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News Creation - छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ (17118)

छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम अजीत जोगी ने भाजपा को समर्थन की अटकलों पर पूर्ण विराम लगा दिया। सियासी हलकों में चल रही खबरों पर उन्होंने कहा, "मैं सपने में भी नहीं सोच सकता कि भाजपा के साथ गठबंधन करूं, मैं उनको किसी शर्त पर समर्थन नहीं दूंगा और न ही उनसे समर्थन लूंगा।"

 मीडिया से बातचीत करते हुए अजीत जोगी ने अपने बयान मे कहा कि वो सूली पर चढ़ना पसंद करेंगे, लेकिन भाजपा के साथ कभी नहीं जाएंगे। दरअसल, ये सारा हंगामा इसलिए मचा है क्योंकि पहले जोगी ने कहा था कि राजनीति में किसी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता, बहुमत न मिलने की स्थिति में वो भाजपा के साथ जा सकते हैं। दो दिन पहले, राजनाथ सिंह उनके गढ़ मरवाही में प्नचार करते हुए कहा था कि अगर जोगी को राजनीति करनी थी तो भाजपा में आ जाते, जबरन परेशान हो रहे हैं। 

भिलाई ब्रेकिंग?
खुर्सीपार में पकड़ाई भाजपा की शराब, मंत्री के करीबी श्यामसुंदर राव ने अपने घर के बाजू सार्वजनिक कमरे में रखवाया था 55 पेटी शराब
फ्लाइंग स्क्वाड ने सूचना मिलने पर की कार्यवाही

कार्यवाही के दौरान मौके से बरामद हुवी भाजपा की प्रचार सामग्री
कल इसी वार्ड में चली थी श्याम सुन्दर ने करवाई थी मटन पार्टी, आज के कार्यक्रम में फिरा पानी

 भिलाई। दुर्ग जिले की हाईप्रोफाईल सीट भिलाईनगर से भाजपा के प्रेमप्रकाश पांडेय और कांग्रेस के युवा प्रत्याशी देैवेंद्र यादव का मध्य कांटे की टक्कर है। इस सीट से युवा चेहरे को प्रत्याशी बनाकर कांग्रेस ने चुनाव को काफी रोचक और बना दिया है। सोशल मीडिया में एक दूसरे के उपर प्रहार जारी है तथा कई प्रकार के आरोप प्रत्यारोप निरंतर जारी है जिसे जनता देख समझ रही है तथा किस प्रत्याशी को मत देना है उसके लिए पूर्व आकल कर रही है। कांटे की टक्कर इसलिए क्योंकि भिलाईनगर विधानसभा क्षेत्र की जनता को प्रदेश में सबसे शिक्षित जनता के रुप में जाना जाता है। भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत कर्मचारियों, अधिकारियों के अलावा खुर्सीपार तथा अन्य दीगर क्षेत्रों की जनता भी शामिल हैं जिन्हें अपना विकास पुरुष चुनना है। भिलाई विधायक के रुप में प्रेमप्रकाश के द्वारा किए गए विकास कार्यों को नकारा नहीं जा सकता है वहीं दूसरी ओर वे मंत्री के ओहदे पर काबिज रहके कार्यों को सरकार के बलबूते पर निष्पादित करवाने में सफल रहे। वहीं दूसरी ओर विपक्ष में रहने के बावजूद कांग्रेस के निर्वाचित महापौर के रुप में देवेंद्र यादव नें अल्प अधिकार रहने के बाद भी जनता के सुख दुख में सदैव सहभागी रहते हुए विकास कार्यों को निगम महापौर के रुप में आगे बढाया है। महापौर देवेंद्र यादव के प्रयासों के कारण ही डेंगू पर रोकथाम करने में प्रशासन सफल हुआ, भिलाई डेंगू से मुक्त हुआ। महामारी के दौर में भी देवेंद्र यादव एक एक अस्पताल में जाकर मरीजों का हाल जानते रहे तथा प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करके सहयोग की मांग कर डाली। महापौर देवेंद्र यादव में कुछ कर गुजरने का जज्बा जनता को समझ में आ चुका है। कुछ कर गुजरने का जज्बा प्रेमप्रकाश पांडेय में भी है वे जो ठान लेते हैं करके रहते हैं। भिलाई में प्रेमप्रकाश पांडेय को टक्कर देने के लिए युवा देवेंद्र यादव के सामने आने से उनकी जीत की राह में कांटे की टक्कर जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसे जनता जनार्दन भी स्वीकार कर रही है। बहरहाल प्रेमप्रकाश और देवेंद्र यादव दोनों को जनता का अपार जनसमर्थन चुनावी प्रचार के दौरान देखने को मिल रहा है। कहते हैं चुनाव में अंतिम समय में बाजी पलट जाती है देखते हैं कौन प्रत्याशी बाजी मार ले जाएगा और कौन हार का स्वाद चखेगा। इसी क्रम में देवेंद्र यादव के खिलाफ 9 आपराधिक मामलों की जानकारी सोशल मीडिया में डाली गई है तथा प्रेमप्रकाश को अफवाह वाले बाबा तथा दंभी नेता के रुप में चित्रित किया जा रहा है। वोट के लिए एक दूसरे के समर्थन सोशल मीडिया को हथियार बनाए हुए हैं। जबकि साफ तौर पर देवेंद्र के उपर दर्ज सभी मामले राजनीतिक जुलुस धरना के लिए दर्ज अपराध हैं जो कि विपक्ष में बैठे सक्रिय नेता के लिए आम बात है। दूसरी ओर प्रेमप्रकाश के बड़े विकास कार्यों को जनता सदैव याद रखी हुई है। वृहद पेयजल योजना, आई आई टी, स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्व. सहित कई बड़े विकास कार्यों की लंबी फेहरिश्त है। एैसे में दोनों प्रत्याशियों को कमतर आंकना भूल होगी। भिलाईनगर में 40000 युवा वोटर्स हैं, जो कि चुनाव की दशा और दिशा बदलने की ताकत रखते हैं। प्रेमप्रकाश और देवेंद्र दोनों में युवाओं जैसा जोश है युवा वर्ग की पसंद पर चुनाव परिणाम निधारित होना तय हो जायेगा। देखना यह कि महिलाओं का किसको सपोर्ट है भिलाईनगर में महिलाओं का वोट भी चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की ताकत रखता है। शिक्षित क्षेत्र में चुनाव में बाजी पलटने के लिए किसी का वश नहीं चलता यह इतिहास गवाह है कि शिक्षित व्यक्तियों का वोट योग्यता, व्यवहार कुशलता, विकास कार्यों के प्रतिनिधि को ही जाएगा। परंपरागत रुप से प्रेमप्रकाश के खिलाफ चुनाव लडने वाले बी.डी. कुरैशी और प्रेमप्रकाश कभी दुबारा चुनाव नहीं जीत सके। पांच साल के बाद सदैव परिवर्तन हुआ है। भिलाई की जनता नें कभी किसी को दुबारा मौका नहीं दिया। लगातार चुनाव जीतने के लिए भिलाई में जनता का लाडला अभी तक उत्पन्न नहीं हो सका। इस बार देखना यह कि किसे जिताकर जनता अपना विधायक चुनती है?

(हमारे प्रतिनिधि) दुर्ग। दुर्ग की सीट में वर्तमान विधायक अरुण वोरा के लिए एक चुनौती के रुप में खड़े हुए जनता कांग्रेस जे के प्रत्याशी प्रताप मध्यानी अपने चुनाीव प्रचार में काफी आगे निकलते हुए कड़ी टक्कर दे रहे हैं। वहीं भाजपा प्रत्याशी चंद्रिका चंद्राकर इस चुनावी रेस में पिछड़ती हुई नजर आ रही हैं। दुर्ग में अरुण वोरा की पहचान केवल बाबूजी (मोतीलाल वोरा) के नाम से होती है उनका हर कार्य बाबूजी से पूछकर बताता हूँ घिसा पिटा जवाब सुनकर मतदाता अब परिवर्तन करने के मूड में नजर आ रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में भीड़ तो अवश्य जुट रही है परंतु इस भीड़
 को मत के रुप में परिवर्तित करना चुनाव में अरुण वोरा के के लिए टेढी खीर साबित हो रहा है। वहीं दूसरी ओर पिछले महापौर चुनाव में प्रताप मध्यानी नें जनता के बीच जो पैठ बनाई है उन्हे उसका फायदा मिलने लगा है। अरुण वोरा और प्रताप मध्यानी के बीच कांटे की टक्कर है भाजपा की स्थिति तीसरे पायदान पर आ टिकी हुई है। भाजपा प्रत्याशी के लिए राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय पूरा जोर दुर्ग में लगा रही हैं परंतु मतदाता और कार्यकर्ता थोपे गए प्रत्याशी को बर्दाश्त नहीं कर रही है।          विधानसभा में सक्रियता के मामले में प्रताप मध्यानी अन्य दोनों प्रत्याशियों से आगे हैं। अपनी क्षमता से निर्णय लेते हैं तथा वहीं दूसरी ओरर अरुण वोरा इसके विपरीत राजनीति में बाबूजी के अलावा किसी को तवज्जो नहीं देते शायद यही कारण है कि चुनावी मैनेजमेंट पूरी तरह से ध्वस्त होता दिखाई दे रहा है। मतदाता इस बार परिवर्तन करने के मूड में हैं।

छत्तीसगढ़ की सत्ता पर दोबारा काबिज होने के लिए डॉ. रमन सिंह को इस बार अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित सीटों पर पिछला प्रदर्शन दोहराना होगा। इसी समुदाय ने 2013 में भाजपा को सत्ता में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी। राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 10 सीटें एससी के लिए आरक्षित हैं और इन सीटों को लेकर कांग्रेस-भाजपा में जबरदस्त लड़ाई रहती है। 

 

2013 चुनाव में भाजपा को अनुसूचित जनजाति यानि एसटी आरक्षित सीटों पर करारा झटका लगा था। उसे 29 सीटों में से महज 11 पर ही जीत मिली थी। इस झटके की भरपाई उसने एससी आरक्षित 10 में से 9 सीटें जीतकर कर ली थी। छत्तीसगढ़ की कुल आबादी में एससी वर्ग 14 फीसदी है। ये आबादी मुख्य तौर पर आदिवासी बहुल उत्तरी और दक्षिणी हिस्से में रहते हैं।

इनकी बड़ी आबादी सतनामी संप्रदाय को मानती है जो एक सुधारवादी आंदोलन की तरह चला था और इसकी स्थापना 19वीं सदी में गुरु घासीदास ने रखी थी।  

2013 में रमन सिंह ने जबरदस्त रणनीति अख्तियार करते हुए 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी। उन्होंने सतनाम संप्रदाय के बाबा बालदास के जरिए एससी बहुल सीटों पर 20 उम्मीदवार खड़े करवा दिए थे। बालदास को प्रचार के लिए हेलीकॉप्टर भी मुहैया कराया गया था। हालांकि उनके उम्मीदवार को कोई भी सीट नहीं मिली, लेकिन इसने कांग्रेस का खेल जरूर बिगाड़ दिया। 

 

 

बालदास ने कांग्रेस का हाथ थामा

हालांकि, इस बार बाबा बालदास भाजपा से खफा होकर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। इस तरह रमन सिंह के सामने नई चुनौती खड़ी हो गई। लेकिन उन्होंने इसका भी तोड़ निकालते हुए साहू समुदाय के 14 उम्मीदवारों को टिकट दिया है। जबकि कांग्रेस 8 साहू उम्मीदवार और अजीत जोगी की जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने 6 साहू उम्मीदवार उतारे हैं। ओबीसी वर्ग में साहू जाति की हिस्सेदारी 46 फीसदी है। 

जानकार बताते हैं कि रमन सिंह को इस बार बाबा बालदास जैसे लोगों की जरूरत नहीं है। वह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि अजीत जोगी की पार्टी कांग्रेस को बड़ा नुकसान पहुंचाएगी। हालांकि अजीत जोगी ने बसपा से गठबंधन कर चुनाव को बेहद दिलचस्प बना दिया है। अजीत जोगी का मानना है कि उनकी पार्टी कांग्रेस और भाजपा दोनों को नुकसान पहुंचाएगी। 

लेकिन रमन सिंह सिंह नहीं मानते कि इसका नुकसान भाजपा को होगा। वह अपनी नई रणनीति के साथ तैयार हैं और अगर इस बार भी ये सटीक बैठ गई तो उन्हें लगातार चौथी बार सत्ता में आने से कोई नहीं रोक पाएगा।

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 के लिए प्रचार करने पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि बहुत जल्द भारत नक्सल समस्या से मुक्त होगा। उन्होंने इसकी समय सीमा बताते हुए कहा कि देश में अगले तीन से पांच सालों के अंदर नक्सल समस्या का समाधान हो जाएगा। सिंह ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और कांग्रेस द्वारा राज्य में मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं घोषित करने पर भी तंज किया। 

 

रायपुर में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत में नक्सलवाद अपने अंतिम दौर से गुजर रहा है। पहले देश के 90 जिले नक्सल प्रभावित थे लेकिन अब 10 से 11 जिले ही नक्सल प्रभावित हैं। 

राजनाथ सिंह से पूछा गया कि कब तक देश से नक्सल समस्या समाप्त होगी। इस पर उन्होंने कहा कि अगले तीन से पांच साल के भीतर भारत नक्सल समस्या से मुक्त हो जाएगा। 

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पहले नक्सली घटनाओं में सुरक्षा बलों की ज्यादा शहादत होती थी। अब मामला उलट गया है और अब नक्सली ज्यादा मारे जा रहे हैं।

उन्होंने नक्सलियों से हथियार छोड़ने और आत्मसमर्पण करने के लिए अपील की। उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण की नीति बहुत अच्छी है। इसे और प्रभावी बनाने का फैसला हमने किया है। 

सिंह ने उम्मीद जताई कि छत्तीसगढ़ में चौथी बार भाजपा की सरकार बनेगी तब नक्सलवाद समाप्त होगा।

राजनाथ सिंह ने कहा कि राज्य में पिछले 15 वर्षों से भाजपा की सरकार है और यहां की जनता का भरोसा भाजपा और मुख्यमंत्री रमन सिंह पर बरकरार है। देश में सभी विपक्षी दलों के प्रति लोगों का विश्वास घटा है। आज कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल विश्वास की कमी के दौर से गुजर रहे हैं।

सिंह ने कहा कि कांग्रेस की हालत और भी कमजोर हो गई है। कांग्रेस को राज्य में मुख्यमंत्री पद का कोई उम्मीदवार नहीं मिला है। राज्य में कांग्रेस की स्थिति बिना दूल्हे की बारात की तरह हो गई है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस ने जो घोषणा पत्र जारी किया है उसका कोई मतलब नहीं है। जो राजनीतिक पार्टी अपना विश्वास खो चुकी है और जिसकी बातों पर भरोसा न हो, ऐसे में उसके घोषणा पत्र का क्या औचित्य है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने गरीबी हटाने का नारा दिया था लेकिन गरीबी नहीं हटी बल्कि गरीबों को परेशानी हुई। बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया लेकिन इससे गरीबों का भला नहीं हुआ। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंकों का सामान्यीकरण किया तब लोगों को फायदा मिला।

राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस लगातार झूठ का सहारा लेती है और यह झूठ दस दिन भी नहीं चल पाता। कर्ज माफी की बात की जा रही है लेकिन कर्नाटक में किसानों के घरों में वारंट पहुंच रहा है। उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के घोषणा पत्र के बारे में यही कह सकते हैं कि यह दिवालिया हो चुके बैंक के पोस्ट डेटेड चेक की तरह है।

एक सवाल के जवाब में राजनाथ सिंह ने कहा कि देश में महंगाई दर कम हुई है। पहले जीडीपी से मंहगाई दोगुनी होती थी। अब जीडीपी आगे निकल गई है। दोगुनी होने लगी है।

सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद से परिवर्तन हुआ है। यहां लोगों को विकास दिख रहा है। यह विकास यहां के रहने वाले लोगों को ही नहीं बल्कि बाहर से आने वाले लोगों को भी दिख रहा है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वह राज्य की जनता से कहना कहना चाहते हैं कि जांचे परखे और खरे उतरे मुख्यमंत्री रमन सिंह ही राज्य का भला कर सकते हैं।

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में 20 नवंबर को होने वाले दूसरे चरण के मतदान के लिए प्रचार अभियान चरम पर पहुंच गया है। सभी राजनीतिक दल ने मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है। छत्तीसगढ़ में प्रचार अभियान के लिए बुधवार का दिन काफी महत्वपूर्ण हो गया है। भाजपा के स्टार प्रचारक और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बुधवार को एक ही क्षेत्र में आमने-सामने होंगे और अपनी अपनी पार्टी के लिए प्रचार करेंगे। 

 राहुल गांधी बिलासपुर के तखतपुर में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। योगी आदित्यनाथ भी इसी विधानसभा सीट में चुनाव प्रचार के लिए पहुंच रहे हैं। 

कांग्रेस नेताओं ने बताया राहुल गांधी की सभा तखतपुर के खपरी रेस्ट हाउस के सामने दोपहर करीब डेढ़ बजे होगी। राहुल गांधी तखतपुर के कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. रश्मी सिंह के लिए प्रचार करने पहुंच रहे हैं। 

वहीं योगी आदित्यनाथ दोपहर करीब ढाई बजे पहुंचेंगे। वे भाजपा उम्मीदवार हर्षिता पांडेय के लिए वोट मांगेंगे। दो दिग्गज नेताओं के एक ही सीट पर चुनाव प्रचार के कार्यक्रम की वजह से आज की चुनावी सभाओं पर सबकी नजरें होंगी। 

बता दें कि राहुल गांधी छत्तीसगढ़ में पार्टी के लिए छुआंधार प्रचार कर रहे हैं और भाजपा पर हमला बोल रहे हैं। वहीं योगी आदित्यनाथ अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर कांग्रेस की नीयत पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। ऐसे में एक ही विधानसभा क्षेत्र में महज एक घंटे के अंतर में होने वाले दोनों नेताओं की चुनावी सभा पर सबकी निगाहें टिकी हैं। 

छत्तीसगढ़ विधासभा चुनाव 2018 के लिए धुआंधार प्रचार कर रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को एक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। राहुल ने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और उनका परिवार  भ्रष्टाचार में शामिल है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बारे में चुप्पी साध रखी है। 

 राहुल ने मंगलवार शाम खरसिया विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि "मुख्यमंत्री के बेटे का नाम पनामा पेपर्स में है, मुख्यमंत्री की पत्नी का नाम नान घोटाले की डायरी में है, और वह स्वयं नान घोटाले में शामिल हैं। 5000 करोड़ रूपए का यहां चिटफंड घोटाला हुआ लेकिन सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती है। किसी को सजा नहीं मिलती है और इन सभी भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप हैं।" 


राहुल ने कहा कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साढ़े चार साल पहले भ्रष्टाचार को लेकर आवाज उठाई थी लेकिन अब वह भ्रष्टाचार की बात नहीं करते हैं। उन्होंने राफेल का सौदा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की जगह अनिल अंबानी को देकर तीस हजार करोड़ रूपया अंबानी की जेब मे डाल दिया। वहीं विजय माल्या, नीरव मोदी, ललित मोदी जब भागे तब उनको रोका नहीं।" 

राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर झीरम घाटी में शहीद हुए नंदकुमार पटेल समेत कांग्रेसी नेताओं के अपमान करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि "छत्तीसगढ़ में प्रथम चरण के चुनाव में बस्तर क्षेत्र में कांग्रेस की जीत हो रही है। चुनाव के बाद हमारी सरकार बनते ही हम किसानों का कर्ज 10 दिनों में माफ कर देंगे, किसानों को बोनस देंगे और सभी जिलों मे फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाएंगे जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके।" गांधी ने कहा कि सरकार बनते ही आउटसोर्सिंग खत्म करते हुए युवाओं को नि:शुल्क इंजीनियरिंग, मेडिकल और वकालत की उच्च शिक्षा देंगे। 

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी गरीब लोगों को सरकारी अस्पताल से मुफ्त में दवाएं मिलेंगी।

राहुल गांधी ने कहा कि यूपीए सरकार का भूमि अधिग्रहण बिल यहां लागू करेंगे, जिससे बाजार मूल्य से चार गुना दाम किसानों को उनकी भूमि का मिलेगा।

बगैर किसान से पूछे उनकी जमीन नहीं छीनी जाएगी और पांच साल में उद्योग नहीं लगने पर किसान को जमीन वापस मिलेगी।

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर एक ट्रक को नुकसान पहुंचाया है। इस घटना में पांच सुरक्षा कर्मियों समेत छह लोग घायल हुए हैं।

 

राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बीजापुर जिला मुख्यालय से लगभग सात किलोमीटर दूर भोपालपटनम की तरफ बीजापुर घाटी में आज नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर दिया। इस घटना में सीमा सुरक्षा बल के 414 बटालियन के चार जवान, एक डीआरजी का जवान और एक नागरिक घायल हो गए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र में इस महीने की 12 तारीख को पहले चरण का मतदान होने के बाद सुरक्षा बलों को वहां से बाहर निकाला जा रहा है। आज जब बल के जवान एक वाहन में सवार होकर जा रहे थे तब नक्सलियों ने बीजापुर घाटी में बारूदी सुरंग में विस्फोट कर दिया। इस घटना में चार बीएसएफ जवान, एक डीआरजी का जवान और एक नागरिक ट्रक चालक घायल हो गया।

उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद क्षेत्र के लिए अतिरिक्त बल रवाना किया गया तथा घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है।


अहिवारा विधानसभा भाजपा प्रत्याशी राजमहंत सावलाराम डाहरे जी ने अपनी चुनावी यात्रा के आठवे दिन की शुरुवात ग्राम बिरेभाट के गुरु घासीदास जी के मंदिर  में पूजा अर्चना  करके प्रारंभ किये साथ ही सतनामी समाज का भी पूरा सहयोग डाहरे को मिला। क्षेत्र की जनता का प्यार और आशीर्वाद सावलाराम जी को अपार मिल रहा है यात्रा ग्राम अहेरी  होते हुए  बगडुमर पहुँचा जहाँ पूरे ग्राम वासी जयकारा के साथ में डाहरे जी का भव्य स्वागत कर उन्हें विजय का आशीर्वाद दिया।    फिर जनसंपर्क यात्रा अपने भव्य जन सैलाब लिए  गिरहोला पहुंचा जहाँ माताओं के द्वारा शानदार डाहरे के लिये एक स्वर में विजय आवाज़ बुलंद कर डाहरे जी का भव्य स्वागत किया एवम विशेष रूप से सतनामी समाज के माताओं ने डाहरे जी को विजय तिलक लगाया। सभी गाँव मे मंचीय सभा को डाहरे जी सम्बोधित करते हुए जनता का आशीर्वाद लिया।

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