×

Warning

JUser: :_load: Unable to load user with ID: 809

मनोरंजन

मनोरंजन (4975)

Entertainmeint News Creation : अपनी नैतिक जिम्मेदारियों को लेकर आज भी फिल्म इंडस्ट्री के चंद मशहूर और धनाड्य सितारे कुछ विज्ञापनों से परहेज़ करतें है. आइये आज देखतें हैं आखिर वो कौन कौन बॉलीवुड सितारे हैं, जिन्होनें अपने आदर्शों के लिए बड़े बड़े विज्ञापनों के ऑफर्स ठुकरा दिए.

मनोरंजन News Creation : वैसे तो अभिनेत्री कटरीना कैफ करोडो दिलों पर राज करती ही हैं, मगर इन दिनों वे Instagram में अपनी फोटो और उनपर आये कमेंट्स के लिए काफी सुर्खियाँ बटोर रहीं हैं.

मनोरंजन News Creation : आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘आर्टिकल 15’ (Article 15) ने अपने रिलीज के तीसरे सप्ताह में शनिवार तक 55.83 करोड़ रुपए कमा लिया हैं. यानी फिल्म का 16वें दिन का कलेक्श लगभग 60 करोड़ हो गया है. हालांकि फिल्म के पहले दिन से अब-तक की कमाई देखें तो बहुत शानदार नहीं रही है, लेकिन स्टोरी के मामले में फिल्म और आयुष्मान की एक्टिंग लोगों को काफी पसंद आ रही है.

आयुष्मान के सामने लेकिन अब रितिक रोशन भी आ गए हैं. रितिक की फिल्म ‘सुपर 30’ भी इसी शुक्रवार यानी 12 जुलाई को रिलीज हुई है. रिलीज से बाद से फिल्म अच्छा कलेक्शन भी कर रही है. सुपर 30 ने तीन दिन में 30 करोड़ रुपए कमा लिए  हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि ‘आर्टिकल 15’ को इससे नुकसान हो सकता है.

इससे पहले फिल्म की कमाई के बारे में बताते हुए ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने ट्वीट कर लिखा था, 'आर्टिकल 15 के तीसरे सप्ताह की शुरुआत सधी हुई है. फिल्म ने शुक्रवार को कुल 1.25 करोड़ रुपए का व्यापार किया. अब तक इसकी कुल कमाई 53.68 करोड़ रुपए हो गई है.

kabir Singh and article 15

अब अगर बात करें कबीर सिंह की ..

बॉलीवुड एक्टर शाहिद कपूर  की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'कबीर सिंह (Kabir Singh)' के क्रेज के कम होने का कोई संकेत दिखाई नहीं दे रहा है. 'उरी (URI)' और 'भारत (Bharat)' के साल की सबसे बड़ी बॉलीवुड फिल्म बनने के बाद इस फिल्म ने घरेलू बाजार में 250 करोड़ रुपये का कारोबार किया है. फिल्म ट्रेड एक्सपर्ट तरण आदर्श ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए कहा, "'सुपर 30 (Super 30)' के रिलीज होने के बावजूद 'कबीर सिंह (Kabir Singh)' पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा (खासकर मल्टीप्लेक्स में). (चौथा सप्ताह) शुक्रवार को इसने 2.54 करोड़ की कमाई की, यानी अब तक कुल 255.89 करोड़. यह आंकड़ा सिर्फ भारत में रिलीज हुई फिल्म का है" 

21 जून को फिल्म के रिलीज होने के बाद से इसकी आलोचना कई लोगों ने की, खासकर महिलाओं ने, लोगों का यह कहना था कि यह 'पुरुषों में नशे' को बढ़ावा दे रहा है. हालांकि इन सबका फिल्म के बॉक्स ऑफिस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा. शुरू से ही यह फिल्म विजेता रही है. पहले जब इसने भारत में 100 करोड़ की कमाई पार की तो यह शाहिद की इतनी कमाई करने वाली पहली फिल्म बन गई.  साल 2013 में आई फिल्म 'आर..राजकुमार' के बाद यह शाहिद (Shahid Kapoor)  की पहली सोलो सुपरहिट फिल्म है, जिसमें शाहिद ने एक सेल्फ डिस्ट्रक्टिव बॉयफ्रेंड का किरदार को निभाया है. 

यहाँ क्लिक करके, फेसबुक में हमें लाइक करें

नीचे दिए स्टार्स पर खबर को रेटिंग दें, कमेंट बॉक्स में कमेंट करें....

 

नवजोत सिंह सिद्धू नें छोड़ा मंत्री पद, कही ये बातें, क्या वजहें थी रिपोर्ट पढ़ें

Entertainment News Creation : 'सुपर 30' फ़िल्म की टैगलाइन में ही इस फ़िल्म का पूरा सारांश है, जो कुछ इस प्रकार है, ‘अब राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा, राजा वो बनेगा जो हकदार होगा.’ शिक्षा पर सभी का समान अधिकार हो फिर चाहे वह बड़े बाप का बेटा हो या फिर गरीब का. फ़िल्म से जुड़ा यही  संदेश इस फ़िल्म को खास बना देता है.

FilmSuper30Expressions

यह कहानी है बिहार के चर्चित आनंद कुमार की जो आई.आई.टी. का सपना देखने वाले गरीब तबके के होनहार बच्चों के सपनों को पूरा करने में उनकी मदद कर रहे हैं.

फिल्म की कहानी

फ़िल्म की कहानी की शुरुआत फ्लैशबैक में आनंद कुमार (रितिक रोशन) के संघर्ष से शुरू होती थी.

आनंद गणित में गोल्ड मेडलिस्ट है. बड़े से बड़े गणित के प्रश्नों का वह हल निकाल सकता है. अभावों में रहने के बावजूद उसकी इसी काबिलियत की वजह से  उसे  केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से दाखिले के लिए बुलावा आ जाता है लेकिन एक बार फिर उसके आगे गरीबी रोड़ा बनकर आ जाती है. पिता का साया भी छिन जाता है.

काबिल आनंद कुमार परिवार और अपना पेट पालने के लिए  पापड़ बेचने के लिए मजबूर हो जाता है. इसी बीच लल्लन कुमार (आदित्य) की मुलाकात आनंद से होती है. वो आनंद की प्रतिभा से वाकिफ है. अपनी कोचिंग सेन्टर से जोड़ लेता है. कुछ समय में ही आनंद वहां का प्रीमियम टीचर बन जाता है. हर स्टूडेंट आनंद सर से पढ़ना चाहता है.

आनंद की ज़िंदगी भी पटरी पर आ जाती है. सभी तरफ से पैसों की बारिश हो रही है लेकिन इसी बीच आनंद कुमार को महसूस होता है कि वह सम्पन्न परिवार के लड़कों को और आगे बढ़ा रहा है और गुरु द्रोणाचार्य की तरह गरीब बच्चों का  एकलव्य की तरह अंगूठा काट रहा है. उसकी सोच बदल जाती है और उन बच्चों को आईआइटियन्स बनाने में जुट जाता है जो अभावग्रस्त है. जिनके पास पैसे नहीं है महंगे कोचिंग के लिए.

आनंद कुमार के लिए यह सफर आसान नहीं होगा. भ्रष्ट शिक्षा मंत्री और उसके पावर से उसका मुकाबला है जिसे आनंद कुमार और गरीब बच्चों की जान लेने से भी गुरेज़ नहीं है. भ्रष्‍ट मंत्री के साथ-साथ गरीबी और भूख से भी उसकी जंग है. यह फ़िल्म की आगे की कहानी है. कुलमिलाकर हाथ आगे बढ़ाकर सूरज को हथेली में पकड़ लेने की प्रेरणादायी कहानी है. फ़िल्म की कहानी रियल है लेकिन उसका ट्रीटमेंट थोड़ा फिल्मी हो गया है. 

बावजूद इसके अंडरडॉग्स के जिद और संघर्ष के जुनून की वजह से यह फ़िल्म बांधे रखती है. फ़िल्म शिक्षा माफिया के अलावा सरसरी तौर पर ही सही लेकिन दृश्य और संवाद के ज़रिये दूसरे अहम मुद्दों को भी छूती है.कोटा डॉक्टर यह संवाद हमने अब तक रील और रियल लाइफ दोनों में बहुत सुना है लेकिन इस फ़िल्म में डोनेशन वाला डॉक्टर कहकर उच्च तबके पर भी सवालिया निशान लगाया गया है.हमारे पुराण भी जातीय और सामाजिक भेद के हिमायती है. फ़िल्म का एक संवाद ये भी है.

अभिनय, संगीत और किरदारों की अदायगी

अभिनय की बात करें तो रितिक की मेहनत किरदार को लेकर दिखती है. परदे पर पहली पर वह इस अंदाज में दिखे हैं.ऐसे में शुरुआती दृश्य में उनका लहजा और ज़रूरत से ज़्यादा लुक थोड़ा अखरता है, लेकिन फ़िल्म जैसे-जैसे आगे बढ़ती है. सबकुछ सहज हो जाता है. पंकज त्रिपाठी एक बार फिर उम्दा रहे हैं. उनका और आदित्य श्रीवास्तव का दृश्य बेहतरीन बन पड़ा है. पिता के रूप में वीरेंद्र सक्सेना का अभिनय दिल छूता है. मृणाल ठाकुर और अमित साध को कम ही स्पेस मिला है, लेकिन वह उपस्थिति दर्शाने में कामयाब होते हैं.बच्चों का काम भी सराहनीय है. फ़िल्म के संवाद अच्छे बन पड़े हैं.

संगीत में मामला औसत वाला रह गया है.  कुलमिलाकर असल नायक की यह प्रेरणादायी कहानी पर्दे पर देखी जानी चाहिए.

 

 

फेसबुक में हमारे पेज को लाइक करना न भूलें

 

नीचे दिए स्टार्स पर क्लिक करके, हमारी खबर को रेटिंग्स दें....

अन्य खबरें :

माँ होनें के नाते बच्चों के लिए खुद को बदलें

फिल्म अभिनेत्री शबाना आज़मी नें कुछ इस तरह अपनें आलोचकों के मुह में लगाया ताला

विशेष लेख News Creation बच्चे जब जन्म लेते हैं, कोरे कागज़ की तरह होते हैं और जैसे-जैसे उनका विकास होता जाता है, वे वो सारी चीजें सीखते जाते हैं, जिन्हें देखते, सुनते और महसूस करते हैं।

हर परिवार बच्चे को विशेष पोषण देना चाहता है, एक समय ऐसा भी आता है जब अपने बच्चे की परवरिश ही जीवन का मकसद बन जाता है. सारे जतन के बाद भी अगर लगे कि बच्चे के सर्वांगीण विकास में कमी लग रही है, तो ऐसे में दुखी होने अथवा परिजनों, परिवेश पर दोषारोपण करने के बजाए परिस्थितियों में संतुलन का प्रयास करें।

हर समय बच्चे के साथ रह पाना सम्भव नहीं है इसलिए जब वो आपसे दूर जाए तो कोशिश कीजिए वह आपका फोन नम्बर घर का पता जनता हो किसी बाहरी व्यक्ति से बच्चे के मेलजोल पर नजऱ रखनी चाहिए. उसमे जाती, धर्म, ऊंच-नीच, अमीरी-गरीबी जैसी भावनाओं का बीजारोपण करना उसके सम्पूर्ण विकास को बाधित करेगा, किन्तु शुरू से ही अच्छे-बुरे का ज्ञान कराना आवश्यक है।

कई बार बहुत प्रभावशाली अथवा एकदम निकट सम्बन्धी भी बच्चों को बुरी बातें, बुरे व्यवहार सीखाते हैं. या बुरी हरकतें करते हैं। इस तरह की घटनाओं को नजरअंदाज न करें. एक तो उन्हें बहुत समय तक किसी के भी साथ अकेले न रहने दें, यदि कभी रखना भी पड़े उससे उस व्यक्ति के बारे में सामान्य तरह की बातें करें बच्चे को डांटने, डराने-धमकाने या खुद रोने से बचें अभिभावक बच्चों के लिए सर्वशक्तिमान होते हैं. उनका रोना बच्चों को कमजोर कर देता है।

यदि कोई बच्चों के साथ कुछ भी असामान्य व्यवहार करता है, उसे और उससे सम्बंधित किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति से सीधी बातें करें. बात बिगड़े उससे पहले ही सम्हालने की आदत रखें, बच्चे बहुत मासूम होते हैं उन्हें बड़ों की बड़ी-बड़ी बातें समझ नही आतीं, उनसे उनके उम्र के हिसाब से ही व्यवहार करें. उनपर अपने सपनो की गठरी न लादें याद रखिए, जो काम आप नहीं कर पाए उसे बच्चे पर न थोपें उसे वही करने दें जो वह आसानी से आनन्दपूर्वक कर सकता है।

अधिकांश घरों में बच्चों के लालन पालन की सम्पूर्ण जिम्मेदारी माँ पर होती है। माँ बच्चों के बीच काफी हद तक आपसी समझ भी होती है, लेकिन जब वही बच्चे बड़ी कक्षा में पढ़ते हैं और कुछ खास तरह की शिक्षा की मांग करते हैं तब पिता द्वारा धनोपार्जन, पारिवारिक प्रतिष्ठा इत्यादि के नाम पर अपनी पसंद लाद दी जाती है।

प्रायः देखा जाता है इन परिस्थितियों में माँ खास कर गृहणी के विचारों को कोई महत्व नहीं दिया जाता. अपने बच्चों को एक स्वतंत्र व्यक्ति समझे न कि अपने खानदान का प्रतीक चिन्ह उसे वही करने दें जो वह करना चाहता है।

लेख- नीता झा

ये भी पढ़े-

अफसानों को याद नही 'मैं चन्द दिनों में ही बरसों पीछे चला गया हूं'

 

यहाँ क्लिक करके हमारे फेसबुक पेज को अवश्य लाइक करें

 नीचे दिए Stars में हमारी खबरों को रेटिंग दें और कमेंट बॉक्स में कमेंट करें ...

 

 

 

मुंबई सोशल मीडिया में फिल्म अभिनेत्री और जावेद अख्तर की पत्नी शबाना आज़मी को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. उनके आलोचकों को शबाना आज़मी नें सोशल मीडिया में ही करारा जवाब दिया है. असल में शबाना नें इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान जन समूह को संबोधित करते हुए कहा था कि “इस देश में अगर कोई व्यक्ति सरकार की आलोचना करे तो उसे देश द्रोही या राष्ट्र विरोधी कह दिया जाता है, जो सरासर गलत है” ये बात उन्होनें 6 जुलाई को जनसभा संबोधित करते हुए कहीं थीं. बता दें की शबाना आज़मी साहित्य और अभिनय के साथ साथ सामाजिक मुद्दों पर अपनी बेबाक बयानों के लिए अक्सर सुर्ख़ियों में रहती हैं.

इसी बात को शबाना नें ट्वीट कर एक नए मुद्दे को जन्म दे दिया, उनके इस ट्वीट पर लोगों में उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया था, जिसका जव्वाब शबाना नें ट्विटर पर ही लोगों को दिया, शबाना नें ट्वीट कर जवाब दिया कि "मेरी एक टिप्पणी को लेकर इतना हंगामा? मुझे नहीं पता था कि मैं दक्षिणपंथियों की नजरों में इतना महत्व रखती हूं.” शबाना आगे लिखतीं हैं, “दीपा मेहता की फिल्म वाटर में मुझे सर मुंडवाना पड़ा था, जिसके लिए मुस्लिम चरमपंथियों नें मेरे खिलाफ फतवा जारी कर दिया था, जिसपर जावेद अख्तर नें उनको जवाब देते हुए ‘चुप रहो’ कहा था”

इसके बाद उन्होनें दूसरा ट्वीट कर लिखतीं हैं कि “मैं लोगों को याद दिलाना चाहती हूं कि कांग्रेस के केंद्रीय सत्ता में रहते मेरे पिता कैफी आज़मी ने विरोध में अपना पद्मश्री सम्मान लौटा दिया था, जब यू.पी. के एक नेता ने कहा था कि उर्दू को दूसरी भाषा का दर्जा दिलाने की मांग करने वालों का मुंह काला करके गधे पर घुमाना चाहिए”

बता दें कि शनिवार को शबाना आज़मी नें किसी राजनैतिक पार्टी का नाम लिए बिना इशारों में तंज कसते हुए बताया कि “लोगों को देश हित के लिए अपने मन की बात कहनें से डरना नहीं चाहिए” उन्हों नें आगे कहा “अगर हम कमियों में ध्यान नहीं देंगे तो हालत कैसे सुधरेंगे?”

 

यहाँ क्लिक करके हमारे फेसबुक पेज को ज़रूर like करें

माँ होनें के नाते बच्चों के लिए खुद को बदलें

नीचे दिए स्टार्स पर हमारी खबर को रेटिंग दें और कमेंट बॉक्स में कमेंट करना न भूलें.

 

 

एंटरटेनमेंट दीपिका ने रणवीर की तस्वीर शेयर करते हुए बेहद खास कैप्शन लिखा था. दीपिका पादुकोण ने कहा कि 'रणवीर उनके सिर्फ पति ही नहीं हैं बल्कि दोस्त, प्रेमी और उनके बच्चे भी हैं.' दीपिका ने रणवीर की एक पुरानी तस्वीर साझा की जिसमें वह बर्फ के एक गोले को चूसते नजर आ रहे हैं.

इस तस्वीर के कैप्शन में दीपिका ने लिखा, "संवेदनशील और भावपूर्ण, ध्यान रखने वाला और दयालु, उदार और विनीत, मजाकिया और बुद्धिमान, आनंददायी और भरोसेमंद..ये सबकुछ और इससे भी ज्यादा." मेरे पति, मेरे दोस्त, मेरे प्रेमी, मेरे हमराज..कभी-कभार मेरे बच्चे, मेरा शिशु, मेरा पाइनऐप्पल, मेरा सनशाईन, मेरा रेनबो..तुम हमेशा इसी तरह से रहो. ढेर सारा प्यार.

रणवीर सिंह ने भी कुर्सी पर बैठी आराम कर रही अपनी पत्नी व अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की एक तस्वीर इंस्टाग्राम पर पोस्ट की. रणवीर ने तस्वीर के कैप्शन में लिखा, "हाई ऑन केक. हैप्पी बर्थडे टू मी."

बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह ने कुर्सी पर बैठी आराम कर रही अपनी पत्नी व अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की एक तस्वीर इंस्टाग्राम पर पोस्ट की.

रणवीर ने तस्वीर के कैप्शन में लिखा, "हाई ऑन केक. हैप्पी बर्थडे टू मी." प्रशंसकों ने तस्वीर को बहुत पसंद किया है. दीपिका की इस तस्वीर पर दो मिलियन से भी ज्यादा लाइक्स आ चुके हैं.

रणवीर द्वारा शेयर की गई दीपिका की इस तस्री को सिर्फ फैंस ही नहीं बल्कि इंडस्ट्री के लोग भी काफी पसंद कर रहे हैं. तस्वीर पर कैप्शन करते हुए एक्टर डीनो मोरिया ने लिखा कि मिस्टर केक हैप्पी बर्थडे.

फिल्म निर्माता फराह खान, जिनके साथ दीपिका ने अपनी पहली फिल्म में काम किया था, उन्होंने दीपिका के इस पोस्ट पर कमेंट करते हुए कहा, "यह वाकई में खूबसूरत है. इन सभी को हैप्पी बर्थडे."

 
 
 
View this post on Instagram
 
 

High on Cake! ?? @deepikapadukone #happybirthdaytome

A post shared by Ranveer Singh (@ranveersingh) on

 

इस बीच, अपने जन्मदिन पर रणवीर ने अपनी आने वाली फिल्म '83' में अपने लुक का खुलासा किया जिसमें वह दिग्गज क्रिकेट खिलाड़ी कपिल देव के किरदार में नजर आएंगे. '83' फिल्म में साकिब सलीम, आदिनाथ कोठारे, चिराग पाटिल, हार्डी संधू, अम्मी विर्क, जतिन सरना, पंकज त्रिपाठी, ताहिर राज भसीन, दिनकर शर्मा, जीवा, साहिल खट्टर, धैर्या करवा, निशांत दहिया और आर बद्री भी दिखाई देंगे. यह फिल्म अगले साल 10 अप्रैल को हिंदी, तमिल और तेलुगू में रिलीज होगी.

अफसानों को याद नही 'मैं चन्द दिनों में ही बरसों पीछे चला गया हूं'

यहाँ क्लीक कर, हमारे फेसबुक पेज को ज़रूर लाइक करें

 

एक्टर रणवीर सिंह डायरेक्टर कबीर खान (Kabir Khan) के साथ देश के पहले क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतनें  की कहानी को बड़े पर्दे पर उतार रहे हैं. इस फिल्म में रणवीर सिंह (Ranveer Singh) भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव (Kapil Dev) का अभिनय करनें वाले हैं. वहीं एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण, कपिल देव की पत्नी का किरदार निभाती नजर आएंगी. 2020 में रिलीज होने वाली इस फिल्म के जरिए भारतीय क्रिकेट टीम के पहला वर्ल्ड कप जीतने के संघर्ष और उसकी कहानी को दिखाया जाएगा. 

सोशल मीडिया में 83 की सनसनी फैली

हाल ही में 'स्लमडॉग मिलियनेयर (Slumdog Millionaire)' एक्टर शारिब हाशमी (Sharib Hashmi) ने एक ट्वीट किया है, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. शारिब हाशमी ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव की एक फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कहा, 'कपिल सर की बायोपिक बनाने की तैयारी कर रहे हैं.' शारिब के इस पोस्ट पर फैन्स के साथ-साथ बॉलीवुड सेलेब्रिटीज भी खूब रिएक्ट कर रहे हैं.

 

रणवीर का लुक है खास

नेशनल अवार्ड मेकअप डिजाइनर विक्रम गायकवाड़ प्रोस्थेटिक्स का इस्तेमाल करके रणवीर को कपिल जैसा बना सकते थे पर उन्होंने फिल्म में ज्यादा प्रोस्थेटिक्स का इस्तेमाल नहीं किया। रणवीर ग्राउंड पर भागते नजर आएंगे तो कहीं उनके चेहरे पर हेलमेट भी लगाया जाएगा। विक्रम ने एक ऐसा लुक डिजाइन किया जिसमें कपिल के हेयरस्टाइल, आईब्रो और मूंछों पर ज्यादा फोकस हो। इन स्थितियों में प्रोस्थेटिक्स को चेहरे पर चिपकाए रखना काफी मुश्किल हो जाता। साथ ही रणवीर को भी हैवी प्रोस्थेटिक्स के साथ एक्टिंग करना मुश्किल हो जाता। रणवीर को मूंछें बड़ी करने के लिए कहा गया और फिर बाद में उन्हें ट्रिम कर दिया गया। इसके अलावा कपिल जब हंसते हैं तो उनके दो दांत भी थोड़ा बाहर आते हैं। रणवीर के साथ ऐसा करने के लिए स्पेशल डेंचर का इस्तेमाल किया है।

फिल्म रिलीज़ के लिए दर्शकों को बेसब्री से इंतज़ार है, 1983 का वर्ल्ड कप भारत के इतिहास का पहला वर्ल्ड कप था जिसमें भारत नें शानदार क्रिकेट खेला था. और फिल्म में भारतीय दर्शक उस गौरव गाथा को दुबारा देखना चाहेंगे.

 

स्पेशल डेस्क News Creation:  यूँ तो नींद हम सभी सोते हैं, लेकिन कभी कभी हमें नींद नहीं आती या सुबह उठ कर भी तरोताज़ा महसूस नहीं करते, आइये हमारे ग्रंथों और पुरानों में नींद के विषय में क्या कहा गया है, कौन से ऐसे नियम है जिसका पालन हमें नींद के लिए करनें चाहिए! आइये देखते हैं.

  • सूने तथा निर्जन घर में अकेला नहीं सोना चाहिए। देव मन्दिर और श्मशान में भी नहीं सोना चाहिए। (मनुस्मृति)

 

  • किसी सोए हुए मनुष्य को अचानक नहीं जगाना चाहिए। (विष्णुस्मृति)

 

  • विद्यार्थी, नौकर औऱ द्वारपाल, यदि ये अधिक समय से सोए हुए हों, तो इन्हें जगा देना चाहिए। (चाणक्यनीति)

 

  • स्वस्थ मनुष्य को आयुरक्षा हेतु ब्रह्ममुहुर्त में उठना चाहिए। (देवीभागवत)
  • बिल्कुल अँधेरे कमरे में नहीं सोना चाहिए। (पद्मपुराण)

 

  • भीगे पैर नहीं सोना चाहिए। सूखे पैर सोने से लक्ष्मी (धन) की प्राप्ति होती है। (अत्रिस्मृति)
  • टूटी खाट पर तथा जूठे मुँह सोना वर्जित है। (महाभारत)

 

  • "नग्न होकर/निर्वस्त्र" नहीं सोना चाहिए। (गौतम धर्म सूत्र)

 

  • पूर्व की ओर सिर करके सोने से विद्या, पश्चिम की ओर सिर करके सोने से प्रबल चिन्ता, उत्तर की ओर सिर करके सोने से हानि व मृत्यु तथा दक्षिण की ओर सिर करके सोने से धन व आयु की प्राप्ति होती है। (आचारमय़ूख)

 

अक्सर हम अपनें घर के बड़े बुजुर्गों के मुह से निचे लिखे वाक्य सुनते होंगे, जो न जाने कितने पीढ़ियों से सुनाया जा रहा है, विज्ञान की दृष्टि से भी ये सब टोटके हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं-

  • दिन में कभी नहीं सोना चाहिए। परन्तु ज्येष्ठ मास में दोपहर के समय 1 मुहूर्त (48 मिनट) के लिए सोया जा सकता है। (दिन में सोने से रोग घेरते हैं तथा आयु का क्षरण होता है)

 

  • दिन में तथा सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सोने वाला रोगी और दरिद्र हो जाता है। (ब्रह्मवैवर्तपुराण)

 

  • अक्सर हम अपनें घर के बड़े बुजुर्गों के मुह से निचे लिखे वाक्य सुनते होंगे, जो न जाने कितने पीढ़ियों से सुनाया जा रहा है-

 

  • सूर्यास्त के एक प्रहर (लगभग 3 घण्टे) के बाद ही सोना चाहिए.

 

  • बायीं करवट सोना स्वास्थ्य के लिये हितकर है.

 

  • दक्षिण दिशा में पाँव करके कभी नहीं सोना चाहिए. यम और दुष्ट देवों का निवास रहता है. कान में हवा भरती है. मस्तिष्क में रक्त का संचार कम को जाता है, स्मृति- भ्रंश, मौत व असंख्य बीमारियाँ होती है.

 

  • हृदय पर हाथ रखकर, छत के पाट या बीम के नीचे और पाँव पर पाँव चढ़ाकर नींद सोना स्वस्थ्य के लिए हानिकारक है.

 

  • शय्या पर बैठकर खाना-पीना अशुभ है.

 

  • सोते सोते पढ़ना नहीं चाहिए. ऐसा करने से नेत्र ज्योति घटती है.

 

  • अगर माथे में पूजा करके तिलक लगा हो तो ऐसे में सोना अशुभ है. इसलिये सोते समय तिलक हटा दें.

मुंबई। अभिनेत्री मृणाल ठाकुर का कहना है कि दर्शकों का दिल अब ग्लैमरस भूमिकाओं ने नहीं, बल्कि दमदार अभिनय से ही जीता जा सकता है। मृणाल की पहली फिल्म ‘लव सोनिया’ पिछले साल रिलीज हुई थी जिसमें उनके अभिनय को सराहा गया था। मृणाल ने कहा कि एक अभिनेत्री होने के नाते मैं अच्छा अभिनय करना चाहती हूं। कई लोगों ने मुझसे कहा कि क्या ‘‘तुम पागल हो, जो पहली फिल्म के तौर पर ‘लव सोनिया’ को चुन रही हो?’’ मुझे कोई हल्का-फुल्का, रोमांटिक और ग्लैमरस किरदार निभाने की सलाह दी गई थी।’’
उन्होंने कहा कि लेकिन मुझे लगता है कि आज के दर्शक बुद्धिमान हैं। हम ग्लैमरस लुक से उनका दिल नहीं जीत सकते। हमें अच्छा अभिनय करके उन्हें संतुष्ट करना होगा।’’ मृणाल ‘सुपर 30’ में ऋतिक रोशन के साथ नजर आएंगी। अभिनेत्री ने कहा कि उन्हें ‘लव सोनिया’ ने बहुत कुछ दिया। उन्हें अपनी अगली फिल्म ‘सुपर 30’ भी इसी के कारण मिली।
छोटे पर्दे से अपने करियर की शुरुआत करने वाली मृणाल ने कहा, ‘‘शुरुआत में मैं केवल अपने मनोरंजन के लिए अभिनय कर रही थी लेकिन अब मैं इसे लेकर गंभीर हो गई हूं। मैं अपने करियर के लिए टीवी की ऋणी हूं। मेरा अधिकतर प्रशिक्षण टीवी में हुआ। टेलीविजन में आपको अपने किरदार की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता। फिल्मों में आपके पास पटकथा और पर्याप्त समय होता है। मुझमें अभिनेत्री के तौर पर निखार आया है।’’

  • RO No 12879/57 "
  • RO No 12945/131 "
  • RO No 12822/57 "
  • - RO No 12822/57 - "

Ads

RO No 12879/57 "
RO No 12945/131 "
RO No 12822/57 "
- RO No 12822/57 - "

MP info RSS Feed

फेसबुक