ईश्वर दुबे
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Bhilai
BCCI: ऑस्ट्रेलिया दौरे से हार का जख्म लेने के बाद भारतीय मैनेजमेंट में घमासान देखने को मिल रहा है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने हाल ही में एक मीटिंग की थी, जिसमें कप्तान रोहित शर्मा, चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर और हेड कोच गौतम गंभीर समेत जरूरी सदस्य मौजूद रहे. जिसके बाद अब बड़ी खबर सामने आ रही है जिससे समझ आता है कि बोर्ड के रडार में मौजूदा अभिषेक नायर हैं और कोचिंग स्टाफ में नए बैटिंग कोच के शामिल होने की संभावना है.
11 जनवरी को BCCI की मुंबई में मीटिंग हुई थी. रिपोर्ट के मुताबिक सहयोगी स्टाफ की भूमिका पर बातचीत हुई. भारतीय पुरुष टीम के कोचिंग स्टाफ में एक नए सदस्य, खास तौर पर बल्लेबाजी कोच को शामिल करने की संभावना तलाश रहा है. हालांकि, इसपर फिलहाल कोई फैसला नहीं किया गया है. लेकिन BCCI भविष्य को देखते हुए कोचिंग स्टाफ को मजबूत करने पर विचार कर रहा है.
टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर के साथ मोर्ने मोर्केल बॉलिंग कोच हैं. वहीं, अभिषेक नायर और रेयान टेन डोशेट सहायक कोच के तौर पर भारतीय कोचिंग स्टाफ का हिस्सा हैं. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया की बल्लेबाजी ने निराश किया. सीनियर प्लेयर्स पूरी तरह से फ्लॉप नजर आए. जिसके चलते अब बोर्ड नए बैटिंग कोच की तलाश में है. क्रिकबज के मुताबिक कुछ नामों पर विचार किया जा रहा है, जिसमें घरेलू क्रिकेट के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी भी शामिल हैं. ऑस्ट्रेलिया में हार के बाद BCCI एक्शन में आ चुका है. टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ऑस्ट्रेलिया में फुस्स होने के बाद अब घरेलू क्रिकेट में मुंबई के लिए खेलते नजर आ सकते हैं. वहीं, ऋषभ पंत ने भी अपनी मौजूदगी की पुष्टि कर दी है.
Shefali Verma: शेफाली वर्मा ने अपनी बैटिंग को लेकर हाल में खूब सुर्खियां बटोरी. उन्होंने सीनियर महिलाओं की वनडे चैलेंजर ट्रॉफी में अपनी टीम के लिए 5 मैचों में 1 शतक और 3 अर्धशतक के साथ 444 रन जड़े. इस शानदार प्रदर्शन के बाद शेफाली की एक बार फिर से टीम इंडिया में वापसी भले ही होती दिखे. लेकिन तब क्या हुआ था जब उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था? भारतीय क्रिकेट की इस महिला ओपनर को पिछले साल नवंबर में ऑस्ट्रेलिया दौरे की टीम में नहीं चुना गया था. टीम से निकाले की उस खबर को उस वक्त शेफाली अंदर ही अंदर दबा गईं. उन्होंने उसे अपने पिता को नहीं बताया.
पिता को आया था हार्ट अटैक
20 साल की शेफाली ने टीम से निकाले जाने की खबर पिता को इसलिए नहीं बताई क्योंकि उन्हें 2 दिन पहले ही हार्ट अटैक आया था. अब ऐसी हालत में वो उन्हें खुद के बाहर होने की खबर सुनाती तो मामला और बिगड़ सकता था. उसने बाद में खबर बताने का फैसला लिया.
शेफाली ने हफ्ते भर बाद बताई पिता को खबर
शेफाली वर्मा ने बताया कि वो पिता को बताना नहीं चाहती थी क्योंकि दो दिन पहले ही उन्हें हार्ट अटैक आया था. उन्होंने तब तक उनसे वो खबर बचाए रखी, जब तक वो ठीक नहीं हो गए. शेफाली ने बताया कि वो अस्पताल में ही थे जब हफ्ते भर बाद उसने टीम से ड्रॉप किए जाने की खबर अपने पिता संजीव वर्मा को बताई.
पिता ही थे शेफाली के पहले कोच
शेफाली के लिए उनके पिता काफी मायने रखते हैं. वही उनके पहले कोच भी हैं. बचपन में वो शेफाली को रोजाना सुबह 5 बजे उठाकर क्रिकेट की प्रैक्टिस कराने ले जाते थे. अब एक बार फिर से उनकी ख्वाहिश अपनी बेटी को भारतीय टीम की जर्सी में देखने की है. शेफाली की ओर से इसकी कोशिश की जा चुकी है. इंतजार बस अगले टीम सेलेक्शन का है.
पिछले कुछ समय में नतीजे भारतीय टीम के पक्ष में नहीं रहे हैं. पिछले साल T20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद से ही वनडे और टेस्ट में टीम इंडिया ने संघर्ष किया है. इससे ना सिर्फ कप्तान रोहित शर्मा और हेड कोच गौतम गंभीर बल्कि BCCI पर भी दबाव बढ़ा है. इसलिए वो कई बड़े बदलाव करने के बारे में सोच रही है. इसके लिए उसने मुंबई में एक रिव्यू मीटिंग भी रखी थी. इस दौरान टीम के प्रदर्शन में सुधार लाने के लिए काफी मंथन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, काफी सोच-विचार के बाद विराट कोहली की सख्त फिटनेस नीति को वापस लाने का प्रस्ताव सामने रखा गया है, जिसका गंभीर कोच बनने से पहले विरोध कर चुके हैं.
खिलाड़ियों के लिए नया फिटनेस स्टैंडर्ड
विराट कोहली क्रिकेट में अपनी फिटनेस के लिए जाने जाते हैं. इसी चीज को उन्होंने अपनी कप्तानी के दौरान टीम इंडिया पर भी लागू किया था. वो चाहते थे हर खिलाड़ी फिट हो, जिससे उसके ओवरऑल प्रदर्शन में निखार आए. इसलिए यो-यो टेस्ट को लागू किया था. टीम में जगह पाने के लिए हर खिलाड़ी के लिए इसे पास करना जरूरी होता था. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि अब BCCI वापस उनकी इस नीति को लागू करने के बारे में सोच रही है. ज्यादातर खिलाड़ी अपने फिटनेस को लेकर सीरियस हो गए थे. इसलिए BCCI ने इसमें ढील दे दी थी और सारा फोकस उनकी इंजरी की समस्या पर शिफ्ट कर दिया था. लेकिन कुछ खिलाड़ियों ने इसका फायदा उठाते हुए लापरवाही बरतनी शुरू कर दी है. यही कारण है कि बोर्ड ने फिर से फिटनेस के लिए कड़े नियम लाने को मजबूर हो गया है. खिलाड़ियों के लिए एक फिटनेस स्टैंडर्ड जल्द ही लागू किया जा सकता है.
नई दिल्ली । भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह अभी तक पूरी तरह से फिट नहीं हुए हैं। बुमराह के अगले माह 19 फरवरी से होने वाले चैंपियंस ट्रॉफी के शुरुआती मैचों से बाहर होने की संभावना है। इससे भारतीय टीम को झटका लग सकता है। बुमराह ग्रुप स्तर के मैचों से बाहर हो सकते हैं। पिछले सप्ताह ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सिडनी में खेले गए अंतिम टेस्ट के दौरान उनकी पीठ में ऐंठन आ गयी थी जिससे वह अभी तक नहीं उबरे हैं।
आज तक की जानकारी के अनुसान बुमराह की पीठ में सूजन है और उन्हें बेंगलुरु के नेशनल क्रिकेट एकेडमी (एनसीए) में पहुंचने को कहा गया है। इसमें उनके रिहैब का ध्यान रखा जाएगा। भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी के अपने मुकाबले दुबई में खेलेगी।
अब चयनकर्ता इस बात को लेकर विचार कर रहे हैं कि बुमराह को 15 सदस्यीय टीम में शामिल किया जाए या चैंपियंस ट्रॉफी के लिए रिजर्व खिलाड़ियों की सूची में रखा जाए। एक रिपोर्ट के अनुसार बीसीसीआई आईसीसी को एक अस्थायी टीम की सूची देगा। चयनकर्ताओं के पास अभी बुमराह की फिटनेस पर नजर रखने का समय है। इस तेज गेंदबाज की शुरुआती रिपोर्ट में उन्हें फ्रैक्चर नहीं है पर उनकी पीठ में सूजन है। एनसीएक में रिकवरी के बाद वह एक या दो अभ्यास मैच खेलेंगे। इससे पता चलेगा कि वह कितने फिट हैं। ”
मंडी,। मंडी शहर के रहने वाले क्रिकेट प्लेयर ऋषि धवन भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा रह चुके हैं और कई मैच इन्होंने इंडिया के लिए खेले हैं। यही नहीं ऋषि धवन इंडिया में खेलने के साथ आईपीएल में भी अपने खेल का प्रदर्शन किंग्स इलेवन पंजाब टीम में रहकर दिखा चुके हैं।
ऋषि धवन और उनके छोटे भाई राघव धवन दोनों को क्रिकेट पसंद हैं और दोनों भाई खेलते भी अच्छा हैं जिसकी प्रशंसा लोग करते थे। ऋषि धवन बचपन से ही मंडी के पड्डल मैदान से जुड़े थे और रोज सुबह-शाम प्रैक्टिस करने यहां जाते थे और पसीना बहाते थे और इसकी के फल स्वरूप उनकी मेहनत का फल उन्हें मिला और वह इंडिया में सेलेक्ट हुए। छोटी काशी मंडी ने कई ऐसे रत्न देश को दिए, जिन्होंने देश का नाम रौशन किया।
ऋषि धवन ने एक साक्षात्कार में कहा कि उनके करियर की शुरुआत से लेकर अपने देश का प्रतिनिधित्व करने तक, यह उनके लिए गर्व का पल रहा है। क्रिकेट उनका जुनून रहा है और हर सुबह जागने का कारण भी। वह अपने कोचों, गुरुओं, टीम के साथियों और सहयोगी स्टाफ को उस बहुमूल्य योगदान के लिए धन्यवाद देते हैं, जो उन्हें उस व्यक्ति के रूप में आकार देने में दिया है जो मैं आज हूं। धवन ने प्रशंसकों के लिए कहा कि वह मेरे लिए इस खेल की आत्मा और खून हैं। उनका चीयर करना हमेशा मेरे दिल के करीब रहेगा। फैंस से जो प्यार मिला है, उसे वह हमेशा संजोकर रखेंगे।
नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका के मशहूर क्रिकेटर और पूर्व कप्तान शॉन पोलाक ने कहा कि आईसीसी क्रिकेट काउंसिल गेंदबाजों को वाइड पर छूट देने की दिशा में काम कर रही है क्योंकि मौजूदा नियम के मुताबिक यह गेंदबाजों के लिए बहुत सख्त है। खासकर तब जब बल्लेबाज खेलते समय इधर उधर हिलता है। पोलाक आईसीसी के लिए मीडिया का प्रतिनिधत्व करते हैं।
पोलाक ने कहा कि वह आईसीसी क्रिकेट समिति का हिस्सा हैं और हम वाइड गेंद पर गेंदबाजों के लिए कुछ और छूट देनेन पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लगता है कि इसको लेकर नियम गेंदबाजों के प्रति बहुत सख्त है। अगर कोई बल्लेबाज आखिरी मिनट में हिलता है, तो इससे गेंदबाज की पोजिशन में बदलाव होता है। ऐसे में उसका लय बिगड़ जाता है।
पोलाक ने कहा कि मौजूदा नियमों के मुताबिक अगर गेंदबाज के गेंद को फेंकने से पहले बल्लेबाज अपनी जगह बदलता है तो इससे गेंद वाइड दे दी जाती है। इस नियम में थोड़ा बदलाव चाहता हैं। वह चाहता हैं कि एक गेंदबाज को रन अप के समय पता होना चाहिए कि उसे कब, क्यों या कैसी गेंद फेंकनी है। उन्होंने कहा कि एक गेंदबाज से यह उम्मीद कैसे की जा सकती है कि वह गेंदबाजी करते समय आखिरी सेकंड में अपनी रणनीति बदल देगा। उसे पहले ही पता होना चाहिए कि उसे कहां गेंद करनी है। इसी पर चर्चा कर किया जा रहा है।
मेलबर्न । पिछले पांच सालों में भारतीय क्रिकेट ने बेहतर खिलाड़ियों से ज्यादा कप्तानों को जन्म दिया है, जिससे टीम में नेतृत्व को लेकर असमंजस बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में भारतीय क्रिकेट टीम को एक सेनापति के बजाय कई सेनापति अपनी-अपनी दिशा में सेना को चलाने की कोशिश कर रहे हैं।
इस संकट का असर अब आगामी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में देखने को मिल सकता है, जहां भारतीय टीम संभावित रूप से सात कप्तानों के साथ मैदान में उतरेगी। टीम इंडिया के नियमित कप्तान रोहित शर्मा के साथ विराट कोहली, हार्दिक पांड्या, जसप्रीत बुमराह, सूर्यकुमार यादव, ऋषभ पंत और संभावित तौर पर केएल राहुल जैसे खिलाड़ी भी दुबई जाने वाली टीम में शामिल होंगे। ये सभी खिलाड़ी किसी न किसी समय भारतीय टीम की कप्तानी कर चुके हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जब एक टीम में इतने कप्तान हों, तो क्या सभी एक पेज पर आ पाएंगे? भारतीय क्रिकेट में कप्तानी को लेकर विवाद कोई नई बात नहीं है। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम में चार कप्तान थे, जिनमें से दो ने अलग-अलग मौकों पर टीम का नेतृत्व किया। खबरें यहां तक थीं कि एक और खिलाड़ी कप्तानी की महत्वाकांक्षा रखता था। अब चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट में सात कप्तानों की मौजूदगी टीम के लिए रणनीतिक और सामंजस्य का बड़ा चैलेंज बन सकती है। 2013 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी। उस वक्त टीम में सिर्फ एक ही लीडर था, जिसने खिलाड़ियों को एक दिशा में संगठित रखा। इसके बाद से खिलाड़ियों की फिटनेस और क्रिकेट कैलेंडर की व्यस्तता के कारण कप्तानों में बदलाव बढ़ा, जिससे टीम में नेतृत्व की स्थिरता कम हो गई।
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025 का फाइनल जून महीने में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला जाना है। गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया दूसरी बार फाइनल मैच खेलने उतरेगी, लेकिन साउथ अफ्रीका की टीम पहली बार खिताब के लिए दावेदारी पेश कर रहा है।
आखिरी बार की तरह इस बार भी WTC Final इंग्लैंड के लॉर्ड्स मैदान में खेला जाएगा। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज कगिसो रबाडा ने अपने टीम के सातवीं लगातार टेस्ट जीत के बाद अब अपनी नजरें वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल पर टिका दी हैं। रबाडा ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया को चेतावनी दी है। रबाडा का कहना है कि प्रोटियाज टीम को यह पता है कि पैट कमिंस की अगुवाई वाली टीम को कैसे हराना है।
कमिंस की सेना के लिए kagiso Rabada ने बुना चक्रव्यूह
दरअसल, दक्षिण अफ्रीका ने पाकिस्तान के खिलाफ 10 विकेट से जीत हासिल की। इससे पहले ही सीरीज के पहले टेस्ट में साउथ अफ्रीका ने पाकिस्तान को 2 विकेट से हराकर WTC फाइनल में जगह पक्की की थी। दूसरा टेस्ट मैच में जीत हासिल करना यह उनकी सातवीं लगातार टेस्ट जीत थी। इस जीत में साउथ अफ्रीका को पाकिस्तान को तीसरे पारी में 478 रन पर ढेर करने में दो से ज्यादा दिन का समय लगा था। पाकिस्तान के कप्तान शाहन मसूद का शतक के दम पर मैच को जीवित रखा था।
पाकिस्तान ने टेस्ट इतिहास में दूसरे सबसे बड़े पहले पारी के नुकसार को पार किया और दक्षिण अफ्रीका को दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने के लिए मजबूर किया। हालांकि, 58 रन का लक्ष्य बहुत छोटा था, और दक्षिण अफ्रीका ने उसे केवल 7.1 ओवर में पूरा कर लिया।
रबाडा का 6 विकेट का प्रदर्शन एक बार फिर इस बात को साबित करता है कि वह दक्षिण अफ्रीका की WTC ट्रॉफी जीतने की उम्मीदों का अहम हिस्सा हैं। उन्होंने जिस तरह से शानदार प्रदर्शन कर दिखाया, उससे हर किसी को उम्मीदें हैं कि वह WTC Final में टीम के लिए अहम भूमिका निभाएंगे।
इस बीच सुपरस्पोर्ट से बातचीत करते हुए रबाडा ने कहा कि यह सच है कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल अभी दूर है, लेकिन ऐसा बड़ा मौका आपको उत्साहित कर देता है। दक्षिण अफ्रीका बनाम ऑस्ट्रेलिया हमेशा एक हाई वोल्टेज मुकाबला रहा है, क्योंकि हम दोनों एक जैसे क्रिकेट खेलते हैं। हम कड़ी मेहनत करते हैं और वे भी हमारे खिलाफ कड़ी मेहनत करेंगे और हम यह जानते हैं। लेकिन हमें यह भी पता है कि उन्हें कैसे हराना है। एक 100 प्रतिशत, टेस्ट क्रिकेट अभी भी जिन्दा है। यह हमारा सबसे अच्छा प्रारूप है, जिसे हम अभी खेल रहे हैं।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत की हार के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। सवालों के साथ बदलाव की मांग भी उठ रही है। ऐसे में टीम के सबसे सीनियर टेस्ट खिलाड़ी विराट कोहली को बाहर करने की खबरें भी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोहली को इंग्लैंड दौरे से बाहर रखा जा सकता है। उनके रिटायरमेंट की खबरें भी तेजी से दौड़ रही हैं।
इसका कारण कोहली का फॉर्म है। ऑस्ट्रेलिया सीरीज में उनका बल्ला चला नहीं। उनके बल्ले से पांच मैचों की नौ पारियों में सिर्फ 190 रन निकले जिसमें पर्थ टेस्ट मैच की दूसरी पारी में लगाया गया शतक भी शामिल है। विराट कोहली बीते कुछ सालों से रनों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वह उस तरह से रन नहीं बना पा रहे हैं जिसके लिए वो जाने जाते थे। ऐसे में उनकी जगह पर बड़ा सवालिया निशान है। इसी के साथ सवाल ये भी है कि अगर कोहली टेस्ट टीम से बाहर जाते हैं तो उनकी जगह कौन लेगा? हम आपको ऐसे पांच खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो टेस्ट टीम में कोहली की जगह ले सकते हैं।
भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 1-3 से हार का सामना करना पड़ा। टीम इंडिया की हार के बाद कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली फैंस के निशाने पर हैं। जहां हर कोई रोहित-विराट की आलोचना कर रहे हैं, तो वहीं टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह ने रोहित-विराट का समर्थन किया। न्यूज चैनल पीटीआई से बातचीत करते हुए युवराज सिंह ने कहा कि मुश्किल समय में अपने खिलाड़ियों को कोसना आसान होता है, लेकिन उनके साथ खड़े रहना काफी मुश्किल होता है। आइए जानते हैं युवराज सिंह ने क्या कहा?
दरअसल, भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह ने हाल ही में दुबई में टेनिस बॉल क्रिकेट प्रीमियर लीग के लॉन्च सेरेमनी में पीटीआई से कहा किमैं पिछले 5-6 सालों को देखूं तो टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में दो लगातार टेस्ट सीरीज जीती है। मुझे याद नहीं कि ऑस्ट्रेलिया में कौन सी टीम लगातार दो टेस्ट सीरीज जीती। लोग महान खिलाड़ी विराट कोहली और रोहित शर्मा की खूब आलोचना कर रहे हैं, लेकिन हम भूल जाते हैं कि उन्होंने बीते दिनों में क्या हासिल किया है। वो दोनों मौजूदा दौर के महान खिलाड़ियों में से एक हैं। हां इस बार हार गए लेकिन हमसे ज्यादा परेशानी विराट और रोहित को हो रही है।
युवराज ने आगे कहा कि मुझे उम्मीद है कि इंडिया पलटवार करेगा। गौतम गंभीर बतौर कोच, अजित अगरकर सेलेक्टर, विराट रोहित बुमराह इस वक्त चुनिंदा उन लोगों में हैं जिनका दिमाग काफी तेज चलता है। उन्हें फैसला करना है कि टीम इंडिया का भविष्य कैसे बेहतर होगा।
बता दें कि पिछली 8 पारियों में कोहली ने 23 की औसत से 190 रन बनाए है और उन्हें चार बार स्कॉट बौलेंड ने चलता किया है। वहीं, रोहित ने पिछले तीन टेस्टमैचों में 31 रन बनाए। उन्हें बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के आखिरी टेस्ट मैच की प्लेइंग-11 से बाहर किया गया।
युवराज सिंह से पूछा गया कि अब टीम इंडिया को आगे क्या करना चाहिए तो इस पर उन्होंने कहा कि टीम को क्या सही करना है मैं वो बताने की पोजिशन में ही नहीं हूं. जितना मैं क्रिकेट खेला हूं. ये लोग मुझसे ज्यादा क्रिकेट खेले हैं. जब प्लेयर परफॉर्म नहीं कर रहे होते तो उनकी आलोचना करना आसान है, सपोर्ट करना मुश्किल.मेरा काम है, दोस्तों भाइयो को सपोर्ट करना. मेरे लिए वो मेरा परिवार हैं।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी गंवाने के बाद टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर BCCI की रडार पर हैं. ऐसी खबर है कि BCCI अगली SGM मीटिंग में उनसे सवाल कर सकती है. BCCI की SGM 12 जनवरी को होनी है, जिसमें गंभीर से हार की वजहों के बारे में पूछा जा सकता है. भारत को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेली 5 टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-3 से हार का सामना करना पड़ा था. भारत ने पर्थ में खेला पहला टेस्ट जीता था. उसके बाद अगले चारों टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया का दबदबा देखने को मिला था.
BCCI SGM का एजेंडा
BCCI की स्पेशल जनरल मीटिंग 12 जनवरी को मुंबई में होनी है. SGM की मीटिंग का मुख्य एजेंडा सेक्रेटरी और ट्रेजरार के लिए इलेक्शन कराने से जुड़ा है. जय शाह की जगह फिलहाल सितंबर 2025 तक के लिए देवजीत साइकिया को सेक्रेटरी बनाया गया है. वहीं दो कार्यकाल के बाद अरूण धूमल भी ट्रेजरार के पोस्ट से अब हटना चाहते हैं.
BCCI SGM में गौतम गंभीर से हो सकते हैं सवाल
12 जनवरी को होने वाली BCCI SGM में अभी तक तो मुख्य एजेंडा अधिकारियों का चुनाव ही था. लेकिन टेलीग्राफ इंडिया के मुताबिक ऐसी संभावना है कि टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर से ऑस्ट्रेलिया में हार की वजहों पर सवाल किए जा सकते हैं. टीम इंडिया ने 10 साल के दबदबे के बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी गंवाई है. ऐसे में कहा जा रहा है कि ये भी डिस्कशन का एक मुद्दा रह सकता है.
सिडनी। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम क्रिकेट टेस्ट मैच से बाहर बैठने से साल 2004 याद आ गया। उस समय भी कप्तान रहे सौरव गांगुली ने पिच देखने के बाद खेलने से मना कर दिया था। गांगुली ने जहां फिटनेस के आधार पर वहीं रोहित ने खराब फार्म के नाम पर टीम से बाहर बैठने का फैसला किया था। इससे साफ है कि दोनो को पिच देखकर समझ आ गया था कि यहां सफल होना उनके लिए कठिन है। रोहित ने इस प्रकार दिखाया कि टीम के केवल उनके कारण ही नहीं हार रही थी बल्कि इसके पीछे सभी की विफलता थी। इसके अलावा वह एक और असफल टेस्ट
सिडनी। भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम ऑस्ट्रेलिया ने खिलाफ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में मिली हार पर निराशा जतायी है। मेजबान टीम ने सीरीज 3-1 से जीतकर एक दशक के बाद इस ट्रॉफी पर कब्जा किया है। इसे को लेकर जब कोच गौतम गंभीर से कहा गया कि आपकी टीम हार गयी तो वे बोले कि ये मेरी या आपकी नहीं बल्कि भारतीय टीम है।
गंभीर ने मीडिया से कहा, देखिए ये ना मेरी टीम है और ना आपकी टीम है. ये हमारे देश की टीम है। इस टीम को आगे लेकर जाना ही हमारा एक मात्र लक्ष्य है। भारतीय टीम के सभी खिलाड़ी ईमानदार हैं और मैं अपने को खुशकिस्मत मानता हूं जो ऐसी टीम के साथ काम कर रहा हूं। खिलाड़ियों को पता है कि उनके अंदर जीत की कितनी भूख है और इससे टीम को कितना लाभ पहुंचने वाला है। वे भी टीम की भलाई के लिए कम करने हमेशा तैयार रहते हैं। कोच के तौर पर मेरा काम सबके साथ एक जैसा बर्ताव करना है। अगर मैं किसी एक दो खिलाड़ी के साथ अच्छा व्यवहार करता हूं और अन्य के साथ अलग तरह से व्यवहार करता हूं तो यह मेरे काम के साथ न्याय नहीं होगा। कोच के तौर पर मेरा काम हर एक खिलाड़ी चाहे वो नया हो या सीनियर या फिर वो जिसने अब तक भारत के लिए नहीं खेला के साथ समाना व्यवहार करना रहेगा। भारतीय टीम सीरीज के पहले मैच को छोड़कर अन्य सभी मैचों में बड़ा स्कोर बनाने में विफल रही। उसके प्रमुख बल्लेबाज रोहित शर्मा और विराट कोहली भी सीरीज में रन नहीं बना पाये जिससे टीम के अन्य बल्लेबाजों पर भी दबाव रहा।
सिडनी । ऑस्ट्रेलिया ने यहां पांचवे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट मैच में भारतीय टीम को 6 विकेट से हराकर पांच मैचों की बॉडर गावस्कर सीरीज 3-1 से जीत ली है। एक दशक बाद मेजबान टीम बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी जीतने में सफल हुई है। इसी के साथ ही जहां ऑस्ट्रेलियाई टीम दक्षिण अफ्रीका के साथ आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्लयूटीसी) 2025 के खिताबी मुकाबले में पहुंच गयी है। वहीं भारतीय टीम बाहर हो गयी है। इस मैच में कप्तान रोहित शर्मा के बाहर रहने पर जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में उतरी भारतीय टीम एक बार फिर बल्लेबाजी में विफल रहने के कारण मैच हार गयी। मैच के तीसरे ही दिन के दूसरे सत्र में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने जीत के लिए मिले 162 रनों के लक्ष्य को चार विकेट के नुकसान पर ही हासिल कर लिया। इस प्रकार ऑस्ट्रेलिया ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी एक दशक के बाद 3-1 से जीतते हुए विश्व टेस्ट चैम्पियनशिनप के लिए क्वालीफाई किया है। अब वह लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर 11 जून से दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डब्लयूटीसी फाइनल में उतरेगी।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरी पारी में तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा ने बुमराह के कमर दर्द के कारण बाहर होने पर 3 विकेट लिए पर वह मेजबान टीम को रोक नहीं पाये। 162 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 4 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। इस मैच में ट्रेविस हेड ने 38 गेंदों में 4 चौके के बल पर नाबाद 34 रन बनाये जबकि ब्यू वेबस्टर ने 34 गेंदों में 6 चौके लगाकर नाबाद 39 रन बनाकर भारतीय गेंदबाजों को कोई अवसर नहीं दिया।