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News Creation - छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ (17118)

प्रदेश में धान खरीदी एक नवंबर से शुरू हो रही है। इसकी तैयारियां जोरों पर है। इस बार समर्थन मूल्य के साथ-साथ किसानों को बोनस भी दिया जाएगा। प्रदेश के 14सौ प्राथमिक सहकारी समितियों में एक साथ खरीदी शुरू होगी

छत्तीसगढ़: दूरदर्शन की टीम पर नक्सलियों का हमला, कैमरामैन सहित तीन की मौत

 
नक्सलियों के हमले में मारे गए कैमरामैन अच्युतानंद साहू
नक्सलियों के हमले में मारे गए कैमरामैन अच्युतानंद साहू - फोटो : facebook
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में आज नक्सलियों ने दूरदर्शन की टीम पर हमला कर दिया था। इस हमले में एक पत्रकार और दो सुरक्षा कर्मियों की मौत हो गई है। यहां खबर कवरेज करने के लिए दूरदर्शन की तीन सदस्यीय टीम पहुंची थी। तभी वे नीलवाया के जंगल में नक्सलियों के एंबुश में फंस गए। कुछ दिन पहले माओवादियों ने कहा था पत्रकारों को खतरा नहीं है। शहीद हुए दो सुरक्षा कर्मियों में एक एएसआई और एक जवान थे। घायल हुए दो जवानों का नाम जवान विष्णु नेताम और राकेश कौशल है। इनके अलावा एक मीडिया कर्मी और अन्य भी घायल हुए हैं।
 
 
छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले पर डीआईजी पी. सुंदरराज का कहना है, 'आज हमारी गश्ती पार्टी पर अरनपुर में नक्सलियों ने घात लगाकर हमला कर दिया था। इस हमले में हमारे दो कर्मी शहीद हो गए हैं। साथ ही दूरदर्शन के कैमरामैन भी घायल हो गए थे, जिनकी बाद में मौत हो गई। दो और कर्मी घायल हुए हैं।' डीआईजी नक्सल पी. सुंदरराज ने कहा कि नक्सली विकास विरोधी है। जनता के सामने उनका चेहरा बेनकाब हो गया है। हमारे जवान नक्सलियों का मुहतोड़ जवाब दे रहे हैं। हम नक्सलियों से निपटने हर परिस्थितियों के लिए तैयार हैं। जानकारी के मुताबिक जो दो सुरक्षा कर्मी घायल हुए हैं उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। कैमरामैन का नाम अच्युतानंद साहू है।

खेल मंत्री और आई एंड बी मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने छत्तीसगढ़ हमले पर कहा, 'हम कैमरामैन के परिवार के साथ खड़े हैं, हम उनके परिवार का ख्याल रखेंगे। हम उन सभी मीडिया के लोगों को सलाम करते हैं दो कवरेज के लिए ऐसी खतरनाक स्थितियों में जाते हैं, उनकी बहादुरी को याद रखा जाएगा।'


शहीद
रुद्र प्रताप, एएसआई
मंगलराम, आरक्षक
अचिता नंद साहू, कैमरा मैन

ये हुए घायल
राकेश कौशल, आरक्षक
विष्णुनेताम, सहायक आरक्षक

मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने शहादत पर गहरा दुःख व्यक्त किया

सीएम रमन सिंह
सीएम रमन सिंह - फोटो : PTI
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इन हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। डॉ. सिंह ने इस हमले में पुलिस के दो जवानों और दूरदर्शन नई दिल्ली के एक कैमरामेन की शहादत पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने इस हमले की तीव्र निंदा करते हुए कहा है कि यह  नक्सलियों की कायरतापूर्ण और शर्मनाक हरकत है। शहीद जवान और कैमरामेन निर्वाचन जैसे राष्ट्रीय कार्य के लिए अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे थे। उन पर हमला करके नक्सलियों ने देश के लोकतंत्र पर हमला किया है, जो निंदनीय है।

उन्होंने आगे कहा, देश, प्रदेश और समाज के सभी लोगों को एक  स्वर से उनकी ऐसी हरकतों की कठोर शब्दों में निंदा करनी चाहिए और हिंसा तथा आतंक के खिलाफ सबको एकजुटता का परिचय देना चाहिए।  इस नक्सल हमले में पुलिस के उप निरीक्षक श्री रूद्रप्रताप सिंह, सहायक आरक्षक श्री मंगलराम और दूरदर्शन नई दिल्ली के कैमरामेन श्री अच्युतानंद साहू शहीद हुए हैं। मुख्यमंत्री ने घायल जवानों के जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना की है और अधिकारियों को उनका बेहतर से बेहतर इलाज करवाने के निर्देश दिए हैं।

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले में एक मीडियाकर्मी और दो पुलिसकर्मियों की जान चली गई है। हादसे के बाद दंतेवाड़ा के एसी अभिषेक पल्लव इनके बारे में बताते हुए रोने लगे। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दर्दनाक हादसा है। उन्होंने कहा कि दो-तीन दिन पहले भी यहां मीडिया कर्मी आए थे। यहां गांव के लोगों ने मीडिया कर्मियों से खूब बात की और कहा कि वह कैसे 30 साल बाद पहली बार चुनाव में हिस्सा लेंगे और वोट करेंगे। 

 गांव के लोगों ने मीडियाकर्मियों से आपबीती बताई कि उन्हें नक्सलियों ने कितना परेशान किया है। उन्होंने कैसे यह रोड उनके लिए लाइफ लाइन है। उन्होंने दस दिन नक्सिलिओं से मार खाने के बाद भी रोड बनाने का फैसला किया। गांव वालों ने एक भी बात नक्सलियों की नहीं सुनी। एसपी ने कहा कि गांव वालों ने मुझसे भी कहा कि सर हम मर जाएंगे लेकिन रोड बनाकर रहेंगे। इसके बाद यह सभी बातें मीडिया के माध्यम से बाहर जाने लगीं तो नक्सलियों ने मीडियाकर्मियों को टारगेट किया।  
एसपी ने कहा कि रात जब फायरिंग शुरू हुई तो उन्होंने पुलिस को नहीं बल्कि मीडिया को टारगेट किया। उन्होंने कहा कि इस दौरान पुलिस ने अगर मीडियाकर्मियों को धक्का नहीं दिया होता तो दो और मीडिया कर्मी इस हादसे में मारे जाते।  

बता दे कि कवरेज करने के लिए दूरदर्शन की तीन सदस्यीय टीम छत्तीसगढ़ पहुंची थी। तभी वे नीलवाया के जंगल में नक्सलियों के एंबुश में फंस गए। कुछ दिन पहले माओवादियों ने कहा था पत्रकारों को खतरा नहीं है। शहीद हुए दो सुरक्षा कर्मियों में एक एएसआई और एक जवान हैं। घायल हुए दो जवानों का नाम जवान विष्णु नेताम और राकेश कौशल है। इनके अलावा एक मीडिया कर्मी और अन्य भी घायल हुए हैं।

छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले पर डीआईजी पी. सुंदरराज का कहना है, 'आज हमारी गश्ती पार्टी पर अरनपुर में नक्सलियों ने घात लगाकर हमला कर दिया था। इस हमले में हमारे दो कर्मी शहीद हो गए हैं। साथ ही दूरदर्शन के कैमरामैन भी घायल हो गए थे, जिनकी बाद में मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक जो दो सुरक्षा कर्मी घायल हुए हैं उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। कैमरामैन का नाम अच्युतानंद साहू है।

खेल मंत्री और आई एंड बी मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने छत्तीसगढ़ हमले पर कहा, 'हम कैमरामैन के परिवार के साथ खड़े हैं, हम उनके परिवार का ख्याल रखेंगे। हम उन सभी मीडिया के लोगों को सलाम करते हैं दो कवरेज के लिए ऐसी खतरनाक स्थितियों में जाते हैं, उनकी बहादुरी को याद रखा जाएगा।'

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इन हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। डॉ. सिंह ने इस हमले में पुलिस के दो जवानों और दूरदर्शन नई दिल्ली के एक कैमरामेन की शहादत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने इस हमले की निंदा करते हुए कहा है कि यह नक्सलियों की कायरतापूर्ण और शर्मनाक हरकत है। शहीद जवान और कैमरामेन निर्वाचन जैसे राष्ट्रीय कार्य के लिए अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे थे। उन पर हमला करके नक्सलियों ने देश के लोकतंत्र पर हमला किया है, जो निंदनीय है।

उन्होंने आगे कहा, देश, प्रदेश और समाज के सभी लोगों को एक  स्वर से उनकी ऐसी हरकतों की कठोर शब्दों में निंदा करनी चाहिए और हिंसा तथा आतंक के खिलाफ सबको एकजुटता का परिचय देना चाहिए।  इस नक्सल हमले में पुलिस के उप निरीक्षक श्री रूद्रप्रताप सिंह, सहायक आरक्षक श्री मंगलराम और दूरदर्शन नई दिल्ली के कैमरामेन श्री अच्युतानंद साहू शहीद हुए हैं। मुख्यमंत्री ने घायल जवानों के जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना की है और अधिकारियों को उनका बेहतर से बेहतर इलाज करवाने के निर्देश दिए हैं।
 

रायपुर,। राज्योत्सव 2018 का आयोजन राजधानी रायपुर में इस वर्ष एक से तीन नवम्बर तक तीन दिवसीय होगा। राज्योत्सव का स्थल ग्राम-तूता अटल नगर स्थित पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी औद्योगिक एवं व्यापार परिसर को निर्धारित किया गया है।
राज्योज्सव 2018 के सफल आयोजन के लिए आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग  आर.पी.मण्डल की अध्यक्षता में बैठक ली गई। उन्होंने राज्योत्सव के सफल आयोजन के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक जिम्मेदारी साैंपी और इसका तत्परता से निर्वहन के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
अपर मुख्य सचिव श्री मण्डल ने बताया कि प्रदेश में चुनाव आचार संहिता के प्रभावशील होने के कारण राज्योत्सव के आयोजन में निर्वाचन आयोग के निर्देश का पूर्णतः ध्यान रखा जाएगा। चुनाव आचार संहिता के कारण इस वर्ष जिलों में ’राज्योत्सव-2018’ का आयोजन नहीं किया जाएगा। केवल राजधानी रायपुर में ही एक से तीन नवम्बर तक तीन दिवसीय राज्योत्सव का आयोजन किया जाएगा। बैठक में अपर मुख्य सचिव ने राज्योत्सव स्थल में मंच निर्माण, दर्शक दीर्घा, बिजली तथा पेयजल व्यवस्था और वाहन पार्किंग सुविधा आदि के संबंध में अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। इस वर्ष राज्योत्सव के अवसर पर शासकीय विभागों की प्रदर्शनियां आयोजित नहीं की जाएगी। इसमें चुनाव आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए केवल व्यापार मेला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को ही शामिल किया गया है।

  • भाजपा मुख्यालय एकात्म परिसर से नक्सलवाद पर भी केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर बोला जमकर हमला
  • आरोप- माओवादियों के सरंक्षक सोनिया गांधी की सलाहकार समिति में बैठते थे, इसलिए 10 साल कार्रवाई नहीं 

रायपुर.  केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। नक्सलवाद अौर राफेल जैसे मुद्दों पर उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उनके कारण ही दोनों मामले ठंडे बस्ते में रहे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राफेल पर पाकिस्तान और राहुल गांधी के स्वर एक जैसे हैं। दोनों ही नहीं चाहते कि भारत को राफेल मिले। उन्होंने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी की सलाहकार समिति में माओवादियों के संरक्षक बैठते थे। इसलिए मनमोहन सिंह की सरकार ने नक्सलियों पर कोई कार्रवाई नहीं की। 

 

'गांधी परिवार को जब तक दक्षिणा नहीं मिलती कोई काम नहीं होता'

भाजपा प्रदेश मुख्यालय एकात्म परिसर में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत की वायु सेना में नए हवाई जहाज की कमी है। पुराने जहाज बेकार हो रहे हैं और उनमें खराबी के चलते पायलटों की जान जा रही है। उन्होंने कहा कि वायुसेना को नए विमान मिले, इसके लिए सबसे पहले अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कोशिश की गई थी। 

 

इसके बाद कांग्रेस की सरकार आई। केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा कि 10 साल तक विमानों की खरीद को लेकर कांग्रेस घपले में ही रही। फिर 2012 में तय किया कि राफेल की कीमत सबसे कम है। इसके लिए 

दासोद को उन्होंने ही सबसे बेहतर कंपनी मांना। फिर विमानों का सौदा रोक दिया। 10 साल के यूपीए सरकार के निकम्मेपन के कारण राफेल नहीं आ सका।
 

केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि विमानों के इस सौदे से सत्ता में बैठे गांधी परिवार को कुछ मिल नहीं रहा था। गांधी परिवार में जब तक दक्षिणा नहीं मिलती काम नहीं होता है। कंपनी नहीं तैयार हुई तो मामला अौर सौदा दोनों टाल दिए गए। हमारी सरकार आई तो वायुसेना का आग्रह था हमे राफेल चाहिए। इससे हमारा बेड़ा मजबूत होगा। 

 

उन्होंने कहा कि वायुसेना के इस आग्रह को देखते हुए हमने राफेल खरीदने की दिशा में कदम बढ़ाया। विमान खरीदने की दो प्रक्रिया होती है,  कंपनी से टेंडर होते या हमारे प्रधानमंत्री दूसरे देश के राष्ट्रपति या अपने समकक्ष से बात करें। प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति के बीच बात हुई और 36 विमान खरीदना तय हुआ।

 

उन्होंने बताया कि एक बेडे़ में 18 विमान होते हैं। ऐसे में यह विचार किया गया कि इससे वायुसेना के दो बेड़े तैयार हो जाएंगे। बाकी के विमान हम इसी टेक्नोलॉजी पर अपने देश में निर्माण करेंगे। यूपीए के दाम से 9 फीसदी कम दाम में विमान की खरीद तय की गई। 

 

दासोद कंपनी के सीईअो के इंटरव्यू का दिया हवाला

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राफेल मामले में लग रहे अाराेपों पर दासोद कंपनी के सीईअो एरिक के एक इंटरव्यू का हवाला दिया। द इकोनॉमिक टाइम्स में  छपे इस इंटरव्यू के हवाले से केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा कि सीईओ एरिक ने स्वयं माना है कि उनके अंबानी से रिश्ते वर्ष 2012 में ही बन गए थे। 

 

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी देश की सुरक्षा से खिलवाड़ मत करिए। राहुल गांधी झूठ बोलते हैं। जो विमान भारत में बनाया जाएगा उसके लिए 30 हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे। उसको बनाने का ठेका देश की 100 कंपनियों के पास होगा। अनिल अंबानी को तो सिर्फ 850 करोड़ रुपए ही दिए जा रहे हैं। दासोद कंपनी ने स्वयं कहा है कि नागपुर में हवाई अड्‌डे के पास अंबानी की जमीन इसलिए वहां पार्ट्स बनेंगे। 

 

अर्बन माओवादियाें से रहे हैं कांग्रेस के संबंध

प्रदेश में नक्सलवाद को लेकर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि देश के टुकड़े होंगे इंशा अल्लाह... ये बोलने का अधिकारा किसी को नहीं है। कानून मंत्री ने कहा कि अर्बन माओस्ट के संबंध कांग्रेस से रहे हैं। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि 10 सालों में उनकी सरकार में माओवादियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरोप लगाया कि उनकी संरक्षक सोनिया गांधी की सलाहकार समिति में बैठते हैं। 

 

उन्होंने कहा कि बंदूक की गोली से सत्ता के नजीतों की बात करने वाले माआोवादियों के लिए आम आदमी का स्थान कहां है? उन्हें लोगों की चिंता नहीं है। मानव अधिकारों की बात करने वाले माओवादियों के समर्थकों से कानून मंत्री ने पूछा कि नक्सलियों के मरने पर वे मानव अधिकारों की बात करते हैं।

 

उनका मानव अधिकार तब कहां चला जाता है जब बहादूर जवानों की शहादत होती है। उनके बीबी और बच्चों पर मुसीबत आती है। दिल्ली से रायपुर व दंतेवाड़ा तक शोर करने वाले नक्लियों के हिमायती तब क्यों खामोश हो जाते हैं? बस्तर में कॉल सेंटर खुले हैं। 4000 टावर माओवादी इलाकों में लग गए हैं और 4000 और लगने वाले हैं। 

 

कांग्रेस ने कहा- डरपोक हैं रविशंकर, जहां जवान तैनात, वहां जाने से डर रहे

कांग्रेस का आरोप है कि नंदराम पर नक्सली हमले के बाद केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बस्तर जाने से मना कर दिया। कांग्रेस ने इसे आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भाजपा के नेता डरपोक हैं जहां हमारे जवान नक्सलवाद खत्म करने लाल आतंक लड़ाई लड़ रहे हैं, शहीद हो रहे हैं वहां जाने से डर रहे हैं।  प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बढ़ते नक्सलवाद के लिये रमन सरकार ही जिम्मेदार हैं।

राज्य निर्माण के वक्त दक्षिण बस्तर के सीमावर्ती क्षेत्रों के तीन ब्लाक तक सीमित नक्सलवाद  15 साल में  14 जिलों तक पहुंचा गया। रविशंकर प्रसाद और भाजपा को समझ आना चाहिए रमन सिंह सरकार 15 साल के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ का विकास नही बल्कि विनाश हुआ है। 2013 के विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस के परिवर्तन यात्रा में झीरम घाटी में षड्यंत्रपूर्वक नक्सली हमला कराया गया जिसमें कांग्रेस के प्रथम पंक्ति के नेताओं की हत्या की हुई थी। नक्सलियों के कारण ही भाजपा तीन बार से सत्तासुख भोग रही है और छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ जनता बढ़ते नक्सलवाद के दुष्परिणाम झेल रहे है।

छत्तीसगढ़ में भाजपा ने 67 प्रत्याशियों के टिकट की घोषणा कर दी है। इनमें से 17 सीटिंग विधायकों के टिकट कट गए हैं। जिन विधायकों का टिकट कटा है उनमें से अधिकांश ने घमासान मचा रखा है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि पार्टी ने तैयारी, कार्यकर्ता और क्षेत्र पर पकड़, उम्मीदवार की छवि और उसकी जिताऊ क्षमता को आधार बनाकर प्रत्याशियों को टिकट दिया है। भाजपा एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह की प्रत्याशियों के टिकट बंटवारे में जमकर चली है। रमन सिंह की पसंद को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी तवज्जो दी है।

 

म. प्र. से आने वाले भाजपा के एक वरिष्ठ नेता छत्तीसगढ़ में काफी सक्रिय हैं। विधायकों का टिकट कटने को लेकर उनका कहना है कि इसमें पूरी पारदर्शिता बरती गई है। हालांकि वह भी मानते हैं कि छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के राजनीतिक कौशल ने सबको प्रभावित किया है। सूत्र कहना है कि राजस्थान, छत्तीलगढ़, म.प्र., तेलंगाना और मिजोरम में केवल छत्तीसगढ़ ही ऐसा राज्य है, जहां भाजपा की जीत तय मानी जा रही है। सभी 90 विधानसभा सीटों पर पार्टी के पक्ष में अच्छी सूचनाएं आ रही हैं। इसके सामानांतर म.प्र. में भाजपा काफी मजबूत है, लेकिन वहां कांग्रेस के साथ कांटे के मुकाबले से इनकार नहीं किया जा सकता। यही स्थिति राजस्थान में भी है। बताते हैं राज्य में रमन सिंह तीन बार से मुख्यमंत्री हैं और उन्होंने अपनी लोकप्रियता को बनाए रखे है।

तालमेल बनाने में माहिर

रमन सिंह के बारे में आम है कि वह सबसे तालमेल बना लेते हैं। बताते हैं भाजपा मुख्यालय से लेकर केन्द्र सरकार तक उन्होंने अपने रिश्ते को काफी सामंजस्यपूर्ण बनाए रखने में सफलता पाई है। छत्तीसगढ़ नक्सलवाद प्रभावित राज्य है। यहां कुल 90 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से 18 सीट पर प्रथम चरण में 12 नवंबर को मतदान होना है। ये सीटें नक्सल प्रभावित क्षेत्र की हैं। शेष 72 सीटों पर दूसरे चरण में 20 नवंबर को मतदान होता है। बताते हैं इसे केन्द्र में रखकर मुख्यमंत्री रमन सिंह ने प्रत्याशियों को उतारने और चुनाव प्रचार की रूपरेखा तैयार की है। इसके लिए राज्य के हर सांसद, मंत्री और राज्य सरकार में मंत्री तथा पार्टी के पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई 

कोरबा में भाजपा-कांग्रेस सहित तमाम दल किस तरह प्रचार में जुटे हुए हैं, देखिए कुछ ऐसी ही तस्वीरें। 

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां अपने चरम पर हैं। अपना परचम लहराने के लिए हर एक सीट पर पार्टियां पूरा जोर लगा रही हैं। इस सब के बीच दंतेवाड़ा सीट ख़ास वजहों से चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल दंतेवाड़ा सीट को लेकर कहा जाता है कि यहां हर चुनाव में परिवार के लोग ही आमने-सामने होते हैं। इस बार भी यह सिलसिला बदस्तूर जारी है।

 

चुनावी महाभारत में 'विजय श्री' पाने उतरा परिवार

जनजाति बहुल इस सीट पर एक ही परिवार के सात लोग अलग-अलग पार्टियों से टिकट पाकर एक दूसरे को चुनौती दे रहे हैं। पिछले चुनाव में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला था। दरअसल भाजपा उम्मीदवार भीमा मंडावी कांग्रेस उम्मीदवार देवती कर्मा के बहनोई हैं। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी देवती और सीपीआई उम्मीदवार नंदाराम सोरी आपस में भाई-बहन हैं। 

इसके अलावा आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे बल्लू भवानी और निर्दलीय चुनाव लड़ रहीं जया कश्यप रिश्ते देवती के भतीजा-भतीजी हैं। दूसरी तरफ बसपा उम्मीदवार केशव नेताम और निर्दलीय सुदरू कुंजाम का आप उम्मीदवार बल्लू के भांजे है।

चुनावी रंजिश के आड़े नहीं आया रिश्ता

सभी उमीदवार रविवार को जिला पंचायत सदस्य और भाजपा नेता पर नंदलाल मुड़ामी पर हमला  खबर मिलते ही उन्हें देखने अस्पताल पहुंचे। इस दौरान इनके रिश्तों की गर्मजोशी साफ़ देख यह लगा कि चुनावी प्रतिस्पर्धा रिश्तों की गरिमा को अब भी नहीं छू पाई।

कांटे की टक्कर की उम्मीद 

दंतेवाड़ा की सीट पर 1 लाख मतदाता हैं। रिश्तेदारों के आमने सामने होने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है। कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है। कांग्रेस की देवती कर्मा ने अपने पति टाइगर महेंद्र कर्मा की मौत के बाद चुनाव लड़ा और पिछले चुनाव में भाजपा की भीमा मंडावी को करीब 6 हजार वोटों से हराया था।
 

इन उम्मीदवारों  के बीच मुकाबला 
 

देवती कर्मा कांग्रेस
जया कश्यप निर्दलीय
भीमा मण्डावी भाजपा
केशव नेताम  बसपा
बल्लू भवानी आप
नंदाराम सोरी सीपीआई
सुंदरू कुंजाम निर्दलीय

छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा ने सोमवार को अपने 11 उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी की। बता दें कि छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा में दो चरणों में 12 और 20 नवंबर को चुनाव होने हैं। मतों की गणना 11 दिसंबर को होगी। 

 

पहले चरण के चुनाव के लिए प्रचार चरम पर है। भाजपा यहां लगातार 15 साल से सत्ता में है और इस बार सीएम रमन सिंह के सामने सत्ता बचाए रखने की चुनौती है। बसपा और अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के बीच गठजोड़ के चलते मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए पुरजोर कोशिश में है। 

यहां देखें पूरी लिस्ट-



इससे पहले गत 21 अक्तूबर को पार्टी ने अपने 77 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। इसमें एलान किया गया था कि मुख्यमंत्री रमन सिंह राजनांदगांव सीट से चुनाव लड़ेंगे। इन 77 नामों में 14 मौजूदा विधायकों की जगह नए नाम घोषित किए गए थे।  

छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा ने सोमवार को अपने 11 उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी की। बता दें कि छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा में दो चरणों में 12 और 20 नवंबर को चुनाव होने हैं। मतों की गणना 11 दिसंबर को होगी। 

 

पहले चरण के चुनाव के लिए प्रचार चरम पर है। भाजपा यहां लगातार 15 साल से सत्ता में है और इस बार सीएम रमन सिंह के सामने सत्ता बचाए रखने की चुनौती है। बसपा और अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के बीच गठजोड़ के चलते मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए पुरजोर कोशिश में है। 

यहां देखें पूरी लिस्ट-



इससे पहले गत 21 अक्तूबर को पार्टी ने अपने 77 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। इसमें एलान किया गया था कि मुख्यमंत्री रमन सिंह राजनांदगांव सीट से चुनाव लड़ेंगे। इन 77 नामों में 14 मौजूदा विधायकों की जगह नए नाम घोषित किए गए थे।  

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