ईश्वर दुबे
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Bhilai
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर मुंबई से दिल्ली तक जारी बैठकों के दौर के बाद भी अबतक तस्वीर साफ नहीं हो सकी है। कांग्रेस और एनसीपी के बड़े नेता आज दिल्ली में इस बाबत बड़ी बैठक करेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर कोई बड़ी घोषणा हो सकती है। इस बैठक में एनसीपी की तरफ से शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल के अलावा अजीत पवार शामिल होंगे वहीं कांग्रेस की तरफ से अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे, पृथ्वीराज चव्हाण, अशोक चव्हाण शामिल होंगे।
पीएम मोदी से मिलेंगे शरद पवार
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार आज संसद भवन में दोपहर 12 बजे के करीब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में महाराष्ट्र में किसानों की स्थिति को लेकर एनसीपी और शिवसेना के सांसद पीएम मोदी के सामने चिंताएं साझा करेंगे। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि शरद पवार महाराष्ट्र के किसानों के मुद्दे पर आज संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे। हम प्रधानमंत्री से किसानों के लिए कुछ राहत की मांग करेंगे। शरद पवार और पीएम मोदी की मुलाकात की जानकारी शिवसेना सांसद संजय राउत ने सोमवार को ही दी थी। उन्होंने कहा कि हम किसानों के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात की अगुवाई शरद पवार करेंगे।
पीएम से मिलना खिचड़ी पकना नहीं: संजय राउत
महाराष्ट्र में सरकार गठन पर संजय राउत ने कहा कि सारी बाधाएं खत्म हो चुकी हैं, कल दोपहर तक साफ सबकुछ साफ हो जाएगा। पीएम मोदी से एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार की प्रस्तावित मुलाकात लेकर को संजय राउत ने कहा कि पीएम से मिलने पर हर बार कोई खिचड़ी' नहीं पकती।
उन्होंने कहा कि राज्य की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा सरकार नहीं बना पा रही है तो किसी अन्य दलों की सरकार बनाने ती जिम्मेदारी बनती है।
दिल्ली में पानी पर राजनीति तेज
नईदिल्ली। देशभर के राज्यों की राजधानियों के पानी की गुणवत्ता रिपोर्ट में दिल्ली के खराब प्रदर्शन के बाद से ही पानी पर जंग छिड़ गई है। इसको लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बीच जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है।
इस बीच सोमवार को केजरीवाल सरकार ने चुनौती देते हुए कहा था कि उनकी सरकार मीडिया के सामने हर वार्ड से 5-5 रैंडम सैंपल लेगी और उसकी जांच कराएगी। इसमें उन्होंने रामविलास पासवान को भी बुलाया।
इसी के जवाब में रामविलास पासवान ने अरविंद केजरीवाल को चि_ी लिखते हुए उन्हें चुनौती देते हुए ट्वीट किया, आज मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी को पत्र लिखकर अवगत करा दिया है कि दिल्ली के पानी की दोबारा जांच के लिए मैंने बीआईएस के दो वरिष्ठ पदाधिकारियों की टीम बना दी है और केजरीवाल जी भी अपनी ओर से सक्षम अधिकारियों को नामित करें ताकि नमूने लेकर जांच हो सके।
रामविलास पासवान ने वो चि_ी भी ट्वीट की है जो उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री को लिखी है। उन्होंने इसमें लिखा है, आपको अवगत कराना चाहूंगा कि भारतीय मानक ब्यूरो(बीआईएस) ने पानी के लिए निर्धारित मानकों के अनुरूप 21 राज्यों से पानी के नमूने एकत्र कर उनका परीक्षण किया और दिनांक 16 नवंबर 2019 को इन राज्यों में पानी की स्थिति की रैंकिंग जारी की। बीआईएस द्वारा जारी रैंकिंग के अनुसार इन राज्यों में पानी की गुणवत्ता का स्तर अलग-अलग पाया गया।
मुझे यह देखकर आश्यचर्य हुआ कि इन दिनों प्रेस तथा ट्विटर पर आपकी पार्टी द्वारा दिल्ली में पानी की गुणवत्ता पर बीआईएस द्वारा जारी रिपोर्ट पर सवाल उठाए जा रहे हैं और यहां तक कहा जा रहा है कि यह दिल्ली को बदनाम करने की साजिश है। इस संबंध में मेरा सिर्फ यही कहना है कि देश के प्रत्येक नागरिक को पीने का साफ पानी मिले, यह प्रत्येक राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है।
इसके बाद उन्होंने लिखा कि मैंने बीआईएस अधिकारियों की एक टीम बना ली है आप भी बना लें फिर दिल्ली के पानी की दोबारा जांच हो सकेगी। विश्वास है कि आप इस पर अविलंब कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
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नई दिल्ली। जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने श्रीराम जन्मभूमि मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत अन्य जमातों के फैसले को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि देश के 95 फीसद से ज्यादा मुसलमान सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार कर आगे बढ़ना चाहते हैं। सिर्फ चंद लोग हैं जो मंदिर-मस्जिद का विवाद बनाए रखना चाहते हैं। इस मुद्दे पर चल रही चर्चाओं के बीच बुखारी ने कहा कि इस मामले में मुख्य तौर पर चार बिदुओं पर आपत्तियां थीं, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार करते हुए हुए संविधान के अनुच्छेद 142 के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए मुल्क के हालात के मद्देनजर सही फैसला सुनाया है। इसे दोनों धर्म के लोगों ने माना है। उन्होंने चेताया कि पुनर्विचार के फैसले से एक बार फिर समाज में तनाव दिखाई देने लगा है। माहौल में फिर तल्खी आई है। यह खामोश और शांतिप्रिय लोगों को उकसाने की कोशिश हो रही है। इन सबके लिए जिम्मेदार मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और वे जमाते हैं।
शाही इमाम ने कहा कि मस्जिद का मुकदमा लड़ने के नाम पर देश-विदेश से 7.5 करोड़ रुपये चंदे वसूले गए थे। अब फिर आगे भी यही होगा। उन्होंने कहा कि यही जमातें फैसला आने से पहले कह रही थीं कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा वे उसे मानेंगी। अब जबकि फैसले को हिदू-मुस्लिम सभी ने मान लिया है। देश में कहीं से भी तनाव या विवाद की खबरें नहीं आई हैं तो ये लोग एक बार फिर देश का माहौल खराब करने में लग गए हैं।
उन्होंने कहा कि 134 साल के बाद यह घड़ी आई जब यह सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया। फैसला आने से पहले लोगों में खौफ का माहौल था कि देश की फिजा खराब हो जाएगी। इसलिए कई लोगों ने राशन आदि खरीद लिया था। कुछ तो अपने घर को छोड़कर रिश्तेदारों के यहां रहने चले गए थे। कुछ लोगों ने यात्राएं रद्द कर दी थी। आखिरकार फैसला आया जिसको सभी ने स्वीकार्य करते हुए राहत की सांस ली। न हिदू समाज में जोश दिखा, न ही मुस्लिम समाज ने प्रतिक्रिया दी।
कोलकाता : पश्चिम बंगाल (West Bengal) के राजयपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) को राज्य सरकार की तरफ से दोबारा हेलीकॉप्टर नहीं दिया गया, लिहाजा वह एक बार फिर सड़क मार्ग से मुर्शिदाबाद जाएंगे. दरअसल, राज्यपाल को 20 नवंबर (बुधवार) को मुर्शिदाबाद (Murshidabad) के डोमकल में एक कॉलेज के कार्यक्रम में जाना है और इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार एक हेलीकॉप्टर मुहैया कराने की मांग की थी, लेकिन इस बार भी राज्य सरकार ने साफ़ कह दिया कि उनके पास 20 नवंबर को हेलीकॉप्टर उपलब्ध नहीं है, जिसके चलते हेलीकॉप्टर नहीं दिया जा सकता.
उल्लेखनीय है कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बीते शुक्रवार को ही कहा था कि उन्होंने एक हेलीकॉप्टर के लिए आग्रह किया था, जिसका जवाब राज्य प्रशासन ने नहीं दिया. इस कारण उन्हें 300 किलोमीटर की यात्रा सड़क मार्ग से करनी पड़ी. धनखड़ को शुक्रवार को दोपहर 12.20 बजे मुर्शिदाबाद जिले के फरक्का स्थित एसएनएच कॉलेज की रजत जयंती समारोह में पहुंचना था.
राज्यपाल धनखड़ ने कहा, "300 किलोमीटर की दूरी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार से एक हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया था. दुर्भाग्यवश राज्य सरकार ने जो जवाब दिया, वह कोई खास नहीं था. इसलिए हमने राजभवन के माध्यम से इस ओर ध्यान देने का फिर आग्रह किया. कोई जवाब नहीं दिया गया. इस बारे में एक संदेश मुख्यमंत्री को भेजा गया."
कॉलेज के समारोह में जाने के लिए धनखड़ और उनकी पत्नी सुबह पांच बजे सड़क मार्ग से रवाना हुए. धनखड़ ने कहा कि राज्य प्रशासन को राज्यपाल के संदेश को प्राथमिकता देनी चाहिए. उन्होंने कहा, "मेरे पास जो मुख्यमंत्री का कोई संदेश आता है, मैं जवाब देने में 24 घंटे से ज्यादा विलंब नहीं करता."
इससे पहले, राजभवन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में भी इस मुद्दे को प्रमुखता दी गई थी, जिसमें कहा गया, "राज्यपाल श्री धनखड़ को एक दिन में लगभग 600 की यात्रा सड़क मार्ग से करनी पड़ी, क्योंकि हेलीकॉप्टर के लिए किए गए आग्रह का राज्य सरकार ने समय पर अनुकूल जवाब नहीं दिया."
राज्य के एक मंत्री ने हालांकि राज्यपाल धनखड़ की मांग को 'अनर्गल' बताया था और कहा कि उन्हें पहले यह स्पष्ट करना चाहिए कि हेलीकॉप्टर की जरूरत क्यों पड़ी. "जनता के पैसे का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जा सकता."
महाराष्ट्र के ताजा समीकरणों के अनुसार कांग्रेस-शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सरकार बनाने को लेकर असमंजस बरकरार है। कांग्रेस की अतंरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने जो बयान दिया उसने शिवसेना की चिंता को बढ़ा दिया है। सोमवार को पवार ने कहा था कि उन्होंने सोनिया के साथ न तो शिवसेना और न ही सरकार बनाने को लेकर बात की। इसी बीच मंगलवार को शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने एक बार फिर कहा कि हम राज्य में सरकार बनाने वाले हैं।
सरकार बनेगी और सदन में 170 का बहुमत होगा: संजय राउत
राउत से जब पवार के बयान को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह गलत क्या बोल रहे हैं, सरकार शिवसेना ही बनाएगी। उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार बनेगी और सदन में 170 का बहुमत होगा। शिवसेना बड़ी पार्टी है, महाराष्ट्र में हम सरकार बनाने जा रहे हैं, हमें किसी की मध्यस्थता की जरूरत नहीं है। सरकार बनेगी, सरकार का नेतृत्व शिवसेना करेगी।' शरद पवार को लेकर उन्होंने कहा कि शरद पवार को समझने में कई जन्म लग जाएंगे। राउत ने कहा कि हम किसानों के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे, ये मुलाकात शरद पवार की अगुवाई में ही होगी।
जिंदगी में कुछ पाना हो तो तरीके बदलो
शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत रोजोना महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर ट्वीट करते रहते हैं। मंगलवार को उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'अगर जिंदगी में कुछ पाना हो तो तरीके बदलो इरादे नहीं। जय महाराष्ट्र।' उनका ट्वीट इस बात का संकेत दे रहा है कि शिवसेना राज्य में सरकार बनाने के लिए हर तरह के विकल्पों पर विचार करने के लिए तैयार है।
सोनिया से मिले पवार, सरकार गठन पर असमंजस बरकरार
शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सोमवार शाम को हुई मुलाकात के बाद भी महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर असमंजस दूर नहीं हो सका। काफी अहम मानी जा रही बैठक के बाद पवार ने कहा, सोनिया के साथ राज्य के हालात पर चर्चा हुई लेकिन सरकार गठन पर बात नहीं हुई। उनके इस बयान को शिवसेना के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। दरअसल, सीएम पद को लेकर भाजपा से रिश्ता तोड़ा चुकी शिवसेना इन दोनों दलों के साथ सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी हुई है।
कांग्रेस अध्यक्ष से करीब 50 मिनट चली बैठक के बाद पवार ने कहा कि हमने उन्हें राज्य के हालात की जानकारी दी, लेकिन किसी के साथ मिलकर सरकार बनाने पर बात नहीं हुई। हम हालात पर नजर रखे हैं और तय किया है कि एक-दो दिन में, दोनों दलों के प्रतिनिधि दिल्ली में बैठक कर आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे। पवार ने कहा, महाराष्ट्र में हमने सपा, स्वाभिमानी शेतकरी संगठन से भी समझौता किया था। अब उन्हें अनदेखा नहीं कर सकते। हमें सभी को विश्वास में लेना होगा।
इस बयान से बढ़ाया सस्पेंस
इससे पहले सोमवार को पवार ने यह कहकर सस्पेंस बढ़ा दिया था कि भाजपा और शिवसेना मिलकर चुनाव लड़े थे, ऐसे में उन्हीं से पूछा जाना चाहिए कि वे सरकार बनाने को लेकर क्या कर रहे हैं।
मुंबई. महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार बनाने के लिए सोमवार को राकांपा प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच दिल्ली में मुलाकात होगी। यह बैठक रविवार को तय थी, लेकिन न्यूनतम साझा कार्यक्रम (कॉमन मिनिमम प्रोग्राम) तय नहीं होने पर मुलाकात टाल दी गई थी। राकांपा के सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच राज्य सरकार के स्वरूप और शिवसेना, राकांपा-कांग्रेस के बीच मंत्रालयों के बंटवारे पर चर्चा होगी।
राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने बताया कि सोनिया गांधी और शरद पवार की मुलाकात के बाद महाराष्ट्र में सरकार गठन की स्थिति साफ हो जाएगी। इसके बाद मंगलवार को राकांपा और कांग्रेस के नेता चर्चा करेंगे। इससे पहले राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने नागपुर में दोहराया था कि सरकार बनाने में अभी थोड़ा और वक्त लगेगा।
सरकार बनने पर मुहर लगेगी
बताया जा रहा है कि पवार और सोनिया के बीच बैठक के बाद राज्य में नई सरकार के गठन के बारे में अंतिम मुहर लग सकती है। महाराष्ट्र में 12 नवंबर को सरकार नहीं बनने के बाद राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद के मुद्दे को लेकर भाजपा और शिवसेना का गठबंधन टूट गया था। इसके बाद नए सियासी समीकरण बने हैं। इसमें शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा के साथ आ रही है।
सरकार का स्वरूप ऐसा होगा
सूत्रों की मानें तो तीनों दलों के बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार हो गया है। इसके अनुसार मुख्यमंत्री पद शिवसेना के पास ही रहेगा, जिस पर राकांपा और कांग्रेस को कोई आपत्ति नहीं है। इसके एवज में राकांपा को गृह विभाग और कांग्रेस को राजस्व विभाग देने पर सहमति बन गई है। कांग्रेस और राकांपा को डिप्टी सीएम पद भी मिलेंगे।
नई दिल्ली. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की रिपोर्ट को ‘गलत और राजनीति से प्रेरित’ बताया। इसके मुताबिक, दिल्ली से लिए पानी के सभी नमूने बीआईएस के मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। भाजपा ने कहा है कि विकास के नाम पर आप सरकार ने दिल्ली के लोगों को सिर्फ जहर पिलाया है। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने शनिवार को 20 शहरों में सर्वे रिपोर्ट जारी की थी। इसमें दिल्ली के अलावा कोलकाता और चेन्नई के नमूने 11 में 10 मानकों पर फेल थे।
चांदनी चौक से भाजपा सांसद डॉ. हर्षवर्धन ने ट्वीट किया- फ्री पानी देने के नाम पर केजरीवाल दिल्ली के लोगों को जहर पिला रहे हैं। 20 शहरों के सर्वे में दिल्ली आखिरी स्थान पर रही। विकास के बड़े-बड़े दावे करने वाली सरकार लोगों को साफ पानी तक उपलब्ध नहीं करा सकी। इस पर केजरी ने जवाब दिया- ''सर, आप एक डॉक्टर हैं। आप जानते हैं कि यह रिपोर्ट गलत है और राजनीति से प्रेरित है। आपके जैसे व्यक्ति को डर्टी पॉलिटिक्स में नहीं फंसना चाहिए।'' केजरीवाल दिल्ली जल बोर्ड के चेयरमैन भी हैं।
‘केजरीवाल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन होगा’
सर्वेक्षण के पहले चरण में बीआईएस ने पाया था कि दिल्ली से लिए गए सभी 11 नमूने गुणवत्ता के मानकों पर फेल हैं। दिल्ली के भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने केजरीवाल को दिल्ली में खराब हवा और पानी की गुणवत्ता के लिए दोषी ठहराया। साथ ही उन चीजों पर राजनीति करने से परहेज करने को कहा जो लोगों के जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं। तिवारी ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता जल्द ही दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे और पानी का सैंपल जमाकर केजरीवाल को सौंपेंगे। उन्होंने लोगों से भाजपा को टैग कर अपने क्षेत्र में पानी की सप्लाई की डिटेल भेजने के लिए भी कहा है।
191 करोड़ का विमान खरीदे जाने पर केजरीवाल का रूपाणी पर तंज
उधर, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी पर तंज कसते हुए केजरीवाल ने रविवार को कहा कि उन्होंने खुद के लिए 191 करोड़ रुपए का विमान खरीदा। इसके बजाय सार्वजनिक बसों में महिलाओं को मुफ्त सवारी देते तो अच्छा रहता। हम महिलाओं को पब्लिक ट्रांसपोर्ट में फ्री यात्राएं करा रहे हैं और विपक्ष इस पर शोर मचा रहा है। लोग पूछते हैं कि इसके लिए पैसा कहां से आया। लेकिन मैंने कोई विमान नहीं खरीदा और अपनी बहनों के लिए मुफ्त यात्रा की सुविधा दी।
नई दिल्ली । संसद के शीतकालीन सत्र से पहले रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है, जबकि विपक्ष ने लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला की हिरासत के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाया और मांग की कि उन्हें सदन में भाग लेने की अनुमति दी जाए। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में, विपक्ष ने मांग की कि सत्र के दौरान आर्थिक मंदी, बेरोजगारी और कृषि संकट के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संवाददाताओं को बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संसद का सबसे महत्वपूर्ण काम चर्चा और बहस करना है। 27 दलों के सदस्यों ने बैठक में भाग लिया। जोशी के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सत्र भी पिछले सत्र जितना ही फलदायी होना चाहिए।उन्होंने मोदी को यह कहते हुए उद्धृत किया कि सरकार सदनों के नियमों और प्रक्रियाओं के दायरे में सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि संसद में रचनात्मक चर्चा नौकरशाही को भी सतर्क रखती है।
सूत्रों ने बताया कि विपक्षी नेताओं ने फारुक अब्दुल्ला की हिरासत का मुद्दा उठाया और मांग की कि उन्हें सत्र में भाग लेने की अनुमति दी जाए, लेकिन सरकार की ओर से कोई निश्चित प्रतिक्रिया नहीं मिली। नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद हसनैन मसूदी ने बताया कि फारुक अब्दुल्ला की हिरासत का मुद्दा सर्वदलीय बैठक में उठाया गया। उन्होंने कहा संसद के सत्र में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना सरकार का संवैधानिक दायित्व है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, किसी सांसद को अवैध रूप से हिरासत में कैसे लिया जा सकता है? उन्हें संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए। इस सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कई वरिष्ठ विपक्षी नेताओं ने भाग लिया। बैठक में उपस्थित नेताओं में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन, लोजपा नेता चिराग पासवान और समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव, तेलुगू देशम पार्टी के जयदेव गल्ला और वी विजयसाई रेड्डी भी शामिल थे। केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई इस बैठक का संचालन संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने किया।
रायबरेली । उत्तर प्रदेश के रायबरेली से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह जल्दी ही शादी के बंधन में बंधने जा रही हैं। कांग्रेस विधायक अदिति सिंह की शादी पंजाब के कांग्रेस विधायक अंगद सैनी से तय हो गई है. यह शादी 21 नवंबर को दिल्ली में होगी। इसके बाद 23 नवंबर को रिसेप्शन रखा गया है। अदिति सिंह ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि यह शादी उनके पिता ने तय की थी। अदिति सिंह और अंगद सैनी दोनों के ही परिवार दशकों से राजनीति में हैं। जितने समय से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह का परिवार राजनीति में है, लगभग उतने ही समय से अंगद सैनी का परिवार भी पंजाब की राजनीति में सक्रिय हैं। अदिति सिंह ने अपनी शादी को लेकर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि वो कांग्रेस विधायक अंगद सैनी के साथ शादी को लकेर बेहद खुश हैं। अदिति सिंह कांग्रेस के बाहुबली नेता रहे अखिलेश सिंह की बेटी हैं. हाल ही में वो तब सुर्खियों में आई थीं, जब राहुल गांधी के साथ उनकी सगाई की अफवाह फैली थी। इसके बाद अदिति सिंह ने राहुल गांधी के साथ सगाई की खबरों का खंडन किया था।
महाराष्ट्र में चुनाव नतीजे आए तीन हफ्तों से ज्यादा वक्त गुजर गया है, लेकिन सरकार गठन की तस्वीर अबतक साफ नहीं हो पाई है. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने को तैयार दिख रही है, लेकिन एनसीपी और कांग्रेस का आपसी समीकरण अबतक ट्रैक पर नहीं आ पाया है. कांग्रेस नेताओं के बयान भी इस ओर इशारा कर रहे हैं.
चव्हाण का इशारा क्या है?
रविवार को महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने बेहद सधे शब्दों में कहा कि हम ये समझने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस एक साथ आ सकते हैं या नहीं. चव्हाण ने कहा है कि सोमवार को शिवसेना और कांग्रेस नेताओं की एक बैठक है. चव्हाण के मुताबिक इस बैठक में ये तय किया जाएगा कि दोनों पार्टियां एक साथ आगे बढ़ सकती भी हैं या नहीं.
चव्हाण दिल्ली में सोमवार को प्रस्तावित एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की मुलाकात का जिक्र कर रहे थे. लेकिन सरकार गठन की इतनी कोशिशों के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का ऐसा बयान इस संभावित गठबंधन पर सवाल खड़े करता है. बता दें कि सोमवार शाम 4 बजे सोनिया गांधी और शरद पवार एक बार फिर से मिल रहे हैं. इस मुलाकात में गठबंधन की शर्तों, स्वरूप और इसके आकार पर एक बार फिर से चर्चा होगी.
कांग्रेस-एनसीपी नेताओं के बयान से भी इस मुलाकात की अहमियत का अंदाजा लगाया जा सकता है. चव्हाण के अलावा एनसीपी नेता नवाब मलिक ने भी रविवार को कहा है कि शरद पवार और सोनिया गांधी सोमवार को मिलेंगे और एक वैकल्पिक सरकार बनाने की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे. यानी कि एनसीपी-कांग्रेस के बीच इतनी मुलाकातों और चर्चाओं के बाद भी अबतक सरकार गठन की संभावनाएं ही तलाशी जा रही हैं.
दिसंबर तक डेडलाइन खींच ले गए राउत
इधर शिवसेना नेता संजय राउत भी राज्य में नवंबर में सरकार बनती नहीं देख पा रहे हैं. उन्होंने खुद कहा है कि अलग-अलग विचारधारा की पार्टियों को एक साथ आने में वक्त लग रहा है, इसलिए सरकार बनाने में देरी हो रही है. उन्होंने दावा किया कि राज्य में दिसंबर तक सरकार बनेगी. राउत ने दावा किया कि दिसंबर में 170 विधायकों के समर्थन से शिवसेना, NCP और कांग्रेस की सरकार बनेगी. राउत ने कहा, 'दिसंबर के पहले हफ्ते में महाराष्ट्र में सरकार बन जाएगी, बीजेपी ने हमें धोखा दिया है, जो सबके सामने कहा था अब उस से मुकर गए हैं, महाराष्ट्र में अब नेता तो क्या जनता भी बीजेपी के साथ नहीं है.'
स्थिर सरकार है प्राथमिकता-एनसीपी
बता दें कि रविवार को एनसीपी कोर कमेटी की बैठक हुई थी. इस बैठक में शिवसेना को समर्थन से जुड़े तमाम पहलुओं पर चर्चा हुई. इस बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने दावा किया कि चुनाव पूर्व बीजेपी से जुड़ने वाले कई विधायक एक बार फिर से पार्टी के संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि मेरिट के आधार पर ऐसे नेताओं को एनसीपी में वापस लिया जा सकता है.
एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने भी इस बात पर जोर दिया कि सरकार बनाने में कुछ वक्त लग सकता है क्योंकि एनसीपी की पहली प्राथमिकता स्थिर सरकार बनाने की है. खुद शरद पवार भी सरकार गठन में वक्त लगने की बात कह चुके हैं.
यानी संजय राउत और जयंत पाटिल के बयानों से जहां यह साफ लग रहा है कि सरकार गठन होने जा रहा है, लेकिन इसमें वक्त लगने वाली है. जबकि कांग्रेस नेता पृथ्वीराज का बयान अब भी कांग्रेस के पशोपेश को जाहिर कर रहा है.
दिल्ली. पूर्व क्रिकेटर और भाजपा सांसद गौतम गंभीर दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होने के बाद से लगातार आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। रविवार को दिल्ली में गौतम गंभीर के लापता होने के पोस्टर लगाए गए। इन पोस्टरों पर लिखा था क्या आपने इन्हें कहीं देखा है? आखिरी बार इंदौर में जलेबी खाते ही देखा गया था। पूरी दिल्ली इन्हें ढूंढ रही है।
गंभीर बीते हफ्ते इंदौर में चल रहे टेस्ट मैच की कमेंट्री के लिए आए थे। शुक्रवार को वीवीएस लक्ष्मण ने जतिन सप्रू और गंभीर के साथ पोहा और जलेबी का नाश्ता करते हुए तस्वीर ट्वीट की थी। इसके बाद गंभीर को यूजर्स ने ट्रोल किया था। आप समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने गंभीर की आलोचना की थी।
विवाद बढ़ने के बाद गंभीर ने ट्वीट किया कि अगर मुझे गाली देने से दिल्ली का प्रदूषण कम होगा तो आप मुझे जी भरकर गाली दिजिए। मेरे संसदीय क्षेत्र और शहर के प्रति प्रतिबद्धताओं को वहां हो रहे काम से आंका जाना चाहिए। मैंने पिछले 6 महीने में मेरे मतदाताओ को सर्वश्रेष्ठ देने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। गंभीर ने अपने कार्यकाल के दौरान किए गए विभिन्न कार्यों का ब्यौरा भी ट्विटर पर साझा किया था।
प्रदूषण पर होने वाली बैठक टाली गई
दिल्ली में दिवाली के बाद से ही प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को इसका समाधान करने का निर्देश दिया है। प्रदूषण के मुद्दे पर सरकार, कई प्राधिकरणों और जनप्रतिनिधियों की बैठक 15 नवम्बर को होनी थी। बैठक के पैनल में गंभीर समेत 29 सदस्यों को नामित किया गया था, जबकि केवल 4 सदस्य ही बैठक में पहुंचे। दिल्ली के तीन नगर निगमों के आयुक्त भी नहीं पहुंचे। इसके बाद बैठक टाल दी गई। आप ने इस अनुपस्थिति को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का मामला बताया था।
नई दिल्ली. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पार्टी नेताओं से एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का मुद्दा उठाएगी। साथ ही जम्मू-कश्मीर के हालात पर सरकार की प्रतिक्रिया की भी मांग करेंगे। संसद का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से 13 दिसंबर तक चलेगा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि हाल ही में गांधी परिवार समेत कई पार्टी नेताओं से एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली गई थी। मोदी सरकार ने यह राजनीतिक प्रतिशोध में किया। केंद्र सरकार ने उन्हें सीआरपीएफ की जेड प्लस सुरक्षा देने का फैसला लिया था।
हाल में सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटा ली थी। सरकार का कहना था कि सुरक्षा एजेंसियों से विचार-विमर्श और खतरों की समीक्षा करने के बाद यह फैसला लिया गया। चौधरी ने कहा कि पार्टी आम जनता से जुड़े बेरोजगारी और आर्थिक सकंट जैसे मुद्दे पर भी चर्चा करेगी। दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण और पराली जलाने के मुद्दे को भी उठाया जाएगा।
ओम बिड़ला ने सभी दलों से सहयोग की अपील की
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। उन्होंने सत्र के दौरान सभी राजनीतिक दलों से सहयोग की अपील की थी। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। बिड़ला ने कहा- सदन लोगों के लिए जवाबदेह है। मुझे उम्मीद है कि सभी राजनीतिक दल जनहित के मुद्दों को उठाएंगे। सभी दलों ने आश्वासन दिया है कि जरूरी मुद्दों पर चर्चा होगी और सत्र सुचारू रूप से चलेगा।
नई दिल्ली । कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने प्रति व्यक्ति द्वारा खर्च की औसत राशि में गिरावट से जुड़ी खबर पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा के लोगों को डाटा नहीं, बल्कि गरीबी को किनारे लगाने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘शेखचिल्ली के लतीफ़ों के बारे में खास बात ये थी कि डींगें बड़ी-बड़ी होती थीं, लेकिन असल काम में सब चौपट। भाजपा सरकार भी डींगें हांकने के लिए डाटा छिपाने में लगी है।’’
प्रियंका ने दावा किया, ‘‘ तो बहनों-भाइयों नया डाटा कहता है कि लोग गरीब हो रहे हैं। लोगों की खर्च करने की क्षमता घट रही है। गांवों में लोगों के पास खाने पर खर्च करने के पैसे भी कम हो रहे हैं।’’ उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘भाजपा वालों, डाटा को किनारे मत लगाओ, गरीबी को किनारे करो।’’ कांग्रेस महासचिव ने जिस मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया है उसमें राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े का जिक्र करते हुए कहा गया है कि भारत में 2011-12 में एक व्यक्ति द्वारा खर्च की गई औसत राशि 1501 रुपये थी, जो 2017-18 में 3.7 फीसदी की गिरावट के साथ 1446 रुपये हो गई।
नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra assembly elections 2019) के बाद केंद्र में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से शिवसेना (Shiv Sena) के अलग होने पर पार्टी के लोकसभा और राज्यसभा के सांसद शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष में बैठे दिखेंगे. शिवसेना के सभी सांसदों को अब विपक्ष की कतार में कुर्सियां मिलेंगी. संसद के शीतकालीन सत्र से पहले आज दोपहर होने वाली एनडीए की बैठक में भी शिवसेना शामिल नहीं होगी.
शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत अभी राज्यसभा में सत्ता पक्ष की तरफ 38 नंबर की सीट पर बैठते थे. सूत्रों के मुताबिक, अब वह विपक्षी कतार में 198 नंबर की सीट पर बैठेंगे. शिवसेना के दो अन्य राज्यसभा सांसदों की कुर्सी भी संजय राउत के आसपास रहेगी. वहीं, लोकसभा में शिवसेना के 18 सांसदों का सीटिंग अरेंजमेंट भी विपक्षी कतार में किया गया है. सूत्रों के मुताबिक उन्हें पांचवीं कतार में कुर्सी मिलेगी.
हर बार संसद सत्र के पहले रणनीति तय करने के लिए एनडीए की बैठक होती है. सोमवार से शुरू होने जा रहे संसद सत्र के पहले रविवार को दोपहर भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए की बैठक है. महाराष्ट्र में साथ में चुनाव लड़ने के बाद भी नाता तोड़ लेने के कारण भाजपा ने इस अहम बैठक में शिवसेना को आमंत्रित नहीं किया है. शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राऊत भी कह चुके हैं कि पार्टी अब राजग की किसी बैठक में भाग नहीं लेगी.
शिवसेना, कांग्रेस, NCP ने तैयार किया CMP
महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसेना (Shiv Sena), कांग्रेस (Congress) और एनसीपी (NCP )की गठबंधन सरकार का रास्ता करीब-करीब साफ हो गया है. कांग्रेस और शिवसेना शिवसेना पर दवाब बना कर काफी हद तक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (CMP) से उग्र हिंदुत्व को दूर रखने में कामयाब रही है लेकिन अब भी कुछ मुद्दे हैं जिन पर असहमति कायम है.