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नयी दिल्ली। साल 1943 में सुभाष चंद्र बोस द्वारा ‘आजाद हिंद सरकार’ के गठन की घोषणा करने के 75 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत कभी किसी दूसरे के भू-भाग पर नजर नहीं डालता, लेकिन यदि उसकी संप्रभुता को चुनौती दी गई तो वह ‘‘दुगुनी ताकत’’ से पलटवार करेगा। प्रधानामंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार सशस्त्र बलों को बेहतर प्रौद्योगिकी और नवीनतम हथियारों से लैस करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बेहतर सुविधाएं मुहैया कराकर जवानों की जिंदगी आसान बनाने की कोशिशें चल रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम एक ऐसी फौज बनाने की दिशा में बढ़ रहे हैं जिसका सपना नेताजी (बोस) ने देखा था।’’ 

 
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने सीमा पार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक करने और पूर्व सैनिकों के लिए ‘वन रैंक, वन पेंशन’ योजना लागू करने जैसे फैसले किए। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर लाल किला में राष्ट्रीय ध्वज भी फहराया। बोस के करीबी सहयोगी लालती राम की ओर से भेंट की गई ‘आजाद हिंद फौज’ की टोपी पहनकर मोदी ने कहा कि किसी दूसरे के भू-भाग पर नजर डालना भारतीय परंपरा नहीं रही है, ‘‘लेकिन जब हमारी संप्रभुता को चुनौती दी जाएगी तो हम दुगुनी ताकत से पलटवार करेंगे।’’ 
 
लालती राम ‘आजाद हिंद फौज’ के जीवित बचे गिने-चुने सदस्यों में से एक हैं। प्रधानमंत्री ने लोगों को भारत के भीतर और बाहर की ऐसी ताकतों के खिलाफ आगाह किया जो देश और इसके संवैधानिक मूल्यों को निशाना बनाकर इसके खिलाफ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी ताकतों से लड़ना और उन्हें मात देना हर भारतीय का कर्तव्य है।’’ उन्होंने कहा कि ऐसी ताकतों से लड़ने के लिए राष्ट्रवाद और भारतीयता की भावना होना जरूरी है।
 
रानी झांसी रेजिमेंट की स्थापना के फैसले के वक्त बोस का विरोध होने की घटना का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि यह रेजिमेंट सोमवार को अपनी स्थापना के 75 साल पूरे कर लेगा। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार बोस के सपनों को साकार करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि अब एक पारदर्शी प्रक्रिया के बाद थलसेना में महिलाओं को ‘शॉर्ट सर्विस कमीशन’ से स्थायी कमीशन में प्रवेश की अनुमति दी गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वायुसेना को जल्द ही महिला लड़ाकू पायलटों का पहला बैच मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के निर्माण का काम अंतिम चरण में है।
 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस की कार्य संस्कृति में बदलाव के लिये अपनी सरकार की कोशिशों का रविवार को जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 2019 के अंत तक पुलिस में सिपाहियों की कमी लगभग दूर कर ली जाएगी। मुख्यमंत्री ने ‘पुलिस स्मृति दिवस’ के अवसर पर कहा कि पुलिसकर्मियों की कार्यसंस्कृति को बेहतर बनाने के लिये समय-समय पर उनके प्रशिक्षण की सुचारु व्यवस्था की जाएगी। पुलिसकर्मी भी अपने परिवार की बेहतर देखभाल कर सकेंगे, जिससे वे तनाव रहित होकर कार्य कर सकेंगे।

 
योगी ने कहा कि वर्ष 2019 के अंत तक सवा लाख सिपाहियों की भर्ती पूरी होने से पुलिस बल में आरक्षियों की कमी लगभग खत्म हो जाएगी। इसका सीधा फायदा जनता को होगा। साथ ही पुलिसकर्मियों को छुट्टी मिलने में होने वाली समस्याओं का भी समाधान हो सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पुलिस बल की कमी को दूर करने और उनकी कार्य कुशलता बढ़ाने के लिये भर्ती की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ा रही है। इस साल 29303 पुलिस आरक्षियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इनमें 5341 महिलाएं और 3828 पीएसी जवान भी शामिल हैं। इसके अलावा 42 हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती की जा रही है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस की कार्य संस्कृति बढ़ाने के लिये सरकार ने प्रोन्नतियां प्रदान करने पर विशेष बल दिया है। वर्ष 2017 में 9892 पुलिसकर्मियों को और इस साल 37575 पुलिसकर्मियों को प्रोन्नतियां प्रदान की गयी, जो कि अब तक का एक रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अपराधमुक्त एवं भ्रष्टाचारमुक्त प्रदेश बनाने के लिये गम्भीरता से कार्य शुरू किया गया है और पुलिस को कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने के स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं।
 
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कर्त्तव्य का पालन करने के दौरान शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सरकार शहीद पुलिसर्मियों के साथ सहयोग करने के लिये तत्पर रहेगी। राज्य सरकार शहीदों के परिवारों के साथ है और उनके हित में सभी आवश्यक कदम उठा रही है।

नयी दिल्ली/सिंगापुर। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद के परोक्ष संदर्भ में शनिवार को कहा कि भारत ने आतंकी समूहों और उनके संरक्षकों की गतिविधियों को बाधित करने और रोकने के तरीकों का प्रदर्शन किया है और अगर जरूरत पड़ी तो फिर ऐसा करने से नहीं हिचकेगा।

सिंगापुर में आसियान देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि ‘‘निकटस्थ पड़ोस’’ में आतंकी ढांचों की मौजूदगी और आतंकवादियों को मिलने वाले समर्थन ने भारत के सब्र की परीक्षा ली है और एक जिम्मेदार शक्ति के तौर पर उसने इस खतरे से निपटने में ‘‘काफी संयम’’ दिखाया है। 

नयी दिल्ली में रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि भारत ने आतंकी संगठनों और उनके संरक्षकों की गतिविधियों को बाधित करने और उसपर लगाम लगाने के उपायों का प्रदर्शन किया है और भविष्य में अगर जरूरत पड़ी तो ऐसा फिर से करने में नहीं हिचकेगा।’’ सीतारमण ने आतंकवाद के खतरे की वजह से अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थायित्व को मिलने वाली व्यापक चुनौतियों को लेकर भारत की चिंताओं पर जोर दिया।

नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल के दाम में रविवार को लगातार चौथे दिन गिरावट जारी रही। दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में पेट्रोल फिर 25 पैसे प्रति लीटर सस्ता हो गया। वहीं, चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 26 पैसे प्रति लीटर कम हो गई। 'इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन' की वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में रविवार को पेट्रोल क्रमश: 81.74 रुपये, 83.58 रुपये, 87.21 रुपये और 84.96 रुपये प्रति लीटर था।
इसके अलावा, डीजल की कीमतें चारों महानगरों में क्रमश: 75.19 रुपये, 77.04 रुपये, 78.82 रुपये और 79.51 रुपये प्रति लीटर थीं।

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में रविवार को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच जबरदस्त मुठभेड हुई। इसमें सेना ने तीन आतंकियों को मार गिराया है। इस आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन के बाद हुए विस्फोट में पांच स्थानीय नागरिकों की भी मृत्यु होने के समाचार हैं। इससे क्षेत्र में तनाव फैल गया है।

मिली जानकारी के अनुसार, सुरक्षाबलों ने रविवार तडक़े कुलगाम के लारू गांव में सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी। सेना के जवानों ने आतंकियों को घेरकर उन पर फायरिंग प्रारंभ कर दी थी। इस अभियान में तीन आतंकियों को मार गिराया है। आतंकियों की जवाबी फायरिंग में दो जवान घायल हो गए। इसके बाद मुठभेड के स्थान पर आतंकियों के एक विस्फोट की चपेट में आने से पांच नागरिकों की मृत्यु हो गई।

सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की सभी संभावनाएं खारिज कर दीं। उन्होंने कहा कि जब तक इसका कोई कानूनी ढांचा तैयार नहीं हो जाता, यह मुमकिन नहीं है।

 

पत्रकारों से बात करते हुए रावत ने कहा कि मौजूदा ढांचे में इसकी कोई संभावना नहीं है। मालूम हो कि आम चुनाव अगले साल अप्रैल-मई में संभावित है, वहीं मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम विधानसभा के चुनाव भी इस साल के अंत में होने हैं।

गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव करवाने के पक्ष में है। केंद्र ने इसके पीछे तर्क दिया है कि एक साथ होने से सरकार के खर्च में कमी आएगी और राजस्व की बचत होगी।

एक अनुमान के अनुसार, 16वीं लोकसभा के चुनाव पर कोई 3,800 करोड़ रुपये खर्च हुए। यदि विधानसभा चुनावों पर होने वाले खर्चों को जोड़ा जाए, तो यह राशि बहुत बड़ी रकम हो जाएगी। एक साथ चुनाव होने से राजनीतिक दलों के चुनाव पर होने वाले खर्च में भारी कमी आएगी, जिसके अपने लाभ हैं।

हालांकि लोकसभा और विधानसभाओं का चुनाव एक साथ कराने का सुझाव कोई नया नहीं है। न्यायमूर्ति जीवन रेड्डी ने चुनाव सुधार संबंधी विधि आयोग के प्रतिवेदन में 1999 में इसकी अनुशंसा की थी।भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री लालकृष्ण आडवाणी ने 2009 में इसका प्रतिपादन किया था। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और संसद के कार्मिक विभाग संबंधी समिति ने भी इसका समर्थन किया। 

उल्लेखनीय है कि पहली लोकसभा से लेकर चौथी लोकसभा तक (1952, 1957, 1962 और 1967) लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही होते रहे। यह संस्थापित परंपरा 1969 में टूटी, जब लोकसभा समय से पहले भंग कर दी गई थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलिस स्मारक दिवस 2018 के मौके पर आजादी के बाद से पुलिस कर्मियों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान की याद में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक देश को समर्पित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक (एनपीएम) बनने में 70 वर्ष लगने के लिये पूर्व की सरकारों की इच्छाशक्ति पर सवाल उठाया और कहा कि पहले की सरकारों ने दिल से प्रयास किया होता तब यह स्मारक कई वर्ष पहले बन गया होता। 

 

21 अक्तूबर 1959 में चीनी सैनिकों द्वारा लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में मारे गए पुलिसकर्मियों की याद में इस दिन को पुलिस स्मारक दिवस के रूप में मनाया जाता है। पीएम मोदी ने पुलिस स्मारक दिवस के मौके पर शहीद पुलिस जवानों को श्रद्धांजलि दी और परेड में शामिल हुए। 
 
वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, गृह राज्य मंत्री किरेन रिजजू भी इस अवसर पर मौजूद हैं। राष्ट्रीय पुलिस स्मारक दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में बनाया गया है। 
राष्ट्रीय पुलिस स्मारक को राष्ट्र को समर्पित करते हुए प्रधानमंत्री ने रविवार को कहा, "आज मुझे राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर गर्व है, लेकिन कुछ सवाल भी हैं। आखिर इस स्मारक को अस्तित्व में आने में आजादी के बाद 70 वर्ष क्यों लग गए।"

उन्होंने कहा, "मैं मानता हूं कि कानूनी वजहों से कुछ वर्ष काम रुका, लेकिन पहले की सरकारों की इच्छाशक्ति होती, उन्होंने दिल से प्रयास किया होता, तो ये स्मारक कई वर्ष पहले ही बन गया होता। लेकिन पहले की सरकारों ने आडवाणी जी द्वारा स्थापित पत्थर पर धूल जमने दी।" मोदी ने कहा कि 2014 में जब दोबारा राजग की सरकार बनी तो बजट आवंटन किया और आज ये भव्य स्मारक देश को समर्पित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि यह उनकी सरकार के काम करने का तरीका है। आज समय पर लक्ष्यों को प्राप्त करने की कार्यसंस्कृति विकसित की गई है। 

प्रधानमंत्री ने देश की सुरक्षा में समर्पित प्रत्येक व्यक्ति एवं उपस्थित शहीदों के परिवारों को पुलिस स्मृति दिवस पर नमन किया। 

प्रधानमंत्री मोदी अपने संबोधन में पुलिस जवानों के कार्य, शहादत और उनके त्याग को याद करते हुए भावुक हो गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुतों को तो ये तक पता नहीं होता कि कोई इमारत गिरने पर, नाव हादसा होने पर, आग लगने पर, रेल हादसा होने पर, राहत के काम की कमान संभालने वाले ये लोग कौन हैं।

आगे उन्होंने कहा कि देश के हर राज्य में, हर पुलिस स्टेशन, हर पुलिस चौकी में तैनात, राष्ट्र की हर संपदा की सुरक्षा में जुटे साथियों को, राहत के काम में जुटे साथियों को, आप सभी को भी मैं बधाई देता हूं। 

पीएम मोदी ने कहा कि आज का यह दिन देश में आपदा प्रबंधन, किसी प्राकृतिक संकट के समय या हादसे के वक्त राहत कार्यों में जुटने वाले उन जवानों को भी याद करने का है, जिनकी सेवा की बहुत चर्चा नहीं होती। 

उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें राष्ट्र सेवा और समर्पण की अमर गाथा के प्रतीक, इस राष्ट्रीय पुलिस स्मारक को देश को समर्पित करने का अवसर मिला है ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पुलिस जवानों के कर्तव्य को देखकर खुशी का भाव पैदा होता है। देश में अनेकता और अशांति फैलाने की साजिशों को नाकाम करने का काम आप सभी ने किया है। 

उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में डटे साथियों का शौर्य और बलिदान भी अब शांति के रूप में दिखने लगा है। शांति और समृद्धि का प्रतीक बन रहे पूर्वोत्तर के विकास में उनका भी योगदान है ।

पंजाब के अमृतसर में दशहरा के दिन हुए दर्दनाक हादसे हो लेकर लोग गुस्से में हैं। शनिवार दोपहर गुस्साए लोगों ने शिवाला फाटक के गेटमैन निर्मल सिंह की पिटाई की और उन्हें रेलवे के केबिन (एस-26-ई3) से नीचे फेंक दिया। उनके सिर में गंभीर चोटें आई हैं। लोगों ने शनिवार को शवों को साथ लेकर प्रदर्शन किया और बस स्टैंड मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया।
  पुलिस प्रशासन को जाम खुलवाने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। काफी मशक्कत के बाद जाम खुलवाया जा सका। पुलिस की तरफ से किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त बल मंगवा लिया गया है। वहीं आयोजक सौरव मदान और उसके परिजन घर में ताला लगाकर भूमिगत हो गए हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना है कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी कि प्रबंधकों का कसूर है या नहीं। 

 बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को भी नाराज लोगों का गुस्सा शिक्षा मंत्री पर भड़का था। बचाव में मंत्री के गनर को हवाई फायरिंग करनी पड़ी थी। स्थानीय लोग हादसे के बाद से ही प्रशासन पर काफी खफा हैं। घटना स्थल पर पहुंची रिलीफ ट्रेन पर भी लोगों ने हमला कर दिया था। जिससे ट्रेन के शीशे टूट गए थे। रावण दहन देख रहे लोगों पर से तेज रफ्तार डीएमयू ट्रेन कुचलते हुए गुजर गई थी। इस हादसे में अभी तक 59 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है। वहीं 9 शवों की पहचान बाकी है और सात लोग गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों का इलाज अमृतसर के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। 

दिल्ली में दशहरे की रात रावण का पुतला जब्त कर लिया गया। दिल्ली पुलिस पुतले को जब्त कर अपने साथ थाने ले आई। ये घटना पूर्वी दिल्ली में शुक्रवार देर रात की है। यहां कुछ लोग रावण दहन की तैयारी कर रहे थे। पुलिस के मुताबिक, इन लोगों को पुतला दहन की मंजूरी नहीं मिली थी। इसलिए इन्हें मौके पर जाकर रोका गया। समझाने के बावजूद विवाद बढ़ने पर पुलिस ने यह कार्रवाई की। पुलिस का कहना है कि पुतले को लेकर कोर्ट के निर्देश पर ही जमानत मिल सकेगी। 

 

सुख विहार तिकोना पार्क रोड स्थित सामुदायिक भवन के पास 40 फुट ऊंचा रावण का पुतला दहन किया जाने वाला था। फ्रेंडस यूनियन रामलीला ड्रामेटिक क्लब के सदस्यों द्वारा मुख्य मार्ग पर ये पुतला खड़ा किया गया था। इनका कहना है कि हर वर्ष पार्क में रामलीला होने के बाद अबकी बार पुलिस ने मंजूरी नहीं दी थी। यही वजह थी कि लोगों ने सड़क किनारे का सहारा लिया। 

उधर, पुलिस का कहना है कि मुख्य मार्ग पर पुतला दहन की मंजूरी नहीं दी जा सकती। इससे बड़ा हादसा हो सकता है। इसलिए पुलिस ने पुतले को जब्त किया है। पुलिस के समझाने के बाद भी लोग नहीं माने तो पुतले को कब्जे में ले लिया। इस घटना को लेकर लोगों ने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन भी किया। उन्होंने मांग की है कि पुलिस ने पुतला नहीं दिया तो उनके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। वहीं, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कोर्ट के निर्देश पर ही अब पुतले को छोड़ा जाएगा। 

श्रीनगर में शुक्रवार को प्रशासन ने सभी हायर सेकेंडरी स्कूल सहित कॉलेज बंद रखने के आदेश दिए हैं। कश्मीर विश्वविद्यालय में भी शिक्षण कार्य ठप रहेगा। बुधवार और गुरुवार को सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ अभियान चलाकर कुल आठ आतंकी मार गिराए। जिसमें फतेहकदल में लश्कर के टॉप कमांडर मेहराजुद्दीन बांगरू समेत तीन आतंकियों को बुधवार को, वहीं गुरुवार सुबह पुलवामा में सुरक्षा बलों ने तहरीक ए मुजाहिदीन संगठन के आतंकवादी अहमद भट्ट को मार गिराया।

 

उधर देर रात उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के बोनियार जंगल क्षेत्र में सेना ने घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया। सेना के अनुसार इस दौरान हुई मुठभेड़ के दौरान चार आतंकियों को ढेर कर दिया गया है, लेकिन फिलहाल किसी का शव बरामद नहीं किया जा सका है।   

ऐसे में जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़कने की आशंका में प्रशासन ने एहतियातन स्कूल-कॉलेज को बंद रखने का फैसला किया है।

आतंकी के मारे जाने पर कश्मीर विवि में प्रदर्शन
दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा में बी फार्मेसी के छात्र से आतंकी बने शौकत के मारे जाने के विरोध में कश्मीर विश्वविद्यालय के छात्रों ने वीरवार को प्रदर्शन किया। उन्होंने सर सैय्यद गेट तक मार्च निकाला और जनाजा पढ़ा। बी फार्मेसी विभाग के बाहर श्रद्धांजलि भी दी। ज्ञात हो कि दो अक्तूबर को ही शौकत तहरीक-उल-मुजाहिदीन में शामिल हुआ था।

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