राजनीति

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अपने संबोधन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को भी याद किया। राजनाथ ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जी की स्मृतियों से यह क्षेत्र सीधा जुड़ा रहा है। श्री कल्याण सिंह जी ने जेल जाना मंजूर किया मगर गोली नहीं चलवाई। सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान के लिए इसी महीने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

 

उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर प्रचार जोर-शोर पर है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज कासगंज पहुंचे थे। कासगंज में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रभावी मतदाता सम्मेलन को संबोधित किया। इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने कहा कि मेरे लिए कासगंज सिर्फ कासगंज नहीं है बल्कि ‘खासगंज’ है। राजनाथ सिंह ने कहा कि हम विकास भी करेंगे और अपनी विरासत को भी सम्भाल कर रखेंगे। जो अपनी विरासत को सम्भाल कर नहीं रख सकते उनकी हालत कटी पतंग जैसी हो जाती है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने पिछले 5 वर्षों में तेजी से विकास देखा है। हमारी सरकार ने वीआईपी संस्कृति को ईपीआई में बदल दिया है - 'Every Person is Important' संस्कृति।

पिछली सरकारों पर हमला करते हुए राजनाथ ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार हो या समाजवादी पार्टी की सरकार, उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। मैं गर्व से कह सकता हूं कि केंद्र की मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर इस तरह के आरोप नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह चुनाव सिर्फ नई सरकार बनाने के बारे में नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश की नियति भी लिखने के बारे में है... केंद्र और यूपी में बीजेपी सरकारों ने शानदार काम किया है। हमारी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है। यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार ग़रीबों को समर्पित कर दी थी। कोरोना काल में प्रधानमंत्री ने ग़रीबों को मुफ़्त अनाज की सुविधा प्रदान की है। इसका पूरी दुनिया में कहीं और उदाहरण नहीं है।

 

अपने संबोधन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को भी याद किया। राजनाथ ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जी की स्मृतियों से यह क्षेत्र सीधा जुड़ा रहा है। श्री कल्याण सिंह जी ने जेल जाना मंजूर किया मगर गोली नहीं चलवाई। सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान के लिए इसी महीने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि यह चुनाव साधारण चुनाव नहीं है बल्कि उत्तर प्रदेश की तक़दीर लिखने का चुनाव है। भाजपा का चरित्र है कि हम जो कहते हैं वह करते हैं। हमने हर चुनाव में घोषणा पत्र जारी किए हैं। उठा कर देखिए हमने अपने वादे पूरे किए हैं। राजनाथ ने काह कि हम कहते थे कि हम एक दिन धारा 370 समाप्त कर देंगे। हमने वह करके दिखा दिया है। नागरिकता का क़ानून हमने बनाया है। हमने राजनीति में विश्वसनीयता का संकट दूर किया है।

 

राजनाथ ने कहा कि हम ध्रुवीकरण की राजनीति नहीं करेंगे। हम राजनीति करेंगे तो इंसाफ़ और इंसानियत की राजनीति करेंगे। समाजवादी पार्टी सीमाएँ लांघ रही है। सपा बसपा समाज को बाँट कर वोट हासिल करना चाहती हैं। हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहाँ क़ानून व्यवस्था को सुधारने का में बड़ा योगदान किया है। आज विकास 84 में से 83 आसन लगा रहा है मगर एक आसन शीर्षासन विपक्ष के लिए छोड़ दिया है। हमने ज़ेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास किया है। इससे बड़ी संख्या में रोज़गार के अवसर पैदा होंगे। आज हम उत्तर प्रदेश में ब्रह्मोस मिसाइल बनाने जा रहे हैं। अखिलेश पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश की ताक़त को बढ़ाना है तो लाल पोटली से काम नहीं चलेगा। जनता का भरोसा जीतने के लिए त्याग करना पड़ता है, पोटली से काम नहीं चलेगा। मैं सपा से पूछना चाहता हूँ कि दंगे आपके राज में क्यों हुए, गुंडागर्दी क्यों बढ़ जाती है?

अपर्णा ने यह भी कहा कि मैं किस सीट पर चुनाव लड़ूगी, यह तय करना भाजपा का काम है। अगर पार्टी मुझे करहल सीट से चुनाव लड़ने को कहती है तो मैं इसके लिए भी तैयार हूं।

 

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान तेज होता दिखाई दे रहा है। इन सब के बीच मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू और हाल में ही भाजपा का दामन थामने वाली अपर्णा यादव ने अखिलेश यादव को चुनौती देने की तैयारी कर ली है। पहली बार मैनपुरी की करहल सीट से चुनाव लड़ने जा रहे अखिलेश यादव को अपर्णा यादव चुनौती दे सकती हैं। माना जा रहा है कि भाजपा अखिलेश यादव को करहल सीट पर कड़ी चुनौती देने का मन बना चुकी है और हाल में ही शामिल हुए मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को मैदान में उतार सकती है। आपको बता दें कि फिलहाल करहल सीट से भाजपा ने किसी प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया है।

कांग्रेस की ओर से करहल से ज्ञानवती यादव को उम्मीदवार बनाया गया है जबकि बीएसपी ने कुलदीप नारायण को टिकट दिया है। सियासी गलियारों में चल रही चर्चा के मुताबिक करहल से मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को अखिलेश के खिलाफ भाजपा टिकट दे सकती है। अपर्णा यादव भी कलहर सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुकी हैं। एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में उन्होंने इस बात के संकेत भी दे दिए हैं। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि पार्टी जहां से टिकट देगी वहां से चुनाव लड़ लूंगी। लेकिन फिलहाल में लखनऊ कैंट सीट पर जनता की सेवा में लगी हूं

 

अपर्णा ने यह भी कहा कि मैं किस सीट पर चुनाव लड़ूगी, यह तय करना भाजपा का काम है। अगर पार्टी मुझे करहल सीट से चुनाव लड़ने को कहती है तो मैं इसके लिए भी तैयार हूं। इसी दौरान अपर्णा यादव से भाजपा में शामिल होने को लेकर भी सवाल किया गया उन्होंने कहा कि मेरे भाजपा में शामिल होने से मुलायम सिंह यादव नाराज नहीं हैं और उन्होंने मुझे आशीर्वाद भी दिया है। इसके अलावा उन्होंने शिवपाल यादव का भी जिक्र किया और कहा कि उन्होंने हमेशा मुझे आगे बढ़ाने का काम किया है। लेकिन आज वह मुझे ही नसीहत दे रहे हैं। अगर खुद यह बातें मानते तो अपनी अलग पार्टी नहीं बनाते।

नई दिल्ली । समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा घबराई हुई है और जो पहलवान हार जाता है वह कभी काटता है, कभी नोचता है। ये लोग हार चुके हैं, किसान और नौजवान इनको हराएंगे। अखिलेश ने दावा किया हर वर्ग के लोगों ने मान लिया है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। यहां कोई सरप्राइज नहीं मिलने वाला, असली सरप्राइज गुजरात से मिलेगा। गाजियाबाद में राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनाव में हराने का अन्‍न संकल्प लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी की जनता ने अपना फैसला सुना दिया है। यहां कोई सरप्राइज नहीं मिलने वाला, यहां की जनता ने खासकर किसान, नौजवान व्यापारी, हर वर्ग के लोगों ने मान लिया है कि समाजवादी गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। उन्होंने कहा कि कि अगर असली सरप्राइज कहीं से मिलेगा तो वह गुजरात से मिलेगा क्योंकि यूपी के बाद वहां चुनाव होने वाले हैं। अखिलेश ने कहा कि जनता राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी के हत्यारों का सम्मान करने वालों को सबक सिखाएगी। यूपी का चुनाव परिणाम खुशहाली का परिणाम लेकर आएगा। अखिलेश यादव ने तीन कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए सवाल उठाया कि आखिरकार भाजपा ने किसानों को अपमानित क्‍यों किया? अखिलेश ने कहा कि किसान कैसे भूल सकता है कि भाजपा ने अन्नदाता का अपमान किया। उन्होंने सपा और रालोद गठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान की अपील करते हुए कहा कि आज मुझे इस बात की खुशी है कि मेरे साथ जयंत चौधरी जी हैं और हम दोनों मिलकर किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि मतदाता यह बात जानते हैं कि चौधरी चरण सिंह जी ने किसानों की खुशहाली की लड़ाई लड़ी। उन्होंने सभी किसानों को एक साथ लाकर आंदोलन किए। जयंत चौधरी जी और यहां पर जितने लोग किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं उन्हें चौधरी चरण सिंह जी की विरासत को बचाने और उसे आगे ले जाने का मौका मिला है।

मुजफ्फरनगर । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लगातार उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रचार कर रहे हैं। मुजफ्फरनगर में प्रभावी मतदाता संवाद के दौरान वह समजावादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पर जमकर बरसे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ''कल अखिलेश यादव और जयंत चौधरी की प्रेस कांफ्रेंस देखी। अखिलेश ने बहुत अच्छे से बात की कि हम साथ-साथ हैं। लेकिन आप साथ-साथ सिर्फ मतगणना तक हो। अगर सरकार बन गई तो जयंत भाई निकल जाएंगे और आजम खान बैठ जाएंगे। टिकटों के बंटवारे से ही समझ में आ गया है कि आगे क्या होने वाला है। अमित शाह ने आगे कहा अखिलेश बाबू को लाज भी नहीं आती। कल यहां कहकर गए कि कानून-व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है। अखिलेश बाबू आज मैं सार्वजनिक कार्यक्रम में आंकड़े देने आया हूं। हिम्मत हो तो आपके समय के आंकड़े लेकर कल प्रेसवार्ता करिए। उन्होंने आगे कहा, ''आपके शासन की अपेक्षा भाजपा सरकार के पांच साल में डकैती में 70%, लूट में 69%, हत्या में 30%, अपहरण में 35% और बलात्कार में 30% से ज़्यादा की कमी हुई है। अमित शाह ने कहा, ''पहले सपा-बसपा ने यहां शासन किया। बहनजी की पार्टी आती थी तो वो एक जाति की बात करती थी। कांग्रेस पार्टी आती थी तो वो परिवार की बात करती थी। अखिलेश बाबू आते थे तो वो गुंडा, माफिया और तुष्टिकरण की बात करते थे। उन्होंने आगे कहा, ''यही मुजफ्फरनगर है जिसने उत्तर प्रदेश में बीजेपी की प्रचंड जीत की नींव रखने की शुरुआत की थी और विपक्ष को धूल चटाई थी। मैं मुजफ्फरनगर से सहारनपुर तक के लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या आप सब दंगों को भूल गए हैं क्या, अगर नहीं तो वोट देने में गलती मत करना, नहीं तो मुजफ्फरनगर फिर से जल उठेगा। पिछली सरकारों में गुंडे, माफियाओं ने प्रदेश को अपने कब्जे में ले रखा था, हर तरफ लोग असुरक्षित थे लेकिन जब से भाजपा की सरकार बनी प्रदेश के सारे गुंडे, माफिया बाउंड्री पार चले गए हैं।

 

गाजियाबाद । आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बस कुछ ही दिन शेष बचे हैं। ऐसे सभी सियासी पार्टियों के सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। इस दौरान वह एक दूसरे पर हमला कर रही हैं। इसी क्रम में शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर बिना नाम लिए निशाना साधा है। सीएम योगी ने अपने आधिकारिक ट्विटर पर लिखा, 'उत्तर प्रदेश की पूर्व सरकार ने गाजियाबाद में 'हज हाउस' बनवाया था। भाजपा सरकार ने यहां 94 करोड़ रुपए की लागत से अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त कैलाश मानसरोवर भवन का निर्माण कराया है। आस्था को सम्मान देता यह भवन श्रद्धालुओं के लिए बड़ी सौगात है। फर्क साफ है योगी ने एक अन्य ट्वीट किया, 'आपके जनपद गाजियाबाद के मुरादनगर क्षेत्र के ग्राम सुराना में प्राचीन शिव मंदिर का 50 लाख रुपए की लागत से सौंदर्यीकरण, गंग नहर सोंधा पुल से रेवड़ा रेवड़ी ग्राम तक 22 करोड़ रुपए की लागत से सड़क तथा हिंडन नदी पर पुल का निर्माण भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही हुआ है। योगी ने दिसंबर 2020 में गाजियाबाद के इंदिरापुरम में बने कैलाश मानसरोवर भवन का लोकार्पण किया था। कैलाश मानसरोवर यात्रा और चारधाम यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए यहां उच्‍च स्‍तरीय सुविधाओं का प्रबंध है और करीब 300 लोगों के एक साथ ठहरने की व्यवस्था है। योगी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद अगस्त 2017 में मानसरोवर भवन के निर्माण की घोषणा की थी। समाजवादी पार्टी की पूर्ववती सरकार में मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव ने 2016 में गाजियाबाद में हज हाउस का निर्माण कराया था।

 

गाजियाबाद । गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के मतदाताओं को आगाह किया है कि विधान सभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार बनने का मतलब अपराधियों का सत्ता में आना होगा। शाह ने शनिवार को भाजपा उम्मीदवारों के लिये चुनाव प्रचार के दौरान प्रभावी मतदाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि जब वह उत्तर प्रदेश में पार्टी के प्रभारी बने, उस समय तत्कालीन राज्य सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगे के पीड़ितों को ही आरोपी बना दिया। उन्होंने कहा कि वह इस दर्द को कभी नहीं भूल नहीं सकते। उन्होंने कहा, पिछली सरकारों में गुंडे, माफियाओं ने प्रदेश को अपने कब्जे में ले रखा था, हर तरफ लोग असुरक्षित थे लेकिन जब से भाजपा की सरकार बनी प्रदेश के सारे गुंडे, माफिया बाउंड्री पार चले गए हैं। शाह ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार के दौरान हुये दंगों और पूरे प्रदेश में फैली अराजकता का हवाला देते हुये मतदाताओं को आगाह किया कि सपा की सरकार बनने का साफ मतलब अपराधियों की सरकार बनना है। उन्होंने कहा कि योगी आदत्यिनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश में डकैती में 70 फीसदी, लूट में 69 फीसदी, हत्या में 30 फीसदी और अपहरण की घटनाओं में 35 फीसदी की कमी सुनश्चिति की है। गृह मंत्री ने कहा कि इसके अलावा भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश के शहरों में 24 घंटे और गांवों में 22 घंटे बिजली आपूर्ति को भी सुनश्चिति किया है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर ने 2014, 2017 और 2019 में भाजपा की उत्तर प्रदेश में भारी जीत की नींव रखी। शाह ने भरोसा जताया कि इस बार भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ही भाजपा की जीत का अध्याय लिखा जायेगा। उन्होंने कहा, यही मुजफ्फरनगर है जिसने उत्तर प्रदेश में भाजपा की प्रचंड जीत की नींव रखने की शुरुआत की थी और विपक्ष को धूल चटाई थी। पिछली सरकारों पर तंज कसते हुये शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार थी तो एक जाति की बात होती थी, कांग्रेस परिवार की बात करती थी और सपा गुंडों माफियाओं की बात करते थे। अब प्रदेश में सबका साथ और सबका विकास है, हर कोई सुरक्षित है।

गाजियाबाद । उत्तर प्रदेश में पहले चरण के विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आते ही राजनीतिक दलों ने प्रचार अभियान तेज कर दिया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव शनिवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और हापुड़ में जनसंवाद करेंगे। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी आज बागपत और गाजियाबाद में भाजपा उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे। सपा कार्यालय की ओर से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, अखिलेश गाजियाबाद में दोपहर 12:30 बजे वेदांता फार्म, में प्रेस वार्ता के माध्यम से मतदाताओं तक अपना संदेश पहुंचाएंगे। इसके बाद वह हापुड़ के गढ़ मुक्तेश्वर में दोपहर बाद 03:30 बजे प्रेस वार्ता करेंगे। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को भी अखिलेश ने राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ मुजफ्फरनगर और मेरठ में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से मतदाताओं तक अपना संदेश पहुंचाया था। कोरोना प्रोटोकॉल के कारण चुनाव आयोग ने चुनाव प्रचार को वर्चुअल माध्यमों तक सीमित कर दिया है। इस कारण चुनावी जनसभाओं का आयोजन नहीं होने की वजह से राजनीतिक दल सीमित दायरे में रहकर जनसंपर्क कर रहे हैं। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में इस बार सात चरणों में विधानसभा चुनाव होगा और 10 मार्च को मतगणना होगी। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 403 सीटें हैं। वर्ष 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा को शानदार सफलता मिली थी। उत्तर प्रदेश में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 14 मई 2022 को समाप्त हो जाएगा। गाजियाबाद की सभी 5 सीटों पर पहले चरण में 10 फरवरी को मतदान होगा।

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उनकी सरकार ने मजहब के आधार पर कभी भेदभाव नहीं किया और जो फायदे हिंदुओं को मिल रहे हैं वही मुसलमानों को भी दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था में सुधार का फायदा दोनों समुदायों को हुआ है। हिंदुओं की बेटियां सुरक्षित हुई हैं तो मुस्लिम बेटियां भी सुरक्षित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी की आबादी में मुसलमानों की हिस्सेदारी 19 फीसदी है, लेकिन कई योजनाओं में 35 फीसदी लाभ ले रहे हैं। उन्होंने इस बात का भी जवाब दिया है कि क्यों बीजेपी ने चुनाव में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है।
मुस्लिम वर्ग में योगी सरकार को लेकर असुरक्षा की भावना क्यों है? इसके जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा, 'उनकी उदंडता और अराजकता को रोका गया है। अन्यथा जितने भी सभ्य और संभ्रात मुस्लिम समाज से जुड़े लोग हैं, वे सरकार के काम से खुश हैं। अगर सुरक्षा हिंदू बेटी को मिली है तो मुस्लिम बेटी को भी मिली है। हिंदू महिला को सुरक्षा मिली है तो मुस्लिम महिला को भी सुरक्षा मिली है। हिंदू व्यापारी खुश है तो मुस्लिम व्यापारी को भी सुरक्षा दी गई है। हर एक को सुरक्षा की गारंटी दी गई है। सुरक्षा के मुद्दे पर और शासन की योजनाओं में कोई भेदभाव नहीं किया गया है।'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यदि हिंदू पर्व और त्योहार शांति से मनाए जा रहे हैं तो मुस्लिम पर्व-त्योहार भी शांति से मनाए जा रहे हैं। अगर यहां कर्फ्यू नहीं तो वहां भी कर्फ्यू नहीं। लेकिन यहां की सुरक्षा खतरे में पड़ेगी तो वहां की सुरक्षा भी खतरे में पड़ेगी। यही तो होता था कि पर्व और त्योहार आने से पहले कर्फ्यू लग जाता था। अब तो नहीं हो रहा है ना। हर पर्व त्योहार शांति से मनाया जा रहा है। हर बहन-बेटी, क्या जाति क्या धर्म, सभी सुरक्षित हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जब यह सवाल किया गया कि बीजेपी ने किसी मुस्लिम उम्मीदवार को क्यों नहीं चुनाव में उतारा तो उन्होंने कहा, 'समाजवादी पार्टी ठेका ले ले, हर सीट पर टिकट दे दे, कौन रोक रहा है उनको। चुनाव की केमेस्ट्री विश्वास पर आधारित होता है, लोगों के आवेदन पर आधारित होता है, जीत और हार के समीकरण पर निर्धारित होता है। यह मेरे कहने या मेरे देने से नहीं होता है।'
योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'हमने 45 लाख आवास दिए, 35 फीसदी मुस्लिम आबादी को आवास मिले। हमने 2 करोड़ 61 लाख शौचालय बनाए, 35 फीसदी लाभ मुस्लिम समुदाय को मिला है। हम 15 करोड़ लोगों को राशन दे रहे हैं, इनमें 5 करोड़ मुस्लिम हैं। इसमें कहीं भेदभाव हुआ है क्या? हमने 9 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपए की सालाना स्वास्थ्य बीमा का आयुष्मान योजना का कवर दिया है, इनमें 3 करोड़ मुस्लिम हैं। आबादी उनकी 19 फीसदी, लाभ 35 फीसदी, फिर भी कहेंगे कि अन्याय हमारे साथ हो रहा है। इससे बड़ा झूठ क्या होगा। मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति बीजेपी सरकार ने दिलाई है।'

विश्वासघात दिवस से संयुक्त किसान मोर्चा चुनावी मौसम में एक बार फिर से कृषि कानूनों को लेकर किसानों के संघर्ष को जिंदा रखना चाहता है। विरोध प्रदर्शन के साथ ही 31 जनवरी को केंद्र सरकार को एक ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। 31 जनवरी को होने वाले कार्यक्रमों को लेकर समीक्षा बैठक भी की गई है।

 

भले ही कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया है। लेकिन भाजपा के लिए मुश्किलें अभी भी कम नहीं हो रही है। पंजाब और उत्तर प्रदेश के चुनाव में किसानों की नाराजगी भी भाजपा को झेलनी पड़ रही है। इन सब के बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बार फिर से भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए 31 जनवरी को देशभर में विश्वासघात दिवस मनाने का ऐलान किया है। जानकारी के मुताबिक जिला और ब्लॉक स्तर पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन भी किया जाएगा। माना जा रहा है कि इस विरोध प्रदर्शन में किसान मोर्चे से जुड़े सभी किसान संघ शामिल होंगे। विश्वासघात दिवस को कम से कम 500 जिलों में आयोजित करने का भी प्लान रखा गया है।

विश्वासघात दिवस से संयुक्त किसान मोर्चा चुनावी मौसम में एक बार फिर से कृषि कानूनों को लेकर किसानों के संघर्ष को जिंदा रखना चाहता है। विरोध प्रदर्शन के साथ ही 31 जनवरी को केंद्र सरकार को एक ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। 31 जनवरी को होने वाले कार्यक्रमों को लेकर समीक्षा बैठक भी की गई है। किसानों का दावा है कि सरकार ने उनके साथ धोखा किया है। आपको बता दें कि कृषि कारणों को लेकर किसान संगठनों ने दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर 1 साल तक के विरोध प्रदर्शन किया था। सरकार ने किसानों की मांग पर सहमति जताई थी जिसके बाद यहां आंदोलन स्थगित हुआ था।

 

बताया जा रहा है कि अगर सरकार संयुक्त किसान मोर्चा की मांगों को पूरा करने में सफल नहीं होती है तो आंदोलन को फिर से शुरू किया जा सकता है। किसान संगठन लगातार एमएसपी को लेकर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही किसान आंदोलन में शहीद हुए लोगों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग की गई थी जिस पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है। यही कारण है कि किसान संगठन विश्वासघात दिवस के माध्यम से सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।

आज केशव मौर्य पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बिजनौर में हैं जहां वह मतदाताओं के बीच जाने वाले हैं। उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। 10 मार्च को इसके नतीजे भी आएंगे। भाजपा लगातार हिंदुत्व के साथ-साथ योगी सरकार के कामकाज को भी गिना रही है और दावा कर रही है कि एक बार फिर से वह सत्ता में वापसी कर रही है।

 

उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है। नेता एक-दूसरे पर जमकर प्रहार कर रहे हैं। आज इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर हमला किया है। अखिलेश यादव पर हमला करते हुए केशव मौर्य ने कहा कि इन्हें न तो कोरोना टीका का पसंद है न माथे का टीका पसंद है। जाहिर सी बात है कि अखिलेश को लगातार भाजपा घेरने की कोशिश कर रही है। माथे का टीका से मतलब यह साफ तौर पर तिलक से था। अपने ट्वीट में केशव मौर्य ने लिखा "श्री अखिलेश यादव जी आपको न कोरोना का टीका पसंद है न माथे का टीका पसंद है।"

आपको बता दें कि अखिलेश यादव पर केशव मौर्य लगातार हमलावर हैं। इससे पहले हापुड़ में केशव प्रसाद मौर्य ने दावा किया था कि सत्ता में आने का दम भर रही साइकिल पंचर हो चुकी है। लक्ष्मी जी कभी टूटे वाहन पर सवार नहीं होतीं। उत्तर प्रदेश में लक्ष्मी जी फिर से कमल पर बैठ कर आ रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि 2022 में विपक्षी दलों का सूपड़ा साफ होगा तभी 2024 लोकसभा चुनाव का रास्ता भी साफ होगा। उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश की खुशहाली के लिए 2022 में जीतना जरूरी है।

 

आज केशव मौर्य पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बिजनौर में हैं जहां वह मतदाताओं के बीच जाने वाले हैं। उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। 10 मार्च को इसके नतीजे भी आएंगे। भाजपा लगातार हिंदुत्व के साथ-साथ योगी सरकार के कामकाज को भी गिना रही है और दावा कर रही है कि एक बार फिर से वह सत्ता में वापसी कर रही है। दूसरी और अखिलेश यादव भी दमखम लगा रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल के साथ गठबंधन कर अखिलेश यादव ने अपना पलड़ा जरूर भारी किया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अखिलेश लगातार किसानों को साधने की कोशिश कर रहे हैं और जयंत चौधरी के साथ लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। 

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