राजनीति

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नई दिल्ली. संसद का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से 13 दिसंबर तक चलेगा। महाराष्ट्र में अपना मुख्यमंत्री बनाने के लिए एनडीए से अलग हुई शिवसेना अब विपक्ष में बैठेगी। शनिवार को सूत्रों ने बताया कि शिवसेना के सांसद संजय राउत और अनिल देसाई के लिए इसी सत्र से राज्यसभा में बैठक व्यवस्था बदली जाएगी। राउत ने कहा है कि शिवसेना सत्र से पहले एनडीए की किसी बैठक में शामिल नहीं होगी। इसबीच, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें शामिल हुए।
केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने के उद्देश्य से नागरिकता (संशोधन) विधेयक समेत कई अहम बिल पेश करेगी। नागरिकता कानून में बदलाव के जरिए सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के बाद भारत आकर बसे गैर-मुस्लिमों जैसे- हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के लोगों को स्थाई नागरिकता देना चाहती है।
विपक्षी नागरिकता विधेयक के विरोध में है
मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल में भी नागरिकता विधेयक को संसद में पेश किया था, लेकिन विपक्षी दलों के विरोध के कारण इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका। विपक्षी दलों ने धार्मिक आधार पर भेदभाव के रूप में बिल की आलोचना की थी। यह बिल जनवरी में लोकसभा से पारित हो गया था, लेकिन राज्यसभा से पारित नहीं हो पाया था। बिल को लेकर असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों ने आपत्ति जताई थी और कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए थे।
6 साल भारत में गुजारने वालों को भी नागरिकता मिलेगी
नागरिकता बिल के जरिए 1955 के कानून को संशोधित किया जाएगा। इसमें नागरिकों को 12 साल की बजाय सिर्फ छह साल भारत में गुजारने और बिना उचित दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता मिल सकेगी। पूर्वोत्तर के लोगों का विरोध है कि यदि यह बिल पास होता है तो इससे राज्यों की सांस्कृतिक, भाषाई और पारंपरिक विरासत खत्म हो जाएगी। इस बिल के माध्यम से 31 दिसंबर 2014 से पहले आए सभी लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है। जबकि असम समझौते के अनुसार 1971 से पहले आए लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान था।

नई दिल्ली. शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख वसीम रिजवी ने शनिवार को एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी की तुलना आतंकी संगठन आईएस के सरगना रहे अबु बकर-अल बगदादी से की। उन्होंने कहा कि आज ओवैसी और बगदादी में कोई अंतर नहीं रहा। ओवैसी ने कहा था कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से वे संतुष्ट नहीं हैं। इसी पर रिजवी ने प्रतिक्रिया दी। बगदादी इसी साल 26 अक्टूबर को अमेरिकी सेना की कार्रवाई में मारा गया था।
रिजवी ने कहा, ‘‘आज ओवैसी और बगदादी में कोई अंतर नहीं रहा। बगदादी आतंक फैलाने के लिए सेना, हथियार और गोला-बारूद इस्तेमाल करता था, जबकि ओवैसी अपनी जुबान के जरिए आतंक फैलाने का काम करते हैं। वह मुस्लिमों को आतंकी गतिविधियों के लिए उकसाते हैं। ऐसे गंभीर माहौल में ओवैसी और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए।’’
‘ओवैसी दूसरे जाकिर नाइक बन रहे’
केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा, ‘‘असदुद्दीन ओवैसी दूसरे जाकिर नाइक बन रहे हैं। अगर वह जरूरत से ज्यादा बोलेंगे, तो देश में कानून-व्यवस्था से जुड़ी समस्या खड़ी हो सकती है।’’ नफरत फैलाने वाला भाषण देने और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी जाकिर को सरकार मलेशिया से भारत लाने की कोशिश कर रही है।
ओवैसी के खिलाफ शिकायत दर्ज
अयोध्या मामले में फैसले के बाद ओवैसी ने कहा था, ‘‘सुप्रीम कोर्ट सबसे ऊपर है, लेकिन वह अचूक नहीं है। मैं इस फैसले से संतुष्ट नहीं हूं। हमें संविधान पर पूरा विश्वास है। हम अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे। हमें दान में दी गई पांच एकड़ जमीन नहीं चाहिए।’’ इस बयान के बाद 11 नवंबर को ओवैसी के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई गई थी।

 

पुणे. महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर सभी पार्टियों के बीच कश्मकश जारी है। इस बीच शुक्रवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) और इससे जुड़े संगठनों का दृष्टिकोण केवल सरकार बनाने तक सीमित नहीं है। उनके विजन में राष्ट्र-निर्माण महत्वपूर्ण है।

गडकरी ने यह बात के संघ से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा दृष्टिकोण बिल्कुल स्पष्ट है। यह सरकार बनाने, किसी को मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बनाने तक सीमित नहीं है। इसमें राष्ट्र निर्माण की बात है।’’

हालांकि, गडकरी ने महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी रस्साकशी को लेकर सीधे कोई टिप्पणी नहीं की। महाराष्ट्र में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सरकार बनाने से चूक गई। गडकरी ने कहा- हमारे लिए विचारधारा महत्वपूर्ण है। रिश्ते उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।

क्रिकेट और राजनीति में कुछ भी हो सकता है- गडकरी
गुरुवार को एक कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने कहा था कि क्रिकेट और राजनीति में कुछ भी हो सकता है। कभी-कभी लगता है कि हम मैच हार गए हैं, लेकिन अंतिम नतीजे विरोधियों के उलट आ जाते हैं। उनका इशारा शिवसेना के भाजपा से गठबंधन तोड़ने और सरकार बनाने के लिए राकांपा-कांग्रेस से संपर्क साधने की ओर था।

महाराष्ट्र में गैर-भाजपा सरकार बनने पर मुंबई समेत अन्य शहरों में विकास परियोजनाओं के भविष्य पर केंद्रीय मंत्री ने कहा- सरकारें बदलेंगी, लेकिन प्रोजेक्ट चलते रहेंगे। इसमें कोई परेशानी नहीं है। भाजपा, कांग्रेस या राकांपा किसी की भी सरकार बने, केंद्र सकारात्मक रहेगा।

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू
भाजपा (105 सीट) के सरकार बनाने से इनकार करने पर शिवसेना (56 सीट) ने बहुमत के लिए जरूरी 145 विधायकों का समर्थन जुटाने की काफी कोशिश की, लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने तीसरे सबसे बड़े दल राकांपा (54 सीट) को संख्याबल बताने के लिए न्योता दिया था। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने अपने-अपने नेताओं के साथ कई बैठक कीं। इस बीच, राज्यपाल की सिफारिश पर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया था।

मुंबई. महाराष्ट्र में सियासी उठापठक के बीच आज कांग्रेस- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना के नेता राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करेंगे। हालांकि, राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने शुक्रवार को साफ किया कि वे किसानों के मुद्दे को लेकर उनसे मुलाकात करने वाले हैं। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने नागपुर में दोहराया कि सरकार बनाने में अभी थोड़ा और वक्त लगेगा। इस बीच, शनिवार को ‘सामना’ के लेख में भाजपा पर निशाना साधा गया। शिवसेना के मुखपत्र सामना में ‘105 चिल्लाहट… और पागलों का घोड़ाबाजार’ शीर्षक के साथ संपादकीय लिखा गया है। इसके मुताबिक, ‘‘महाराष्ट्र में नए समीकरण से कई लोगों के पेट में दर्द हो रहा है। छह महीने सरकार न टिकने के श्राप दिए जा रहे हैं। यह सब कुछ अपनी कमजोरी छिपाने के लिए किया जा रहा है।’’
सामना में शिवसेना ने लिखा
   ‘‘महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग गया है और राष्ट्रपति शासन लगने के बाद 105 वालों का आत्मविश्वास इस प्रकार झाग बनकर निकल रहा है। मानो मुंबई किनारे के अरब सागर की लहरें उछाल मार रही हों। पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने अपने विधायकों को बड़ी विनम्रता से कहा कि बिंदास रहो, राज्य में फिर से भाजपा की ही सरकार आ रही है।’’
    ‘‘गुरुवार को ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि राज्य में जिसके पास 145 का आंकड़ा है उसकी सरकार आएगी और ये संवैधानिक रूप से सही है। हालांकि अब जो ऐसा कह रहे हैं कि अब भाजपा की सरकार आएगी, वे 105 वाले पहले ही राज्यपाल से मिलकर साफ कह चुके हैं कि हमारे पास बहुमत नहीं है। इसलिए सरकार बनाने में हम असमर्थ हैं, ऐसा कहने वाले राष्ट्रपति शासन लगते ही ‘अब सिर्फ हमारी सरकार है’ की बात कह रहे हैं।’’
    ‘‘ये किस मुंह से कह रहे हैं? जो बहुमत उनके पास पहले नहीं था, वो बहुमत राष्ट्रपति शासन के सिलबट्टे से कैसे बाहर निकलेगा? यह सवाल तो है ही, लेकिन हम लोकतंत्र और नैतिकता का खून करके ‘आंकड़ा’ जोड़ सकते हैं, जैसी भाषा महाराष्ट्र की परंपरा को शोभा नहीं देती। फिर ऐसा बोलनेवाले मुंह का डिब्बा किसी भी पार्टी का हो। राष्ट्रपति शासन की आड़ में घोड़ाबाजार लगाने का मंसूबा अब साफ हो गया है।’’

प्रदेश में 5 साल के लिए स्थायी सरकार बनेगी- पवार

इस बीच, नागपुर में कांग्रेस विधायक नितिन राउत के आवास पर पहुंचे पवार ने मध्यावधि चुनाव की संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार बनने में भले थोड़ा विलंब हो, लेकिन प्रदेश में 5 साल के लिए स्थायी सरकार बनाई जाएगी।’’ महाराष्ट्र में सरकार गठन के मुद्दे पर राकांपा प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच दिल्ली में बैठक होनी है। सोनिया से मिलने के लिए पवार 17 या 18 नवंबर को दिल्ली जाने वाले हैं। अभी तीनों दलों के बीच सरकार गठन से पहले ड्राफ्ट किए गए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर भी शीर्ष नेताओं की मुहर लगनी बाकी है।

न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर बनी सहमति

शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर सहमति बन गई है। जिन मुद्दों पर सहमति बनी है उनमें किसान कर्जमाफी, फसल बीमा योजना की समीक्षा, रोजगार और छत्रपति शिवाजी महाराज और बीआर अंबेडकर स्मारक शामिल हैं। वहीं पूरे कार्यकाल के लिए शिवसेना को मुख्यमंत्री पद मिलेगा। जबकि राकांपा और कांग्रेस को एक-एक डिप्टी सीएम पद दिया जाएगा। इसके अलावा शिवसेना को 14 मंत्री पद, राकांपा को 14 और कांग्रेस को 12 मंत्री पद मिलेंगे।

सरकार भाजपा की बनेगी

कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना जहां तीनों मिलकर सरकार बनाने की कवायद में जुटे हैं। वहीं, महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने दावा किया कि उनके पास 119 विधायक हैं। उनके बिना राज्य में स्थिर सरकार नहीं बन सकती। पाटिल ने कहा कि भाजपा ने 105 सीटें जीती हैं। निर्दलीय विधायकों के समर्थन से हमारे पास विधायकों की संख्या 119 है। राज्य में बीजेपी के बिना सरकार नहीं बन सकती।

‘25 साल तक राज करेगी शिवसेना’

शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में आगामी 25 सालों तक राज करेगी। मीडिया ने जब चर्चा के दौरान राउत से सीएम पद के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि सिर्फ पांच साल क्यों। हम 25 सालों तक महाराष्ट्र पर शासन करेंगे। वहीं कार्यवाहक मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस पर व्यंग्य करते हुए राउत ने कहा कि उनकी पार्टी अब यह घोषणा नहीं करेगी कि हम ही लौटेंगे, हम ही लौटेंगे, हम ही लौटेंगे।

महाराष्ट्र का मालिक समझने की मानसिकता से बाहर आएं: सामना
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के बयान पर 'सामना' में लिखा गया है कि भाजपा किस मुंह से कह रही है कि राज्य में इनकी सरकार बनेगी। आगे लिखा है कि खुद को महाराष्ट्र का मालिक समझने की मानसिकता से बाहर आएं। उन्होंने कहा कि सत्ता या सीएम पद के साथ कोई जन्म नहीं होता है।

मुंबई: पार्टी नेताओं की मुंबई में बैठक के बाद महाराष्ट्र बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी के बिना किसी सरकार का गठन संभव नहीं है. बीजेपी को सबसे ज्यादा 1.42 करोड़ वोट मिले हैं. सबसे ज्यादा वोट बीजेपी को मिले इसके बाद दूसरे नंबर पर एनसीपी को मिले हैं. नवंबर दो और नवंबर वन के बीच लंबा फासला है. पाटिल ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी मिलकर भी 100 पार नहीं कर पाई हैं. बीजेपी के पास 119 विधायकों का समर्थन है. ऐसे में बीजेपी के बिना महाराष्ट्र में कोई सरकार नहीं बन सकती है.
पाटिल ने राफेल मामले पर राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह माफी मांगें, इस तरह का आंदोलन महाराष्ट्र बीजेपी करेगी.
एकतरफ जहां महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना के नेता माथापच्ची में जुटे हैं, वहीं दूसरी तरफ शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे अनार की बागवानी करने वाले किसानों को हुए नुकसान का जायजा लेने सांगली के दौरे पर हैं. ठाकरे ने सांगली जिले के विटा में बेमौसम बारिश की वजह से किसानों को हुए नुकसान का जायजा लिया.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर फंसे पेंच के बीच एकाएक सारे नेताओं को किसानों की याद आ गई है. इसी सिलसिले में शरद पवार नागपुर के दौरे पर है तो उद्धव ठाकरे सांगली के दौरे पर जाकर किसानों की हमदर्दी बटोर रहे हैं.

नई दिल्ली: यंग इंडियन (Young Indian)  मामले में गांधी परिवार (Gandhi Family) को आयकर अपीलेट ट्रिब्यूनल (Income Tax Appellate Tribunal) ने बड़ा झटका दिया है. यंग इंडियन मामले में 100 करोड़ रुपये टैक्स का मामला फिर खुलेगा. ट्रिब्यूनल ने गांधी परिवार की याचिका ख़ारिज की. राहुल गांधी ने यंग इंडियन को चैरिटेबल ट्रस्ट बनाने की अर्जी दायर की थी लेकिन ट्रिब्यूनल ने उसे खारिज कर दिया. आयकर ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में यंग इंडियन को वाणिज्यिक संगठन बताया है.

ट्रिब्यूनल ने सोनिया गांधी राहुल गांधी और बाकी कांग्रेस नेताओं से जुड़ी वो अपील खारिज कर दी जिसमें उन्होने यंग इंडियन को मिली चेरीटेबल इनकम टैक्स छूट को बहाल करने की मांग की थी. यानि यंग इंडियन को टैक्स चुकाना होगा. यंग इंडियन चैरिटेबल कंपनी बनाई गई थी. फिर इनकम टैक्स से छूट का रजिस्ट्रेशन भी लिया गया था. इसमें  AICC से 90 करोड़ रुपये AJL में ट्रांसफर किए और उसके बदले केवल 50 लाख रुपये में यंग इंडियन के नाम शेयर इश्यू करा लिए और एडिशनल शेयर भी ले लिए.

फिर 2016 में इसका इनकम टैक्स छूट का रजिस्ट्रेशन सरेंडर कर दिया गया. इनकम टैक्स विभाग ने इसे कमर्शियल एक्टिविटी माना और कंपनी के बनने के समय से ही टैक्स की बात कही. इसी के खिलाफ यंग इंडियन इनकम टैक्स विभाग के इस ऑर्डर के खिलाफ अपीलेट ट्रिब्यूनल में गया था और ट्रिब्यूनल ने उनकी अपनील खारिज कर दी.

नई दिल्ली: महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार गठन की कवायद के बीच एनसीपी (NCP) चीफ शरद पवार (sharad pawar) दिल्ली आकर कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी (sonia gandhi) से मुलाकात करेंगे. यह मुलाकात 17 नवंबर रविवार को होगी. दोनों नेता राज्य में सरकार गठन पर चर्चा करेंगे.

कांग्रेस (congress) के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि कांग्रेस अकेले कोई फैसला नहीं ले सकती. एनसीपी चीफ शरद पवार और कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी  17 नवंबर को एक मिलकर आगे की रणनीति तय करेंगे.  खड़गे ने कहा, दोनों नेता तय करेंगे की इस समस्या का समाधन कैसे करें. इसके बाद ही बाकी की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. जब दोनों नेता एक साथ बैठकर चर्चा.

इससे पहले शुक्रवार को एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा था कि प्रस्तावित शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार का गठन जल्द होगा और यह अपना कार्यकाल पूरा करेगी. पवार ने कहा, 'तीनों पार्टियां गंभीरता से राज्य में स्थिर सरकार चाहती हैं जो न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत राज्य की प्रगति और विकास पर टिकी होगी.'

उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में तीनों पार्टियां लगातार वार्ता कर अपने न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार कर रही है और अंतिम रोडमैप उसके बाद ही तैयार होगा.  पवार ने इन खबरों को खारिज कर दिया कि सरकार बनाने को लेकर उनकी भारतीय जनता पार्टी से किसी तरह की बातचीत हुई है या इस मामले में कुछ कॉरपोरेट घरानों का दबाव है.

पवार ने कहा, "हम केवल कांग्रेस, शिवसेना और गठबंधन के अन्य साथियों के साथ वार्ता कर रहे हैं. इसके अलावा कुछ नहीं, तीनों पार्टियों के प्रतिनिधि न्यूनतम साझा कार्यक्रम मसौदे को अंतिम रूप देने के लिए मुलाकात कर रहे हैं."

यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना अपने हिंदुत्व एंजेंडे और उसी तरह कांग्रेस-राकांपा अपने धर्मनिरपेक्ष विचारधार के साथ समझौता करेगी, इस पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस-राकांपा ने हमेशा धर्मनिरपेक्षता की बात की है, 'लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम किसी के विरुद्ध हैं.'

मुंबई: सत्ता के लालच में धर्मनिरपेक्षता की विचारधारा छोड़कर हिंदुत्व की विचारधारा वाली शिवसेना से हाथ मिलाने वाली कांग्रेस से महाराष्ट्र के कई मुस्लिम संगठन नाराज हैं. शुक्रवार को मुंबई से सटे मीरा रोड इलाके में जुम्मे की नमाज के दौरान मौलानाओं ने यह बात लोगों के सामने रखी कि कैसे कांग्रेस के फैसले से उनका समाज ठगा हुआ महसूस कर रहा है. 

मुफ्ती मौलाना जियाई ने कहा, 'हम इन सियासतदानों से यह पूछना चाहेंगे कि आपने कितने धर्मनिरपेक्ष जमात से पूछने के बाद सांप्रदायिक के पास जाने का फैसला किया? कौन सी मशीन आप लोगों के पास मौजूद है, जिसमें कोई सांप्रदायिक आए तो वह धर्मनिरपेक्ष बन जाता है? बाबरी मस्जिद की शहादत में शामिल होने वाले तमाम कम्युनल पार्टियां उनको अपने साथ लेकर के आप सेकुलर बन जाएंगे या उनको आप सेक्यूलर बना लेंगे या आप कम्युनल की तरफ चले जाएंगे?' उन्होंने कहा कि हमारा इस्तेमाल कब तक होता रहेगा? हमारे साथ धोखा कब तक होता रहेगा?

आम मुस्लिमों ने कहा कि हमने कांग्रेस को इसलिए सपोर्ट किया था क्योंकि वह एक सेकुलर पार्टी है, लेकिन आज कांग्रेस ने हमें दोबारा शिवसेना के पास ले जाकर खड़ा कर दिया. आवाम क्या चाहती है इसका उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता वह सिर्फ अपनी सत्ता चाहते हैं. यह नेता किसी एक पार्टी के होकर नहीं रहते हैं. इनको जहां मलाई दिखती है, ये वहीं चले जाते हैं. यह सिर्फ मुस्लिम लोगों के साथ धोखा नहीं, बल्कि यह सेकुलर लोगों के साथ भी धोखा है.

उनका कहना है कि सभी लोग इस बात को समझते हैं. महाराष्ट्र के सेकुलर लोगों के पास बहुत सारे सवाल हैं. इन लोगों को इन सवालों का जवाब देना पड़ेगा. वक्त आने के साथ इनके हालात बिगड़ेंगे. सिर्फ एक इलेक्शन नहीं है, आने वाले सभी इलेक्शन में इसका परिणाम आपको देखने मिलेगा. हम जरूर पूछेंगे कि हमारे वोटों का सौदा आपने कितने में किया है?

मालूम हो कि महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी मिलकर सरकार बनाने की कोशिश में जुटे हैं. सरकार गठन के लिए तीनों दलों ने मिलकर न्यूतम साझा कार्यक्रम भी तैयार कर लिया है.

मुंबई: पार्टी नेताओं की मुंबई में बैठक के बाद महाराष्ट्र बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी के बिना किसी सरकार का गठन संभव नहीं है. बीजेपी को सबसे ज्यादा 1.42 करोड़ वोट मिले हैं. सबसे ज्यादा वोट बीजेपी को मिले इसके बाद दूसरे नंबर पर एनसीपी को मिले हैं. नवंबर दो और नवंबर वन के बीच लंबा फासला है. पाटिल ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी मिलकर भी 100 पार नहीं कर पाई हैं. बीजेपी के पास 119 विधायकों का समर्थन है. ऐसे में बीजेपी के बिना महाराष्ट्र में कोई सरकार नहीं बन सकती है. 

पाटिल ने राफेल मामले पर राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह माफी मांगें, इस तरह का आंदोलन महाराष्ट्र बीजेपी करेगी. 

एकतरफ जहां महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना के नेता माथापच्ची में जुटे हैं, वहीं दूसरी तरफ शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे अनार की बागवानी करने वाले किसानों को हुए नुकसान का जायजा लेने सांगली के दौरे पर हैं. ठाकरे ने सांगली जिले के विटा में बेमौसम बारिश की वजह से किसानों को हुए नुकसान का जायजा लिया.


गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर फंसे पेंच के बीच एकाएक सारे नेताओं को किसानों की याद आ गई है. इसी सिलसिले में शरद पवार नागपुर के दौरे पर है तो उद्धव ठाकरे सांगली के दौरे पर जाकर किसानों की हमदर्दी बटोर रहे हैं.

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