ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
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Bhilai
रायपुर. राजधानी रायपुर से प्रकाशित होने वाले साप्ताहिक समाचार पत्र में विगत ३० जुलाई को गरियाबंद जिले में स्थित उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के सम्बन्ध में च्च् उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में १५ सालो से नहीं है कोई बाघ, उड़ीसा के बाघों को अपना बाघ होने का ढिंढोरा पिट कर वन विभाग ने उड़ा डाले १३ करोड़ च्च् शीर्षक से समाचार का प्रकाशन किया गया था जिस पर उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उप निदेशक विवेकानंद रेड्डी ने सर्वोच्य छत्तीसगढ़ समाचार पत्र के सम्पादक व जिला संवाददाता को नोटिस भेजा है तथा उनके खिलाफ पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराया गया है प्रकाशित समाचार में लिखा गया था की उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व का गठन २००९ में हुआ है परन्तु इससे पहले उसका नाम उदंती अभ्यारण्य हुआ करता था उदंती अभ्यारण्य वन भैसों के लिए बनाया गया था जहा वन भैसों का संरक्षण संवर्धन किया जाता है यहाँ १५ से २० साल पहले ही टाईगर का नामोनिशान मिट चुका है अर्थात १५ से २० साल से यहाँ कोइ भी टाईगर नहीं है परन्तु टाईगर नहीं होने के बाद भी उदंती अभ्यारण्य को बता नहीं क्यों जबदस्ती टाईगर रिजर्व घोषित कर के उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व नाम करण कर दिया गया है जबकि वास्तविकता यह है की उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में पिछले १५ सालो से कोइ टाईगर है ही नहीं और गत वर्ष कुल्हाड़ीघाट के जंगलो में कैमरों में जो बाघ की तस्वीरे आई थी वो उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व के बाघ नहीं थे वे बाघ उड़ीसा के सोनाबेडा अभ्यारण्य के बाघ थे जो भोजन और प्रजनन की तलास में उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में एकाध चक्कार लगा लेते थे जैसे की उड़ीसा के हाथी अभी इस क्षेत्र में आ जा रहे है बिलकुल वैसा ही उड़ीसा के बाघ भी कभी कभार इधर आ जाते है और इसी दौरान उड़ीसा के बाघ की तस्वीर उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में लगाए गए कैमरों में आ गयी समाचार में लिखा है की उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर विवेकानंद रेड्डी ने भी कहा है की बाघों का कोइ निश्चित स्थान नहीं है कभी तो वे उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में रहते है तो कभी उड़ीसा के जंगलो में चले जाते है 7 स्पष्ट हो रहा है की वन विभाग के द्वारा बहुत कुछ छिपाया जा रहा है परन्तु इस साल की गणना ने उनकी पोल खोल दिया है 7 इस साल के गणना में उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में लगाए गए २०० कैमरों में से एक में भी यहां बाघ की मौजूदगी के सबूत नहीं मिले हैं जबकि बाघ के नाम पर विभाग अब तक १४ करोड़ रुपया खर्च कर चुकी है और यह राशि कहा खर्च किया गया कोइ रिकार्ड ही नहीं है
समाचार में आगे लिखा है की यहां पिछले साल देखे गए बाघ के जोड़े का शिकार किया जा चुका है है पुलिस ने बाघ की खाल बेचने की फिराक में घूम रहे दो लोगों को १४ फरवरी को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया था आरोपियों ने सोनाबेड़ा जंगल में बाघ का शिकार करने की बात कुबूल की थी 7 २०० में से एक भी कैमरा ट्रेप में बाघ की मौजूदगी का एक भी सबूत वन विभाग के हाथ नहीं लगा है उदंती और सीतानदी वाइल्डलाइफ सेंचुरी को मिलाकर टाइगर रिजर्व बनाए जाने से पहले सीतानदी वाइल्डलाइफ सेंचुरी में २००५ तक करीब पांच बाघ हुआ करते थे लेकिन आज हालत ये है कि यहां के जंगल से बाघों का सफाया हो चुका है इसलिए अब उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व को समाप्त कर देना चाहिये 7 बाघों की गणना के काम से जुड़े एनटीसीए के लोगों का कहना है कि उदंती- सीतानदी टाइगर रिजर्व में इस वर्ष एक भी बाघ कैमरे में ट्रैप नहीं हुआ है और न ही अन्य माध्यमों से इसकी मौजूदगी के पुख्ता सबूत मिले हैं। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष तक देखे गए बाघ के जोड़े का शिकार हो चुका है और आरोपियों को गरियाबंद पुलिस जेल भेज चुकी है। राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण (एनटीसीए) के दिशा-निर्देश पर देशभर में बाघों की गणना इस साल की है परन्तु उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में कोइ भी बाघ के मोजुदगी के प्रमाण नहीं मिले है जबकि उदंती और सीतानदी अभयारण्य को मिलाकर टाइगर रिजर्व बनाए जाने से पहले सीतानदी अभयारण्य में २००५ तक ४ से ५ बाघ मौजूद होने का दावा अधिकारी करते रहे है । इसकी पुष्टि वन विभाग की वन्य प्राणी गणना में भी करता रहा है। बाद में एक-एक कर सारे बाघों का शिकार हो गया। इसके बाद २-३ साल पहले ही ओडिशा के सीमावर्ती जंगल से बाघ के एक जोड़े ने यहां आना जाना करने की बात अधिकारियों ने कही थी पर यह जोड़ा भी शिकारियों की भेंट चढ़ गया। कुल्हाड़ीघाट रेंज में पिछली गणना में जो बाघ के चिन्ह मिले थे वो उडीसा के बाघों के थे मिले थे जिनका शिकार हो गया है । गरियाबंद पुलिस ने शेर की खाल बेचने की फिराक में घूम रहे ग्राम कुकरार निवासी मेघनाथ नेताम और जरंडी निवासी कंवल सिंह नेताम को बीते १४ फरवरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में खाल के लिए उड़ीसा के सोनाबेड़ा जंगल में शेर का शिकार करने की बात कुबूल की थी। उपरोक्त समाचार के प्रकाशन के बाद उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उप निदेशक विवेकानंद रेड्डी ने सर्वोच्य छत्तीसगढ़ समाचार पत्र के सम्पादक व जिला संवाददाता को नोटिस भेजा है तथा उनके खिलाफ पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराया गया है जिसकी जांच एस डी ओ पी मैनपुर के कार्यालय में की जा रही है.
रायपुर. चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों और उनके दलों को अपने आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी मतदाताओं को देनी होगी। उन्हें अखबारों और न्यूज चैनलों में बकायदा विज्ञापन देना होगा। इसके लिए आयोग ने नामांकन दाखिले के दौरान प्रस्तुत किए जाने वाले हलफनामे के प्रारूप-26 में संशोधन किया है।
मतदान के 48 घंटे पूर्व तक प्रसारित कराई जाएगी घोषणा
ऐसे उम्मीदवार जिनके विरूद्ध आपराधिक मामले पंजीबद्ध हैं या पूर्व में रहे हैं, उन्हें अपने विरूद्ध दर्ज प्रकरणों की जानकारी अपनी संबद्धता के राजनीतिक दल को देनी होगी। साथ ही उन्हें संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष घोषित करना होगा कि उन्होंने अपने आपराधिक प्रकरणों की सूचना अपने दल को दे दी है।
उम्मीदवारों को अपने विरूद्ध दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी अपने क्षेत्र के बहुप्रसारित समाचार पत्र में तीन अलग-अलग तिथियों में प्रकाशित कराना होगा। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि से लेकर मतदान के दो दिन पूर्व तक इस तरह की घोषणा का प्रकाशन अनिवार्य है। उम्मीदवार को टेलीविजन चैनल पर भी तीन अलग-अलग तिथियों में आपराधिक मामलों की घोषणा प्रसारित करवानी होगी। टी.वी. चैनल पर यह घोषणा मतदान समाप्ति के 48 घंटे पूर्व तक प्रसारित करवायी जा सकती है। मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दलों को अपने उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि की घोषणा वेबसाइट पर प्रदर्शित करना होगा। साथ ही आयोग द्वारा निर्धारित प्रारूप (सी-2) में क्षेत्र में वृहद रूप से प्रसारित समाचार पत्र में तीन अलग-अलग तिथियों में इसे प्रकाशित कराना होगा। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि से लेकर मतदान के दो दिन पूर्व तक इस तरह की घोषणा का प्रकाशन अनिवार्य है।
टीवी पर करनी होगी आपराधिक मामलों की घोषणा
राजनीतिक दलों को टेलीविजन चैनल पर भी तीन अलग-अलग तिथियों में आपराधिक मामलों की घोषणा प्रसारित करवानी होगी। दलों को टी.व्ही. चैनल पर इस घोषणा का प्रसारण मतदान समाप्ति के 48 घंटे पहले सुनिश्चित कराना होगा। रिटर्निंग अधिकारी प्रत्याशियों को समाचार पत्रों और टी.वी. चैनलों में वृहद प्रचार के लिए आपराधिक मामलों की घोषणा के प्रकाशन-प्रसारण के संबंध में आयोग द्वारा निर्धारित प्रारूप (सी-3) में स्मरण पत्र जारी करेंगे। उम्मीदवार निर्वाचन व्यय लेखों के साथ ही घोषणा प्रकाशन के प्रमाण के तौर पर समाचार पत्रों की प्रतियां भी जिला निर्वाचन अधिकारी के पास जमा करेंगे।
पांच राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। सिर्फ छत्तीसगढ़ में दो चरण में चुनाव होंगे बाकी अन्य राज्यों में एक चरण में चुनाव कार्य पूरा हो जाएगा। 11 दिसंबर को सभी राज्यों में मतगणना होगी और नतीजे आ जाएंगे। छत्तीसगढ़ में पहले चरण में 12 नवंबर को चुनाव होंगे। वहीं दूसरे चरण में 20 नवंबर को मतदान कराए जाएंगे। जिसमें नक्सल प्रभावित बस्तर की 12 सीटों पर पहले चरण में 12 नवंबर को मतदान होना है।
छत्तीसगढ़ राज्य मध्य प्रदेश के विभाजन के बाद 1 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया। यह भारत का 26वां राज्य है। इसका प्राचीन समय में नाम दक्षिण कौशल भी था। 'दक्षिण कौशल' में छत्तीस गढ़ समाहित थे जिसके कारण विभाजन के बाद नए राज्य का नाम "छत्तीसगढ़" पड़ा। यह क्षेत्र अत्यंत प्राचीन काल से ही भारत को गौरवान्वित करते रहे हैं।
छत्तीसगढ़ वैदिक और पौराणिक काल से विभिन्न संस्कृतियों के विकास का केंद्र रहा है। यहां के प्राचीन मंदिर और उनके भग्नावशेष के आधार पर पता चलता है कि यहां पर वैष्णव, शैव, शाक्त, बौद्ध संस्कृतियों का विभिन्न कालों में प्रभाव रहा है।
छत्तीसगढ़ नक्सलवाद से प्रभावित है इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर चुनाव आयोग ने इस राज्य में दो चरणों में चुनाव कराने का निर्णय लिया है।
केंद्र की सूची में राज्य के नक्सल प्रभावित जिले
बस्तर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, राजनांदगांव, बीजापुर, जशपुर, कांकेर, कोरिया, महासमुंद, गरियाबंद, सरगुजा, धमतरी, बालोद, सुकमा, कोंडागांव व बलरामपुर।
किस क्षेत्र में कौन सी विधानसभा सीट
बिलासपुर - 24 सीटें
बिलासपुर, बेलतरा, बिल्हा, कोरबा, रामपुर, कटघोरा, पाली, तानाखारा, मुंगेली, लोरमी, तखतपुर, मस्तुरी, कोटा, मरवाही (रायगढ़, जिला), लाइलुंगा, सारंगढ़, खरसिया, धर्मजयगढ़, जाजंगीर, चापां (जांजगीर चांपा जिला), अकलतरा, पामगढ़, जैजयपुर, चंद्रपुर, सक्ती।
रायपुर - 20 सीटें
रायपुर उत्तर, रायपुर दक्षिण, रायपुर ग्रामीण, रायपुर पश्चिम, धरसींवा, अभनपुर, आरंग, महासमुंद, खल्लारी, बसपा, सराईपाली, बलौदाबाजार, भाटापारा, कसडोल, बिलाईगढ़, राजिम, बिंद्रानवागढ़, सिहावा, कुरूद, धमतरी।
दुर्ग - 20 सीटें
दुर्ग भिलाई नगर, वैशाली नगर, अहिवारा, दुर्ग ग्रामीण, पाटन, राजनांदगांव, खैरागढ़, डोंगरगांव, खुज्जी, मोहला-मानपुर, संजारी बालोद, गुंडेरदेही, डौंडीलोहारा, बेमेतरा, नवागढ़, साजा, कवर्धा, पंडरिया।
सरगुजा - 14 सीटें
भरतपुर-सोनहत, मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर, अंबिकापुर, सीतापुर, लुंड्रा, रामानुजगंज, समरी, प्रेमनगर, भटगांव, प्रतापपुर, जशपुर (जिला जशपुर), कुनकुरी, पत्थलगांव।
बस्तर - 12 सीटें
नारायणपुर, केशकाल, कोंडागांव, जगदलपुर, बस्तर, चित्रकोट, दंतेवाड़ा, कोंटा, बीजापुर, कांकेर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह चुनाव जीतने के फॉर्मूला बताने के लिए दो दिन की यात्रा पर छत्तीसगढ़ जा रहे हैं। इस दौरे में वे अंबिकापुर, बिलासपुर, जगदलपुर और रायपुर में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
भाजपा के मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख अनिल बलूनी ने एक बयान में कहा कि शाह दोपहर 12 बजे अंबिकापुर पहुंचेंगे। जहां वे सरगुजा संभाग के बूथ स्तर के कार्यकर्ता सम्मेलन को कला केंद्र मैदान में संबोधित करेंगे।
भाजपा अध्यक्ष दोपहर बाद साढ़े तीन बजे बिलासपुर में बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इसके बाद शाम में वे बिलासपुर में ही अधिवक्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करेंगे। देर शाम वह राज्य चुनाव प्रबंध समिति की बैठक करेंगे।
अमित शाह का 13 अक्टूबर सुबह करीब सवा दस बजे बिलासपुर में बिलासादेवी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने का कार्यक्रम है। दोपहर में वे जगदलपुर में मां दंतेश्वरी मंदिर जायेंगे और पूजा अर्चना करेंगे। इसके बाद उनका जगदलपुर में बस्तर संभाग के बूथ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करने का कार्यक्रम है।
दोपहर बाद वे रायपुर में दुर्ग और रायपुर संभाग के बूथ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करेंगे। शाम में उनका रायपुर में समाज के प्रबुद्ध वर्ग के साथ विभिन्न विषयों पर परिचर्चा करने का कार्यक्रम है।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में पुलिस ने मुठभेड़ में एक नक्सली को मार गिराया। सुकमा जिले के पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को दूरभाष पर ‘भाषा’ को बताया कि पुसनार थाना क्षेत्र में तुलसी पहाड़ी के करीब पुलिस ने मुठभेड़ में एक नक्सली को मार गिराया।
अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार की शाम डीआरजी का दल गश्त के लिए रवाना हुआ। दल जब तुलसी पहाड़ी के करीब पहुंचा तब नक्सलियों ने उनपर हमला कर दिया। हमले में कांगेर घाटी एरिया कमेटी के नक्सली शामिल थे।
पुलिस की जवाबी कार्रवाई के बाद हुई मुठभेड़ के बाद नक्सली वहां से फरार हो गए। बाद में जब घटनास्थल की तलाशी ली गई तब वहां से एक नक्सली का शव बरामद हुआ। नक्सली की पहचान चांदामेटा एरिया कमेटी के डिप्टी मिलिशिया कमांडर कवासी देवा के रूप में हुई है। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने घटनास्थल से एक भरमार बंदूक, विस्फोटक सामग्री और अन्य सामान बरामद किया है।