ईश्वर दुबे
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नई दिल्ली । दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले एबीपी न्यूज-सी वोटर के ऑपिनियन पोल में दिल्ली में एक बार फिर आम आदमी पार्टी की जबरदस्त जीत की भविष्यवाणी की गई है।
एबीपी न्यूज-सी वोटर के सर्वे के मुताबिक 70 विधानसभा सीटों वाली दिल्ली में आम आदमी पार्टी पिछली बार की ही तरह एकतरफा जीत हासिल कर सकती है। आप को 70 में से 59 सीटें मिल सकती हैं जो पिछली बार की 67 सीटों के मुकाबले 8 कम है। पिछली बार 3 सीट जीतने वाली बीजेपी के इस बार भी दहाई का आंकड़ा नहीं छूने का अनुमान है। उसे 8 सीटें मिल सकती हैं जो पिछली बार से 5 ज्यादा है। पिछली बार खाता तक नहीं खोल पाने वाली कांग्रेस के इस बार भी निराशाजनक प्रदर्शन का अनुमान है। सर्वे के मुताबिक कांग्रेस इस बार खाता खोलते हुए 3 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है। 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में बहुमत के लिए 36 सीटों की जरूरत है।
बात अगर वोट शेयर की करें तो सर्वे के मुताबिक आम आदमी पार्टी को दिल्ली में पड़ने वाले कुल वोटों में अकेले आधे से ज्यादा वोट मिलेंगे। आप को 53.3 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान जताया गया है। 2019 लोकसभा चुनाव में दिल्ली में जबरदस्त प्रदर्शन करने वाली बीजेपी को वोट शेयर के मामले में जबरदस्त नुकसान झेलना पड़ सकता है। उसे 25.9 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है। सर्वे के मुताबिक कांग्रेस सिर्फ 4.7 प्रतिशत वोट ही जुटा पाएगी।
ऑपिनियन पोल के मुताबिक दिल्ली में मुख्यमंत्री पद के लिए अरविंद केजरीवाल बड़े अंतर से जनता की पहली पसंद हैं। दिल्ली की सभी 70 सीटों पर हुए सर्वे के मुताबिक सीएम पद के लिए केजरीवाल 70 प्रतिशत लोगों की पसंद हैं। सर्वे में हिस्सा लेने वाले 11 प्रतिशत लोगों ने सीएम पद के लिए केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता हर्षवर्धन, 7 प्रतिशत ने कांग्रेस नेता अजय माकन और 1 प्रतिशत ने दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी को अपनी पहली पसंद बताया। सर्वे के नतीजों को माने तो साफ है कि केजरीवाल को दूर-दूर तक कोई टक्कर नहीं मिल रही है।
नई दिल्ली । केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार संशोधित नागरिकता कानून से जुड़े किसी भी भ्रम को दूर करने के लिए युवाओं से बात करेगी, लेकिन आजादी का नारा लगाने वाले ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ से कोई बात नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां सभी को विरोध करने की आजादी है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता। विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में प्रसाद ने साफ शब्दों में कहा, हम आलोचना का स्वागत करते हैं, लेकिन देश को बांटने वाली कोई भी आवाज या विचार मंजूर नहीं हैं। उन्होंने कहा, सरकार ने बार-बार कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून भारत में रह रहे नागरिकों पर लागू नहीं होगा। यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित अन्य कांग्रेस नेता कई बार पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने की बात कह चुके हैं। इस बीच रविशंकर प्रसाद ने इस कानून के पास होने के दिन ‘नागरिकता’ नाम रखी गई लड़की से भी मिले।
नीमच. संघ परिवार की नर्सरी नीमच में आज भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) तूफानी दौरे पर हैं. इस दौरान वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (Chief Minister Kamal Nath) के अलावा सरकारी अफसरों पर जमकर बिफरे. विजयवर्गीय ने कहा कि अधिकारी अपनी औकात में रहें तो ठीक रहेगा. साथ ही यह भी कहा कि यदि वे मध्य प्रदेश आ गए तो कमलनाथ को एक रात भी चैन की नींद नहीं सोने देंगे.
कमलनाथ को चैन से नहीं सोने दूंगा
नीमच के सिगौली में भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन को संम्बोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय जमकर बिफरे. उन्होंने भाजपा के जावद विधानसभा के कार्यकर्ताओं से मंच से कहा कि अधिकारी अपनी औकात में रहें. अभी मैं बंगाल में व्यस्त हूं. यदि पार्टी ने मध्य प्रदेश भेज दिया तो कमलनाथ को एक रात भी चैन की नींद नहीं सोने दूंगा. इसके अलावा उन्होंने कमलनाथ को एक्सीडेंटल सीएम करार देते हुए कहा कि कमलनाथ ने जिंदगी भर का पट्टा नहीं लिया, सरकार कभी भी जा सकती है. जबकि अधिकारी अपनी सीमा में रहकर काम करें और शोले फिल्म के उस डायलॉग को याद रखें हमारी सरकार आई तो तेरा क्या होगा.
कांग्रेस पर लगाए ये आरोप
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विजयवर्गीय ने मंच कांग्रेस नेताओं पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि जिनके पास साइकल का पंच्चर बनवाने के पैसे नहीं थे वे आज बोलेरो गाड़ी में घूम रहें है. साथ ही उन्होंने ऑपरेशन माफिया को लेकर कहा कि माफिया कह कर भाजपा कार्यकर्ताओं के मकान तोड़े गए तो हमने भी कोई हाथों में चूड़ियां नहीं पहनी हैं.
दिल्ली विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो गया है। दिल्ली में 8 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे और नतीजे 11 फरवरी को आएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि इस बार दिल्ली चुनाव में 1.46 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। सभी 70 विधानसभा सीटों पर ईवीएम का प्रयोग होगा।
70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी को समाप्त होगा। नियमानुसार उससे पहले ही चुनाव संपन्न कराकर नई विधानसभा का गठन करना होगा।
दिल्ली चुनाव आयोग ने आज शाम में राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई है। दिल्ली विधानसभा की तारीखों के ऐलान से पहले ही आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है। साथ ही चुनावी साल में पार्टियां एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप भी लगा रही हैं।
- दिल्ली में 8 फरवरी को डाले जाएंगे वोट, 11 फरवरी को होगी मतगणना
- मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि नाम वापस लेने का आखिरी दिन 21 जनवरी होगा।
- प्रेस कांफ्रेंस में चुनाव आयोग ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए नोटिफिकेशन 14 जनवरी से लागू होगा।
- दिल्ली में आज से आचार संहिता लागू, EC कर रहा चुनाव की तारीखों का ऐलान
- चुनाव आयोग ने बताया कि मीडिया मॉनिटरिंग टीमें का गठन किया गया है।
- मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि इस बार दिल्ली चुनाव में 1.46 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
- दिल्ली के लिए सोमवार को प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची के मुताबिक दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव में कुल 1.46 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे।
- 2015 विधानसभा चुनाव की हबात करें तो 21 जनवरी तक नॉमिनेशन फाइल करने की आखिरी तारीख थी। 22 जनवरी को नॉमिनेशन पेपर की स्क्रूटनी की गई थी। इसके अलावा 24 जनवरी तक नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख रखी गई थी।
नागपुर. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा के बीच गठबंधन अस्वाभाविक है तथा महाराष्ट्र विकास आघाड़ी की सरकार खुद ब खुद ही गिर जाएगी. भाजपा नेता ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में यह भी दावा किया कि उद्धव ठाकरे नीत सरकार के एक मंत्री ने इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, उन्होंने मंत्री का नाम नहीं बताया. पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र सरकार में मंत्रालयों के आवंटन को लेकर तीनों दलों के बीच असहमति की खबरें हैं. कुछ इस्तीफों की भी अफवाहें चल रही हैं. गडकरी ने कहा, गठबंधन अस्वाभाविक है. आज ही एक मंत्री ने इस्तीफा दे दिया. सरकार खुद ही गिर जाएगी.
शिवसेना तथा कांग्रेस-राकांपा के बीच कोई वैचारिक समानता नहीं है. गडकरी ने इस संदर्भ में उदाहरण देते हुए कहा कि शिवसेना प्रमुख दिवंगत बाल ठाकरे अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को मुंबई से बाहर का रास्ता दिखाना चाहते थे लेकिन मौजूदा सरकार इसके खिलाफ है. वह जाहिर तौर पर नागरिकता संशोधन कानून को लेकर महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ हलकों से आ रहे विरोधी बयानों की ओर इशारा कर रहे थे.
मुंबई (महाराष्ट्र). उद्धव ठाकरे सरकार के पहले विस्तार में 30 दिसंबर को 36 मंत्रियों ने शपथ ली थी। विभागों के बंटवारे पर महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के तीनों दलों के बीच शनिवार रात तक लंबी चर्चा हुई। इसके बाद सरकार की ओर से मंत्रियों और उनके विभागों की लिस्ट राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को भेजी गई थी, जिसे उन्होंने रविवार सुबह मंजूरी दे दी। शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे को शहरी विकास और उपमुख्यमंत्री अजित पवार को वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई। उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य को पर्यटन और पर्यावरण विभाग मिला है।
राकांपा के अनिल देशमुख को गृह मंत्रालय, कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट को राजस्व और अशोक चव्हाण को पीडब्लूडी मंत्री बनाया गया है। विभाग बंटवारे को लेकर कांग्रेस और राकांपा के बड़े नेताओं के बीच विवाद की खबरें भी आई थीं। आखिरकार सभी दलों ने अंतिम निर्णय सीएम उद्धव ठाकरे के ऊपर छोड़ दिया था। मंत्रालय बंटवारे में उद्धव ने सामंजस्य बैठाने का प्रयास करते हुए नारज चाल रहे कांग्रेस नेताओं को भी खुश करने का प्रयास किया।
उद्धव कैबिनेट के 43 मंत्री
1.उद्धव बालासाहेब ठाकरे, मुख्यमंत्री
सामान्य प्रशासन, सूचना प्रौद्योगिकी, सूचना और जनसंपर्क, कानून और न्याय और किसी भी अन्य मंत्रियों को नहीं सौंपे गए
2. अजीत अनंतराव पवार, उप मुख्यमंत्री
वित्त, योजना
3. सुभाष राजाराम देसाई
उद्योग, खनन, मराठी भाषा
4. अशोक शंकरराव चव्हाण
सार्वजनिक कार्य (सार्वजनिक गतिविधियों को छोड़कर)
5. छगन चंद्रकांत भुजबल
खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण
6. दिलीप दत्तात्रेय वलसे - पाटिल
श्रम, राज्य उत्पाद शुल्क
7. जयंत राजाराम पाटिल
जल संसाधन और क्षेत्र विकास
8. नवाब मोहम्मद इस्लाम मलिक
अल्पसंख्यक विकास और प्रतिभा, कौशल विकास और उद्यमिता
9. अनिल वसंतराव देशमुख
गृह मंत्रालय
10. विजय उर्फ बालासाहेब भाऊसाहेब थोरात
राजस्व
11. राजेंद्र भास्करराव शिंगणे
खाद्य एवं औषधि प्रशासन
12. राजेश अंकुशराव टोपे
सार्वजनिक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण
13. एमआर हसन मियाल मुश्रीफ
ग्राम विकास
14. डॉ. नितिन काशीनाथ राउत
ऊर्जा
15. श्रीमती वर्षा एकनाथ गायकवाड
स्कूली शिक्षा
16. डॉ जितेंद्र सतीश अव्हाड
आवास
17. एकनाथ संभाजी शिंदे
नगरविकास (MSRDC), सार्वजनिक निर्माण (सार्वजनिक उद्यम)
18. सुनील छत्रपाल केदार
पशुपालन, डेयरी व्यवसाय, खेल और युवा कल्याण
19. विजय वेट्टीवार
अन्य पिछड़ा वर्ग, सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग, मुक्त जातियां, खानाबदोश जनजाति और विशेष पिछड़ा वर्ग, कल्याण, नमक भूमि विकास, भूकंप पुनर्वास
20. अमित विलासराव देशमुख
चिकित्सा शिक्षा, सांस्कृतिक कार्य
21.उदय रवींद्र सामंत
उच्च और तकनीकी शिक्षा
22. दादाजी दगडू भुस्क
कृषि, पूर्व सैनिक कल्याण
23. संजय दुलीचंद राठौर
वन, आपदा प्रबंधन, सहायता और पुनर्वास
24. गुलाबराव रघुनाथ पाटिल
जल आपूर्ति और स्वच्छता
25. केसी पडवी
आदिवासी विकास
26. संदीपान भुमरे
रोजगार हमी (EGS), उर्वरता
27. बालासाहेब उर्फ श्यामराव पांडुरंग पाटिल
विपणन
28. अनिल दत्तात्रेय परब
परिवहन, संसदीय कार्य
29. असलम रमजान अली शेख
टेक्सटाइल, फिशरीज, पोर्ट्स डेवलपमेंट
30. यशोमति ठाकुर (सोनावने)
महिला और बाल विकास
31. शंकरराव यशवंतराव गदाख
मृदा और जल संरक्षण
32. धनंजय पंडितराव मुंडे
सामाजिक न्याय और विशेष सहायता
33. आदित्य उद्धव ठाकरे
पर्यटन, पर्यावरण
राज्य मंत्री
1. अब्दुल नबी सत्तार
राजस्व, ग्रामीण विकास, बंदरगाह, नमक भूमि विकास, विशेष सहायता
2. सतेज उर्फ बंटी पाटिल
घर (शहर), आवास, परिवहन, सूचना प्रौद्योगिकी, संसदीय कार्य, भूतपूर्व सैनिक कल्याण
3. शंभुराज शिवाजीराव देसाई
गृह (ग्रामीण), वित्त, नियोजन, राज्य उत्पाद शुल्क, कौशल विकास और उद्यमिता, विपणन
4. ओमप्रकाश उर्फ बच्चू बाबाराव कडु
जल संसाधन और क्षेत्र विकास, स्कूल शिक्षा, महिला और बाल विकास, अन्य पिछड़ा वर्ग, सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग, मुक्त जाति, भटकती जनजातियां और विशेष पिछड़ा वर्ग कल्याण, श्रमिक
5. दत्तात्रय विठोबा
सार्वजनिक निर्माण (सार्वजनिक उपक्रमों को छोड़कर), मृदा और जल संरक्षण, वानिकी, पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन, सामान्य प्रशासन
6. विश्वजीत पतंगराव कदम
सहयोग, कृषि, सामाजिक न्याय, खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण, अल्पसंख्यक विकास और औकाफ, मराठी
7. राजेन्द्र श्यामगोंडा पाटिल यदावकर
सार्वजनिक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, खाद्य और औषधि प्रशासन, कपड़ा, सांस्कृतिक मामले
8. संजय बाबूराव बंसोड
पर्यावरण, जल आपूर्ति और स्वच्छता, सार्वजनिक निर्माण (सार्वजनिक उद्यम), रोजगार गारंटी, भूकंप पुनर्वास, संसदीय कार्य
9. प्राजक्ता प्रसादराव तनपुरे
शहरी विकास, ऊर्जा, आदिवासी विकास, उच्च और तकनीकी शिक्षा, आपदा प्रबंधन, सहायता और पुनर्वास
10. श्रीमती अदिति सुनील तटकरे
उद्योग, खनन, पर्यटन, बागवानी, खेल और युवा कल्याण, राजस्थान, सूचना और जनसंपर्क
कांग्रेस-राकांपा के बीच नाराजगी की जानकारी सामने आई थी
इससे पहले मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर राकांपा और कांग्रेस में नाराजगी सामने आई। राकांपा और शिवसेना अपने कोटे से एक भी मंत्री पद कांग्रेस से अदला-बदली करने के लिए तैयार नहीं थे। गुरुवार रात को शिवसेना नेता सुभाष देसाई के आवास पर हुई बैठक में कुछ नेता बीच में ही उठकर चले गए थे। उस बैठक में अशोक चव्हाण ने ग्रामीण विकास, सहकारिता और कृषि विभाग में से कोई एक विभाग कांग्रेस को देने की मांग रखी। चव्हाण ने शिवसेना और एनसीपी के साथ विभागों के अदला-बदली पर भी सहमति दिखाई थी। चव्हाण की मांग पर अजित पवार ने कहा था कि कांग्रेस में किससे बात करें, कोई नेता ही नहीं है। तब दोनों नेताओं के बीच तीखी बहस की खबरें आई थीं।
नई दिल्ली । भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि अब वायुसेना सीमा पार किए बिना भी पाकिस्तान को निशाना बना सकती है। वह संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में एक रैली को संबोधित कर रहे थे। जेपी नड्डा ने कहा कि रक्षा खरीद के संबंध में किए गए कई फैसलों के तहत रक्षा मंत्री के रूप में पर्रिकर के कार्यकाल के दौरान हमें 36 राफेल युद्धक विमान जेट्स मिले। अब हमारे अभिनंदन को पाकिस्तान नहीं जाना पड़ेगा, वह भारत से ही पाकिस्तान पर हमला कर सकते हैं। पिछले साल फरवरी में भारत-पाकिस्तान गतिरोध के दौरान विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान पाकिस्तान में करीब 60 घंटों तक बंदी रहे थे। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि संप्रग सरकार देश के रक्षा बुनियादी ढांचे के उन्नयन में विफल रही। उन्होंने कहा कि आज मैं पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्होंने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रक्षा बलों के लिए बहुत कुछ किया। संप्रग के 10 साल के कार्यकाल में हर रक्षा सौदा भ्रष्टाचार के संदेह के घेरे में था। यह हेलीकॉप्टर सौदा हो या पनडुब्बी सौदा, उसने 10 साल किसी भी खरीद सौदे पर हस्ताक्षर नहीं किए। उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार 'वन रैंक वन पेंशन' के मुद्दे को नहीं सुलझा पाई, जिसे पर्रिकर ने सुलझा दिया था।
नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम भले ही अभी घोषित नहीं हुआ है, मगर भाजपा का चुनाव अभियान आक्रामक हो चला है. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इस कड़ी में रविवार को 30 हजार से अधिक बूथस्तरीय कार्यकर्ताओं को चुनाव जीतने का मंत्र देंगे. भाजपा अमित शाह हर चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं को बूथ जीतो-चुनाव जीतो का खास टिप्स देते हैं. अमित शाह इस सम्मेलन के जरिए विधानसभा चुनाव में 51 प्रतिशत वोट शेयर पाने का कार्यकर्ताओं को लक्ष्य देंगे, ताकि आप-कांग्रेस में गठबंधन होने की स्थिति में भी भाजपा पर असर न पड़े.
इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में कार्यक्रम
अमित शाह रविवार साढ़े 11 बजे से इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में बूथस्तरीय कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे. उनके साथ कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू, प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी सहित अन्य प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे. पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस सम्मेलन में अमित शाह सभी बूथ प्रभारियों को अपने बूथ पर 51 प्रतिशत वोट हासिल करने का लक्ष्य देंगे. शाह हर चुनाव से पहले बूथस्तरीय कार्यकर्ताओं के सम्मेलनों में इस बात पर जोर देते रहे हैं कि जीत की सीढ़ी बूथ से शुरू होती है. अगर हर बूथ प्रभारी अपने बूथ पर पार्टी को आगे रखने में सफल रहे तो जीत सुनिश्चित है.
51 फीसदी वोट प्रति बूथ का लक्ष्य
पार्टी की दिल्ली इकाई के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि जिस तरह से लोकसभा चुनाव में अध्यक्ष अमित शाह ने 51 प्रतिशत वोट शेयर पर फोकस कर यूपी जैसे राज्य में सपा-बसपा गठबंधन के बावजूद पार्टी को बंपर जीत दिलाई, उसी तर्ज पर दिल्ली में भी चुनाव लड़ने की तैयारी है. भाजपा चाहती है कि हर सीट पर उसे इतना वोट मिले कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को मिले कुल वोट से भी ज्यादा फासला हो.
शिवसेना नेता अब्दुल सत्तार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि उन्होंने अभी तक अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को नहीं भेजा है. बताया जा रहा है कि अब्दुल सत्तार को राज्य मंत्री बनाए जाने से शिवसेना के कई नेता खफा थे जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
अभी हाल में उद्धव सरकार में 36 नए मंत्रियों ने शपथ ली थी, जिनमें एक उपमुख्यमंत्री, 25 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्री शामिल हैं. बता दें, कांग्रेस और एनसीपी ही नहीं बल्कि शिवसेना ने भी महाराष्ट्र में मुस्लिम समुदाय को अपने साथ साधे रखने के लिए अपने कोटे से मंत्री बनाया था.
मुख्यमंत्री को नहीं भेजा इस्तीफा
अब्दुल सत्तार राज्यमंत्री बनाए जाने और हल्का मंत्री पद दिए जाने से नाराज बताए जा रहे थे. सत्तार ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री ठाकरे को न भेजकर शिवसेना के एक नेता को भेजा है. इस घटना के बाद शिवसेना नेताओं ने सत्तार को मनाने की कोशिश शुरू कर दी है लेकिन अपने अपने इरादे पर अडिग रहने की बात कर रहे हैं.
अब्दुल सत्तार की इस कार्रवाई को दबाव की रणनीति बताई जा रही है. सत्तार इस बात पर नाराज थे कि उन्हें जूनियर मंत्रालय क्यों दिया गया. हालांकि मुख्यमंत्री कार्यालय को सत्तार का इस्तीफा अभी नहीं मिला है. कहा जा रहा है कि सत्तार ने इस्तीफे का पत्र पार्टी सचिव अनिल देसाई को भेजा है. सत्तार से जुड़े विश्वस्त सूत्रों ने 'इंडिया टुडे' को बताया कि उन्होंने दबाव की रणनीति के तहत यह कदम उठाया है.
उद्धव कैबिनेट का विस्तार
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अभी हाल में अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया. उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे सहित 35 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली, जिसमें कैबिनेट के 25 और राज्यमंत्री के 10 पद शामिल हैं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने रिकार्ड बनाते हुए चौथी बार उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
कैबिनेट में मुस्लिम चेहरा
महा विकास अगाड़ी के अन्य नेताओं सहित आदित्य ठाकरे को कैबिनेट मंत्री बनाया गया. राज्य के मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस के अशोक चव्हाण, परिषद में विपक्ष के नेता रहे एनसीपी के धनंजय मुंडे, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दिलीप वाल्से-पाटिल और एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक इस विस्तार का हिस्सा बने हैं. साल 2014 के बाद पहली बार मंत्रालय में चार मुस्लिम चेहरे आए हैं. शिवसेना के अब्दुल सत्तार नबी (राज्य मंत्री), एनसीपी के नवाब मलिक और हसन मुशरीफ और कांग्रेस के असलम शेख, इन सभी को कैबिनेट स्तर का पद दिया गया है.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने शुक्रवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध करने वाले लोगों को ओबीसी और दलित विरोधी है घोषित कर दिया जाना चाहिए। गृह राज्य मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में उत्पीड़न के कारण वहां से आने वाले लोगों में अधिकतर शर्णार्थी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और दलित वर्ग से हैं। उन्हें सम्मान देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नागरिकता कानून लेकर आए हैं।
नित्यानंद राय ने ओबीसी समुदाय की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर कोई सीएए का विरोध करता है तो उसे दलित विरोधी और ओबीसी विरोधी घोषित कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीएए का विरोद ओबीसी समुदाय पर हमला है। मुट्ठी भर लोग बाहर निकल आए हैं और संशोधित कानून का विरोध कर रहे हैं। ओबीसी लोगों को सिंह के समान गर्जना करनी चाहिए और प्रदर्शनकारियों से ज्यादा तेज आवाज उठानी चाहिए।
गृह राज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केंद्रीय विद्यालयों में ओबीसी छात्रों को आरक्षण देने के लिए बधाई। हमारे प्रधानमंत्री ने सर्जिकल स्ट्राइक का नेतृत्व किया, सीएए लाए, पाकिस्तान से विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को वापस लाए। केवल एक ओबीसी ही ऐसा कर सकता था।
धर्म के आधार पर नागरिकता से वंचित नहीं किया जा सकता: पासवान
केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि कोई भी सरकार किसी भारतीय की नागरिकता को नहीं छीन सकती है। मंत्री ने नागरिकता संबंधित कदमों पर लोगों को आश्वस्त करने की कोशिश करते हुए यह बात कही।
केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी तथा लोक जनशक्ति पार्टी के नेता पासवान ने कहा कि चाहे दलित हों, आदिवासी हों, पिछड़ा हो, अल्पसंख्यक हो या उच्च जाति का हो, ये देश के मूल निवासी हैं, नागरिकता उनका जन्मसिद्ध अधिकार है। उसे कोई भी सरकार छीन नहीं सकती। किसी भी भारतीय नागरिक को अनावश्यक परेशान नहीं किया जाएगा।
जहां तक राष्ट्रीय नागरिक पंजी का सवाल है, इस पर अबतक कोई चर्चा नहीं हुई है लेकिन इसका किसी धर्म से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को धार्मिक आधार पर नागरिकता से वंचित नहीं किया जा सकता है।
पासवान ने कहा कि सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता मेरा और मेरी पार्टी लोजपा का मिशन है। मैंने जीवनभर दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों एवं अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया है । उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार नागरिकता तो दूर रही, इनके अधिकार पर उंगली नहीं उठा सकती है।
पासवान ने ट्वीट कर कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनयम को लेकर पूरे देश में सुनियोजित तरीके से भ्रम फैलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने बार-बार कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून नागरिकता देने के लिए है, नागरिकता छीनने के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को इस कानून के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि भारतीय नागरिकों से इसका कोई लेना देना नहीं है ।
पासवान ने कहा कि 2003 में नागरिकता कानून में संशोधन किया गया जिसमें राष्ट्रीय नागरिक पंजी की अवधारणा तय हुई थी। 2004 में संप्रग की सरकार बनी जो इसे वापस ले सकती थी। लेकिन इसे वापस लेने की बजाय सात मई 2010 को लोकसभा में तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदम्बरम ने कहा था-यह स्पष्ट है कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का उपवर्ग होगा।
हैदराबाद । भाजपा के वरिष्ठ नेता राम माधव ने शुक्रवार को इस बात पर जोर दिया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) देश के किसी नागरिक के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल बेवजह इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा इसका विरोध कर रहे विपक्षी दलों को नागरिकता संशोधन कानून के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
माधव ने कहा सीएए का विरोध कर रहे दलों को कानून की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा वे तथ्यों को जानने की कोशिश भी नहीं करते। वह लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। माधव ने यहां उस्मानिया विश्वविद्यालय में ‘संशोधित नागरिकता कानून पर चर्चा’ के दौरान कहा कि जैसे पहले हम ‘वाटरप्रूफ’ घड़ियां इस्तेमाल करते थे, उसी प्रकार ये दल ज्ञानरोधी हैं। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल या सीएए का विरोध कर रहे लोग सामुदायिक आधार पर देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि वे राजनीतिक मोर्चे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सामना नहीं कर सकते।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने शुक्रवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध करने वाले लोगों को ओबीसी और दलित विरोधी है घोषित कर दिया जाना चाहिए। गृह राज्य मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में उत्पीड़न के कारण वहां से आने वाले लोगों में अधिकतर शर्णार्थी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और दलित वर्ग से हैं। उन्हें सम्मान देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नागरिकता कानून लेकर आए हैं।
नित्यानंद राय ने ओबीसी समुदाय की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर कोई सीएए का विरोध करता है तो उसे दलित विरोधी और ओबीसी विरोधी घोषित कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीएए का विरोद ओबीसी समुदाय पर हमला है। मुट्ठी भर लोग बाहर निकल आए हैं और संशोधित कानून का विरोध कर रहे हैं। ओबीसी लोगों को सिंह के समान गर्जना करनी चाहिए और प्रदर्शनकारियों से ज्यादा तेज आवाज उठानी चाहिए।
गृह राज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केंद्रीय विद्यालयों में ओबीसी छात्रों को आरक्षण देने के लिए बधाई। हमारे प्रधानमंत्री ने सर्जिकल स्ट्राइक का नेतृत्व किया, सीएए लाए, पाकिस्तान से विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को वापस लाए। केवल एक ओबीसी ही ऐसा कर सकता था।
धर्म के आधार पर नागरिकता से वंचित नहीं किया जा सकता: पासवान
केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि कोई भी सरकार किसी भारतीय की नागरिकता को नहीं छीन सकती है। मंत्री ने नागरिकता संबंधित कदमों पर लोगों को आश्वस्त करने की कोशिश करते हुए यह बात कही।
केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी तथा लोक जनशक्ति पार्टी के नेता पासवान ने कहा कि चाहे दलित हों, आदिवासी हों, पिछड़ा हो, अल्पसंख्यक हो या उच्च जाति का हो, ये देश के मूल निवासी हैं, नागरिकता उनका जन्मसिद्ध अधिकार है। उसे कोई भी सरकार छीन नहीं सकती। किसी भी भारतीय नागरिक को अनावश्यक परेशान नहीं किया जाएगा।
जहां तक राष्ट्रीय नागरिक पंजी का सवाल है, इस पर अबतक कोई चर्चा नहीं हुई है लेकिन इसका किसी धर्म से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को धार्मिक आधार पर नागरिकता से वंचित नहीं किया जा सकता है।
पासवान ने कहा कि सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता मेरा और मेरी पार्टी लोजपा का मिशन है। मैंने जीवनभर दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों एवं अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया है । उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार नागरिकता तो दूर रही, इनके अधिकार पर उंगली नहीं उठा सकती है।
पासवान ने ट्वीट कर कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनयम को लेकर पूरे देश में सुनियोजित तरीके से भ्रम फैलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने बार-बार कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून नागरिकता देने के लिए है, नागरिकता छीनने के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को इस कानून के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि भारतीय नागरिकों से इसका कोई लेना देना नहीं है ।
पासवान ने कहा कि 2003 में नागरिकता कानून में संशोधन किया गया जिसमें राष्ट्रीय नागरिक पंजी की अवधारणा तय हुई थी। 2004 में संप्रग की सरकार बनी जो इसे वापस ले सकती थी। लेकिन इसे वापस लेने की बजाय सात मई 2010 को लोकसभा में तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदम्बरम ने कहा था-यह स्पष्ट है कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का उपवर्ग होगा।
भोपाल। भोपाल में आयोजित कांग्रेस के सेवा दल प्रशिक्षण शिविर में विनायक दामोदर सावरकर और नाथूराम गोडसे के संबंधों को लेकर एक विवादित साहित्य बांटने का मामला सामने आया है। इसमें दावा किया गया है कि हिंदू महासभा के सह-संस्थापक सावरकर और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे के बीच शारीरिक संबंध थे। इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस और शिवसेना पर निशाना साधा है। वीर सावरकर-कितने वीर नामक इस बुकलेट में सावरकर से जुड़े तमाम घटनाओं, सवालों और विवादों के बारे में जानकारी दी गई है। बताया गया है कि ब्रह्मचर्य ग्रहण करने से पहले नाथूराम गोडसे के वीर सावरकर से होमोसेक्सुअल संबंध थे। इस बुकलेट में यह भी बताया गया है कि वीर सावरकर जब 12 साल के थे तब उन्होंने एक मस्जिद पर पत्थर भी बरसाए थे। बुकलेट में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को नाजी और फासीवादी संस्था के रूप में दर्शाया गया है। यह भी कहा गया है कि संघ का हिटलर के नाजीवाद और मुसोलिनी के फासीवाद से प्रेरणा मिलती है।
नई दिल्ली । दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 की घोषणा से पहले ही राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर संशोधित नागरिकता कानून को लेकर दिल्ली में हिंसा फैलाने का आरोप लगाया। इसके बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रकाश जावड़ेकर के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि देश अच्छी तरह जानता है कि दंगे कराने का मास्टर कौन है। सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली और देश की जनता भाजपा के सच्चाई जानती है। गौरतलब है कि प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर कहा है कि नागरिकता कानून पर दिल्ली में जो हिंसा हुई उस हिंसा के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जिम्मेदार हैं। दोनों पार्टी हिंसा की निंदा नहीं कर रहीं, किसी को दोष नहीं दे रहीं, हिंसा पर चुप हैं। इन्ही के लोग जनता को उकसाने का काम करते हैं यह लोगों ने देखा है। दिल्ली में जामिया, सीलमपुर और जामा मस्जिद के आसपास जो भी घटनाएं हुईं सबने देखीं जामिया में कांग्रेस के आसिफ खान और आप पार्टी के अमानतुल्ला दोनों पर जनता को उकसाने का आरोप है। दिल्ली जैसे शांत शहर में नागरिकता कानून को लेकर जानबूझकर अल्पसंख्यकों के मन में भ्रम पैदा कर अशांति का माहौल पैदा किया गया व सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया, उसके लिए आम आदमी पार्टी व कांग्रेस पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। इनको दिल्ली की जनता से माफी मांगनी चाहिए।