ईश्वर दुबे
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नई दिल्ली । दक्षिण कोरिया की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी सैमसंग ने भारतीय बाजार में गैलेक्सी ए सीरीज का नया स्मार्टफोन उतारने की तैयारी कर ली है। एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी अगले हफ्ते की शुरुआत में सैमसंग गैलेक्सी ए21एस स्मार्टफोन लॉन्च करेगा। कम कीमत के साथ इस फोन में जबरदस्त फीचर्स शामिल किए गए हैं। 5000एमएएच की पावरफुल बैटरी और 48-मेगापिक्सल के क्वाड रियर कैमरा सेटअप होगा। इस फोन को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों स्टोर पर उपलब्ध होगा। अगर फोन की कीमत की बात की जाए तो 15,000- 20,000 रुपये की रेंज में रखा गया है।
इस फोन को देखें तो ये इस सीरीज़ के पिछले स्मार्टफोन गैलेक्सी ए21 से काफी मिलता-जुलता है। ये फोन 2.0 जीएचजेड पर क्लॉक किए गए ऑक्टाकोर चिपसेट के साथ आता है। फोन में 6.5 इंच का इनफिनिटो-ओ डिस्प्ले और 5,000एमएएच की पावरफुल बैटरी शामिल है। इस लेटेस्ट सैमसंग फोन में एंड्रॉयड 10 बेस्ड वनयूएल कोर दिया गया है। इसे दो स्टोरेज वेरिएंट में लॉन्च किया जा रहा है। बेस वेरिएंट में 4जीबी रैम और 64जीबी स्टोरेज दूसरे वेरिएंट में 6जीबी रैम और 64जीबी स्टोरेज की सुविधा होगी। माइक्रोएसडी कार्ड की सहायता से इसकी मेमोरी को 512 जीबी तक बढ़ाया जा सकता है। कस्टमर इसे तीन कलर व्हाइट, ब्लैक और ब्लू में में खरीद सकते हैं। कनेक्टिविटी के लिए वाई-फाई, ब्लूटूथ वी5.00 और एनएफसी शामिल है।
सैमसंग गैलेक्सी ए21एस के कैमरे की बात करें ये फोन क्वाड रियर कैमरा सेटअप दिया गया है। सबसे पहले प्राइमरी कैमरा सेटअप पर नज़र डालें तो इसमें 48 मेगापिक्सल का मेन कैमरा सेंसर, 8 मेगापिक्सल का अल्ट्रा वाइड सेंसर, 2 मेगापिक्सल का डेप्थ और 2 मेगापिक्सल का ही मैक्रो सेंसर दिया गया है। सेल्फी के लिए फोन के फ्रंट में 13 मेगापिक्सल का पंच होल फ्रंट कैमरा दिया गया है। यानी कि ग्राहकों को मिड-रेंज फोन में कुल 5 कैमरे का एक्सपीरिएंस मिलेगा। फोन के सेंसर में फिंगरप्रिंट सेंसर को भी शामिल किया गया है। सैमसंग गैलेक्सी ए21एस इस साल लॉन्च होने वाला भारत में सैमसंग का चौथा ए-सीरीज़ डिवाइस होगा। इस साल के पहले लॉन्च में गैलेक्सी ए51, ए71 और गैलेक्सी ए31 शामिल हैं। स्ट्रैटेजी एनालिटिक्स के आंकड़ों के अनुसार, सैमसंग ए- सीरीज के फोन ने पिछले कुछ समय में भारत में अच्छा प्रदर्शन किया है। देश में लॉकडाउन में ढील के बाद बहुत सारे फोन मिड-रेंज सेगमेंट में आ रहे हैं। अगर 15,000 से 20,000 रुपए की रेंज वाले फोन की बात करें तो सैमसंग गैलेक्सी ए21एस की मार्केट में टक्कर रियलमी6 सीरीज़, रेडमीनोट 9 सीरीज़, और पोको एक्स2 के साथ रहेगी।
नई दिल्ली । चीनी कंपनी शाओमी ने अब भारत में अपना लैपटॉप लाने की तैयारी में है। कम कीमत में शानदार स्मार्ट फोन और स्मार्ट टेलीविजन बाजार में लाने के बाद शाओमी ने लैपटॉप उतरने की घोषणा कर दी है। कंपनी का इरादा अगले कुछ महीने में यहां लैपटॉप फैक्ट्री शुरु कर देने की है। शुरु में इसके कल-पुर्जे आयात किये जाएंगे। बाद में कोशिश होगी कि इसके अधिकतर कल-पुर्जे यहीं बनाये जाएं। शाओमी इंडिया के चीफ बिजनेस आफिसर रघु रेड्डी ने हमसे बातचीत में बताया कि कंपनी भारत में लैपटॉप फैक्ट्री लगाने की योजना को अंतिम रूप दे रही है। कोशिश होगी कि अगले कुछ महीने में ही इसे यहां तैयार कर लें। भारतीय बाजार में लैपटॉप उतारने की योजना पर तो पिछले साल से ही काम हो रहा था। यह हो गया, अब फैक्ट्री की योजना को जमीन पर उतारा जाएगा।
रघु रेड्डी का कहना है कि लॉकडाउन के बाद वर्क फ्रॉम होम तथा स्टडी फ्रॉम होने की वजह से लैपटॉप, टैबलेट और मोबाइल फोन की मांग तेजी से बढ़ रही है। यदि पिछले महीने की बात की जाए तो इन उपकरणों के न सिर्फ इंस्टीच्यूशनल परचेज बढ़े हैं बल्कि इंडिविजुअल परचेज भी खूब हो रहे है। बताया जाता है कि इन उपकरणों की मांग 2-3 गुना बढ़ चुकी है। शाओमी ने भारत में अपना कारोबार 2014 में शुरू किया था। कंपनी ने सबसे पहले स्मार्टफोन बाजार में प्रवेश किया था और साल भर के अंदर अपनी फैक्ट्री शुरू कर दी थी। कंपनी का कहना है कि इस समय इसके करीब 65 फीसदी कल-पुर्जे भारत में ही बन रहे हैं। इसके बाद कंपनी ने मार्च 2018 में स्मार्ट टेलीविजन के बाजार में प्रवेश किया था। उसके 6 महीने बाद ही इसे यहां बनाना शुरू कर दिया था।
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) को 9 जून तक कुल 12,200.65 करोड़ रुपये का लोन दिया है। बैंकों ने एमएसएमई को ये कर्ज 3 लाख करोड़ रुपये की आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत दी है। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को ट्वीट करके ये जानकारी दी है।
मंत्रालय ने अपने ट्विट में कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैकों ने एक जून से अभी तक एमएसएमई क्षेत्र को 100 फीसदी ईसीएलजीएस के तहत कुल 24,260.65 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया है। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज तहत एमएसएमई को 3 लाख करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी। एमएसएमई क्षेत्र को बैंकों ने जो लोन अबतक दिया है। वो इसी पैकेज का हिस्सा है। बता दें कि कोविड‑19 की वजह से लागू लॉकडाउन से एमएसएमई क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने ट्वीट कर बताया है कि 9 जून, 2020 तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 100 फीसदी ईसीएलजीएस के तहत 24,260.65 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया है। इसमें से 12,200.65 करोड़ रुपये का कर्ज दिया जा चुका है। तमिलनाडु की इकाइयों को सबसे अधिक 2,637 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया गया, जिसमें से 1,727 करोड़ रुपये का लोन उन्हें दिया जा चुका है। वहीं, उत्तर प्रदेश की इकाइयों को बैंकों ने 2,547 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया है, जिसमें से 1,225 करोड़ रुपये का लोन दिया जा चुका है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने जो लोन मंजूर किये और अभी तक दिए हैं वो इस प्रकार है :
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 13,363 करोड़ रुपये का लोन 9 जून तक मंजूर किया और 7,517 करोड़ रुपये बैंक ने वितरित किए हैं।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने 1,893 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया है, जबकि अभी उसने सिर्फ 526 करोड़ रुपये ही वितरित किया हैं।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 1,842 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया और 794 करोड़ रुपये वितरित किए हैं।
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने 1,772 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया है, जबकि बैंक ने अब तक 656 करोड़ रुपये बांटा है।
नई दिल्ली। लॉकडाउन के बाद पहली बार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की 40वीं बैठक आज शुक्रवार को होने वाली है। इस बार जीएसटी काउंसिल (परिषद) की बैठक में कर राजस्व पर कोविड‑19 की महामारी के असर पर चर्चा होगी। इसके साथ ही राज्यों को मुआवजा भुगतान के लिए रूपरेखा तैयार करने को लेकर वार्ता हो सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राज्यों के वित्त मंत्री के साथ होने वाली जीएसटी परिषद की ये बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट के मुताबिक फिलहाल सरकार के पास जीएसटी दरों में बदलाव की कोई गुंजाइश नहीं है। लेकिन, काउंसिल गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के क्रिर्यान्वयन के कारण राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए पैसे जुटाने के तरीकों पर फैसला कर सकती है। सूत्रों ने बताया कि बैठक में केंद्र और राज्यों के राजस्व पर महामारी के प्रभाव और राजस्व अंतर को कम करने के तरीकों पर चर्चा भी होगी।
इसके अलावा इस बैठक में जीएसटी कर संग्रह और रिटर्न दाखिल करने की विस्तारित समय‑सीमा पर भी चर्चा होगी। क्योंकि, सरकार ने अप्रैल और मई के महीनों के लिए मासिक जीएसटी राजस्व संग्रह के आंकड़े अभी तक जारी नहीं किए हैं। गौरतलब है कि हाल ही में औद्योगिक संगठन फिक्की के एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी दरों में कटौती पर कहा था कि यह फैसला जीएसटी काउंसिल लेती है, लेकिन काउंसिल को राजस्व संग्रह की भी चिंता है।
नई दिल्ली। कन्फेडरेशन ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने देशभर में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार करने के लिए एक राष्टीय अभियान ‘भारतीय सामान‑हमारा अभिमान’ की शुरुआत फेस मास्क और चाय के गिलास के साथ बुधवार को की। कैट ने इस अभियान के तहत दिसंबर 2021 तक चीन में बने वस्तुओं के भारत में आयात को एक लाख करोड़ रुपये कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने इसकी शुरुआत किया। उन्होंने इसकी शुरुआत करते हुए राष्ट्रीय अभियान ‘भारतीय सामान‑हमारा अभियान’ का संदेश अंकित फेस मास्क और रेलवे कैटरिंग में इस्तेमाल होने वाले चाय के गिलास को जारी किया।
इस अभियान के बारे में बताते हुए कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवा ने बताया कि देशभर में बड़े पैमाने पर व्यापारी इस मास्क को पहन कर इस अभियान का प्रचार करेंगे। वहीँ, आगामी दिसंबर तक सभी राजधानी एवं शताब्दी ट्रेनों में लगभग 5 करोड़ ये गिलास कैटरिंग में वितरित किए जाएंगे। ताकि, देश के कोने-कोने तक कैट के इस अभियान को पहुंचाया जा सके।
कैट के इस अभियान की शुरुआत में रेलवे में कैटरिंग कंपनी आर के ग्रुप तथा संकल्प फाउंडेशन ने पहला साझेदार बनकर सहयोग किया है। इस अवसर पर बोलते हुए प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि कैट देशभर में बड़ी संख्यां में इस अभियान के लिए अपने साथ अनेक संगठनों तथा अन्य संस्थानों को जोड़ेगा।
खंडेलवाल ने कहा कि कैट का यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘लोकल पर वोकल’ और आत्मनिर्भर भारत अभियान के आवाहन को सफल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अभियान के प्रथम चरण में कैट ने ऐसी 3 हजार वस्तुओं की सूची बनाई है, जो मौजूदा समय में चीन से आयात होती है। कैट इस अभियान के अंतर्गत देशभर में व्यापारियों एवं लोगों को जागरूक करेगा कि चीनी वस्तुओं की बजाय भारतीय उत्पाद ही बेचे और ख़रीदे जाएं।
इस प्रेस कांफ्रेंस में देश के सभी राज्यों के प्रमुख व्यापारी नेता भी शामिल थे। खंडेलवाल ने बताया कि चीन से भारत में मौटे तौर पर चार प्रकार की वस्तुएं आयात होती हैं, जिनमें तैयार माल यानी फिनिश्ड गुड्स, कच्चा माल अर्थात रॉ मैटेरियल, स्पेयर पार्ट्स तथा तकनीकी उत्पाद शामिल हैं। कैट महामंत्री ने बताया कि पहले चरण में चीन से आयात होने वाले तैयार माल की वस्तुओं का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है।
खंडेलवाल ने बताया कि देश में कोविड‑19 की महामारी और मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए ये अभियान फिलहाल वीडियो कांफ्रेंसिंग तथा सोशल मीडिया जिसमें विशेषकर ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सअप पर चलाया जाएगा। देशभर में 40 हजार से ज्यादा व्यापारी संगठन और उनसे जुड़े 7 करोड़ व्यापारी इस अभियान में भाग लेंगे। इस अभियान के तहत व्यापारियों एवं ग्राहकों के बीच एक व्यापक जन जागरण अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के 130 करोड़ लोगों का पहला संपर्क किसी भी व्यापारी की दुकान से होता है। इस लिहाज से व्यापारी भी अपनी दूकान पर आने वाले ग्राहकों को चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का संदेश देंगे।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के बाद राजस्व घाटा अनुदान के तौर पर 14 राज्यों को 6,195 करोड़ रुपये जारी किए है। वित्त मंत्रालय ने ट्वीट करके ये जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि वित्त आयोग की सिफारिश के आधार पर ये सहायता राज्यों को होने वाले किसी भी प्रकार के नुकसान की भरपाई के लिए दी जाती है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने ट्वीट में कहा है कि सरकार ने 10 जून, 2020 को 6,195.08 करोड़ रुपये 14 राज्यों को जारी किए हैं। मंत्रालय ने अपने ट्विट में लिखा है कि 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के आधार पर केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के बाद राजस्व घाटा अनुदान के तौर पर ये तीसरी समान मासिक किस्त है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि इससे राज्यों को कोविड‑19 के संकट के दौरान अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध होगा।
गौरतलब है कि इससे पहले 3 अप्रैल और 11 मई को वित्त मंत्रालय ने पहली और दूसरी किस्त 14 राज्यों को जारी की थी। मंत्रालय ने ये राशि जिन राज्यों के लिए जारी की है, उनमें आंध्र प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, केरल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
नई दिल्ली । देश के जाने माने उद्योगपति और विविध क्षेत्रों में कार्यरत जेएसएफ समूह के अध्यक्ष सज्जन जिंदल ने सोमवार को अर्थव्यवस्था को फिर से शुरू करने का समर्थन करते हुए कहा कि जीवन को बचाने के साथ ही आजीविका को बचाना भी महत्वपूर्ण है। जिंदल ने अपने बयान में कहा ‘कोविड-19 संकट ने दुनिया को रोक दिया। हमने जान बचाने के लिए कदम उठाए लेकिन अब हमें आजीविका बचाने के लिए फिर से शुरुआत करने की जरूरत है।’ उन्होंने आगे कहा कि लॉकडाउन के आर्थिक प्रभाव गंभीर हो सकते हैं और एक सफल अर्थव्यवस्था बनने के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत को व्यावसायिक गतिविधियां फिर चालू करनी होंगी। उन्होंने कहा, ‘वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं खुल रही हैं। जब तक कोई इलाज नहीं मिल जाता है, तब तक घर में बैठने से आजीविका का नुकसान उतना ही गंभीर होगा।’ साथ ही उन्होंने कहा, ‘हम जितनी धीमी शुरुआत करेंगे, लॉकडाउन से बाहर आने वाले देशों के हाथों हम उतना ही खो देंगे। अब हम और इंतजार नहीं कर सकते।’ उन्होंने कहा कि भारत को जल्द से जल्द अपनी पूरी क्षमता के साथ वापसी करने की जरूरत है। जिंदल ने कहा, ‘यूरोप खुल गया। स्पेन, फ्रांस, एम्स्टर्डम और जर्मनी में लोगों ने एक नई जीवनशैली को अपना लिया है और फिर से कामकाज शुरू कर दिया है। रेस्टोरेंट, बाजार, सार्वजनिक परिवहन, सभी चालू हो गए हैं। इस तरह ही आप अर्थव्यवस्था को बचा सकते हैं। घर के अंदर रहने से नहीं!’ सरकार ने दो महीने से अधिक समय तक देशव्यापी लॉकडाउन से चरणबद्ध तरीके से बाहर निकलने की घोषणा की है।
मुंबई । मुम्बई शेयर बाजार मंगलवार को तेजी के साथ खुला है। सप्ताह के दूसरे ही कारोबारी दिन बीएसई का सेंसेक्स 150.21 अंक (0.44 फीसदी) उछलकर 34,520.79 पर खुला। वहीं एनएसई का निफ्टी 13.70 अंकों (0.13 फीसदी) की तेजी के साथ 10,181.15 पर खुला। शुरुआती कारोबार के दौरान बीएसई पर 18 कंपनियों के शेयरों में तेजी दर्ज की गई है, जबकि 12 कंपनियों के शेयरों में बिकवाली हावी रही। वहीं, एनएसई पर 35 कंपनियों के शेयर लाभ के साथ ही हरे निशान पर जबकि 14 कंपनियों के शेयर नुकसान के साथ ही लाल निशान पर रहे।
शुरुआती कारोबार में सन फार्मा के शेयर में सबसे अधिक 2.26 फीसदी, हीरो मोटोकॉर्प में 1.56 फीसदी, टेक महिंद्रा में 1.51 फीसदी, टाटा स्टील में 1.38 फीसदी तथा इंडसइंड बैंक के शेयर में 1.35 फीसदी की मजबूती दर्ज की गयी। वहीं, एनएसई पर टाइटन के शेयर में सर्वाधिक 0.94 फीसदी, गेल में 0.43 फीसदी, बीपीसीएल में 0.38 फीसदी, हिंडाल्को में 0.38 फीसदी तथा कोटक बैंक के शेयर में 0.34 फीसदी की तेजी आई। बीएसई पर मारुति के शेयर में 0.82 फीसदी, रिलायंस में 0.69 फीसदी, एचडीएफसी बैंक में 0.67 फीसदी, बजाज फाइनैंस में 0.66 फीसदी तथा एसबीआई के शेयर में 0.70 फीसदी की गिरावट आई। एनएसई पर विप्रो के शेयर में सबसे ज्यादा 0.42 फीसदी, एलऐंडटी में 0.34 फीसदी, अडाणी पोर्ट्स में 0.31 फीसदी, टेक महिंद्रा में 0.27 फीसदी तथा भारती एयरटेल के शेयर में 0.26 फीसदी की कमजोरी आई।
नई दिल्ली/मुबई। प्रवर्तन निदेशायल (ईडी) ने यस बैंक धन शोधन जांच मामले में मुंबई में वैश्विक पर्यटन और यात्रा कंपनी कॉक्स एंड किंग्स के पांच परिसरों पर छापे मारे हैं। ईडी के वरिष्ठ अधिकाररियों ने सोमवार को बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत ये छापा मारा है।
अधिकारियों ने जारी एक बयान में कहा कि कॉक्स एंड किंग्स यस बैंक के टॉप कर्जदारों में शामिल था। बैंक ने इस कंपनी को 2,260 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। उन्होंने कहा कि तलाशी का मकसद मामले में अधिक सबूत जुटाना है। इसके तहत ही पांच परिसरों को कवर किया जा रहा है।
दरअसल ईडी एक कथित धोखाधड़ी के मामले में यस बैंक और कई अन्य बड़े कॉरपोरेट समूहों की जांच कर रहा है, जिन्हें बैंक द्वारा दिया गया भारी कर्ज गैर‑निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) बन गया। गौरतलब है कि यस बैंक के सह‑संस्थापक राणा कपूर को मार्च में गिरफ्तार किया गया था और हाल ही में मुंबई की एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष उनके खिलाफ आरोप‑पत्र दाखिल किया गया है।
कंपनी ने इसकी कीमत 750 रुपये बढ़ाई
नई दिल्ली। बाइक बनाने वाली कंपनी टीवीएस की कम्यूटर मोटरसाइकल टीवीएस रेडियाेन की कीमत बढ गई है। अब इस बाइक की कीमत 59,742 रुपये से 65,742 रुपये के बीच हो गई है। कंपनी ने इसकी कीमत 750 रुपये बढ़ा दी। बीएस4 मॉडल के मुकाबले बीएस6 रेडियाेन की कीमत में करीब 8,600 रुपये का इजाफा हुआ था। इससे पहले कंपनी ने अप्रैल में बीएस6 टीवीएस रेडियाेन लॉन्च की थी। तब इसकी कीमत 58,992 रुपये से 64,992 रुपये के बीच थी। टीवीएस रेडियाेन में 109.7 सीसी, सिंगल-सिलिंडर, एयर-कूल्ड इंजन दिया गया है। यह इंजन 7,350 आरपीएम पर 8.08 बीएचपी की पावर और 4,500 आरपीएम पर 8.7 एनएम टॉर्क जेनरेट करता है। इंजन 4-स्पीड गियरबॉक्स से लैस है। कंपनी का दावा है कि बीएस4 वर्जन के मुकाबले बीएस6 बाइक का माइलेज 15 पर्सेंट ज्यादा है। बीएस6 में अपडेट करने पर बाइक के डायमेंशन्स में कोई बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन इसका वजन 4 किलोग्राम बढ़ गया है। रेडियाेन के डिस्क ब्रेक वेरियंट का वजन 118 किलोग्राम, जबकि ड्रम ब्रेक वेरियंट का वजन 116 किलोग्राम है। बाइक के वील्ज 18-इंच के हैं। टीवीएस रेडियाेन तीन वेरियंट में उपलब्ध है। इसके बेस वेरियंट की कीमत अब 59,742 रुपये, कम्यूटर बाइक ऑफ द ईयर ड्रम वेरियंट की 62,742 रुपये और कम्यूटर बाइक ऑफ द ईयर डिस्क वेरियंट की कीमत 65,742 रुपये हो गई है। टीवीएस का दावा है कि बीएस6 कम्प्लायंट रेडियाेन का माइलेज 79.3 किलोमीटर प्रति लीटर है। बाइक की फ्यूल टैंक कपैसिटी 10-लीटर है। फीचर्स की बात करें, तो इसमें लंबी कुशन सीट, कैरियर के साथ पिलियन ग्रैब रेल, हुक के साथ लेडी पिलियन हैंडल, यूएसबी चार्जिंग स्पॉट, ऑल गियर सेल्फ स्टार्ट, एसबीटी (सिंक्रोनाइज्ड ब्रेकिंग सिस्टम), बीपर के साथ साइड स्टैंड इंडिकेटर और फुल क्रोम मेटल एग्जॉस्ट जैसे फीचर मिलते हैं।
नई दिल्ली । व्यावसायिक वैबसाइट अमेजॉन इंडिया के प्लेटफॉर्म पर अब विक्रेताओं को हिंदी में रजिस्टर्ड करने और अपने ऑनलाइन कारोबार को हिंदी में मैनेज करने की सुविधा होगी। कंपनी ने कहा है कि उसका ऐसा करने का लक्ष्य भारत के लाखों छोटे, लघु और मध्यम कारोबारियों, छोटे दुकानदारों और खुदरा कारोबारियों को भाषा के बंधन से मुक्ति देकर ई-कॉर्मस प्लेटफॉर्म के लाभ पहुंचाना है। इस बयान में आगे कहा गया है कि विक्रेताओं को पहली बार अपने ऑर्डर, इन्वेट्ररी मैनजमेंट और परफॉर्मेस मैट्रिक्स को दर्ज करने, जानने और समझने के लिए हिंदी के उपयोग का मौका मिलेगा और इससे जुड़े अनुभव को सेलर्स की वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर देखा जा सकेगा। इसके अलावा अमेजॉन हिंदी में सेलर सपोर्ट सर्विस, सेलर यूनिवर्सिटी वीडियोज और ट्यूटोरियल भी उपलब्ध करा रहा ही। अमेजॉन इंडिया में वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर काम कर रहे गोपाल पिल्लई ने कहा है कि कंपनी सदैव इस सिद्धांत के साथ काम करती है कि हर सेलर को देश और दुनिया के ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों तक पहुंच मिलनी चाहिए। हिंदी में रजिस्ट्रेशन और बहीखाता बनाने की सुविधा देना इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है। कंपनी कारोबार के विस्तार में स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने पर काम कर रही है। कंपनी के इस बयान में आगे कहा गया है कि उत्तरप्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़, झारखंड, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश के टियर 1, 2 और 3 शहरों के सैकेड़ों अमेजॉन सेलर 6 महीने के टेस्टिंग फेज में हिंदी में अपने काम कर रहे हैं।
देश में सबसे ज्यादा बिकने वाली है कार
नई दिल्ली। नई ह्यूंदै क्रेटा की लॉन्चिंग के बाद से अब तक इस एसयूवी की करीब 24 हजार बुकिंग हो चुकी है। नई क्रेटा मई में देश में सबसे ज्यादा बिकने वाली कार रही है। लॉकडाउन नियमों में ढील के बाद मई में कारों की बिक्री शुरू हुई। इस दौरान ह्यूंदै ने 3,212 क्रेटा बेचीं। दशकों बाद मई 2020 में पहली बार ऐसा हुआ, जब सबसे ज्यादा बिकने वाली कार मारुति सुजुकी की नहीं रही। न्यू-जेनरेशन ह्यूंदै क्रेटा नए लुक और नए फीचर के साथ बाजार में उतारी गई है। यह एसयूवी 5 इंजन-गियरबॉक्स कॉम्बिनेशन और 5 वेरियंट लेवल में उपलब्ध है। क्रेटा के पेट्रोल और डीजल मॉडल की कीमत 9.99 लाख से 17.20 लाख रुपये के बीच है। नई ह्यूंदै क्रेटा के इंजन और गियरबॉक्स किआ सेल्टॉस से लिए गए हैं। इनमें 1.4-लीटर टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन और 1.5-लीटर के पेट्रोल व डीजल इंजन शामिल हैं। 1.5-लीटर वाले पेट्रोल-डीजल इंजन 113 बीएचपी की पावर और 144 एनएम पीक टॉर्क जेनरेट करते हैं। टर्बो-पेट्रोल इंजन 138 बीएचपी की पावर और 242 एनएम टॉर्क जेनरेट करता है। 1.5-लीटर वाले पेट्रोल-डीजल इंजन के साथ 6-स्पीड मैन्युअल गियरबॉक्स स्टैंडर्ड है। इसके अलावा 1.5-लीटर पेट्रोल के साथ आईवीटी और डीजल इंजन के साथ 6-स्पीड ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के ऑप्शन भी उपलब्ध हैं। वहीं, 1.4-लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन के साथ 7-स्पीड डीसीटी ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन दिया गया है। ह्यूंदै का दावा है कि क्रेटा के टर्बो-पेट्रोल इंजन का माइलेज 16.8 किलोमीटर प्रति लीटर है। वहीं, 1.5-लीटर पेट्रोल इंजन का माइलेज मैन्युअल गियरबॉक्स के साथ 16.8 किलोमीटर और आईवीटी ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ 16.9 किलोमीटर प्रति लीटर है। एसयूवी का डीजल इंजन मैन्युअल गियरबॉक्स के साथ 21.4 किलोमीटर और ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के साथ 18.5 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देता है। मालूम हो कि नई ह्यूंदै क्रेटा कार को शानदार रिस्पॉन्स मिला है। यह एसयूवी मार्च में लॉन्च हुई थी। इसके कुछ दिन बाद ही कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से देश भर में लॉकडाउन लागू हो गया था। हालांकि, इसके बावजूद नई क्रेटा की बुकिंग होती है।
नयी दिल्ली । कोरोना चुनौती के बीच मुकेश अंबानी की जियो प्लेटफॉर्म्स में लगातार निवेशकों का भरोसा बना हुआ है। जिसके चलते अन्य निवेशकों के साथ विशेषकर पिछले 45 दिनों में सात निवेशक इसमें 19.90 प्रतिशत इक्विटी के लिए कुल 92,202.15 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश 22 अप्रैल को फेसबुक से शुरू हुआ था, उसके बाद सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी, जनरल अटलांटिक और केकेआर ने निवेश किया। शुक्रवार को पहले यूएई की मुबाडला और फिर कुछ घंटों बाद अमेरिका की सिल्वर लेक ने अतिरिक्त निवेश का ऐलान किया। दोनों ने मिलकर जियो प्लेटफॉर्म्स में 24 घंटों के भीतर 13640.40 करोड़ का निवेश कर डाला।
अमेरीका की सिल्वर लेक और सहयोगी पार्टनर्स ने मिलकर 0.98 प्रतिशत इक्विटी के लिए जियो प्लेटफॉर्म्स में 4,546.80 करोड़ रु के निवेश की घोषणा की है। यह सिल्वर लेक का जियो प्लेटफॉर्म्स में दूसरा इंवेस्टमेंट है। इससे पहले भी सिल्वर लेक पार्टनर्स ने 4 मई को जियो प्लेटफॉर्म्स में 1.15 प्रतिशत इक्विटी के लिए 5,655.75 करोड़ का इंवेस्टमेंट किया था। सिल्वर लेक का कुल इंवेस्टमेंट बढ़कर अब 2.08 प्रतिशत इक्विटी के लिए 10,202.55 करोड़ रुपये हो गया है। इससे कुछ घंटे पहले अबूधाबी की मुबाडला ने इक्विटी के लिए जियो प्लेटफॉर्म्स में 9,093.60 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की थी।
जियो प्लेटफॉर्म्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई है। ये एक “नेक्स्ट जनरेशन” टेक्नॉलोजी कंपनी है जो भारत को एक डिजिटल सोसायटी बनाने के काम में मदद कर रही है। इसके लिए जियो के प्रमुख डिजिटल एप, डिजिटल इकोसिस्टम और भारत के नंबर एक हाइ‑स्पीड कनेक्टिविटी प्लेटफ़ॉर्म को एक‑साथ लाने का काम कर रही है। रिलायंस जियो इंफ़ोकॉम लिमिटेड, जिसके 38 करोड़ 80 लाख ग्राहक हैं, जियो प्लेटफ़ॉर्म्स लिमिटेड की पूर्ण अनुषंगी इकाई बनी रहेगी।
सिल्वर लेक 40 अरब डॉलर से अधिक की एसेट्स दुनिया भर में मैनेज करती है। इसने अलीबाबा, एएनटी फाईनेंशियल अल्फाबेट्स वेरीली एंड वायमो यूनिट्स,डैल टैक्नोलॉजी और ट्विटर जैसी अनेकों नामी गिरामी कंपनियों में निवेश किया हुआ है। सिल्वर लेक द्वारा किए गए समग्र निवेश पर टिप्पणी करते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, “सिल्वर लेक और इसके सह‑निवेशक मूल्यवान साझेदार हैं। मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि कोविड‑19 महामारी के दौरान पांच सप्ताह के भीतर जियो प्लेटफार्मों में सिल्वर लेक का अतिरिक्त निवेश, भारतीय अर्थव्यवस्था में उनके विश्वास का प्रतीक है।”
सिल्वर लेक के सह‑सीईओ और प्रबंध साझेदार एगॉन डरबन ने कहा, “हम अपने एक्सपोज़र को बढ़ाने और अपने सह‑निवेशकों को भी अपने साथ लाने पर उत्साहित हैं। उपभोक्ता और छोटे व्यवसायों के लिए उच्च‑गुणवत्ता और सस्ती डिजिटल सेवाएं प्रदान करने के जियो के मिशन का हम समर्थन करते हैं। जियो में और अधिक निवेश जियो के बिजनेस मॉडल की मान्यता है। साथ ही हम मुकेश अंबानी और उनकी टीम की प्रशंसा करते हैं जिनके साहसिक विजन से जियो दुनिया की सबसे उल्लेखनीय प्रौद्योगिकी कंपनी बन पाई।”
जियो एक ऐसे “डिजिटल भारत” का निर्माण करना चाहता है जिसका फ़ायदा 130 करोड़ भारतीयों और व्यवसायों को मिले। एक ऐसा “डिजिटल भारत” जिससे ख़ास तौर पर देश के छोटे व्यापारियों, माइक्रो व्यावसायियो और किसानों के हाथ मज़बूत हों। जियो ने भारत में डिजिटल क्रांति लाने और भारत को दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल ताकतों के बीच अहम स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।
नई दिल्ली| केंद्र सरकार कोरोना वायरस बीमारी (कोविड -19) महामारी के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ावा देने के लिए एक बार फिर से राजकोषीय, मौद्रिक और नीतिगत उपायों के एक और पैकेज की घोषणा कर सकती है। नाम न छापने का अनुरोध करते हुए एक अधिकारी ने जानकारी दी कि संभावित घोषणा से पहले 20.97 लाख करोड़ रुपये का गहन मूल्यांकन किया जाएगा। कुछ आलोचकों ने कहा है कि राजकोषीय और मौद्रिक उपायों का पैकेज, जिसमें पिछली घोषणाएं शामिल थीं, कोविड -19 के आर्थिक नतीजों और आगामी लॉकडाउन को दूर करने के लिए पर्याप्त नहीं थे।
अधिकारी ने जानकारी दी कि सरकार ने अपने सभी विकल्प खुले रखे हैं और आपूर्ति को सुव्यवस्थित करने के लिए उचित उपायों के साथ जवाब देगी और अर्थव्यवस्था को उच्च विकास प्रक्षेपवक्र पर रखने की मांग को बढ़ावा देगी। अन्य दो अधिकारियों ने बताया कि अगला पैकेज, जो एक महीने से कम समय में आने की उम्मीद है, 26 मार्च के बाद से पहले ही घोषित किए गए पैकेज द्वारा छोड़ी गए जरूरी चीजों के पूरा कर देगा। सभी हितधारकों के साथ चर्चा के बाद पैकेज तैयार किया जाएगा। वित्त मंत्रालय के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) ने 1 मार्च से 15 मई के बीच लगभग 5.5 मिलियन खातों में 6.45 लाख करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि वास्तविक आआंकड़ा कम है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, लॉकडाउन हटाए जाने के बाद ऋण वितरण शुरू हो जाएगा। लॉकडाउन का चौथा चरण 31 मई को समाप्त होने वाला है।
एचटी ने एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी के हवाले से बताया कि उद्योग को खासकर एमएसएमई को पैसे की जरूरत है, पैसे की जरूरत है। यह अच्छा है कि धन मंजूर कर लिया गया है, अब जल्द से जल्द वितरण होना चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि उधारकर्ता स्वीकृत ऋणों का लाभ उठाने में हिचकिचा रहे हैं, क्योंकि वे अर्थव्यवस्था में पर्याप्त मांग नहीं देख रहे हैं। 22 मई को, भारतीय रिज़र्व बैंक ने कोविद -19 की आर्थिक गिरावट में फंसे कर्जदारों को राहत देने के लिए नीतिगत दरों को 40 आधार अंकों (बीपीएस) से घटा दिया और ऋण चुकाने के लिए तीन महीने की मोहलत बढ़ा दी। 27 मार्च के बाद यह तीसरा मौद्रिक हस्तक्षेप था। आत्मानिर्भर भारत पैकेज में 8.01 लाख करोड़ के आरबीआई के उपाय शामिल थे।