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भारत के सबसे बेहतरीन वनडे फॉर्मेट बॉलर में मोहम्मद शमी की गिनती होती है, लेकिन इस समय वह मैदान से दूर हैं. दरअसल ऐसा माना जा रहा है कि अब मोहम्मद शमी पूरी तरह फिट हैं, लेकिन नेशनल क्रिकेट अकादमी से क्लीयरेंस नहीं मिला है. भारतीय फैंस को उम्मीद हैं कि आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 तक मोहम्मद शमी पूरी तरह फिट हो जाएंगे, लेकिन क्या वास्तव में भारतीय टीम को मोहम्मद शमी को जरूरत है? या फिर जसप्रीत बुमराह समेत अन्य गेंदबाज काफी हैं?

क्या मोहम्मद शमी की वापसी है जरूरी?

अब तक मोहम्मद शमी ने 101 वनडे मैचों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है. जिसमें उन्होंने विपक्षी टीम के 195 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया है. मोहम्मद शमी ने वनडे फॉर्मेट में 5.55 की इकॉनमी और 23.68 की एवरेज से बल्लेबाजों को आउट किया है. इस तरह आंकड़े बताते हैं कि वनडे फॉर्मेट में मोहम्मद शमी का रिकॉर्ड शानदार रहा है. अगर आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में मोहम्मद शमी टीम इंडिया का हिस्सा होते हैं तो विपक्षी बल्लेबाजों की मुश्किलों में इजाफा तय है. बताते चलें कि मोहम्मद शमी आखिरी बार भारत के लिए वनडे वर्ल्ड कप 2023 में खेले थे.

इस समय मोहम्मद शमी की गैरमौजूदगी में भारतीय टीम के पास जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, अर्शदीप सिंह और हर्षित राणा जैसे तेज गेंदबाजी के विकल्प हैं, लेकिन अगर मोहम्मद शमी की वापसी होती है तो भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण को मजबूती मिलेगी. भारतीय फैंस को उम्मीद हैं कि आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में मोहम्मद शमी वापसी करेंगे. हालांकि, यह देखना मजेदार होगा कि नेशनल क्रिकेट एकेडमी से मोहम्मद शमी को कब तक क्लीयरेंस मिलता है?


ICC ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 को लेकर आधिकारिक तौर पर पुष्टि कर दी है। चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन हाइब्रिड मॉडल पर किया जाएगा। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अपनी-अपनी जिद पर अड़े रहे। लेकिन अंत में फैसला भारत के पक्ष में आया। मेगा इवेंट का आयोजन हाइब्रिड मॉडल पर ही किया जाएगा। हालांकि, ICC ने इस फैसले के लिए पाकिस्तान की शर्त मान ली है।

चैंपियंस ट्रॉफी कहां आयोजित की जाएगी?

ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में कुछ मैचों की मेजबानी पाकिस्तान करेगा। जबकि कुछ मैच दूसरे देश में होंगे। ICC ने अपनी आधिकारिक घोषणा में लिखा, 'ICC इवेंट्स में भारत और पाकिस्तान द्वारा आयोजित मैचों पर अपडेट जारी किया गया। ICC मेन्स चैंपियंस ट्रॉफी 2025 पाकिस्तान में और तटस्थ स्थल पर खेली जाएगी। ICC बोर्ड ने गुरुवार, 19 दिसंबर को पुष्टि की कि 2024-2027 के अधिकार चक्र के दौरान ICC इवेंट्स में किसी भी देश द्वारा आयोजित भारत और पाकिस्तान के बीच मैच तटस्थ स्थल पर खेले जाएंगे।'

 

चेन्नई । अनुभवी स्पिन आर अश्विन ने कहा है कि भले ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कह दिया है पर एक क्रिकेटर के तौर पर वह अभी खेलते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मैं जितने अधिक समय तक हो उतने लंबे समय तक खेलता रहूंगा। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट के ड्रॉ होने के तत्काल बाद ही अश्विन ने खेल को अलविदा कह दिया था। इसी के साथ ही भारतीय टीम के साथ उनका 14 साल का करियर भी समाप्त हो गया। अब अश्विन आगामी आईपीएल 2025 सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) की ओर से खेलने को तैयार हैं। उन्हें पिछले महीने मेगा नीलामी में 9.75 करोड़ रुपए में खरीदा गया था।
अश्विन ने कहा, मैं सीएसके के लिए खेलने जा रहा हूं और अगर मैं लंबे समय तक खेलने की कोशिश करता हूं तो हैरान न हों। मुझे नहीं लगता कि अश्विन क्रिकेटर के तौर पर खेलना बंद कर चुके हैं, मुझे लगता है कि अश्विन के भारतीय क्रिकेटर के तौर पर शायद अब खेलने का समय आ गया है। बस इतना ही। अपने संन्यास के बारे में बात करते हुए अश्विन ने खुलासा किया कि यह फैसला सहज था और उन्हें राहत और संतुष्टि की भावना का अनुभव हो रहा है। उन्होंने कहा, यह बहुत से लोगों के लिए भावनात्मक है। यह भावनात्मक होगा, शायद यह उनके दिमाग में उतर जाए। लेकिन मेरे लिए, यह राहत और संतुष्टि की बहुत बड़ी भावना है।
अश्विन ने 106 टेस्ट मैचों में 24 की औसत से 537 विकेट के साथ अपने करियर का अंत किया और दिग्गज लेग स्पिनर अनिल कुंबले के बाद भारत के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए। उन्होंने बल्ले से छह टेस्ट शतक और 14 अर्द्धशतक भी लगाए। उनका आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच एडिलेड में खेला गया डे-नाइट टेस्ट था जिसमें उन्होंने 1-53 रन बनाए थे।

 

ब्रिस्बेन । भारतीय टीम के अनुभवी क्रिकेटर आर अश्विन के चाहने वाले ऑस्ट्रेलियाई टीम में भी हैं। इसी कारण कप्तान पैट कमिंस सहित पूरी टीम ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अश्विन को संन्यास पर एक विशेष जर्सी भेंट की हैं। इसमें सभी क्रिकेटरों के हस्ताक्षर थे।
कमिंस ने कहा कि मैं यह नहीं कह सकता कि मैं कभी अपनी गेंदबाजी लय को लेकर परेशान रहा। वहीं मैं इसपर अधिक ध्यान नहीं देता। अश्विन के संन्यास की घोषणा पर कमिंस भी अन्य लोगों की तरह ही हैरान हुए हैं। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान ने कहा कि निश्चित तौर पर यह थोड़ा हैरान करने वाला रहा। वह निश्चित तौर पर बेहतरीन खिलाड़ी है। ऐसे बहुत कम ऑफ स्पिनर हैं जिन्होंने इतने लंबे समय तक अपना प्रभाव दिखाया है। उनकी गणना सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में की जाएगी। उन्होंने कहा कि वह हमेशा शानदार प्रतिस्पर्धी रहा। ऑस्ट्रेलिया और भारत में हमारे और उसके बीच काफी रोचक प्रतिस्पर्धा हुई। हमारी टीम उसका बहुत सम्मान करती है।
कमिंस ने बारिश के कारण ड्रॉ रहे तीसरे टेस्ट मैच को निराशाजनक बताया क्योंकि खिलाड़ियों को कई बार अंदर बाहर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि हमें कई बार अंदर बाहर होना पड़ा। मुझे याद नहीं कि पूर्व में कभी ऐसा हुआ होगा। यह निराशाजनक था। कमिंस ने इसके साथ ही कहा कि तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड चोटिल होने के कारण सीरीज में आगे नहीं खेल पाएंगे पर उन्हें उम्मीद है कि ट्रैविस हेड अगले मैच तक फिट हो जाएंगे जिनकी मांसपेशियों में खिंचाव आ गया है।


ब्रिस्बेन में खेले जा रहे भारत और ऑस्ट्रेलिया के तीसरे टेस्ट मैच में विराट कोहली का बल्ला खामोश रहा। मिचेल स्टार्क ने भारतीय टीम को शुरुआती दो झटके दिए। यशस्वी के बाद गिल स्टार्क का शिकार बने।

इसके बाद बैटिंग के लिए विराट कोहली आए और हर किसी को उम्मीद थी कि वह कुछ खास प्रदर्शन करते हुए दिखाई देंगे, लेकिन जोस हेजलवुड ने उन्हें 3 रन के निजी स्कोर पर चलता किया। भले ही कोहली 3 रन ही बना सके हो, लेकिन उन्होंने अपने 100वें टेस्ट मैच में एक बड़ा कीर्तिमान हासिल किया। उन्होंने पूर्व हेड कोच राहुल द्रविड़ का एक पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। आइए जानते हैं इस रिकॉर्ड के बारे में।

दरअसल, गाबा के मैदान पर भारतीय टीम की पहली पारी में विराट कोहली महज 3 रन खेलकर ही सस्त में पवेलियन लौटे। आउट होने से पहले उन्होंने जब 2 रन बनाए तो इस दौरान उन्होंने अपने नाम एक बड़ा रिकॉर्ड हासिल किया। विराट कोहली ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट क्रिकेट के रनों के मामले में पूर्व भारतीय टीम के कोच राहुल द्रविड़ से आगे निकल गए हैं।

द्रविड़ ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 62 टेस्ट पारियों में 2166 रन बनाए हैं। वहीं, कोहली ने 48 टेस्ट पारियों में 2168 रन बना लिए हैं। वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में महान सचिन तेंदुलकर (3630) और वीवीएस लक्ष्मण (2424) रन के बाद तीसरे नंबर पर मौजूद हैं।

पर्थ में विराट कोहली ने पहली पारी में 5 रन और दूसरी पारी में नाबाद 100 रन बनाए थे। इसके बाद एडिलेड में कोहली ने 7 और 11 रन दोनों पारियों में क्रमश: बनाए। वहीं, गाबा में विराट कोहली भारतीय टीम की पहली पारी में 3 रन बनाकर सस्ते में पवेलियन लौटे। फैब-4 में इस साल टेस्ट में सबसे ज्यादा रन बनाने वालों में कोहली काफी नीचे हैं। उन्होंने अब तक 17 पारियों में 25 की औसत से 376 रन बनाए, जिसमें एक शतक शामिल रहा।


इंग्लैंड की पूर्व क्रिकेटर और मौजूदा कमेंटेटर ईशा गुहा ने जसप्रीत बुमराह के लिए 'प्राइमेट' शब्द का इस्तेमाल करने के लिए माफी मांगी है। यह शब्द 15 दिसंबर को गाबा टेस्ट के दूसरे दिन के बाद वायरल हुआ था। गुहा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान ऑस्ट्रेलिया में बुमराह की शानदार गेंदबाजी के बारे में बात कर रही थीं।

'प्राइमेट' शब्द पर हुआ विवाद
भारतीय तेज गेंदबाज ने रविवार को सीरीज का अपना दूसरा फाइव विकेट हॉल प्राप्त किया था। भारतीय गेंदबाजों में वह अकेले ऐसे गेंदबाज रहे जो घातक साबित हुए। गुहा ने बुमराह को एमवीपी बताया। हालांकि, एमवीपी के सिंपल फुल फॉर्म 'मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर' की जगह उन्होंने 'मोस्ट वैल्यूएबल प्राइमेट' का इस्तेमाल किया। गुहा ने यह भी सुझाव दिया कि भारतीय तेज गेंदबाज को दूसरे छोर से कुछ समर्थन की आवश्यकता है।

बुमराह के बारे में कोई दुर्भावना नहीं थी
गुहा ने कहा, 'एमवीपी - मोस्ट वैल्यूएबल प्राइमेट' वह भारत के लिए काफी कुछ करने वाले गेंदबाज हैं। इस टेस्ट मैच की तैयारियों के लिए उन पर इतना ध्यान क्यों दिया जा रहा है और क्या वह आगे फिट हो पाएंगे?। उन्हें दूसरे छोर से कुछ समर्थन की जरूरत है। हालांकि, गुहा द्वारा इस्तेमाल किया गया 'प्राइमेट' शब्द सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। फैंस ने इस शब्द के उपयोग के लिए उन्हें घेर लिया। कमेंटेटर ने सोमवार को गाबा टेस्ट के तीसरे दिन से पहले फॉक्स क्रिकेट पर अपने ऑन-एयर बयान के लिए माफी मांगी।

गुहा ने इस शब्द के उपयोग के साथ किसी भी तरह गलती के लिए माफी मांगी। अंग्रेजी कमेंटेटर ने कहा कि वह बुमराह की बस तारीफ करना चाहती थीं और उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने अंत में गलत शब्द का इस्तेमाल किया। गुहा ने उम्मीद जताई कि लोग समझेंगे कि बुमराह के बारे में उनकी टिप्पणी में कोई दुर्भावना नहीं है। उन्होंने कहा, 'कल कमेंट्री में मैंने एक शब्द का इस्तेमाल किया था जिसका कई अलग-अलग तरीकों से मतलब निकाला जा सकता है। मैं किसी भी अपराध के लिए माफी मांगना चाहती हूं। जब दूसरों की सहानुभूति और सम्मान की बात आती है तो मैं खुद के लिए सच में उच्च मानक स्थापित करती हूं।'

मेरा इरादा सम्मानित करने का था
उन्होंने कहा, 'अगर आप पूरी कॉपी सुनेंगे' तो मेरा मतलब भारत के महानतम खिलाड़ियों में से एक की सबसे ज्यादा तारीफ से था। बुमराह एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिनकी मैं बहुत प्रशंसा करती हूं। मैं समानता में विश्वास रखती हूं और कोई ऐसा व्यक्ति जिसने अपना करियर इस खेल को जीने और समझने के बारे में बिताया है, उनका मैं सम्मान करती हूं।

उन्होंने कहा, 'मैं बुमराह की उपलब्धियों को दर्शाने की कोशिश कर रही थी और मैंने गलत शब्द चुना और इसके लिए मुझे गहरा खेद है। दक्षिण एशियाई मूल के व्यक्ति के रूप में मुझे उम्मीद है कि लोग समझेंगे कि वहां कोई अन्य इरादा या दुर्भावना नहीं थी और मुझे उम्मीद है कि यह इस टेस्ट में विवाद का जरिया नहीं बनेगा। मैं यह देखने के लिए उत्सुक हूं कि यह मैच कैसे आगे बढ़ता है।' भारतीय क्रिकेट के दिग्गज रवि शास्त्री ने माफी मांगने वाली ईशा गुहा की इस बहादुरी के लिए तारीफ की है। पूर्व भारतीय कोच ने यह भी बताया कि वह भारतीय शिविर के संपर्क में थे और गुहा की टिप्पणी से भारतीय क्रिकेटर आहत नहीं हैं।


इंग्लैंड की पूर्व क्रिकेटर और मौजूदा कमेंटेटर ईशा गुहा ने जसप्रीत बुमराह के लिए 'प्राइमेट' शब्द का इस्तेमाल करने के लिए माफी मांगी है। यह शब्द 15 दिसंबर को गाबा टेस्ट के दूसरे दिन के बाद वायरल हुआ था। गुहा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान ऑस्ट्रेलिया में बुमराह की शानदार गेंदबाजी के बारे में बात कर रही थीं।

'प्राइमेट' शब्द पर हुआ विवाद
भारतीय तेज गेंदबाज ने रविवार को सीरीज का अपना दूसरा फाइव विकेट हॉल प्राप्त किया था। भारतीय गेंदबाजों में वह अकेले ऐसे गेंदबाज रहे जो घातक साबित हुए। गुहा ने बुमराह को एमवीपी बताया। हालांकि, एमवीपी के सिंपल फुल फॉर्म 'मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर' की जगह उन्होंने 'मोस्ट वैल्यूएबल प्राइमेट' का इस्तेमाल किया। गुहा ने यह भी सुझाव दिया कि भारतीय तेज गेंदबाज को दूसरे छोर से कुछ समर्थन की आवश्यकता है।

बुमराह के बारे में कोई दुर्भावना नहीं थी
गुहा ने कहा, 'एमवीपी - मोस्ट वैल्यूएबल प्राइमेट' वह भारत के लिए काफी कुछ करने वाले गेंदबाज हैं। इस टेस्ट मैच की तैयारियों के लिए उन पर इतना ध्यान क्यों दिया जा रहा है और क्या वह आगे फिट हो पाएंगे?। उन्हें दूसरे छोर से कुछ समर्थन की जरूरत है। हालांकि, गुहा द्वारा इस्तेमाल किया गया 'प्राइमेट' शब्द सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। फैंस ने इस शब्द के उपयोग के लिए उन्हें घेर लिया। कमेंटेटर ने सोमवार को गाबा टेस्ट के तीसरे दिन से पहले फॉक्स क्रिकेट पर अपने ऑन-एयर बयान के लिए माफी मांगी।

गुहा ने इस शब्द के उपयोग के साथ किसी भी तरह गलती के लिए माफी मांगी। अंग्रेजी कमेंटेटर ने कहा कि वह बुमराह की बस तारीफ करना चाहती थीं और उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने अंत में गलत शब्द का इस्तेमाल किया। गुहा ने उम्मीद जताई कि लोग समझेंगे कि बुमराह के बारे में उनकी टिप्पणी में कोई दुर्भावना नहीं है। उन्होंने कहा, 'कल कमेंट्री में मैंने एक शब्द का इस्तेमाल किया था जिसका कई अलग-अलग तरीकों से मतलब निकाला जा सकता है। मैं किसी भी अपराध के लिए माफी मांगना चाहती हूं। जब दूसरों की सहानुभूति और सम्मान की बात आती है तो मैं खुद के लिए सच में उच्च मानक स्थापित करती हूं।'

मेरा इरादा सम्मानित करने का था
उन्होंने कहा, 'अगर आप पूरी कॉपी सुनेंगे' तो मेरा मतलब भारत के महानतम खिलाड़ियों में से एक की सबसे ज्यादा तारीफ से था। बुमराह एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिनकी मैं बहुत प्रशंसा करती हूं। मैं समानता में विश्वास रखती हूं और कोई ऐसा व्यक्ति जिसने अपना करियर इस खेल को जीने और समझने के बारे में बिताया है, उनका मैं सम्मान करती हूं।

उन्होंने कहा, 'मैं बुमराह की उपलब्धियों को दर्शाने की कोशिश कर रही थी और मैंने गलत शब्द चुना और इसके लिए मुझे गहरा खेद है। दक्षिण एशियाई मूल के व्यक्ति के रूप में मुझे उम्मीद है कि लोग समझेंगे कि वहां कोई अन्य इरादा या दुर्भावना नहीं थी और मुझे उम्मीद है कि यह इस टेस्ट में विवाद का जरिया नहीं बनेगा। मैं यह देखने के लिए उत्सुक हूं कि यह मैच कैसे आगे बढ़ता है।' भारतीय क्रिकेट के दिग्गज रवि शास्त्री ने माफी मांगने वाली ईशा गुहा की इस बहादुरी के लिए तारीफ की है। पूर्व भारतीय कोच ने यह भी बताया कि वह भारतीय शिविर के संपर्क में थे और गुहा की टिप्पणी से भारतीय क्रिकेटर आहत नहीं हैं।


Jasprit Bumrah: बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भारतीय टीम के उप कप्तान और तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह लगातार शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं. पर्थ और एडिलेड के बाद जसप्रीत बुमराह ने गाबा टेस्ट में भी अपना जलवा दिखाया. गाबा में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट में बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पंजा खोलकर कपिल देव का एक बड़ा कीर्तिमान ध्वस्त कर दिया. अब उनके निशाने पर मुरलीधरन और वसीम अकरम जैसे दिग्गजों के रिकॉर्ड्स हैं.

SENA देशों में सबसे ज्यादा 5 विकेट हॉल लेने वाले इंडियन बने बुमराह
गाबा टेस्ट के दौरान जसप्रीत बुमराह ने भारत के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर कपिल देव का एक बड़ा रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया. जसप्रीत अब साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया देशों में सबसे ज्यादा पांच विकेट हॉल लेने वाले भारतीय बॉलर बन गए हैं. उन्होंने आठ बार यह कारनामा किया. जबकि कपिल देव ने सेना देशों में 7 बार, जहीर खान और बी.एस. चंद्रशेखर ने 6-6 बार पारी में 5 विकेट लिए थे. बता दें कि बुमराह ने यह रिकॉर्ड सिर्फ 6 साल के टेस्ट करियर में ही बना दिया. उनका टेस्ट डेब्यू साल 2018 में हुआ था.

अब बुमराह के निशाने पर मुरलीधरन-अकरम के रिकॉर्ड्स
बुमराह एक ओर जहां सेना देशों में सबसे ज्यादा फाइफर लेने वाले इंडियन बॉलर बन गए तो वहीं इस मामले में एशियन बॉलर की लिस्ट में वे तीसरे नंबर पर आ गए हैं. सेना देशों में सबसे ज्यादा पांच विकेट लेने वाले एशियन बॉलर्स के मामले में पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज गेंदबाज वसीम अकरम (11) पहले नंबर पर हैं. वहीं श्रीलंका के पूर्व दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन (10) दूसरे स्थान पर हैं. बुमराह की नजरें अब अकरम और मुरलीधरन के रिकॉर्ड ध्वस्त करने पर टिकी होगी. फिलहाल बुमराह इमरान खान के साथ संयुक्त रुप से तीसरे स्थान पर काबिज हो गए हैं.

ऑस्ट्रेलिया में सबसे तेज 50 विकेट लेने वाले भारतीय भी बने बुमराह
बुमराह ने गाबा टेस्ट में 6 ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को आउट किया था. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में अपने 50 टेस्ट विकेट भी पूरे कर लिए हैं. बुमराह ने यह कारनामा सिर्फ 10 मैचों में कर दिया. जबकि कपिल देव ने 11 टेस्ट मैचों में 51 विकेट लिए थे. इस मामले में भी जसप्रीत ने कपिल देव को पछाड़ दिया है. बुमराह ऑस्ट्रेलया में सबसे तेज 50 टेस्ट विकेट लेने वाले इंडियन बॉलर भी बन गए हैं.

 


पाकिस्तान क्रिकेट में आए दिन किसी ना किसी तरह का विवाद देखने को मिलता है. फिलहाल जेसन गिलेस्पी द्वारा पाकिस्तान क्रिकेट टीम का साथ छोड़ने का मामला गरमाया हुआ है. अचानक से जेसन गिलेस्पी ने पाकिस्तान की टेस्ट टीम के हेड कोच पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि अब कुछ ऐसी चीजें सामने आई है कि जिसके चलते यह कहा जा सकता है कि जेसन ने कोच के पद से अचानक इस्तीफा नहीं दिया है. उन्होंने जब खुद को अलग थलग महसूस किया तब जाकर बड़ा कदम उठाया.


ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ ब्रिस्बेन में खेले जाने वाले तीसरे टेस्ट मैच के लिए अपनी प्लेइंग-11 का एलान कर दिया है। स्कॉट बोलैंड को टीम से बाहर जाना पड़ा है क्योंकि जोस हेजलवुड फिट होकर टीम में वापस आ गए हैं। हेजलवुड दूसरे टेस्ट मैच में चोट के कारण नहीं खेले थे। पैट कमिंस ने कहा है कि वह पूरी तरह से फिट हैं और गाबा में टीम इंडिया से लोहा लेंगे।

इसके अलावा टीम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। लंबे समय से खराब फॉर्म से जूझ रहे स्टीव स्मिथ को टीम में बनाए रखा गया है। नाथन मैक्सवानी ने भी टीम में अपनी जगह बचाए रखी है।

हेजलवुड को साइड स्ट्रेन की समस्या थी। ये समस्या उन्हें कई बार हुई है। हालांकि, कमिंस को भरोसा है कि हेजलवुड तीसरे मैच में पूरी तरह से फिट होकर शानदार खेल दिखाएंगे। उन्होंने कहा, "उन्हें कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने कल अच्छी गेंदबाजी की। कुछ दिन पहले उन्होंने एडिलेड ओवल में भी अच्छी गेंदबाजी की थी। वह और मेडिकल टीम उनको लेकर काफी कॉन्फिडेंट है।"

कमिंस ने कहा कि पर्थ में उन्होंने हेजलवुड को गेंदबाजी करने से इसलिए रोक दिया था क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि उनकी चोट और ज्यादा गंभीर हो जाए। उन्होंने कहा, "ये दूसरी पारी के दौरान हुआ था। हमने पहले भी कुछ दफा देखा है कि हेजलवुड ने ऐसी चोट को दरकिनार करते हुए गेंदबाजी की और फिर वह एक-दो महीनों के लिए बाहर हो गए।"

गाबा में चलता है सिक्का
गाबा वो मैदान है जहां ऑस्ट्रेलियाई टीम का दबदबा रहा है। इस मैदान पर ऑस्ट्रेलिया को हराना आसान नहीं है। हालांकि, पिछले दौरे पर टीम इंडिया ने इस मैदान पर जीत हासिल की थी और ऑस्ट्रेलिया का घमंड तोड़ते हुए सीरीज पर कब्जा किया था। इसके बाद वेस्टइंडीज भी ऑस्ट्रेलिया को इस मैदान पर हरा चुकी है। 2021 से ऑस्ट्रेलिया ने इस मैदान पर चार मैच खेले हैं जिसमें से उसे दो में हार का सामना करना पड़ा है।

ऑस्ट्रेलिया की प्लेइंग-11: पैट कमिंस (कप्तान), उस्मान ख्वाजा, नाथन मैकस्वानी, मार्नस लाबुशेन, स्टीव स्मिथ, ट्रेविस हेड, मिचेल मार्श, एलेक्स कैरी (विकेटकीपर), मिचेल स्टार्क, नाथन लॉयन, जोस हेजलवुड

 

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