्यान में रखते हुए नीतीश कुमार सरकार को चाहिए कि सभी 38 जिलों में शराब से जुड़े मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए और अदालतें स्थापित करें। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार शराबबंदी कानून की समीक्षा कर सकते हैं। बिहार में अप्रैल 2016 में शराबबंदी लागू कर दी गई थी। बता दें कि बिहार में अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है. इसके तहत शराब बेचने और खरीदने पर प्रतिबंध है, इसका उल्लंघन करने पर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। मिली जानकारी के मुताबिक बिहार में अभी 30 से 40 प्रतिशत केस शराब पीने वालों के खिलाफ दर्ज है।

90 के दौर में उत्तर प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल लगातार चल रही थी। ऐसे में मायावती को भाजपा के सहयोग से पहली बार 1995 में मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला। इस दौरान मायावती की छवि एक मजबूत नेता के तौर पर उभर कर सामने आईं। प्रशासन के साथ-साथ गठबंधन को लेकर भी मायावती सख्त रही।

 

उत्तर प्रदेश में चुनावी बिगुल बज चुका है। सभी पार्टियां दमखम लगा रही हैं। इन सब के बीच एक ऐसे भी पार्टी है जिसे अपने साइलेंट वोटर पर सबसे ज्यादा भरोसा है। वह पार्टी बहुजन समाज पार्टी है। बहुजन समाज पार्टी की राजनीति मायावती के इर्द-गिर्द ही रहती है। आज मायावती का जन्मदिन है। मायावती का जन्म 15 जनवरी 1956 को दिल्ली के सरकारी अस्पताल में हुआ था। वैसे तो मायावती का पूरा नाम मायावती नैना कुमारी है लेकिन लोगों में वह मायावती के ही नाम से मशहूर हैं। पिता सरकारी कर्मचारी थे। मायावती ने दिल्ली के कालिंदी विमेंस कॉलेज बीए की डिग्री हासिल की है। इसके बाद उन्होंने वीएमएलजी कॉलेज, गाजियाबाद से B.Ed की डिग्री भी अर्जित की। दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री इन्होंने 1983 में पूरी की। 

मायावती और उनके परिवार की इच्छा आईएएस अधिकारी बनने की थी। लेकिन धीरे-धीरे उनका झुकाव राजनीति में होने लगा। मायावती दलित एवं आर्थिक दृष्टि से पिछड़े परिवार से संबंध रखती थीं। यही कारण था कि उन्होंने अपनी राजनीति भी दलित और पिछड़े वर्ग को ही आधार बनाकर शुरू की। कुछ वर्षों तक उन्होंने दिल्ली के जेजे कॉलोनी के एक स्कूल में शिक्षण कार्य भी किया। मायावती के जीवन में कांशीराम का बहुत बड़ा प्रभाव रहा है। काशी राम से मुलाकात के बाद ही उन्होंने राजनीति में आने का निश्चय कर लिया था। काशीराम के ही नेतृत्व में 1984 में बसपा की स्थापना हुई थी तो मायावती उनकी कोर टीम की हिस्सा थीं।

  

इसके बाद मायावती धीरे-धीरे राजनीति की सीढ़ियां चढ़ती गईं। मायावती पहली बार बिजनौर से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बनीं। इसके बाद राजनीति में उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। धीरे-धीरे पार्टी में उनकी पकड़ मजबूत होती चली गई। काशीराम भी धीरे-धीरे अपनी विरासत मायावती को सौंपते चले गए। 90 के दौर में उत्तर प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल लगातार चल रही थी। ऐसे में मायावती को भाजपा के सहयोग से पहली बार 1995 में मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला। इस दौरान मायावती की छवि एक मजबूत नेता के तौर पर उभर कर सामने आईं। प्रशासन के साथ-साथ गठबंधन को लेकर भी मायावती सख्त रही। दूसरी दफा उन्होंने 21 मार्च 1997 से लेकर 20 सितंबर 1997 तक उत्तर प्रदेश की कमान संभाली। इस बार भी वह भाजपा के सहयोग से ही मुख्यमंत्री बनीं। 

 

1995 में ही 2 जून को गेस्ट हाउस कांड हुआ था। इस गेस्ट हाउस कांड ने मुलायम सिंह यादव और मायावती को कट्टर दुश्मन बना दिया। दोनों एक दूसरे को देखना नहीं चाहते थे। मायावती तीसरी बार राज्य की मुख्यमंत्री 2002 में बनीं, वह भी भाजपा के सहयोग से। हालांकि इस बार भी दोनों दलों का गठबंधन पहले की तरह मजबूत साबित नहीं हुआ और सरकार जल्द ही गिर गई। लेकिन मायावती की छवि राज्य में बढ़ती चली जा रही थी। कानून व्यवस्था के मामले में सपा सरकार की तुलना में मायावती की खूब सराहना हो रही थी और आखिरकार वह दिन भी आ गया जब बहुजन समाज पार्टी अपने दम पर चुनाव जीतकर उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने की स्थिति में आ पहुंची।

 

मायावती चौथी बार 2007 में मुख्यमंत्री बनीं और 2012 तक बनी रही। अपनी सरकार को मजबूती के साथ चलाने के अलावा वह जातीय समीकरण को भी साधने में कामयाब हुईं। कानून व्यवस्था के मामले में उनकी सरकार काफी लोकप्रिय भी रही। मायावती राज्यसभा की भी सदस्य रही हैं। मायावती ने भारत के इतिहास में पहली दलित महिला मुख्यमंत्री बनकर इतिहास रच दिया था। 15 दिसंबर 2001 को लखनऊ के एक रैली को संबोधित करते हुए कांशीराम ने मायावती को अपना उत्तराधिकारी बता दिया था। मायावती 18 सितंबर 2003 को बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनी गईं। वह 27 अगस्त 2006 को भी दूसरे कार्यकाल के लिए अध्यक्ष चुनी गईं। तीसरी और चौथी बार में भी वह निर्विरोध पार्टी की अध्यक्ष चुनी गईं।

चुकंदर का कोरमा हो सके सुनकर आपको इतना अच्छा न लगे लेकिन बनने के बाद ये दिखने में जितना शानदार लगता है उतना ही स्वादिष्ट भी होता है। तो आइए जानते हैं इसकी क्विक रेसिपी।

सामग्री : चुकंदर- 1, नारियल- 4 टीस्पून (कद्दूकस किया), हरी मिर्च- 3, गरम मसाला पाउडर- 1 टीस्पून, लाल मिर्च पाउडर- 1 टीस्पून, चना दाल- 1 टेबलस्पून (रोस्टेड), अदरक-लहसुन पेस्ट- 1 टीस्पून, दालचीनी- 1, बड़ी इलायची- 1, हरा धनिया- 1 टेबलस्पून (बारीक कटा), प्याज- 4 टीस्पून (टुकड़ों में कटा), टमाटर- 4 टीस्पून (टुकड़ों में कटा), ऑयल- फ्राई करने के लिए, लौंग- 1, नमक- स्वादानुसार

विधि : चुकंदर को छीलकर उसके छोटे-छोटे चौकोर पीस काट लें। कुकर में चुकंदर और नमक डालकर तीन सीटी आने तक पका लें। इसके बाद नारियल, चना दाल और हरी मिर्च को एक साथ मिलाकर पेस्ट बना लें। फिर एक पैन में एक टीस्पून तेल डालकर उसमें लौंग, इलायची और दालचीनी डालकर फ्राई कर लें। साथ ही प्याज डालकर भून लें। इसके बाद इसमें टमाटर, अदरक-लहसुन का पेस्ट, नमक, लाल मिर्च पाउडर और गर्म मसाला पाउडर डालकर दो से तीन मिनट तक भूनें। फिर इसमें उबली हुई चुकंदर और नारियल डालकर तीन से चार मिनट तक पका लें। फिर इसे सर्विंग बाउल में निकालें और हरे धनिए से गार्निश। करके गर्म रोटी के साथ सर्व करें

 

भारत ने पिछले 24 घंटों में गुरुवार को 2,47,417 नए मामले दर्ज किए। 24 घंटों में 50,000 से अधिक मामलों की इस वृद्धि के साथ, भारत ने लगभग आठ महीनों बाद एक बार फिर 2 लाख मामलों का आंकड़ा पार हुआ है।

 

भारत ने पिछले 24 घंटों में गुरुवार को 2,47,417 नए मामले दर्ज किए। 24 घंटों में 50,000 से अधिक मामलों की इस वृद्धि के साथ, भारत ने लगभग आठ महीनों बाद एक बार फिर 2 लाख मामलों का आंकड़ा पार हुआ है। संक्रमण में भारी उछाल ने भारत के सक्रिय केसलोएड को 11,17,531 तक ले लिया है, जिसमें दैनिक सकारात्मकता दर 13.11% है।  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटों में भारत में 380कोरोना रोगियों की जान चली गई, मरने वालों की संख्या 4,85,035 हो गई। इसके अलावा ऑमिक्रोन संक्रमितों की संख्या भी 5488 हो गयी है।

उत्तर प्रदेश के माघ मेले में मिले 38 मरीज

भारत में कोविड के मामले में यूपी के प्रयागराज में माघ मेले में कोविड के 38 रोगियों का निदान किया गया है। इनमें 36 पुलिसकर्मी हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में कोविड संक्रमणों की वृद्धि जनवरी के अंत तक चरम पर होने की संभावना है। भारत ने 2 लाख से ज्यादा नए दैनिक मामले दर्ज किए, 24 घंटों में 15.9% की वृद्धि हुई। राजस्थान में बुधवार को करीब 10,000 नए मामलों के साथ भारी उछाल का पता चला। इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोविड -19 को फ्लू जैसी स्थानिक बीमारी के रूप में मानने के खिलाफ चेतावनी दी है, न कि एक महामारी के रूप में, यह कहते हुए कि ओमाइक्रोन संस्करण का प्रसार अभी तक स्थिर नहीं हुआ है।

 

महाराष्ट्र में बढ़ें कोरोना वायरस केस 

महाराष्ट्र में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 46,723 नए मामले सामने आए, जो एक दिन पहले के मामलों से 12,299 अधिक हैं। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि महामारी से 32 और मरीजों की मौत भी हुई है।बुलेटिन में कहा गया कि संक्रमण के नए मामलों में ओमीक्रोन के 86 मामले हैं। राज्य में अभी कोविड-19 के 2,40,122 मरीज उपचाराधीन हैं। महाराष्ट्र में अब तक ओमीक्रोन संक्रमण के 1,367 मामले सामने आ चुके हैं।

 

खेल पर हुआ कोरोना का असर 

इंडिया ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट गुरुवार को कोविड -19 महामारी द्वारा हिलाकर रख दिया गया था, जिसमें सात भारतीय शटलर शामिल थे, जिसमें विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता किदांबी श्रीकांत भी शामिल थे, जो संक्रमण के लिए सकारात्मक परीक्षण के बाद इस आयोजन से हट गए थे।

 

 भारत ने पिछले 24 घंटों में 2,47,417 नए COVID मामले (कल की तुलना में 27%) और 84,825 ठीक होने की रिपोर्ट दी

सक्रिय मामला: 11,17,531

दैनिक सकारात्मकता दर: 13.11%

ओमाइक्रोन के पुष्ट मामले: 5,488

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का ट्विटर अकाउंट बुधवार सुबह किसी अज्ञात ने हैक कर लिया गया। हालांकि, मंत्रालय ने कुछ समय बाद ट्विटर अकाउंट को फिर से अपने कंट्रोल में वासृपस ले लिया लेकिन कुछ ही मिनटों में हैकर्स ने कई तरह के ट्वीट किए और खाते का नाम भी बदल दिया।

 

पिछले कुछ समय से हैकर्स के हौंसले बुलंद हो गये हैं। सरकार के कई सोशल मीडिया अकाउंट से हैकर्स ने छेड़छाड की हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का ट्विटर अकाउंट बुधवार सुबह किसी अज्ञात ने हैक कर लिया गया। हालांकि, मंत्रालय ने कुछ समय बाद ट्विटर अकाउंट को फिर से अपने कंट्रोल में वासृपस ले लिया लेकिन कुछ ही मिनटों में हैकर्स ने कई तरह के ट्वीट किए और खाते का नाम भी बदल दिया। 

बुधवार 12 जनवरी को सूचना और प्रसारण मंत्रालय के ट्विटर अकाउंट से छेड़छाड़ की गई। हैकर्स ने अकाउंट का नाम बदलकर 'एलोन मस्क' कर दिया और 'ग्रेट जॉब' ट्वीट करने लगे। हालाँकि, मंत्रालय ने कुछ समय में खाते पर नियंत्रण हासिल कर लिया, प्रोफ़ाइल को बदल दिया और हैकर्स द्वारा पोस्ट किए गए ट्वीट्स को हटा दिया। हैकर्स ने इसके कुछ दुर्भावनापूर्ण लिंक भी पोस्ट 

ठीक एक महीने पहले 12 दिसंबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निजी ट्विटर हैंडल कुछ देर के लिए हैक कर लिया गया था। हालांकि कुछ ही समय बाद खाते को बहाल कर दिया गया था, लेकिन क्रिप्टोक्यूरेंसी को बढ़ावा देने वाला एक ट्वीट पहले ही हैंडल से साझा किया जा चुका था।

 

3 जनवरी को, इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स (ICWA), इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और मान देसी महिला बैंक (एक माइक्रोफाइनेंस बैंक) के ट्विटर अकाउंट हैक कर लिए गए थे। ऐसे में भी हैकर्स ने हैंडल का नाम बदलकर 'एलोन मस्क' कर दिया था।

 

आज (12 जनवरी, 2021) की घटना में प्रोफाइल के नाम बदलने के लिए इस्तेमाल किए गए फोंट और 3 जनवरी की घटना समान प्रतीत होती है। पोस्ट की गई सामग्री 'AMAZZZING' भी एक जैसी प्रतीत हुई, हालांकि दोनों मामलों में ट्वीट किए गए लिंक अलग-अलग लग रहे थे। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने बुधवार को बाद में ट्वीट कर बताया कि खाता बहाल कर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में पंजाब के दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में कथित उल्लंघन की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति नियुक्त की है।सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सभी मौजूदा जांच पर रोक लगाने के बाद पांच सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की।

 

 सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में पंजाब के दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में कथित उल्लंघन की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति नियुक्त की है।सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सभी मौजूदा जांच पर रोक लगाने के बाद पांच सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की। जिसको लेकर कहा कि न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा ​​उस समिति की अध्यक्षता करेंगी जो पीएम मोदी की सुरक्षा में कथित चूक की जांच करेगी।

प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक मामले में इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में बनी समिति

उच्चतम न्यायालय ने प्रधानमंत्री की पंजाब यात्रा के दौरान हुई सुरक्षा में ‘चूक’ की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक मामले में उच्चतम न्यायालय ने एनआईए के आईजी, चंडीगढ़ के डीजीपी, पंजाब के अतिरिक्त डीजीपी और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के महापंजीयक को जांच समिति के सदस्यों के रूप में नियुक्त किया।

 

उच्चतम न्यायालय ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के महापंजीयक को प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था संबंधी दस्तावेज न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा ​​को सौंपने का निर्देश दिया।

गुड़ और तिल मकर संक्रांति के दौरान बनाई जाने वाली डिशेज़ की खास सामग्री है जिससे ज्यादातर लोग वही लड्डू बनाते हैं तो आप इस मौके पर कुछ अलग ट्राय करें। जिसके लिए ये रेसिपी है बेस्ट।

सामग्री :

1 कप गेंहू का आटा, 1/2 कप गुड़ (कद्दूकस किया हुआ), 1/2 कप शुद्ध घी, 8-10 बादाम (बारीक कटे हुए), 2 टीस्पून खरबूजे की गिरी, 1/4 टीस्पून इलायची पाउडर

विधि :

एक टीस्पून घी छोड़कर बाकी सारा घी किसी पैन में पिघला लें। इसमें मध्यम और धीमी गैस पर आटे को लगातार चलाते हुए भूनें। जब आटा गोल्डन ब्राउन दिखने लगे और घी उससे अलग हो जाए तो गैस बंद कर दें। गैस बंद करने के बाद भी आटे को थोड़ी देर चलाते रहें, जिससे आटा तली में न लग जाए। अब आटे में इलायची पाउडर और भूनी हुई खरबूजे की गिरी मिलाएं। इसके बाद उसमें कद्दूकस किया गुड़ डालें और उसे तब तक मिक्स करते रहें जब तक वह आटे में अच्छी तरह पिघलकर मिक्स न हो जाए। जब आटा-गुड़ मिलकर एक हो जाए, तब हलका सा घी लगाकर चिकनी की हुई प्लेट में इसे जमा दें। इसके ऊपर बारीक कटे बादाम डालें और हलका सा दबाकर चिपका दें। जमाए हुए मिश्रण पर चाकू से काटने के निशान लगाएं और ठंडा होने के लिए एक तरफ रख दें। गुड़ पापड़ी जमकर सेट हो जाए तो चाकू से काटकर टुकड़े अलग कर लें।

 

 

1 . जोड़ों के दर्द में आराम

सर्दियों में जोड़ों के दर्द की समस्या बहुत बढ़ जाती है ऐसे में दूध के साथ गुड़ का सेवन करने से इसमें काफी राहत मिलती है। तो अगर आप भी इससे बहुत ज्यादा परेशान हैं तो रोजाना रात को सोने से पहले इसे पिएं।

2 . मोटापे से दिलाता है छुटकारा

चीनी को मोटापे की सबसे बड़ी वजन माना जाता है। तो अगर आपको बिना चीनी वाला दूध पीना पसंद नहीं तो चीनी को गुड़ से रिप्लेस कर दें और फिर देखें इसका असर। स्वाद में बहुत ज्यादा बदलाव किए बिना आप आप मोटापे को कंट्रोल कर सकते हैं। गुड़ में कई ऐसे तत्व होते हैं जो फैट बर्न करने में मदद करते हैं। साथ ही मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में भी फायदेमंद हैं।

3 . गुड़ वाले दूध से बॉडी होती है डिटॉक्स

गुड़ शरीर में मौजूद गंदगी को साफ करने में फायदेमंद माना जाता है। साथ ही दूध के साथ गुड़ का सेवन करने से शरीर को कई सारे पोषक तत्व भी मिलते हैं। रोजाना गर्म दूध और गुड़ का सेवन करने से बॉडी आसानी से डिटॉक्स हो जाती है, जिससे शरीर तो स्वस्थ रहता ही है साथ ही चेहरा भी चमकता रहता है।

4 . पेट से जुड़ी समस्याएं होती हैं दूर

रात को सोने से पहले गर्म दूध के साथ गुड़ का सेवन करने से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है साथ ही पेट से जुड़ी कई तरह की समस्याएं भी दूर होती हैं। गुड़ वाला दूध बड़ों से लेकर बच्चों तक के लिए फायदेमंद होता है।

5. पीरियड्स पेन में भी दिलाता है आराम

गुड़ वाला दूध पीने से पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है। इसलिए सिर्फ पीरियड्स के दौरान ही नहीं आम दिनों में भी महिलाओं को दूध का सेवन करना चाहिए चीनी की जगह गुड़ के साथ।

श्रीनाथ ने परीक्षा की तैयारी रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करते हुए किया है। पहले केरल पब्लिक सर्विस कमीशन और फिर UPSC की परीक्षा पास करने वाले श्रीनाथ केरल के मुन्नार के नूल निवासी हैं। श्रीनाथ काफी गरीब परिवार से आते है।

 

दुनिया में ऐसे कई लोग है जिनका सपना कुछ और होता है बनने का लेकिन संसाधनों की कमी होने के कारण वह अपने सपने को तोड़ देते है और किसी और काम में जुड़ जाते है। लेकिन ऐसे कई लोग भी है जो बहुत कमियों के बावजूद आगे बढ़ने और अपने सपने को पूरा करने की ठान लेते है। ऐसे लोग अपनी जिंदगी भी देर ही सही पर सफल भी जरूर होते है। ऐसे ही एक शख्स के बारे में आज हम आपको बताने जा रहा है जिसने रेलवे स्टेशन में कुली का काम करते हुए UPSC की परीक्षा पास की है। केरल के रहने वाले श्रीनाथ ने कुली का काम करते हुए सिविल सेवा की परीक्षा को पास किया है। 

लाखों छात्र सिविल सेवा की परीक्षा देने के लिए कड़ी मेहनत करते है, कोई  कोचिंग इंस्टिट्यूट का सहारा लेता है तो कोई अपनी जॉब छोड़ कर बस UPSC के एग्जाम को निकालने में जुट जाता है। ऐसे में केरल के श्रीनाथ ने इस कठिन परीक्षा को बिना किसी कोचिंग के ही पास किया है।  

कैसे की परीक्षा की तैयारी

श्रीनाथ ने परीक्षा की तैयारी रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करते हुए किया है। पहले केरल पब्लिक सर्विस कमीशन और फिर UPSC की परीक्षा पास करने वाले श्रीनाथ केरल के मुन्नार के नूल निवासी हैं। श्रीनाथ काफी गरीब परिवार से आते है। अपना परिवार चलाने के लिए श्रीनाथ ने रेलवे स्टेशन पर कुली का काम किया। साल 2018 में श्रीनाथ ने फैसला किया की वह अपनी आर्थिक तंगी को खत्म करेंगे और अपनी बेटी का भविष्य बनाएंगे।इसके बाद उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा देने का फैसला किया लेकिन पैसों की कमी के कारण वह कोचिंग सेंटर की फीस नहीं दे पाए। श्रीनाथ ने मन में ठान लिया था कि वह बिना कोचिंग सेंटर की ममद लिए इस परीक्षा को पास करेंगे और उन्होंने KPSC की तैयारी करनी शुरू कर दी। पढ़ाई के लिए रेलवे स्टेशन पर फ्री वाईफाई की मदद से अपने स्मार्टफोन पर पढ़ाई शुरू कर दी। फ्री वाई फाई श्रीनाथ के लिए एक वरदान साबित हुआ। कुली का काम करने के साथ ही वह ऑनलाइन लेक्चर भी लेना शुरू कर देते। मेहनत और लगन से श्रीनाथ ने  KPSC में सफलता हासिल कर ली। इसके बाद उन्हें भरोसा हुआ कि वह upsc की परीक्षा भी पास कर सकते हैं।

पहले 3 प्रयास के बाद UPSC में मिली सफलता

रेलवे स्टेशन में ऑनलाइन पढ़ाई के साथ-साथ कुली का काम भी किया। हालांकि, बिना कोचिंग के यह आसान नहीं थी लेकिन 3 प्रयास के बाद श्रीनाथ ने upsc का भी एग्जाम पास कर लिया।   श्रीनाथ ने आईएएस बन कर उन लाखों छात्रों के लिए एक मिसाल कायम की है जो सोचते है कि गरीबी के कारण वह आगे नहीं बढ़ पाएंगे। सबकुछ मुमकिन है। 

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