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News Creation - छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ (17118)

  • नक्सलियों ने कर रखा है बहिष्कार का ऐलान, लोगों में दहशत का माहौल
  • पुलिस का कहना, यह नक्सली घटना नहीं, शरारती तत्वों की कारस्तानी

दंतेवाड़ा. विधानसभा चुनाव के करीब आते एक बार फिर धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों की सक्रियता बढ़ गई है। अब बचेली स्टेशन के बाहर खड़े वाहनों पर बुधवार देर रात चुनाव बहिष्कार के नारे लिखे गए हैं। इससे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। लाल पेंट से लिखा होने के कारण लोग इसे नक्सली घटना मान रहे हैं, वहीं पुलिस इससे इनकार कर रही है। उसका मानना है कि यह किसी शरारती तत्व ने किया है। 

 जानकारी के मुताबिक, बचेली थाना क्षेत्र में शहर से लगे हुए रेलवे स्टेशन के बाहर बुधवार देर रात की घटना बताई जा रही है। लोगों देखा तो वहां खड़ी स्कार्पियो और पिकअप गाड़ी पर चुनाव बहिष्कार के नारे लिखे हुए थे। लोगों की नजर जैसे ही इस पर पड़ी उन्होंने पुलिस को सूचना दी। 

 पुलिस ने मौके पर पहुंचकर वाहनों पर लिखे नारों को मिटवाने का प्रयास भी किया, लेकिन लाल पेंट से लिखे होने के कारण वह हट नहीं सके। पुलिस का कहना है कि किसी शरारती तत्व ने इसे किया है। शहर में सुरक्षा व्यवस्था पर्याप्त है। फोर्स की भी तैनाती की गई है। 

 दरअसल, दंतेवाड़ा विधानसभा चुनाव में नक्सलियों ने पहले ही बहिष्कार का एलान कर दिया था। भांसी कमालूर रेलवे स्टेशन के पास भी भैरमगढ़ एरिया कमेटी के चुनाव बहिष्कार के पर्चे देखे गए थे। इसी तरह से बचेली सेम्पेक्स नाला के पास भी विरोध के पर्चे दो दिन पहले मिले थे। 

 

चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के लिए नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है। अतिरिक्त फोर्स के लिए जवान भी बाहर से भेजे गए हैं। बावजूद इसके नक्सलियों की ओर से उनकी हरकतें जारी हैं। लोगों में डर इतना है कि उन्होंने वोटिंग के बाद अंगुली में लगने वाली स्याही काे भी मना किया है।

  • विधानसभा चुनाव में 421 उम्मीदवारों ने किया था पर्चा दाखिल, 231 के ही मिले सही
  • 26 अक्टूबर नाम वापसी की अंतिम तिथि, 18 सीटों पर 12 नवंबर को होगा मतदान

रायपुर. छत्तीसगढ़ में पहले चरण में होने वाले चुनाव के लिए जांच के बाद गड़बड़ी मिलने पर गुरुवार को 190 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र खारिज हो गए। 18 विधानसभा सीटों पर 421 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था। इसमें से 231 के ही पर्चे सही पाए गए। वहीं आज से ही नाम वापसी भी शुरू हो गई है। 26 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 

  बस्तर संभाग और राजनांदगांव के जिलों में 12 नवंबर को मतदान होने है। इसके लिए राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ विधानसभा में 19, डोंगरगढ़ में 11, राजनांदगांव में 40, डोंगरगांव में 14, खुज्जी में 18 और मोहला-मानपुर विधानसभा सीट में 10 प्रत्याशियों के नामांकन पत्र वैध मिले हैं। 


पहले चरण में निर्वाचन वाले बस्तर संभाग के कांकेर जिले के अंतागढ़ विधानसभा में 14, भानुप्रतापपुर में 10 और कांकेर विधानसभा में 8 उम्मीदवारों के नामांकन सही पाए गए। कोंडागांव जिले के केशकाल विधानसभा में 9 व कोंडागांव में 5 उम्मीदवारों के नामांकन विधिमान्य घोषित किए गए हैंं। नारायणपुर विधानसभा के लिए 8 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र सही मिले। 

 

बस्तर जिले के बस्तर विधानसभा में 6, जगदलपुर में 25 और चित्रकोट विधानसभा में 10 प्रत्याशियों के नामांकन पत्र सही घोषित किए गए हैं। दंतेवाड़ा जिले के दंतेवाड़ा विधानसभा के लिए 10, बीजापुर जिले के बीजापुर विधानसभा के लिए 8 और सुकमा जिले के कोंटा विधानसभा के लिए 6  उम्मीदवारों के नामांकन पत्र सही पाए गए। 

 

पहले चरण में बस्तर संभाग की 12 और राजनांदगांव जिले की 6 सीटों के लिए मतदान होंगे. इसके लिए नामांकन की अंतिम तिथि 23 अक्टूबर थी। छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में मतदान होने हैं। पहले चरण में 12 नवंबर और दूसरे चरण में 20 नवंबर को मतदान होंगे।  इसके बाद 12 दिसंबर को चुनाव परिणाम आएंगे। 

 भिलाई के वरिष्ठ पत्रकार एवं छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष ईश्वर दुबे ने जिला दुर्ग पुलिस अधीक्षक एवं जिला निर्वाचन अधिकारी से सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने आवेदन में उल्लेख किया है कि सोशल मीडिया और अखबार में एक भाजपा नेता की सच्चाई को उजागर करने के कारण उन्हें धमकी मिल रही है तथा उन्हें जानमाल का खतरा बना हुआ है अतः उन्हें पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाए। ज्ञात हो कि भिलाई के अलावा बालोद जिले के एक भाजपा प्रत्याशी के असली चेहरे को उजागर करने के बाद से कई पत्रकारों को धमकी देने का क्रम शुरू हो गया है। जिसकी पत्रकारों ने तीव्र निंदा की है।

 
 
 
 

छत्तीसगढ़ में हो रहे विधानसभा चुनाव में पहले चरण के मतदान के लिए कुल 421 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया है। राज्य में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने बुधवार को यहां बताया कि मंगलवार 23 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन तक कुल 421 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया है।

अधिकारियों ने बताया कि इस महीने की 16 तारीख से प्रथम चरण की 18 विधानसभा सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। मंगलवार को अंतिम दिन सबसे अधिक 323 नामांकन दाखिल किए गए।

जबकि 16 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक कुल 98 नामांकन दाखिल किए गए थे। उन्होंने बताया कि आज नामांकन पत्रों की संवीक्षा की जाएगी तथा 26 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे।

अधिकारियों ने बताया कि नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन मंगलवार को राजनांदगांव विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री रमन सिंह तथा कांग्रेस की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करूणा शुक्ला ने भी अपना नामांकन दाखिल किया।

उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में राज्य के दो मंत्री केदार कश्यप, नारायणपुर विधानसभा सीट से और महेश गागड़ा, बीजापुर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं।

वहीं पूर्व मंत्री लता उसेंडी, कोंडागांव विधानसभा सीट से तथा लोकसभा सांसद विक्रम उसेंडी, अंतागढ़ विधानसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार हैं।

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018: प्रथम चरण में इन सीटों पर होगा मतदान

सुकमा जिले के कोंटा विधानसभा सीट, बीजापुर जिले के बीजापुर, दंतेवाड़ा जिले के दंतेवाड़ा, बस्तर जिले के चित्रकोट,बस्तर और जगदलपुर, नारायणपुर जिले के नारायणपुर, कोण्डागांव जिले के केशकाल और कोण्डागांव, कांकेर जिले के अंतागढ़, भानुप्रतापुर और कांकेर तथा राजनांदगांव जिले के खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोंगरगांव, खुज्जी और मोहला-मानपुर विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा।

2013 में भाजपा को मिली जीत 

पहले चरण में जिन 18 सीटों पर मतदान होगा उनमें से 12 सीट अनसूचित जनजाति के लिए तथा एक सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। राज्य में वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में बस्तर क्षेत्र की कुल 12 विधानसभा सीटों में से आठ सीटों पर कांग्रेस को तथा चार सीटों पर भाजपा को विजय मिली थी।

राजनांदगांव और मुख्यमंत्री रमन सिंह

वहीं राजनांदगांव की छह सीटों में से चार सीटों पर कांग्रेस तथा दो सीटों पर भाजपा जीती थी। इस तरह पहले चरण में जिन 18 सीटों के लिए मतदान होना है, उनमें से कांग्रेस के पास 12 तथा भाजपा के पास छह सीटें है। इन सीटों में से राजनांदगांव सीट से मुख्यमंत्री रमन सिंह विधायक हैं। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में निर्वाचन कार्य संपन्न होगा।

12 नवंबर 2018 को होगा पहले चरण का मतदान

प्रथम चरण में 12 नवंबर को 18 विधानसभा क्षेत्रों में तथा दूसरे चरण में 20 नवंबर को शेष 72 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा। राज्य में वर्ष 2013 में हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 90 सीटों में से 49 सीटों पर तथा कांग्रेस को 39 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं एक एक सीटों पर बसपा और निर्दलीय विधायक हैं।

  • भारतीय मानक ब्यूराे की टीम ने राजधानी की जरोदा गांव स्थित फैक्ट्री पर मारा छापा
  • भारी मात्रा में एक लीटर का बोतल बंद पानी जब्त, कंपनी मालिक के खिलाफ मामला दर्ज

रायपुर. राजधानी में अवैध रूप से आईएसआई मार्क लगाकर निर्मल ब्रांड के नाम से बोतल बंद पानी बेचने का खुलासा हुआ है। भारतीय मानक ब्यूरो की टीम ने मंगलवार शाम जरोदा गांव में छापा मारकर भारी मात्रा में बोतल बंद पानी बरामद किया। ब्यूरो की ओर से आईएसअाई मार्क के दुरुपयोग में कंपनी मालिक दीपक वर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। 

 दरअसल, भारतीय मानक ब्यूरो की रायपुर शाखा कार्यालय को सूचना मिली कि तर्रा के ग्राम जरोदा स्थित जेडी प्रोडक्ट में बिना बीएमआई वैध लाइसेंस के निर्मल जल ब्रांड का उपयोग कर अवैध रूप से पैक्ड बोतल पेयजल बनाया जा रहा है। जिसकी सप्लाई अलग-अलग जगह होती है। साथ ही आईएसआई मार्क का भी दुरुपयोग किया जा रहा है। 

 इस पर रायपुर ब्यूरो के प्रमुख और वैज्ञानिक वी. गोपीनाथ की ओर से एक टीम गठित कर वैज्ञानिक कौशलेंद्र कुमार की अगुवाई में वैज्ञानिक अनंत सरावगी और क्लर्क स्मिथ कुमार को छापेमारी की कार्रवाई के लिए जरोदा गांव भेजा गया। विधानसभा थाना पुलिस के साथ की गई इस कार्रवाई के दौरान भारी मात्रा में एक लीटर की बोतल बंद पानी बरामद हुआ, जिसे जब्त कर लिया गया। 

 फैक्ट्री में पानी को बोतल में भरने के लिए पूरा प्लांट लगा रखा गया था। जिसका संचालन अवैध तरीके से किया जा रहा था। ब्यूरो की ओर से बताया गया कि कंपनी के मालिक दीपक वर्मा के खिलाफ भारतीय मानक ब्यूरो के अधिनियम 2016 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

 वैज्ञानिक वी. गोपीनाथ ने बताया कि दोष साबित होने पर कम से कम 2 लाख से लेकर 5 लाख रुपए तक का जुर्माना या एक साल की जेल या दोनों हो सकती है। वहीं जब्त किए गए माल का 10 गुना जुर्माना अर्थदंड के रूप में दिया जा सकता है।

रायगढ़. घर में सो रहे युवक पर अज्ञात लोग एसिड फेंककर फरार हो गए। इधर संजीवनी 108 के टोल फ्री नंबर पर कॉल रिसीव नहीं होने पर परिजन पीड़ित को इलाज के लिए मेकाहारा लेकर आए। बर्न वार्ड में इमरजेंसी डॉक्टर के नहीं होने से मरीज को सुबह 11 बजे तक तड़पना पड़ा। 10 घंटे बाद सोमवार को सुबह डॉक्टर के राउंड पर आने के बाद एसिड पीड़ित का इलाज शुरू हुआ। 

 

मामला जांजगीर-चांपा जिले में चंद्रपुर थाना क्षेत्र चंदेली गांव का है। ग्रामीण महेश राणा (32) रविवार की रात सोया हुआ था। लगभग 12 बजे अज्ञात हमलावर उसके घर में घुस गया। महेश राणा के चेहरे पर उसने एसिड फेंक दिया। महेश ने बताया कि चेहरे में एसिड गिरने के बाद उसे गरम पानी डाले जाने का एहसास हुआ। उसने शोर मचाया, आरोपी वहां से भाग चुका था।

 

हादसे के बाद घर के दूसरे सदस्यों के अलावा मोहल्ले के लोग भी उसके घर में जुट गए। चेहरे में एसिड पड़ने की आशंका होने पर महेश के मोबाइल से पत्नी कुमुदनी राणा ने संजीवनी वाहन के लिए टोल फ्री नंबर 108 पर फोन किया। कॉल सेंटर में किसी ने फोन कॉल रिसीव नहीं किया। परिजन उसे पुलिस के 112 वाहन में रात डेढ़ बजे अस्पताल लेकर पहुंच गए। बर्न वार्ड में डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं थे। नर्सों ने मामूली मरहम पट्टी कर दी। सुबह 11 बजे जब डॉक्टर राउंड पर आए तो उपचार शुरू किया गया। 


पेट्रोल पंप में काम करता है युवक: ग्रामीण युवक चंद्रपुर के एचपी पेट्रोल पंप में काम करता है। मरीज के अन्य परिजन आशंका जता रहे हैं कि पेट्रोल पंप में ही किसी के साथ महेश का विवाद हुआ होगा। जिसके चलते उस पर एसिड अटैक हुआ है। महेश ने कहा कि उसका किसी से कोई विवाद नहीं हुआ था। चंद्रपुर पुलिस ने इस मामले में छानबीन शुरू कर दी है। 


गेट खुला था, डॉक्टरों की नींद नहीं खुली: हादसे के बाद सबसे पहले मरीज को लेकर परिजन चंद्रपुर के सरकारी अस्पताल में पहुंचे। मरीज की पत्नी कुमुदनी ने बताया उस समय अस्पताल का गेट खुला हुआ था। भीतर जाकर देखे तो अस्पताल के सभी कर्मचारी सोए हुए थे। अंत में चंद्रपुर की पुलिस टीम ने भी आवाज लगाई, इसके बाद भी अस्पताल के कर्मचारी व डॉक्टरों की नींद नहीं खुली। 


इमरजेंसी में डॉ. नवीन कर रहे थे ड्यूटी: रविवार के दिन मेकाहारा के अधिकांश डॉक्टर छुट्टी पर रहते हैं। इमरजेंसी में कुछ डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाती है। रविवार को डॉ. नवीन अग्रवाल बर्न वार्ड में ड्यूटी पर थे। इमरजेंसी ड्यूटी होने के बाद भी वे वार्ड में नहीं गए। ऐसे में एसिड से झुलसे मरीज को 10 घंटे तक डॉक्टर का इंतजार करना पड़ा। 


सीधी बात : डॉ. हबेल सिंह उरांव, सहायक अधीक्षक, मेकाहारा 
सवाल: रविवार की रात एसिड पीड़ित आया था, उसके इलाज में देर क्यों हुई? 
जवाब: मुझे मरीज के बारे में जानकारी नहीं है। 
सवाल: रविवार के दिन अस्पताल के सभी डॉक्टर छुट्टी में रहते हैं क्या? 
जवाब: ऐसा नहीं है, इमरजेंसी डॉक्टर मरीजों की देखभाल करते हैं। 
सवाल: उस रात बर्न वार्ड में ड्यूटी पर कौन था, क्या उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे? 
जवाब: डॉ. नवीन अग्रवाल की ड्यूटी थी, यदि उन्होंने इलाज में लापरवाही की है तो कार्रवाई तो करेंगे ही।

 
( ईश्वर दुबे)  भिलाई। भिलाईनगर विधानसभा क्षेत्र से युवा नेता एवं महापौर देवेंद्र यादव की टिकट फाइनल होने से यह बात तो साफ है कि कांग्रेस इस बार सत्ता की बागडोर अपने हाथ मे लेने के लिए केवल योग्यता और जीत का माद्दा रखने वाले प्रत्याशियों को ही टिकट दे रही है। भिलाईनगर से देवेंद्र यादव की दावेदारी का विरोध करने वाले कांग्रेसियों की राहुल गांधी के आगे नहीं चली और टिकट लगभग फाइनल हो चुका है। भिलाईनगर की सीट में परंपरागत रूप से प्रेमप्रकाश और बदरूद्दीन कुरैशी ही चुनाव मैदान में आमने सामने होते थे इस बार चुनावी खेल युवा नेता और दिग्गज मंत्री के बीच खेला जाएगा। देवेंद्र यादव के पास युवा जोश और मंत्री प्रेमप्रकाश के पास विकास की गाथा है। देवेंद्र यादव महापौर रहते हुए जनता के बीच अब नया चेहरा भी नहीं रहे, जनमानस तक उनकी पहुँच बन चुकी है। सर्वसुलभ उपलब्धता, व्यवहार कुशलता के परिचय के बल पर वे मंत्री प्रेमप्रकाश को कड़ी टक्कर देंगे इस बात में कोई दोमत नहीं है। बहरहाल भिलाईनगर के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी की बीच कड़ा मुकाबला होने के आसार हैं युवा नेता देवेंद्र यादव हर प्रकार से मजबूत प्रत्याशी हैं युवाओं की फौज उनके साथ है। भिलाईनगर का चुनावी महासंग्राम इस बार रोचक और 19- 20 से जीत के अंतर वाला परिणाम सामने आएगा।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला को उम्मीदवार बनाया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने रविवार को यहां बताया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने प्रथम चरण के लिए छह उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है।

सूची के अनुसार राजनांदगांव से करुणा शुक्ला, खैरागढ़ से गिरवर जंघेल, डोंगरगढ़ से भुवनेश्वर सिंह बघेल, डोंगरगांव से दलेश्वर साहू, खुज्जी से चन्नी साहू और मोहला मानपुर से इंदरा शाह मंडावी को उम्मीदवार बनाया गया है। प्रथम चरण में बस्तर क्षेत्र के जिलों और राजनांदगांव जिले के 18 विधानसभा सीटों के लिए 12 नवंबर को मतदान होगा। प्रथम चरण में मुख्यमंत्री रमन सिंह राजनांदगांव विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। जिसके विरूद्ध कांग्रेस ने करुणा शुक्ला को अपना उम्मीदवार बनाया है।
 
कौन हैं करुणा शुक्ला
करुणा शुक्ला जांजगीर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा से सांसद रह चुकी हैं। वर्ष 2013 में विधानसभा चुनाव के बाद शुक्ला ने भाजपा से इस्तीफा दे कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। उन्होंने भाजपा पर उपेक्षा का आरोप लगाया था। मुख्यमंत्री के खिलाफ शुक्ला को उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर त्रिवेदी ने कहा कि वह (शुक्ला) कांग्रेस से जुड़ने के बाद राजनांदगांव क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। वह पार्टी की मजबूत उम्मीदवार हैं तथा वह सिर्फ मुख्यमंत्री को चुनौती नहीं देंगीं बल्कि उनके खिलाफ जीत भी हासिल करेंगी।
 

राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने आज राजनांदगांव विधानसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी वहां मौजूद थे। सिंह ने आज राजनांदगांव जिला मुख्यालय में अपना नामांकन दाखिल किया। कलेक्ट्रेट परिसर में नामांकन दाखिल करने के दौरान उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री रमन सिंह की पत्नी वीणा सिंह, उनके पुत्र तथा सांसद अभिषेक सिंह और छत्तीसगढ़ में भाजपा के प्रभारी अनिल जैन समेत अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। 

 
मुख्यमंत्री सिंह ने नामांकन दाखिल करने के दौरान योगी आदित्यनाथ के चरण स्पर्श कर उनसे आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री सिंह राजनांदगांव विधानसभा सीट से पिछले दो बार से विधायक हैं। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ अटल बिहारी बाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला को उम्मीदवार घोषित किया है। अपना नामांकन दाखिल करने से पहले मुख्यमंत्री रमन सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि उन्हें राज्य में बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं की ताकत पर पूरा भरोसा है। भाजपा ने यह चुनाव अटल जी को समर्पित किया है तथा एक एक कार्यकर्ता ने संकल्प लिया है कि भारी बहुमत के साथ चौथी बार भाजपा की सरकार बनाएंगे। उन्होंने करूणा शुक्ला को कांग्रेस उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर कहा कि कांग्रेस को कोई स्थानीय उम्मीदवार नहीं मिला।
छत्तीसगढ़ में हो रहे विधानसभा चुनाव में पहले चरण के मतदान के लिए आज शाम तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे। राज्य में दो चरणों में निर्वाचन कार्य संपन्न होगा। प्रथम चरण में 12 नवंबर को 18 विधानसभा क्षेत्रों में तथा दूसरे चरण में 20 नवंबर को शेष 72 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा। प्रथम चरण में 12 नवंबर को बस्तर क्षेत्र के जिले बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा में तथा राजनांदगांव जिले की 18 सीटों के लिए मतदान होगा।

 

 
छत्तीसगढ़ में पिछले 15 वर्षों से कांग्रेस सत्ता से बाहर है तथा इस बार के चुनाव में वह सत्ता वापसी की कोशिश में है। वहीं भाजपा इस चुनाव में 65 से अधिक सीटों में जीत हासिल कर चौथी बार सरकार बनाना चाहती है। राज्य में वर्ष 2013 में हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 90 सीटों में से 49 सीटों पर तथा कांग्रेस को 39 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं एक एक सीटों पर बसपा और निर्दलीय विधायक जीते थे।

दुर्ग। विधानसभा निर्वाचन 2018 के अंतर्गत जिले के विधानसभा क्षेत्रों के लिए नियुक्त सेक्टर अधिकारियों को आज बी.आई.टी. काॅलेज में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में सेक्टर अधिकारियों को निर्वाचन से संबंधित उनके कर्तव्यों और दायित्वों की विस्तार से जानकारी दी गई। अधिकारियों को निर्वाचन प्रक्रिया प्रारंभ होने से लेकर निर्वाचन प्रक्रिया पूरी होने तक उनके द्वारा किए जाने वाले दायित्वों से अवगत कराया गया। सेक्टर अधिकारी का उत्तरदायित्व निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण कराने के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। सेक्टर अधिकारियों को विशेष कार्यकारी मजिस्ट्रेट की शक्तियां दी गई है। प्रत्येक 10-12 मतदान केन्द्रों के लिए एक सेक्टर अधिकारी की नियुक्ति की गई है। उन्हें बताया गया है कि अपने निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित मतदान केन्द्रों के नक्शे का पूर्ण रूप से अवलोकन एवं क्षेत्रों का भ्रमण सुनिश्चित कर लें।
सेक्टर अधिकारियों को उनके सेक्टर क्षेत्र के अंतर्गत सभी मतदान केन्द्रों में पहुंच कर सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी दी गई है। सेक्टर अधिकारी का दायित्व है कि वे अपने सेक्टर क्षेत्र में मतदान केन्द्रों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। सभी मतदान केन्द्रों के दायरे में निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें।
अधिकारियों का दायित्व है कि वे मतदाताओं को ई.व्ही.एम. से मतदान करने की प्रक्रिया का प्रदर्शन करायें। सेक्टर अधिकारियों की यह भी जिम्मेदारी है कि वे मतदान केन्द्र के स्वरूप और उसकी संवेदनता का भी अनिवार्य रूप से विवरण रखें। मतदान की पूर्व संध्या मतदान केन्द्रों में मतदान दलों के माध्यम से मतदान सामग्री पहुंचाना सुनिश्चित करेंगे। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सुरक्षा बल संबंधित मतदान केन्द्र में पहुंचे है या नहीं। मतदान कर्मियों के बीच ई.व्ही.एम. का संचालन अथवा मतदान प्रक्रिया के विषय में अंतिम समय तक किसी भी प्रकार की संदेह को दूर करेगा। पूरी तरह से संतुष्ट हो जाने पर नियंत्रण कक्ष को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
मतदान दिवस पर मतदान शुरू होने से पहले माॅक पोल की स्थिति सुनिश्चित करेगा। यदि कोई समस्या हो तो सुधारात्मक कार्यवाही करेगा। मतदान केन्द्रों का बार-बार भ्रमण करेगा और बिना विलंब के मतदान शुरू होने की सूचना देगा। जहां कहीं भी ई.व्ही.एम. बदलने की स्थिति उत्पन्न हो, उसे बदलने की व्यवस्था करेगा। मतदान एजेंटों की उपस्थिति-अनुपस्थिति का पता लगाना और सूचना देना होगा। मतदान दल को आवश्यक सहायता करेगा। उनकी महती जिम्मेदारी होगी कि वे मतदान केन्द्रों का दौरा करने के दौरान मतदान संबंधी सभी पहलूओं की जांच करेगा। माॅक पोल प्रमाणन सुनिश्चित करने के साथ ही इसकी सूचना आर.ओ. को देगा। मतदान प्रणाली की जांच करना, समय-समय पर मतदान प्रतिशत की सूचना देना, मतदान वाले दिन प्राप्त शिकायत का निदान करना, मतदान उपरान्त ई.व्ही.एम. को सिलिंग करने, मतदान सामग्री प्राप्ति स्थल पर पहुंचाने, मतदान कर्मियों को मानदेय के वितरण का कार्य सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी होगी। सेक्टर अधिकारी यह भी जांच करेगा कि पीठासीन अधिकारी उपयुक्त ढंग से डायरी की प्रतिपूर्ति किया है कि नहीं, ई.व्ही.एम. मशीन ठीक से सील की गई है या नहीं।

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