ईश्वर दुबे
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भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत ने ऑनलाइन सॉफ्टवेयर मार्केटप्लेस TechJockey.com में भारी निवेश किया। टेकजॉकी के मुताबिक, पंत ने कंपनी में 2 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। यह सौदा 7.40 करोड़ रुपये में हुआ।
क्या करती है TechJockey.com
Techjockey.com की नींव 2017 में जोमैटो के पूर्व वाइस प्रेसिडेंट आकाश नांगिया ने अपने कॉलेज के दोस्त और पूर्व McKinsey एग्जीक्यूटिव अर्जुन मित्तल के साथ मिलकर की थी। यह देशभर में छोटे बिजनेस वाले सॉफ्टवेयर वेंडर्स को जोड़ती है। इस साल की शुरुआत में कंपनी ने अपने कामकाज का विस्तार अमेरिकी बाजार में भी किया है। टेकजॉकी ने वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग 125 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया। उसने मौजूदा वित्त वर्ष में 170-180 करोड़ रुपये तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है।
नांगिया ने एक बयान में कहा कि फ्रेश इक्विटी 370 करोड़ रुपये (लगभग 44.17 मिलियन डॉलर) के वैल्यूएशन पर जुटाई गई। इसमें पंत ने कंपनी में 2 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की। उन्होंने कहा, 'ऋषभ पंत का बोर्ड में शामिल होना हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है। उनका न सिर्फ बतौर क्रिकेटर कद काफी बड़ा है, बल्कि उनकी कारोबारी समझ भी काफी शानदार है।'
पंत ने टेकजॉकी में निवेश क्यों किया?
आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स की कप्तानी करने वाले पंत का कहना है कि अलग-अलग व्यवसायों में निवेश करने के लिए सचेत समझ की जरूरत है। इस मामले में फैसला लेने के लिए वह अपने प्रोफेशनल स्पोर्ट्स करियर के अनुभव का भी इस्तेमाल करते हैं। सॉफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस (SaaS) फर्मों के उभार के बारे में पंत ने कहा, "मुझे असल में SaaS कंपनियों के संचालन का तरीका पसंद है। मुझे उस कॉन्सेप्ट में काफी संभावनाएं नजर आती हैं।"
पंत ने कहा, "क्रिकेट में लाइव स्ट्रीमिंग, कमेंट्री और DRS के लिए सही तकनीक का होना महत्वपूर्ण है। सही तकनीक से आपको फौरन स्मार्ट डिसीजन लेने में मदद मिलती है। मैंने देखा है कि सही सॉफ्टवेयर किसी व्यवसाय को कुशलतापूर्वक विकसित करने में कितनी मदद कर सकता है। इसलिए मैंने TechJockey.com में अपने निवेशक को सही समझता हूं।'
आज सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया के एजीआर मामले को लेकर फैसला लिया। कोर्ट ने कंपनी की याचिका को खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद वोडा-आइडिया के शेयर में भारी गिरावट आई।
खबर लिखते वक्त वोडाफोन-आइडिया के शेयर 14.73 फीसदी गिरकर 11.00 रुपये प्रति शेयर के भाव पर पहुंच गया।
23 जुलाई 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया के साथ भारती एयरटेल के एजीआर मामले की याचिका को खारिज कर दिया था। इस याचिका में कंपनी कहा था कि टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने कंपनी के बकाया एजीआर के कैलकुलेशन में गलतियां की है। इस गलतियों में सुधार होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के याचिका को खारिज करने के बाद वोडाफोन आइडिया ने रिव्यू पीटिशन दाखिल किया था। इस रिव्यू पीटिशन को एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है।
बता दें कि दूरसंचार विभाग टेलीकॉम कंपनियों से यूजेज और लाइसेंसिग फीस लेता है। इस फीस को ही एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) कहा जाता है।
नई दिल्ली । वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी जल्द ही अपनी लोकप्रिय सेडान डिजायर का नेक्स्ट जनरेशन मॉडल लॉन्च करेगी। कंपनी दिवाली के बाद इस सेडान को लॉन्च करने की योजना बना रही है। इस नए मॉडल की टेस्टिंग के दौरान इसकी तस्वीरें लीक हो गई हैं, जिससे इसके डिजाइन का खुलासा हुआ है। एक रिपोर्ट के अनुसार, नई डिजायर का डिजाइन स्विफ्ट हैचबैक से अलग रखा गया है ताकि इसे एक अलग पहचान मिले। नई डिजायर में कई बदलाव देखने को मिलेंगे, जैसे बड़ी ग्रिल, फुल एलइडी हेडलैंप, एलइडी फॉग लाइट्स, नए फ्रंट और रियर बंपर, और नए एलॉय व्हील्स। इसके अलावा, इसमें 360-डिग्री कैमरा, ट्राई-एरो एलइडी टेललाइट्स, बूटलिड पर इंटीग्रेटेड स्पॉइलर और इलेक्ट्रिक सनरूफ जैसे प्रीमियम फीचर्स भी शामिल होंगे। मारुति सुजुकी जल्द ही अपनी सबसे सफल सेडान डिजायर का नेक्स्ट जनरेशन मॉडल भारतीय बाजार में लॉन्च करने वाली है। हाल ही में इसे टेस्टिंग के दौरान देखा गया, जिससे इसके नए डिजाइन का खुलासा हुआ है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी इस सेडान को दिवाली के बाद लॉन्च करने की योजना बना रही है। नई डिजायर का लुक खासतौर पर स्विफ्ट हैचबैक से अलग डिजाइन किया गया है ताकि इसे सेडान सेगमेंट में एक अलग पहचान मिल सके। लीक हुई तस्वीरों में नेक्स्ट जनरेशन डिजायर के कई आकर्षक फीचर्स देखने को मिले हैं, जिसमें बड़ी ग्रिल, फुल एलइडी हेडलैंप, एलइडी फॉग लाइट्स, नए फ्रंट और रियर बंपर, और नए एलॉय व्हील्स शामिल हैं। इसके अलावा, कार में 360-डिग्री कैमरा, एलइडी टेललाइट्स, बूटलिड पर इंटीग्रेटेड स्पॉइलर, और इलेक्ट्रिक सनरूफ जैसे फीचर्स जोड़े गए हैं। नई डिजायर को मारुति के हार्टेक्ट प्लेटफॉर्म पर तैयार किया गया है, जो इसे स्विफ्ट हैचबैक के साथ कुछ कंपोनेंट्स साझा करने की सुविधा देता है।इसके साथ ही, वायरलेस स्मार्टफोन कनेक्टिविटी, 9-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, 6 एयरबैग, और हिल होल्ड कंट्रोल जैसे फीचर्स भी इस सेडान को प्रीमियम बनाएंगे।
कंपनी इसके सीएनजी वेरिएंट को भी लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। कार में 1.2-लीटर 3-सिलेंडर झेड-सीरीज पेट्रोल इंजन का उपयोग किए जाने की संभावना है, जो 82 पीएस की पावर और 112 एनएम का टॉर्क जनरेट करेगा। इसके अलावा, 5-स्पीड मैनुअल और 5-स्पीड एएमटी ट्रांसमिशन ऑप्शंस भी उपलब्ध होंगे। इंटीरियर में बेज अपहोल्स्ट्री और डार्क कलर की डैशबोर्ड थीम दी जाएगी।
नई दिल्ली। सितंबर में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने किया भारतीय शेयर बाजार में बड़ी मात्रा में निवेश। इससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करेगा, जिससे उभरते बाजारों में और ज्यादा निवेश आ सकता है। एनएसडीएल के आंकड़ों के मुताबिक एक से 17 सितंबर तक एफपीएलएस ने भारतीय शेयरों में कुल 3,682 मिलियन डॉलर यानी 30,908.1 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया है। यह निवेश 2024 के आठ महीनों में से छह महीनों के मासिक निवेश से ज्यादा है। 13 सितंबर को एफपीएलएस ने 949 मिलियन डॉलर का निवेश किया था, जो इस साल का दूसरा सबसे बड़ा निवेश है। इससे पहले 30 अगस्त को 1,731 मिलियन डॉलर का सबसे बड़ा एक दिन का निवेश हुआ था।
सितंबर में इस तेजी से एफपीएलएस का 2024 में अब तक का शुद्ध निवेश 1,450 मिलियन डॉलर हो गया है, जबकि अगस्त के आखिर में यह 1,417 मिलियन डॉलर के शुद्ध निकासी की स्थिति में था। यदि निवेश की यही गति रही, तो सितंबर का निवेश 2024 के अब तक के सबसे बड़े मासिक निवेश (मार्च में 4,241 मिलियन डॉलर) को पार कर सकता है। हालांकि इसमें फेडरल रिजर्व की नीति का बड़ा असर होगा, जिसकी घोषणा बुधवार होगी।
सितंबर में एफपीएलएस ने द्वितीयक बाजार में भी ज्यादा निवेश किया है, जबकि पहले के महीनों में वे मुख्य रूप से प्राइमरी बाजार पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे। सितंबर में अब तक द्वितीयक बाजार में उन्होंने 2,867 मिलियन डॉलर और प्राइमरी बाजार में 815 मिलियन डॉलर का निवेश किया है। 2024 के जनवरी से अगस्त तक एफपीएलएस ने प्राइमरी बाजार में 6,580.8 मिलियन डॉलर का निवेश किया था, जबकि वे द्वितीयक बाजार में 1,417 मिलियन डॉलर के शुद्ध विक्रेता थे। इसके विपरीत, सितंबर में घरेलू फंड्स का निवेश धीमा रहा। सेबी के मुताबिक 11 सितंबर तक घरेलू फंड्स ने 8,951 करोड़ का निवेश हुआ, जो पिछले महीने की समान अवधि के 17,570 करोड़ से काफी कम है।
गुरुग्राम । जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया अगले दो वर्षों में चार नई ऊर्जा वाले वाहन पेश करने की योजना के साथ एक्सेसिबल लग्जरी खंड में प्रवेश करने की योजना बना रही है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसके लिए एक नयी खुदरा श्रृंखला एमजी सेलेक्ट’ की स्थापना की जा रही है। एक्सेसिबल लग्जरी में ऐसे उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद आते हैं, जो कीमत के लिहाज से सामान्य उत्पादों और अत्यधिक महंगे उत्पादों के बीच में होते हैं। कंपनी की योजना पहले साल में भारत के 12 शहरों में विशेष अनुभव वाले केंद्र स्थापित करने की है। अधिकारी ने बताया कि एमजी सेलेक्ट के साथ हम अगले दो वर्षों में चार नये उत्पाद लाएंगे। उन्होंने कहा कि हम नये मंच और उत्पाद लाएंगे और ये नयी ऊर्जा वाहनों (एनईवी) के मंच होंगे। इसलिए इसमें प्लग-इन हाइब्रिड, हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहन होंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि एमजी सेलेक्ट पूरी तरह से ईवी श्रृंखला नहीं है।
नई दिल्ली । जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने सोमवार को कहा कि उसने अगली पीढ़ी के डिजिटल मंच को अपनाकर अपने डिजिटल रूपांतरण को आगे बढ़ाने के लिए इंफोसिस को चुना है। इस पहल के तहत ग्राहकों, एजेंटों और कर्मचारियों के लिए बेहतर अनुभवों और डेटा आधारित वैयक्तिकरण पर ध्यान दिया जाएगा। कंपनी ने इस सौदे की राशि के बारे में नहीं बताया। एक बयान के अनुसार इंफोसिस ने भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम के साथ अपने सहयोग की घोषणा की, ताकि एलआईसी डीआईवीई नामक अपनी डिजिटल रूपांतरण पहल को आगे बढ़ा सके। सौदे के तहत इंफोसिस अगली पीढ़ी का डिजिटल मंच तैयार करेगी, जो एलआईसी के ग्राहकों, एजेंटों और कर्मचारियों के लिए बेहतर जुड़ाव और डेटा आधारित वैयक्तिकृत अनुभव देने पर ध्यान केंद्रित करेगा। बयान में कहा गया कि एलआईसी ने बैंकिंग, वित्तीय और बीमा क्षेत्रों में इंफोसिस की गहन विशेषज्ञता और अनुभव को देखते हुए उसे चुना।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कहा है कि बिक्री प्रोत्साहन के लिए शोरूम पर प्रदर्शित किए जाने वाले वाहनों पर वाहन डीलर जीएसटी कानून के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का दावा कर सकते हैं।
हालांकि, सीबीआईसी ने यह साफ किया है कि अगर डीलर कारोबार के दौरान अपने खुद के उद्देश्य के लिए डेमो कारों का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें कोई आईटीसी लाभ नहीं मिलेगा। कारों की बिक्री पर 28 प्रतिशत जीएसटी के साथ ही लागू उपकर भी लगाया जाता है। अधिकृत वाहन डीलरों को डीलरशिप मानदंडों के अनुरूप अपने शोरूम पर डेमो वाहनों को प्रदर्शित करना जरूरी है।
ऐसा संभावित ग्राहकों को वाहन की खूबियों के बारे में दर्शाने और उन्हें चलाकर देखने का मौका देने के लिए जरूरी होता है। इन वाहनों को अधिकृत डीलर वाहन विनिर्माता कंपनियों से कर चालान के एवज में खरीदते हैं और आमतौर पर अधिकृत डीलरों के बही-खातों में उन्हें पूंजीगत संपत्ति के रूप में दिखाया जाता है।
इन गाड़ियों को वाहन डीलर कुछ अनिवार्य अवधि के लिए डेमो वाहन के रूप में रखते हैं। फिर उन्हें लिखित मूल्य पर बेच सकते हैं और उस समय लागू कर देय होगा।
स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं तो आपने आईपीओ (IPO) तो सुना ही होगा। कई निवेशक बड़ी कंपनी के आईपीओ का इंतजार करते हैं। शेयर बाजार में ऐसे भी निवेशक हैं जो हर बड़ी कंपनी के आईपीओ में पैसा तो लगाते हैं पर उन्हें शेयर अलॉट नहीं होता है।
अभी बजाज हाउसिंग फाइनेंस का आईपीओ (Bajaj Housing Finance IPO) निवेश के लिए खुला था। 12 सितंबर 2024 (गुरुवार) को कंपनी ने निवेशकों को आईपीओ अलॉट किया है। कई निवेशकों के हाथ में यह आईपीओ नहीं आया। अगर आपने भी आईपीओ में निवेश किया और आपको शेयर अलॉट नहीं हुआ तो हम आपको कुछ टिप्स बताएंगे। इन टिप्स के जरिये आईपीओ अलॉटमेंट के चांस बढ़ सकता है। टिप्स बताने से पहले आईपीओ के बारे में जान लेते हैं।
क्या होता है आईपीओ (What is IPO)
जब भी कोई कंपनी मार्केट में लिस्ट होती है तो वह उससे पहले अपना आईपीओ जारी करती है। इस आईपीओ में कंपनी बताती कि वह आईपीओ के माध्यम से कितने शेयर्स बेच रही है। आईपीओ में कंपनी लॉट साइज की जानकारी के साथ आईपीओ प्राइस बैंड (IPO Price Band) की भी जानकारी देती है। कंपनी बताती है कि वह जो आईपीओ ला रही है उसमें से किन निवेशकों के लिए कितना आईपीओ रिजर्व किया है।
बता दें कि आईपीओ चार तरह के निवेशक के लिए आरक्षित रखा जाता है। इसमें से संस्थागत निवेशक (QIP), गैर-संस्थागत निवेशक (NII), रिटेल इन्वेस्टर और कंपनी के कर्मचारी शामिल होते हैं। निवेशकों के आरक्षित आईपीओ की जानकारी के साथ आईपीओ के रजिस्ट्रार की भी जानकारी देती है। यह सभी जानकारी कंपनी पहले मार्केट रेगुलेटरी सेबी (SEBI) को ड्राफ्ट पेपर में देती है। जब बाजार नियामक सेबी मंजूरी दे देता है तो उसके बाद कंपनी का आईपीओ ओपन होता है।
आईपीओ तीन दिन के लिए ओपन होता है। आईपीओ जिस दिन बंद होता है उसके कुछ दिन के बाद कंपनी निवेशकों को शेयर अलॉट करती है। आईपीओ अलॉट होने के बाद कंपनी के शेयर मार्केट में लिस्ट होते हैं। बता दें कि यह जरूरी नहीं है कि कंपनी के शेयर दोनों स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) यानी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट हो।
शेयर बाज़ार। बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप सूचकांकों में पिछले सत्र में गिरावट के बाद 1 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो व्यापक बाजार में सुधार का संकेत है। एफएमसीजी, फार्मास्यूटिकल्स और बैंकिंग जैसे क्षेत्र, जो पिछड़ रहे थे, ने हाल के कारोबारी सत्रों में सुधार के संकेत दिखाए हैं। 10 सितंबर को, वैश्विक बाजार में बढ़त और आईटी और हेल्थकेयर जैसे प्रमुख घरेलू क्षेत्रों में मजबूत खरीदारी से प्रभावित होकर सेंसेक्स और निफ्टी ने सकारात्मक शुरुआत की, हालांकि ऑटो और बैंकिंग क्षेत्रों में बिकवाली के दबाव के कारण वे जल्द ही सपाट हो गए। सुबह 10 बजे तक, सेंसेक्स 61 अंक (0.08 प्रतिशत) घटकर 81,498 पर आ गया, जबकि निफ्टी 18 अंक गिरकर 24,918 पर आ गया, जिसमें 2,270 शेयर चढ़े, 819 गिरे और 117 अपरिवर्तित रहे। बाजार विश्लेषकों ने मूल्यांकन जोखिमों के बारे में सावधानी बरतने का आग्रह किया, अंबरीश बालिगा ने रक्षा और रेलवे जैसे क्षेत्रों में संभावित सुधारों को देखते हुए, वर्तमान स्तरों पर सावधान दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी।
वैश्विक नियुक्ति। सर्वेक्षण में शामिल 40 प्रतिशत से अधिक नियोक्ता अपनी नियुक्ति रणनीतियों में वृद्धि की उम्मीद करते हैं, जबकि 16 प्रतिशत कमी की उम्मीद करते हैं, जैसा कि सर्वेक्षण में NEO मीट्रिक द्वारा दर्शाया गया है। "जैसा कि हम चौथी तिमाही में प्रवेश करते हैं, वैश्विक श्रम बाजार स्थिर बना हुआ है, जिसकी विशेषता अपेक्षाकृत कम बेरोजगारी दर और कई देशों में न्यूनतम छंटनी है," मैनपावरग्रुप के सीईओ जोनास प्रिसिंग ने कहा।
भारत में नियोक्ताओं द्वारा सबसे मजबूत नियुक्ति इरादे 37 प्रतिशत बताए गए, इसके बाद कोस्टा रिका में 36 प्रतिशत और संयुक्त राज्य अमेरिका में 34 प्रतिशत, जबकि अर्जेंटीना में 4 प्रतिशत और इज़राइल में 8 प्रतिशत ने सबसे कमजोर नियुक्ति दृष्टिकोण प्रदर्शित किया। सर्वेक्षण से पता चला कि सूचना प्रौद्योगिकी और रियल एस्टेट क्षेत्रों ने सबसे मजबूत नियुक्ति योजनाओं का प्रदर्शन किया, जिसमें इरादे क्रमशः 35 प्रतिशत और 32 प्रतिशत थे।
प्रिसिंग ने कहा, "आईटी क्षेत्र में निरंतर सकारात्मक दृष्टिकोण तकनीकी प्रतिभा की मांग को बढ़ावा दे रहा है, खासकर जब कृत्रिम बुद्धिमत्ता विभिन्न उद्योगों में व्यवसायों के लिए प्राथमिकता बनी हुई है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विशिष्ट और अनुकूलनीय कौशल वाले कर्मचारियों को आकर्षित करना और उन्हें बनाए रखना नियोक्ताओं के लिए एक प्रमुख फोकस है।
मैनपावरग्रुप के निष्कर्षों के अनुसार, उत्तरी अमेरिकी नियोक्ताओं ने भर्ती के संबंध में सबसे अधिक आशावाद प्रदर्शित किया, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका आईटी क्षेत्र के लिए सबसे अनुकूल वैश्विक बाजारों में से एक के रूप में अग्रणी रहा। सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, एशिया-प्रशांत क्षेत्र के प्रबंधकों ने दूसरे सबसे मजबूत भर्ती दृष्टिकोण का प्रदर्शन किया, जबकि यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका में उम्मीदें सबसे कम रहीं।
सर्वेक्षण ने संकेत दिया कि कार्य-जीवन संतुलन को बढ़ाना नियोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता है, विशेष रूप से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में, क्योंकि उनका लक्ष्य कर्मचारी प्रतिधारण में सुधार करना है। हालांकि, भर्ती प्रबंधकों ने नोट किया कि नियोक्ता अभी भी वेतन, कार्य स्थान और लचीले कार्य घंटों से संबंधित बातचीत में लाभ उठाते हैं।सेबी प्रमुख के पति पर कांग्रेस ने किया बड़ा दावा, महिंद्रा ने बताया झूठा और भ्रामक
Updated on 10 Sep, 2024 04:09 PM IST BY INDIACITYNEWS.COM
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व्यापार। कांग्रेस पार्टी ने सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच के खिलाफ नए आरोप लगाए हैं, जिसमें एक कंसल्टेंसी फर्म के स्वामित्व से जुड़े हितों के टकराव का आरोप लगाया गया है। कांग्रेस का दावा है कि बुच के पास अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड में 99 प्रतिशत शेयर हैं, जिसने महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह सहित प्रमुख निगमों को परामर्श सेवाएं प्रदान की हैं। इसके अलावा, यह बताया गया है कि उनके पति को समूह से 4.78 करोड़ रुपये मिले थे, जबकि वह उसी इकाई से संबंधित मामलों की देखरेख कर रही थीं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस बात पर चिंता जताई है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगोरा एडवाइजरी में बुच के महत्वपूर्ण निवेश और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियों के साथ इसके संबंधों से अवगत हैं। रमेश ने इन फर्मों के साथ बुच के वित्तीय संबंधों की आलोचना की है, जिसका अर्थ है कि वे हितों के टकराव का प्रतिनिधित्व करते हैं और सेबी के संचालन की अखंडता पर संदेह करते हैं।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने बुच पर अगोरा एडवाइजरी की स्थिति के बारे में जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया, उन्होंने दावा किया कि फर्म ने उनके इस दावे के बावजूद काम करना जारी रखा है कि सेबी में उनकी नियुक्ति के बाद यह निष्क्रिय हो गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके कार्य जानबूझकर छिपाने के समान हैं और सुझाव दिया कि उन्हें आपराधिक साजिश के रूप में व्याख्या किया जा सकता है, यह तर्क देते हुए कि अगोरा एडवाइजरी के साथ बुच के वित्तीय संबंध सेबी की आचार संहिता का उल्लंघन करते हैं।
खेड़ा ने जोर देकर कहा कि 2016 से 2024 तक, अगोरा एडवाइजरी को महिंद्रा एंड महिंद्रा, डॉ. रेड्डीज और आईसीआईसीआई सहित विभिन्न कंपनियों से कुल 2.95 करोड़ रुपये मिले, जिसमें से 2.59 करोड़ रुपये विशेष रूप से महिंद्रा एंड महिंद्रा से आए। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि माधबी बुच के पति धवल बुच ने उस समय महिंद्रा समूह से 4.78 करोड़ रुपये कमाए, जब माधबी उसी निगम से जुड़े मामलों का फैसला कर रही थीं। महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए उन्हें "झूठा और भ्रामक" करार दिया है। समूह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि धवल बुच को सेबी से संबंधित मुद्दों में किसी तरह की संलिप्तता के बजाय आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में उनके विशेष ज्ञान के कारण शामिल किया गया था।
इसके अलावा, कंपनी ने बताया कि आरोपों में संदर्भित सेबी के आदेशों या अनुमोदनों का महिंद्रा समूह पर कोई असर नहीं है, यह देखते हुए कि इनमें से कई आदेश धवल बुच के फर्म के साथ जुड़ने से पहले जारी किए गए थे। यह स्थिति सेबी के नेतृत्व की चल रही जांच में योगदान देती है और भारत के नियामक परिदृश्य में संभावित हितों के टकराव के बारे में चिंताओं को जन्म देती है।
पेंशन। देश भर के पेंशनभोगियों के लिए एक उल्लेखनीय प्रगति में, एक नई पहल जल्द ही उन्हें किसी भी बैंक शाखा से अपनी पेंशन निकालने में सक्षम बनाएगी। बुधवार को, श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने घोषणा की कि जनवरी 2025 से, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) पेंशन योजना में नामांकित पेंशनभोगियों को देश भर में किसी भी भाग लेने वाले बैंक या शाखा से अपने धन तक पहुँचने की सुविधा होगी। वर्तमान में, पेंशनभोगियों को उस विशिष्ट बैंक या शाखा में जाना पड़ता है जहाँ उनका खाता है, जो अलग-अलग स्थानों पर जाने वालों के लिए चुनौती पेश करता है। आगामी प्रणाली को कार्यक्रम में भाग लेने वाली किसी भी बैंक शाखा से निकासी की अनुमति देकर इन कठिनाइयों को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। श्रम मंत्रालय ने खुलासा किया कि मंडाविया, जो केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य करते हैं, ने कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) 1995 के लिए एक केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (CPPS) के कार्यान्वयन को मंजूरी दी है। यह अभिनव प्रणाली पेंशन भुगतान को सुव्यवस्थित करेगी, जिससे उन्हें पूरे देश में किसी भी बैंक शाखा के माध्यम से सुलभ बनाया जा सकेगा।
मंडाविया ने सीपीपीएस के अनुमोदन को ईपीएफओ के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। इस प्रणाली की स्वीकृति कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की परिचालन दक्षता में सुधार लाने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि को दर्शाती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह पहल पेंशनभोगियों के सामने लंबे समय से चली आ रही चुनौतियों का समाधान करेगी और अधिक प्रभावी पेंशन वितरण प्रक्रिया को सुगम बनाएगी। मंडाविया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह पहल ईपीएफओ को अधिक लचीला, उत्तरदायी और प्रौद्योगिकी-उन्मुख संगठन के रूप में विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो अपने सदस्यों और पेंशनभोगियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए बेहतर रूप से अनुकूल है। यह अनुमान है कि ईपीएफओ के 78 लाख से अधिक ईपीएस-95 पेंशनभोगी नई केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली से लाभान्वित होंगे, जो देश भर में एक सुचारू पेंशन संवितरण प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी, जिससे विभिन्न कार्यालयों के बीच पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) को स्थानांतरित करने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।
मंत्रालय के बयान के अनुसार, नई प्रणाली मौजूदा पेंशन वितरण प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव दर्शाती है। मौजूदा प्रणाली के तहत, प्रत्येक ईपीएफओ क्षेत्रीय कार्यालय को केवल तीन या चार बैंकों के साथ अलग-अलग समझौते करने पड़ते थे। बयान में कहा गया है कि नई प्रणाली के साथ, पेंशनभोगियों को अब अपनी पेंशन शुरू होने पर सत्यापन के लिए बैंक शाखा में जाने की आवश्यकता नहीं होगी और भुगतान जारी होने पर तुरंत जमा हो जाएगा।
सेबी। 6 सितंबर को वॉकहार्ट लिमिटेड के शेयरों में 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई, जब कांग्रेस पार्टी ने सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और फार्मास्युटिकल फर्म से जुड़े संभावित हितों के टकराव के आरोपों के बारे में बताया।
कांग्रेस पार्टी ने दावा किया कि बुच को मुंबई स्थित एक कंपनी से जुड़ी संपत्ति से किराये की आय प्राप्त हुई थी, जो वर्तमान में इनसाइडर ट्रेडिंग सहित विभिन्न मुद्दों के लिए सेबी द्वारा जांच के दायरे में है।
यह ध्यान दिया गया कि माधबी पुरी बुच 2018 में सेबी की पूर्णकालिक सदस्य बन गईं और बाद में उन्होंने अपनी एक संपत्ति को किराए पर दे दिया, जिससे उन्हें वित्तीय वर्ष 2018-19 में 7 लाख रुपये की आय हुई, जो 2019-20 में बढ़कर 36 लाख रुपये और चालू वर्ष में 46 लाख रुपये हो गई।
विचाराधीन संपत्ति वॉकहार्ट से संबद्ध कंपनी कैरोल इन्फो सर्विसेज लिमिटेड को पट्टे पर दी गई थी, जो कई शिकायतों के कारण सेबी द्वारा जांच के दायरे में है।
खेड़ा ने इस बात पर जोर दिया कि सेबी द्वारा वॉकहार्ट के खिलाफ चल रही जांच, तथा बुच का अध्यक्ष पद, एक महत्वपूर्ण हितों के टकराव को दर्शाते हैं। उन्होंने नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान इस स्थिति को महज हितों के टकराव के बजाय भ्रष्टाचार बताया।
शेयर बाजार लाइव अपडेट: बुधवार को भारतीय बेंचमार्क सूचकांक एशिया-प्रशांत बाजारों से कमजोर संकेतों के चलते नीचे थे, जहां निक्केई 4% नीचे था, कोस्पी 3% नीचे था, और एएसएक्स 200 लगभग 2% नीचे था।
- बुधवार, 4 सितंबर, 2024 को भारतीय इक्विटी सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 काफी कम खुले और लगातार गिरावट जारी रही, जो निराशाजनक अमेरिकी विनिर्माण आंकड़ों से प्रेरित वैश्विक बाजार में बिकवाली को दर्शाता है, जिसने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंकाओं को फिर से जगा दिया।
- दोपहर 2:00 बजे तक, बीएसई सेंसेक्स 275 अंक (0.33%) घटकर 82,279 पर आ गया, जबकि निफ्टी 50 101 अंक (0.4%) गिरकर 25,177 पर आ गया, जो एशियाई शेयरों और वैश्विक स्टॉक वायदा में व्यापक गिरावट के बीच था, खासकर प्रौद्योगिकी क्षेत्र में।
- वैश्विक बाजारों में गिरावट तेल की कीमतों में तेज गिरावट से और बढ़ गई, जिसमें ब्रेंट क्रूड वायदा 73.14 डॉलर प्रति बैरल और यूएस क्रूड 69.72 डॉलर पर पहुंच गया, दोनों दिसंबर के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए, क्योंकि चीन में सुस्त आर्थिक सुधार और संभावित वैश्विक मंदी को लेकर चिंताएं बढ़ गई थीं।
नई दिल्ली। देश में डिजिटल दुनिया ने लोगों की बुद्धिमत्ता को काफी हद तक बढ़ा दिया है, लेकिन इसने लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीके अपनाने वाले धोखेबाजों को भी जन्म दिया है। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें साइबर जालसाज ऑनलाइन शॉपिंग की आड़ में लोगों को ठग रहे हैं। पीड़ितों को ऑर्डर डिटेल्स वाला एक मैसेज मिलता है, जिसके बाद एक लिंक होता है। इस लिंक पर क्लिक करने से धोखाधड़ी की गतिविधि शुरू हो जाती है। आइए इस मामले की पूरी जानकारी जानें।
ऑनलाइन शॉपिंग की आड़ में लोगों को ठगने की कोशिश आपको यह बताना ज़रूरी है कि, स्कैमर्स ने लोगों को ठगने का एक नया तरीका निकाला है। वे अब ऑनलाइन शॉपिंग की आड़ में लोगों को निशाना बना रहे हैं। इस योजना में, अपराधी ऑर्डर की जानकारी वाले संदेश भेजते हैं, जिसमें यह संकेत दिया जाता है कि ऑर्डर शिप होने के बाद एक लिंक दिया जाएगा। इसके बाद, प्राप्तकर्ताओं को एक लिंक के साथ एक संदेश प्राप्त होता है जो उन्हें अपने ऑर्डर को ट्रैक करने की अनुमति देने का दावा करता है। हालाँकि, जब व्यक्ति इस लिंक पर क्लिक करते हैं, तो उनके स्मार्टफ़ोन से छेड़छाड़ की जाती है, और सभी व्यक्तिगत जानकारी स्कैमर्स को भेज दी जाती है। इसलिए, यदि आपको कोई आकर्षक संदेश मिलता है जिसमें लिंक शामिल है, तो ऐसे संदेशों या लिंक पर प्रतिक्रिया न देना या क्लिक न करना महत्वपूर्ण है।
क्या है बचने का उपाय
साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए सरकार और टेलीकॉम कंपनियां लगातार लोगों को सचेत कर रही हैं। इसलिए लोगों को अपने स्मार्टफोन पर आने वाले मैसेज को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए। सबसे पहले, किसी भी अनजान मैसेज का जवाब न दें। लुभावने मैसेज के जाल में न फंसें। किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें। ऐसे किसी भी ऑर्डर के लिए कैश न दें जिसमें कैश ऑन डिलीवरी का दावा किया गया हो। साथ ही, ऑर्डर की आड़ में किसी अनजान व्यक्ति से OTP शेयर न करें। साथ ही, अनजान नंबर से आने वाले WhatsApp कॉल का जवाब न देने की सलाह दी जाती है।