ईश्वर दुबे
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नयी दिल्ली। राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) मुद्दे पर विपक्ष को जवाब दिया। उन्होंने कहा कि एनआरसी में धर्म के आधार पर लोगों को बाहर करने का कोई प्रावधान नहीं है। सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल अलग है।
उन्होंने कहा कि एनआरसी के आधार पर नागरिकता की पहचान सुनिश्चित की जाएगी और इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। अमित शाह ने साफ शब्दों में कहा कि भारत के सभी नागरिक चाहे वे किसी भी धर्म के हों, NRC सूची में शामिल होंगे। एनआरसी एक अलग प्रकिया है और नागरिकता संशोधन विधेयक अलग है।
अमित शाह ने कहा कि इतने सालों से ये फैसला नहीं हो रहा था, हम भी चाहते थे कि संवैधानिक रूप से इस विवाद का रास्ता निकले।
लातेहर। झारखंड में गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने चुनावी जनसभा को संबोधित राम मंदिर मुद्दे पर अपनी बात रखी। शाह ने कहा कि हर कोई चाहता है कि अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए, मगर ये कांग्रेस पार्टी केस ही नहीं चलने देती थी। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला करके सर्वानुमत से ये निर्णय किया है कि अयोध्या में जहां श्रीराम का जन्म हुआ था, वहीं भव्य मंदिर बनें।
शाह ने आगे कहा कि इतने सालों से ये फैसला नहीं हो रहा था, हम भी चाहते थे कि संवैधानिक रूप से इस विवाद का रास्ता निकले और देखिये श्री राम की कृपा सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय कर दिया और उनके निर्णय से उसी स्थान पर भव्य राम मंदिर बनने का रास्ता खुल गया है।
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सरकार गठन और संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर आज सुबह 9.30 बजे कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की आपात बैठक बुलाई गई है. यह बैठक पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के आवास 10 जनपथ पर आयोजित की गई है. कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट कर यह जानकारी दी.
बैठक में शामिल होने केसी वेणुगोपाल, अधीर रंजन चौधरी, अंबिका सोनी, अहमद पटेल, एके एंटनी समेत अन्य कांग्रेस नेता 10 जनपथ पहुंच चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी मीटिंग में संसद के शीतकालीन सत्र में एनडीए सरकार को घेरने को लेकर रणनीति तय की जाएगी. वहीं, महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चल बने गतिरोध पर भी बड़ा फैसला लिया जा सकता है.
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना और राकांपा के साथ गठबंधन को हरी झंडी दे चुकी हैं.
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चौहान ने भी कहा है कि वे उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही महाराष्ट्र में सरकार बनेगी. कुछ बारीकियों को पूरा करने की जरूरत है. अनुमानों को हवा देते हुए शिवसेना के रणनीतिकार संजय राउत ने कहा है कि जल्द ही गुड न्यूज मिलेगी.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) आज सुबह कोलकाता के लेक कालीबाड़ी पहुंचे. इस दौरान धनखड़ ने सरकार के साथ अपनी तनातनी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि क्रिकेट टीम की तरह एक-एक करके राज्य सरकार मेरे सामने बैट्समैन (बल्लेबाज) भेज रही है और वे मेरे ऊपर टिप्पणी कर रहे हैं. मैं इस राज्य का अंपायर हूं, कोई बॉलर नहीं.''
राज्यपाल ने कहा, ''मैं मुख्यमंत्री के साथ बात करने को तैयार हूं. वो आएं तो सही. बात करें कोई दिक्कत नहीं है. मैं बहन चंद्रिमा को भी कहता हूं कि आपके खुद के दफ्तर में कितनी समस्याए हैं. आप अब मेरी बात छोड़कर उनके बारे में सोचिये, उन पर ध्यान दीजिये. ऐसा न हो कि सब लोग एक साथ मधुमक्खी के छत्ते पर हाथ डाले और उन्हीं के लिए समस्या पैदा हो जाए.
राज्यपाल ने तल्ख लहजे में कहा, ''26 तारीख को संविधान दिवस है और उसके पहले ही राज्य सरकार से सवाल पूछिए कि राज्य के संविधान के प्रधान के तौर पर क्या मुझे थोड़ा बहुत भी सम्मान मिलता है या सहयोगिता मिलती है? क्यों नहीं मिलता? पूछिए इनसे.''
राज्यपाल ने कोलकाता के मेयर बॉबी हाकिम पर भी सवाल करते हुए कहा, ''बॉबी हाकिम भाई आप तो स्वच्छता अभियान का पालन करते हो, आज राज भवन से रबिन्द्र सरोवर आने के दौरान शहर की जो हालत देखी आपने क्या वो देखा है? क्या हालत है एकदिन खुद सुबह निकल कर देखिए.''
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर गुरुवार सुबह कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक सोनिया गांधी के आवास पर हुई। बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया, 'कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने आज चर्चा की और निर्णय लिया कि आगे क्या कदम उठाने की जरूरत है। हम अब बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार कदम उठाएंगे।' वहीं केसी वेणुगोपाल ने कहा, 'हमने सीडब्ल्यूसी के सदस्यों को महाराष्ट्र की नवीनतम राजनीतिक स्थिति से अवगत कराया है। आज कांग्रेस-एनसीपी की बैठक फिर होगी। मुझे लगता है कि कल मुंबई में शायद हमारा फैसला होगा।' हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने पर कांग्रेस कार्य समिति ने हरी झंडी दे दी है।
सरकार का नेतृत्व उद्धव ठाकरे करें: राउत
शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर बुधवार की बैठक हुई, जो अच्छी रही। आने वाले दिनों में एक मजबूत सरकार देंगे। उन्होंने कहा कि आज मैं शरद पवार से मुलाकात करूंगा, तीनों पार्टियां महाराष्ट्र के हित में सरकार बनाएंगी। राउत ने दावा किया कि एक दिसंबर से पहले मुख्यमंत्री तय हो जाएगा और नई सरकार का गठन हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पावर शेयरिंग के बारे में तीनों पार्टियां एक साथ चर्चा करेंगी। मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा, हमारी इच्छा है कि राज्य में सरकार का नेतृत्व उद्धव ठाकरे करें।
राज्य में किसी भी क्षण सरकार
वहीं शिवसेना ने सामना में कहा कि महाराष्ट्र में पिछले 21 दिनों से चल रही अस्थिरता जल्द समाप्त होगी। किसी भी क्षण राज्य में सरकार बनाई जा सकती है। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ये तीनों दल एक साथ मिलकर स्थिर व मजबूत सरकार देंगे, ऐसा विश्वास कांग्रेस एनसीपी आघाड़ी के नेताओं ने दिल्ली में आयोजित पत्रकार परिषद में जताया। सरकार बनाने को लेकर आवश्यक मुद्दों पर आगामी दो-तीन दिन तक चर्चा जारी रहेगी, ऐसी जानकारी कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण व राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने संयुक्त पत्रकार परिषद में दी।
हम बुरे ही ठीक हैं
शिवसेना के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने ट्वीट के जरिए कहा कि हम बुरे ही अच्छे हैं। उन्होंने कहा, 'हम बुरे ही ठीक हैं। जब अच्छे थे तब कौन सा मेडल मिल गया था।'
दिल्ली,संसद के शीतकालीन सत्र में पहले ही दिन से गांधी परिवार से SPG सुरक्षा वापस लेने का मुद्दा छाया हुआ है. लोकसभा में पहले ही दिन से कांग्रेस की ओर से इस मसले को जोरदार तरीके से उठाया जा रहा है. कांग्रेस सांसदों का आरोप है कि सरकार बदले की भावना से काम कर रही है. वहीं सरकार की ओर से यह कहा गया है कि इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है. सूत्रों की मानें तो इस पूरे मसले पर गृह मंत्री अमित शाह आज सदन में बयान दे सकते हैं.
संसद के शीतकालीन सत्र में पहले दिन कांग्रेसी सांसदों ने इस मसले को लोकसभा में उठाया था और गृह मंत्री से जवाब मांगा था. लोकसभा में दूसरे दिन भी कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने एक बार फिर गांधी परिवार की सुरक्षा का मसला उठाया. मंगलवार को जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी की SPG सुरक्षा क्यों वापस ली इसपर जवाब देना चाहिए. इस दौरान अधीर रंजन ने वाजपेयी सरकार का भी हवाला दिया.
लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी सामान्य लोग नहीं हैं, जिन्हें सुरक्षा मिली हुई है. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने भी SPG को गांधी परिवार की सुरक्षा में रहने दिया था, 1991 से 2019 तक NDA दो बार सत्ता में आई है लेकिन कभी भी SPG सुरक्षा को हटाया नहीं गया है. सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए कांग्रेसी सांसदों ने लोकसभा से वॉक आउट कर दिया.
आनंद शर्मा ने राज्यसभा में उठाया मुद्दा
शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को राज्यसभा में इसी मुद्दे को आनंद शर्मा ने उठाया. आनंद शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार से गुजारिश है कि हमारे नेताओं की सुरक्षा राजनीति से अलग रखें. सुब्रमण्यम स्वामी ने आनंद शर्मा को जवाब देते हुए कहा कि गृह मंत्रालय लगातार खतरे का आकलन करता है. यह उसी आधार पर हुआ. यूपीए सरकार के समय भी कई नेताओं की सुरक्षा कम की गई थी.
वहीं इस मामले पर बोलते हुए जे पी नड्डा कहा कि इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है. सुरक्षा हटाई नहीं गई है. गृह मंत्रालय के पास एक नियमावली है और प्रोटोकॉल है. यह किसी राजनेता द्वारा नहीं बल्कि गृह मंत्रालय द्वारा किया गया है.
गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने पर बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हा ने तीखा प्रहार करते हुए कहा कि गांधी परिवार एसपीजी सुरक्षा जलवे बिखेरने के लिए लेती है. उनको देश की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है साथ ही उन्होंने कहा कि एसपीजी के जरिए वह लोग दिखावा करते हैं विदेशों में जब जाते हैं तो एसपीजी क्यों इस्तेमाल नहीं करते. ऐसे सवाल उठाते हुए जीवीएल नरसिम्हा ने जेड प्लस सिक्योरिटी कवर को पर्याप्त सिक्योरिटी कवर बताया है.
गांधी परिवार को दी गई स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की सुरक्षा इसी महीने वापस ले ली गई थी और उन्हें केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) की जेड प्लस सुरक्षा दे दी गई थी.एसपीजी सुरक्षा सोनिया, उनके बेटे राहुल और बेटी प्रियंका के नई दिल्ली स्थित आवासों से हटा ली गई है. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को हुई हत्या के बाद गांधी परिवार को एसपीजी सुरक्षा प्रदान की गई थी.
रांची,बिहार में एनडीए की मुख्य सहयोगी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने मंगलवार को बीजेपी से बगावत करने वाले झारखंड के पूर्व मंत्री सरयू राय को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। सरयू राय झारखंड विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ जमशेदपुर (पूर्वी) से चुनाव मैदान में हैं। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव में अकेले दम पर चुनावी मैदान में उतरेगी। उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि राय के पक्ष में पार्टी ने अपने संभावित उम्मीदवार को उस सीट से हटा दिया है। बता दें कि सिंह को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबियों में से एक माना जाता है और वह लोकसभा में जेडीयू के संसदीय दल के नेता भी हैं।
बता दें कि सरयू राय ने सोमवार को कहा था कि बिहार के मुख्यमंत्री के साथ उनकी नजदीकी थी इसीलिए बीजेपी ने उन्हें टिकट देने से मना कर दिया। वहीं, राजीव रंजन सिंह ने कहा, 'जेडीयू ने सरयू राय का समर्थन करने का निर्णय लिया है, जिहोंने निर्दलीय कैंडिडेट के रूप में नामांकन भरा है। हमारे संभावित उम्मीदवार ने जमशेदपुर ईस्ट सीट से अपना नाम वापस ले लिया है।' क्या नीतीश कुमार सरयू राय के लिए प्रचार प्रसार भी करेंगे, इस सवाल पर सिंह ने कहा, 'यदि राय आग्रह करेंगे तो...।'
'समय का लेख' किताब का किया था विमोचन
गौरतलब है कि राय ने रविवार रात कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था और इस बात का ऐलान किया था कि वह मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरेंगे। उन्होंने सोमवार को इस बात का दावा भी किया कि उनकी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नजदीकी थी इसीलिए बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया है। राय ने इस पर तर्क देते हुए कहा, 'बीजेपी संसदीय दल के तीन सदस्य, जिन्होंने उम्मीदवारों के नामों का निर्धारण किया, उन्होंने मुझसे कहा कि वर्ष 2017 में मेरी किताब का विमोचन नीतीश कुमार के द्वारा किया गया था, जिससे पार्टी के नेता खासा नाराज थे। शायद इसी वजह से मुझे बाहर का रास्ता दिखाया गया।' नीतीश कुमार ने पटना में वर्ष 2017 में 'समय का लेख' किताब का विमोचन किया था।
23 दिसंबर को होगी वोटों की गिनती
नीतीश कुमार ने आरजेडी और कांग्रेस के साथ महागठबंधन के हिस्से के रूप में 2015 का बिहार चुनाव लड़ा था। इसके बाद तत्कालीन डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव पर तमाम आरोप लगे, जिसकी वजह से यह गठबंधन टूट गया और नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर फिर से बिहार में सरकार बना ली। रघुवर दास और सरयू राय ने सोमवार को जमशेदपुर (पूर्वी) सीट से नामांकन दाखिल किया। झारखंड में पांच चरणों में (30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच) मतदान होना है जबकि मतगणना 23 दिसंबर को होगी।
राज्यसभा में सीट बदले जाने पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने नाराजगी जाहिर की है। इस संबंध में संजय राउत ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा, मैं यह जानकर हैरान रह गया कि राज्यसभा में मेरे बैठने की सीट तीसरी पंक्ति से पांचवीं पंक्ति में कर दी गई है। यह निर्णय किसी ने जानबूझकर शिवसेना की भावनाओं को आहत करने और हमारी आवाज दबाने के लिए लिया है।
संयज राउत ने आगे कहा कि मैं इस अनुचित कदम का कारण समझने में असफल हूं, क्योंकि हमने अभी तक एनडीए से हटने के बारे में कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है। इस निर्णय ने सदन की गरिमा को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा, मैं अनुरोध करता हूं कि हमें 1/2/3 पंक्ति की सीट आवंटित की जाए और सदन की गरिमा को बनाए रखा जाए।
कुछ दिन पहले ही खबर आई थी कि शिवसेना के सांसद संजय राउत और अनिल देसाई के बैठने की व्यवस्था में बदलाव किया गया है। शिवसेना को विपक्ष के साथ जगह दी गई। संजय राउत ने भी मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि हमें इस बारे में पता चला है।
साथ ही राउत ने कहा था कि पुराने एनडीए और आज के एनडीए में बहुत फर्क है। आज एनडीए का संयोजक कौन है? इसके एक संस्थापक आडवाणी जी आज छोड़ चुके हैं या सक्रिय ही नहीं हैं।
नई दिल्ली । संसद सत्र के तीसरे दिन बुधवार को गृहमंत्री अमित शाह के राज्यसभा में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लागू करने की घोषण की। इसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निशाना साधा है। ममत ने कहा कि बंगाम में एनआरसी को लागू नहीं होने दूंगी। बता दे कि राज्यसभा में बुधवार को गृहमंत्री अमित शाह ने एनआरसी मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों पर जवाब दिया। उन्होंने धर्म के आधार पर एनआरसी में भेदभाव किए जाने की आशंका को खारिज किया। गृहमंत्री ने कहा कि एनआरसी के आधार पर नागरिकता की पहचान सुनिश्चित की जाएगी और इस पूरे देश में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म विशेष के लोगों को इसके कारण डरने की जरूरत नहीं है। यह एक प्रक्रिया है जिससे देश के सभी नागरिक एनआरसी लिस्ट में शामिल हो सकें।
नई दिल्ली/मुंबई, महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर बीते कई दिनों से परेशान शिवसेना की चिंताएं बुधवार को तब और बढ़ गईं, जब एनसीपी के चीफ शरद पवार अप्रत्याशित तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। बीजेपी और एनसीपी के बीच किसी तरह की सांठगांठ की चर्चाओं के बीच शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरने ने पार्टी के सभी 56 विधायकों को अपने आवास 'मातोश्री' पर 5 दिन के लिए बुलाया है। यही नहीं विधायकों को अपने आईडी कार्ड या आधार कार्ड लेकर आने के िलए कहा गया है। विधायकों को 22 नवंबर को बुलाया गया है। शिवसेना के विधायक अब्दुल सत्तार ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि हमें 2 या 3 दिन तक रुकना होगा और इस बीच सरकार गठन का फैसला हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री जरूर बनेंगे। राजनीतिक जानकारों की मानें तो बीजेपी के ऐक्टिव होने और शरद पवार के पीएम से मुलाकात के बाद शिवसेना को अपने विधायकों के टूटने का डर है। हालांकि इस बीच टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक खबर है कि शिवसेना के साथ गठबंधन के लिए कांग्रेस चीफ सोनिया गांधी ने मंजूरी दे दी है। ऐसे में इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि कांग्रेस से मंजूरी मिलने के बाद उद्धव ठाकरे शायद किसी तरह की चूक नहीं चाहते हैं। इसलिए उन्होंने सरकार गठन पर कोई अंतिम फैसला होने तक विधायकों को एक जगह पर जुटने का आदेश दिया। इसके अलावा आईडी के साथ इसलिए बुलाया गया है ताकि जरूरत पड़ने पर विधायकों को राज्यपाल के समक्ष पेश किया जा सके।
नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को इंदिरा गांधी पुरस्कार कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा- हम सब जो दिल्ली में रहते हैं, अब दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर के निवासी के तौर पर पहचाने जाते हैं। आज हम सार्वजनिक वाहनों में सीएनजी का इस्तेमाल शुरू करने के बाद हवा की गुणवत्ता में आए फर्क को याद कर सकते हैं। यह परिवर्तन, सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की विशेषज्ञता और कांग्रेस सरकार की कोशिशों से ही आया था।
इस बार शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए दिया जाने वाला इंदिरा गांधी पुरस्कार सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) को दिया गया। सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा- इंदिरा गांधी दृढ़ राजनेता थीं, लेकिन उनकी कई अलग-अलग विषयों में रूचि थीं। राष्ट्र निर्माण में उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता।
कांग्रेस ने संसद में उठाया प्रदूषण का मु्द्दा
शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन संसद में दिल्ली के प्रदूषण पर चर्चा हुई। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा- जब हर साल दिल्ली में प्रदूषण का मुद्दा उठता है तो फिर सरकार या सदन की ओर से इस मामले पर कोई आवाज क्यों नहीं उठती? आखिर क्यों हर साल लोगों को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ता है?
दिल्ली-एनसीआर में एक्यूआई 600 के पार पहुंचा था
दिल्ली-एनसीआर में दिवाली के बाद से हवा की गुणवत्ता कई दिनों तक गंभीर स्थिति में रही थी। यहां एक्यूआई 600 के पार पहुंच गया था। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट दिल्ली और केंद्र सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने दिल्ली में 13 जगहों पर चीन की तर्ज पर एयर प्यूरीफायर टॉवर लगाने के निर्देश दिए हैं। केजरीवाल सरकार दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए हरियाणा और पंजाब को जिम्मेदार ठहराती रही है।
दिल्ली में मंगलवार सुबह हवा की गुणवत्ता (एक्यूआई) में थोड़ा सुधार देखा गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम के पास एक्यूआई 212 (खराब स्थिति) रिकॉर्ड हुआ। मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर के ऊपर विंड स्पीड तेज होने से प्रदूषक कण काफी हद तक हट गए हैं, इससे एयर क्वालिटी पहले से बेहतर हुई।
नई दिल्ली. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को यह सोचना बंद कर देना चाहिए कि भारत से कांग्रेस का सफाया हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पार्टी का डीएनए देश के संस्कृति और मूल्यों से मेल खाता है। लोगों को यह बात समझ आने लगी है कि भाजपा नेता क्या कहते हैं और क्या करते हैं। जनता ने उन्हें खारिज करना शुरू कर दिया है।
दिल्ली में गहलोत ने संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि मोदी और गृह मंत्री अमित शाह कांग्रेस मुक्त भारत के बारे में बात करते थे। लेकिन गुजरात विधानसभा चुनावों के बाद कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और हाल ही में महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव हुए, जहां लोगों ने उन्हें सबक सिखाया है।
गहलोत ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने भारत को आजादी दिलाई। जवाहर लाल नेहरू जैसे पार्टी के नेता जेल गए। महात्मा गांधी के नेतृत्व में हमने संघर्ष किया। देश की जो वर्तमान स्थिति है, वह कांग्रेस के योगदान के कारण है। मोदी जब विदेशों में जाते हैं तो उन्हें जो सम्मान मिलता है, यह पिछले 70 सालों की उपलब्धि के कारण है।
लोग जल्द ही भाजपा का साथ छोड़ेंगे: गहलोत
उन्होंने कहा कि लोगों को देश की अर्थव्यवस्था की हालत पता है। लोग रोजगार खो रहे हैं, व्यापार प्रभावित हो रहा है। जनता इसे कितना बर्दाश्त करेगी। हम सभी राष्ट्रवादी हैं, लेकिन जिस तरह से वे (मोदी) प्रोजेक्ट कर रहे हैं और काम कर रहे हैं, लोग अब उनका साथ छोड़ देंगे।
स्थानीय निकाय चुनाव में कांग्रेस की 965 वार्ड में जीत
राजस्थान में मंगलवार को 49 शहरी स्थानीय निकाय चुनाव के रिजल्ट घोषित हुए। इस पर गहलोत ने कहा कि परिणाम उम्मीद के मुताबिक थे। लोगों ने सरकार के कामकाज और पार्टी में विश्वास को दोहराया है। कांग्रेस ने शहरी स्थानीय निकायों में 2,105 में से 965, जबकि भाजपा 736 वार्ड में जीती।
मुंबई. महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस और राकांपा नेताओं के बीच मुलाकात होगी। इसमें राकांपा प्रमुख शरद पवार मौजूद रहेंगे। यह भी जानकारी सामने आई है कि अहमद पटेल, वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे, एके एंटनी और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। इस बीच, आज राकांपा प्रमुख शरद पवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। पवार मोदी से राज्य के किसानों के लिए विशेष पैकेज मांग सकते हैं।
सोनिया मंगलवार को भी पार्टी के खड़गे-एंटनी समेत वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा की थी। इसके बाद कहा गया कि कांग्रेस और राकांपा महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम को लेकर आगे और बैठकें करेंगी।
कल सरकार गठन को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी: राउत
शिवसेना सांसद संजय राउत ने बुधवार को कहा, ''गुरुवार तक सरकार गठन को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी। दिसंबर महीने में राज्य में नई सरकार का गठन हो जाएगा। उन्होंने एक बार फिर से भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में सबसे बड़ी पार्टी भाजपा स्थिर सरकार नहीं दे पा रही है। इसलिए अन्य दलों पर यह जिम्मेदारी आ जाती है कि वे राज्य में एक स्थिर सरकार दे।''
शरद पवार और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा- अगर पीएम से कोई नेता मिलता है, तो क्या खिचड़ी ही पकती है? कल अगर उद्धव ठाकरे मोदी से किसानों के मुद्दे पर मिलते हैं तो क्या खिचड़ी पकती है? शरद पवार कृषि क्षेत्र के जानकार व्यक्ति हैं, हमने 2 दिन पहले उनसे आग्रह किया था कि वह राज्य में किसानों की समस्याओं को पीएम मोदी के समक्ष रखें।
उद्धव ने विधायकों को मातोश्री पर बुलाया
शिवसेना विधायक अब्दुल सत्तार ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि उद्धव ठाकरे ने सभी विधायकों को आधार कार्ड के साथ 22 नवंबर को मातोश्री में बुलाया है। सूत्रों की मानें तो सभी विधायकों को पांच दिन के लिए कपड़े लेकर आने को कहा गया है।
नई दिल्ली: एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने अयोध्या केस (Ayodhya Case) में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि बाबरी मस्जिद टायटल सूट में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय किसी भी तरह 'पूर्ण न्याय' नहीं है. इसके लिए संविधान के आर्टिकल 142 का सहारा लिया गया. गौरतलब है कि आर्टिकल 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट को विशेष अधिकार मिले हैं. ओवैसी ने कहा कि यदि इसको बेहतर तरीके से कहा जाए तो ये 'अपूर्ण न्याय' है और यदि इसको सबसे खराब तरीके से कहा जाए तो 'पूर्णतया अन्याय' हुआ.
उल्लेखनीय है कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने अयोध्या केस के फैसले के बाद पहली प्रतिक्रिया में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च है, लेकिन अचूक नहीं है. उन्होंने अयोध्या भूमि विवाद मामले में फैसले को तथ्यों के ऊपर आस्था की एक जीत बताया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ओवैसी ने आशंका व्यक्त की थी कि संघ परिवार कई अन्य मस्जिदों के मामलों में इस फैसले का उपयोग कर सकता है, जिस पर उनके दावे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी सूची में मथुरा, काशी और लखनऊ की मस्जिदें शामिल हैं.
हैदराबाद के सांसद ने आगाह किया कि देश एक हिंदू राष्ट्र की राह पर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, "संघ परिवार और भाजपा कह रहे हैं कि हिंदू राष्ट्र के लिए सड़क अयोध्या से शुरू होती है. वे अब एनआरसी, नागरिकता संशोधन विधेयक लाना चाहते हैं. वास्तव में मोदी 2.0 सरकार भारत को हिंदू राष्ट्र बना देगी."
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने नौ नवंबर को अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि का स्वामित्व हिंदुओं को दे दिया, जिसके बाद वहां राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है. अदालत ने फैसला सुनाया कि मुसलमानों को वैकल्पिक स्थल पर पांच एकड़ जमीन मिलेगी. ओवैसी ने संवाददाताओं से कहा था कि जिन लोगों ने बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया, उन्हें राम मंदिर बनाने के लिए जमीन सौंपी गई है. उन्होंने कहा, "अगर बाबरी मस्जिद को छह दिसंबर, 1992 को ध्वस्त नहीं किया जाता, तो सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या होता."