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News Creation - छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ (17118)

रायपुर। छत्तीसगढ़ में हो रहे विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए मतदान दलों को सुरक्षित पहुंचाना और शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न कराना सुरक्षा बल के लिए बड़ी चुनौती है। राज्य में चुनाव के लिए सुरक्षा बल के लगभग एक लाख जवानों को तैनात किया गया है। छत्तीसगढ़ में हो रहे विधानसभा चुनाव में पहले चरण के लिए सोमवार 12 तारीख को मतदान होगा। राज्य में माओवादियों ने चुनाव का विरोध किया है और पिछले 15 दिनों में तीन बड़ी घटनाओं को अंजाम देकर उन्होंने बताने की कोशिश की है कि क्षेत्र में शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराना मुश्किल है। ऐसे में राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मानते हैं कि मतदान दलों को सुरक्षित मतदान केंद्रों तक पहुंचाना, शांतिपूर्वक मतदान कराना और दलों को ईवीएम के साथ सुरक्षित वापस लाना चुनौती भरा काम है। राज्य के नक्सल विरोधी अभियान के विशेष पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने बताया कि राज्य में शांतिपूर्ण मतदान संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इसके लिए सुरक्षा बलों के लगभग एक लाख जवानों को तैनात किया गया है। 

अवस्थी ने बताया कि प्रथम चरण के मतदान के लिए मतदान दलों को रवाना किया जा रहा है। राज्य के नक्सल प्रभावित अंदरूनी क्षेत्रों के लिए 650 मतदान दलों को हेलीकॉप्टर से भेजा गया है। इन क्षेत्रों में मतदान दलों को सुरक्षित पहुंचा दिया गया है। इस कार्य के लिए भारतीय वायु सेना, सीमा सुरक्षा बल और निजी हेलीकाप्टरों की सेवाएं ली गई है। जहां मतदान दल सड़क मार्ग से जा सकता है वहां के लिए दल को सुरक्षा के साथ आगे रवाना किया जा रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि राज्य में शांतिपूर्ण मतदान के लिए सुरक्षा बलों की 650 कंपनियां आई है। यहां पहले से बड़ी संख्या में सुरक्षा बल के जवान तैनात हैं। सभी को चुनाव कार्य में लगा दिया गया है। 

अवस्थी ने बताया कि सुरक्षा बल के जवानों को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पूरी सतर्कता बतरने को कहा गया है। उन्हें प्रशिक्षण भी दिया गया है। सुरक्षा बल से कहा गया है कि वह किसी भी प्रकार के सामान को लाने या अन्य कार्यों के लिए सड़क का उपयोग तब तक नहीं करें जब तक क्षेत्र में रोड ओपनिंग पार्टी न लगी हो या क्षेत्र को बारूदी सुरंगों से रहित न किया गया हो। उन्होंने बताया के क्षेत्र में बारूदी सुरंग लगे होने की खबरें लगातार आ रही है। माओवादी चुनाव में बारूदी सुरंग लगाकर ही गड़बड़ी फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। आज भी नक्सलियों ने कांकेर जिले में बारूदी सुरंग में विस्फोट कर सुरक्षा बल को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। इस घटना में बीएसएफ का एक उपनिरीक्षक घायल हुआ है। सुरक्षा बल को आईइडी से बचने के उपाय बताए गए हैं। 

अवस्थी ने बताया कि जहां पर मतदान केंद्र हैं और मतदान दल साथ जा रहा है वहां अतिरिक्त सुरक्षा और सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है। जैसे कि आसपास के क्षेत्र को डीमाईन करें, खुद की सुरक्षा का ध्यान रखें और ध्यान से चलें। नक्सली इन क्षेत्रों में स्पाईक और बारूदी सुरंग लगाते हैं। यदि पैदल जंगल की ओर चलें तब स्पाईक :लोहे का नुकीला तार: लगाते हैं और सड़क की ओर चलें तब आईइडी का शिकार होने का खतरा रहता है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पिछले 10 दिनों में तीन सौ से ज्यादा बारूदी सुरंगों को निकाला और नष्ट किया गया है।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बताते हैं कि आज मतदान वाले जिलों में बड़ा मूवमेंट हो रहा है। इस दौरान सबसे बड़ा खतरा बारूदी सुरंगों से है और नक्सलियों को इस बात की जानकारी है कि यहां मतदान केंद्र है और यहां से मतदान दल और सुरक्षा बल का दल निकलेगा। इन क्षेत्रों में मतदान दल को सुरक्षित पहुंचाना, मतदान कराना और वापस लाना चुनौती भरा काम है। इसके साथ ही इन क्षेत्रों में राजनीतिक दलों की सुरक्षित रैली कराना भी चुनौती पूर्ण काम था जो शनिवार को संपन्न हो गया। 

छत्तीसगढ़ में दो चरणों में मतदान होना है। पहले चरण में राज्य के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र के सात जिले और राजनांदगांव जिले के 18 विधानसभा सीटों के लिए सोमवार 12 तारीख को मतदान होगा। सोमवार को राजनांदगांव जिले के मोहला-मानपुर, कांकेर जिले के अंतागढ़, भानुप्रतापपुर और कांकेर, कोंडागांव जिले के केशकाल और कोंडागांव, नारायणपुर जिले के नारायणपुर, दंतेवाड़ा जिले के दंतेवाड़ा, बीजापुर जिले के बीजापुर तथा सुकमा जिले के कोंटा विधानसभा में सुबह सात बजे से दोपहर तीन बजे तक वोट डाले जाएंगे।

वहीं जिन आठ विधानसभा क्षेत्रों में मतदान का समय सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक निर्धारित है, उनमें राजनांदगांव जिले के पांच विधानसभा क्षेत्र खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोंगरगांव और खुज्जी तथा बस्तर जिले के तीन विधानसभा क्षेत्र बस्तर, जगदलपुर एवं चित्रकोट शामिल हैं। राज्य में नक्सलियों ने चुनाव बहिष्कार की घोषणा की है और पिछले 15 दिनों में तीन बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है। 

इस महीने की आठ तारीख को नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर एक यात्री बस को उड़ा दिया था। इस घटना में चार नागरिकों और केंदीय औद्योगिक सुरक्षा बल के एक जवान की मृत्यु हो गई थी। इससे पहले नक्सलियों ने 30 अक्टूबर को दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर में पुलिस दल पर हमला कर दिया था। इस घटना में दूरदर्शन के एक कैमरामैन और तीन पुलिस जवानों की मृत्यु हो गई थी।  वहीं 27 अक्टूबर को नक्सलियों ने बीजापुर जिले के आवापल्ली थाना क्षेत्र में सीआरपीएफ के बुलेट प्रूफ बंकर वाहन को उड़ा दिया था। इस घटना में सीआरपीएफ के चार जवानों की मृत्यु हो गई थी।

छत्तीसगढ़ में 12 नवंबर को विधानसभा के पहले चरण के लिए मतदान होने वाले हैं। कल होने वाला पहले चरण का मतदान नक्सल प्रभावित इलाकों में होंगे। इसके बाद 20 नवंबर को दूसरे चरण के लिए मतदान होंगे। मतदान शुरू हुोने से महज कुछ घंटे पहले नक्सल प्रभावित कांकेर जिले के कोयली बेडा में एक के बाद एक छह आईईडी धमाका हुआ है। जिसमें भारतीय सुरक्षाबल (बीएसएफ) का एक एएसआई घायल हो गया है। जानकारी के अनुसार कोयली बेडा में नक्सलियों ने 6 आईईडी की सीरिज को प्लांट किया था। यह आईईडी गोम गांव से गट्टाकल के बीच लगाए गए थे।

 

राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने रविवार को बताया कि बीजापुर जिले के बेदरे थाना क्षेत्र में एसटीएफ का एक दल गश्त पर था। यह दल जब क्षेत्र में था तभी नक्सलियों ने पुलिस दल पर हमला कर दिया। इसके बाद पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की। कुछ देर तक मुठभेड़ के बाद नक्सली वहां से फरार हो गए।

बाद में जब पुलिस दल ने घटनास्थल की तलाशी ली तब वहां काली वर्दी में एक नक्सली का शव, एक बंदूक और अन्य सामान मिला। उन्होंने बताया कि इस संबंध में और जानकारी जुटाई जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि एक अन्य घटना में कांकेर जिले में बारूदी सुरंग में विस्फोट होने से से बीएसएफ का एक उप निरीक्षक घायल हो गया।

उन्होंने बताया कि जिले के कोयलीबेड़ा थाना क्षेत्र में बीएसएफ का दल गश्त के लिए निकला था। दल जब कटटाकाल और गोमे के मध्य में था तभी नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर दिया। इस घटना में बीएसएफ के उपनिरीक्षक महेंद्र सिंह घायल हो गए। उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद घटनास्थल के लिए अतिरिक्त पुलिस दल रवाना किया गया है तथा घायल पुलिसकर्मी को बाहर निकालने की कार्रवाई की जा रही है।

क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है। छत्तीगसढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र के सात जिलों और राजनांदगांव जिले के 18 विधानसभा सीटों के लिए सोमवार 12 नबंवर को मतदान होगा। वहीं 72 अन्य सीटों के लिए 20 नवंबर को मत डाले जाएंगे। क्षेत्र में नक्सलियों ने चुनाव का विरोध किया है तथा पिछले 15 दिनों में तीन बड़ी घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं।

कांकेर के पुलिस अधीक्षक केएल ध्रुव ने बताया, 'बीएसएफ की एक टीम सर्च ऑपरेशन कर रही थी तभी नक्सलियों ने कट्टाकल और गोम गांव में आईईडी धमाका कर दिया। यह स्थान जिले से 200 किलोमीटर दूर है। बीएसएफ का एक सब इंस्पेक्टर धमाके में जख्मी हो गया है। राहत एवं बचाव कार्य घटनास्थल पर पहुंचे और घायल जवान को जंगल से निकाला गया। इलाके में अभी भी सर्च ऑपरेशन जारी है।'

नक्सलियों ने राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों का बहिष्कार किया है और वह पिछले 15 दिनों में आधा दर्जन हमलों को अंजाम दे चुके हैं। जिनमें 13 लोगों सहित दूरदर्शन के एक कैमरामैन की मौत हो गई है। कैमरामैन चुनाव की कवरेज करने के लिए राज्य पहुंचे थे। एंटी नक्सल ऑपरेशन के डीआईजी पी सुंदरराज ने कहा, 'आईईडी धमाके में घायल हुए सब-इंस्पेक्टर को रायपुर एयरलिफ्ट किया गया है। क्षेत्र में अब स्थिति सामान्य है। सुरक्षाबल इलाके में सर्च ऑपरेशन कर रहे हैं।' 

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में सोमवार को पहले चरण का मतदान है। नेताओं ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है और सियासी बयानबाजी से प्रदेश का राजनीतिक पारा चढ़ गया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद सिंह ने पलटवार करते हुए गांधी के चुनाव प्रचार को राज्य के लिए मनोरंजन करार दिया।

 

रमन सिंह ने शनिवार को कहा कि राहुल गांधी प्रदेश में लोगों के लिए "एक प्रकार के मनोरंजन हैं" और उनका चुनाव प्रचार करना उनकी अपनी ही पार्टी के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। 

सिंह ने राज्य में सोमवार को होने जा रहे प्रथम चरण के मतदान से पहले कहा कि राहुल छत्तीसगढ़ के बारे में कुछ नहीं जानते और उनकी रैलियां कांग्रेस को कोई खास वोट हासिल करने में मदद नहीं करेगी। 

गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि सिंह भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं और कोई भी काम अपने 10-15 उद्योगपति मित्रों से इजाजत लेने के बाद ही करते हैं। इसके एक दिन बाद सिंह ने पीटीआई-भाषा को दिए एक साक्षात्कार में उन पर पलटवार किया है।

छत्तीसगढ़ के 18 साल के इतिहास में पिछले 15 साल से इस आदिवासी बहुल राज्य के मुख्यमंत्री रहे सिंह ने कहा कि राज्य में राहुल की मौजूदगी भाजपा की चुनावी संभावनाओं को प्रभावित नहीं करेगी, बल्कि यह उनकी अपनी ही पार्टी (कांग्रेस) के लिए नुकसानदेह साबित होगी। 

अपने पार्टी अध्यक्ष पर किए गए तंज के बाद कांग्रेस की ओर से फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं आई है। देश में चुनावी खुमार छाने के बीच विभिन्न दल अक्सर की व्यक्तिगत टीका - टिप्पणी किया करते हैं।

भाजपा नीत केंद्र सरकार और विभिन्न राज्यों में भगवा पार्टी की सरकारों पर पूंजीपतियों से सांठगांठ रखने का कांग्रेस आरोप लगा रही है। राहुल ने छत्तीसगढ़ सहित पांच चुनावी राज्यों के लिए आक्रामक चुनाव अभियान शुरू किया है। दरअसल, इन चुनावों को 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। 

हालांकि, भगवा पार्टी ने इन आरोपों से इनकार किया है और आरोप लगाया कि कांग्रेस अतीत में जब सत्ता में थी, उस वक्त वह भ्रष्टाचार में संलिप्त रही थी और पूंजीपतियों से सांठगांठ रखती थी। 

"हमने नक्सलियों को निष्प्रभावी कर दिया है" 

छत्तीसगढ़ में राहुल काफी सक्रियता के साथ चुनाव प्रचार कर रहे हैं। राज्य में दो चरणों में -- 12 नवंबर और 20 नवंबर को मतदान होगा। प्रथम चरण में नक्सल प्रभावित 12 इलाकों सहित 18 सीटों पर वोट डाले जाएंगे, जबकि दूसरे चरण में शेष 72 सीटों पर मतदान होगा। 

सिंह के विधानसभा क्षेत्र राजनांदगांव में भी सोमवार को मतदान होगा। वहां कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करूणा शुक्ला को टिकट दिया है।

मुख्यमंत्री की कुर्सी चौथी बार हासिल करना चाह रहे सिंह ने कहा कि कांग्रेस के दावों के उलट छत्तीसगढ़ ने हर मोर्चे पर विकास किया है। 

उन्होंने कहा कि भाजपा के 15 साल के शासन में यह एक विकसित राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि हम जल्द ही देश के पांच शीर्ष विकसित राज्यों में शामिल हो जाएंगे।

यह पूछे जाने पर कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी नीत जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ और बसपा के बीच गठजोड़ से क्या भाजपा के वोटों में कमी आएगी, सिंह ने कहा कि "स्वार्थी गठबंधन" होने के बावजूद भाजपा का वोट प्रतिशत नहीं घटेगा। 

नक्सलवाद की समस्या पर सिंह ने कहा कि राज्य में माओवादी आखिरी सांसे गिन रहे हैं। उन्होंने कहा, "हमने नक्सलियों को निष्प्रभावी कर दिया है।" 

भाजपा के 66 वर्षीय नेता 1980 के दशक में राजनीति में आने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सा के पेशे में थे। राज्य के गठन के करीब तीन साल बाद भाजपा ने कांग्रेस से सत्ता छीन ली, जिसके बाद वह दिसंबर 2003 में राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। 

वर्ष 2013 के चुनाव में भाजपा को 49 सीटें और कांग्रेस को 39 सीटें मिली थी। बसपा को सिर्फ एक सीट मिली थी जबकि एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 12 नवंबर को होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर विभिन्न नक्सली समूह सक्रिय हो गए हैं। खुफिया एजेंसी, अर्घसैनिक बल और लोकल पुलिस, इन तीनों इकाइयों के पास यह पुख्ता सूचना है कि इस बार नक्सली समूह चुनाव में बड़े पैमाने पर हिंसा की वारदात कर सकते हैं।
 
नक्सलियों के टारगेट पर केवल सुरक्षा बल ही नहीं, बल्कि मतदाता भी हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर वे वोट डालने गए तो उनके शरीर के अंग जैसे, हाथ-पांव, कान और जीभ काट दी जाएगी। उनकी योजना है कि इस बार जो हमले हों, वे केंद्रीयकृत न रहें। इसी वजह से नक्सलियों ने अपने सभी कमांडर को कहीं भी और कैसे भी हमला करने की छूट दे दी है।

बस्तर जोन के नक्सल प्रभावित आठ जिलों में 18 विधानसभा सीटें हैं। सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, जगदलपुर, कांकेर, कुंडा गांव व राजनंद गांव आदि जिलों में ही नक्सली सबसे ज्यादा वारदात करते हैं। इंटेलीजेंस इनपुट के मुताबिक, नक्सलियों ने बड़े पैमाने पर हिंसात्मक वारदात करने की योजना बनाई है।

पिछले कुछ समय से नक्सली केंद्रीयकृत हमले को ही तवज्जो दे रहे थे, लेकिन विधानसभा चुनाव के अंतर्गत उन्होंने अपनी रणनीति में बदलाव लाते हुए अलग-अलग समूहों में ज्यादा से ज्यादा हमले करने की योजना बनाई है। हमले के लिए नक्सली सबसे ज्यादा ध्यान आईईडी (इंप्रोवाइस्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) पर दे रहे हैं।

जंगलों के अंदर के इलाकों में चुनाव के दौरान वे कोई भी बाधा खड़ी कर सकते हैं। खुफिया इनपुट है कि नक्सलियों ने ग्रामीण वोटरों को इस बार गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी है। गत विधानसभा चुनाव में कई नक्सली समूहों ने दो-तीन सप्ताह पहले ही लोगों को वोट न डालने की चेतावनी दी थी, लेकिन बाद में उन्होंने अपना रवैया नरम कर लिया था।

इस दफा 12 नवंबर को होने वाले मतदान का बहिष्कार कराने के लिए नक्सलियों ने लोगों से कहा है कि उनकी धमकी को नजरअंदाज कर उन्होंने वोट डाला तो उनके शरीर के हिस्सों को काट दिया जाएगा। साथ ही नक्सलियों ने रोड और कच्चे रास्तों पर सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए भी अलग से प्लानिंग की है।
 

 

चुनाव को शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न कराने के लिए 700 कंपनी तैनात

नक्सलियों की धमकी के मदेनजर बस्तर जोन में विभिन्न अर्धसैनिक बलों की करीब सात सौ कंपनी तैनात की गई हैं। इनमें से पांच सौ कंपनी अभी पहुंची हैं, जबकि दो सौ कंपनी पहले से ही वहां पर सुरक्षा कार्यों में लगी हैं। लोकल पुलिस अलग से अपनी ड्यूटी देती है। सीआरपीएफ के पास जगदलपुर और रामपुर में एयरफोर्स के दो-दो हेलीकॉप्टर हैं।इसके अलावा जरुरत पड़ने पर और भी हेलीकॉप्टर मंगाए जा सकते हैं। आसमान में सैंकड़ों छोटे-बड़े यूएवी (अनमेंड एरियल व्हीकल) उड़ रहे हैं। अत्याधिक संवेदनशील जिले जैसे सुकमा, दंतेवाड़ा या बीजापुर में अर्धसैनिक बलों व लोकल पुलिस को मिलाकर करीब 90 कंपनी तैनात की गई हैं।

मोदी-राहुल की थ्री लेयर सुरक्षा में भी 20 हजार से ज्यादा सुरक्षा कर्मी तैनात
 
चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी छत्तीसगढ़ पहुंच चुके हैं। करीब बीस हजार जवान इनकी सुरक्षा में लगाए गए हैं। चूंकि मोदी और राहुल के पास एसपीजी सुरक्षा रहती है, इसलिए चुनाव में इन्हें थ्री लेयर सुरक्षा दी गई है।

नक्सलियों को उनके इरादों में कामयाब नहीं होने देंगे: दिनाकरण
 
सीआरपीएफ इंटेलीजेंस के डीआईजी एम.दिनाकरण का कहना है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर में सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ नोडल एजेंसी है। दूसरे अर्धसैनिक बलों और पुलिस के साथ मिलकर अचूक सुरक्षा का घेरा तैयार किया गया है। हालांकि ऐसी सूचनाएं मिल रही हैं कि नक्सली समूह इस बार छोटे-छोटे समूहों में बंटकर हमला कर सकते हैं। इस रणनीति को फेल करने के लिए सुरक्षा बल भी एक विशेष सुरक्षा योजना पर काम कर रहे हैं। सुरक्षा बलों के लिए चुनाव शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न कराना एक चुनौती है और वे इसे पक्के इरादे से स्वीकार भी कर रहे हैं। यूएवी और मानवीय इंटेलीजेंस की मदद से किसी भी संभावित खतरे पर नजर रखी जा रही है। बड़े यूएवी जो कि हेलीकॉप्टर जितनी उंचाई पर पहुंचकर लाइव वीडियो और फोटो, जिनकी गुणवत्ता बहुत अच्छी होती है, लगातार भेजते रहते हैं।

छत्तीसगढ़ में पहले चरण के चुनाव के लिए आज प्रचार अभियान थम जाएगा। यहां 12 नवंबर को नक्सल प्रभावित इलाकों में चुनाव होने हैं। इसके लिए सभी पार्टियां अपना ताकत झोंक रही हैं। इसी बीच आज कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी राजनंदगांव स्थित एक गुरुद्वारे पहुंचे हैं। यहां उन्होंने मत्था टेका और प्रार्थना की। राजनंदगांव राज्य के मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह का निर्वाचन क्षेत्र है।

 

चुनाव से 48 घंटे पहले प्रचार अभियान थम जाता है। इसी वजह से सत्तापक्ष और विपक्ष लोगों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। आज जहां भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रैलियां करेंगे। वहीं विपक्षी पार्टी की तरफ से राहुल गांधी भी कई रैलियों को संबोधित करेंगे। सत्ता पर दोबारा काबिज होने के लिए भाजपा ने प्रचार के आखिरी दिन अपनी स्टार प्रचारकों की फौज को उतार दिया है।

वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी ने राफेल सौदे को लेकर एक बार फिर शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस लड़ाकू विमान की कीमत सब जानते हैं लेकिन सरकार इसे राष्ट्रीय गोपनीयता का विषय कह रही है और इस बारे में उच्चतम न्यायालय को भी नहीं बता रही है। गांधी ने एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया।

राहुल ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'प्रधानमंत्री जानते हैं, अनिल अंबानी जानते हैं, फ्रांस्वा ओलांद जानते हैं और एमैनुएल मैक्रों भी जानते हैं। हर पत्रकार जनता है। रक्षा मंत्रालय के बाबू जानते हैं। पूरा दसॉल्ट जानता है। दसॉल्ट के सभी प्रतिस्पर्धी जानते हैं।' उन्होंने कहा, 'लेकिन राफेल की कीमत राष्ट्रीय गोपनीयता है जिसका खुलासा उच्चतम न्यायालय में भी नहीं हो सकता।' गांधी ने जो खबर शेयर की है उसके मुताबिक वायुसेना को मिल रहे 36 राफेल विमानों की कीमत पहले की प्रस्तावित कीमत से 40 फीसद अधिक है।

बता दें कि गांधी ने शुक्रवार को कांकेर जिले के पखांजुर में चुनावी सभा को संबोधित किया था। उन्होंने कहा था कि छत्तीसगढ़ में पैसों की कमी नहीं है। प्रदेश में सालों से भाजपा की सरकार है। यहां चिटफंड कंपनियां लोगों का पैसा लेकर भाग गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कुछ उद्योगपति मित्रों का 3 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज माफ कर दिया। लेकिन किसानों के लिए कुछ नहीं किया। 

भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा था कि नीरव मोदी, विजय माल्या, मेहुल चोकसी देश का पैसा लेकर भाग गए। विजय माल्या देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिलकर गया था। नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से फेल योजना साबित हुई। सरकार ने लोगों को लाइन में लगा दिया। हर गरीब व्यक्ति, आदिवासी, महिलाएं बैंक के बाहर लाइन में लगी थीं। इससे क्या हासिल हुआ।

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने आज अपना घोषणापत्र जारी किया। भाजपा ने इसे संकल्प पत्र का नाम दिया है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, सीएम डॉ. रमन सिंह और अन्य नेताओं ने रायपुर में संकल्प पत्र जारी किया। इस दौरान अमित शाह ने छत्तीसगढ़ सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए रमन सरकार की जमकर तारीफ की। शाह ने नक्सलवाद पर नकेल को रमन सरकार की बड़ी उपलब्धि करार दिया। 

क्या-क्या कहा अमित शाह ने पढ़ें- 

-15 साल के अंदर रमन सिंह सरकार ने छत्तीसगढ़ को बदलने का प्रयास किया है।
-छत्तीसगढ़ बनने के बाद जनता ने भाजपा को जनमत दिया। रमन सिंह सीएम बने और 15 साल से राज्य विकास के पथ पर अग्रसर है।
-रमन सिंह सरकार की उपलब्धि है कि यहां नक्सलवाद पर काबू पाया गया।
-छत्तीसगढ़ की पहचान एक वक्त पिछड़े राज्य के तौर पर होती थी। आज छत्तीसगढ़ पावर हब, इस्पात हब, अल्युमिनियम हब और शिक्षा हब बना है। रमन सिंह आज इसे डिजिटल हब बनाने में जुटे हैं।
-बाकी दलों के लिए जीतने-हारने का चुनाव हो सकता है लेकिन भाजपा के लिए नव छत्तीसगढ़ के निर्माण का चुनाव है।
-अंत्योदय को हमने प्राथमिकता दी, 1 रुपये किलो चावल, नि:शुल्क नमक, नि:शुल्क चरणपादुका, नि:शुल्क साइकिल, भ्रष्टाचारविहीन व्यवस्था के जरिए लोगों तक पहुंचाने की कोशिश इस सरकार ने की। 
-रमन सरकार ने फसल के दाम बढ़ाकर किसानों के घर समृद्धि बढ़ाने का काम किया। प्रमुख फसलों को समर्थन मूल्य पर खरीदा।
-गरीबों, आदिवासियों को रोजगार देने का काम राज्य सरकार ने बखूबी किया।
-कौशल विकास को अधिकार के रूप में देने का काम सबसे पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने किया है।
-असंगठित मजदूरों के 15 लाख परिवारों को कल्याणकारी योजनाओं में शामिल किया। 
-अमीर-गरीब का भेद मिटाकर 50 हजार रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया।  
  -सरकार ने मनरेगा के तहत 50 दिन का अतिरिक्त रोजगार दिया।
-संकल्प पत्र के लिए हमने बुद्धिजीवियों से संपर्क किया है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने मजदूरों, आदिवासियों, महिलाओं से संपर्क किया।  
-रमन सिंह जी का रिकॉर्ड है कि इन्होंने जो भी कहा वो पूरा किया है। भाजपा ने जो कहा है उसका एक-एक शब्द रमन सिंह जी की अगुवाई में पूरा करेंगे।

वहीं, सीएम रमन सिंह ने संकल्प पत्र की मुख्य बातें सामने रखीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और इसे आगे बढ़ाने में कोई कसर बाकी नहीं रखेगी। क्या क्या कहा पढ़ें- 

-हमारी सरकार ने किसानों की फसल समर्थन मूल्य पर खरीदी, फसलों के दाम और बढ़ाएंगे। 
-छात्रों को मुफ्त किताबें, साइकिल देंगे। 
-2022 तक सभी को आवास देंगे। 
-60 साल से ज्यादा उम्र के मजदूरों को 1 हजार रुपये पेंशन
-छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से मुक्त करेंगे।
-महिलाओं को 2 लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त कर्ज।
-छत्तीसगढ़ में होगा फिल्म सिटी का निर्माण। 

कांग्रेस ने शुक्रवार को जारी किया था घोषणापत्र 

बता दें कि शुक्रवार को कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र जारी किया था। इसमें किसानों की कर्जमाफी सहित कई वादे किए गए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को डोंगरगढ़ में घोषणापत्र जारी कर दिया जिसे 'जन घोषणा पत्र' नाम दिया गया है। घोषणापत्र में किसानों और बेरोजगारों पर जोर साफ दिखाई दिया। पार्टी ने कई बड़े वादे किए हैं।

चंद्र शेखर शर्मा (पत्रकार )
9425522015
 
राजनीति एक ऐसी चीज है जहां हर कोई खुद को दूसरों से बेहतर बताकर हित साधना चाहता है । इस हित में और कुछ नहीं ‘सत्ता का हित’ होता है । चुनावी समर में रोज नए नए समीकरण बन बिगड़ रहे है, कोई साथ छोड़ रहा तो कोई दामन थाम रहा है । ऐसा किसी एक पार्टी में नहीं वरन भाजपा , कांग्रेस व जोगी कांग्रेस सभी पार्टियों में हो रहा है ,कार्यकर्ताओ व पदाधिकारियो का आना -जाना ,रूठना- मनना लगा है । कबीरधाम जिले की पंडरिया विधानसभा में भाजपा में वर्तामान विधायक को बाहरी प्रत्यासी बताने के नाम पर चिल्ल -पों और खलबली मची हुई है तो कांग्रेस में पैराशूट लैंडिंग से बेमेतरा से प्रत्यासी आयातित करने पर स्थानीय कांग्रेसी अपने भविष्य को ले कर चिंतित । जिले की राजनीति में प्रभावशाली महल को टिकट नहीं मिलने से कांग्रेस के एक धड़े में असंतोष फैला है , जो रानी के निर्दलीय प्रत्यासी के रूप में सामने आ रहा है । बदले घटना क्रम में राज परिवार के महराज एवं पूर्व विधायक योगेश्वर राज सिंह ने भले ही टी एस सिंह देव के अनुरोध पर पंडरिया सीट से अपना नामांकन वापस ले कांग्रेस के प्रति समर्पण भाव दिखाने का प्रयास किया है, पर रानी कृति देवी के बगावती तेवर ने राजनैतिक दलों की चूलें हिला कर रख दी है । वे अब कवर्धा सीट से चुनावी समर में उतर चुकी है । अविभाजित मध्यप्रदेश से लेकर अब तक कवर्धा राज परिवार का दबदबा क्षेत्र के साथ साथ प्रदेश की राजनीती में हमेशा बरक़रार रहा । राजा धर्मराज सिंह की गौरवशाली परम्परा का निर्वहन करते राज परिवार आदिवासी परिवार से है और कवर्धा आदिवासी बाहुल्य जिला होने के कारण इनका प्रभाव भी आदिवासी समाज पर है । रामराज्य परिषद के बैनर तले प्रथम निर्वाचन में भागीदारी निभाने के बाद राज परिवार ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया तब से लेकर अब तक कांग्रेस पार्टी के लिए समर्पित रही । राज परिवार ने विगत चुनाव में कांग्रेस का दामन छोड़ने और महल की राजनीती का अंत करने से नाराज  महल समर्थकों ने मो. अकबर को हाशिये पे लाकर खड़ा कर दिया जिसका परिणाम विगत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के रूप में सामने आया था ।  5 साल कांग्रेस से महल की दूरी के बाद टिकट की आस में राजा का पुनः कांग्रेस प्रवेश और पुनः कांग्रेस की दगाबाजी से नाराज महल के राजा भले ही शांत हो गए हो पर रानी की नाराजगी आज भी बरकरार है ।यहाँ बताना लाज़मी होगा कि योगिराज के पिता स्व. महाराज विश्व राज सिंह ,माता रानी शशि प्रभा सिंह एवं स्वयं योगिराज सिंह विधायक रह चुके है । क्षेत्र में राज परिवार की गरिमा और महल से जुड़े कर्मठ कार्यकर्ताओ की लम्बी फेहरिस्त है जो कई पीढ़ियों से महल के लिए निष्ठावान सदस्य के रूप में कार्य करते रहे है परंतु बदले परिवेश और समय के चलते युवा पीढ़ी का झुकाव अन्य राजनैतिक दलों की ओर होता जा रहा है । हांलाकि पुरानी पीढ़ी और कर्मठ कार्यकर्ता आज भी महल के साथ खड़े नजर आते है ।बहरहाल रानी के मैदान में उतरने से इसका प्रभाव तो आने वाले समय में दिखेगा कि "बंद मुट्ठी लाख की खुली मुट्ठी खाक की है या खुली मुट्ठी भी लाख की है ", खैर चुनावी नतीजे जो हों लेकिन इतना तय है कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि थी, है और रहेगी | इसे राजनीतिक पार्टी और प्रत्याशी समझकर चलें इसी में जन-कल्याण और तंत्र कल्याण भी है ।
 
और अंत मे 
 
लकीरें खींच रक्खी है चंद सियासत दानों ने थाली में , 
वरना फ़र्क़ ही क्या है तेरी ईद और मेरी दिवाली में ।
 
जय हो 
 
  • लोरमी स्थित भवन से निर्वाचन विभाग की टीम ने एसडीएम के नेतृत्व में मारा छापा 
  • कर्मचारियों से पूछताछ जारी, अभी तक शराब रखने वालों का नहीं चला पता  

मुंगेली.  निर्वाचन विभाग की टीम ने गुरुवार देर रात लोरमी स्थित शासकीय राजीव गांधी भवन में छापा मारकर अवैध शराब की 27 पेटी जब्त की है। हालांकि अभी तक यह नहीं पता चल सका है कि भवन में शराब किसने रखवाई थी। टीम ने शराब की पेटियां जब्त कर ली हैं और भवन के कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। 

 जानकारी के मुताबिक निर्वाचन विभाग की टीम को सूचना मिली कि लोरमी के लालपुर थाना क्षेत्र के मनोहरपुर स्थित शासकीय राजीव गांधी भवन में अवैध शराब रखी गई है। इस पर टीम ने भवन में छापा मारकर वहां से शराब की 27 पेटियां बरामद की। आशंका जताई जा रही है कि यह शराब चुनाव के दौरान ग्रामीण क्षेत्र में बांटने के लिए लाई गई थी। 

 जब्त शराब की कार्रवाई में अबकारी विभाग भी जांच में जुट गया है। ग्राम मनोहरपुर के सरकारी भवन में जब्त की शराब को लेकर ग्रामीणों ने कहा कि इस शराब को मतदाताओं को बांटने के लिए रखा गया। जिससे राजनैतिक पार्टियां मतदाता को लुभा सकें। 

  • कांग्रेस के स्टार प्रचारक सांसद राज बब्बर 3 दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर पहुंचे रायपुर 

  • महासमुंद की सभा से करेंगे आगाज, राजधानी में करेंगे नेताओं और कार्यकर्ताओं से बात 

रायपुर. कांग्रेस के स्टार प्रचारक सांसद अौर फिल्म अभिनेता राज बब्बर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 15 सालाें तक डॉक्टर ने शासन किया। इसके बावजूद न तो वह नब्ज पकड़ सके और न ही इलाज ही हुआ। उन्होंने कहा कि अब छत्तीसगढ़ से भाजपा सरकार का जाना तय है। सांसद राज बब्बर अपने तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर शुक्रवार को रायपुर पहुंचे थे।

  सांसद राज बब्बर ने नक्सलियों को लेकर कहा कि क्रांति विचारों, व्यवहार और बोली से होती है, गोलियों से सिर्फ आतंकवाद पनपता है। दीपावली की छुटि्टयों के ठीक बाद कांग्रेस के स्टार प्रचारकों ने प्रदेश में दस्तक देना शुरू कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ ही अब शुक्रवार को फिल्म अभिनेता और सांसद राजब्बर भी प्रत्याशियों के समर्थन में मैदान में उतरेंगे। 

 कांग्रेस के स्टार प्रचारक राज बब्बर महासमुंद की सभा से प्रचार का आगाज करेंगे। कांग्रेस के हाथों से पिछले चुनाव में छिन गई सीटों को वापस पाने के लिए भाजपा नेताओं के क्षेत्र में उनकी हुंकार सुनाई देगी। वहीं राजधानी में भी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर सकते हैं। 

 प्रदेश कांग्रेस की ओर से उनका मिनट टू मिनट कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। सांसद राज बब्बर 9 नवंबर को सुबह 11:25 बजे मुंबई से रायपुर आएंगे। फिर दोपहर 1 बजे महासमुंद में स्थानीय कार्यक्रम में भाग लेंगे। इसके बाद 2 बजे मोपका में स्थानीय कार्यक्रम में भाग लेंगे। दोपहर 3.30 बजे तखतपुर और शाम  6 बजे रायपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में सभा करेंगे। रात्रि विश्राम रायपुर में करेंगे। 

 अगले दिन 10 नवंबर को सुबह 11 बजे रायपुर से पैलीमेटा से खैरागढ़ विधानसभा के लिए प्रस्थान करेंगे। जहां 12 बजे पैलीमेटा में स्थानीय कार्यक्रम में भाग लेंगे। इसके बाद 1.30 बजे खैरागढ़ और दोपहर  3 बजे मोहला के स्थानीय कार्यक्रम भाग लेंगे। शाम  6 बजे उत्तर विधानसभा में जनसंपर्क कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। 

 11 नवंबर को सुबह 11:30 बजे रायपुर से कुनकुरी विधानसभा के लिए प्रस्थान करेंगे। दोपहर 12:15 बजे कुनकुरी में, फिर 1:45 बजे चंद्रपुर में स्थानीय कार्यक्रम में भाग लेंगे। वहां से दोपहर 3:30 बजे धमतरी में सभा और रोड शो करेंगे। इसके बाद  12 नवंबर सुबह 10:50 बजे रायपुर से दिल्ली प्रस्थान करेंगे। 

जगदलपुर (छत्तीसगढ़)।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ में पिछले महीने नक्सली हमले में मारे गये दूरदर्शन के कैमरामैन अच्युतानंद साहू को शुक्रवार को श्रद्धांजलि दी और विपक्षी कांग्रेस पर ‘‘शहरी माओवादियों’’ को बचाने का आरोप लगाया।
दंतेवाड़ा जिले में 30 अक्टूबर को नक्सलियों के हमले में साहू और दो सुरक्षाकर्मी मारे गये थे। यह जिला राज्य की राजधानी रायपुर से करीब 450 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मोदी ने कहा, ‘‘दूरदर्शन के एक निर्दोष कैमरामैन अच्युतानंद साहू की माओवादियों ने हत्या कर दी, जो अपनी ड्यूटी कर रहे थे। वह बस्तर के लोगों के सपनों को समूचे देश के लोगों के साथ साझा कर रहे थे। इसमें उनकी क्या गलती थी?’’ प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ में यहां अपनी पहली चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। छत्तीसगढ़ में 12 नवंबर को विधानसभा के लिये पहले चरण का मतदान होगा।
 
उन्होंने कांग्रेस पर शहरी माओवादियों के समर्थन का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने गरीब आदिवासी युवाओं का जीवन बर्बाद किया। मोदी ने कहा, ‘‘हाल में हमारे बहादुर जवान भी माओवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए और कांग्रेस पार्टी के लिये ये माओवादी क्रांतिकारी हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब बस्तर की जनता को कांग्रेस के इन नेताओं को हार का स्वाद चखाकर मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए, जो शहरी माओवादियों को तो बचाने की कोशिश करते हैं लेकिन छत्तीसगढ़ को माओवादियों से मुक्त कराने की बात करते हैं।’’ नक्सलियों को ‘‘बुरी मानसिकता वाला दैत्य’’ बताते हुए मोदी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने बस्तर क्षेत्र के विकास के लिये कुछ खास नहीं किया। नक्सलियों ने मतदाताओं को आगामी चुनाव का बहिष्कार करने को कहा है। 90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिये 12 और 20 नवंबर को दो चरण में चुनाव होंगे। पहले चरण का चुनाव बस्तर क्षेत्र के 18 नक्सल प्रभावित विधानसभा क्षेत्रों में होगा। शेष 72 विधानसभा क्षेत्रों के लिये चुनाव 20 नवंबर को होंगे और मतगणना 11 दिसंबर को होगी।

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