राजनीति

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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा सदस्यों की लगभग दोगुनी संख्या बढ़ाने की हिमायत की है। सोमवार को एक कार्यक्रम में प्रणब ने कहा कि अब लोकसभा क्षेत्रों की संख्या 543 से बढ़ाकर एक हजार कर देनी चाहिए। साथ ही राज्यसभा की सदस्य संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की आबादी और बहुलता को देखते हुए यह आवश्यक है।इंडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित दूसरे अटल बिहारी बाजपेयी स्मृति व्याख्यान में मुखर्जी ने कहा, अंतिम बार लोकसभा की सदस्य संख्या 1977 में बदली गई। तब 1971 की जनगणना के मुताबिक लोकसभा क्षेत्रों का निर्धारण हुआ। उस समय देश की देश की आबादी 55 करोड़ थी। तब से अब तक देश की आबादी दो गुना से ज्यादा बढ़ गई है। इसलिए लोकसभा क्षेत्रों के पुनर्गठन पर लगी रोक खत्म होनी चाहिए।
बहुमत के दुरुपयोग पर सजा भी देती है जनता : प्रणब
पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी ने बहुमत के दुरुपयोग को लेकर चेतावनी दी। उन्होंने कहा, हम सोचते हैं कि यदि सदन में पूर्ण बहुमत मिल जाए तो फिर कुछ भी और कैसा भी कर सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए। ऐसे लोगों को जनता ने अतीत में अक्सर दंडित किया है।

प्रणब ने कहा, संसदीय लोकतंत्र में बहुमत स्थिर सरकार बनाने के लिए मिलता है। अगर पूर्ण बहुमत नहीं हो तो आप सरकार नहीं बना सकते। यही संसदीय लोकतंत्र का संदेश और उसकी आत्मा है। 1952 से अब लोगों ने किसी दल को संख्यात्मक बहुमत तो दिया लेकिन कभी मतदाताओं के बहुमत ने किसी एक दल का समर्थन नहीं किया। सियासी दलों ने कभी इस संदेश को समझा ही नहीं।
'एक देश, एक चुनाव ठीक नहीं'
मुखर्जी ने ‘एक देश, एक चुनाव’ के प्रस्ताव से असहमति जताते हुए कहा कि संविधान में संशोधन के जरिए ऐसा किया जा सकता है, लेकिन क्या गारंटी है कि भविष्य में जनप्रतिनिधि सरकार पर अविश्वास नहीं जताएंगे?

नागरिकता संशोधन कानून पर एक बार फिर से बसपा प्रमुख मायावती का बयान आया है। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने नागरिकता कानून को असंवैधानिक करार देते हुए इसे वापस लिए जाने की सरकार से मांग की है। मायावती ने कहा कि मैं केंद्र सरकार से इस असंवैधानिक कानून को वापस लेने की मांग करती हूं, अन्यथा भविष्य में इसके नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। सरकार को आपातकाल जैसे हालात पैदा नहीं करने चाहिए, जैसा कि कांग्रेस ने पहले किया था।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मायावती ने कहा कि बसपा की संसदीय पार्टी ने भी राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा है। हमारी पार्टी ने नागरिकता कानून के खिलाफ और महिलाओं के प्रति अपराध के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधानसभा में भी अपनी आवाज उठाई है।
इससे पहले सोमवार को मायावती ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर अलीगढ़ और जामिया में हुए हिंसा पर दुख जताया था। उन्होंने ट्वीट किया- 'नए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में की गई हिंसा में पहले उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ व फिर जामिया यूनिवर्सिटी में तथा पूरे जामिया क्षेत्र में भी जो काफी बेकसूर छात्र व आमलोग शिकार हुए हैं यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है तथा पार्टी पीड़ितों के साथ है।'
उन्होंने आगे लिखा कि नागरिकता संशोधन कानून के विरुद्ध देश भर में जारी आन्दोलन व खासकर अलीगढ़ व जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों पर हुई पुलिस बर्बता के सम्बंध में विरोध प्रकट करने व इसकी न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर बीएसपी का संसदीय दल कल अलगसे मा राष्ट्रपति से मिलेगा जिसके लिए समय की मांग की गई है।

प्रयागराज (इलाहाबाद). उत्तर प्रदेश की रामपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी (एसपी) के नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम का हाईकोर्ट ने निर्वाचन रद्द कर दिया है. अब्दुल्ला आजम स्वार सीट से विधायक चुने गए थे. इस मामले में वर्ष 2017 में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के नेता नवाब काजिम अली ने चुनाव याचिका दायर की थी. अब्दुल्ला के निर्वाचन पर दी गई अर्जी में उन्होंने कहा था कि वर्ष 2017 में चुनाव के वक्त आजम खान के बेटे न्यूनतम निर्धारित उम्र 25 वर्ष के नहीं थे.

चुनाव लडऩे के लिए उन्होंने फर्जी डॉक्युमेंट्स दाखिल किए थे और झूठा हलफनामा दाखिल किया था. बता दें कि काजिम अली की ओर से दायर की गई अर्जी में अब्दुल्ला आजम की 10वीं क्लास की मार्कशीट के साथ कई अहम दस्तावेजों में दर्ज जन्मतिथि को आधार बनाया गया था. हालांकि, पूरे मामले को लेकर अब्दुल्ला आजम का कहना था कि प्राइमरी में एडमिशन के वक्त टीचर ने अंदाज से जन्मतिथि दर्ज की थी.

तंजीन फातिमा ने रखा था यह पक्ष

अब्दुल्ला आजम के हाई स्कूल से परास्नातक डिग्रियों में जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 दर्ज है. यही तिथि पैन कार्ड, पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस में भी है. सांसद आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा ने कोर्ट को बताया था कि अब्दुल्ला का जन्म लखनऊ में हुआ था. वह सरकारी नौकरी में थीं. क्वींस मैरी हॉस्पिटल में 30 सितंबर 1990 को अब्दुल्ला का जन्म हुआ.

यह अस्पताल के दस्तावेजों में भी दर्ज है. उसी समय उन्होंने मातृत्व अवकाश भी लिया था. उन्होंने कहा कि हाई स्कूल में दर्ज गलत जन्म तिथि को दुरुस्त करने के लिए उन्होंने अर्जी दी, जिसे काल बाधित माना गया. पासपोर्ट में जन्मतिथि दुरुस्त करा ली गई है. पैनकार्ड के लिए अर्जी दी गई है.

कोर्ट ने रिजर्व किया था फैसला

डायरेक्टर ने बताया था कि हाई स्कूल परीक्षा फॉर्म कक्षा अध्यापक भरते थे. छात्र के हस्ताक्षर भी लिए जाते थे. डॉक्टर ने भी अस्पताल में जन्म की पुष्टि की. गवाहों के बयान दर्ज होने और दोनों पक्षों की बहस के बाद कोर्ट ने फैसला रिजर्व कर लिया था.

कोलकाता. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एनआरसी और नागरिकता कानून विरोधी विज्ञापन को असंवैधानिक बताया है। धनखड़ ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुख्यमंत्री ने विज्ञापन के लिए सरकारी धन का दुरुपयोग किया। तृणमूल सरकार ने विज्ञापन में कहा है कि बंगाल में एनआरसी और नागरिकता कानून लागू नहीं होने दिया जाएगा।
राज्यपाल ने कहा, ‘‘राज्य का मुखिया जनता के धन को एनआरसी और नागरिकता कानून विरोधी विज्ञापन के लिए मीडिया को कैसे दे सकता है? मैं शिष्टाचारपूर्वक उनको (ममता) बता चुका हूं कि यह विज्ञापन पूरी तरह असंवैधानिक है। मैंने उनसे विज्ञापन को वापस लेने का अनुरोध किया है।’’
‘बंगाल की कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब’
धनखड़ ने कहा, ‘‘यह समय राजनीति करने का नहीं है। हम सभी को कानून का पालन करना चाहिए। हम अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला नहीं झाड़ सकते हैं। राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब है। सरकारी संपत्ति को मनमाने और क्रूर ढंग से नुकसान पहुंचाया जा रहा है। समाज के खास वर्ग के लोगों के दिमाग में डर बिठा दिया गया है।’’
बंगाल में उग्र प्रदर्शन हुए, बसें और ट्रेनें जलाई गईं
नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ बंगाल के कोलकाता, मुर्शिदाबाद, हावड़ा समेत कई जिलों में प्रदर्शनकारियों ने उग्र विरोध दर्ज कराया था। पिछले दिनों रेलवे स्टेशनों, सरकारी दफ्तरों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई थी। हिंसक भीड़ ने नेशनल हाईवे 34 को जाम कर 10 बसों में आग लगा दी थी। एक लोको शेड में 5 खाली ट्रेनों को जला दिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ममता ने प्रदर्शनकारियों से कहा था कि विरोध करें, लेकिन कानून हाथ में न लें।

नई दिल्ली. चुनाव आयोग ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की शिकायत के बाद राहुल गांधी के ‘रेप इन इंडिया’ बयान को लेकर झारखंड के अधियारियों से जवाब मांगा है। राहुल ने 12 दिसंबर को गोड्‌डा में चुनावी रैली के दौरान कहा था- मोदी कहते हैं मेक इन इंडिया, लेकिन आजकल आप जहां कहीं भी देखते हैं, वहां ‘रेप इन इंडिया' है। इस पर भाजपा ने संसद में राहुल से माफी की मांग की थी। फिर कांग्रेस की ‘भारत बचाओ’ रैली में कहा था- मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं, राहुल गांधी है। सही बात बोलने के लिए माफी नहीं मांगूंगा।
संसद में बयान पर हंगामे के बाद भी राहुल ने माफी मांगने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि नरेंद्र मोदी ने तो दिल्ली को रेप कैपिटल बताया था। मेरे पास इसकी क्लिप है। इसके बाद स्मृति समेत अन्य महिला सांसदों ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। स्मृति ने बताया कि हमने आयोग से कहा है कि महिला अपराधों को लेकर किसी तरह की राजनीति नहीं की जानी चाहिए। राहुल गांधी ने दुष्कर्म को एक राजनीतिक हथकंडे के तौर पर इस्तेमाल किया।
फडणवीस ने कहा- राहुल सावरकर के नाखून के बराबर भी नहीं
राहुल ने शनिवार को कांग्रेस की रैली में कहा था- मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं, राहुल गांधी है। सही बात बोलने के लिए माफी नहीं मांगूंगा। इस बयान का भाजपा और शिवसेना ने विरोध किया था। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि राहुल का बयान शर्मनाक है। सावरकर ने 12 साल अंडमान जेल में प्रताड़ना सही। राहुल 12 घंटे भी नहीं सह सकते। वे सावरकर के नाखून के बराबर भी नहीं हैं। वहीं, शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने ट्वीट किया, ‘‘सावरकर नाम में राष्ट्राभियान और स्वाभिमान है। नेहरू और गांधी की तरह सावरकर ने भी आजादी के लिए अपना जीवन न्योछावर किया था। ऐसे हर देवता का सम्मान किया जाना चाहिए। इस पर किसी तरह का कोई समझौता नहीं होगा।’’

झारखंड में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के ‘रेप इन इंडिया’ बयान पर संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) से मामले की रिपोर्ट मांगी है।आयोग के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि इस मामले की शिकायत मिलने पर आयोग ने राज्य के सीईओ से गांधी के विवादित बयान के बारे में घटनाओं की सिलसिलेवार जानकारी मांगी है। अधिकारी ने बताया कि इसमें सीईओ को बताना होगा कि राहुल गांधी ने कब, कहां और किस संदर्भ में उक्त बयान दिया था।
आयोग ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की अगुवाई वाले भाजपा महिला सांसदों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा की गई शिकायत पर संज्ञान लेते हुए यह कार्रवाई की है। भाजपा सांसदों ने राहुल गांधी द्वारा झारखंड में चुनाव प्रचार के दौरान एक रैली में भारत को ‘रेप इन इंडिया’ कहे जाने की शिकायत कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। आयोग के अधिकारी ने बताया कि शिकायत में उल्लिखित घटना की तथ्यात्मक रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
राहुल के रेप इन इंडिया बयान को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने चुनाव आयोग के पास शिकायत की। जिसपर आयोग ने झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से जवाब मांगा है। राहुल ने झारखंड के गोड्डा में 12 दिसंबर को यह बयान दिया था।
राहुल गांधी के खिलाफ राजद्रोह की शिकायत
वहीं राहुल गांधी के खिलाफ एक स्थानीय भाजपा नेता मुकेश राजावत ने शुक्रवार को जिला अदालत में राजद्रोह की शिकायत दर्ज कराई है। सिसोदिया ने बताया कि इस शिकायत में गांधी के रेप इन इंडिया वाली टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उनके खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 124-ए (राजद्रोह) और अन्य सम्बद्ध धाराओं में मुकदमा चलाये जाने की अपील की गई है।

मुंबई/नई दिल्ली. शिवसेना नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा कि वीर सावरकर न केवल महाराष्ट्र बल्कि देश के भी देवता हैं. उन्होंने कहा कि सावरकर का नाम देश के लिए गर्व और गौरव का विषय है. नेहरू और गांधी की तरह सावरकर ने स्वतंत्रता के लिए अपना बलिदान दिया था. ऐसे हर भगवान को सम्मानित किया जाना चाहिए. इससे कोई समझौता नहीं होना चाहिए.

राज्यसभा सांसद राउत ने यह ट्वीट कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के उस बयान के बाद में किया है, जिसमें राहुल ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि उनका नाम 'राहुल सावरकर' नहीं है, वह राहुल गांधी हैं और माफी नहीं मांगेंगे.

राहुल ने दिल्ली के रामलीला मैदान में शनिवार को कांग्रेस की ओर से आयोजित भारत बचाओ रैली को संबोधित करते हुए कहा, कल संसद में भाजपा के नेता मुझसे माफी की मांग कर रहे थे. लेकिन मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं है, मैं राहुल गांधी हूं. मैं सच बोलने के लिए माफी नहीं मागूंगा.

राहुल का इशारा हिंदूवादी नेता दिवंगत विनायक दामोदर सावरकर द्वारा 14 नवंबर, 1913 को ब्रिटिश सरकार को लिखे गए माफी पत्र की तरफ था, जिसे उन्होंने अंडमान के सेलुलर जेल में बंद रहने के दौरान लिखा था.

नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि राहुल गांधी देश के इतिहास को नहीं समझते. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने जो वीर सावरकर जैसे एक महान देशभक्त पर टिप्पणी कर रहे हैं यह हल्की बात है. दरअसल रविशंकर प्रसाद राहुल के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है जो राहुल गांधी दिल्ली के रामलीला मैदान में भारत बचाओ रैली में दिया था.

रविशंकर प्रसाद ने कहा, भारत की सेना और बालाकोट एयरस्ट्राइक पर सबूत मांगने वाले अब सावरकर पर सवाल उठाते है उनकी देशभक्ती पर टिपण्णी करते है जो सालों अंग्रेजों की काल कोठरी में रहे.

उन्होंने कहा, राहुल की बातों में महापुरुषों की जानकारी का आभाव बोलता है उनको इतिहास की जानकारी नहीं, उनकी जिंदगी परिवार पर सिमटी है उनका अहंकार बोलता है. वहीं बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि राहुल अगर 100 जन्म भी लें तो भी वो सावरकर नहीं बन पाएंगे.

इससे पहले गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी पर निशाना साधा था. गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की फोटो ट्वीट करते हुए लिखा, वीर सावरकर तो सच्चे देशभक्त थे...उधार का सरनेम लेने से कोई गांधी नहीं होता ,कोई देशभक्त नहीं बनता..देशभक्त होने के लिए रगों में शुद्ध हिंदुस्तानी रक्त चाहिए.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, वेश बदलकर बहुतों ने हिंदुस्तान को लूटा है अब यह नहीं होगा. यह तीनों कौन है ? क्या यह तीनों देश के आम नागरिक हैं?

वहीं बीजेपी सांसद और प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने भी कहा है कि राहुल गांधी का नाम राहुल गांधी नहीं बल्कि राहुल जिन्ना होना चाहिए. जीवीएल नरसिम्हा राव ने ट्वीट कर कहा, आपके (राहुल गांधी) लिए अधिक उपयुक्त नाम राहुल जिन्ना है। आपकी मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति और मानसिकता आपको सावरकर की नहीं, बल्कि मोहम्मद अली जिन्ना की योग्य वारिस बनाती है.

जनता दल (यूनाइटेड) के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी के अध्यक्ष नीतीश कुमार केंद्र सरकार द्वारा देशभर में लागू किए जाने वाले राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण (एनआरसी) के खिलाफ है। भाजपा की सहयोगी पार्टी जिसने संसद में नागरिकता संशोधन अधिनियम (कैब) पर सरकार का साथ दिया था उसने आधिकारिक तौर पर एनआरसी के लिए मना कर दिया है। जदयू भाजपा की पहली सहयोगी पार्टी है जिसने खुलेतौर पर एनआरसी का विरोध किया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार कह रही हैं कि वह अपने राज्य में एनआरसी को लागू नहीं होने देंगी। कैब के पास होने के बाद मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इसे संविधान विरोधी कानून बताया था जिसका केरल में कोई स्थान नहीं है। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना है कि उनकी सरकार राज्य में इसे लागू नहीं होने देगी।

बिहार के मुख्यमंत्री के साथ शनिवार को किशोर की दो घंटे तक चली बैठक के बाद उन्होंने कहा, 'नीतीश कुमार पार्टी के पहले वाले रुख के साथ हैं कि वह एनआरसी का समर्थन नहीं करेंगे। एनआरसी और कैब खतरनाक हैं। यदि एनआरसी नहीं है तो कैब ठीक है। मुख्यमंत्री का कहना है कि कैब नागरिकता देने के लिए है लेकिन यदि इसे एनआरसी से जोड़ा जाएगा तो यह भेदभावपूर्ण बन जाएगा।' किशोर लगातार अपने ट्वीट के जरिए कैब और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं।

नीतीश प्रशांत किशोर की मुलाकात के बाद जदयू के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की है कि पार्टी एनआरसी पर सरकार को समर्थन नहीं करेगी। पूरी पार्टी एनआरसी को समर्थन न करने के नीतीश कुमार के फैसले के साथ है। हम पहले भी बहुत कुछ कह चुके हैं लेकिन कैब पर हमारे समर्थन से गलतफहमी की स्थिति पैदा हो गई थी। नीतीश और किशोर की मुलाकात के बाद पार्टी का एनआरसी पर रुख साफ हो गया है।
जदयू के कैब को समर्थन करने से निराश हूं: प्रशांत किशोर
किशोर का कहना है कि कैब को लेकर उनके निजी रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने 13 दिसंबर को ट्वीट कर लिखा था, 'संसद में बहुमत कायम रहा। अब न्यायपालिका से परे, भारत की आत्मा को बचाने का काम 16 गैर-भाजपा मुख्यमंत्रियों पर है क्योंकि यह ऐसे राज्य हैं जिन्हें इन कार्यों का संचालन करना है।'

इससे एक दिन पहले उन्होंने लिखा था, 'हमें बताया गया था कि नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 नागरिकता प्रधान करने के लिए और यह किसी से भी उसकी नागरिकता को वापस नहीं लेगा। लेकिन सच यह है कि यह नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस के साथ मिलकर सरकार के हाथ में एक हथियार दे देगा। जिससे वह धर्म के धार पर लोगों के साथ भेदभाव कर और यहां तक कि उनपर मुकदमा चला सकती है।'

किशोर ने यह भी कहा था कि वह बहुत निराश हैं कि जदयू जिसके संविधान के पहले पन्ने पर तीन बार धर्मनिरपेक्षता का शब्द है और जिसका नेतृत्व गांधीवादी विचारधारा करती है वह कैब का समर्थन कर रही है। शनिवार को किशोर ने अपना इस्तीफा देने की पेशकश की थी क्योंकि जदयू के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह उन्हें निशाना बना रहे थे। उन्हें नीतीश ने पार्टी के लिए कार्य करने की सलाह दी। मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद किशोर ने सिंह के साथ अपने मतभेदों को दूर कर दिया।
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से नीतीश ने बनाई दूरी
नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से दूरी बना ली। शनिवार को उत्तर प्रदेश के औद्योगिक शहर कानपुर में राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक में उनका पहुंचना तय था, उनके स्वागत के पोस्टर तक लग चुके थे लेकिन ऐन वक्त पर उन्होंने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया। जिसके कारण उनके स्थान पर राज्य के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शिरकत की। यह कार्यक्रम नमामि गंगे के बड़ी परियोजना और समीक्षा को लेकर कानपुर में आयोजित किया गया था।

दिल्ली के रामलीला मैदान से कांग्रेस ने भारत बचाओ रैली के जरिए केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। इस रैली में दिए राहुल गांधी के एक बयान ने महाराष्ट्र की सियासत में हलचल पैदा कर दी है। राहुल गांधी ने अपने 'रेप इन इंडिया' वाले बयान पर माफी न मांगने को लेकर कहा कि उनका नाम राहुल गांधी है राहुल सावरकर नहीं। उनके इस बयान से शिवसेना काफी नाराज है क्योंकि वह विनायक दामोदर सावरकर को अपना हीरो मानती है। यह शिवसेना के उस नायक का अपमान है जिसके नाम पर पार्टी सालों से राजनीति कर रही है।महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के महा विकास अघाड़ी गठबंधन की पार्टी है। माफी को लेकर राहुल ने सावरकर का नाम इसलिए लिया क्योंकि अंडमान की सेलुलर जेल में कैद हिंदूवादी नेता ने 14 नवंबर, 1913 को ब्रिटिश सरकार को कथित रूप से माफीनामा लिखा था। भाजपा द्वारा रेप इन इंडिया पर माफी मांगने को लेकर उन्होंने कहा कि उनका नाम सावरकर नहीं बल्कि गांधी है। मर जाएंगे लेकिन कभी माफी नहीं मांगेगे।

वहीं अब शिवसेना के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है कि राहुल का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं से अनुरोध करता हूं कि वह सावरकर का बलिदान समझने के लिए राहुल को उनकी कुछ किताबें गिफ्ट करें। उन्होंने कहा, 'हम पंडित नेहरू, महात्मा गांधी को भी मानते हैं, आप वीर सावरकर का अपमान ना करें। समझने वाले समझ गए है। जय हिंद!!' दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, 'आप आज भी यदि सावरकर का नाम लेते हैं तो देश के युवा उत्तेजित और उद्वेलित हो जाते हैं, आज भी सावरकार देश के नायक हैं और आगे रहेंगे, वह हमारे देश का गर्व हैं।'
फडणवीस का राहुल गांधी पर पलटवार
राहुल गांधी के सावरकर पर दिए बयान के बाद भाजपा ने मोर्चा खोल दिया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से दिया गया बयान पूरी तरह से निंदनीय है और उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।फडणवीस ने कहा कि केवल आखरी नाम गांधी होने से कोई महात्मा गांधी नहीं बन जाता है। उन्होंने आगे कहा कि शायद राहुल गांधी को सावरकर जी के बारे में जानकारी नहीं है।

सावरकर जी को अंडमान जेल की कोठरी में 12 साल तक यातना का सामना करना पड़ा जबकि राहुल गांधी 12 घंटे भी नहीं रह सकते। सिर्फ गांधी को अपने नाम में लगाने से आप गांधी नहीं बन जाते। सावरकर के खिलाफ ऐसी भाषा का इस्तेमाल करना, देश के लिए सब कुछ त्याग करने वाले तमाम देशभक्तों का अपमान है।
भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी का राहुल गांधी पर तंज
जहां तक माफी मांगने का सवाल है, राहुल गांधी ने भी राफेल मुद्दे पर कुछ दावे किए और बाद में इसके लिए माफी मांगी। वह आरएसएस पर अपनी टिप्पणी के लिए अदालती मामले का भी सामना कर रहे हैं। यह उनके व्यक्तित्व का हिस्सा है, बचकाने बयान देना और फिर माफी मांगने से इनकार करना लेकिन आखिर में मामला अदालत में जाने के बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ती है।
क्या था राहुल का बयान?
राहुल गांधी ने रामलीला मैदान में रैली के दौरान कहा कि कल संसद में भाजपा के लोगों ने कहा कि आप अपने भाषण के लिए माफी मांगिए। लेकिन मैं आपको बता दूं कि मेरा नाम 'राहुल सावरकर' नहीं है, मेरा नाम 'राहुल गांधी' है। मर जाऊंगा, मगर माफी नहीं मांगूंगा।

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