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कांग्रेस पार्टी के राष्‍ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने सोमवार को महंगाई के मुद्दे पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जो ‘डायन’ महंगाई है वह मोदी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) - योगी (मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ) सरकारों में ‘घर जमाई’ बन गई है।

 

लखनऊ। कांग्रेस पार्टी के राष्‍ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने सोमवार को महंगाई के मुद्दे पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जो ‘डायन’ महंगाई है वह मोदी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) - योगी (मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ) सरकारों में ‘घर जमाई’ बन गई है। उन्होंने महंगाई से मुक्ति के लिए भाजपा की सरकार से मुक्ति पाने का अनुरोध किया। कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने सोमवार को यहां कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में महा महंगाई, भाजपा लाई पुस्‍तक का लोकार्पण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में 2014 में कांग्रेस सरकार और सात वर्षों में बढ़ी महंगाई का फर्क समझाते हुए कहा कि जो डायन महंगाई है, वह मोदी-योगी सरकारों में घर जमाई बन गई है।

उन्होंने केंद्र और राज्य की भाजपा नीत सरकारों पर प्रहार करते हुए दावा किया, एक तरफ देश के लोगों को महंगाई की आग में झोंक दिए तो दूसरी तरफ सात साल में भाजपा की संपत्ति 780 करोड़ से बढ़कर 4850 करोड़ हो गयी यानी साढ़े पांच सौ प्रतिशत बढ़ गई और हम दो, हमारे दो की संपत्ति हर रोज एक हजार करोड़ बढ़ रही है।” एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, मैं किसान हूं और इस देश के 62 करोड़ किसान की पीड़ा मेरे मन को कचोटती है, यह पहली सरकार है जिसने खाद, कीटनाशक दवाइयों पर कर लगाया है। ट्रैक्टर और खेती के उपकरणों पर भी कर लगा दिया है। उन्होंने दावा किया कि नरेंद्र मोदी और अजय सिंह बिष्ट (योगी आदित्यनाथ का संत होने से पहले का नाम) ने साढ़े 17 लाख करोड़ रुपये किसान की जेब से निकाला है। सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि मोदी जी अलग और अजय सिंह बिष्ट जनता की अलग जेब काटते हैं और दोनों जेब काटते हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि महंगाई मुद्दा है लेकिन कई बार राजनेताओं के शोरगुल में यह दिखता नहीं है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में कांग्रेस की लड़ाई महंगाई और बेरोजगारी से है और पहली लड़ाई उनसे है जो मठाधीश दिल्ली और लखनऊ दोनों में सात साल से और एक पांच साल से लोगों की जिंदगियां लूट रहे हैं, पहली लड़ाई उनसे हैं।

चुनाव में सत्तारूढ़ दल के प्रचार प्रसार पर कटाक्ष करते हुए सुरजेवाला ने कहा, चुनाव में श्मशान, कब्रिस्तान, तमंचा और दो लड़के, एक दूसरे के लिए गाली गलौज और हर बार की तरह फ‍िर विभाजन की कोशिश सब चीजें उप्र के चुनाव में चल रही हैं सिवाय उनके जिनका उप्र और देश की जिंदगी पर असर पड़ता है-महंगाई और बेरोजगारी। उन्होंने कहा, “इन दोनों (महंगाई-बेरोजगारी) को तमंचे से मारिए या इत्र छिड़क मारिए, कैसे मारेंगे, यह सरकार की जिम्मेदारी का हिस्सा है, उन्हें श्मशान में जलाइए या कब्रिस्तान में दफनाइए, पर भगवान के लिए, ईश्वर के लिए इसका हल निकालिए क्योंकि यही लोगों की जिंदगी का मसला है।

महंगाई पर जारी कांग्रेस की पुस्तिका की चर्चा करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि महा महंगाई, भाजपा लाई पुस्तक का शीर्षक इसलिए दिया क्योंकि “यही इस देश और प्रदेश का सत्य है। इसलिए हम कहते हैं कि भाजपा को हराइए, महंगाई पर विजय पाइए। कांग्रेस नेता ने एक शेर पढ़ा, जिन्‍हें सौंपी थी रोशनी की रहनुमाई, बुझाकर चिराग वो दे रहे हैं उजाले की दुहाई और कहा कि मोदी और योगी सरकार जब यह शब्द जुबां पर आते हैं तो लोगों का ख्याल सीधे खाली जेब पर जाता है और यह बात उठती है कि एक तो आमदनी कर दी कम और दूसरी तरफ महंगाई का गम। उन्होंने कहा, सुबह उठकर जब लोग चाय बनाते हैं तो गैस का सिलेंडर एक हजार रुपये पा रहे हैं, खाने का तेल दो सौ रुपये, और दफ्तर जाते हैं तो पेट्रोल सौ रुपये में भराते हैं और घर लौटते हुए राशन खरीदते तो कई गुना दाम चुकाते हैं।”

उन्होंने कहा, मोदी और योगी की सरकार जिस जनता के नमक की सौगंध खाकर सत्ता में आई थी उसकी कीमत भी दोगुनी कर दी। महंगाई का आंकड़ा प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा, लोग सुकून से अब एक प्याला चाय नहीं पी सकते हैं क्योंकि 2014 में जब कांग्रेस की सरकार गई तो जो चाय 130-140 रुपये किलो थी, वह आज 400-500 रुपये किलो हो गई। दाल, चना, राजमा, टमाटर, अरहर, मटर, मूंग सब कुछ लोगों की थाली से दूर होता जा रहा है। उन्‍होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश के लोगों की जेब काटी जा रही है पर भाजपा की संपत्ति बढ़ रही है। सुरजेवाला ने कहा कि पिछले 12 साल में सबसे ज्यादा 14.23 प्रतिशत थोक महंगाई बढ़ गई है और खुदरा महंगाई लगभग छह प्रतिशत बढ़ी है। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ने पिछले सात साल में पेट्रोल डीजल पर कर लगाकर 24 लाख करोड़ रुपये कमाया है, अगर 2014 में कांग्रेस सरकार के समय की एक्‍साइज डयूटी हो तो आज पेट्रोल की कीमत लखनऊ में साढ़े 26 रुपये कम हो जाएगी और डीजल की कीमत सवा 25 रुपये कम हो जाएगी।

उन्होंने बढ़ी हुई महंगाई का विस्तार से ब्यौरा देते हुए रेल किराये में वृद्धि का उदाहरण दिया और कहा कि कांग्रेस के समय 32 पैसे प्रति किलोमीटर रेल भाड़ा था लेकिन मोदी जी और योगी ने उस भाड़े को एक रुपये दस पैसे प्रति किलोमीटर कर दिया है, यानी 343 प्रतिशत की वृद्धि हो गई। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि अब तक जो भी टीके सरकारों ने लगवाए मुफ़्त लगाए लेकिन पहली बार मोदी जी ने टीका लगवाने के पैसे लिए।

नई दिल्ली . आगामी उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है। वैसे-वैसे यहां की सरगर्मियां तेज होती जा रही है। पार्टियां चुनाव जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है और चुनावी विसात पर अपने मोहरे बिछा रही हैं। लेकिन किसे मालूम कि इस चुनावी विसात में कुछ राजनीतिक घर में ही लड़ाई की एक दीवार खींच जाएगी। जी हां, यूपी चुनाव में कहीं पिता-बेटे अलग-अलग पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं, तो किसी सीट पर पति बनाम पत्नी खेल चल रहा है। ऐसे में आज हम आपको यूपी चुनाव में कुछ ऐसे सीटों के समीकरण के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां परिवार में ही जंग छिड़ी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिला रामपुर में विधानसभा चुनाव में दिलचस्प जंग देखने को मिलेगा। दरअसल, इस जिले में बाप और बेटों की जोड़ी चुनावी मैदान में होगी। काजिम अली खान जहां कांग्रेस के सिंबल से चुनाव लड़ेंगे, तो वहीं इस जिले के अन्य दूसरे विधानसभा सीट से खान के बेटे हैदर अली खान अपना दल (एस) के सिंबल से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि इससे पहले कांग्रेस ने उनको स्वार सीट से ही प्रत्याशी बनाया था लेकिन चुनाव में उतरने से पहले ही उन्होंने अपना दल का दामन थाम लिया। नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां, जो उत्तर प्रदेश के सबसे अमीर प्रत्याशियों में से एक हैं, को रामपुर सदर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है। यूपी की बिधूना सीट पर बाप-बेटी में टक्कर देखी जा रही है। यहां मौजूदा विधायक विनय शाक्य सपा में शामिल हुए तो उनकी बेटी 25 वर्षीय रिया शाक्य को भाजपा ने उसी निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा है। ऐसे में अगर सपा विनय को भी सीट पर उम्मीदवार घोषित करता है तो यहां पिता-बेटी में जंग देखी जाएगी। यहां तक यदि उसके चाचा देवेश को भी उम्मीदवार बनाया जाता है, तो यह चाचा-भतीजी के बीच लड़ाई होगी। यूपी चुनाव में एक और राजनीतिक घर में दीवार खींची हुई है। यह राजनीतिक घर है स्वामी प्रसाद मौर्य की, जो हाल में यूपी कैबिनेट से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार हो चुके हैं। उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य बीजेपी में हैं और बदायूं से सांसद हैं। हालांकि इनकी अभी तक सीट तय नहीं हुई है, लेकिन संघमित्रा मौर्य ने हाल ही में कहा था कि पार्टी बेटी और पिता को आमने सामने ताल ठोकने के लिए नहीं कहेगी और कहेगी तो मैं बैकफुट पर आ जाऊंगी पिता जी के सामने ताल नहीं ठोकूंगी।

नई दिल्ली . हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुईं मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव अपने जेठ अखिलेश यादव के खिलाफ मैनपुरी की करहल सीट से मैदान में उतर सकती हैं। अखिलेश सोमवार को नामांकन पत्र दाखिल करेंगे, जबकि भाजपा ने इस सीट के लिए अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। कांग्रेस ने ज्ञानवती यादव और बीएसपी ने कुलदीप नारायण को इस सीट से उम्मीदवार बनाया है। मुलायम सिंह परिवार के गढ़ मैनपुरी की चारों सीटों पर तीसरे चरण में 20 फरवरी को चुनाव होना है। सपा ने चारों सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, वहीं भाजपा ने अब तक तीन सीटों पर ही प्रत्याशी उतारे हैं। करहल से भाजपा ने अखिलेश यादव को चुनौती दे सकने वाले प्रत्याशी की तलाश में जुटी है। ऐसे में मैनपुरी और आसपास के इलाकों में इस बात की चर्चा भी है कि बीजेपी अपर्णा को अखिलेश के खिलाफ टिकट दे सकती है। इसी बीच शनिवार को एक निजी टीवी न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम में अपर्णा ने इस बात के संकेत दिए हैं कि वह करहल सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। बीजेपी नेता अपर्णा यादव ने कहा है कि यदि पार्टी कहेगी तो मैं करहल सीट से भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा, 'लखनऊ कैंट में लोगों की सेवा कर रही हूं। अगर पार्टी कहेगी तो अखिलेश भैया के खिलाफ भी चुनाव लड़ूंगी। पार्टी तय करेगी कि मुझे क्या करना है।' अखिलेश यादव के खिलाफ अगर अपर्णा यादव करहल सीट से चुनाव लड़ती हैं तो यहां का मुकाबला बड़ा दिलचस्प होगा। इस दौरान अपर्णा ने यह भी कहा कि सपा छोड़कर भाजपा में आने से मेरे ससुर मुलायम सिंह यादव नाराज नहीं है और उन्होंने मुझे आशीर्वाद भी दिया। गौरतलब है कि इस चुनावी मौसम में समाजवादी झटका देते हुए यादव परिवार की बहू अपर्णा यादव ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। अपर्णा यादव ने 2017 में विधानसभा चुनाव समाजवादी की पार्टी के टिकट पर लखनऊ कैंट सीट से लड़ा। चुनाव में उन्हें बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी ने हरा दिया था।

लखनऊ . उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान नेताओं का आरोप-प्रत्‍यारोप का दौर जारी है। इसी बीच रविवार को एक ट्वीट कर अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर हमला बोला। उन्होंने लिखा कि भाजपा के आपराधिक छवि के प्रत्याशियों का शतक पूरा होने वाला है। इसमें महज एक प्रत्याशी की ही कमी रह गई है।
अखिलेश ने अपने ट्वीट में लिखा बाबा जी की ब्रेकिंग न्यूज़: भाजपा के आपराधिक छवि के प्रत्याशियों का शतक पूरा होने में बस एक की कमी, अब तक आपराधिक छवि के 99 उम्मीदवारों को टिकट दे चुकी है! उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान होना है। इसकी शुरुआत 10 फरवरी को राज्य के पश्चिमी हिस्से के 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान के साथ होगी। दूसरे चरण में 14 फरवरी को राज्य की 55 सीटों पर मतदान होगा।
उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण में 59 सीटों पर, 23 फरवरी को चौथे चरण में 60 सीटों पर, 27 फरवरी को पांचवें चरण में 60 सीटों पर, तीन मार्च को छठे चरण में 57 सीटोंपर और सात मार्च को सातवें चरण में 54 सीटों पर मतदान होगा। चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे। सन 2017 विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन कुल 325 सीटें मिली थीं। इनमें से अकेले 312 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी। वहीं भाजपा गठबंधन की अन्य दो पार्टियों में अपना दल (एस) ने 11 सीटों में नौ सीटें और ओपी राजभर की भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी ने आठ में से चार सीटें जीती थीं। वहीं सपा और कांग्रेस गठबंधन को मात्र 54 सीटों के साथ संतोष करना पड़ा था। कांग्रेस महज सात सीट जीतने में सफल हो पाई थी। इसके अलावा, समाजवादी पार्टी को केवल 47 सीटों पर जीत मिली। वहीं बसपा ने 19 सीटों पर जीत हासिल की थी। रालोद को एक सीट और अन्य के खाते में 4 सीटें गई थीं।

 

लखनऊ . उत्तर प्रदेश चुनाव में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मशहूर शायर मुनव्वर राना के उस बयान पर अयोध्या के संतों ने तीखी प्रतिक्रिया की है। संत समाज ने कहा आज ही से मुनव्वर राणा को तैयारी शुरू कर देनी चाहिए अभी चुनाव में समय है। चुनाव में भाजपा को बहुमत मिलेगा और फिर योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनेंगे। शायर मुनव्वर राणा को आज से ही उत्तर प्रदेश छोड़ने की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
संत समाज ने मुनव्वर राणा पर हमला बोलते हुए कहा कि मुनव्वर राणा मुसलमानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। योगी के दोबारा आने पर केवल गुंडे-बदमाश ही प्रदेश छोड़ने की सोच सकते हैं। मुनव्वर राणा को केवल यह मलाल है कि वह अपने भाई की जमीन पर कब्जा नहीं कर पाए। इसीलिए वह लगातार ऐसी गुमराह करने वाली बातें करने में लगे हुए हैं। संतों ने मुनव्वर राणा को साफ संदेश देते हुए कहा कि उन्हें कोई गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए और तुरंत प्रदेश छोड़ने की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
संतों ने मुनव्वर राणा को मर्यादा का पाठ भी पढ़ाया है। हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा मुनव्वर राणा ने कहा है कि अगर उत्तर प्रदेश में योगी की सरकार बनेगी तो हम उत्तर प्रदेश छोड़ देंगे। प्रदेश छोड़ने की योजना वहीं बना रहे हैं जो गुंडा बदमाश या माफिया हैं। राजू दास ने कहा कि मुनव्वर राणा अपने भाई की जमीन और संपत्ति हड़पने की कोशिश कर रहे थे, जिस पर पुलिस ने कार्रवाई की तो वह योगी सरकार के आलोचक हो गए। इसके बाद से ही वह मुसलमानों को बरगलाने का प्रयास करने में लगे हैं। मुसलमान खुद मुनव्वर राणा के कहने में नहीं है। महंत राजू दास ने कहा उत्तर प्रदेश का मुसलमान जागरूक हो चुका है और वह समझ चुका है।
मुनव्वर राणा को तकलीफ है कि मुख्यमंत्री योगी कैसे बन गए, ऐसे लोगों से सावधान होने की जरूरत है। रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा मुनव्वर राणा ने जो कहा है उस पर उन्हें अमल भी करना चाहिए, क्योंकि भाजपा की सरकार प्रदेश में बन रही है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही बनने जा रहे हैं। इसमें कोई संशय नहीं है। आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा इसलिए मनव्वर राणा को अभी से अपना बोरिया बिस्तर बांध लेना चाहिए। यह बहुत अच्छा होगा कि वह स्वतः ही प्रदेश छोड़ दें। उल्लेखनीय है कि मुनव्वर राना ने शनिवार को कहा था कि अगर यूपी में अगर योगी सरकार बनी तो वह पलायन कर जाएंगे।

 

योगी आदित्यनाथ ने सपा की टोपी के रंग को लेकर निशाना साधा है।योगी ने कार्यक्रम में कहा कि उनकी सरकार ने आम आदमी की रक्षा और सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए काम किया, साथ ही यह सुनिश्चित करने का भी प्रयास किया कि‘‘अपराधी डर महसूस करें।’’

 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सपा की ‘लाल टोपी’ मुजफ्फरनगर दंगों के पीड़ितों और अयोध्या में मारे गए राम भक्तों के खून से सनी हुई है। योगी ने शनिवार शाम एक टीवी चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा, “समाजवादी पार्टी की लाल टोपी मुजफ्फरनगर दंगों के पीड़ितों और अयोध्या में राम भक्तों के खून से रंगी हुई है।” सपा कार्यकर्ता लाल टोपी पहनते हैं और भाजपा इसके रंग को लेकर सपा पर निशाना साधती रही है।इससे पहले प्रधानमंत्री ने भी एक रैली में इसे ‘रेड अलर्ट’ करार दिया था। योगी ने कार्यक्रम में कहा कि उनकी सरकार ने आम आदमी की रक्षा और सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए काम किया, साथ ही यह सुनिश्चित करने का भी प्रयास किया कि‘‘अपराधी डर महसूस करें।’’

पिछली सपा सरकार पर राज्य के गरीब लोगों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने (सपा) केवल अपने करीबियों के लिए काम किया जो इत्र के कारोबार में शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वे इनकार कर सकते हैं लेकिन सच सच ही रहता है।’’ राज्‍य की मुख्‍य विपक्षी समाजवादी पार्टी और उसके नेता अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए योगी ने कहा, “उन्होंने (सपा) कभी भी उत्तर प्रदेश और उसके लोगों को अपना नहीं माना। उनका नजरिया परिवार और पाकिस्तान केंद्रित है। 2017 से पहले राज्य में हर तीसरे दिन दंगे होते थे और लड़कियां डरती थीं। राज्य में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद यह बदल गया है।’’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने उत्तर प्रदेश को एक नयी पहचान प्रदान की है और “अब व्यापारी और लोग राज्य से पलायन करने के लिए मजबूर नहीं हैं।

व्यवसायी अब राज्य वापस लौट रहे हैं और विकास में अपना योगदान दे रहे हैं।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार की कार्रवाई किसी धर्म विशेष के लोगों के खिलाफ है इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने किसी के खिलाफ राजनीति से प्रेरित प्राथमिकी दर्ज नहीं की है।’’ सपा नेता आजम खान के खिलाफ 80 से अधिक मामले दर्ज होने के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘आजम खान के खिलाफ मामले उनके गलत कामों का परिणाम हैं। अगर कोई गरीबों की जमीन पर कब्जा करने और गरीबों से जबरन वसूली कर संस्थान बनाने की कोशिश करता है तो उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

अमरिंदर सिंह की चिंता फिलहाल बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि वह भाजपा के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं। फिलहाल अमरिंदर सिंह ने अपनी पार्टी की प्रत्याशियों की दूसरी सूची पर रोक लगा दी है।

 

पंजाब में मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद अपनी पार्टी बना चुके कैप्टन अमरिंदर सिंह विधानसभा चुनाव में अपना दम लगा रहे हैं। हालांकि उनकी पार्टी के लिए कई मुश्किलें भी सामने आ रही हैं। पार्टी के ज्यादातर प्रत्याशी भाजपा के चुनाव चिन्ह पर मैदान में उतरना चाहते हैं। दरअसल, अमरिंदर सिंह ने पंजाब लोक कांग्रेस बनाया था और भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं। पंजाब लोक कांग्रेस का चुनाव चिन्ह हॉकी स्टिक और बॉल है। लेकिन कई उम्मीदवार भाजपा के चुनाव चिन्ह कमल पर मैदान में उतरने की दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इसी कड़ी में पार्टी ने फिलहाल 4 प्रत्याशियों को कमल के चुनाव चिन्ह पर मैदान में उतरने की अनुमति तो दे दी है लेकिन एक को हटा दिया है।

अमरिंदर सिंह की चिंता फिलहाल बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि वह भाजपा के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं। फिलहाल अमरिंदर सिंह ने अपनी पार्टी की प्रत्याशियों की दूसरी सूची पर रोक लगा दी है। माना जा रहा है कि अमरिंदर सिंह अपनी पार्टी का भाजपा में विलय भी करा सकते हैं। इससे पहले भाजपा और पंजाब लोक कांग्रेस में एक साथ चुनाव लड़ने को लेकर सहमति बनी थी। अमरिंदर सिंह की पार्टी को भाजपा की ओर से 37 सीटें दी गई हैं। अमरिंदर सिंह ने 22 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। अमरिंदर सिंह के करीबी माने जाने वाले पूर्व मंत्री राणा गुरमीत सोढ़ी और फतेह जंग सिंह बाजवा ने उनकी पार्टी में शामिल होने की बजाय भाजपा को ज्यादा महत्व दिया

 

फिलहाल पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी लगातार जारी है। नामांकन की प्रक्रिया भी चल रही है। इन सब के बीच 20 फरवरी को पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे जबकि नतीजे 10 मार्च को आएंगे। बठिंडा शहरी विधानसभा क्षेत्र से राजकुमार नंबरदार, लुधियाना ईस्ट से जगमोहन शर्मा, खरड़ से कमल सैनी और आत्म नगर हल्के से प्रेम मित्तल को कमल का निशान दिया गया है। 

अपने संबोधन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को भी याद किया। राजनाथ ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जी की स्मृतियों से यह क्षेत्र सीधा जुड़ा रहा है। श्री कल्याण सिंह जी ने जेल जाना मंजूर किया मगर गोली नहीं चलवाई। सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान के लिए इसी महीने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

 

उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर प्रचार जोर-शोर पर है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज कासगंज पहुंचे थे। कासगंज में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रभावी मतदाता सम्मेलन को संबोधित किया। इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने कहा कि मेरे लिए कासगंज सिर्फ कासगंज नहीं है बल्कि ‘खासगंज’ है। राजनाथ सिंह ने कहा कि हम विकास भी करेंगे और अपनी विरासत को भी सम्भाल कर रखेंगे। जो अपनी विरासत को सम्भाल कर नहीं रख सकते उनकी हालत कटी पतंग जैसी हो जाती है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने पिछले 5 वर्षों में तेजी से विकास देखा है। हमारी सरकार ने वीआईपी संस्कृति को ईपीआई में बदल दिया है - 'Every Person is Important' संस्कृति।

पिछली सरकारों पर हमला करते हुए राजनाथ ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार हो या समाजवादी पार्टी की सरकार, उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। मैं गर्व से कह सकता हूं कि केंद्र की मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर इस तरह के आरोप नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह चुनाव सिर्फ नई सरकार बनाने के बारे में नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश की नियति भी लिखने के बारे में है... केंद्र और यूपी में बीजेपी सरकारों ने शानदार काम किया है। हमारी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है। यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार ग़रीबों को समर्पित कर दी थी। कोरोना काल में प्रधानमंत्री ने ग़रीबों को मुफ़्त अनाज की सुविधा प्रदान की है। इसका पूरी दुनिया में कहीं और उदाहरण नहीं है।

 

अपने संबोधन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को भी याद किया। राजनाथ ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जी की स्मृतियों से यह क्षेत्र सीधा जुड़ा रहा है। श्री कल्याण सिंह जी ने जेल जाना मंजूर किया मगर गोली नहीं चलवाई। सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान के लिए इसी महीने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि यह चुनाव साधारण चुनाव नहीं है बल्कि उत्तर प्रदेश की तक़दीर लिखने का चुनाव है। भाजपा का चरित्र है कि हम जो कहते हैं वह करते हैं। हमने हर चुनाव में घोषणा पत्र जारी किए हैं। उठा कर देखिए हमने अपने वादे पूरे किए हैं। राजनाथ ने काह कि हम कहते थे कि हम एक दिन धारा 370 समाप्त कर देंगे। हमने वह करके दिखा दिया है। नागरिकता का क़ानून हमने बनाया है। हमने राजनीति में विश्वसनीयता का संकट दूर किया है।

 

राजनाथ ने कहा कि हम ध्रुवीकरण की राजनीति नहीं करेंगे। हम राजनीति करेंगे तो इंसाफ़ और इंसानियत की राजनीति करेंगे। समाजवादी पार्टी सीमाएँ लांघ रही है। सपा बसपा समाज को बाँट कर वोट हासिल करना चाहती हैं। हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहाँ क़ानून व्यवस्था को सुधारने का में बड़ा योगदान किया है। आज विकास 84 में से 83 आसन लगा रहा है मगर एक आसन शीर्षासन विपक्ष के लिए छोड़ दिया है। हमने ज़ेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास किया है। इससे बड़ी संख्या में रोज़गार के अवसर पैदा होंगे। आज हम उत्तर प्रदेश में ब्रह्मोस मिसाइल बनाने जा रहे हैं। अखिलेश पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश की ताक़त को बढ़ाना है तो लाल पोटली से काम नहीं चलेगा। जनता का भरोसा जीतने के लिए त्याग करना पड़ता है, पोटली से काम नहीं चलेगा। मैं सपा से पूछना चाहता हूँ कि दंगे आपके राज में क्यों हुए, गुंडागर्दी क्यों बढ़ जाती है?

अपर्णा ने यह भी कहा कि मैं किस सीट पर चुनाव लड़ूगी, यह तय करना भाजपा का काम है। अगर पार्टी मुझे करहल सीट से चुनाव लड़ने को कहती है तो मैं इसके लिए भी तैयार हूं।

 

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान तेज होता दिखाई दे रहा है। इन सब के बीच मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू और हाल में ही भाजपा का दामन थामने वाली अपर्णा यादव ने अखिलेश यादव को चुनौती देने की तैयारी कर ली है। पहली बार मैनपुरी की करहल सीट से चुनाव लड़ने जा रहे अखिलेश यादव को अपर्णा यादव चुनौती दे सकती हैं। माना जा रहा है कि भाजपा अखिलेश यादव को करहल सीट पर कड़ी चुनौती देने का मन बना चुकी है और हाल में ही शामिल हुए मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को मैदान में उतार सकती है। आपको बता दें कि फिलहाल करहल सीट से भाजपा ने किसी प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया है।

कांग्रेस की ओर से करहल से ज्ञानवती यादव को उम्मीदवार बनाया गया है जबकि बीएसपी ने कुलदीप नारायण को टिकट दिया है। सियासी गलियारों में चल रही चर्चा के मुताबिक करहल से मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को अखिलेश के खिलाफ भाजपा टिकट दे सकती है। अपर्णा यादव भी कलहर सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुकी हैं। एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में उन्होंने इस बात के संकेत भी दे दिए हैं। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि पार्टी जहां से टिकट देगी वहां से चुनाव लड़ लूंगी। लेकिन फिलहाल में लखनऊ कैंट सीट पर जनता की सेवा में लगी हूं

 

अपर्णा ने यह भी कहा कि मैं किस सीट पर चुनाव लड़ूगी, यह तय करना भाजपा का काम है। अगर पार्टी मुझे करहल सीट से चुनाव लड़ने को कहती है तो मैं इसके लिए भी तैयार हूं। इसी दौरान अपर्णा यादव से भाजपा में शामिल होने को लेकर भी सवाल किया गया उन्होंने कहा कि मेरे भाजपा में शामिल होने से मुलायम सिंह यादव नाराज नहीं हैं और उन्होंने मुझे आशीर्वाद भी दिया है। इसके अलावा उन्होंने शिवपाल यादव का भी जिक्र किया और कहा कि उन्होंने हमेशा मुझे आगे बढ़ाने का काम किया है। लेकिन आज वह मुझे ही नसीहत दे रहे हैं। अगर खुद यह बातें मानते तो अपनी अलग पार्टी नहीं बनाते।

नई दिल्ली । समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा घबराई हुई है और जो पहलवान हार जाता है वह कभी काटता है, कभी नोचता है। ये लोग हार चुके हैं, किसान और नौजवान इनको हराएंगे। अखिलेश ने दावा किया हर वर्ग के लोगों ने मान लिया है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। यहां कोई सरप्राइज नहीं मिलने वाला, असली सरप्राइज गुजरात से मिलेगा। गाजियाबाद में राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनाव में हराने का अन्‍न संकल्प लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी की जनता ने अपना फैसला सुना दिया है। यहां कोई सरप्राइज नहीं मिलने वाला, यहां की जनता ने खासकर किसान, नौजवान व्यापारी, हर वर्ग के लोगों ने मान लिया है कि समाजवादी गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। उन्होंने कहा कि कि अगर असली सरप्राइज कहीं से मिलेगा तो वह गुजरात से मिलेगा क्योंकि यूपी के बाद वहां चुनाव होने वाले हैं। अखिलेश ने कहा कि जनता राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी के हत्यारों का सम्मान करने वालों को सबक सिखाएगी। यूपी का चुनाव परिणाम खुशहाली का परिणाम लेकर आएगा। अखिलेश यादव ने तीन कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए सवाल उठाया कि आखिरकार भाजपा ने किसानों को अपमानित क्‍यों किया? अखिलेश ने कहा कि किसान कैसे भूल सकता है कि भाजपा ने अन्नदाता का अपमान किया। उन्होंने सपा और रालोद गठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान की अपील करते हुए कहा कि आज मुझे इस बात की खुशी है कि मेरे साथ जयंत चौधरी जी हैं और हम दोनों मिलकर किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि मतदाता यह बात जानते हैं कि चौधरी चरण सिंह जी ने किसानों की खुशहाली की लड़ाई लड़ी। उन्होंने सभी किसानों को एक साथ लाकर आंदोलन किए। जयंत चौधरी जी और यहां पर जितने लोग किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं उन्हें चौधरी चरण सिंह जी की विरासत को बचाने और उसे आगे ले जाने का मौका मिला है।

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