राजनीति

राजनीति (6705)

लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस सांसद अधीर रंजन ने कहा, 'यह काफी दुर्भाग्य है कि हर मुद्दे पर बोलने वाले प्रधानमंत्री इस मामले (महिलाओं के खिलाफ अपराध) पर चुप्पी साधे हुए हैं। भारत धीरे-धीरे मेक इन इंडिया से रेप इन इंडिया की ओर बढ़ रहा है।'

जम्मू-कश्मीर पर अमित शाह और अधीर में तीखी बहस

वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि जम्मू-कश्मीर में हिरासत में लिए गए नेताओं को छोड़ने का निर्णय स्थानीय प्रशासन की ओर से लिया जाएगा और वहां के मामले में केंद्र सरकार दखल नहीं देगी। सदन में प्रश्नकाल के दौरान सांसद अधीर रंजन चौधरी के पूरक प्रश्न के उत्तर में शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति सामान्य है, लेकिन वह कांग्रेस की स्थिति सामान्य नहीं कर सकते।उन्होंने कहा कि कहा कि कांग्रेस के लोग कह रहे थे कि 370 हटाने पर रक्तपात हो जाएगा, लेकिन वहां एक गोली भी नहीं चली। शाह ने कहा कि स्थिति पूरी तरह सामान्य है। उन्होंने कहा कि जब स्थानीय प्रशासन को लगेगा कि नेताओं को रिहा करने का उचित समय है तो इस बारे में निर्णय लिया जाएगा। केंद्र किसी तरह का दखल नहीं देगा।

दरअसल, चौधरी ने सवाल किया था कि जम्मू-कश्मीर में फारूक अब्दुल्ला और दूसरे नेताओं को कब रिहा किया जाएगा तथा क्या वहां राजनीति गतिविधि बहाल है ? इससे पहले गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि पड़ोसी देश पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर को लेकर गलत प्रचार कर रहा है, लेकिन सरकार वहां स्थिति सामान्य बनाए रखने को प्रतिबद्ध है।

 

पुणे कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भारत को 'रेप कैपिटल' बताए जाने पर उपराष्‍ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने उनका नाम लिए बिना नसीहत दी है। नायडू ने कहा कि हमें अपने देश का नाम बदनाम नहीं करना चाहिए। इस तरह के क्रूरता के मामले में हमें राजनीति नहीं करनी चाहिए। उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि नया कानून लाना भी रेप की समस्‍या का समाधान नहीं है और निर्भया कानून इसका उदाहरण है।

पुणे में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्‍ट्रपति ने कहा, 'भारतीय परंपरा में हम औरत को मां और बहन के रूप में व्‍यवहार करते हैं लेकिन इन दिनों देश के कुछ हिस्‍सों में जो कुछ भी हुआ है, वह शर्मनाक है और हम सब के लिए चुनौती है। इसके समाधान के लिए नया कानून लाना समाधान नहीं है। मैं नया कानून या विधेयक लाने के खिलाफ नहीं हूं। हम निर्भया के लिए बिल लाए। क्‍या हुआ? क्‍या समस्‍या का समाधान हो गया?'


'क्रूरता के मामलों में राजनीति नहीं करना चाहिए'
नायडू ने कहा, 'भारत का नाम खराब हो रहा है। किसी ने कहा कि भारत 'फला चीज' का कैपिटल बनता जा रहा है, मैं इसमें नहीं पड़ना चाहता हूं। हमें अपने देश के नाम को बदनाम नहीं करना चाहिए। हमें इस तरह के क्रूरता के मामलों में राजनीति नहीं करना चाहिए।'


राहुल ने मोदी सरकार पर साधा था निशाना
बता दें कि कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा तो भारत को दुनिया का रेप कैपिटल बताया था। उन्होंने कहा था कि भारत दुनिया के रेप कैपिटल के रूप में जाना जाता है। अपने संसदीय क्षेत्र केरल के वायनाड में एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने रेप और हत्या के आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर केस में पीएम की चुप्पी पर सावल उठाया।

राहुल गांधी ने कहा, 'भारत दुनिया के रेप कैपिटल के रूप में जाना जाता है। दूसरे देश पूछ रहे हैं कि क्यों भारत अपनी बहन-बेटियों की सुरक्षा नहीं कर पा रहा है। एक बीजेपी एमएलए एक महिला के रेप में शामिल है, लेकिन पीएम इस पर एक शब्द भी नहीं बोलते हैं।'

शुरुआती रुझानों में भाजपा 10, कांग्रेस दो, जेडीएस दो और निर्दलीय उम्मीदवार एक सीट पर आगे चल रहे हैं।  कर्नाटक में येदियुरप्पा सरकार बनाए रखने के लिए भाजपा को छह सीटों पर जीत दर्ज करनी होगी।
कर्नाटक में छह दिसंबर को 15 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए आज मतगणना हो रही है। राज्य के सभी मतगणना स्थलों पर कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह आठ बजे से मतों की गिनती शुरू हो गई है। दोपहर बाद सभी सीटों के परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।

भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए साथ आ सकते हैं कांग्रेस-जेडीएस

महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनाने के बाद कांग्रेस की नजर अब कर्नाटक उपचुनाव पर है। कर्नाटक में कांग्रेस ने बीते रविवार को संकेत दिया था कि उपचुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को बहुमत के लिए जरूरी सीटें नहीं मिल पाने की स्थिति में वह एक बार फिर जेडीएस के साथ हाथ मिला सकती है। कांग्रेस ने कहा था कि वह एक बार फिर जेडीएस के साथ हाथ मिलाने के विरूद्ध नहीं है। वहीं जेडीएस के नेता पहले ही ऐसे संकेत दे चुके हैं कि पार्टी ऐसी संभावना के लिए तैयार है। 

एग्जिट पोल भाजपा के पक्ष में 

एग्जिट पोल की बात करें तो स्थानीय चैनलों ने भाजपा को 9 से 12 सीटें मिलने का अनुमान जताया है। वोटों की गिनती से पहले येदियुरप्पा ने कहा, हम अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। लोगों को भी हमसे यही उम्मीद है। वहीं, कांग्रेस व जेडीएस ने विश्वास जताया है कि अयोग्य ठहराए जाने के बाद अब भाजपा से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को जनता नकार देगी। 

क्यों आई उपचुनाव की नौबत  

कांग्रेस और जेडीएस के 17 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद 15 सीटों पर उपचुनाव कराया गया। हाईकोर्ट में चल रहे मुकदमे की वजह से दो सीटों पर उपचुनाव नहीं कराया गया है। इन 15 सीटों में से 12 पर कांग्रेस और तीन जेडीएस के पास थीं। 224 सदस्यों वाली विधानसभा में 17 विधायकों के अयोग्य घोषित होने के बाद यह संख्या 207 पर आ गई थी और 29 जुलाई को बीएस येदियुरप्पा ने विश्वास मत हासिल कर लिया। 

 

नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) सोमवार को लोकसभा (Lok Sabha) में नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill) पेश कर दिया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले बुधवार को इस विधेयक को मंजूरी दी थी. 

पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंग्लादेश में उत्पीड़न के कारण वहां से भागकर आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्मावलंबियों को नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के तहत भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी.

इस विधेयक का विपक्ष ने पहले ही विरोध किया है. कांग्रेस ने इसे असंवैधानिक करार दिया है. विधेयक में मुस्लिम को छोड़ देने को लेकर अल्पसंख्यक गुटों ने भी इसका विरोध किया है. मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने रविवार को एक प्रेसवार्ता के दौरान ऐलान किया कि वह प्रस्तावित विधेयक में दो संशोधन का प्रस्ताव पेश करेगी.

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा नागरिकता संशोधन बिल देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं. 
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा नागरिकता संशोधन बिल पर हर सवाल का जवाब दूंगा. उन्होंने कहा कि जब बिल पर चर्चा हो तो विपक्ष वॉक आउट न करें
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश किया
AIUDF ने जंतर-मंतर पर नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन किया.
समाजवादी पार्टी प्रमुख और आजमगढ़ से सांसद अखिलेश यादव ने कहा, हम नागरिकता संशोधन बिल 2019 के खिलाफ हैं और हर कीमत पर इसका विरोध करेंगे.'
AIUDF के सांसद बदरुद्दीन अजमल ने संसद परिसर में बैनर लेकर नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध जताया. 

मुंबई । पार्टी में लगातार हो रही उपेक्षा से नाराज पूर्व मंत्री एकनाथ खड़से ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) छोड़ने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा पिछले 40 साल से मैं पार्टी के लिए काम कर रहा हूं, लेकिन पिछले कुछ समय में मेरे साथ अन्याय किया जा रहा है। 
उन्होंने कहा कि मेरे समर्थकों को लगता है कि मुझे जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। आखिर मैं भी एक इनसान हूं, भगवान नहीं, मेरी भी भावनाएं हैं। यदि इसी तरह मेरे साथ पार्टी में अन्याय जारी रहा, तो मुझे कुछ अलग तरह से सोचना पड़ेगा।
भाजपा के दिग्गज नेता खड़से ने शिकायत की कि हाल के दिनों में पार्टी में उन्हें पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है, जो मेरा खुला अपमान है। मैं कई सालों से पार्टी के साथ मिलकर काम कर रहा हूं। पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया है। अब मैं खुद को पार्टी में अकेला और उपेक्षित महसूस कर रहा हूं। 
उन्होंने कहा कि मैं नहीं जानता कि मुझे जानबूझ कर क्यों निशाना बनाया जा रहा है। अब मुझे पार्टी की निर्णय प्रक्रिया से भी हटा दिया गया है। मेरे पास कोर कमेटी में भी जगह नहीं है, आज भी मुझे केवल जलगांव में एक बैठक में आमंत्रित किया गया था, जो मेरा अपमान है। उल्लेखनीय है कि शनिवार को जलगांव में उत्तर महाराष्ट्र के पांच जिलों की कोर कमिटी की बैठक थी, जिसमें खड़से को भी आमंत्रित किया था। दोपहर तक खडसे वहां नहीं पहुंचे थे, जिसके बाद उनकी नाराजगी की अटकलें लगाई जाने लगीं। हालांकि, तीन बजे के बाद वह वहां पहुंचे और उन्होंने बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने भी भाग लिया।
भाजपा में एकनाथ खड़से और गिरीश महाजन की लड़ाई अब खुलकर सामने आ गई है। महाजन की चुनौती को स्वीकार करते हुए खड़से ने कहा कि पंकजा मुंडे और रोहिणी खडसे को चुनाव में हराने के लिए पार्टी के किन नेताओं ने भूमिका निभाई समय आने पर इसका खुलासा करूंगा। खड़से ने कहा कि उनके पास नाम के साथ सबूत हैं। 
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी ने खड़से को टिकट नहीं दिया था। उनकी जगह पुत्री रोहिणी को मुक्ताईनगर से उम्मीदवार बनाया गया था, लेकिन वह शिवसेना के बागी उम्मीदवार से चुनाव हार गईं। इसके बाद खड़से ने आरोप लगाया था कि पार्टी के कुछ नेताओं ने रोहिणी को हराने में अहम भूमिका निभाई, इसका मेरे पास सबूत है। 
पार्टी को मुझे अनुमति दे तो सारे सबूत दे दूंगा। मैंने चंद्रकांत पाटिल से बात की, उन्हें दस्तावेजी सबूत दिए हैं। वहीं, पाटिल इस विवाद को पार्टी का आंतरिक मामला बताते हुए स्थिति को संभालने की कोशिश करते दिखाई दिए। उन्होंने कहा पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, जेपी नड्डा और भूपेंद्र यादव को सबूत दिखाए जाएंगे, उसके बाद पार्टी विरोधी गतिविधियों में लगे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

नई दिल्ली । देश की सबसे पुरानी राजनैतिक पार्टी कांग्रेस ने गिरने के बाद फिर उठने के लिए कमर कस ली और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी वापस पार्टी की कमान संभालने वाले हैं। इस बात की संभावना है कि अगले साल के आरंभ में दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद वह दोबारा पार्टी की कमान संभालें। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल का कहना है कि देश अब ज्यादा चाहने लगा है कि वह नेतृत्व की भूमिका में हों। राहुल गांधी के साथ केरल स्थित उनके संसदीय क्षेत्र वायनाड गए वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘देश नाजुक दौर से गुजर रहा है। पार्टी को उनके नेतृत्व की जरूरत है और पार्टी के कार्यकर्ताओं की ओर से उनकी वापसी की मांग उठने लगी है। हमें उम्मीद है कि वह उनकी बात सुनेंगे।’
अगले कुछ महीनों में कांग्रेस का अधिवेशन होने वाला है जिसमें पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की नियुक्ति को मंजूरी प्रदान की जाएगी। एक सूत्र ने बताया कि उस सम्मेलन में राहुल गांधी की वापसी को लेकर आवाज उठेगी क्योंकि पार्टी के युवा नेताओं ने इसकी योजना बनाई है। पार्टी संगठन में राहुल गांधी को प्रोन्नति करने की मांग पहली बार अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के हैदराबाद अधिवेशन में 2006 में उठी थी जहां उत्तर प्रदेश के पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके पक्ष में नारे बुलंद किए थे और 2007 में उनको पार्टी का महासचिव बनाया गया। उसके बाद उनको उपाध्यक्ष बनाने की मांग 2013 में जयपुर अधिवेशन में उठी थी।
पार्टी के विभिन्न वर्गों की मांग के बाद राहुल गांधी 2017 में निर्विरोध कांग्रेस अध्यक्ष निर्वाचित हुए, लेकिन 2019 के आम चुनाव में उनके नेतृत्व में पार्टी का प्रदर्शन खराब रहने के कारण उन्होंने उसकी जिम्मेदारी लेते हुए मई में इस्तीफा दे दिया। पार्टी की ओर से उनसे दोबारा विचार करने का आग्रह बार-बार किए जाने के बाद भी वह नहीं माने। इसके बाद अगस्त में सोनिया गांधी को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया गया। राहुल गांधी भले ही पार्टी के प्रमुख न हों लेकिन उनका फैसला पार्टी का फैसला होता है जैसा कि शिव सेना-कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस गठबंधन नीत महाराष्ट्र सरकार में नितिन राउत की मंत्री के रूप में नियुक्ति और नाना पटोले के विधानसभाध्यक्ष बनने से जाहिर होता है। सूत्र ने बताया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अधिवेशन स्थल को लेकर पार्टी अंतिम फैसला लेने वाली है जोकि कांग्रेस शासित मध्यप्रदेश या राजस्थान में जनवरी व फरवरी में होने वाली है। 

मुंबई । हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक से गैंगरेप और हत्या के सभी आरोपी पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में तेलंगाना पुलिस की खूब तारीफ की है। सामना में लिखे संपादकीय में कहा गया है कि पुलिस जिंदाबाद, पुलिस ने शार्टकट अपनाते हुए पीड़िता को त्वरित न्याय दे दिया है। इस मुठभेड़ के लिए तेलंगाना पुलिस का अभिनंदन किया जा रहा है। पुलिस जिंदाबाद के नारे लगाते हुए जनता पुलिस पर फूल बरसा रही है। हैदराबाद बलात्कार मामले के चारों आरोपी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। परदे के पीछे की कहानी ऐसी है कि पुलिस जांच के लिए आरोपियों को घटनास्थल पर ले गई। वहां उन्होंने भागने का प्रयास किया इसलिए पुलिस ने उन पर गोलियां चलाकर उनका एनकाउंटर कर दिया। सामना में लिखा गया है कि इस कहानी पर कोई विश्वास नहीं करेगा लेकिन चार नराधमों का खात्मा हो गया, इसलिए लोगों ने खुशी व्यक्त की है। 
हैदराबाद की पीड़िता चिकित्सक के साथ 27 नवंबर को सामूहिक बलात्कार किया गया था। इसके बाद बलात्कारियों ने उसे जान से मार दिया और शव को पेट्रोल डालकर जला दिया। इस घटना के बाद से ही पूरे देश में गुस्सा फैल गया था। गुरुवार के पुलिस मुठभेड़ के बाद गुस्से की यह आग ठंडी पड़ी होगी। पुलिस ने मात्र 7 दिनों में बलात्कार के आरोपियों को मृत्युदंड दे दिया। जांच, आरोप-पत्र, मामले की सुनवाई, कोर्ट की तारीख पर तारीख इन सभी को दरकिनार कर हैदराबाद पुलिस ने न्याय देने का शॉर्टकट अपना लिया।

नई दिल्ली. भारतीय सेना में सिख अधिकारियों और सैनिकों की एक बहुत बड़ी संख्या मौजूद है. इसी वजह से सेना ने पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब में मत्था टेकने की इच्छा रखने वाले अपने कर्मियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

नवंबर में सेना ने दो बार इस तरह के दिशा-निर्देश जारी कर चुकी है.गुरुद्वारा दरबार साहिब सिखों का बहुत पवित्र तीर्थस्थल है. माना जाता है कि गुरु नानक ने अपने जीवन के अंतिम दिन यहीं बिताए थे. हाल ही में तीर्थयात्रियों के लिए करतारपुर कॉरिडोर खोला गया है. दिशा-निर्देशों में सेना ने अपने कर्मियों से कहा है कि वह काफी सावधान रहें क्योंकि यहां वह विदेशी नागरिकों के संपर्क में आ सकते हैं.

सेना के सूत्रों का कहना है कि चूंकि सेना के कर्मी पाकिस्तान की यात्रा करेंगे इसलिए उन्हें काफी ज्यादा सजग रहने की जरुरत है. इसकी वजह है पाकिस्तान का हमारा विरोधी होना. भारतीय सेना के पास बड़ी संख्या में सिख अधिकारी और सैनिक हैं. इसकी तीन रेजिमेंटों में सिख रेजिमेंट, सिख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट और पंजाब रेजिमेंट शामिल हैं जिसमें पंजाब के और पड़ोसी राज्य हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के सिख सैनिक शामिल हैं.

नौ नवंबर को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन किया था. जिसमें सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती मनाने के लिए भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को वीजा मुक्त प्रवेश की सुविधा दी गई थी.पाकिस्तान का दावा है कि करतारपुर कॉरिडोर इमरान खान के दिमाग की उपज है. उसके रेल मंत्री शेख रशीद ने हाल ही में अपनी ही सरकार के खिलाफ जाते हुए कहा कि कॉरिडोर को खोलना पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा के दिमाग की उपज है और कहा कि इससे भारत हमेशा आहत होता रहेगा.

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