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नई दिल्ली: भारत के उभरते बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी महज 14 साल की उम्र में फैंस के दिलों पर छा चुके हैं। अपनी आक्रामक बल्लेबाजी की वजह से वह लगातार चर्चा में रहते हैं। हाल ही में हुई भारत अंडर-19 और इंग्लैंड अंडर-19 की यूथ सीरीज में उन्होंने जबरदस्त प्रदर्शन किया। 5 मैचों की सीरीज में वैभव के बल्ले से 355 रन निकले। वैभव ने चौथे वनडे मैच में 143 रन की तूफानी पारी खेली। उन्होंने इस दौरान सिर्फ 52 गेंद पर अंडर-19 वनडे इतिहास का सबसे तेज शतक ठोका। उन्होंने पाकिस्तान के कमरान गुलाम का रिकॉर्ड तोड़ दिया।

वैभव के लिए फैंस की दीवानगी

वैभव की लोकप्रियता सिर्फ भारत ही नहीं, यूके तक फैल चुकी है। फैंस सिर्फ उन्हें देखने के लिए दूर-दराज से स्टेडियम पहुंच रहे हैं। आन्या और रिवा नाम की दो 14 साल की लड़कियों ने 6 घंटे ट्रैवल करके वॉर्सेस्टर में हुए चौथे और पांचवें वनडे में वैभव से मुलाकात की। दोनों लड़कियां राजस्थान रॉयल्स की जर्सी पहनकर आई थीं और वैभव के साथ तस्वीर खिंचवाई।

राजस्थान रॉयल्स ने सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करते हुए लिखा, 'सबूत है कि हमारे पास सबसे बेहतरीन फैंस हैं। 6 घंटे गाड़ी चलाकर वॉर्सेस्टर पहुंचीं, पिंक जर्सी पहनी। वैभव और टीम इंडिया के लिए चीयर किया। आन्या और रिवा वैभव की उम्र की ही हैं। उनके लिए ये दिन यादगार रहा।'

भारत ने सीरीज 3-2 से जीती

वैभव की दमदार पारियों की बदौलत भारत ने सीरीज़ 3-2 से अपने नाम की। अंतिम मैच को छोड़कर उन्होंने हर मुकाबले में टीम को तेज शुरुआत दी और इंग्लिश गेंदबाजों की जमकर खबर ली। इससे पहले वैभव का नाम आईपीएल 2025 में तब चर्चा में आया जब वे सिर्फ 13 साल की उम्र में कॉन्ट्रैक्ट पाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए। उन्हें राजस्थान रॉयल्स ने 1.1 करोड़ रुपये में खरीदा। उन्होंने गुजरात टाइटंस के खिलाफ 35 गेंदों में शतक जड़कर T20 क्रिकेट का सबसे युवा शतकवीर बनने का इतिहास रच दिया। यह आईपीएल में किसी भी भारतीय बल्लेबाज का सबसे तेज शतक है।

 

शुभमन गिल की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड में तीसरा टेस्ट मैच खेलने के लिए तैयार है। टीम में एक बदलाव किया गया है। जसप्रीत बुमराह टीम में वापस आ गए हैं। वह प्रसिद्ध कृष्णा की जगह लेंगे। बर्मिंघम में ऐतिहासिक जीत के बाद टीम इंडिया का मनोबल ऊंचा है। एजबेस्टन में भारत ने पहली बार जीत हासिल की है।

जसप्रीत बुमराह की टीम में हुई वापसी

भारतीय क्रिकेट टीम ने लॉर्ड्स में होने वाले तीसरे टेस्ट के लिए जसप्रीत बुमराह की वापसी की घोषणा की है। जसप्रीत बुमराह को एजबेस्टन में वर्कलोड मैनेजमेंट के कारण आराम दिया गया था। लेकिन कप्तान शुभमन गिल ने उनकी वापसी की घोषणा की है। बुमराह, प्रसिद्ध कृष्णा की जगह लेंगे। प्रसिद्ध कृष्णा का एजबेस्टन में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। उनका स्पेल महंगा साबित हुआ था।

प्रसिद्ध कृष्णा को किया गया ड्रॉप

प्रसिद्ध कृष्णा को टीम से बाहर कर दिया गया है। एजबेस्टन में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। उनका स्पेल काफी महंगा साबित हुआ था। प्रसिद्ध कृष्णा ने एजबेस्टन में खेले गए दूसरे टेस्ट की पहली पारी में प्रसिद्ध ने 13 ओवर में 5 से ज्यादा की इकॉनमी के सात 72 रन दे दिए थे। वहीं दूसरी पारी में इस खिलाड़ी ने 14 ओवर में 39 रन दिए और सिर्फ एक विकेट हासिल किया। ऐसे में उन्हें ड्रॉप करना ही ठीक फैसला था। आकाश दीप और मोहम्मद सिराज ने कमाल का प्रदर्शन इस सीरीज के दूसरे मैच में किया था।

एजबेस्टन में रचा था इतिहास

एजबेस्टन क्रिकेट ग्राउंड पर भारत ने इतिहास रचा। टीम ने पहली बार इस मैदान पर जीत दर्ज की। शुभमन गिल ने वो उपलब्धि हासिल की, जो पहले के भारतीय टेस्ट कप्तान नहीं कर पाए थे। एजबेस्टन में शानदार जीत के बाद, लॉर्ड्स में होने वाला तीसरा टेस्ट दोनों टीमों के लिए सीरीज में बढ़त हासिल करने का मौका होगा।

लॉर्ड्स टेस्ट के लिए भारत की प्लेइंग XI इस प्रकार है:

यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, करुण नायर, शुभमन गिल (कप्तान), ऋषभ पंत (विकेटकीपर) (उप-कप्तान), नितीश कुमार रेड्डी, रविंद्र जडेजा, वाशिंगटन सुंदर, आकाश दीप, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज।

 

 

लॉर्ड्स :भारत और इंग्लैंड के बीच जारी पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के तीसरे मुकाबले का आगाज महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने बेल बजाकर किया। इस दौरान मेरीलिबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने उन्हें खास तोहफा दिया।

एमसीसी म्यूजियम में सचिन की तस्वीर का अनावरण

लॉर्ड्स टेस्ट से पहले मास्टर-ब्लास्टर ने एमसीसी म्यूजियम का दौरा किया। यहां उनकी पुरानी तस्वीरों का संग्रह था। सचिन ने अपनी विशेष तस्वीर का अनावरण किया। इसके बाद वह बेल रिंग सेरेमनी में शामिल हुए और बेल बजाकर मैच के आगाज का संदेश दिया।

इंग्लैंड ने जीता टॉस

लॉर्ड्स में तीसरे टेस्ट में इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया है। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने प्लेइंग-11 में एक बदलाव किया है। जोश टंग की जगह जोफ्रा आर्चर को जगह दी गई है। वहीं, भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने कहा कि वह टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनते। इसलिए फैसले का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। भारतीय टीम में भी एक बदलाव हुआ है। प्रसिद्ध कृष्णा की जगह जसप्रीत बुमराह आए हैं।

दोनों टीमें इस प्रकार हैं

भारत: शुभमन गिल (कप्तान), ऋषभ पंत (उपकप्तान और विकेटकीपर), यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, करुण नायर, नीतीश रेड्डी, रवींद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, आकाश दीप।

इंग्लैंड: बेन स्टोक्स (कप्तान), जैक क्राउली, बेन डकेट, ओली पोप, जो रूट, हैरी ब्रूक, जेमी स्मिथ (विकेटकीपर), क्रिस वोक्स, ब्राइडन कार्स, जोफ्रा आर्चर, शोएब बशीर।

 

महान बल्लेबाजों में शुमार सुनील गावस्कर आज अपना 76वां जन्मदिन मना रहे हैं। गावस्कर ने भारत के लिए 16 वर्षों तक मुख्य बल्लेबाज की भूमिका निभाई। इस दौरान उन्होंने कई अहम और यादगार पारियां खेलीं। गावस्कर का नाम सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के महान क्रिकेटर्स की लिस्ट में शुमार है। गावस्कर ने अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ किया था। वेस्टइंडीज के खिलाफ इस चार मैचों की टेस्ट सीरीज में गावस्कर ने चार शतक जड़े थे। इनमें से एक 220 रन की पारी भी थी। वहीं, उन्होंने तीन अर्धशतक भी जड़े। इस सीरीज से ही वह सुर्खियों में आ गए थे। आइए उनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें जानते हैं...

टेस्ट मैचों में 10,000 रन पूरे करने वाले पहले खिलाड़ी

गावस्कर वह पहले खिलाड़ी थे जिन्होंने टेस्ट फॉर्मेट में 10 ह़जार रन का आंकड़ा छुआ था। मार्च 1987 में उन्होंने यह कीर्तिमान हासिल किया था। गावस्कर ने वेस्टइंडीज की बॉलिंग लाइन अप जिसमें माइकल होल्डिंग, एंडी रॉबर्ट्स, जोएल गार्नर, जेफ थॉम्पसन जैसे नाम शुमार थे, उनके खिलाफ खूब रन बनाए थे। गावस्कर ने संन्यास लेने से पहले टेस्ट में कुल 10,122 रन बनाए।

गावस्कर के नाम 34 टेस्ट शतक

टेस्ट में 10 हजार रन बनाने के अलावा गावस्कर ऐसे पहले खिलाड़ी भी थे जिन्होंने क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में सबसे ज्यादा शतक लगाए थे। गावस्कर ने अपने करियर की 125 टेस्ट पारियों में 34 शतक लगाए थे। लंबे समय से यह रिकॉर्ड किसी भी खिलाड़ी से कोसों दूर रहा था, लेकिन साल 2005 में भारत क्रिकेट के एक और महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया था। भारत के लिए टेस्ट में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में गावस्कर, सचिन और द्रविड़ के बाद तीसरे स्थान पर हैं।

वेस्टइंडीज के खिलाफ गावस्कर के रिकॉर्ड

वेस्टइंडीज की टीम गावस्कर के समय सबसे खतरनाक टीम मानी जाती थी। उनकी इस उपलब्धि का मुख्य कारण उनके तेज गेंदबाज थे। उस समय वेस्टइंडीज की इतनी साख होने के बावजूद गावस्कर हमेशा ही उनके खिलाफ शानदार प्रदर्शन करते थे। गावस्कर ने 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी पहली ही सीरीज में 774 रन जड़ दिए थे और टीम इंडिया की 1-0 से सीरीज (4 मैचों की) जीत में अहम भूमिका निभाई थी। 774 रन किसी भी डेब्यू सीरीज में किसी भी बल्लेबाज द्वारा बनाए गए सबसे ज्यादा रन हैं। यहां तक की गावस्कर के नाम वेस्टइंडीज के खिलाफ सबसे ज्यादा टेस्ट शतक का भी रिकॉर्ड है। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 27 टेस्ट में 13 शतक लगाए हैं।

बेहतरीन फील्डर

ज्यादातर लोग गावस्कर को उनकी शानदार बल्लेबाजी के लिए जानते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि वह एक बेहतरीन फील्डर भी थे। विकेटकीपर को छोड़ दें तो गावस्कर ऐसे पहले भारतीय खिलाड़ी थे जिन्होंने टेस्ट मैचों में कैच का शतक पूरा किया था। गावस्कर ने अपने टेस्ट करियर में कुल 108 कैच पकड़े।

विश्व कप 1983 और विश्व चैंपियनशिप 1984-85 में चैंपियन

गावस्कर 1983 में विश्व कप विजेता जीतने वाली टीम के अहम सदस्य थे। विश्व कप के बाद साल 1984-85 में हुए बेंसन एंड हेजेज वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ क्रिकेट में भारतीय टीम का नेतृत्व कर रहे सुनील गावस्कर ने भारत को चैंपियन बनाया था। हालांकि, हैरानी की बात यह रही कि दोनों ही टूर्नामेंट में गावस्कर का बल्ला शांत रहा था। फिलहाल गावस्कर कमेंट्री पैनल का हिस्सा हैं।

 

आयरलैंड के ऑलराउंडर कर्टिस कैंफर ने गुरुवार को इतिहास रच दिया। वह पुरुषों के पेशेवर क्रिकेट में लगातार पांच गेंदों पर पांच विकेट झटकने वाले पहले खिलाड़ी बन गए। कैंफर ने इंटर-प्रोविंशियल टी20 ट्रॉफी में नॉर्थ-वेस्ट वॉरियर्स के खिलाफ मुंस्टर रेड्स के लिए खेलते हुए यह उपलब्धि हासिल की। उन्होंने 2.3 ओवर में 16 रन देकर पांच विकेट झटके।

कैंफर ने अपने दूसरे और तीसरे ओवर में किया कमाल

कैंफर ने अपने दूसरे ओवर की आखिरी दो गेंद और तीसरे ओवर की शुरुआती तीन गेंद पर लगातार पांच विकेट लिए। 189 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए एक वक्त वॉरियर्स का स्कोर 87 रन पर पांच विकेट था। इसके बाद पूरी टीम 88 रन पर सिमट गई। ईएसपीएन के मुताबिक, कैंफर ने पारी के 12वें ओवर की पांचवीं गेंद पर जेरेड विल्सन को क्लीन बोल्ड किया। फिर आखिरी गेंद पर ग्राहम ह्यूम को एल्बीडब्ल्यू आउट किया।

अपने अगले ओवर यानी अपने तीसरे और पारी के 14वें ओवर में की पहली गेंद पर कैंफर ने हैट्रिक पूरा किया। उन्होंने एंडी मैकब्राइन का विकेट हासिल किया। कैंफर ने उन्हें डीप मिडविकेट पर कैच कराया। इसके बाद ओवर की दूसरी गेंद पर कैंफर ने रॉबी मिलर को विकेटकीपर के हाथों कैच कराया। फिर तीसरी गेंद पर जोश विल्सन को क्लीन बोल्ड कर लगातार पांच गेंदों में पांच विकेट झटकने की खास उपलब्धि हासिल की।

कैंफर चार गेंद में झटक चुके हैं चार विकेट

कैंफर पहले ही टी20 अंतरराष्ट्रीय में चार गेंदों में चार विकेट हासिल कर चुके हैं। हालांकि, पुरुष और महिला क्रिकेट को मिला दें तो कैंफर यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले खिलाड़ी नहीं हैं। उनसे पहले जिम्बाब्वे की महिला खिलाड़ी केलिस निधलोवु ने साल 2024 में घरेलू टी20 टूर्नामेंट में जिम्बाब्वे अंडर-19 के लिए खेलते हुए ईगल्स विमेंस के खिलाफ ऐसा ही किया था।

आयरलैंड के लिए कैंफर का टी20 करियर

आयरलैंड के लिए 61 टी20 की 52 पारियों में कैंफर ने अब तक 125.37 के स्ट्राइक रेट से 924 रन बनाए हैं। इनमें तीन अर्धशतक शामिल हैं। उन्होंने टी20 में 31 विकेट भी लिए हैं। 25 रन देकर चार विकेट उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी है। मैच के बाद कैंफर ने कहा, 'ओवर बदलने की वजह से मुझे सच में समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है। मैं बस अपनी लाइन लेंथ पर टिका रहा और चीजों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और खुशकिस्मती से अच्छी गेंदबाजी कर पाया।'

छठा विकेट भी ले लेते कैंफर? पढ़ें उनका जवाब

जब उनसे पूछा गया कि अगर कोई और बल्लेबाज मैदान पर आता तो क्या वह छठा विकेट भी ले लेते? इस पर कैंफर ने कहा, 'नहीं, मुझे नहीं लगता। रिकॉर्ड्स ऐसे ही होते हैं। अच्छा-बुरा दोनों ही स्वीकार करो।' अंगुली की चोट के कारण वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे और टी20 सीरीज से बाहर होने के बाद यह कैंफर का दूसरा मैच था। मंगलवार को लेइनस्टर लाइटनिंग के खिलाफ अपने वापसी मैच में उन्होंने 35 गेंदों पर 57 रन बनाए थे, लेकिन गेंदबाजी नहीं की थी। गुरुवार को लगातार पांच विकेट लेने से पहले उन्होंने 24 गेंदों पर 44 रन बनाए थे।

 

 

 

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम इस समय इंग्लैंड दौरे पर है। दौरे की शुरुआत 20 जून से हो रही है। पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच लीड्स के हेडिंग्ले में खेला जाना है। इसी मैच से शुभमन गिल अपने कप्तानी करेंगे। गिल को रोहित शर्मा के बाद भारत की टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया है और अब वह अपनी गैंग लेकर पहले टेस्ट मैच की सरजमीं पर पहुंच गए हैं।

अभी तक टीम इंडिया लंदन में थी और वहां अभ्यास कर रही थी। टीम इंडिया ने इससे पहले इंडिया-ए के खिलाफ एक इंट्रा-स्क्वाड मैच खेला। वहीं सीनियर टीम का हिस्सा कई खिलाड़ी इंडिया के साथ पहले ही इंग्लैंड आ गए थे और इंग्लैंड लायंस के खिलाफ उन्होंने दो अभ्यास मैच खेले। इनमें यशस्वी जायसवाल, करुण नायर, ध्रुव जुरैल जैसे खिलाड़ी शामिल थे।

ट्रेन से पहुंचे लीड्स
टीम इंडिया मंगलवार को लीड्स पहुंच गई है। टीम इंडिया ने ये सफर ट्रेन से तय किया। लीड्स स्टेशन पर टीम इंडिया के पहुंचने का वीडियो इस समय वायरल हो रहा है जिसमें गिल, केएल राहुल, यशस्वी और तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह दिखाई दे रहे हैं। इनके अलावा टीम का सपोर्ट स्टाफ भी टीम के साथ है। गिल के लिए दौरा आसान नहीं हैं। उनके सामने पांच टेस्ट हैं और पांचों अग्निपरीक्षा से कम नहीं हैं।

ये भारत के एक नए युग की शुरुआत भी है। रोहित शर्मा और विराट कोहली के संन्यास लेने के बाद टीम इंडिया पहली बार मैदान पर उतरने जा रही है। इन दोनों की गैरमौजूदगी काफी बड़ा गैप है जिसे टीम इंडिया को भरना होगा। इन दोनों के न रहने से टीम में अनुभव की कमी साफ नजर आ रही है जिसको भरना गिल की गैंग के लिए आसान नहीं होगा।

राणा की टीम में एंट्री
दौरे की शुरुआत से पहले टीम इंडिया में एक खास गेंदबाज की एंट्री हुई है। इंडिया-ए के साथ इंग्लैंड आने वाले तेज गेंदबाज हर्षित राणा को रोक लिया गया है और उन्हें टीम में शामिल कर लिया गया है। राणा को गौतम गंभीर का खास माना जाता है। दोनों आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स में साथ थे। गंभीर के आने के बाद ही राणा की टीम में एंट्री हुई। ऑस्ट्रेलिया दौरे प राणा ने अपना टेस्ट डेब्यू किया था।

 

नई दिल्ली। साल 1983 की ऐतिहासिक विश्व कप जीत की कहानी भारतीय क्रिकेट फैंस अच्छी तरह से जानते हैं। वो लम्हें आज भी हर एक हिंदुस्तानी के दिलों में धड़कते हैं।

लोगों को ये भी याद होगा कि फाइनल तक पहुंचने के रास्ते में एक मैच ऐसा भी था, जहां हर किसी को ये लगा था कि मैच खत्म हो गया है। वो मैच टीम इंडिया का जिम्बाब्वे के खिलाफ था।

उस मैच को टीवी पर नहीं दिखाया गया था। ये बात है आज से 42 साल पहले की। तारीख 18 जून 1983 का दिन, जब भारतीय टीम की कप्तानी कपिल देव के पास थी और उस मैच में उन्होंने नॉटआउट 175 रन बनाए थे। उनकी पारी के बाद भारतीय क्रिकेट टीम ने एक नया अध्याय लिखा था। आइए आपको बताते हैं उस मैच की पूरी कहानी।

कपिल देव की ऐतिहासिक 175* रन की पारी
दरअसल, क्रिकेट में विश्व कप की शुरुआत साल 1975 में हुई थी। तब विश्व क्रिकेट में वेस्टइंडीज का दबदबा था। विंडीज टीम के तेज गेंदबाजों से विरोधी टीम खौफ खाती थी। ऐसा भला हो भी क्यों ना, वेस्टइंडीज की टीम आखिरकार दो विश्व कप जीतकर इंग्लैंड पहुंची थी। वहीं, भारतीय टीम विश्व क्रिकेट में अपनी पहचान बनाने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही थी।

उस वक्त टीम की कमान युवा कपिल देव के हाथों में थी। टीम इंडिया की विश्व कप जीत की किसी ने भी कल्पना नहीं की थी। हर किसी को ये ही उम्मीद थी कि ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड ही वेस्टइंडीज को टक्कर दे पाएगा, लेकिन कपिल देव ने असंभव को संभव कर दिखाकर इतिहास रच डाला।

इस दौरान एक मैच ऐसा भी रहा, जिसे टीवी पर नहीं दिखाया गया, लेकिन उस मैच ने भारतीय क्रिकेट को एक अलग पहचान दिलाई। वह मुकाबला था जिम्बाब्वे बनाम भारत का, जो कि 18 जून यानी आज ही के दिन 42 साल पहले (1983) में खेला गया था।

17 रन पर आधी टीम लौटी पवेलियन
18 जून 1983 को खेले गए मैच में भारतीय टीम के कप्तान कपिल देव ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया था। ओपनिंग करने सुनील गावस्कर और क्रिस श्रीकांत मैदान पर पहुंचे थे। दोनों ओपनर्स को कपिल देव ने ये कहते हुए भेजा था कि अपनी जान लगाकर मैच खेलना और कोशिश करना की उन्हें मैदान पर ना आना पड़े, लेकिन इसका उलटा ही हुआ।

गावस्कर और श्रीकांत दोनों ही अपना खाता तक नहीं खोल पाए। दोनों ही शून्य पर पवेलियन लौटे। इसके बाद मोहिंदर अमरनाथ 20 गेंद खेलकर 5 रन बनाकर सस्ते में आउट हुए।

संदीप पाटिल जैसे बल्लेबाज भी क्रीज पर सेट नहीं हो पाए और देखते-देखते 17 रन पर टीम इंडिया की आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी। हर किसी को टीम की हार का डर सताने लगा था, लेकिन फिर क्रीज पर आए कपिल देव, जिन्होंने अकेले दम पर योद्धा की तरह खेला।

 

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को मंगलवार को बड़ा झटका लगा। बॉम्बे हाईकोर्ट ने इंडियन प्रीमियर लीग फ्रेंचाइजी कोच्चि टस्कर्स केरल (BCCI बनाम कोच्चि क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड और अन्य) के मालिकों के पक्ष में 538 करोड़ रुपये से अधिक के आर्बिट्रल अवार्ड की पुष्टि की। कोच्चि टस्‍कर्स फ्रेंचाइजी अब बंद हो चुकी है। इसे 2011 में निलंबित किया गया था। इसके बाद फ्रेंचाइजी ने बॉम्‍बे हाईकोर्ट में बोर्ड के खिलाफ आर्बिट्रेशन का केस किया था।

एकल न्यायाधीश के रूप में अध्यक्षता कर रहे जस्टिस आर आई चागला ने आर्बिट्रल अवार्ड के लिए BCCI की चुनौती को खारिज कर दिया। जस्टिस आर आई चागला ने फैसला सुनाया कि अदालत मध्यस्थ के निष्कर्षों पर अपीलीय प्राधिकारी के रूप में कार्य नहीं कर सकती।

अदालत ने कहा, "मध्यस्थता अधिनियम की धारा 34 के तहत इस न्यायालय का अधिकार क्षेत्र बहुत सीमित है। विवाद के गुण-दोष की जांच करने का BCCI का प्रयास अधिनियम की धारा 34 में निहित आधारों के दायरे के विपरीत है। साक्ष्य और/या गुण-दोष के संबंध में दिए गए निष्कर्षों के बारे में बीसीसीआई का असंतोष पुरस्कार को चुनौती देने का आधार नहीं हो सकता।"

कोच्चि टस्कर्स केरल ने 2011 में आईपीएल डेब्‍यू किया था। फ्रेंचाइजी का सफर एक साल तक ही चला। रॉन्देवू स्पोर्ट्स वर्ल्ड (RSW) ने 1550 करोड़ में फ्रेंचाइजी हासिल की थी। बाद में इसे बाद में कोच्चि क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड (केसीपीएल) द्वारा संचालित किया गया। बीसीसीआई ने सितंबर 2011 में फ्रेंचाइजी को समाप्त कर दिया। बोर्ड ने फ्रेंचाइजी समझौते का उल्लंघन करने का हवाला दिया।

IPL 2011 में कोच्चि के प्रदर्शन की बात करें तो फ्रेंचाइजी ने अपने पहले सीजन में 14 मुकाबले खेले थे और 6 में जीत दर्ज की थी। 8 में फ्रेंचाइजी को हार का सामना करना पड़ा था। 12 अंक और -0.214 नेट रन रेट के साथ फ्रेंचाइजी प्‍वाइंट्स टेबल में 8वें पायदान पर रही थी।

कोच्चि टस्कर्स केरल ने 2011 में आईपीएल डेब्‍यू किया था। फ्रेंचाइजी का सफर एक साल तक ही चला। रॉन्देवू स्पोर्ट्स वर्ल्ड (RSW) ने 1550 करोड़ में फ्रेंचाइजी हासिल की थी। बाद में इसे बाद में कोच्चि क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड (केसीपीएल) द्वारा संचालित किया गया। बीसीसीआई ने सितंबर 2011 में फ्रेंचाइजी को समाप्त कर दिया। बोर्ड ने फ्रेंचाइजी समझौते का उल्लंघन करने का हवाला दिया।

IPL 2011 में कोच्चि के प्रदर्शन की बात करें तो फ्रेंचाइजी ने अपने पहले सीजन में 14 मुकाबले खेले थे और 6 में जीत दर्ज की थी। 8 में फ्रेंचाइजी को हार का सामना करना पड़ा था। 12 अंक और -0.214 नेट रन रेट के साथ फ्रेंचाइजी प्‍वाइंट्स टेबल में 8वें पायदान पर रही थी।

 

 

 

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने हेडिंग्ले टेस्ट से पहले भारत की अपनी पसंदीदा प्लेइंग-11 चुनी है। भारत को 20 जून से इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है।

इस टेस्ट सीरीज के लिए शुभमन गिल को टीम इंडिया का नया कप्तान बनाया गया है। उन्हें विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों को टेस्ट से संन्यास लेने के बाद ये जिम्मेदारी मिली हैं। इस बीच पहले टेस्ट से पहले रवि शास्त्री ने टीम इंडिया की अपनी मनपसंद प्लेइंग-11 चुनी है , जिसमें उन्होंने किन-किन खिलाड़ियों को मौका दिया, आइए जानते हैं।

रवि शास्त्री ने चुनी भारत की पसंदीदा प्लेइंग-XI

रवि शास्त्री की पसंदीदा भारत की प्लेइंग XI किन खिलाड़ियों को चुना
ओपनर्स

यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल
नंबर 3 साई सुदर्शन
नंबर 4 शुभमन गिल
नंबर 5 करुण नायर
नंबर 6 ऋषभ पंत
नंबर 7 (मुख्य स्पिनर) रवींद्र जडेजा
तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज, जसप्रीत बुमराह और प्रसिद्ध कृष्णा या अर्शदीप सिंह
ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर या नितीश रेड्डी
रवि शास्त्री ने हेडिंग्ले टेस्ट से पहले भारत की प्लेइंग-11 चुनी, जिसमें उन्होंने सलामी जोड़ी के लिए यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल को चुना। उन्होंने कहा,
"यह जायसवाल और उनके साथ केएल राहुल होंगे क्योंकि मुझे लगता है कि यह उनके (केएल) लिए एक बड़ा दौरा है। वह बल्लेबाजों में सबसे अनुभवी हैं। उन्होंने पिछली बार जब भारत ने इंग्लैंड का दौरा किया था तो पारी की शुरुआत की थी, शतक बनाया था और एक अच्छा दौरा था, इसलिए मैं उम्मीद करूंगा कि वह पारी की शुरुआत करें।"

शास्त्री ने नंबर 3 बैटिंग क्रम के लिए साई सुदर्शन को चुना। उन्होंने इस फैसले पर कहा नंबर तीन पर मैं युवा साई सुदर्शन के साथ जाऊंगा। मैंने उन्हें जितना भी देखा है, वह बहुत प्रभावशाली हैं। यह दौरा उनके लिए अच्छा अनुभव होगा।

नंबर-4 पर पूर्व भारतीय कोच ने भारतीय टीम के नए टेस्ट कप्तान शुभमन गिल को जगह दी, जिन्होंने अब तक 32 टेस्ट मैच खेले हैं। पांचवें नंबर पर उन्होंने करुण नायर और छठे नंबर पर ऋषभ पंत का समर्थन किया। सातवें नंबर पर उन्होंने भारतीय स्पिन गेंदबाज रवींद्र जडेजा को चुना।

वहीं, तेज गेंदबाजी आक्रामण के लिए उन्होंने जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा/अर्शदीप सिंह में से किसी एक को मौका मिलने की उम्मीद जताई। बतौर ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर या नितीश रेड्डी को उन्होंने चुना।

 

Axar Patel: IPL 2025 की शुरुआत होने में अब बहुत ही कम समय बचा हुआ है। इससे पहले ही सभी टीमों ने अपने-अपने कप्तान के नामों का ऐलान कर दिया है। दिल्ली कैपिटल्स ने स्टार ऑलराउंडर अक्षर पटेल को कमान सौंपी है। जबकि टीम में फॉफ डु प्लेसिस और केएल राहुल जैसे अनुभवी प्लेयर्स भी मौजूद थे। पिछले सीजन अक्षर ने दिल्ली के लिए उपकप्तानी की जिम्मेदारी संभाली थी। उनका प्रदर्शन भी शानदार रहा है। अब उनके कप्तान बनते ही राहुल का रिएक्शन सामने आया है। केएल राहुल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा है कि बधाई को हो बापू, आगे के सफर के लिए शुभकामनाएं। हमेशा आपके साथ हूं। IPL 2024 में राहुल लखनऊ सुपर जायंट्स की टीम का हिस्सा थे। फिर लखनऊ की टीम ने रिटेन नहीं किया था। इसके बाद दिल्ली ने IPL 2025 मेगा ऑक्शन में उन्हें खरीद लिया।

अक्षर को 16 करोड़ से ज्यादा रुपए में किया रिटेन
दूसरी तरफ अक्षर पटेल साल 2019 से ही दिल्ली कैपिटल्स का हिस्सा हैं और दमदार प्रदर्शन कर रहे हैं। वह निचले क्रम पर उतरकर धाकड़ बल्लेबाजी और शानदार गेंदबाजी करने में माहिर हैं। इसी वजह से दिल्ली की टीम ने उन्हें 16 करोड़ 50 लाख रुपए में रिटेन किया है। अक्षर को IPL में कप्तानी का सीमित अनुभव है लेकिन उन्होंने घरेलू क्रिकेट में गुजरात की कप्तानी की है।

IPL में खेल चुके हैं 150 मैच
दिल्ली कैपिटल्स का कप्तान बनने पर अक्षर पटेल ने कहा था कि दिल्ली का कप्तान नियुक्त किया जाना मेरे लिए बहुत बड़ा सम्मान है। मैंने एक क्रिकेटर के रूप में काफी प्रगति की है और मुझे लगता है कि मैं इस टीम का नेतृत्व करने के लिए तैयार हूं। उन्होंने अभी तक IPL के 150 मैचों में कुल 1653 रन बनाए। इसके अलावा 123 विकेट भी हासिल किए।

अभी तक खिताब नहीं जीत पाई है दिल्ली कैपिटल्स
अब अक्षर पटेल के ऊपर दिल्ली कैपिटल्स को पहला खिताब जिताने की जिम्मेदारी होगी। दिल्ली की टीम ने अभी तक एक बार भी IPL की ट्रॉफी अपने नाम नहीं की है। टीम ने IPL 2020 के फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन तब मुंबई ने उसका खिताब जीतने का सपना तोड़ दिया था।

 

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