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मुम्बई। ‘‘ऐक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’’ को अपने ‘जीवन का बेहतरीन प्रदर्शन’ करार देते हुए अभिनेता अनुपम खेर ने शुक्रवार को कहा कि इस फिल्म को सृजनात्मक प्रयास के तौर पर देखा जाना चाहिए न कि किसी राजनीतिक दल के समर्थन की कोशिश के तौर पर। अभिनेता ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का किरदार निभाना उनके कॅरियर की सबसे बड़ी चुनौती है और शुरू में वह यह प्रोजेक्ट हाथ में लेने के अनिच्छुक थे क्योंकि उन्हें पता था कि यह फिल्म विवादों में घिरेगी। उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह आधुनिक भारत के राजनीतिक दशक की जबर्दस्त गाथा है और मुझे बतौर अभिनेता उसका हिस्सा बनने का मौका मिल रहा है। मैं ऐसा हूं जिसने हमेशा अपने आप को एक अलग रुप में ढ़ाला है।’’ यह संवाददाता सम्मेलन तब बुलाया गया जब महाराष्ट्र युवा कांग्रेस ने इस फिल्म को रिलीज करने से पहले उसे दिखाने को कहा। बाद में युवा कांग्रेस ने अपनी मांग वापस ले ली।
 
जब अनुपम खेर से कहा गया कि महाराष्ट्र युवा कांग्रेस ने अपनी मांग वापस ले ली है तब उन्होंने कहा, ‘‘यह अच्छा है कि उसने अपनी चिंतन प्रक्रिया बदल ली। यह शानदार है। यह परिपक्वता का बड़ा संकेत है।’’ उन्होंने इस बात को खारिज किया कि यह फिल्म भाजपा का समर्थन करने का उनका तरीका है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने 515 फिल्में की हैं और इतने राजनीतिक दल भी नहीं हैं। यदि मुझे किसी दल का समर्थन करना होगा तो मैं किसी अन्य मंच से कर सकता हूं। मैं उसके लिए फिल्म नहीं बनाऊंगा।’’ इससे पहले उन्होंने ट्वीट किया था, ‘‘मैं पीछे नहीं हटने जा रहा हूं। यह मेरे जीवन का शानदार काम है। डॉ. मनमोहन सिंह इस फिल्म को देखने के बाद सहमत होंगे कि यह शत प्रतिशत निरुपण है।’’ इस फिल्म का ट्रेलर बृहस्पतिवार को रिलीज किया गया। यह फिल्म 2004-2008 तक सिंह के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारु की इसी नाम की पुस्तक पर आधारित है। उसमें सिंह को 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले सिंह को कांग्रेस की अंदरुनी राजनीति के शिकार के रुप में दिखाया गया है।फिल्म के ट्रेलर पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उसने इसे ‘प्रोपेगैंडा फिल्म’ करार दिया है। लेकिन खेर ने कहा कि भारत में पहली बार बायोपिक के माध्यम से असली घटनाओं को देखने का यह साहसिक प्रयास है।
उन्होंने कहा, ‘‘स्वतंत्र भारत में पहली बार, हमने असल नामों के असल लोगों पर एक क्रांतिकारी फिल्म बनायी... यह बायोपिक का युग है। पीएमओ में जो कुछ होता है, उस पर हम फिल्म क्यों नहीं बना सकते?’’ ऑस्कर विजेता अभिनेताओं बेन किंगस्ली, डेनियन डे- लेविस और मेरिल स्ट्रीप का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें राजनीतिक हस्तियों का किरदार निभाने के लिए प्रशंसा मिली, ‘‘तब मेरे कार्य को कला के रुप में क्यों नहीं देखा जाता?... यह कॅरियर का सबसे कठिन किरदार है। मैंने इस भूमिका को करने से पहले सात महीने तक शोध किया।’’ खेर ने टेलीविजन चैनलों से कहा, ‘‘उन्हें तो खुश होना चाहिए कि उनके नेता पर फिल्म बनी है। उन्हें तो यह फिल्म देखने के वास्ते भीड़ लानी चाहिए क्योंकि उसमें ‘क्या मैं देश बेच दूंगा’ जैसे संवाद हैं?’ जो दर्शाता है कि मनमोहन सिंह कितने महान हैं।’’ खेर ने यह भी जिक्र किया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में कहा था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मौलिक अधिकार है। राहुल गांधी ने नेटफ्लिक्स सीरीज ‘सेक्रेड गेम्स’ में अपने पिता दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी की व्याख्या करने के लिए इस्तेमाल की गयी भाषा पर पार्टी के नेता द्वारा आपत्ति जताये जाने पर ऐसा कहा था। विजय रत्नाकर गुट्टे निर्देशित इस फिल्म में खेर मनमोहन सिंह और अक्षय खन्ना बारु के किरदार में हैं।

मुम्बई। मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने जाने माने अभिनेता एवं लेखक कादर खान के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें सबसे प्रतिभाशाली व्यक्ति बताया। लंबे समय से बीमार चल रहे कादर खान का 31 दिसम्बर को निधन हो गया था। बच्चन और खान ने ‘दो और दो पांच’, ‘मुकद्दर का सिकन्दर’, ‘मिस्टर नटवरलाल’, ‘सुहाग’, ‘कुली’ और ‘शहंशाह’ जैसी फिल्मों में एक-साथ काम किया।

बिग बी ने ट्विटर पर लिखा, ‘कादर खान का निधन हो गया। दुखद खबर। मेरी प्रार्थनाएं और संवेदनाएं। बेहतरीन मंच कलाकार, सबसे करुणामय और फिल्मों के सबसे प्रतिभाशाली।’ उन्होंने लिखा कि मेरी अधिकतर सफल फिल्मों के प्रख्यात लेखक। बेहतरीन साथी और एक गणितज्ञ। खान कनाडा के एक अस्पताल में भर्ती थे और उनका अंतिम संस्कार भी वहीं किया जाएगा। उनके बेटे ने अभिनेता के निधन की खबर की पुष्टि की है।

 

खान को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और डॉक्टर उन्हें नियमित वेंटीलेटर और बीपीएपी वेंटीलेटर पर रख रहे थे। अभिनेता मनोज बाजपेयी ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी है। वाजपेयी ने लिखा, ‘भगवान आपकी आत्मा को शांति दे कादर खान साहब।’

पहाड़ों के प्राकृतिक नजारों के बीच आप क्रिसमस डे मना सकते हैं। क्रिसमस में बेस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला को माना जाता है। क्रिसमस पर यहां काफी धूम रहती है। दिसंबर में पहाड़ों पर बर्फबारी भी होती है। ऐसे में आपके क्रिसमस डे का मजा स्नोफॉल से दुगुना हो जाएगा।

साल में एक दिन आता है जब सांता निकोलस धरती पर आते हैं और बच्चों को बहुत सारे गिफ्ट देकर जाते हैं। ये लाइन तो हर मां-बाप ने क्रिसमस डे पर अपने बच्चों से जरूर कही होगी, क्योंकि ईसाई धर्म में ऐसा माना जाता है कि क्रिसमस के दिन यीशु मसीह खुद सांता के रूप में आते हैं और सबको प्यार करके जाते हैं। साल के अंतिम दिनों में आने वाला खुशियों भरा ये त्योहार यीशू के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन का एक खास महत्व ये भी है कि विश्व भर में इस दिन को सबसे बड़ा दिन भी कहा जाता है और इस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश होता है। ईसाई धर्म में इसका खास महत्व है इसलिए लोग क्रिसमस को बहुत ही धूमधाम से सेलिब्रेट करते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे की क्रिसमस डे की अलसी धूम कहां मचती है और ऐसी कौन-सी जगह है जहां जाकर आपका क्रिसमस यादगार बन जाएगा-
 

शिमला
पहाड़ों के प्राकृतिक नजारों के बीच आप क्रिसमस डे मना सकते हैं। क्रिसमस में बेस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला को माना जाता है। क्रिसमस पर यहां काफी धूम रहती है। दिसंबर में पहाड़ों पर बर्फबारी भी होती है। ऐसे में आपके क्रिसमस डे का मजा स्नोफॉल से दुगुना हो जाएगा।
 
पुड्डुचेरी
पुड्डुचेरी में क्रिसमस डे काफी धमाकेधार अंदाज में मनाया जाता है। रात में पूरा पुड्डुचेरी रोशनी से जगमगा जाता है। यीशू का जन्म होते ही खूब आतिशबाजियां होती हैं। क्रिसमस के दिनों में इस शहर की रौनक दोगुनी बढ़ जाती है। दूर-दराज से लोग अपने परिवार संग यहां क्रिसमस मनाने आते हैं। 

 
केरल

क्रिसमस के मौके पर केरल को दुल्हन की तरह तरह सजाया जाता है। भारत के केरल में ईसाइयों की संख्या ज्यादा है, इसलिए यहां क्रिसमस की धूम देखने बड़ी संख्या में लोग आते हैं। इस फेस्टिवल में ज्यादातार गलियां क्रिसमस ट्री और बड़े-बड़े स्टार्स से सज जाती हैं। यह रौनक गलियों तक ही नहीं रहती है बल्कि मार्केट में भी नज़र आती है। अगर आप कोच्चि जा रहे हैं तो 16वीं शताब्दी में पुर्तगालियों के जरिए बनाए गए सेंट फ्रांसिस चर्च का दीदार करने ना भूलें।
 
कोलकाता
अब बात करते हैं कोलकाता की तो कोलकाता किसी से कम नहीं है। हर त्योहर की धूम कोलकाता में दिखाई पड़ती है तो इसमें क्रिसमस डे कैसे पीछे हो सकता है। कोलकाता की सड़कें और संकरी गलियां क्रिसमस पर रोशनी के रंग से जगमगाती हैं। चारों ओर इमारतों को लाइट्स और बड़े-बड़े स्टार्स से सजाया जाता है। कोलकाता में इस दिन सेंट पॉल कथेड्रल में बहुत भीड़ देखने को मिलेगी। यहां पर 25 तारीख की रात को 12 बजते ही जीसस क्राइस्ट का जन्म मनाया जाता है। 
 
 
गोवा
गोवा देश-विदेश में अपने पार्टी कलचर के लिए जाना जाता है। भारत के अन्य राज्यों की तुलना में यहां पर चर्च की संख्या ज्यादा है और ईसाई भी ज्यादा मात्रा में हैं इसलिए गोवा में भी क्रिसमस वीक का जश्न बेहद ही खास होता है। 

नयी दिल्ली : सरकार के सिनेमा टिकट के दामों में कटौती के फैसले से अब फिल्म देखा सस्ता होगा और फिल्म उद्योग को बढ़ावा मिलने में मदद मिलेगी. मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमएआई) ने शनिवार को यह बात कही. 

 वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने शनिवार को 100 रुपये से ऊपर की सिनेमा की टिकट पर जीएसटी कर की दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत और 100 रुपये से कम की टिकट पर कर को 18 से घटाकर 12 प्रतिशत करने का निर्णय किया है. मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष दीपक अशर ने बताया, इस कदम से सिनेमा देखना सस्ता होगा. उन्होंने कहा कि टिकटों के दाम कम होने से ज्यादा से ज्यादा लोग सिनेमा की ओर आकर्षित होंगे.इससे सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि सरकार ने 100 रुपये से ऊपर की टिकटों पर जीएसटी को घटाकर 18 प्रतिशत किया है.

बॉलीवुड के गंभीर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह इन दिनों खबरों में बने हुए हैं. वजह है हिंदू-मुस्लिम और मॉब लिंचिंग मामले पर पिछले दिनों दिया उनका बयान. धीरे-धीरे यह बयान तूल पकड़ता जा रहा है.

 शुक्रवार को राजस्थान में नसीरुद्दीन का विरोध हुआ और कार्यक्रम रद्द हो गया. देश में कहीं नसीर के बयान पर विरोध के सुर उभर रहे हैं, तो वहीं उनके समर्थन में भी कुछ आवाजें उठ रही हैं. यह बात दीगर है कि नसीर के बयान की आलोचना करनेवालों की संख्या ज्यादा है. इन्हीं में एक नाम बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर का है, जो नसीरुद्दीन शाह के बयान पर भड़क गये हैं. उन्होंने तंज भरे अंदाज में यह सवाल भी किया कि आखिर और कितनी आजादी चाहिए?

अनुपम खेर ने कहा, देश में इतनी आजादी है कि सेना को गालियां दी जा सकती हैं, एयर चीफ की बुराई की जा सकती है और सैनिकों पर पथराव किया जा सकता है. आपको इस देश में और कितनी आजादी चाहिए? उन्हें (नसीरुद्दीन शाह) जो कहना था वह कह दिया, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि जो कहा वह सच है.

यहां यह जानना गौरतलब है कि बॉलीवुड के सीनियर एक्टर्स में से एक नसीरुद्दीन शाह ने हाल में एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि देश में जैसा माहौल चल रहा है उसे देखकर उन्हें डर लगता है कि कल को उनके बच्चों को किसी गली में घेर कर न पूछ लिया जाये कि तुम हिंदू हो या मुस्लिम.

हिंदू-मुस्लिम मामले पर बोलते हुए नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि यह एक जहर की तरह है, जो तेजी से फैल रहा है और इसे काबू में कर पाना मुश्किल दिख रहा है.

मुंबई। सारा अली खान का कहना है कि भले ही उन्होंने अभिनय को अपना पेशा चुना है लेकिन उनका मकसद जितना संभव हो सके, उतना सच्चा और जमीन से जुड़ा इंसान बनना है।‘‘केदारनाथ’’ से बॉलीवुड में कदम रख चुकी सारा अपनी दूसरी फिल्म ‘‘सिम्बा’’ के रिलीज होने का इंतजार कर रही हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर जल्द ही लोकप्रियता हासिल कर ली है।

 

  युवा अभिनेत्री ने कहा, ‘‘लोग इस बात की तारीफ करते हैं कि मैं सच्ची इंसान हूं। मेरी कोशिश सच्चा इंसान बनने की है। मैं ज्यादा नहीं सोचती और जैसी हूं वैसी बने रहने की कोशिश करती हूं। मैं गलतियां करती हूं। एक ही वक्त आपको तारीफ और आलोचना दोनों मिलती है और आपको उसे उसी तरह से लेना होता है।’’ सारा ने बताया कि एक परफॉर्मर के तौर पर वह नए-नए प्रयोग करना चाहती हैं।
 
 
उन्होंने कहा, ‘‘मैं देखूंगी कि मुझे कैसी पेशकश मिलती है और जो भी मुझे रोमांचित करेगा मैं उसे चुन लूंगी। बतौर अभिनेत्री मैं अलग-अलग तरह की फिल्में करना चाहती हूं। मैं हमेशा से अभिनय को पसंद करती हूं। मैं हमेशा फिल्म के सेट पर रहने के लिए उत्साहित रहती हूं। इसके बिना मेरी जिंदगी अधूरी है।’’ रोहित शेट्टी के निर्देशन वाली ‘‘सिम्बा’’ में रणवीर सिंह और सोनू सूद भी हैं। यह फिल्म 28 दिसंबर को रिलीज होगी। ऐसे कयास भी लगाए जा रहे हैं कि सारा इरफान खान की फिल्म ‘‘हिंदी मीडियम’’ के सीक्वल और वरुण धवन के साथ ‘‘रणभूमि’’ में दिखाई देंगी।

मुंबई। सुपरस्टार शाहरुख खान का कहना है कि वह चाहते हैं कि उनकी बेटी सुहाना फिल्मी करियर शुरू करने से पहले अभिनय की बारीकियों को सीखे। अभिनेता का कहना है कि वह नहीं चाहते हैं कि बिना बारीकियां सीखे उनकी बेटी खुद को क्षमतावान समझे। खान ने कहा कि सुहाना उनकी फिल्म ‘जीरो’ के सेट पर आती थी और देखती थी कि सेट पर चीजें कैसे काम करती हैं। 

अभिनेता ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, ‘‘ जब हम लोग ‘जीरो’ फिल्म के एक गाने की शूटिंग आने वाले दो सप्ताह में शुरू करने वाले थे तो सुहाना ने मुझसे कहा था कि उसे लंदन वापस जाने में दो सप्ताह है। इस तरह अनुभव लेने के लिए वह जीरो के सेट पर आई।' उन्होंने कहा कि वह चाहते थे कि उनकी बेटी फिल्म के सेट को अच्छी तरह से देखने के साथ उनकी दो सह-कलाकारों कैटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा से भी चीजें सीखे।

 

अभिनेता ने कहा, ‘‘ मैं चाहता था कि सुहाना मेरी दो सह-कलाकारों कैटरीना और अनुष्का को देखे क्योंकि वह दोनों अलग-अलग तरह की अभिनेत्रियां हैं। कैटरीना का अपना आकर्षण है और चीजों को करने का अनुष्का का अपना तरीका है। इसलिए मैं चाहता था कि सुहाना सेट पर समय व्यतीत करे। इसलिए सुहाना को सहायक निर्देशक बना दिया गया।' खान ने कहा कि सुहाना तीन से चार साल तक नाटक और थियेटर करेंगी।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत में, मैं मानता हूं कि हम अभिनय सीखते नहीं हैं, सिर्फ मान लेते हैं कि हम टैलेंटेड हैं। जैसे कि सिर्फ तेज गाड़ी चलाने से लोग यह मान लेते हैं कि आप फॉर्मूला वन ड्राइवर बनने जा रहे हैं। आपको यह सीखना पड़ता है। इसलिए मैं चाहता हूं कि सुहाना पहले औपचारिक प्रशिक्षण हासिल करे क्योंकि अनुभव काफी महत्व रखता है।' खान की फिल्म ‘‘जीरो’’ इसी शुक्रवार को रिलीज हो रही है। 

मुंबई। अभिनेता-कॉमेडियन सुनील ग्रोवर ने कहा है कि सलमान खान ने उनसे कपिल शर्मा के दोबारा आ रहे शो में साथ काम करने को लेकर बात की थी। ऐसी चर्चा है कि कपिल शर्मा के नए कॉमेडी शो के निर्माता सलमान खान दोनों कलाकारों के साथ काम करने के लिये उनका मनमुटाव दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। सलमान की फिल्म 'भारत' में काम कर रहे 41 वर्षीय सुनील ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि उनकी सलमान से बात हुई है।

सुनील ने पीटीआई- बताया, 'सलमान सर उस शो का निर्माण कर रहे हैं। मेरी डेट्स कपिल के शो से टकराएंगी क्योंकि मैं सलमान सर की फिल्म में काम कर रहा हूं।" उन्होंने कहा "उन्होंने (सलमान ने) मुझसे दोनों के साथ आने को लेकर संक्षिप्त बातचीत की।" यह पूछे जाने पर कि क्या वह कपिल के साथ दोबारा काम करने के लिये तैयार हैं, सुनील ने कहा, "यह वक्त बताएगा, भगवान बताएगा।

फिलहाल मैं अपने शो पर ध्यान दे रहा हूं और मुझे उम्मीद है कि मैं हर किसी के चेहरे पर मुस्कान लेकर आउंगा।’’ सुनील अली असगर और उपासना सिंह के साथ खुद का कॉमेडी शो 'कानपुर वाले खुरानाज" लेकर आ रहे हैं। अली असगर और उपासना पहले 'द कपिल शर्मा शो' और 'कॉमेडी नाइट्स विद कपिल' में भी काम कर चुके हैं। दोनों कलाकार पिछले साल सुनील से झगड़े के बाद कपिल शर्मा से अलग हो गए थे।

मुंबई। फिल्मकार अभिषेक कपूर ने उत्तराखंड सरकार से अपनी फिल्म ‘‘केदारनाथ’’ पर लगा प्रतिबंध हटाने का अनुरोध किया है। हिंदू संगठनों के विरोध के मद्देनजर जिला मजिस्ट्रेट ने उत्तराखंड के सात जिले में सुशांत सिंह राजपूत और सारा अली खान अभिनीत ‘‘केदारनाथ’’ पर प्रतिबंध लगा दिया था। कपूर ने सोशल मीडिया के जरिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से राज्य में फिल्म के प्रदर्शन की अनुमति देने का अनुरोध किया है।

निर्देशक कपूर ने ट्वीट किया, ‘‘मैं उत्तराखंड सरकार से आग्रह करता हूं कि मेरी फिल्म केदारनाथ से प्रतिबंध खत्म करें। यह देश के लोगों के बीच शांति और सद्भाव लाने की हमारी एक कोशिश है। इस मौके से हमें वंचित न करें।’’ अदाकारा सारा अली खान ने पीटीआई को एक साक्षात्कार में कहा कि वह प्रतिबंध से निराश हैं क्योंकि फिल्म का विचार लोगों को बांटने का नहीं, एकजुट करने का है।

 

अदाकारा ने कहा, ‘‘फिल्म की शूटिंग उत्तराखंड में की गयी और वहां पर इसके लिए 40 दिन रहे भी। वहां के बारे में बेहतरीन यादें हैं।

यह बेहद निराशाजनक है कि उन्होंने हमें इतना कुछ दिया लेकिन हम उन्हें कुछ नहीं दे पा रहे। बस इस बात का अफसोस है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘फिल्म बांटने के बारे में नहीं, साथ आने के लिए कहती है। मुझे नहीं पता कि लोग क्यों आहत महसूस कर रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि उन्होंने फिल्म देखी है।’’

कलाकार - सुशांत सिंह राजपूत , सारा अली खान 

निर्देशक - अभिषेक कपूर 

मूवी टाइप - रोमांस 

अवधि- 2 घंटा 24 मिनट

अभिषेक कपूर की निर्देशन में बनी फिल्म केदारनाथ आज सिनेमाघरो में दस्तक दे चुकी है। इस फिल्म से अपने करियर की शुरुआत करने वाली सारा अली खान और सुशांत सिंह राजपूत फिल्म में लीड रोल में नजर आयेंगे। 

फिल्म की कहानी 

यह फिल्म उत्तराखंड में हुई केदारनाथ त्रासदी के दौरान दो लोगो के प्रेम की कहानी बयां करती है। इस फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत (मंसूर) और सारा अली खान (मक्कू) का किरदार निभा रही है। जैसे की नाम से ही पता चल रहा है कि इस फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत एक मुस्लमान लड़के का किरदार निभा रहे है। वहीं दूसरी तरफ सारा अली खान उर्फ मक्कू केदारनाथ के एक पडिंत की बेटी का किरदार निभा रही है। मक्कू और मंसूर एक- दूसरे से प्यार कर बैठते है, लेकिन धर्म अलग- अलग होने की वजह से दोनों एक नहीं हो पाते है। इसके बाद मक्कू की जबरन शादी करवा दी जाती है। सब खत्म हो जाता है, दोनों के सारे सपने बिखर जाते है, और फिर आती है उत्तराखंड के केदारनाथ धाम की सबसे बड़ी त्रासदी जिसे आज तक वहां के लोग अपने जहन से नहीं निकाल पाये है। त्रासदी के दौरान काफी कुछ होता है, लेकिन सिर्फ वही नहीं होता जो एक बतौर दर्शक की उम्मीद थी।

 

बता दें कि इस फिल्म में जिस तरह से साऱा अली खान ने अपना अभिनय किया है,  वह वाक्य काबिलय तारीफ है। फिल्म के हर सीन में पूरी तरह से सारा ने अपनी जान डाल दी है। वह जितनी खूबसूरत है उतनी ही खूबसूबरत उनकी एक्टिंग भी है। सारा ने फिल्म केदारनाथ से यह साबित कर दिया है कि वह एक बेहद मंझी कलाकार है। वहीं दूसरी तरफ सुशांत सिंह राजपूत ने भी अपने किरदार को बाखूबी निभाया है।

लेकिन यह फिल्म दर्शको को लुभाने में नाकाम साबित हुई है। क्योंकि इस फिल्म में न तो प्रेम कहानी को सही ढंग से फिल्माया गया है, न ही उत्तराखंड में हुई  केदारनाथ त्रासदी को बाखूबी दिखाया गया । अभिषेक कपूर इस बार अपने निर्देशन में चूकते हुए नजर आये। फिल्म केदारनाथ दर्शको पर अपनी छाप छोड़ने में पूरी तरह से नाकाम रही है। इस फिल्म के गाने भी दर्शको पर अपना जादू नहीं चला पायें। लेकिन अगर आपको उत्तराखंड की खूबसूरती देखनी है  तो आपको इस फिल्म में  कई ऐसे नजारे देखने को मिलेंगे , जो वाक्य बेहद लुभावने है। 

फिल्म केदारनाथ का ट्रेलर-

केदारनाथ फ़िल्म की जब घोषणा हुई तब कहीं एक उम्मीद जागी कि भारतीय सिनेमा ने भारतीय परिपेक्ष्य में भी प्राकृतिक आपदाओं पर एक पूरी फ़िल्म बनाने की हिम्मत दिखाना शुरू कर दी है। इसी त्रासदी पर फ़िल्म ‘केदारनाथ’ आधारित है। मगर कुल मिलाकर मामला टोटल फ़िल्मी निकला! एक बोझिल सी प्रेम कथा जिसे देखना पहाड़ पर चढ़ने जितना ही थकाऊ था और अंत में बच्चों के कार्टून चैनल्स के ग्राफिक्स को टक्कर देते विज़वल इफेक्ट्स और फ़िल्म खत्म हो जाती है। 

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