राजनीति

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अयोध्या । सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन का प्रारूप तैयार करने में जुटी केंद्र सरकार को विश्व हिन्दू परिषद ने बड़ी राहत दे दी है। विहिप ने साफ किया है कि सरकार की ओर से गठित होने वाले ट्रस्ट को स्वीकार किया जाएगा। इसके लिए विहिप सरकार के समक्ष कोई शर्त भी नहीं रखेगी। विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्र संगठन मंत्री अम्बरीश सिंह ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार पर पूरा भरोसा है। ट्रस्ट के गठन को लेकर सभी निर्णय सरकार को करने हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि सर्वमान्य ट्रस्ट बनेगा और इसी के माध्यम से उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुरूप श्रीरामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मंदिर का निर्माण कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के गठन को लेकर सरकार पर भरोसा न करने का कोई कारण नहीं है। सरकार ट्रस्ट में जिसे चाहे उसे प्रतिनिधित्व दे सकती है। सिंह ने कहा कि विहिप की भूमिका राम मंदिर निर्माण के लिए चले आंदोलन में रही। राम मंदिर बनने के बाद विहिप का उससे कोई सरोकार नहीं रहेगा। उन्होंने साफ किया कि मंदिर बनने के बाद विहिप को न तो पूजा का अधिकार चाहिए और न ही मंदिर का प्रबंधन।

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में नई सरकार की तस्वीर करीब-करीब साफ हो चुकी है. शिवसेना (Shiv Sena), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस (Congress) मिलकर सरकार बना सकते हैं. इसी के चलते आज महाराष्‍ट्र में सियासी हलचल तेज रहेगी और बैठकों का दौर भी चलेगा. उधर, शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने आज अपने सभी विधायकों की सुबह 10 बजे मातोश्री में बैठक बुलाई है. बैठक में उद्धव ठाकरे सरकार के गठन को लेकर अधिकृत घोषणा कर सकते हैं. जानकारी यह भी है कि शिवसेना के सभी विधायकों को बैठक के बाद जयपुर भेज दिया जाएगा. विधायकों को टूट-फूट और पाला बदलने से रोकने के लिए शिवसेना अपने सभी विधायकों को जयपुर भेज सकती है.
उधर, महाराष्ट्र में सरकार गठन पर बातचीत के लिए कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, अहमद पटेल और मल्लिकार्जुन खड़गे शिवसेना और एनसीपी के साथ बैठक के लिए आज (22 नवंबर) मुंबई जाएंगे, वहीं आज दिन में 2 बजे के बाद मुंबई में कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना की अंतिम बैठक होगी. इसके बाद आपस में गठबंधन का ऐलान कर दिया जाएगा और इसके साथ ही नई सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
साथ ही महाराष्ट्र के कांग्रेस विधायक दल का नेता आज चुना जाएगा. विधानभवन में शाम चार बजे कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई गई है, जिसमें वो अपना नेता चुनेंगे.
एनसीपी को मिल सकते हैं ये मंत्रालय
गृह, बिजली, सहकारिता, सिंचाई, मेडिकल एजूकेशन, पर्यटन, पीडब्ल्यूडी (एमएसआरटीसी), पशुपालन, कामगार और फूड सिविल सप्लाइज.
एनसीपी कोटे से ये बन सकते हैं मंत्री
अजित पवार, दिलीप वलसे पाटिल, छगन भुजबल, धनन्जय मुंडे, जीतेंद्र आव्हाड, हसन मुश्रिफ, अनिल देशमुख, नवाब मलिक और रोहित पवार.
कांग्रेस (Congress) के कोटे में जा सकते हैं ये मंत्रालय
राजस्व, हायर एजुकेशन शिक्षा, एफडीए, अल्पसंख्यक वक्फ, महिला बाल कल्याण, सामाजिक न्याय.

इन कांग्रेस (Congress) नेताओं मिल सकते हैं ये पद
कांग्रेस (Congress) की तरफ से बालासाहेब थोरात (Balasaheb Thorat) उप मुख्यमंत्री बन सकते हैं. अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण (विधानसभा Speaker), यशोमती ठाकुर , विजय वडेट्टीवार, विश्वजीत कदम, अमित देशमुख, माणिकराव ठाकरे, नसीम खान, वर्षा गायकवाड़.
शिवसेना कोटे में मंत्रालय
वित्त, शहरी विकास, शिक्षा, गृहनिर्माण, ग्रामविकास, स्वास्थ्य, कृषि, सामान्य प्रशासन, संसदीय कार्य मंत्रालय, परिवहन, उद्योग, लोकनिर्माण और पर्यावरण.
शिवसेना के ये नेता मंत्रिमंडल में दिख सकते हैं
आदित्य ठाकरे, एकनाथ शिंदे, सुभाष देसाई, रामदास कदम, अब्दुल सत्तार, गुलाबराव पाटिल, अर्जुन खोतकर, दीपक केसरकर, सँजय राठौड, रविंद्र वायकर, भास्कर जाधव, दादा भुसे, सुनील प्रभु.  
किसके कोटे में कितने मंत्री जा सकते हैं-:
शिवसेना: 15 मंत्री
एनसीपी : 15 मंत्री
कांग्रेस (Congress) : 13 मंत्री

मुंबई, । नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर को मुंबई के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने लंबित मामलों के बारे में जानकारी छुपाने को लेकर नोटिस जारी किया है. सामाजिक कार्यकर्ता पाटकर से कार्यालय ने पूछा है कि उनका पासपोर्ट क्यों नहीं जब्त किया जाए. मुंबई के पासपोर्ट कार्यालय ने कहा है कि उनके खिलाफ 9 आपराधिक मामले दर्ज हैं और इन्हें लेकर अभी कोई फैसला नहीं आया है. पाटकर के खिलाफ मध्य प्रदेश के बडवानी में 3, अलीराजपुर में एक और खंडवा जिले में 5 मामले दर्ज हैं.  गौरतलब हो कि इस साल जून में एक पत्रकार ने पाटकर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराकर आरोप लगाया था कि उन्होंने मुंबई के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय से जानकारी छुपाकर पासपोर्ट हासिल किया है. 18 अक्टूबर को जारी नोटिस में पासपोर्ट कार्यालय ने कहा है कि 30 मार्च 2017 को पासपोर्ट प्राप्त करते हुए आपने उक्त मामलों के लंबित होने के बारे में जानकारी नहीं दी थी और जानकारी को छुपा कर आपने पासपोर्ट हासिल किया. नोटिस में कहा गया है कि इसे देखते हुए प्रस्तावित किया जाता है कि पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 10 (3) (ई) के तहत आपका यह पासपोर्ट और बाद में अगर कोई पासपोर्ट जारी किया गया है उसे जब्त कर लिया जाए. आपसे अनुरोध किया जाता है कि आप बताएं कि पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 12 (1) के तहत आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जाए? पासपोर्ट अधिकारियों ने नोटिस जारी होने के 10 दिन के भीतर जवाब मांगा है और ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी. सूत्रों ने बताया कि पाटकर ने आज की तारीख तक कोई जवाब नहीं दिया है, जबकि उत्तर देने की समय-सीमा को खत्म हुए एक महीने से ज्यादा हो चुका है. बता दें कि अधिनियम की धारा 12 के तहत जो कोई भी पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए जान-बूझकर झूठी जानकारी देता है या सूचना छुपाता है उसे 2 साल तक की कैद या पांच हजार रुपये का जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है.

भारत-पाकिस्तान के बीच हुए समझौते के अनुसार भारत प्रतिदिन पांच हजार श्रद्धालु करतारपुर कॉरिडोर के माध्यम से गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए भेज सकता है। कॉरिडोर खुले हुए 12 दिन बीत चुके हैं, लेकिन एक दिन भी एक हजार श्रद्धालु गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए नहीं गए हैं।
पाकिस्तान सरकार द्वारा 20 अमेरिकी डॉलर की शर्त लगाई गई है। इसके अलावा पासपोर्ट, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और पुलिस वेरिफिकेशन की भी शर्तें हैं। श्रद्धालुओं को पुलिस वेरिफिकेशन करवाने के लिए थानों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। अब डर है कि कहीं कॉरिडोर भी पंज-आब बस सेवा की तरह फ्लॉप न हो जाए।

2005 में अमृतसर-श्री ननकाना साहिब वाया लाहौर के बीच शुरू हुई पंज-आब बस में जाने के लिए भी कड़ी शर्तें थीं। तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने इस बस सेवा का उद्घाटन किया था। बस शुरू करने का मुख्य उद्देश्य था कि भारत के सिख श्रद्धालु श्री ननकाना साहिब के दर्शन कर सकें और पंजाब के व्यापारी लाहौर आसानी से आ जा सकें।
इस बस के लिए श्रद्धालुओं और व्यापारियों को वीजा के लिए दिल्ली जाना पड़ता था। साथ ही पुलिस वेरिफिकेशन की शर्त भी थी। 14 साल से इस बस सेवा के संचालन में केंद्र सरकार प्रति वर्ष करोड़ों का घाटा उठा रही थी। बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध टूट जाने के बाद से यह बस सेवा बीते आठ महीने से बंद है।

करतारपुर कॉरिडोर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए पंजाब सरकार थानों में पुलिस वेरिफिकेशन के लिए अलग से प्रबंध नहीं कर सकी, जिस कारण इसके लिए कई दिन का समय लग रहा है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की समस्या को दूर करने के लिए एसजीपीसी ने अभी सभी गुरुद्वारा साहिबान के प्रबंधकों को श्रद्धालुओं की मदद करने के निर्देश दिए हैं। कई सिख संगठनों ने भी इस संदर्भ में श्रद्धालुओं की मदद की घोषणा की है।

श्रद्धालुओं में पहली बार पाकिस्तान की यात्रा करने के बाद दूसरे देशों की यात्रा में आने वाली संभावित दिक्कतों का भी डर है। इसका कारण यह है कि एसजीपीसी और अन्य संगठन इस बात का प्रचार नहीं कर सके हैं कि पाकिस्तान सरकार सीमा में प्रवेश करते समय पासपोर्ट पर कोई भी मोहर नहीं लगा रही है। वह यात्रियों का पासपोर्ट अपने पास रख लेती है। 20 डॉलर की फीस जमा करने के बाद दो यात्रा स्लिप यात्रियों को दी जा रही है।

तारीख    कॉरिडोर से जाने वाले श्रद्धालु
9 नवंबर    562
10 नवंबर    229
11 नवंबर    122
13 नवंबर    279
14 नवंबर    241
15 नवंबर    161
16 नवंबर    402
17 नवंबर    547

किसी भी पहचान पत्र से मिले दर्शन की अनुमति: जत्थेदार हरप्रीत सिंह
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने कहा कि श्री करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रक्रिया सरल होनी चाहिए। पासपोर्ट को बंद कर किसी भी पहचान पत्र पर सभी को गुरुधाम पर जाने की इजाजत मिलनी चाहिए। भारत-पाकिस्तान की सरकारों को भी इस पर संजीदगी से विचार करना चाहिए।

जेएनयू में फीस बढ़ोतरी को लेकर छात्रों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को एक बार फिर जेएनयू के छात्रों ने दिल्ली सड़कों पर मार्च निकाला, जिसमें उन्हें डीयू के छात्रों का भी साथ मिला।
आज डीयू के छात्रों ने जेएनूय के छात्रों के साथ में पैदल मार्च निकालकर फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन किया। डीयू के छात्रों का भी कहना है कि जेएनयू की बढ़ी हुई फीस वापस होनी चाहिए। वहीं पुलिस ने संसद मार्ग पुलिस स्टेशन के पास अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों को रोका दिया है। ये सभी जेएनयू में फीस वृद्धि के विरोध में मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर मार्च कर रहे थे।
 
बुधवार को दिव्यांग छात्रों ने पुलिस मुख्यालय पर किया था प्रदर्शन

बता दें कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रावास फीस बढ़ोतरी के खिलाफ सोमवार को पैदल मार्च के दौरान विद्यार्थियों की पिटाई के विरोध में बुधवार को दिव्यांग छात्रों ने पुराने पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन किया था। कई घंटे चले प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने पूरे मामले की जांच कराने और दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग की। दोपहर को छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मिलकर मांगों का ज्ञापन सौंपा।

इसी दौरान छात्रों ने पुलिस लाठीचार्ज के कुछ वीडियो भी अधिकारियों को सौंपे। अधिकारियों ने छात्रों को आश्वासन दिया  कि वे पूरे मामले की जांच करवाएंगे। साथ ही एक सप्ताह के भीतर छात्रों के प्रतिनिधिमंडल को दिल्ली पुलिस आयुक्त से भी मिलवाया जाएगा। इसके बाद छात्रों ने अपना प्रदर्शन समाप्त कर दिया।

सुबह करीब 9.30 बजे 40-45 दिव्यांग छात्र बस में सवार होकर पुलिस मुख्यालय के लिए निकले तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। दिव्यांग छात्र पंकज सिंह कुशवाहा ने बताया कि पुलिस जबरन उनको वसंत कुंज थाने ले गई। वहां पुलिस छात्रों को गुमराह करती रही। छात्रों की योजना थी कि वह नए पुलिस मुख्यालय पर जाकर प्रदर्शन करेंगे।

करीब डेढ़ घंटे छात्रों को वसंत कुंज थाने में रखने के बाद उनसे कहा गया कि वे पुराने मुख्यालय पर प्रदर्शन कर सकते हैं। बाद में करीब 11.30 बजे छात्रों को बस में बिठाकर पुलिस आईटीओ स्थित मुख्यालय ले आई। दोपहर करीब 12.45 बजे छात्र पुलिस मुख्यालय के बाहर पहुंचे और नारेबाजी शुरू कर दी।  

दोपहर करीब 1.30 बजे सात छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस मुख्यालय में पहुंचा। वहां दिल्ली पुलिस प्रवक्ता और मध्य जिला पुलिस उपायुक्त मंदीप सिंह रंधावा ने छात्रों से बातचीत की। छात्रों ने उनको अपना ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से छात्रों ने मांग की कि दिल्ली पुलिस अपने जवानों को दिव्यांग छात्रों के प्रति जागरूक करेगी। इसके अलावा मार्च में दिव्यांग छात्रों पर भी लाठीचार्ज करवाने के मामले की जांच कराई जाए और दोषी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया जाए।

एक सप्ताह के भीतर दिव्यांग छात्रों को पुलिस आयुक्त से मिलवाया जाए। इसके अलावा दिव्यांग छात्रों पर इस तरह की कार्रवाई आइंदा अपराध की श्रेणी में आएगी। ज्ञापन देने के बाद दिल्ली पुलिस प्रवक्ता मंदीप सिंह रंधावा ने बताया कि छात्रों के आरोपों की जांच कराई जाएगी। इसके अलावा एक सप्ताह के भीतर छात्रों को पुलिस आयुक्त से मिलवाया भी जाएगा।

बीएचयू में संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति का मामले ने अब सिसायी रूप ले लिया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर फिरोज खान का समर्थन किया है। वहीं गुरुवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर और भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी ट्वीट किया है। भाजपा के पूर्व सांसद परेश रावल ने बुधवार को ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया देकर फिरोज खान का समर्थन किया।
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर इस मामले पर अपने विचार रखे हैं। उन्होंने लिखा है कि 'क्या मुझे बता सकते हैं क्यों बीएचयू के कुछ छात्र मुस्लिमों को संस्कृत पढ़ाने का विरोध कर रहे हैं जब उन्हें नियत प्रक्रिया द्वारा चुना गया है? भारत के मुस्लिमों का डीएनए हिंदुओं के के पूर्वजों जैसा ही है। यदि कुछ नियम है तो इसे बदल दें ।'
 
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट किया- "बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत अध्यापक के रूप में पीचयडी स्कालर फिरोज की नियुक्ति को लेकर शासन और प्रशासन का ढुलमुल रवैया ही मामले को तूल दे रहा है कुछ लोगों के शिक्षा को धर्म और जाति की राजनीति से जोड़ने के कारण उपजे इस विवाद को बिल्कुल भी उचित नहीं ठहराया जा सकता है।"

दो मिनट बाद ही एक दूसरे ट्वीट में कहा-"बीएचयू प्रशासन द्वारा एक अति योग्य मुस्लिम को शिक्षक के रूप में नियुक्त करना योग्यता को उचित मुकाम देना ही माना जाएगा। इसके विरोध में मनोबल गिराने वाला कोई भी काम किसी को भी करने की इजाजत बिल्कुल भी नहीं देनी चाहिए। सरकार इस तुरंत समुचित ध्यान दे तो बेहतर होगा।"
 
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने ट्वीट किया- "हमारी भाषाएं और संस्कृति हमारी विशेषता हैं। संस्कृत भाषा में लिखा गया है, सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया:।
दूसरे ट्वीट में कहा— सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन को इस संवैधानिक अधिकारी की रक्षा करनी चाहिए।"

 बॉलीवुड एक्टर और भाजपा के पूर्व सांसद परेश रावल ने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए कहा है कि बीएचयू में संस्कृत के लिए प्रोफेसर पद पर डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति पर हो रहे विरोध से स्तब्ध हूं। भाषा का धर्म से क्या मतलब है? विडंबना है कि फिरोज खान ने अपनी पीएचडी संस्कृत से की है। भगवान के लिए ये बेतुकी बातें करना बंद कीजिए।

 वहीं उन्होंने अपने एक और ट्वीट में कहा कि फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर जो तर्क दिया जा रहा है, उसी तर्क को मान लिया जाए तो गायक मोहम्मद रफ़ी को कोई भजन नहीं गाना चाहिए था और नौशाद साब को कोई भजन नहीं लिखना चाहिए था।
 कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट कर कहा कि क्या यही हमारे देश में आया है? कोई भी सच्चा संस्कृतिकर्मी किसी भी धर्म के लोगों पर गर्व करेगा जो इस प्राचीन भाषा में महारत हासिल करेंगे।

किस धर्म की जुबान क्या होगी
चलो अब ये भी छांट लेते हैं
मंदिर-मस्जिद में बंट गई धरती
अब जुबानें भी बाँट लेते हैं।

 

पाकिस्तानी युवक के लव जिहाद में फंसी मेरठ की युवती के अपहरण का मामला गुरुवार को संसद तक गूंजा। पुलिस के अनुसार युवती की लोकेशन दुबई में मिली हैं।
अब एक तरफ जहां युवती के पाकिस्तानी युवक के साथ होने की चर्चाएं तेज हैं वहीं दुबई से युवती को वापस देश में लाना बड़ी चुनौती बन रहा है। इस मामले पर विदेश मंत्रालय द्वारा गंभीरता दिखाने को लेकर मेरठ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने संसद में इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया।

पुलिस की मानें तो व्यापारी की बेटी की दुबई में होने की पुष्टि हुई है। पाकिस्तान के जिस युवक से वह फेसबुक पर चैटिंग करती थी, इसी युवक पर युवती के अपहरण का आरोप है। युवती का सुराग लगने के बाद अब पुलिस-प्रशासन उसकी घर वापसी के लिए प्रयास कर रहा है। वहीं, बेटी के दुबई में होने का पता चलते ही परिजनों की चिंता और भी बढ़ गई है।
व्यापारी की बेटी एक प्ले स्कूल में पढ़ाती थी। चार नवंबर को ही युवती का पासपोर्ट बना था। आठ नवंबर की सुबह युवती स्कूल जाने के लिए निकली थी। लेकिन लापता हो गई थी।

कंकरखेड़ा पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की तो परिजनों ने सांसद राजेंद्र अग्रवाल से मिलकर गुहार लगाई थी। जिसके बाद एसएसपी ने तीन टीमें गठित की। पुलिस की जांच में सामने आया कि जिस नदीम नाम के युवक से युवती फेसबुक पर चैटिंग करती थी, वह पाकिस्तान का है और दुबई में रहकर नौकरी कर रहा है।

युवती को दुबई में नौकरी लगवाने का झांसा देकर अगवा किया गया। युवती दुबई गई या नहीं इसके लिए पुलिस ने विदेशी क्षेत्रीय पंजीयन कार्यालय (एफआरआरओ) से रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि युवती दुबई पहुंच चुकी है।

महाराष्ट्र में सियासी हलचल के बीच शिवसेना विधायक अब्दुल सत्तार ने विवादित बयान दिया है। पार्टी में फूट के सवाल पर सत्तार ने कहा कि कोई भी अगर शिवसेना के विधायक को फोड़ने की कोशिश करेगा तो हम उनका सिर फोड़ देंगे। उसके साथ उसका पैर भी तोड़ देंगे, लेकिन दावे का इंतजाम भी शिवसेना करेगी। उनके लिए एंबुलेंस भी तैयार रहेगी। सुनिए उन्होंने क्या-क्या कहा।
 
महाराष्ट्र में सरकार गठन पर पेच अभी तक बरकरार है। मुख्यमंत्री पद को लेकर एनसीपी और शिवसेना में बात अटकी हुई है। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने सरकार पर 'अभी कुछ भी बताने लायक नहीं' कहकर सस्पेंस बढ़ा दिया है। हालांकि कांग्रेस ने शिवसेना के साथ सरकार गठन के लिए आगे बढ़ने को लेकर सहमति प्रदान कर दी है। लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी तक शिवसेना और एनसीपी में बात नहीं बन पाई है।

शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि इस दिशा में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। राउत ने कहा कि मुख्यमंत्री पद को 30-30 महीनों का करने पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। वहीं जब सरकार गठन की संभावना पर जब एनसीपी प्रमुख शरद पवार से पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'अभी कुछ भी बताने लायक नहीं है।'

दिल्ली में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के मुद्दे पर आज राज्यसभा चर्चा हुई। इस मुद्दे पर विपक्ष के कई नेताओं ने अपनी बात रखी वहीं, सरकार की तरफ से केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जवाब दिया।
जावड़ेकर का जवाब
संसद के शीतकालीन सत्र में बुधवार को दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण को लेकर सरकार ने जवाब दिया। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में कहा, 'दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण को कम करने और नियंत्रित करने के लिए हमने कई कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया हैष नियमित तौर पर समीक्षा बैठकें की जाती हैं।'
 जावड़ेकर ने आगे कहा, 'दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण से निपटने के लिए हमने एक व्यापक हवाई योजना बनाई है। इसके लिए हमने एजेंसियों की पहचान की है जो आगे की कार्ययोजना को लागू करेंगी। केंद्र ने दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न चरणों के प्रदूषण के लिए बनाए गए इस एक्शन प्लान को मंजूरी दे दी है।'

गुलाम नबी आजाद बोले, समाधान की तरफ बढ़ें

चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि प्रदूषण पर तीनों तरफ से सुझाव आए। हवा को प्रदूषित करने में हर भारतीय का थोड़ा हिस्सा है चाहे वो किसी भी पार्टी से या धर्म से हो। इसके लिए सिगरेट, तंबाकू, पान, चूल्हा, मशीनरी, फैक्ट्ररी, किसानों का घास जलाना और हमारे वाहन जिम्मेदार हैं। हमें इसके समाधान की तरफ जाना चाहिए।

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मंत्रियों को प्रधानमंत्री से निवेदन करना चाहिए कि सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाएं। भाषण से कुछ होगा नहीं। इस बैठक में केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, उप मुख्यमंत्रियों, राज्यपाल और उपराज्यपालों को  बुलाना चाहिए।

संजय सिंह ने उठाया सवाल  

वहीं, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने सच सबके सामने रखा है। प्रदूषण में कमी आई है। मंत्री ने जो रिपोर्ट सदन में रखी है वही रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में रखी है। दिल्ली सरकार ने ग्रीन कवर बढ़ाया गया, ऑड ईवन लागू हुआ, दो थर्मल पावर प्लांट बंद किए गए। 56 हजार मशीनें अलग-अलग राज्यों को दी गईं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट का डाटा कुछ और कहता है। 20 हजार मशीन पंजाब, हरियाणा और यूपी को दी गई। मैं मंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि बाकी 36 हजार मशीनें कहां गईं। अगर केजरीवाल को गाली देकर प्रदूषण कम होता है तो दिन रात उन्हें गाली दीजिए। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एकाउंटेंट जनरल एंड डेप्युटी एकाउंटेंट जनरल कॉनक्लेव पहुंचे जहां उन्होंने सीएजी की जिम्मेदारियों पर अपने विचार साझा किए। पीएम मोदी ने कहा कि सीएजी की जिम्मेदारी इसलिए भी अधिक है क्योंकि ये देश और समाज के आर्थिक आचरण को पवित्र रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसलिए आपसे उम्मीदें भी अधिक रहती है।

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