ईश्वर दुबे
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Bhilai
रायपुर. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि नक्सली बौखलाहट में है। उनके बस्तर से पैर उखड़ रहे हैं। प्रदेश में नक्सलवाद का कोई स्थान नहीं है। अब प्रदेश में नक्सली अपने अंतिम दौर में हैं। सीएम डॉ. सिंह रविवार को बस्तर दौरे पर रवाना होने से पहले मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने बीजापुर में हुए नक्सली हमले में जवानों की शहादत को पीड़ादायक बताया।
सीएम रमन सिंह ने कहा कि बस्तर में लोग नक्सलियों का विरोध कर रहे हैं। चुनाव प्रचार में लगे कार्यकर्ताओ को नक्सली खतरा होने पर कहा कि कार्यकर्ता इलाके में घूमते हैं। नक्सली चुनौती हैं, सावधानी बरतें। मुख्यमंत्री बीजापुर में भी एक चुनावी जन सभा को संबोधित करेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने बीजापुर के बासागुड़ा क्षेत्र के अंतर्गत आवापल्ली और मुरदोण्डा के बीच नक्सलियों के बारूदी विस्फोट में सीआरपीएफ जवानों की शहादत पर गहरा दुःख व्यक्त किया। उन्होंने शोक-संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए अधिकारियों को घायल जवानों का बेहतर से बेहतर इलाज करवाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री की बस्तर में चार चुनावी सभाएं
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पुलिस ग्राउंड से विधानसभा क्षेत्र कोण्डागांव पहुंचकर बीजापुर में आमसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद हल्बा भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र कांकेर में आमसभा, डौंडीलोहारा विधानसभा क्षेत्र में आमसभ, फिर राजनांदगांव जिला के मोहला मानपुर विधानसभा क्षेत्र में आमसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद वहां से रायपुर लौट आएंगे। वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर जगदलपुर, बिलासपुर और रायुपर में विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
पीएम मोदी की पहली चुनावी सभा जगदलपुर में 9 नवंबर को
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 नवंबर को जगदलपुर में पहली सभा करेंगे। चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ को विशेष समय देंगे। वहीं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह चुनाव प्रचार के लिए छत्तीसगढ़ को 5 दिन देंगे। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि जब तक प्रचार नहीं थमता मेरा हेलीकॉप्टर चलता रहेगा। मां दन्तेवश्वरी के आशीर्वाद से हमने हमेशा अच्छे काम का शुभारंभ किया है। हम बड़ा लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। मिशन 65+ को प्राप्त करेंगे। बस्तर में 2003 और 2008 के नतीजे हम एक बात फिर दोहराएंगे।
रायपुर. दंतेवाड़ा में रविवार रात भाजपा नेता नंदलाल पर धारदार हथियार से हमला होने और उसमें नक्सलियों के शामिल होने के अंदेशे के चलते यहां केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का दौरा रद्द कर दिया गया है। केंद्रीय मंत्री की सोमवार को दंतेवाड़ा के किरंदुल में आमसभा होनी थी। वहीं केंद्रीय गृहमंत्रालय ने नक्सली हमले को लेकर छत्तीसगढ़ के लिए अलर्ट जारी किया है।
दरअसल, पहले चरण के चुनाव के लिए भाजपा के स्टार प्रचारक के तौर पर 3 केंद्रीय मंत्रियों सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं की बस्तर और राजनांदगांव में सोमवार को सभाएं होनी हैं। इसमें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, उमा भारती, रविशंकर प्रसाद, रामकृपाल यादव सहित अर्जुन मुंडा शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की सभा किरंदुल में होनी थी। इसके लिए वह एक दिन पहले ही छत्तीसगढ़ पहुंच गए थे। सुबह ही उनको निकलना था, लेकिन रात में भाजपा नेता पर हुए हमले के बाद उनके दौरे में परिवर्तन किया गया। अब वह दंतेवाड़ा नहीं जाएंगे। माना जा रहा है कि सुरक्षा कारणाें को लेकर यह फैसला लिया गया है।
दूसरी ओर प्रदेश में लगातार बढ़ रही नक्सलियों की सक्रियता और हमलों को देखते हुए पुलिस की चिंता बढ़ गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस काे अलर्ट रहने के लिए कहा है।
डीजी नक्सल आॅपरेशन डीएम अवस्थी ने नक्सली प्रभावित इलाकों में प्रचार में जाने से दो दिन पहले प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं को रूट चार्ट स्थानीय पुलिस को देने की अपील की है। इससे संबंधित आदेश नक्सल प्रभावित जिलों के एसपी को भेज दिए गए है। केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्री की सभा के पहले आसपास के इलाकों में ड्रोन और हेलीकाप्टर से सर्चिंग की जा रही है।
रायपुर. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, रविशंकर प्रसाद, उमा भारती, रामकृपाल यादव व झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा सोमवार को छत्तीसगढ़ प्रवास पर आ रहे हैं। वे प्रथम चरण में बस्तर और राजनांगांव की 18 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनावाें के भाजपा प्रत्याशियों के लिए प्रचार करेंगे। इस दौरान वे विभिन्न स्थानीय कार्यक्रमों और आम सभा में शामिल होंगे।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद अपने तय कार्यक्रम के मुताबिक रविवार को ही शाम 8 बजे रायपुर पहुंच गए। वह यहां से सोमवार को एक दिवसीय सुबह 10 बजे हेलिकाप्टर से किरंदुल रवानाहोंगे। सुबह 11.30 बजे किरंदुल विधासभा दंतेवाड़ा में आमसभा को संबोधित करेंगे। फिर दोपहर 1 बजे किरंदुल से प्रस्थान कर दोपहर 1.50 बजे मोहला मानपुर में आमसभा, दोपहर 2.45 बजे मोहला मानपुर से प्रस्थान कर अंबागढ़ चौकी में दोपहर 3.10 बजे आम सभा को संबोधित करेंगे। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद शाम 4.05 अंबागढ़ चौकी से प्रस्थान कर शाम 4.40 बजे रायपुर पहुंचेंगे. शाम 7.40 बजे दिल्ली रवाना होंगे।
वहीं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा अपने तय कार्यक्रम के अनुसार सुबह 8.35 बजे रायपुर पहुंच गए। यहां से वह नारायणपुर पहुंचेंगे और आमसभा को संबोधित करेंगे। सुबह 11.10 बजे नारायणपुर से कोंटा प्रस्थान कर 11.30 बजे कोंटा में आमसभा, दोपहर 12.35 बजे कोंटा से बस्तर प्रस्थान कर दोपहर 1 बजे बस्तर (बकावंड) में आमसभा, दोपहर 2.15 बजे बस्तर से प्रस्थान कर दोपहर 2.45 बजे कोण्डागांव में आमसभा को संबोधित करेंगे। कोंडागांव से शाम 4 बजे प्रस्थान कर शाम 5 बजे राजधानी रायपुर पहुंचेंगे और शाम 7 बजे दिल्ली रवाना होंगे।
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी राजनांदगांव जिले के स्थानीय कार्यक्रमों में शामिल होंगी। वह दोपहर 2.45 बजे राजधानी रायपुर पहुंचेंगी और हेलीकाप्टर से राजनांदगांव रवाना होंगी। केंद्रीय मंत्री ईरानी दोपहर 3.15 बजे डोंगरगढ़, शाम 4.05 बजे डोंगरगांव और शाम 4.55 बजे राजनांदगांव में आमसभा को संबोधित करेंगी। इसके बाद शाम 5.45 बजे रायपुर पहुंचेंगी और शाम 7 बजे दिल्ली के लिए रवाना होंगी।
केंद्रीय मंत्री उमा भारती पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सुबह 9.30 बजे नागपुर से प्रस्थान कर हेलीकाप्टर से 10.15 बजे खैरागढ़ पहुंचेंगी। जहां दोपहर 12 बजे आमसभा को संबोधित करेंगी. दोपहर 1.30 बजे हेलीकाप्टर से नागपुर रवाना होंगी।
केंद्रीय राज्य मंत्री राम कृपाल यादव अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सुबह 8.40 बजे रायपुर पहुंचेंगे। वे सुबह 10 बजे हेलीकाप्टर से कांकेर रवाना होंगे। सुबह 11 बजे कांकेर में आमसभा, दोपहर 1 बजे पखांजुर में आमसभा और दोपहर 3 बजे भानुप्रतापपुर में आमसभा को संबोधित करेंगे. केंद्रीय मंत्री शाम 5.30 बजे रायपुर पहुंचेंगे और शाम 7.40 बजे दिल्ली प्रस्थान करेंगे।
छत्तीसगढ़ में सियासी हलचल तेज हो चुकी है और हमारा चुनावी रथ भी तैयार है। अमर उजाला के चुनावी रथ के इस बार का पड़ाव है कोरबा। कोरबा को छत्तीसगढ़ का ऊर्जा हब कहा जाता है। यहां की पहचान एशिया के सबसे बड़े खुले कोयला खदान गेवरा माइंस की वजह से भी है। कोरबा जिले में चार विधानसभा सीटें हैं- कोरबा, कटघोरा, पाली तनाखार और रामपुर। इन चार विधानसभा सीट में से दो सामान्य, एक अनुसूचित जाति और एक अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है।आइए जानते हैं कि क्या है कोरबा जिले की विधानसभाओं में खास
इस विधानसभा सीट पर मोदी की लहर का असर नहीं होता है। पिछले दो चुनावों से कांग्रेस ने ही अपनी विजयी पताका फहराई है। 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के जयसिंह अग्रवाल ने भाजपा के जोगेश लांबा को हराया था। कोरबा एक व्यवसायिक क्षेत्र है इस वजह से इस सीट को अहम माना जा रहा है। इस बार भाजपा जयसिंह अग्रवाल के सामने विकास महतो को उतारेगी।
कटघोरा विधानसभा
इस विधानसभा सीट पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है, लेकिन इससे पहले कटघोरा कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा है। कांग्रेस के बोधराम कंवर को छत्तीसगढ़ का गांधी कहा जाता है। लेकिन 2013 के चुनाव में बीजेपी के मिस्टर क्लीन कहे जाने वाले लखनलाल देवांगन से बोधराम कंवर को हार का सामना करना पड़ा।
पाली तनाखार विधानसभा
पाली तनाखार सीट तब सुर्खियों में आई जब यहां के विधायक कांग्रेस छोड़ भाजपा से जुड़ गए। इस विधायक का नाम है रामदयाल उइके। रामदयाल उइके इस विधानसभा सीट पर हमेशा जीत दर्ज करते आए हैं। पिछले चुनाव में एक अलग पार्टी ने दस्तक दी, नतीजा यह रहा कि भाजपा दूसरी प्रतिद्वंदी पार्टी से तीसरी पार्टी बन गई। भाजपा ने इस बार दांव रामदयाल पर लगाया है।
रामपुर विधानसभा
यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। इस विधानसभा सीट में पिछले चुनाव से कांग्रेस का बोलबाला है, इससे पहले दो बार बीजेपी जीत हासिल कर चुकी है। पिछले चुनाव में कांग्रेस के श्यामलाल कंवर को 67868 वोट मिले थे, जबकि भाजपा के ननकीराम को 57953 वोट मिले थे। इस बार भी भाजपा ने ननकीराम पर भरोसा जताया है।
छत्तीसगढ़ की 90 सीटों वाली विधानसभा में ऐसे 22 निर्वाचन क्षेत्र हैं जिनमें महिला मतदाता बहुमत में हैं और इस बार वह चुनाव का रुख तय करेंगी।
पिछले विधानसभा चुनावों में भी महिला मतदाताओं का मतदान प्रतिशत 77.32 फीसदी था जो पुरुष मतदाताओं से 0.3 फीसदी अधिक था। दिलचस्प बात ये है कि महिला बहुल इन सीटों से 2013 के विधानसभा चुनाव में केवल दो सीटों पर कांग्रेस की महिला प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी। इन 22 सीटों में से 13 पर कांग्रेस, आठ पर भाजपा और एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने कब्जा किया था।
इसके अलावा अगर बात पूरे विधानसभा की करें तो पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा ने कुल 24 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था, जिनमें कांग्रेस की 13 महिला उम्मीदवारों में से 4 ने जबकि भाजपा की 11 महिला प्रत्याशियों में से 6 निर्वाचित हुई थीं।
भाजपा ने अब तक इस विधानसभा चुनाव के लिए 77 उम्मीदवारों की घोषणा की है, इनमें दो दर्जन से ज्यादा महिला उम्मीदवारों को प्रत्याशी बनाया गया है। महिला बहुल इन 22 सीटों पर भाजपा ने केवल 4 महिलाओं को ही टिकट दिया है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा की 22 महिला बहुल सीटें
पत्थलगांव, धरमजयगढ़, खल्लारी, मरवाही, कवर्धा, महासमुंद, बिंद्रावांगढ़, सिहावा, खुज्जी , मोहला-मानपुर, कांकेर , भानुप्रतापपुर, केशकाल, नारायणपुर, चित्रकोट, दंतेवाड़ा, जगदलपुर, बस्तर, कोंटा, बीजापुर और कोंडागांव डौंडी लोहरा
छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में चुनाव होने वाले हैं। दक्षिणी छत्तीसगढ़ में पहले चरण में 12 नवंबर को जबकि उत्तरी छत्तीसगढ़ में 20 नवंबर को मतदान होने हैं। इन विधानसभा चुनावों में महिलाएं बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।
छत्तीसगढ़ में चुनावी बयानबाजी से गहमागहमी का दौर जारी है। बसपा ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के साथ गठबंधन से इनकार कर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ) के साथ तालमेल किया। इस बीच जकांछ प्रमुख अजीत जोगी का एक ऑडियो वायरल हुआ है जिसमें वे कांग्रेस नेता से अपनी जीत के लिए समर्थन मांग रहे हैं।
बता दें कि अजीत जोगी जब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री थे तब इसी मरवाही सीट से कांग्रेस की टिकट पर उपचुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे थे। मरवाही कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। अब मरवाही के कांग्रेस नेताओं से व्यक्तिगत तौर पर फोन कर जीताने की उम्मीद करने राजनीतिक पारा चढ़ गया है।
क्या है इस वायरल ऑडियो में
इस वायरल ऑडियो में अजित जोगी ने दया वाकरे से कह रहे हैं, "वाकरे जी आप हमेशा साथ दिए हो। फिर लड़ रहा हूं मरवाही से, आपको पूरी ताकत लगानी पड़ेगी, मैं बार-बार नहीं आ पाऊंगा, सब आप लोगों को ही देखना है।"
इस सीट से दया वाकरे ने खुद को कांग्रेस प्रत्याशी बताया तो जोगी ने कहा कि चुनाव का टिकट गुलाब राय को मिल रहा है इसलिए टिकट नहीं मिलेने पर तो वह साथ देंगे ना।
इस बातचीत में वाकरे जोगी को बाबूजी कहकर संबोधित करते हैं। वाकरे जोगी से कहते हैं आप ही ने तो कांग्रेस में शामिल कराया था। पार्टी से गद्दारी कैसे कर दें।
वाकरे कहते हैं कि गोड़ समाज की बैठक में तय हुआ है कि समाज से किसी को लड़ाने और जीताना है। इस पर जोगी वाकरे से कहते हैं, "इतना तो कर सकते हो मेरे लिए। न उनका करो न मेरा करो।"
कांग्रेस नेता दया वाकरे ने इस पूरे वाकये के बारे में कहा कि वे किसी व्यक्ति विशेष से नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी से जुड़े हैं और पार्टी के लिए ही काम करेंगे। साथ ही उन्होंने इस बारे में ब्लॉक अध्यक्ष को भी बता दिया है।
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। चुनावी राज्यों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। चाय की चौपाल हो या कोई बाजार हर तरफ चुनाव की ही चर्चा है। 90 विधानसभा सीटों वाले छत्तीसगढ़ में मतदाता सबसे पहले अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। पहले चरण में 18 सीटों पर 12 नवंबर को मतदान होना है।
पहले चरण की 18 में से 10 सीटें एससी-एसटी के लिए आरक्षित हैं। बता दें कि राज्य में कुल 51 सीटें सामान्य है जबकि 10 सीटें एससी और 29 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं। पहला चरण अपने आप में खास अहमियत रखता है क्योंकि इस चरण में मुख्यमंत्री के अलावा प्रदेश के कई मंत्री और पूर्व मंत्री चुनावी जंग में उतरेंगे। सीएम रमन सिंह के सामने अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला हैं।
साख का विषय बनी मुख्यमंत्री की सीट
राजनांदगांव की सीट भाजपा के लिए साख का विषय बनी हुई है। राजनांदगांव की सीट नक्सल के प्रभाव वाली सीट है। कांग्रेस पार्टी ने मुख्यमंत्री के खिलाफ राजनांदगांव से पूर्व पीएम अटल बिहारी की भतीजी करुणा शुक्ल को मैदान में उतारा है। पिछले विधानसभा चुनाव में राजनांदगांव की 6 सीटों में से कांग्रेस ने 4 जबकि भाजपा ने 2 सीटों पर कब्जा किया था। इसके अलावा पहले चरण की 18 सीटों पर 12 कांग्रेस और 6 सीटों पर भाजपा उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी।
421 नामांकन पत्र हुए दाखिल
पहले चरण के लिए कुल 421 नामांकन पत्र दाखिल हुए हैं। आखिरी दिन 323 नामांकन पत्र दाखिल किए गए। नामंकन की तिथि खत्म होने के बाद अब चुनाव आयोग आज से नामांकनों की जांच करेगा। बता दें कि पहले चरण के लिए नामांकन वापसी की तिथि 26 अक्टूबर है।
31 लाख से ज्यादा वोटर्स करेंगे वोट
पहले चरण में 31 लाख 79 हजार 520 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। चुनाव आयोग ने पहले चरण के मतदान के लिए 4,336 मतदान केंद्र बनाने का फैसला किया है।
पहले चरण में ताल ठोकेंगे ये प्रत्याशी
राजनांदगांव
कांग्रेस: करुणा शुक्ला
भाजपा: रमन सिंह
बीजापुर
कांग्रेस: विक्रम शाह मांडवी
भाजपा: महेश गागडा
दंतेवाड़ा - (ST)
कांग्रेस: देवती वर्मा
भाजपा: भीमा मंडावी
चित्रकोट - (ST)
कांग्रेस: दीपक कुमार बैज
भाजपा: लच्छुराम कश्यप
बस्तर - (ST)
कांग्रेस: लाखेश्वर बघेल
भाजपा: सुभाऊ कश्यप
गदलपुर
कांग्रेस: रेखचंद जैन
भाजपा: संतोष बाफना
नारायणपुर - (ST)
कांग्रेस: चंदन कश्यप
भाजपा: केदार कश्यप
केशकाल - (ST)
कांग्रेस: संतराम नेतम
भाजपा: हरिशंकर नेतम
कोण्डागांव - (ST)
कांग्रेस: मोहन लाल मर्कम
भाजपा: लता उसेंडी
अंतागढ़ - (ST)
कांग्रेस: अनूप नाग
भाजपा: विक्रम उसेंडी
भानुप्रतापुर - (ST)
कांग्रेस: मनोज सिंह मांडवी
भाजपा: देवलाल दुग्गा
कांकेर - (ST)
कांग्रेस: शिशुपाल सोरी
भाजपा: हीरा मरकाम
खैरागढ़
कांग्रेस: गिरवर जंघेल
भाजपा: कोमल जंघेल
डोंगरगढ़ - SC
कांग्रेस: भूनेश्वर बघेल
भाजपा: सरोजिनी बंजारे
डोंगरगांव
कांग्रेस: दलेश्वर साहू
भाजपा: मधुसूदन यादव
खुज्जी
कांग्रेस: चन्नी साहू
भाजपा: हिरेंद्र साहू
मोहला- मनपुर - (ST)
कांग्रेस: इंद्र शाह मांडवी
भाजपा: कंचनमाला भुआर्य
कोंटा - (ST)
भाजपा: धनीराम बरसे
कांग्रेस: कवासी लखमा
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव होने हैं। पहले चरण में 12 नवंबर को 18 सीटों पर मतदान होंगे जबकि दूसरे चरण में 72 सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होंगे।
सभी विधानसभा सीटों के परिणाम एक साथ 11 दिसंबर को आएंगे।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जिस पर पैनी नजर है। हम छत्तीसगढ़ जाकर वहां की सियासत का हाल बताएंगे लेकिन उससे पहले इस राज्य के बारे में कुछ बातें जानना बेहद जरूरी हैं।
छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं। राज्य में अभी कुल 11 लोकसभा और 5 राज्यसभा की सीटें हैं। कुल 27 जिले हैं। राज्य में 51 सीटें सामान्य, 10 सीटें एससी और 29 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में लगातार तीसरी बार कांग्रेस को मात देकर सरकार बनाई थी। रमन सिंह की अगुवाई में बीजेपी को 2013 में कुल 49 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी। जबकि कांग्रेस सिर्फ 39 सीटें ही जीत पाई थी।
आज हम बात करेंगे सत्ता के सेमीफाइनल के पहले पड़ाव यानी रायपुर के बारे में...रायपुर जिले को कुल चार विधानसभा सीटों में बांटा गया है- रायपुर ग्रामीण, रायपुर नॉर्थ सिटी, रायपुर साउथ सिटी, रायपुर वेस्ट सिटी। ये चारों सीटें सामान्य हैं।
इन चारों सीटों का अपना महत्व है, हर सीट पर नए समीकरण देखने को मिलते हैं। इस बार रायपुर में 9,49,562 मतदाता प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे जिनमें 4,88,883 पुरुष, 4,60,443 महिला और 236 अन्य शामिल हैं।
रायपुर ग्रामीण
रायपुर ग्रामीण पर हमेशा से ही भाजपा का कब्जा रहा है लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां तख्तापलट कर दिया। इस कांटे की टक्कर में कांग्रेस के सत्यनारायण शर्मा ने मात्र 1861 वोटों की बढ़त के साथ भाजपा के नंदे साहू को करारी शिकस्त दी थी।
इस विधानसभा क्षेत्र में साहू बहुल्य आबादी होने की वजह से भाजपा ने 2008 में नंदे साहू को उतारा था और उन्होंने जीत दर्ज की लेकिन 2013 के विधानसभा चुनाव में वो कांग्रेस के दिग्गज नेता सत्यनारायण शर्मा से हार गए। आपको बता दें इस विधानसभा सीट से पिछली बार 12 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा था लेकिन हम आपको दस उम्मीदवारों के नाम बताएंगे।
कुछ ऐसी रही विधानसभा चुनाव 2013 की तस्वीर :
1. सत्यनारायण शर्मा 70,774 कांग्रेस
2. नंदे साहू 68,913 भाजपा
3. महेश देवांगन 1,205 छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच
4. विनोद कुमार बघेल 1,203 बसपा
5. भरत भाई खाखरिया 1,010 निर्दलीय
6. रविशंकर डहरिया 805 निर्दलीय
7. गौतमबुद्ध अग्रवाल 681 शक्ति सेना
8. फरहत भाई 301 निर्दलीय
9. गीतेश्वर चंद्राकर 244 निर्दलीय
10. राजेश मुखर्जी 173 लोक जनशक्ति पार्टी
2013 विधानसभा चुनाव में रायपुर ग्रामीण के मतदाता
कुल मतदाता : 2,29,440
पुरुष मतदाता : 1,23,767
महिला मतदाता : 1,05,673
कुल मतदान : 1,45,639 (65%)
नोटा : 3,521 (1.5%)
रायपुर पश्चिम
रायपुर पश्चिम की विधानसभा सीट शहर की सबसे विकसित और वीआईपी सीट है, इस सीट पर भाजपा के राजेश मूणत का दबदबा है। राजेश विधायक के साथ-साथ PWD मंत्री भी हैं। राज्य में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आए रायपुर-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में पहला चुनाव 2008 में हुआ था जिसमें राजेश मूणत को जीत मिली थी।
बात पिछले विधानसभा चुनाव की करें तो बीजेपी के राजेश मूणत ने कांग्रेस के विकास उपाध्याय को 6160 वोटों से हराया था। इस सीट से पिछले विधानसभा चुनाव में 15 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी।
रायपुर शहर पश्चिम 2013 उम्मीदवार
1 राजेश मूणत 64,611 भाजपा
2 विकास उपाध्याय 58,451 कांग्रेस
3 मेघराज साहू 2,914 छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच
4 अनिल मिश्रा 1,467 बसपा
5 लिकेश सिंह 1,019 निर्दलीय
6 विवेक वारेतवर 980 निर्दलीय
7 कर्नल बलवंत सिंह 512 निर्दलीय
8 अहफाज रशीद 442 बससपा
9 नवीन गुप्ता 435 सपा
10 शेख इस्माइल 352 निर्दलीय
2013 विधानसभा चुनाव में रायपुर शहर पश्चिम के मतदाता
मतदाता : 2,10,089
पुरुष मतदाता : 1,09,813
महिला मतदाता : 1,00,276
कुल मतदान : 1,32,231 (64.1%)
नोटा : 2,357 (1.1%)
रायपुर उत्तर
रायपुर उत्तर विधानसभा सीट पर बारी-बारी से कांग्रेस और भाजपा ने जीत दर्ज की है। 2008 में यहां से कांग्रेस के कुलदीप सिंह जुनेजा ने जीत दर्ज की थी और 2013 में भाजपा के श्रीचंद सुंदरानी ने कुलदीप को लगभग 3500 मतों से हराया था।
2008 में भाजपा की तरफ से सच्चिदानंद उपासने चुनावी मैदान में उतरे थे। लेकिन हार के बाद अगले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने श्रीचंद सुंदरानी पर दांव लगाया और वे जीत गए। रायपुर उत्तर से पिछले विधानसभा चुनाव में 14 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई।
2013- रायपुर शहर उत्तर उम्मीदवार
1 श्रीचंद सुंदरानी 52,164 भाजपा
2 कुलदीप सिंह जुनेजा 48,688 कांग्रेस
3 सुनंद बिस्वास 735 बसपा
4 हाजी मो. अशरफ 447 निर्दलीय
5 हैदर रजा 415 निर्दलीय
6 मोहम्मद इसरार 349 सपा
7 मोहम्मद सजन 326 निर्दलीय
8 बेनू गेनाद्रे 300 निर्दलीय
9 संजीव सेन 241 छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच
10 सलीम खान 180 निर्दलीय
11 संजय नाग 168 शिवसेना
12 प्रदीप अरोड़ा 157 निर्दलीय
13 मुशाहिद खान 154 निर्दलीय
14 नीलोफर अली 79 निर्दलीय
2013- रायपुर शहर उत्तर चुनाव
मतदाता : 1,65,485
पुरुष मतदाता : 84,861
महिला मतदाता : 80,624
कुल मतदान : 1,04,403 (64.6%)
नोटा : 2,424
रायपुर दक्षिण
रायपुर दक्षिण को भाजपा का गढ़ माना जाता है। यहां राज्य सरकार के कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल हमेशा से ही चुनाव जीतते आए हैं। कांग्रेस ने हर चुनाव में बृजमोहन के खिलाफ अलग-अलग प्रत्याशी खड़े किए, लेकिन हर बार हार का ही सामना करना पड़ा। रायपुर दक्षिण से पिछले विधानसभा चुनाव में 38 उम्मीदवार खड़े हुए थे, जिसमें से बृजमोहन अग्रवाल ने करीब 25 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी।
विधानसभा चुनाव 2013
रायपुर शहर दक्षिण
1 बृजमोहन अग्रवाल - 81,429 (भाजपा)
2 डॉ. किरनमयी नायक 46,630 (कांग्रेस)
3 कमाल अख्तर 1,036 निर्दलीय
4 अब्दुल नईम खान 929 निर्दलीय
5 शमशेर अली 737 निर्दलीय
6 विमला भारती 614 निर्दलीय
7 रईस फाजिल 597 बसपा
8 सूरज 289 निर्दलीय
9 नजत अली 269 निर्दलीय
10 सगीरुद्दीन ओवैसी 264 निर्दलीय
विधानसभा चुनाव 2013- रायपुर शहर दक्षिण
मतदाता : 2,05,759
पुरुष मतदाता : 1,05,787
महिला मतदाता : 99,972
कुल मतदान : 1,35,307 (66.8%)
नोटा : 2,126 (1.0%)
चाउर वाले बाबा शराब बेच रहे हैं ?
राजनांदगांव- राजनांदगांव से भाजपा के डाक्टर रमन सिंह और कांग्रेस से श्रीमती करुणा शुक्ला के नामांकन दाखिल किए जाने के बाद चल रही बहुतायत चर्चा के अनुसार सरसरी तौर पर कहने लगे है कि डा रमन तो जीत ही जायेंगे । क्योंकि एक तो वे बाहरी प्रत्याशी है ऐसे आम लोगो की धरना है और अभी कांग्रेसजनो से परिचय मे ही लगी है लेकिन आज शाम कांग्रेस भवन मे शहर कांग्रेस कमेटी की एक बैठक मे जिस प्रकार से अपने भाषण से मुख्यमंत्री डा रमन के विरुद्ध आक्रमक तेवर में चुनाव लड रही कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती करुणा शुक्ला ने मृतप्राय कांग्रेसियो मे जान फूंकी उससे ऐसा लगता है कि डा रमन के लिए संभावित जीत टक्कर मे बदल सकती है। जब राजनांदगांव से कांग्रेस से उन्हे टिकिट मिलने की खबर आई है तभी से सारे कांग्रेसी एकमत हो गए है और कार्यकारिणी सहित सभी पदाधिकारियों ने एकता से चुनाव मैंदान में मुख्यमंत्री से डटकर मुकाबला करने का संकल्प लिया।
आज शाम कांग्रेस भवन मे आयोजित बैठक मे उस समय सन्नाटा पसर गया जब संचालक बसंत बेहकर व पूर्व शहर अध्यक्ष रमेश राठौर ने वहां बमुश्किल 150 के लगभगा कार्यकर्ताओं को अपने सुझाव के लिए आमंत्रित किया। बैठक मे पूर्व ग्रामीण अध्यक्ष श्रीकिसन खंडेलवाल,नगर निगम मे विपक्ष के नेता हफीज खान,पूर्व महापौर सुदेश देशमुख प्रशांत तिवारी दिनेश शर्मा अशोक पंजवानी,महेश शर्मा आदि उपस्थित थे लेकिन इनमे से कोई भी अपनी जगह से नहीं हिला। इसके पूर्व कुतबुद्दीन सोलंकी व शहर महिला कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती हेमा देशमुख ने भी प्रभावशाली सुझाव रखे। इसके बाद पूर्व महापौर सुदेश देशमुख आए और बहुत दमदारी से अपनी बाते कहते हुए नगर निगम के महापौर तथा मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए माहौल को गरम किया। उन्होने खाया पीया कुछ नहीं और गिलास फोडा की तर्ज पर कहा कि हमे पत्रकारो के साथ जी ई रोड पर बने फिर उखडे फुट ओवर ब्रिज को दिखाया जाकर निगम के भ्रष्टाचार की पोल खोलना होगा। उन्होने मुख्यमंत्री डा रमन के खिलाफ और भी कडे बोल बोलकर स्वयं के आक्रमक रुख का परिचय दिया।
इसके बाद अंत मे प्रत्याशी करुणा शुक्ला का उद्बोधन हुआ और उन्होने अपनी भाषण कला एवं भाषण के अंशो से उपस्थित कांग्रेसियो के निराश मन को काफी हद तक पलट दिया और कांग्रेसीयो ने उनके उद्बोधन के अंत मे और बीच मे जोरदार तरीके से तालीयां भी बजाई। उन्होने कहा कि यह लडाई अमीर और फकीर के बीच मे है। पैराशूट प्रत्याशी होने की बात पर उन्होने कहा कि राजनांदगांव मे पैराशूट प्रत्याशीयो का प्रदर्शन अच्छा रहा है। उन्होने कहा कि रामसहाय पांडे,धर्मपाल गुप्ताऔर स्वयं डाक्टर रमन इसके उदाहरण है।
श्रीमती शुक्ला ने मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए काफी कडवे वचन कहे और कहा कि देश मे अनेक मुख्यमंत्री को हमने हारते देखा है। उन्होने कांग्रेसी कार्यकर्ताओ से कहा कि मैने दोनो ही संगठनो मे रहकर अपनी विश्वसनीयता बनाई और इसलिए ही कांग्रेस ने राहूल गांधी ने और कांग्रेस के शीर्षस्थ नेतृत्व ने मुझ पर भरोसा करते हुए राजनांदगांव से प्रत्याशी बनाया है।
उन्होने कहा कि मै काम से डरती नही हूं बल्कि काम मेरे से डरता है इसलिए इस चुनाव मे भाजपा के धनबल से जनबल को विजयी बनाने के लिए एकजुटता से कार्य करते हुए इतिहास बदलना है।
श्रीमती शुक्ला ने डा रमन के नामांकन भरने के दौरान उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शामिल होने पर तंज कसते हुए कहा कि अब मोदी जी भी आएंगे लेकिन इसलिए नही कि यहां से डा रमन भाजपा के प्रत्याशी है बल्कि इसलिए आएंगे क्योंकि यहां से करुणा शुक्ला कांग्रेस की प्रत्याशी है।
उन्होने यह कहकर सब को चौका दिया कि उन्होने अपने चाचाजी श्रद्धेय अटलबिहारी बाजपेयी की स्वीकृति के बाद कांग्रेस मे प्रवेश किया है।उन्होने कहा कि भाजपा व इसके नेतृत्व की सरकार भ्रष्टाचार मे आकंठ डूबी हुई है और चाऊर वाले बाबा प्रदेश मे शराब बेच रहे ,निर्माण कार्यो मे कमीशन का खेल चल रहा है,राजनांदगांव मुख्यमंत्री का निर्वाचन क्षेत्र है और यहां करोडो के फंड का आबंटन होता है। बडे बडे करोडो के गैरजरुरी निर्माण सिर्फ कमीशनबाजी के लिए ही कराए जा रहे है ।छत्तीसगढ़ में भ्रस्ट अधिकारिर्यो का बोलबाला है मुख्यमंत्री के संरक्षण में ये अधिकारी छत्तीसगढ़ को खोखला करने में लगे हैं।
श्रीमती शुक्ला ने अपनी भाषण कला के बारे मे बताया कि वह पांच वर्ष की अवस्था से ही बोलने लगी थी। छात्र जीवन मे वादविवाद प्रतियोगिताओ मे अनेक बार मेडल प्राप्त किया है लेकिन केवल भाषण से ही काम नही बनता। उन्होने अटलजी का उदाहरण देते हुए कहा कि वे भी बहुत ही प्रभावी भाषण देते थे लेकिन 37 साल बाद पी एम बने और वह भी 24 दलों के समर्थन से क्योंकि भाजपा का कोई ढांचा नही था और अटलजी तथा आडवानी जी भाजपा को खडे कर रहे थे। उन्होने कहा कि हमारी स्थिति अलग है क्योंकि हम पहले से ही एक शक्तिशाली संगठन है और इसलिए हमारी विजय को कोई रोक नहीं सकता है।
उन्होने कहा कि देश की आजादी के बाद कांग्रेस ने सत्ता संम्हाली और अनेक राज्यो मे कांग्रेस की सरकारे थी इसलिए कांग्रेस मे संघर्ष करने की प्रवृत्ति कमजोर है। मुझसे अनेक बार जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल अपने काम काज के बारे मे मै पूछते थे तो मै सीधे कहती थी कि संगठन मजबूत करो तभी सत्ता हाथ लगेगी। श्रीमती शुक्ला ने कहा कि पूर्व चुनाव के बूथ वाइज प्राप्त मतों का अध्ययन करते हुए एक लक्ष्य बनाकर चलना होगा तभी बात बनेगी।
उन्होने कहा कि राजनांदगांव से मुख्यमंत्री डाक्टर रमन को हराना कोई कठिन कार्य नही है क्योंकि इस विधानसभा क्षेत्र मे कांग्रेस के लगभग 40 हजार परम्परागत् वोट है। अब हमे 30000 अतिरिक्त मतो को हासिल करना है। यदि हम सब मिलकर बुथ स्तर पर जुट जाए तो हमारी विजय सुनिश्चित है और हम राहूल जी को एक नायाब तोहफा देकर राजनांदगांव कांग्रेस की सर्वश्रेष्ठता सिद्ध करेंगे।
जशपुर. पत्थलगांव में शरद पूर्णिमा के अवसर पर मेला घूमने आई एक किशोरी से पांच युवकों ने दुष्कर्म किया। आरोपियों ने किशोरी को बहलाकर कार में बिठा लिया और फिर सूनसान जगह ले जाकर दुष्कर्म किया। पुलिस ने इस मामले में शुक्रवार को तीन आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। बाकी दो आरोपियों की तलाश की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, लैलूंगा थाना क्षेत्र के राजपुर गांव में शरद पूर्णिमा के अवसर पर मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में दूर-दूर से भी लोग आते हैं। इसी मेले में तमनार क्षेत्र के भालूमंड़ा गांव की एक किशोरी भी अपने रिश्तेदारों के साथ पहुंची थी। वह फुलिकुंडा गांव में अपने एक रिश्तेदार के यहां रुकी हुई थी।
मेला घूमने के दौरान किशोरी को वहां पांच युवक मिल गए। आरोप है कि युवकों ने किशोरी को बहलाकर और झांसा देकर अपनी कार में बिठा लिया और फिर सूनसान जगह ले जाकर दुष्कर्म किया। इसके बाद किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी।
किसी तरह से किशोरी अपने परिजनों के पास पहुंची और उन्हें सारी बात बताई। इसके बाद परिजनों ने रात में ही थाने पहुंचकर पुलिस में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने इस मामले में शुक्रवार को तीन अारोपियों को हिरासत में ले लिया है। जबकि दो अन्य आरोपी फरार बताए जा रहे हैं। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
भिलाई. भाजपा के बाद अब कांग्रेस में प्रत्याशी चयन का विरोध शुरू हो गया है। हालांकि, अब तक कांग्रेस में प्रत्याशी तय नहीं हुए हैं, उससे पहले ही कांग्रेस में बवाल शुरू हो गया है। अहिवारा विधानसभा में गुरुवार को यह देखने को मिला। यहां 4 ब्लॉक अध्यक्ष, जामुल पालिका अध्यक्ष समेत 10 से अधिक कांग्रेसी पार्षद व 200 पदाधिकरियों ने इस्तीफे की पेशकश की है। वे स्थानीय प्रत्याशी की मांग कर बाहरी प्रत्याशी का विरोध कर रहे हैं।
कार्यकर्ताओं का कहना है कि, अहिवारा में कांग्रेस बाहरी प्रत्याशी को टिकट दे रही है। यहां स्थानीय कार्यकर्ता को मौका देना चाहिए। तभी कांग्रेस जीतेगी। गुरुवार को भिलाई-3 में कांग्रेसियों की मीटिंग हुई। जहां चर्चा हुई कि अगर बाहरी नेता को यहां से उम्मीदवार बनाया गया तो कोई भी काम नहीं करेंगे। अहिवारा में आरंग के पूर्व विधायक रूद्रगुरू ने दावेदारी की है। इनके अलावा पूर्व जिलाध्यक्ष हेमंत बंजारे, निर्मल कोसरे, अशोक डोंगरे समेत अन्य ने दावेदारी की है।
इन कांग्रेसियों ने पेशकश की है इस्तीफे की
प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले निर्मल कोसरे और चरोदा निगम के नेता प्रतिपक्ष संतोष तिवारी ने बताया कि, पीसीसी चीफ भूपेश बघेल को इस्तीफा भेजने वालों में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मनोज मढरिया, अहिवारा ब्लॉक अध्यक्ष हीरा वर्मा, दुर्ग ग्रामीण के कार्यकारी अध्यक्ष रज्जाक खान, अहिवारा नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल श्रीवास्तव, जामुल नगर पालिका अध्यक्ष सरोजनी चंद्राकर, जामुल ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष करीम खान, भिलाई चरोदा के नेता प्रतिपक्ष संतोष तिवारी, पार्षद मोहन साहू, पार्षद धर्मेंद्र कोसरे, पार्षद संतोषी निषाद, संतोष महानंद, पार्षद विमला बंछोर, पार्षद दीपा चंद्राकर, बहल साहू पार्षद, सूरज बंछोर पार्षद, राजकुमारी साहू समेत अन्य हैं।
रायपुर. छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 18 सीटों के लिए शुक्रवार को नाम वापसी का अंतिम दिन है। वहीं दूसरे चरण के लिए भी सुबह 11 बजे से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसको लेकर चुनाव आयोग ने देर रात अधिसूचना जारी कर दी है। दूसरे चरण में प्रदेश की 90 में से 72 सीटों के लिए मतदान 20 नवंबर को मतदान होना है।
दूसरे चरण की नामांकन प्रक्रिया 2 नवंबर तक चलेगी
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 2 नवंबर तक चलेगी। इस चरण में राज्य की कुल 90 में से 72 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होगा। 60 सीटों के लिए भाजपा ने प्रत्याशियों के नामों का एेलान कर दिया है, लेकिन कांग्रेस अब तक सूची फाइनल नहीं कर पाई है। भाजपा भी बाकी बची 12 सीटों को लेकर उलझन में है। वहीं जकांछ- बसपा गठबंधन भी कई सीटों पर अब तक अपने प्रत्याशी तय नहीं किया है।
चुनाव कार्यक्रम
दूसरे चरण में
दूसरे चरण की 72 सीटों पर वर्तमान दलीय स्थिति
पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया पूरी, 12 को मतदान
पहले चरण की 18 सीटों के लिए लिए भरे गए 421 नामांकन पत्रों में से 190 खारिज हो गए हैं। जांच के दौरान 231 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र ही वैध पाए गए। राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ विधानसभा में 19, डोंगरगढ़ में 11, राजनांदगांव में 40, डोंगरगांव में 14, खुज्जी में 18 और मोहला-मानपुर विधानसभा सीट में 10 प्रत्याशियों के नामांकन पत्र सही घोषित किए गए हैं।
कांकेर के अंतागढ़ विधानसभा में 14, भानुप्रतापपुर में 10 कांकेर विधानसभा में आठ,कोंडागांव के केशकाल विधानसभा में 9,कोंडागांव में 5, नारायणपुर के नारायणपुर विधानसभा के लिए 8, बस्तर विधानसभा में 6,जगदलपुर में 25 और चित्रकोट विधानसभा में 10, दंतेवाड़ा विधानसभा के लिए 10, बीजापुर विधानसभा के लिए 8 व सुकमा के कोंटा विधानसभा के लिए 6 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र सही पाए गए हैं।
पहले चरण की 18 सीटों के लिए नामांकन की प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है। पहले चरण में नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग की 12 व राजनांदगांव जिले की छह सीटों के लिए 12 नवंबर को मतदान होगा।
रायपुर. बसपा प्रदेश कार्यालय के सामने से अचानक गायब हुए कोंटा विधानसभा सीट के बसपा के प्रत्याशी शुक्रवार को सुबह सुकमा पहुंच गए हैं। कटामी ने आरोप लगाया है कि अमित जोगी ने किडनैपिंग कराई थी। कटामी के गायब होने पर राजेंद्र नगर थाने में अपहरण की मौखिक शिकायत की गई थी।
गुरुवार को बसपा ने पहले चरण के अपने 6 उम्मीदवारों को रायपुर के राजेंद्र नगर स्थित प्रदेश कार्यालय में मीटिंग के लिए बुलाया था। इस मीटिंग में हिस्सा लेने कोंटा से बुधराम कटामी भी आए थे। अचानक बुधराम पार्टी कार्यालय के सामने से गायब हो गए। काफी देर तक उनका इंतजार किया गया। उनका फोन भी लगाया गया जो नॉट रिचबल आ रहा था। शाम हो गई, लेकिन कटामी का कोई पता नहीं चला। इधर कटामी के दूसरे पार्टी में जाने की अटकलें भी तेज होने लगीं। इसी बीच बसपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश बाचपेई ने पुलिस से अपहरण का अंदेशा जाहिर किया। एएसपी सिटी प्रफुल्ल ठाकुर ने बताया बुधराम के गायब होने की मौखिक शिकायत मिली है। जिसकी जांच की जा रही है। मोबाइल लोकेशन ट्रेस कर रहे हैं। इधर शुक्रवार को कटामी खुद ही सुकमा पहुंच गए हैं। सुकमा पहुंचे कटामी से जब पूछा गया कि गुरुवार दोपहर से लेकर देर रात तक वो कहां थे, इसपर उन्होंने कुछ भी साफ नहीं किया। वे कुछ भी कहने से बचते रहे।
बैलेट पेपर में नाम नीचे कराने के लिए दिया शपथ पत्र
इधर सुकमा पहुंचते ही बुधराम कटामी ने प्रारूप 4 में अपना नाम क्रम नीचे कराने के लिए निर्वाचन अधिकारी को शपथ पत्र दिया है। कटामी का कहना है कि वे नाम वापस नहीं लेंगे। अल्फाबेट के हिसाब से कटामी का नाम प्रारूप 4 में सबसे ऊपर था। कटामी ने ऐसा क्यों कि इसपर काफी चर्चाएं तेज हो गई हैं।